मंगलवार, 8 मई 2012

मजदूरी कर बने आई ऐ एस हुकमाराम

मजदूरी कर बने आई ऐ एस  हुकमाराम  

भैरूंदा गांव में अकाल राहत के तहत मजदूरी करने वाले किसान के बेटे हुकमाराम चौधरी ने मेहनत और लगन के बूते पर आईएएस में 110वां स्थान प्राप्त कर मिसाल कायम की है। खेत खलिहानों में काम करने के साथ ही सफलता की एक नई कहानी लिख कर उसने माता-पिता को खुशियों की सौगात दी है।

हुकमाराम के पिता हरिराम व मां तुलसी देवी साधारण काश्तकार हैं। कठिन परिस्थितियों का सामने करने वाले हुकमाराम बताते हैं कि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। स्कूल से आने के बाद अकाल राहत कार्यो पर मजदूरी कर पढ़ाई जारी रखी। शाम को बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते थे। इससे मिलने वाले पैसों से किताबें खरीदी। हाल ही द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में भी हुकमाराम का चयन हुआ। इससे पहले वे दिल्ली में कम्पांउडर थे।

किसानों के लिए करेंगे संघर्ष

हुकमाराम ने बताया कि किसानों और गरीब छात्रों के सामने आने वाली समस्याओं से भली भांति वाकिफ हैं। प्रशासनिक सेवा में रहते हुए गरीब छात्रों का सहयोग करेंगे। अकाल तथा सूखे की मार झेल रहे किसान के उत्थान के लिए काम करेंगे। सोमवार को थांवला पहुंचने पर पंचायत कार्यालय में ग्रामीणों ने चौधरी का स्वागत किया। घर पहुंचने पर महिलाओं ने तिलक लगाकर उनका स्वागत किया।

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