15 मिनट तक अंधेरे में रही देश की संसद
नई दिल्ली। देश में बिजली संकट की गम्भीरता से खुद सरकार और सांसदों को सोमवार को प्रत्यक्ष रूप से दो-चार होना पड़ा। अपराह्न करीब साढे चार बजे एकाएक पूरे संसद भवन की बिजली गुल हो गई। बिजली गुल होने की यह घटना इस अर्थ में असामान्य थी कि ऎसी स्थिति करीब पंद्रह मिनट तक रही।
आंख बंद कर दीजिए, कान खुला रखिए
लोकसभा और राज्यसभा में अनेक सदस्यों ने बिजली गुल होने को लेकर चुटकियां लीं। लोकसभा में जब देश की आर्थिक स्थिति पर चर्चा हो रही थी, उसी समय बल्ब, टयूब लाइट और फ्लड लाइटें बंद हो गई। कुछ मिनट बाद आपात विद्युत व्यवस्था के रूप में कुछ फ्लड लाइटें चालू हुई लेकिन विद्युत व्यवधान जारी रहा। सदस्यों ने आसन से शिकायत की कि उन्हें कुछ दिखाई नहीं दे रहा। इस पर पीठासीन अधिकारी फ्रांसीस्को सरदिन्हा ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि दिखाई नहीं दे रहा तो कोई बात नहीं, आंख बंद कर दीजिए और कान खुला रखिए।
लिफ्ट-कंप्यूटर समेत सब बंद
संसद भवन परिसर में स्थित समाचार एजेंसियों सहित विभिन्न कार्यालयों में कामकाज प्रभावित हुआ। लिफ्टों और कंप्यूटरों ने काम करना बंद कर दिया। न्यूज एजेंसियों में समाचार प्रेषण का काम भी रूका रहा। संसद की कार्यवाही कवर करने वाले अनुभवी पत्रकारों ने कहा कि इनकी यादाश्त में शायद ही कभी इतने लंबे समय के लिए बिजली गई हो।
नई दिल्ली। देश में बिजली संकट की गम्भीरता से खुद सरकार और सांसदों को सोमवार को प्रत्यक्ष रूप से दो-चार होना पड़ा। अपराह्न करीब साढे चार बजे एकाएक पूरे संसद भवन की बिजली गुल हो गई। बिजली गुल होने की यह घटना इस अर्थ में असामान्य थी कि ऎसी स्थिति करीब पंद्रह मिनट तक रही।
आंख बंद कर दीजिए, कान खुला रखिए
लोकसभा और राज्यसभा में अनेक सदस्यों ने बिजली गुल होने को लेकर चुटकियां लीं। लोकसभा में जब देश की आर्थिक स्थिति पर चर्चा हो रही थी, उसी समय बल्ब, टयूब लाइट और फ्लड लाइटें बंद हो गई। कुछ मिनट बाद आपात विद्युत व्यवस्था के रूप में कुछ फ्लड लाइटें चालू हुई लेकिन विद्युत व्यवधान जारी रहा। सदस्यों ने आसन से शिकायत की कि उन्हें कुछ दिखाई नहीं दे रहा। इस पर पीठासीन अधिकारी फ्रांसीस्को सरदिन्हा ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि दिखाई नहीं दे रहा तो कोई बात नहीं, आंख बंद कर दीजिए और कान खुला रखिए।
लिफ्ट-कंप्यूटर समेत सब बंद
संसद भवन परिसर में स्थित समाचार एजेंसियों सहित विभिन्न कार्यालयों में कामकाज प्रभावित हुआ। लिफ्टों और कंप्यूटरों ने काम करना बंद कर दिया। न्यूज एजेंसियों में समाचार प्रेषण का काम भी रूका रहा। संसद की कार्यवाही कवर करने वाले अनुभवी पत्रकारों ने कहा कि इनकी यादाश्त में शायद ही कभी इतने लंबे समय के लिए बिजली गई हो।
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