बंगारू लक्ष्मण को 4 साल की सजा
नई दिल्ली। दिल्ली की एक कोर्ट ने रिश्वत लेने के दोषी भाजपा के पूर्व अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण को चार साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उन पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया है। चार साल की सजा होने के कारण बंगारू लक्ष्मण को तुरंत जमानत नहीं मिल पाएगी। इसलिए उनको तिहाड़ जेल जाना होगा। पूर्व भाजपा अध्यक्ष को जमानत के लिए अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना होगा। अगर बंगारू लक्ष्मण को तीन साल की सजा होती तो उनको जमानत मिल जाती।
सीबीआई ने शनिवार को कोर्ट में कहा कि बंगारू लक्ष्मण को कम से कम पांच साल की सजा होनी चाहिए। वहीं बंगारू लक्ष्मण ने अपनी उम्र का हवाला देते हुए कम सजा दिए जाने का आग्रह किया। बंगारू लक्ष्मण ने कहा कि उन पर यह पहला मामला है इसलिए सजा में राहत दी जाए। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कंवलजीत अरोड़ा ने शुक्रवार को बंगारू लक्ष्मण को भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धारा नौ के तहत दोषी करार दिया था। फैसला सुनते ही कोर्ट में लक्ष्मण रो पड़े थे। अदालत ने मई, 2011 में लक्ष्मण के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप तय किए थे।
ये है मामला
मा मला 13 मार्च 2001 में समाचार पोर्टल "तहलका डॉट कॉम" के स्टिंग ऑपरेशन से जुड़ा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री लक्ष्मण को पार्टी मुख्यालय स्थित उनके कक्ष में एक स्टिंग ऑपरेशन के दौरान ब्रिटेन की एक फर्जी कंपनी एम/एस वेस्ट इंड इंटरनेशनल को ठेका देने के लिए कथित हथियार डीलर से एक लाख रूपए की घूस लेते हुए कैमरे में कैद किया गया था।
लक्ष्मण ने डीलरों से इस वादे के एवज में रिश्वत ली थी कि वे थलसेना को थर्मल बाइनोकुलर की आपूर्ति का अनुबंध उन्हें देने के लिए रक्षा मंत्रालय से सिफारिश करेंगे। स्टिंग ऑपरेशन के सामने आने के बाद मचे सियासी भूचाल में लक्ष्मण को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
स्टिंग में खुली थी पोल
तहलका पत्रकार खुद को ब्रिटिश वेस्ट एंड कंपनी का एजेंट बता बंगारू से आठ बार मिले।
13 मार्च 2001 को जारी स्टिंग के वीडियो में बंगारू रिश्वत लेते दिखे।
बंगारू व रक्षा मंत्री जॉर्ज फनांüडिस का इस्तीफा। लक्ष्मण अभी भी भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य।
नई दिल्ली। दिल्ली की एक कोर्ट ने रिश्वत लेने के दोषी भाजपा के पूर्व अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण को चार साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उन पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया है। चार साल की सजा होने के कारण बंगारू लक्ष्मण को तुरंत जमानत नहीं मिल पाएगी। इसलिए उनको तिहाड़ जेल जाना होगा। पूर्व भाजपा अध्यक्ष को जमानत के लिए अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना होगा। अगर बंगारू लक्ष्मण को तीन साल की सजा होती तो उनको जमानत मिल जाती।
सीबीआई ने शनिवार को कोर्ट में कहा कि बंगारू लक्ष्मण को कम से कम पांच साल की सजा होनी चाहिए। वहीं बंगारू लक्ष्मण ने अपनी उम्र का हवाला देते हुए कम सजा दिए जाने का आग्रह किया। बंगारू लक्ष्मण ने कहा कि उन पर यह पहला मामला है इसलिए सजा में राहत दी जाए। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कंवलजीत अरोड़ा ने शुक्रवार को बंगारू लक्ष्मण को भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धारा नौ के तहत दोषी करार दिया था। फैसला सुनते ही कोर्ट में लक्ष्मण रो पड़े थे। अदालत ने मई, 2011 में लक्ष्मण के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप तय किए थे।
ये है मामला
मा मला 13 मार्च 2001 में समाचार पोर्टल "तहलका डॉट कॉम" के स्टिंग ऑपरेशन से जुड़ा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री लक्ष्मण को पार्टी मुख्यालय स्थित उनके कक्ष में एक स्टिंग ऑपरेशन के दौरान ब्रिटेन की एक फर्जी कंपनी एम/एस वेस्ट इंड इंटरनेशनल को ठेका देने के लिए कथित हथियार डीलर से एक लाख रूपए की घूस लेते हुए कैमरे में कैद किया गया था।
लक्ष्मण ने डीलरों से इस वादे के एवज में रिश्वत ली थी कि वे थलसेना को थर्मल बाइनोकुलर की आपूर्ति का अनुबंध उन्हें देने के लिए रक्षा मंत्रालय से सिफारिश करेंगे। स्टिंग ऑपरेशन के सामने आने के बाद मचे सियासी भूचाल में लक्ष्मण को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
स्टिंग में खुली थी पोल
तहलका पत्रकार खुद को ब्रिटिश वेस्ट एंड कंपनी का एजेंट बता बंगारू से आठ बार मिले।
13 मार्च 2001 को जारी स्टिंग के वीडियो में बंगारू रिश्वत लेते दिखे।
बंगारू व रक्षा मंत्री जॉर्ज फनांüडिस का इस्तीफा। लक्ष्मण अभी भी भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य।
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