राजपीपला। गुजरात की जीवन-रेखा मानी जाने वाली नर्मदा नदी के डेम से कुछ ही दूरी पर स्थित होने पर भी यहां के दो गांवों में पीने का पानी नहीं है। पानी की यहां इस कदर किल्लत है कि अन्य गांव के लोग इन गांवों में अपनी बेटी ब्याहने तैयार नहीं होते हैं। राजपीपला शहर के पास स्थित इन दो गांवों के नाम हैं देवलिया और जैतपुर।
आजादी के 63 वर्षो के बाद भी इन गांवों के ग्रामीणों के जीवन में किसी तरह का बदलाव नहीं आया है। कई दशकों से पानी की समस्या से जूझ रहे इन गांवों पर जैसे अधिकारियों की नजर ही नहीं पड़ती।
आज गुजरात राज्य भले ही विकास की दृष्टि से भारत का सबसे विकासशील राज्य माना जाता हो। लेकिन अब भी कुछ गांव यहां ऐसे हैं, जिन्हें विकास की परिभाषा ही नहीं पता। गुजरात, महाराष्ट्र तथा राजस्थान जैसे राज्यों की पानी की आवश्यकता को पूर्ण करती नर्मदा नदी का एक डेम इन गांवों से कुछ किमी की दूरी पर स्थित है। लेकिन फिर भी यहां के निवासियों को पीने का पानी नहीं मिलता। ग्रामीणों के अनुसार वे असंख्य बार पानी की इस समस्या से अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं लेकिन आज तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई।
गांव के युवाओं से कोई अपनी लड़की ब्याहने को तैयार नहीं :
देवलिया गांव निवासी साहिदाबानू के शब्दों में.. यहां पीने के पानी के लिए दिन-दिन भर कई किमी का सफर करना पड़ता है। महिलाओं का लगभग आधा दिन पानी की व्यवस्था करने में ही निकल जाता है। पानी की इसी किल्लत को देखते हुए दूसरे गांव के लोग इस गांव के युवाओं से अपनी लड़की की शादी करने से मना कर देते हैं। यानी की अगर किसी युवा को शादी करनी हो तो उसे यह गांव ही छोड़ना होगा।
महिलाएं गड्ढे खोदकर निकालती हैं पानी :
देवलिया और जैतपुर गांव के पास से एक नदी बहती है। गांव की महिलाएं इसी नदी के आसपास गड्ढे खोदकर साफ पानी निकालती हैं।
आजादी के 63 वर्षो के बाद भी इन गांवों के ग्रामीणों के जीवन में किसी तरह का बदलाव नहीं आया है। कई दशकों से पानी की समस्या से जूझ रहे इन गांवों पर जैसे अधिकारियों की नजर ही नहीं पड़ती।
आज गुजरात राज्य भले ही विकास की दृष्टि से भारत का सबसे विकासशील राज्य माना जाता हो। लेकिन अब भी कुछ गांव यहां ऐसे हैं, जिन्हें विकास की परिभाषा ही नहीं पता। गुजरात, महाराष्ट्र तथा राजस्थान जैसे राज्यों की पानी की आवश्यकता को पूर्ण करती नर्मदा नदी का एक डेम इन गांवों से कुछ किमी की दूरी पर स्थित है। लेकिन फिर भी यहां के निवासियों को पीने का पानी नहीं मिलता। ग्रामीणों के अनुसार वे असंख्य बार पानी की इस समस्या से अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं लेकिन आज तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई।
गांव के युवाओं से कोई अपनी लड़की ब्याहने को तैयार नहीं :
देवलिया गांव निवासी साहिदाबानू के शब्दों में.. यहां पीने के पानी के लिए दिन-दिन भर कई किमी का सफर करना पड़ता है। महिलाओं का लगभग आधा दिन पानी की व्यवस्था करने में ही निकल जाता है। पानी की इसी किल्लत को देखते हुए दूसरे गांव के लोग इस गांव के युवाओं से अपनी लड़की की शादी करने से मना कर देते हैं। यानी की अगर किसी युवा को शादी करनी हो तो उसे यह गांव ही छोड़ना होगा।
महिलाएं गड्ढे खोदकर निकालती हैं पानी :
देवलिया और जैतपुर गांव के पास से एक नदी बहती है। गांव की महिलाएं इसी नदी के आसपास गड्ढे खोदकर साफ पानी निकालती हैं।
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