जैसलमेर इंदिरा इनडोर स्टेडियम ,न खेल विकसित हुए न खिलाडी ,बास्केटबॉल को छोड़ शेष खेलो में पिछड़ा जैसलमेर
जैसलमेर स्वर्णनगरी का इंदिरा इंडोर स्टेडियम अपने उद्देश्य पर खरा नहीं उतर पाया है। खेल गांव की तरह इसे विकसित करने की योजना थी लेकिन जिम्मेदारों की मनमानी के चलते यह केवल बास्केटबॉल का स्टेडियम बनकर रह गया। इतना ही नहीं इस ग्राउंड में 10 से 12 खेलों के मैदान है और उन खेलों को बढ़ावा देने की योजना थी, लेकिन जिम्मेदारों ने बास्केटबॉल के अलावा किसी खेल को बढ़ावा देने के प्रयास नहीं किए गए। कुछ साल पहले क्रिकेट संघ ने यहां एक मैदान नगरपरिषद से एमओयू पर लिया, जहां अब क्रिकेट की गतिविधिया संचालित की जा रही है।
जानकारी के अनुसार 200 बीघा जमीन पर इंदिरा इंडोर स्टेडियम बना हुआ है। यहां इंडोर स्टेडियम के अलावा एथलीट ट्रैक, फुटबाल मैदान, क्रिकेट मैदान, पवेलियन, वॉलीबाल, खोखो, कबड्डी, टेनिस कोर्ट, हैंडबॉल आदि खेलों के मैदान भी है लेकिन वहां इन खेलों की गतिविधियां नहीं होती है।
राज्य स्तरीय प्रतियोगिता अन्यत्र करवानी पड़ी
हाल ही में स्कूल स्तरीय बैडमिंटन प्रतियोगिता की मेजबानी जैसलमेर को मिली थी। इतना बड़ा इंडोर स्टेडियम होने के बावजूद भामाशाहों की मदद से आईजीएनपी स्थित एक छोटे से स्टेडियम में प्रतियोगिता करवानी पड़ी। इसी तरह जिम्नास्टिक की प्रतियोगिताएं भी इंडोर में नहीं करवाकर खुले में करवानी पड़ी।फुटबॉल के मैच भी पूनम स्टेडियम में करवाने पड़ते हैं ,जबकि इनडोर स्टेडियम खेल काम्प्लेक्स में फुटबॉल का ग्राउंड बना हुआ हैं पहले बैडमिंटन और टेबल टेनिस के खिलाड़ी आते थे, नए फर्श लगाने के बाद बैडमिंटन कोर्ट हटाया दिया गया ,
जैसलमेर में इंडोर गेम का मतलब सिर्फ बॉस्केटबॉल है। इंडोर स्टेडियम में बॉस्केटबॉल के अलावा कोई खेल नहीं होता है और न ही अन्य इंडोर गेम यहां करवाने दिए जाते हैं। बास्केटबॉल खेल शुरुआत से यहां हावी रहा और उसी का इस पर कब्जा रहा।बास्केट अकेडमी में मात्र तीस खिलाड़ियों के लिए दौ सौ बीघा खेल मैदान रिजर्व करना अन्य खेलो और खिलाडियों के साथ अन्याय हैं , करीब 10-12 साल पहले तक इंडोर स्टेडियम में बैडमिंटन व टेबल टेनिस खेलने खिलाड़ी जाते थे और इंडोर के अंदर कोर्ट भी थे। लेकिन धीरे धीरे बास्केटबॉल का कब्जा बढ़ता गया और नए तरह का फर्श लगाने के बाद बैडमिंटन कोर्ट हटा दिया गया और टेबल टेनिस भी हटा दिया। अब इंडोर में केवल बास्केटबॉल ही होता है।
स्टेट खेलो में एक भी मेडल नहीं ,हार की समीक्षा हो
इनडोर स्टेडियम में खेलो की मोनोपोली का ही परिणाम हे की हाल ही में राजस्थान में आयोजित स्टेट खेलो के जैसलमेर से करीब बारह भाग लेने जयपुर गयी थी ,मगर एक भी पदक जैसलमेर को खेल अधिकारी नहीं दिला पाए जबकि खिलाड़ियों की सुविधा के नाम पर करोडो रूपये व्यय किये जा रह हैं ,पुरे राजस्थान की टीमों में से जैसलमेर फिसड्डी साबित हुआ,बास्केटबॉल में जैसलमेर का दबदबा होने के बावजूद खिलाड़ियों के गलत चयन के कारन व् प्रशिक्षक नहीं होने के कारन बास्केटबाल में में भी बुरी तरह पिछड़ गया जैसलमेर ,जैसलमेर के हार की समीक्षा होनी चाहिए ,
प्रशिक्षक को खेल अधिकारी का भार
जैसलमेर बास्केटबॉल अकेडमी के प्रशिक्षक राकेश विश्नोई को खेल अधिकारी का चार्ज दे रखा हैं ,जो थर्ड ग्रेड कार्मिक हैं ,राज्य सरकार को न्य खेल अधिकारी नियुक्त करना चाइये,साथ ही खिलाड़ियों की सुविधा के लिए बास्केटबॉल ,फुटबॉल ,क्रिकेट ,कब्बडी ,एथेलेटिक के प्रशिक्शक उपलब्ध करने चाहिए ताकि सभी खेलों को सम्मान बढ़ावा मिल सके ,वर्तमान खेल अधिकारी न तो अकेडमी को संभल प् रहे न नहीं बहरी खेलो को तवज्जो दे पा रहे ,स्टेडियम में व्यक्तिगत राजनीती हावी होने से खेल और खिलाड़ियों पर विपरीत असर पड़ रहा हैं,
इंदिरा इण्डोर स्टेडियम
यह खेल कॉम्पलेक्स है, यहां सभी खेलों को बढ़ावा मिलना चाहिए। खिलाड़ियों के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। प्रशासन से हमारी मांग है कि यहां उपलब्ध संसाधनों के उपयोग के लिए सभी खेलों की गतिविधियां यहीं होनी चाहिए ताकि इन सुविधाओं की देखरेख हो सके।स्टेडियम में फुटबॉल का भी मैदान बना हुआ हैं जिसे फुटबॉल संघ को सौंपना चाहिए
, मांगीलाल सोलंकी ,सचिव जिला फुटबॉल संघ
इंदिरा इंडोर स्टेडियम परिसर में लगभग सभी खेलों के मैदान स्थित है।इंडोर स्टेडियम नगर परिषद की सम्पति हैं,यह काम्प्लेक्स सार्वजनिक रूप से खिलाडियों के लिए हैं,यहाँ खिलाड़ियों के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए,सभी खेलों के खिलाडी यहाँ खेल सके हम जल्द व्यवस्था कर रहे हैं,स्टेडियम में सभी खेलो को बराबर प्रोत्साहन देंगे।
हरिवल्ल्भ कल्ला ,सभापति ,नगर परिषद
इनडोर स्टडियम सभी खेलो का परिसर हैं ,इसे सार्वजनिक रूप से सभी खेलो के खिलाड़ियों की सुविधा के लिए बनाया गया है ,ऐसी बात सामने आई है।।जिसकी जानकारी जुटाई जा रही है।सभी खेलो को प्रोत्साहन के लिए प्रयास किये जायेंगे।
,
नमित मेहता ,जिला कलेक्टर