बाड़मेर। हर सूखे इलाके में किसान नहरों की मांग करते हैं ताकि उनके इलाके में फसलों की पैदावार अच्छी हो, लेकिन बाड़मेर में कई इलाके सरकार की लापरवाही के चलते तबाह हो रहे हैं, दरअसल राजस्थान के राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी के विधानसभा क्षेत्र गुड़ा मालानी इलाके के कई गाँव नर्मदा नहर के ओवरफ्लो पानी के कारण बाढ़ ग्रस्त हो गए हैं पानी यहाँ के लोगो के लिए कई उम्मीदों के सपने लाया था ,लेकिन बाड़मेर के इलाके के झाकरड़ा , मेघावा , पनावली , धोलीनाडी समेत कई गाँवो के किसान नर्मदा नहर के पानी से बर्बाद हो गये हैं। बाड़मेर जिला मुख्यालय से करीब एक सौ दस किलोमीटर दूर जालोर सीमा से सटे करीब दर्जन भर गाँव पिछले तीन सालो से सरकार के द्वारा दी गई बाढ़ से तबाह हैं। यहाँ के किसानो के लिए नहर वरदान मानी जा रही थी लेकिन अब वो अभिशाप बन गई हैं ,करीब सात किलोमीटर का इलाका और उसमे बसे लोगो के आशियानों पर तीस फीट तक पानी की चादर चल रही हैं। खेती किये हुए सालो बीत गए जमीन क्षार के कारण खराब और अनउपजाऊ बन गई और लोग पलायन को मजबूर हैं क्योंकि ये इलाका राजस्थान के राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी का विधान सभा क्षेत्र हैं। यहाँ तक की बाड़मेर जिला प्रशासन भी इस सरकारी आपदा के बारे में अनभिज्ञ हैं क्योंकि शायद नेताजी ने प्रशासन को आँखे बंद करने के आदेश दे दिए हैं। सरकार की इसी लापरवाही के चलते कई किलोमीटर तक केनाल सूखी पड़ी हैं और कई स्थानों पर नहर का पानी आज दिन तक डिग्गियो में पहुंचा तक नहीं हैं।
गौरतलब हैं कि यह क्षेत्र राजस्थान के बड़े जाट नेता और राजस्थान के वर्तमान राजस्व मंत्री हेमा राम चौधरी का विधानसभा क्षेत्र हैं, फिर भी तीन सालो से यह क्षेत्र पानी में डूबा हैं। घरो में शाम होते होते लोग विद्युत नहीं होने से अँधेरे में जिंदगी बिताने को मजबूर हैं। मच्छर और पानी के अन्य जहरीले जीव जन्तुओं के लिए यह इलाका स्वर्ग से कम नहीं हैं, हर घर में औसतन तीन लोग मलेरिया या बुखार से पीड़ित हैं और घरो के बाहर बंधी गाय और भैंसों को रात में मच्छर इतना काट जाते हैं कि सुबह उस स्थान पर खून ही खून बिखरा पड़ा रहता हैं। यही नही यहाँ से सात गाँवो को जोड़ने वाली संपर्क सड़क भी डूब गई हैं जिसके कारण लोगो को साठ किलोमीटर का लम्बा चक्कर पड़ रहा हैं। यही नहीं स्वयं राजस्व मंत्री को ग्रामीण तीन सालो में कई मर्तबा शिकायत कर चुके हैं लेकिन अब तक कोई भी समाधान नहीं हुआ हैं । झाकरड़ा के ग्रामीण सुखराम विश्नोईके अनुसार गाँव का अधिकांश हिस्सा डूब गया हैं ग्रामीणों के अनुसार नहर ने बर्बाद कर डाला हैं। यही के रहने वाले दिनेश विश्नोई कहते हैं कि यहाँ की शिक्षा के हाल भी इस सरकारी बाढ़ ने बेहाल कर रखे हैं तीन विद्यालयो में से दो विद्यालय पानी में आधे डूबे हैं और एक में आने के हालात नहीं क्योंकि मुख्यद्वार पर पानी का बड़ा तालाब बना हुआ हैं भयभीत परिजनों ने बच्चो को स्कूल भेजना बंद कर दिया क्यूंकि बच्चो के डूबने का डर था। इस इलाके में पिछले तीन सालो से लोग चुप्पी साधे हैं आखिर क्यों ? इस पर लोगो का जवाब था की कई बार प्रशासन को परेशानी बता दी लेकिन सिवाय आश्वासनों के कुछ भी हाथ नहीं लगा लेकिन यहा के लोग दुखी इसलिए भी हैं क्योंकि यहाँ के विधायक और राज्य के राजस्व मंत्री हेमा राम चौधरी को भी व्यक्तिगत कहे जाने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हुई। यहाँ के निवासी बाबूलाल विश्नोई कहते हैं कि मुकद्दर की दरारों की मरम्मत करने की मांगे सिपहसालरो से खूब हुई लेकिन हर बार उन्हें ‘‘हो जाएगा’’ का जुमला दिया गया , लेकिन होगा कब इसकी किसी को तारीख नही बताई और इसका यह परिणाम हुआ की तीन साल बदकिस्मती के साथ जुड़ गए और और ज्यादा मियाद बढती जा रही हैं। लोगो का आरोप यह भी हैं कि राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी भी इस इलाके में आकर लोगो को सांत्वना देने को कभी नहीं आये । यहाँ के लोगो का आरोप हैं कि जब चुनाव आते हैं तो उनको आश्वाशन दिए जाते हैं कि सब समस्याओं का समाधान होगा लेकिन हर बार वादे वादे ही रहते हैं। यहा के लोगो के अनुसार राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के लिए यहा खम्बे लगे केबल बिछ गई लेकिन उसके बाद बाढ़ रुपी नहरी पानी आ गया और सारे के सारे कनेक्शन वापस ठन्डे बसते में चले गए । लोगो का आरोप हैं कि राजस्व मंत्री हेमा राम चौधरी ने ना केवल इस गाँव की समस्या को पूरी तरह से नजरंदाज किया हैं बल्कि लोगो को भी आश्वासन रुपी धोखा दे दिया हैं।
इनका कहना है-
मामला जानकारी में है, लेकिन अगले माह लिफ्ट शुरू होने पर ही कोई हल निकल पाएगा। जहां तक संक्रमण की बात है, उसके लिए भी कार्रवाई की जा रही है, मैने स्वयं क्षेत्र का हाल ही में दौरा किया है।
हेमाराम चौधरी, राजस्व मंत्री ,राजस्थान सरकार
जनसुनवाई के दौरान गंभीरता से किसी ने शिकायत नही कि है, आपके माध्यम से जानकारी मिली है, कार्रवाई की जाएगी।
डॉ.वीणा प्रधान,जिला कलेक्टर, बाड़मेर
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