रविवार, 29 अप्रैल 2012
नए राज्यपाल का विवादास्पद बयान-गांधी परिवार से वफादारी का ईनाम मिला
उत्तराखंड के नवनियुक्त राज्यपाल अजीज कुरैशी ने विवादास्पद बयान देते हुए एक बार फिर इस बहस को हवा दे दी है कि राज्यपाल बनने के लिए किसी के पास क्या योग्यता होनी चाहिए। मध्य प्रदेश कांग्रेस में हाशिए पर जा चुके अजीज कुरैशी ने राष्ट्रपति द्वारा खुद को उत्तराखंड का नया गवर्नर बनाए जाने पर कहा है कि उन्हें गांधी-नेहरू परिवार की वफादारी का ईनाम मिला है। कुरैशी ने कहा, 'मुझे सोनिया गांधी की कृपा से राज्यपाल की कुर्सी मिली है। मैंने अपनी वफादारी पंडित जी (जवाहर लाल नेहरू) के चरणों में रख दी थी। पंडित जी, इंदिरा जी को मैं अपना पॉलिटिकल मास्टर मानता हूं।' लेकिन जब उनसे एक निजी समाचार चैनल से इस बाबत पूछा तो उन्होंने अपना बचाव करते हुए कहा कि राज्यपाल बनने के लिए जरूरी कई बातों में से एक यह भी है।
अपनी सफाई में कुरैशी ने कहा, 'मुझसे पूछा गया कि क्या मुझे मुसलमान होने के नाते यह पद दिया गया है तो मैंने कहा कि ऐसा नहीं है। यह समाज के लिए मेरे छोटेमोटे काम का पुरस्कार है।' कुरैशी के बयान से यह बहस एक बार फिर तेज हो गई है कि क्या राज्यपाल जैसे पद के लिए नेहरू-गांधी परिवार के प्रति वफादारी जरूरी है?
यह सवाल इसलिए भी अहम है क्योंकि कुरैशी ऐसे पहले कांग्रेसी नहीं हैं जिन्होंने सार्वजनिक तौर पर राज्यपाल बनाए जाने का श्रेय नेहरू-गांधी परिवार को दिया है। इससे पहले मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव ने विवादास्पद बयान देते हुए एक कार्यक्रम में कहा था, 'मैं बधाई देना चाहता हूं सोनिया गांधी को जिनके परामर्श से राष्ट्रपति ने मुझे राज्यपाल नियुक्त किया।'
अपनी सफाई में कुरैशी ने कहा, 'मुझसे पूछा गया कि क्या मुझे मुसलमान होने के नाते यह पद दिया गया है तो मैंने कहा कि ऐसा नहीं है। यह समाज के लिए मेरे छोटेमोटे काम का पुरस्कार है।' कुरैशी के बयान से यह बहस एक बार फिर तेज हो गई है कि क्या राज्यपाल जैसे पद के लिए नेहरू-गांधी परिवार के प्रति वफादारी जरूरी है?
यह सवाल इसलिए भी अहम है क्योंकि कुरैशी ऐसे पहले कांग्रेसी नहीं हैं जिन्होंने सार्वजनिक तौर पर राज्यपाल बनाए जाने का श्रेय नेहरू-गांधी परिवार को दिया है। इससे पहले मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव ने विवादास्पद बयान देते हुए एक कार्यक्रम में कहा था, 'मैं बधाई देना चाहता हूं सोनिया गांधी को जिनके परामर्श से राष्ट्रपति ने मुझे राज्यपाल नियुक्त किया।'
मारग्रेट अल्वा राजस्थान की राज्यपाल
जयपुर. मारग्रेट अल्वा राजस्थान की राज्यपाल होंगी। केंद्र सरकार ने इस संबंध में राज्य सरकार को सूचित कर दिया है। अल्वा 10 मई को जयपुर आ सकती हैं और 12 मई को शपथ ले सकती हैं। अल्वा अभी उत्तराखंड की राज्यपाल हैं। उनका कार्यकाल दो साल बचा है। वे इतने समय राजस्थान की राज्यपाल रहेंगी।
अल्वा राजस्थान की 36वीं और तीसरी महिला राज्यपाल होंगी। इससे पहले प्रतिभा पाटील और प्रभा राव इस पद पर रह चुकी हैं। शिवराज पाटील पंजाब के राज्यपाल हैं और 28 अप्रैल 2010 से राजस्थान का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे। राष्ट्रपति भवन से जारी सूचना के मुताबिक मप्र के पूर्व मंत्री अजीज कुरैशी को उत्तराखंड, एसपीजी के पूर्व प्रमुख बीवी वांचू को गोवा, ईएसएल नरसिम्हन को आंध्र और शंकर नारायणन को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया है।
चार बार राज्यसभा सांसद रही हैं अल्वा
1974 में पहली बार राज्यसभा की सदस्य चुनी गईं। उन्होंने छह-छह साल के चार कार्यकाल लगातार पूरे किए। 1999 में वे लोकसभा के लिए चुनी गईं। उन्हें 1984 में संसदीय कार्य राज्यमंत्री और बाद में युवा मामलात और खेल, महिला एवं बाल विकास के प्रभारी का दायित्व दिया गया था। 1991 में उन्हें कार्मिक, पेंशन, जन अभाव अभियोग और प्रशासनिक सुधार राज्यमंत्री का जिम्मा दिया गया था।
कुछ समय के लिए उन्होंने विज्ञान और तकनीकी मंत्री के रूप में भी सेवाएं दीं। वे अपने तीस साल के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण समितियों में शामिल रही और नेतृत्व भी किया। वे जुलाई, 2009 से उत्तराखंड की राज्यपाल हैं।
कांग्रेस में उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष के कार्यालय में समन्वयक और 2004-09 के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव का दायित्व भी दिया गया था। उन्होंने महिला कांग्रेस की समन्वयक के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं।
विवादों में भी
मारग्रेट अल्वा 2009 के लोकसभा चुनावों के दौरान विवादों में भी आ गई थीं। उस समय उन्होंने अपने बेटे के लिए टिकट मांगा था, लेकिन टिकट नहीं मिला तो उन्होंने आरोप लगाया था कि पैसे लेकर टिकट दिए जा रहे हैं। इसे लेकर उन्हें कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव पद से हटा दिया गया था, लेकिन बाद में उन्हें उत्तराखंड का राज्यपाल बना दिया गया।
मारग्रेट अल्वा का जीवन परिचय
नाम : मारग्रेट अल्वा जन्म : कर्नाटक में साउथ कनारा के मंगलौर में जन्म तिथि : 14 अप्रैल, 1942 पिता का नाम : पी.ए. नजारेथ माता का नाम : ई.एल. नजारेथ पति का नाम : निरंजन अल्वा संतान : तीन पुत्र और एक पुत्री शिक्षा : बीए, बीएल, मानद डॉक्टरेट एजुकेटेड एट मा. केरेमल कॉलेज और गवर्नमेंट लॉ कॉलेज बेंगलुरू विशेष : ऑयल पेंटिंग और इंटीरियर डेकोरेशन में विशेष डिग्री पेशा : वकालत, सामाजिक कार्यकर्ता और ट्रेड यूनियनिस्ट
2 साल की बच्ची संग 5 घंटे होता रहा गैंगरेप
नोएडा। रबुपुरा कोतवाली क्षेत्र में शुक्रवार को दो युवकों ने एक लड़की का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया। घटना कोतवाली रबूपुरा क्षेत्र के तिरथली गांव की है। पीड़िता के पिता ने गांव के ही दो युवकों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर पीड़ित युवती को मेडिकल जांच के लिए भेज दिया। दोनों आरोपी फरार हैं।
रबूपुरा कोतवाली क्षेत्र के तिरथली गांव निवासी रोहनी (काल्पनिक नाम) शुक्रवार दोपहर घर से नजदीक की परचून दुकान पर सामान लेने गई थी। आरोप है कि इसी दौरान गांव के ही आमीर व धर्मवीर ने उसको अपने घर के कमरे में बंधक बना लिया और रोहनी के साथ करीब पांच घंटों तक बलात्कार किया।
कई घंटे बीत जाने के बावजूद भी जब रोहनी घर नहीं पहुंची तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरु की। एक ग्रामीण ने उसके घरवालों को उसकी जानकारी दी तब जाकर उसके घरवाले वहां पहुंचे। रोहनी गांव के ही एक मकान में बेहोश पड़ी मिली। उसके कपड़े तितर-बितर पड़े थे।
दलितों की बंदोली मामले में नौ के खिलाफ मामला दर्ज
दलितों की बंदोली मामले में नौ के खिलाफ मामला दर्ज
भोपालगढ़. दलित युवक की बंदोली में बाधा डालने वाले कुछ प्रभावशाली लोगों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। साथ ही सामाजिक सौहार्द बना रहे, इसके लिए पुलिस प्रशासन सजग है।
थानाधिकारी प्रदीप शर्मा ने बताया कि धोरू गांव के चैनाराम पुत्र बींजाराम ने तीन दिन पहले रिपोर्ट देकर बताया था कि गांव के दलित युवक की शादी में आम रास्ते से निकलने पर कुछ प्रभावशाली लोगों ने उनको रोका और जाति सूचक गालियां दी व मारपीट करने लगे। इस डर से उन्हें रास्ता बदलना पड़ा। इसी तरह की घटना शुक्रवार को फिर बंदोली निकालने पर हुई तो पुलिस सुरक्षा में बंदोली निकाली गई। इस संबंध में पुलिस ने मल्लाराम पुत्र झालाराम, श्याम पुत्र भगवानराम, भागरराम पुत्र जस्साराम विश्नोई सहित नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। उच्च अधिकारी हरकत में आए और थानाधिकारी को मामला दर्ज करने के निर्देश दिए। हालांकि थानाधिकारी ने इस मामले में सामाजिक सौहार्द व भाईचारा बना रहे, इसके प्रयास किए, मगर कुछ लोग नहीं माने तो पुलिस को आवश्यक कदम उठाने पड़े।
पर्यटन की नई पहचान बन सकता है फलौदी
पर्यटन की नई पहचान बन सकता है फलौदी
फलौदी के समीप वन्य जीव क्षेत्रों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा सकता है राज्य पक्षी गोडावण सहित वन्य जीव बन सकते हैं पर्यटन का आकर्षण
फलौदी फलौदी में पर्यटन की विपुल संभावनाएं हैं। पर्यटन व वन विभाग मिलकर योजना बनाए तो फलौदी को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा सकता है। यहां वन्य जीवों की बहुलता है। इसमें गोडावण, उल्लू, तीतर, बटेर, तिलोर, खरगोश, सेली, लोमड़ी, झाऊ चूहा (सेह) सहित कई वन्य जीव पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन सकते हैं। पर्यटन के लिहाज से यदि यहां योजना बनाई जाए तो जोधपुर, बीकानेर व नागौर से जैसलमेर जाने वाले पर्यटकों को रास्ते में फलौदी भी आकर्षित कर सकता है।
जोधपुर, बीकानेर व नागौर से आने वाले सैलानियों को फलौदी से होकर ही जैसलमेर जाना पड़ता है। फलौदी से पांच किमी की दूरी पर स्थित खीचन गांव, फलौदी मुख्यालय, जोधपुर-फलौदी सड़क मार्ग पर लोहावट और फलौदी से जैसलमेर सड़क मार्ग पर तहसील मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित खारा गांव पर्यटन की पट्टी के रूप में विकसित किया जा सकता है। सोलर ऊर्जा प्लांटों के कारण सोलर हब के रूप में पहचान बना रहे फलौदी को यह क्षेत्र वन्य पर्यटन पट्टी की पहचान भी दिला सकते हैं। ऐसा होने पर विश्व पर्यटन मानचित्र पर फलौदी को नई पहचान मिलेगी।
वन्य जीव की पट्टी बन सकती है
॥ फलौदी क्षेत्र में वास्तव में इन क्षेत्रों को लेकर पर्यटन की वन्य जीव पट्टी बनाई जा सकती है। पर्यटन की दृष्टि से यह नया प्रयोग होगा जो सैलानियों का रास आएगा। फलौदी क्षेत्र में पर्यटन एक उद्योग के रूप में विकसित किया जा सकता है। गोडावण की लगातार उपस्थिति को देखते हुए वन विभाग ने खारा के संबंधित वन क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया है और भविष्य में भी इस पर और काम किया जाना प्रस्तावित है।ञ्ज
नरेन्द्रसिंह शेखावत
क्षेत्रीय वन अधिकारी, वन विभाग फलौदी
फलौदी के समीप वन्य जीव क्षेत्रों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा सकता है राज्य पक्षी गोडावण सहित वन्य जीव बन सकते हैं पर्यटन का आकर्षण
फलौदी फलौदी में पर्यटन की विपुल संभावनाएं हैं। पर्यटन व वन विभाग मिलकर योजना बनाए तो फलौदी को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा सकता है। यहां वन्य जीवों की बहुलता है। इसमें गोडावण, उल्लू, तीतर, बटेर, तिलोर, खरगोश, सेली, लोमड़ी, झाऊ चूहा (सेह) सहित कई वन्य जीव पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन सकते हैं। पर्यटन के लिहाज से यदि यहां योजना बनाई जाए तो जोधपुर, बीकानेर व नागौर से जैसलमेर जाने वाले पर्यटकों को रास्ते में फलौदी भी आकर्षित कर सकता है।
जोधपुर, बीकानेर व नागौर से आने वाले सैलानियों को फलौदी से होकर ही जैसलमेर जाना पड़ता है। फलौदी से पांच किमी की दूरी पर स्थित खीचन गांव, फलौदी मुख्यालय, जोधपुर-फलौदी सड़क मार्ग पर लोहावट और फलौदी से जैसलमेर सड़क मार्ग पर तहसील मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित खारा गांव पर्यटन की पट्टी के रूप में विकसित किया जा सकता है। सोलर ऊर्जा प्लांटों के कारण सोलर हब के रूप में पहचान बना रहे फलौदी को यह क्षेत्र वन्य पर्यटन पट्टी की पहचान भी दिला सकते हैं। ऐसा होने पर विश्व पर्यटन मानचित्र पर फलौदी को नई पहचान मिलेगी।
वन्य जीव की पट्टी बन सकती है
॥ फलौदी क्षेत्र में वास्तव में इन क्षेत्रों को लेकर पर्यटन की वन्य जीव पट्टी बनाई जा सकती है। पर्यटन की दृष्टि से यह नया प्रयोग होगा जो सैलानियों का रास आएगा। फलौदी क्षेत्र में पर्यटन एक उद्योग के रूप में विकसित किया जा सकता है। गोडावण की लगातार उपस्थिति को देखते हुए वन विभाग ने खारा के संबंधित वन क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया है और भविष्य में भी इस पर और काम किया जाना प्रस्तावित है।ञ्ज
नरेन्द्रसिंह शेखावत
क्षेत्रीय वन अधिकारी, वन विभाग फलौदी
नेता तो कान्हा के वंशज है
नेता तो कान्हा के वंशज है
हंस-हंस कर लोटपोट हुए श्रोता
बालोतरा आचार्य श्री महाश्रमण प्रवास व्यवस्था समिति की ओर से शनिवार रात हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन की शुरूआत में अपने संबोधन में आचार्य महाश्रमण ने कहा कि कविता एक ऐसा उपक्रम है, जो कवि सम्मेलन के रूप में आता है तो आकर्षण देखने को मिलता है।
कवि सम्मेलन की शुरूआत में कवि राजेश चेतन ने महावीर के महाश्रमण है आप... कविता प्रस्तुत की। इसके बाद प्रताप फौजदार मंच पर आए। फौजदार ने क्षमा की धरा में प्रेम का बीज बो दिया तो मोक्ष से लौटकर वीर नहीं आएंगे...कविता के साथ अपना उद्बोधन शुरू किया। इसके बाद कवि चिराग जैन के साथ राजेश चेतन व प्रताप फौजदार ने हास्य रस की जैसे बौछार शुरू कर दी। तीनों कवियों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दी।
पत्रकार तो नारद के बेटे हैं..., राम घर आए तो दीवाली होती है...नेता तो कान्हाजी के वंशज है...जैसी कटाक्ष भरी कविताओं पर श्रोताओं ने खूब दाद दी। कवि सम्मेलन में व्यवस्था समिति के पदाधिकारियों सहित सैकड़ों श्रोता उपस्थित थे।
हंस-हंस कर लोटपोट हुए श्रोता
बालोतरा आचार्य श्री महाश्रमण प्रवास व्यवस्था समिति की ओर से शनिवार रात हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन की शुरूआत में अपने संबोधन में आचार्य महाश्रमण ने कहा कि कविता एक ऐसा उपक्रम है, जो कवि सम्मेलन के रूप में आता है तो आकर्षण देखने को मिलता है।
कवि सम्मेलन की शुरूआत में कवि राजेश चेतन ने महावीर के महाश्रमण है आप... कविता प्रस्तुत की। इसके बाद प्रताप फौजदार मंच पर आए। फौजदार ने क्षमा की धरा में प्रेम का बीज बो दिया तो मोक्ष से लौटकर वीर नहीं आएंगे...कविता के साथ अपना उद्बोधन शुरू किया। इसके बाद कवि चिराग जैन के साथ राजेश चेतन व प्रताप फौजदार ने हास्य रस की जैसे बौछार शुरू कर दी। तीनों कवियों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दी।
पत्रकार तो नारद के बेटे हैं..., राम घर आए तो दीवाली होती है...नेता तो कान्हाजी के वंशज है...जैसी कटाक्ष भरी कविताओं पर श्रोताओं ने खूब दाद दी। कवि सम्मेलन में व्यवस्था समिति के पदाधिकारियों सहित सैकड़ों श्रोता उपस्थित थे।
जीप खेजड़ी से टकराई महिला समेत तीन की मौत
जीप खेजड़ी से टकराई महिला समेत तीन की मौत
दो घायलों को बाड़मेर रेफर किया, चौहटन से सेडवा जाते वक्त सदराम की बेरी के पास हुआ हादसा
चौहटन. सेडवा थाना क्षेत्र के सदराम की बेरी के पास शनिवार शाम चार बजे चौहटन से सेडवा जा रही एक जीप संतुलन बिगडऩे से खेजड़ी के पेड़ से टकरा गई। जिससे महिला समेत तीन यात्रियों की मौत हो गई। जबकि दो जने घायल हो गए। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को उपचार के लिए पीएचसी, धनाऊ लाया गया। जहां से गंभीर घायलों को सीएचसी चौहटन रेफर कर दिया गया।
थानाधिकारी रामसिंह पूनिया ने बताया कि जलदाय विभाग में अनुबंध पर लगी जीप संख्या आरजे 04 टीए 968 शनिवार दोपहर को चौहटन से सेडवा जा रही थी। इस दौरान सदराम की बेरी के पास जीप का संतुलन बिगडऩे से रोड से नीचे उतरी ओर खेजड़ी के पेड से टकरा गई। इससे जीप में सवार समझु 45 पत्नी रामदान मेघवाल की मौत हो गई। शेष घायलों को एम्बुलेंस 108 से सीएचसी चौहटन लाया गया। जहां गंभीर रूप से घायल जीप चालक भारु 37 पुत्र महेन्द्रा भील निवासी सणाऊ व सरदाराराम 35 पुत्र बचलाराम निवासी बुरहान का तला ने दम तोड़ दिया। जबकि घायल हुए डूंगरा पुत्र वगता निवासी सावा व नेनू पुत्री राम दान मेघवाल निवासी बुरहान का तला को बाड़मेर रेफर किया गया। पोस्टमार्टम करने के बाद शव परिजनों को सौंप दिए।
दो घायलों को बाड़मेर रेफर किया, चौहटन से सेडवा जाते वक्त सदराम की बेरी के पास हुआ हादसा
चौहटन. सेडवा थाना क्षेत्र के सदराम की बेरी के पास शनिवार शाम चार बजे चौहटन से सेडवा जा रही एक जीप संतुलन बिगडऩे से खेजड़ी के पेड़ से टकरा गई। जिससे महिला समेत तीन यात्रियों की मौत हो गई। जबकि दो जने घायल हो गए। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को उपचार के लिए पीएचसी, धनाऊ लाया गया। जहां से गंभीर घायलों को सीएचसी चौहटन रेफर कर दिया गया।
थानाधिकारी रामसिंह पूनिया ने बताया कि जलदाय विभाग में अनुबंध पर लगी जीप संख्या आरजे 04 टीए 968 शनिवार दोपहर को चौहटन से सेडवा जा रही थी। इस दौरान सदराम की बेरी के पास जीप का संतुलन बिगडऩे से रोड से नीचे उतरी ओर खेजड़ी के पेड से टकरा गई। इससे जीप में सवार समझु 45 पत्नी रामदान मेघवाल की मौत हो गई। शेष घायलों को एम्बुलेंस 108 से सीएचसी चौहटन लाया गया। जहां गंभीर रूप से घायल जीप चालक भारु 37 पुत्र महेन्द्रा भील निवासी सणाऊ व सरदाराराम 35 पुत्र बचलाराम निवासी बुरहान का तला ने दम तोड़ दिया। जबकि घायल हुए डूंगरा पुत्र वगता निवासी सावा व नेनू पुत्री राम दान मेघवाल निवासी बुरहान का तला को बाड़मेर रेफर किया गया। पोस्टमार्टम करने के बाद शव परिजनों को सौंप दिए।
लैंड लूजर की क्षमताओं को देगा मौका
लैंड लूजर की क्षमताओं को देगा मौका
हुनर तराशने के बाद मिल सकेगा रोजगार
: क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों में मिलेगा रोजगार
:
राजस्थान आजीविका मिशन के तहत मिले 15 लाख रुपए
बाड़मेर जिले में तेल- उर्जा क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों में स्थानीय युवाओं और लैंड लूजर को रोजगार मुहैया करवाने के लिए जिला प्रशासन अब ऐसे युवाओं के लिए प्रशिक्षण केंद्र शुरू करेगा। प्रशिक्षण के बाद इन्हें क्षमता के आधार पर रोजगार मिल सकेगा।
जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने बताया कि जन सुनवाई कार्यक्रम के दौरान ऐसे कई युवा इस बात की शिकायत लेकर आते हैं कि क्षेत्र में काम कर रही कंपनियां स्थानीय लोगों को दरकिनार कर बाहरी लोगों को रोजगार दे रही है। ऐसे में जब भी प्रशासन तेल- उर्जा क्षेत्र में काम कर रही कंपनी के अधिकारियों से बात करती है तो उनके पास एक रटा रटाया जवाब होता है कि यहां के लोग प्रशिक्षित नहीं है।
जल्द होगी कार्यशाला: कलेक्टर ने बताया कि हुनर से रोजगार को लेकर जल्द ही प्रशासन की ओर से एक कार्यशाला आयोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में यहां काम कर रही सभी कंपनियों, होटल संचालकों के साथ गेस्ट हाउस के मालिकों को बुलाया जाएगा। बाद में यहां किस काम के लिए किन क्षेत्र में प्रशिक्षित लोगों की जरूरत है, उसी के मुताबिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इन क्षेत्रों में प्रशिक्षण देने की योजना: क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों में किस प्रकार के दक्ष लोगों की जरूरत है इसे लेकर कलेक्टर ने फौरी तौर पर जानकारी जुटाई है। इसमें जो जानकारी सामने आई है उसमें वेल्डर, फिटर, इलेक्ट्रिशियन, डीजल मेकेनिक, गार्ड, टेंड्र ड्राइवर सहित कुक, रूम सर्विस सरीखे क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं है।
पुलिस ने 65 किलोमीटर तक पीछा कर फरार आरोपी को दबोचा
पुलिस ने 65 किलोमीटर तक पीछा कर फरार आरोपी को दबोचा
लंबे समय से फरार चल रहा ईनामी आरोपी गिरफ्तार, एसपी ने बनाई योजना
बाड़मेर
अवैध शराब का ट्रक पकड़े जाने के बाद आबकारी दल पर हमला करने वाला लंबे समय से फरार चल रहा मुख्य आरोपी चंदू उर्फ चंद्रप्रकाश पुत्र प्रहलादराम जाट शिव थाना क्षेत्र को पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए 65किलोमीटर तक लंबी रेस के बाद शनिवार को पकड़ लिया। पुलिस अधीक्षक लवली कटियार ने बताया कि बीते साल आबकारी विभाग को अवैध शराब से भरे ट्रक बाड़मेर की ओर आने की इतला मिलने पर विभाग के अधिकारियों की ओर से जालिपा के पास कार्रवाई की गई। इस दौरान चंदू अपने अन्य साथियों के साथ वाहनों से जालिपा पहुंचा और आबकारी अधिकारियों को घेरने के साथ ही अधिकारियों के साथ मारपीट कर शराब से भरे ट्रक को ले जाने की कोशिश की। विभाग के अन्य कर्मचारियों को सूचना मिलने पर वे जालिपा पहुंचे। आरोपियों ने विभाग के अन्य कर्मचारियों को आते देख वहां से भाग लिए। अब तक की कार्रवाई में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका था। लेकिन मुख्य आरोपी चंदू पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ रहा था,पुलिस ने इसके ऊपर दो हजार रुपए का ईनाम घोषित कर रखा था।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को मिली सूचना: अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामस्वरूप मीणा को शनिवार को मुखबिर से सूचना मिली कि चंदू नागाणा के पास घूम रहा है। इसपर तत्परता दिखाते हुए उन्होंने सीआई कैलाश चंद्र मीणा, सहायक उप निरीक्षण लादूराम, हैड कांस्टेबल गोपालसिंह और कांस्टेबल श्रवण कुमार व गुलाब खां तथा ईश्वर को मौके पर भेजा।
65 किमी तक चला संघर्ष: नागाणा के पास आरोपी चंदू ने पुलिस को आते देख वहां से टोयोटा फॉच्र्युनर में सवार होकर भागने लगा। पुलिस ने आरोपी का पीछा किया। आरोपी के जीप की स्पीड के आगे पुलिस की जीप के पहिये काम नहीं कर रहे थे। लेकिन पुलिस ड्राइवर संजय ने हिम्मत नहीं हारी और पुरी स्पीड से हौसला दिखाते हुए उसके पीछे लगा रहा। मौखाब के पास आरोपी ने पुलिस को पीछा करते देख हड़बड़ाहट में जीप रेत के धोरों में डाल दी। करीब 65 किलो मीटर तक पुलिस ने आरोपी का पीछा किया। इसी बीच जीप धोरों में जा फंसी और पीछे से आ रहे पुलिस दल ने आरोपी को घेरकर जीप सहित पकड़ लिया। आरोपी के ऊपर दो हजार रुपए का इनाम चल रहा था। आरोपी से बरामद गाड़ी संभवत: चोरी के होने की संभावना जताई जा रही है जो अवैध शराब के काम में ली जा रही थी।
शनिवार, 28 अप्रैल 2012
स्वास्थ्य कार्मिकों ने लगाए परिंडे
स्वास्थ्य कार्मिकों ने लगाए परिंडे
बाडमेर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारियों और कर्मचारियों ने जिला स्वास्थ्य भवन में अनेक परिंडे लगाकर समाज में चल रहे परिंडा अभियान में अपनी भागीदारी निभाई। हमोा स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति सचेत रहने वाले इस विभाग द्वारा भवन परिसर की छतों पर और बाहर चारदिवारी पर परिंडे लगाए गए। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजमल हुसैन, एडिनल सीएमएचओ डॉ. जितेंद्रसिंह, डिप्टी सीएमएचओ डॉ. बीएस गहलोत, आयुश अधिकारी डॉ. अनिल झा, आईईसी समन्वयक विनोद बिनोई, आा समन्वयक राको भाटी, डीएनओ जयंत चटर्जी, जानपदिप रोग विोशज्ञ डॉ. मुको गर्ग, नवरतन सोनी, उम्मेद जाखड, भांकरलाल जोाी एवं राजो भार्मा सहित अन्य कर्मी मौजूद थे। सीएमएचओ डॉ. हुसैन ने कहा कि मीडिया द्वारा चलाया जा रहा यह अभियान अतिसराहनीय है और इसमें सभी को अपनी भागीदारी निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि परिंडों को लेकर आगामी बैठक में सभी बीसीएमओ को भी कहेंगे कि वे अपनेअपने क्षेत्र में अधिकाधिक परिंडे लगवाने का प्रयास करें ताकि पक्षियों को बचाया जा सके। एडिनल सीएमएचओ डॉ. जितेंद्रसिंह ने कार्यालय कर्मी ओमप्रका की सराहना करते हुए बताया कि वो नियमित रूप से प्रतिदिन परिंडों में पानी डालते हैं और पक्षियों को चुगा भी डालते हैं। वहीं इस मौके पर सभी कार्मिकों ने निर्णय लिया कि वे जहां भी अवसर मिलेगा परिंडे लगाने में अपनी भागीदारी निभाएंगे।
बाड़मेर बाडमेरताज़ा खबरें | आज की ताज़ा खबरें, ताज़ा खबर पुलिस 28 अप्रेल
सीमावर्ती क्षेत्रों का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता चौधरी
बाडमेर 28 अप्रेल। राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा है कि अन्तर्राश्ट्रीय सीमा पर स्थित क्षेत्रों का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है तथा सीमा के लोगों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के लिए सरकार कृत संकल्पित है। वह भानिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बीएडीपी की वाशिर्क योजना की समीक्षा कर रहे थे।
इस अवसर पर राजस्व मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा जन हित में संचालित विभिन्न योजनाओं की सार्थकता इसी बात में निहित है कि उनका वास्तविक लाभ उन व्यक्तियों तक पहुंचाया जाए जिनके लिए वे योजनाएं संचालित की जा रही है। उन्होने कहा कि सरकार द्वारा जनहित तथा जन सुविधाओं के लिए विभिन्न योजनाओं द्वारा सरकारी वित का प्रावधान किया जाता है लेकिन उनका कि्रयान्वयन बेहतर ंग से नहीं हो पाने के कारण योजनाओं का असली लाभ नहीं मिल पाता है।
चौधरी ने जनता से जुडे विभिन्न विभागों के अधिकारियों से अपने दायित्वों के प्रति गम्भीरता बरत कर अपने कार्यो में जन हित को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्दो दिए। उन्होने अधिकारियों से नैतिकता के नाते अपने कर्तव्यों को जनता की सेवा के लिए समर्पित करने की अपील करते हुए कहा कि वे जनता को पानी, बिजली, चिकित्सा, सडक आदि मूलभूत सुविधाओं को मुहैया कराने में सवेदनाीलता का परिचय दे।
इस मौके पर अल्प संख्यक एवं वक्फ मामालात मंत्री अमीन खां ने कहा कि बीएडीपी योजना का मूलभूत मकसद सीमावर्ती क्षेत्रों में सुविधाओं का विस्तार है तथा जिले के चार ब्लॉक बाडमेर, िव, चौहटन तथा धोरीमना सीमा से जुडे है। उन्होने सीमावर्ती क्षेत्रों में पानी, बिजली तथा आवास जैसी मूलभूत सुविधाओं के विकास की पैरवी की ताकि लोग सुविधाओं के अभाव में सीमा से जुडाव नहीं छोडे। उन्होने मुनाबाव में अन्तर्राश्ट्रीय स्तर की सुविधाओं के विकास को कहा। साथ ही सीमा पर रह रहे सुरक्षा बलों की आवयकताओं को भी पूरा करने को कहा। उन्होने जलदाय विभाग के अधिशी अभियन्ताओं के मुख्यालय संबंधित ब्लॉक पर स्थानान्तरित करने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजने के निर्दो दिए।
इस अवसर पर क्षेत्रीय सांसद हरीा चौधरी ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र में पीने के पानी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होने बीएडीपी कार्यक्रम के तय मानकों के अनुसार ही वाशिर्क प्रस्ताव प्रेशित करने के निर्दो दिए। उन्होने कहा कि जिला परिशद द्वारा संचालित विकास योजनाओं की स्वीकृतियों में पूर्ण पारदिर्ता रखी जाए। उन्होने मुख्य कार्यकारी अधिकारी से िकायतों तथा अनियमितताओं को गम्भीरता से लेते हुए जांच कर आरोप सही पाए जाने पर सख्त अनुासनात्मक कार्यवाही के निर्दो दिए।
सांसद चौधरी ने जिले में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार की पैरवी करते हुए 108 एम्बूलेन्स सेवा को अत्यन्त महत्वपूर्ण बताया तथा बीएडीपी के वाशिर्क प्रस्ताव में 6 नई एम्बूलेन्स के प्रस्ताव भी भामिल करने के निर्दो दिए।
बैठक में जिला प्रमुख श्रीमती मदन कौर ने योजना की गाईड लाईन के बारे में जानकारी मुहैया कराने की हिदायत दी। वहीं विधायक मेवाराम जैन, पदमाराम मेघवाल ने अपने क्षेत्रों के प्रस्तावों को भी भामिल करने को कहा।
इससे पूर्व जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने योजना के वाशिर्क प्रस्तावों की जानकारी दी। बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी छगनलाल श्रीमाली सहित संबंेिधत विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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जागसा में रात्रि चौपाल
सांगसिंह को दी कलेक्टर ने बीपीएल आवास की सौगात
बाडमेर, 28 अप्रेल। जिले के बालोतरा उपखण्ड क्षेत्र के जागसा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर भाुक्रवार सायं जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने प्रासनिक अमले के साथ रात्रि चौपाल में खुली जन सुनवाई कर ग्रामीणों के अभाव अभियोग सुने तथा अधिकारियों को मौके पर ही समस्याओं के निराकरण के निर्दो दिए। इसी दौरान जिला कलेक्टर ने पंचायत के सांगसिंह को बीपीएल आवास स्वीकृत करने के निर्दो दिए। इसी तरह चौपाल में जमाबंदी भाुद्धिकरण से उका को उसका सही नाम मफतलाल से पहचान मिल गई क्योंकि उसका सही नाम राजस्व रेकर्ड में दर्ज कर दिया गया।
जिला कलेक्टर डॉ. प्रधान की जागसा गांव में रात्रि चौपाल के दौरान लोगों का हुजुम उमड पडा तथा करीब 300 की तादाद में महिलाए तथा पुरूश मौके पर ही अपने आवेदनों के निपटारे के लिए कलेक्टर के समक्ष उपस्थित हुए। चौपाल में विभिन्न मामलों से संबंधित करीब 40 आवेदन प्रस्तुत किए गए जिसमें से अधिकाांः पीने के पानी की समस्या से संबंधित थे। वहीं राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतिकरण योजना से वंचित रहे बीपीएल परिवारों को विद्युत कनेकन मुहैया कराने के लिए डिस्कॉम को नये प्रस्ताव भेजने के निर्दो दिए गए
इस मौके पर जिला कलेक्टर ने जन समस्याओं की सुनवाई कर संबंधित अधिकारियों को तत्काल निराकरण के निर्दो दिए। चौपाल भाुरू होने से पूर्व ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर का स्वागत किया। चौपाल के दौरान किसानों ने बिजली की कमी तथा पेयजल की समस्या की बात कही। जिला कलेक्टर ने इस मामले में डिस्कॉम के अधिकारियों को निराकरण करवाने को कहा। ग्रामीणों ने आस पास के विद्यालयों में लम्बे समय से रिक्त पडे िक्षकों के पदों पर नियुक्ति की मांग की। ग्रामीण इलाकों की जर्जर सडकों की मरम्मत करवाने की भी मांग की। उन्होने बताया कि पिछले लम्बे समय से क्षतिग्रस्त सडकों की मरम्मत नहीं करवाई जा रही है। जिला कलेक्टर ने चौपाल में प्रस्तुत परिवेदनाओं की सुनवाई कर निराकरण के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्दो दिए।
जिला कलेक्टर डॉ. प्रधान ने ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए बरसाती जल संग्रहण के लिए खेतों में टांका निर्माण करवाने को कहा। साथ ही बरसात की सीजन में अधिकाधिक पौधे लगाने को आहवान किया। इस मौके पर ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर करे क्षेत्र में पेयजल की समस्या को प्रमुखता से रखा तथा पानी की समस्या से अवगत कराया। ग्रामीणों ने पानी की नियमित आपूर्ति के लिए पेयजल स्त्रोतों के बारे में बताया। चौपाल के दौरान ग्रामीणों ने राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतिकरण योजना की कठिनाईयों तथा बिजली कनेकन नहीं होने की भी जानकारी दी। ग्रामीणों ने बीपीएल की सर्वे सूची के अद्यतन तथा इस सूची में भामिल करने की मांग की।
चौपाल के दौरान उपखण्ड अधिकारी कमलो आबूसरिया समेत संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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अवैध संबंधों को रोकना चाहा, तो मां ने करा दिया हमला
नूरमहल. गांव गोरसिया के रहने वाले एक युवक ने अपनी मां और तीन अन्य लोगों के खिलाफ मारपीट का मामला मामला दर्ज करवाया है। गांव गोरसिया निहाल के रहने वाले हरपाल सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसकी मां के किसी के साथ अवैध संबंध है।
जब मां को रोकना चाहा तो उसने अपने समर्थकों से उनपर हमला करवा दिया। हरपाल सिंह के अनुसार शुक्रवार को बिना बताए मां घर से कहीं चली गई। काफी देर बात नहीं आने पर फोन पर मिलाया तो मां बोली कि वह किसी वकील के पास मिलने आई है।
कुछ देर बाद किसी परिचित का फोन आया उसने बताया कि उसकी मां गांव शमशाबाद में किसी की दुकान में बैठी है। जब मौके पर जाकर देखा तो मां वही थी और झूठ बोलने का कारण पूछा तो मां, काली, तिलका एक अन्य युवक ने तेजधार हथियार से हमला कर घायल कर दिया।
उधर मां का कहना है कि हरपाल सिंह बिना वजह शक कर रहा है। पुलिस ने हरपाल सिंह के बयान पर विभिन्न धाराओं के तहत मां समेत चार लोगों खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
जब मां को रोकना चाहा तो उसने अपने समर्थकों से उनपर हमला करवा दिया। हरपाल सिंह के अनुसार शुक्रवार को बिना बताए मां घर से कहीं चली गई। काफी देर बात नहीं आने पर फोन पर मिलाया तो मां बोली कि वह किसी वकील के पास मिलने आई है।
कुछ देर बाद किसी परिचित का फोन आया उसने बताया कि उसकी मां गांव शमशाबाद में किसी की दुकान में बैठी है। जब मौके पर जाकर देखा तो मां वही थी और झूठ बोलने का कारण पूछा तो मां, काली, तिलका एक अन्य युवक ने तेजधार हथियार से हमला कर घायल कर दिया।
उधर मां का कहना है कि हरपाल सिंह बिना वजह शक कर रहा है। पुलिस ने हरपाल सिंह के बयान पर विभिन्न धाराओं के तहत मां समेत चार लोगों खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
भारत से मंगा कर नकली वियाग्रा बेचने वाले अंग्रेज पर 1.2 अरब रुपए का जुर्माना
लंदन. मर्दानगी बढ़ाने वाली दवा वियाग्रा की नकली गोलियां भारत से मंगा कर ब्रिटेन में बेच कर धन्ना सेठ बन बैठे एक अंग्रेज को अदालत ने 140 लाख पाउंड (लगभग 119.43 करोड़ रुपए) की भारीभरकम धनराशि मरीजों को वापस करने का आदेश सुनाया है।
पुलिस की जांच में पता चला कि मैनचैस्टर के रहने वाला सिमोन हिकमैन इंटरनेट के जरिए ऑनलाइन फार्मेसी चला रहा था और उसने अपने सौदों से 154 लाख पाउंड कमाये। अदालत ने आदेश दिया है कि वह छह महीने की भीतर 140 लाख पाउंड की राशि उन लोगों को वापस करे जिन्होंने उसके जरिए नकली वियाग्रा मंगवाई। अदालत ने सख्ती बरतते हुए कहा कि अगर यह पैसा उसने समय पर नहीं लौटाया तो उसे दस साल सींखचों के भीतर बिताने होंगे।
सूत्रों के अनुसार हिकमैन भारत से वियाग्रा और वजन घटाने वाली दवाइयां मंगा करके अपनी वेबसाइट एमएसएच वर्ल्ड ट्रेड के जरिए बेचता था। इनमें सेक्स खिलौने, कामोत्तेक दवाईयां और लिंग का आकार बढ़ाने में मदद करने वाले पंप आदि शामिल थे। भारत से मंगाई जाने वाली कुछ वियाग्रा गोलियां नकली होती थीं और ब्रिटेन में उन्हें बेचना गैरकानूनी था।
जांच में पता चला कि नकली दवाइयों के कारोबार का यह एक बड़ा मामला है। हिकमैन ने इस गोरखधंधे से बेतहाशा पैसा कमाया। इसका अंदाजा इस बात से भी लग सकता है कि उसके 30 बैंक खाते थे जिनमें से छह तो विदेश में हैं।
अय्याशी की जिंदगी जी रहा हिकमैन एक आनलाइन कैसिनो भी चलाता था। उसके पास रेंज रोवर्स जैसी गाडि़यों का काफिला और कई लक्जरी फ्लैट्स भी थे।
सरकारी बाढ़ से तबाह हो रहे सरहद के कई गांव
बाड़मेर। हर सूखे इलाके में किसान नहरों की मांग करते हैं ताकि उनके इलाके में फसलों की पैदावार अच्छी हो, लेकिन बाड़मेर में कई इलाके सरकार की लापरवाही के चलते तबाह हो रहे हैं, दरअसल राजस्थान के राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी के विधानसभा क्षेत्र गुड़ा मालानी इलाके के कई गाँव नर्मदा नहर के ओवरफ्लो पानी के कारण बाढ़ ग्रस्त हो गए हैं पानी यहाँ के लोगो के लिए कई उम्मीदों के सपने लाया था ,लेकिन बाड़मेर के इलाके के झाकरड़ा , मेघावा , पनावली , धोलीनाडी समेत कई गाँवो के किसान नर्मदा नहर के पानी से बर्बाद हो गये हैं। बाड़मेर जिला मुख्यालय से करीब एक सौ दस किलोमीटर दूर जालोर सीमा से सटे करीब दर्जन भर गाँव पिछले तीन सालो से सरकार के द्वारा दी गई बाढ़ से तबाह हैं। यहाँ के किसानो के लिए नहर वरदान मानी जा रही थी लेकिन अब वो अभिशाप बन गई हैं ,करीब सात किलोमीटर का इलाका और उसमे बसे लोगो के आशियानों पर तीस फीट तक पानी की चादर चल रही हैं। खेती किये हुए सालो बीत गए जमीन क्षार के कारण खराब और अनउपजाऊ बन गई और लोग पलायन को मजबूर हैं क्योंकि ये इलाका राजस्थान के राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी का विधान सभा क्षेत्र हैं। यहाँ तक की बाड़मेर जिला प्रशासन भी इस सरकारी आपदा के बारे में अनभिज्ञ हैं क्योंकि शायद नेताजी ने प्रशासन को आँखे बंद करने के आदेश दे दिए हैं। सरकार की इसी लापरवाही के चलते कई किलोमीटर तक केनाल सूखी पड़ी हैं और कई स्थानों पर नहर का पानी आज दिन तक डिग्गियो में पहुंचा तक नहीं हैं।
गौरतलब हैं कि यह क्षेत्र राजस्थान के बड़े जाट नेता और राजस्थान के वर्तमान राजस्व मंत्री हेमा राम चौधरी का विधानसभा क्षेत्र हैं, फिर भी तीन सालो से यह क्षेत्र पानी में डूबा हैं। घरो में शाम होते होते लोग विद्युत नहीं होने से अँधेरे में जिंदगी बिताने को मजबूर हैं। मच्छर और पानी के अन्य जहरीले जीव जन्तुओं के लिए यह इलाका स्वर्ग से कम नहीं हैं, हर घर में औसतन तीन लोग मलेरिया या बुखार से पीड़ित हैं और घरो के बाहर बंधी गाय और भैंसों को रात में मच्छर इतना काट जाते हैं कि सुबह उस स्थान पर खून ही खून बिखरा पड़ा रहता हैं। यही नही यहाँ से सात गाँवो को जोड़ने वाली संपर्क सड़क भी डूब गई हैं जिसके कारण लोगो को साठ किलोमीटर का लम्बा चक्कर पड़ रहा हैं। यही नहीं स्वयं राजस्व मंत्री को ग्रामीण तीन सालो में कई मर्तबा शिकायत कर चुके हैं लेकिन अब तक कोई भी समाधान नहीं हुआ हैं । झाकरड़ा के ग्रामीण सुखराम विश्नोईके अनुसार गाँव का अधिकांश हिस्सा डूब गया हैं ग्रामीणों के अनुसार नहर ने बर्बाद कर डाला हैं। यही के रहने वाले दिनेश विश्नोई कहते हैं कि यहाँ की शिक्षा के हाल भी इस सरकारी बाढ़ ने बेहाल कर रखे हैं तीन विद्यालयो में से दो विद्यालय पानी में आधे डूबे हैं और एक में आने के हालात नहीं क्योंकि मुख्यद्वार पर पानी का बड़ा तालाब बना हुआ हैं भयभीत परिजनों ने बच्चो को स्कूल भेजना बंद कर दिया क्यूंकि बच्चो के डूबने का डर था। इस इलाके में पिछले तीन सालो से लोग चुप्पी साधे हैं आखिर क्यों ? इस पर लोगो का जवाब था की कई बार प्रशासन को परेशानी बता दी लेकिन सिवाय आश्वासनों के कुछ भी हाथ नहीं लगा लेकिन यहा के लोग दुखी इसलिए भी हैं क्योंकि यहाँ के विधायक और राज्य के राजस्व मंत्री हेमा राम चौधरी को भी व्यक्तिगत कहे जाने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हुई। यहाँ के निवासी बाबूलाल विश्नोई कहते हैं कि मुकद्दर की दरारों की मरम्मत करने की मांगे सिपहसालरो से खूब हुई लेकिन हर बार उन्हें ‘‘हो जाएगा’’ का जुमला दिया गया , लेकिन होगा कब इसकी किसी को तारीख नही बताई और इसका यह परिणाम हुआ की तीन साल बदकिस्मती के साथ जुड़ गए और और ज्यादा मियाद बढती जा रही हैं। लोगो का आरोप यह भी हैं कि राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी भी इस इलाके में आकर लोगो को सांत्वना देने को कभी नहीं आये । यहाँ के लोगो का आरोप हैं कि जब चुनाव आते हैं तो उनको आश्वाशन दिए जाते हैं कि सब समस्याओं का समाधान होगा लेकिन हर बार वादे वादे ही रहते हैं। यहा के लोगो के अनुसार राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के लिए यहा खम्बे लगे केबल बिछ गई लेकिन उसके बाद बाढ़ रुपी नहरी पानी आ गया और सारे के सारे कनेक्शन वापस ठन्डे बसते में चले गए । लोगो का आरोप हैं कि राजस्व मंत्री हेमा राम चौधरी ने ना केवल इस गाँव की समस्या को पूरी तरह से नजरंदाज किया हैं बल्कि लोगो को भी आश्वासन रुपी धोखा दे दिया हैं।
इनका कहना है-
मामला जानकारी में है, लेकिन अगले माह लिफ्ट शुरू होने पर ही कोई हल निकल पाएगा। जहां तक संक्रमण की बात है, उसके लिए भी कार्रवाई की जा रही है, मैने स्वयं क्षेत्र का हाल ही में दौरा किया है।
हेमाराम चौधरी, राजस्व मंत्री ,राजस्थान सरकार
जनसुनवाई के दौरान गंभीरता से किसी ने शिकायत नही कि है, आपके माध्यम से जानकारी मिली है, कार्रवाई की जाएगी।
डॉ.वीणा प्रधान,जिला कलेक्टर, बाड़मेर
जयपुर: राज्य आयोजना बोर्ड मे 5 मंत्री मेंबर बने
जयपुर।। राजस्थान सरकार ने एक आदेश जारी कर राज्य आयोजना बोर्ड में 5 मंत्रियों को सदस्य बनाया गया है। जबकि दो पूर्व मंत्रियों की सदस्यता समाप्त कर दी है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, हेमाराम चौधरी, मंत्री राजस्व, उपनिवेशन और जल संसाधन विभाग को पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा के स्थान पर बोर्ड का सदस्य मनोनीत किया है। इसी प्रकार पूर्व मंत्री मास्टर भंवरलाल के स्थान पर बृजकिशोर शर्मा मंत्री प्राथमिक, माध्यमिक संस्कृत शिक्षा, भाषा और भाषायी अल्पसंख्यक और देवस्थान को राज्य आयोजना बोर्ड का सदस्य मनोनीत किया गया है।
उन्होंने बताया कि शांति धारीवाल मंत्री नगरीय विकास और आवासन, स्वायत्त शासन, विधि और विधिक, संसदीय मामलात और निर्वाचन विभाग, भरत सिंह सार्वजनिक निर्माण विभाग तथा जितेन्द सिंह मंत्री ऊर्जा, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, भू-जल और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग वर्तमान पदानुसार राज्य आयोजना बोर्ड के सदस्य रहेंगे।
पुलिस अधिकारी तो शेर जैसे होने चाहिए, शेरों के लिए सीमाएं नहीं होती : हाईकोर्ट
अहमदाबाद। गुजरात हाईकोर्ट ने थैलसीमिया मेजर बच्चों को एचआईवी संक्रमण होने के मामले की जांच अधिकारी को कड़ी फटकार लगाते हुए तफ्तीश पूरी करने का आदेश दिया है।
हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि 23 बच्चों की जिंदगी से संबंधित केस के जिम्मेदार लोगों की तलाश का चुनौतीपूर्ण काम कितने अधिकारियों को मिलता है? प्रमोशन तो फिर आ सकता है। राष्ट्र-मानवहित में काम करने का मौका बार-बार नहीं मिलता। इसलिए जांच अधिकारी को अपनी कार्यक्षमता-दक्षता दर्शाते हुए काबिलियत साबित करनी चाहिए।
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश भास्कर भट्टाचार्य एवं जेबी पारडीवाला की पीठ ने यह टिप्पणी की। साथ ही राज्य शासन को निर्देश दिया कि वह जांच अधिकारी शोभा भूतडा को अमरेली के एसपी पद के कार्यभार से फिलहात मुक्त रखे ताकि वे एचआईवी कांड की जांच कर सकें। शोभा की अनुपस्थिति में वहां के डीएसपी को इंचार्ज बनाने का हुक्म देते हुए अदालत ने सरकार को शुक्रवार को ही इस आशय की अधिसूचना जारी करने की ताकीद की।
पीठ ने यह भी कहा कि भारी लापरवाही से भरे इस केस में डेढ़ महीने से पुलिस अधिकारी शोभा भूतडा जांच कर रही हैं। वे केस की हकीकत, दस्तावेज, जानकारी, मटीरियल्स आदि से वाकिफ हैं। ऐसे हालात में एक से अधिक जांच अधिकारी का केस की तफ्तीश में जुडऩा सही नहीं लगता।
पीठ ने यह टिप्पणी भी कि पुलिस अधिकारी तो शेर जैसे होने चाहिए। जैसे जूनागढ़-अमरेली जैसी सीमाएं शेरों के लिए नहीं होती, ऐसा ही पुलिस के लिए भी नहीं होना चाहिए।
हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि 23 बच्चों की जिंदगी से संबंधित केस के जिम्मेदार लोगों की तलाश का चुनौतीपूर्ण काम कितने अधिकारियों को मिलता है? प्रमोशन तो फिर आ सकता है। राष्ट्र-मानवहित में काम करने का मौका बार-बार नहीं मिलता। इसलिए जांच अधिकारी को अपनी कार्यक्षमता-दक्षता दर्शाते हुए काबिलियत साबित करनी चाहिए।
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश भास्कर भट्टाचार्य एवं जेबी पारडीवाला की पीठ ने यह टिप्पणी की। साथ ही राज्य शासन को निर्देश दिया कि वह जांच अधिकारी शोभा भूतडा को अमरेली के एसपी पद के कार्यभार से फिलहात मुक्त रखे ताकि वे एचआईवी कांड की जांच कर सकें। शोभा की अनुपस्थिति में वहां के डीएसपी को इंचार्ज बनाने का हुक्म देते हुए अदालत ने सरकार को शुक्रवार को ही इस आशय की अधिसूचना जारी करने की ताकीद की।
पीठ ने यह भी कहा कि भारी लापरवाही से भरे इस केस में डेढ़ महीने से पुलिस अधिकारी शोभा भूतडा जांच कर रही हैं। वे केस की हकीकत, दस्तावेज, जानकारी, मटीरियल्स आदि से वाकिफ हैं। ऐसे हालात में एक से अधिक जांच अधिकारी का केस की तफ्तीश में जुडऩा सही नहीं लगता।
पीठ ने यह टिप्पणी भी कि पुलिस अधिकारी तो शेर जैसे होने चाहिए। जैसे जूनागढ़-अमरेली जैसी सीमाएं शेरों के लिए नहीं होती, ऐसा ही पुलिस के लिए भी नहीं होना चाहिए।
चेकअप के बहाने डॉक्टर ने की हरकत, छात्राओं ने दिखाए दिन में तारे
कंडाघाट.कंडाघाट अस्पताल में शुक्रवार दोपहर बाद एक डॉक्टर की ओर से बदसलूकी करने पर दो छात्राओं और करीब एक दर्जन युवकों ने जमकर धुनाई कर डाली। लड़कियों के पांव पकड़ने और लिखित में माफी मांगने के बाद मामला शांत हुआ।
शुक्रवार शाम करीब साढ़े 4 बजे कंडाघाट सिविल अस्पताल में दो छात्राएं, एक दर्जन युवक और कुछ स्थानीय लोग आ पहुंचे। उन्होंने यहां तैनात चिकित्सक डॉ. जितेंद्र अरोड़ा से छात्राओं के साथ बदसलूकी की बात कही।
छात्राओं ने जब डॉक्टर पर आरोप लगाया तो साथ आए युवक तैश में आ गए और उन्होंने डाक्टर की धुनाई कर डाली। डॉक्टर ने बाद में हाथ जोड़कर अपनी गलती मान ली।
पहले भी की छेड़छाड़
कंडाघाट के एक प्रतिष्ठित संस्थान की दो छात्राएं दोपहर को चेक अप करवाने के लिए अस्पताल पहुंची। छात्राओं का आरोप है कि डॉक्टर पहले भी कई छात्राओं से बदसलूकी कर चुका है। छात्राओं ने इस घटना की जानकारी अपने भाइयों को दी थी।
शुक्रवार शाम करीब साढ़े 4 बजे कंडाघाट सिविल अस्पताल में दो छात्राएं, एक दर्जन युवक और कुछ स्थानीय लोग आ पहुंचे। उन्होंने यहां तैनात चिकित्सक डॉ. जितेंद्र अरोड़ा से छात्राओं के साथ बदसलूकी की बात कही।
छात्राओं ने जब डॉक्टर पर आरोप लगाया तो साथ आए युवक तैश में आ गए और उन्होंने डाक्टर की धुनाई कर डाली। डॉक्टर ने बाद में हाथ जोड़कर अपनी गलती मान ली।
पहले भी की छेड़छाड़
कंडाघाट के एक प्रतिष्ठित संस्थान की दो छात्राएं दोपहर को चेक अप करवाने के लिए अस्पताल पहुंची। छात्राओं का आरोप है कि डॉक्टर पहले भी कई छात्राओं से बदसलूकी कर चुका है। छात्राओं ने इस घटना की जानकारी अपने भाइयों को दी थी।
कमीशन राशी ...सरकारी कार्यालयों में कमीशन दर
कमीशन राशी ...सरकारी कार्यालयों में कमीशन दर
बाड़मेर आज आपको सरकारी कार्यालयों में भरष्टाचार की पूरी जानकारी देते हें .जिले में कार्यरत अधिकारी ,तकनिकी अधिकारी ,बाबू ,लेखा अधिकारी कितना कितना कमीशन लेते हें .यह वास्तविकता हे की परिसर में या बहार किसी भी कार्यालय में बिना कमीशन के आपका कोई काम नहीं होगा कमीशन देकर गलत से गलत और नियमो के विरुद्ध काम कर लेंगे ,इमानदार लोगो के काम भी होते हें मगर इमानदार के जुटते फटने तक ,आप इमानदार हो तो आपको इन परिस्थितियों से रूबरू होने को तयार रहना चाहिए ,आर ऐ एस अधिकारी का कमीशन होता हें १२ प्रतिशन यही कमीशन पंचायत समितियों के बड़े अधिकारी भी लेते हें लेखा अधिकारियों का कमीशन साधे पांच से आठ प्रतिशत बाबू का कमीशन दो से चार प्रतिशत ,इस कमीशन के बिना कोई काम नहीं होता सरकारी योजनाओ का कमीशन बड़ा होता हें यह एक मुश्त राशी के रूप में होता हें सरकारी योजनाओ के चेक पार्टी को देने से पहले इनका भुगतान करना पड़ता हें ,आम आदमी का काम जल्द हो सकता हें अगर वो सुविधा शुल्क दे सुविधा शुल्क के आभाव में आपका काम वेसे ही निपट जाएगा चाहे आप कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत कर लो कोई फर्क नहीं पड़ने वाला कमीशन राशी इन के लिए भगवान् का स्वरुप हें आप भी इस प्रक्रिया से एक बार गुजर कर देखे ...
बाड़मेर आज आपको सरकारी कार्यालयों में भरष्टाचार की पूरी जानकारी देते हें .जिले में कार्यरत अधिकारी ,तकनिकी अधिकारी ,बाबू ,लेखा अधिकारी कितना कितना कमीशन लेते हें .यह वास्तविकता हे की परिसर में या बहार किसी भी कार्यालय में बिना कमीशन के आपका कोई काम नहीं होगा कमीशन देकर गलत से गलत और नियमो के विरुद्ध काम कर लेंगे ,इमानदार लोगो के काम भी होते हें मगर इमानदार के जुटते फटने तक ,आप इमानदार हो तो आपको इन परिस्थितियों से रूबरू होने को तयार रहना चाहिए ,आर ऐ एस अधिकारी का कमीशन होता हें १२ प्रतिशन यही कमीशन पंचायत समितियों के बड़े अधिकारी भी लेते हें लेखा अधिकारियों का कमीशन साधे पांच से आठ प्रतिशत बाबू का कमीशन दो से चार प्रतिशत ,इस कमीशन के बिना कोई काम नहीं होता सरकारी योजनाओ का कमीशन बड़ा होता हें यह एक मुश्त राशी के रूप में होता हें सरकारी योजनाओ के चेक पार्टी को देने से पहले इनका भुगतान करना पड़ता हें ,आम आदमी का काम जल्द हो सकता हें अगर वो सुविधा शुल्क दे सुविधा शुल्क के आभाव में आपका काम वेसे ही निपट जाएगा चाहे आप कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत कर लो कोई फर्क नहीं पड़ने वाला कमीशन राशी इन के लिए भगवान् का स्वरुप हें आप भी इस प्रक्रिया से एक बार गुजर कर देखे ...
बंगारू लक्ष्मण को 4 साल की सजा
बंगारू लक्ष्मण को 4 साल की सजा
नई दिल्ली। दिल्ली की एक कोर्ट ने रिश्वत लेने के दोषी भाजपा के पूर्व अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण को चार साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उन पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया है। चार साल की सजा होने के कारण बंगारू लक्ष्मण को तुरंत जमानत नहीं मिल पाएगी। इसलिए उनको तिहाड़ जेल जाना होगा। पूर्व भाजपा अध्यक्ष को जमानत के लिए अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना होगा। अगर बंगारू लक्ष्मण को तीन साल की सजा होती तो उनको जमानत मिल जाती।
सीबीआई ने शनिवार को कोर्ट में कहा कि बंगारू लक्ष्मण को कम से कम पांच साल की सजा होनी चाहिए। वहीं बंगारू लक्ष्मण ने अपनी उम्र का हवाला देते हुए कम सजा दिए जाने का आग्रह किया। बंगारू लक्ष्मण ने कहा कि उन पर यह पहला मामला है इसलिए सजा में राहत दी जाए। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कंवलजीत अरोड़ा ने शुक्रवार को बंगारू लक्ष्मण को भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धारा नौ के तहत दोषी करार दिया था। फैसला सुनते ही कोर्ट में लक्ष्मण रो पड़े थे। अदालत ने मई, 2011 में लक्ष्मण के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप तय किए थे।
ये है मामला
मा मला 13 मार्च 2001 में समाचार पोर्टल "तहलका डॉट कॉम" के स्टिंग ऑपरेशन से जुड़ा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री लक्ष्मण को पार्टी मुख्यालय स्थित उनके कक्ष में एक स्टिंग ऑपरेशन के दौरान ब्रिटेन की एक फर्जी कंपनी एम/एस वेस्ट इंड इंटरनेशनल को ठेका देने के लिए कथित हथियार डीलर से एक लाख रूपए की घूस लेते हुए कैमरे में कैद किया गया था।
लक्ष्मण ने डीलरों से इस वादे के एवज में रिश्वत ली थी कि वे थलसेना को थर्मल बाइनोकुलर की आपूर्ति का अनुबंध उन्हें देने के लिए रक्षा मंत्रालय से सिफारिश करेंगे। स्टिंग ऑपरेशन के सामने आने के बाद मचे सियासी भूचाल में लक्ष्मण को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
स्टिंग में खुली थी पोल
तहलका पत्रकार खुद को ब्रिटिश वेस्ट एंड कंपनी का एजेंट बता बंगारू से आठ बार मिले।
13 मार्च 2001 को जारी स्टिंग के वीडियो में बंगारू रिश्वत लेते दिखे।
बंगारू व रक्षा मंत्री जॉर्ज फनांüडिस का इस्तीफा। लक्ष्मण अभी भी भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य।
नई दिल्ली। दिल्ली की एक कोर्ट ने रिश्वत लेने के दोषी भाजपा के पूर्व अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण को चार साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उन पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया है। चार साल की सजा होने के कारण बंगारू लक्ष्मण को तुरंत जमानत नहीं मिल पाएगी। इसलिए उनको तिहाड़ जेल जाना होगा। पूर्व भाजपा अध्यक्ष को जमानत के लिए अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना होगा। अगर बंगारू लक्ष्मण को तीन साल की सजा होती तो उनको जमानत मिल जाती।
सीबीआई ने शनिवार को कोर्ट में कहा कि बंगारू लक्ष्मण को कम से कम पांच साल की सजा होनी चाहिए। वहीं बंगारू लक्ष्मण ने अपनी उम्र का हवाला देते हुए कम सजा दिए जाने का आग्रह किया। बंगारू लक्ष्मण ने कहा कि उन पर यह पहला मामला है इसलिए सजा में राहत दी जाए। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कंवलजीत अरोड़ा ने शुक्रवार को बंगारू लक्ष्मण को भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धारा नौ के तहत दोषी करार दिया था। फैसला सुनते ही कोर्ट में लक्ष्मण रो पड़े थे। अदालत ने मई, 2011 में लक्ष्मण के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप तय किए थे।
ये है मामला
मा मला 13 मार्च 2001 में समाचार पोर्टल "तहलका डॉट कॉम" के स्टिंग ऑपरेशन से जुड़ा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री लक्ष्मण को पार्टी मुख्यालय स्थित उनके कक्ष में एक स्टिंग ऑपरेशन के दौरान ब्रिटेन की एक फर्जी कंपनी एम/एस वेस्ट इंड इंटरनेशनल को ठेका देने के लिए कथित हथियार डीलर से एक लाख रूपए की घूस लेते हुए कैमरे में कैद किया गया था।
लक्ष्मण ने डीलरों से इस वादे के एवज में रिश्वत ली थी कि वे थलसेना को थर्मल बाइनोकुलर की आपूर्ति का अनुबंध उन्हें देने के लिए रक्षा मंत्रालय से सिफारिश करेंगे। स्टिंग ऑपरेशन के सामने आने के बाद मचे सियासी भूचाल में लक्ष्मण को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
स्टिंग में खुली थी पोल
तहलका पत्रकार खुद को ब्रिटिश वेस्ट एंड कंपनी का एजेंट बता बंगारू से आठ बार मिले।
13 मार्च 2001 को जारी स्टिंग के वीडियो में बंगारू रिश्वत लेते दिखे।
बंगारू व रक्षा मंत्री जॉर्ज फनांüडिस का इस्तीफा। लक्ष्मण अभी भी भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य।
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