नेता तो कान्हा के वंशज है
हंस-हंस कर लोटपोट हुए श्रोता
बालोतरा आचार्य श्री महाश्रमण प्रवास व्यवस्था समिति की ओर से शनिवार रात हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन की शुरूआत में अपने संबोधन में आचार्य महाश्रमण ने कहा कि कविता एक ऐसा उपक्रम है, जो कवि सम्मेलन के रूप में आता है तो आकर्षण देखने को मिलता है।
कवि सम्मेलन की शुरूआत में कवि राजेश चेतन ने महावीर के महाश्रमण है आप... कविता प्रस्तुत की। इसके बाद प्रताप फौजदार मंच पर आए। फौजदार ने क्षमा की धरा में प्रेम का बीज बो दिया तो मोक्ष से लौटकर वीर नहीं आएंगे...कविता के साथ अपना उद्बोधन शुरू किया। इसके बाद कवि चिराग जैन के साथ राजेश चेतन व प्रताप फौजदार ने हास्य रस की जैसे बौछार शुरू कर दी। तीनों कवियों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दी।
पत्रकार तो नारद के बेटे हैं..., राम घर आए तो दीवाली होती है...नेता तो कान्हाजी के वंशज है...जैसी कटाक्ष भरी कविताओं पर श्रोताओं ने खूब दाद दी। कवि सम्मेलन में व्यवस्था समिति के पदाधिकारियों सहित सैकड़ों श्रोता उपस्थित थे।
हंस-हंस कर लोटपोट हुए श्रोता
बालोतरा आचार्य श्री महाश्रमण प्रवास व्यवस्था समिति की ओर से शनिवार रात हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन की शुरूआत में अपने संबोधन में आचार्य महाश्रमण ने कहा कि कविता एक ऐसा उपक्रम है, जो कवि सम्मेलन के रूप में आता है तो आकर्षण देखने को मिलता है।
कवि सम्मेलन की शुरूआत में कवि राजेश चेतन ने महावीर के महाश्रमण है आप... कविता प्रस्तुत की। इसके बाद प्रताप फौजदार मंच पर आए। फौजदार ने क्षमा की धरा में प्रेम का बीज बो दिया तो मोक्ष से लौटकर वीर नहीं आएंगे...कविता के साथ अपना उद्बोधन शुरू किया। इसके बाद कवि चिराग जैन के साथ राजेश चेतन व प्रताप फौजदार ने हास्य रस की जैसे बौछार शुरू कर दी। तीनों कवियों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दी।
पत्रकार तो नारद के बेटे हैं..., राम घर आए तो दीवाली होती है...नेता तो कान्हाजी के वंशज है...जैसी कटाक्ष भरी कविताओं पर श्रोताओं ने खूब दाद दी। कवि सम्मेलन में व्यवस्था समिति के पदाधिकारियों सहित सैकड़ों श्रोता उपस्थित थे।
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