बाड़मेर। मेवाराम जैन को मंत्रिमंडल में शामिल न करना क्षेत्र के लोगो के साथ इमोशनल अत्याचार
चन्दन सिंह भाटी
बाडमेर विपरीत परिस्थितियों में बाडमेर विधानसभा क्षेत्र से हैट्रिक लगा कर विधानसभा में पहुंचे मेवाराम जैन को अशोक गहलोत मंत्रिमंडल में शामिल न करना क्षेत्र के लोगो के साथ इमोशनल अत्याचार है।आखिर जैन की कैबिनेट में अनदेखी क्यों कि गई।।यह बड़ा सवाल है।।मेवाराम जैन ने हमेशा बाडमेर सीट विपरीत परिस्थितियों में जीत कर कांग्रेस को दी।गत चुनाव में मोदी लहर में पश्चिमी राजस्थान से मात्र तीन विधायक जीते जिनमे एक मुख्यमंत्री बनेऔर एक को काबीना मंत्री बनाया जा रहा है।।तीसरा विधायक मेवाराम जैन को अलग थलग रखा।।शायद इसका कारण है कि वो बड़े जातीय समुहबक प्रतिनिधित्व नही करते।मगर कांग्रेस भूल रही है कि मेवाराम जैन छतीस कौम का प्रतिनिधित्व करते है।
एक बड़ा वोट बैंक उनके साथ जुड़ा है।।मेवाराम जैन ने विधानसभा में जिले की समस्याओं को प्रखरता से उठाया।।बहुत सारे मुद्दे पटल पर रखे।।संजीदगी और राजनीति का सामंजस्य है।।मेवाराम जैन को मंत्री मंडल में प्रमोद जैन और शांति धारीवाल पे प्राथमिकता देनी चाहिए थी।।ये दोनो हाडौतो से आते है।।जब कद्दावर जाट नेता हेमाराम चौधरी पर हरीश चौधरी और अमीन खान पर साले मोहम्मद को प्राथमिकता दी जा सकती है तो मेवाराम को क्यों नही।।शायद कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव को ध्यान में रख मंत्रियों का चयन किया।।हम किसी की काबिलियत पर शक नही कर रहे मगर जनता की आवाज़ बन चुके मेवाराम जैन मंत्रिमंडल में शामिल होने की सारी योग्यता रखते है।।दिग्गज जाट नेता कर्नल सोनाराम चौधरी को बड़े अंतर से हराना कोई कम उपलब्धि नही है।।राहुल गांधी ने भी बयान दिया था कि बड़ी जीत वालो को मौका दिया जाएगा।।फिर मेवाराम जैन मामले में चूक कैसे हो गई।।मेवाराम जैन से लोगो को अपेक्षाएं रहती है ।इन अपेक्षाओं पे वो खरा भी उतरते है।।मंत्रिमंडल में मेवाराम जैन होने चाहिए थे।।हालांकि उन्हें अगले विस्तार में कोई न कोई पद दे दिया जाएगा मगर वो जिस पद के हकदार है उन्हें फिलवक्त वंचित रखा।।यह बाडमेर जिले के लोगो के गले नही उतरती।।मंत्री मंडल में शामिल करना न करना मुख्यमंत्री का विषधाधिकार है।मगर मेवाराम जैन जनता की आवाज़ है।।
चन्दन सिंह भाटी
बाडमेर विपरीत परिस्थितियों में बाडमेर विधानसभा क्षेत्र से हैट्रिक लगा कर विधानसभा में पहुंचे मेवाराम जैन को अशोक गहलोत मंत्रिमंडल में शामिल न करना क्षेत्र के लोगो के साथ इमोशनल अत्याचार है।आखिर जैन की कैबिनेट में अनदेखी क्यों कि गई।।यह बड़ा सवाल है।।मेवाराम जैन ने हमेशा बाडमेर सीट विपरीत परिस्थितियों में जीत कर कांग्रेस को दी।गत चुनाव में मोदी लहर में पश्चिमी राजस्थान से मात्र तीन विधायक जीते जिनमे एक मुख्यमंत्री बनेऔर एक को काबीना मंत्री बनाया जा रहा है।।तीसरा विधायक मेवाराम जैन को अलग थलग रखा।।शायद इसका कारण है कि वो बड़े जातीय समुहबक प्रतिनिधित्व नही करते।मगर कांग्रेस भूल रही है कि मेवाराम जैन छतीस कौम का प्रतिनिधित्व करते है।
एक बड़ा वोट बैंक उनके साथ जुड़ा है।।मेवाराम जैन ने विधानसभा में जिले की समस्याओं को प्रखरता से उठाया।।बहुत सारे मुद्दे पटल पर रखे।।संजीदगी और राजनीति का सामंजस्य है।।मेवाराम जैन को मंत्री मंडल में प्रमोद जैन और शांति धारीवाल पे प्राथमिकता देनी चाहिए थी।।ये दोनो हाडौतो से आते है।।जब कद्दावर जाट नेता हेमाराम चौधरी पर हरीश चौधरी और अमीन खान पर साले मोहम्मद को प्राथमिकता दी जा सकती है तो मेवाराम को क्यों नही।।शायद कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव को ध्यान में रख मंत्रियों का चयन किया।।हम किसी की काबिलियत पर शक नही कर रहे मगर जनता की आवाज़ बन चुके मेवाराम जैन मंत्रिमंडल में शामिल होने की सारी योग्यता रखते है।।दिग्गज जाट नेता कर्नल सोनाराम चौधरी को बड़े अंतर से हराना कोई कम उपलब्धि नही है।।राहुल गांधी ने भी बयान दिया था कि बड़ी जीत वालो को मौका दिया जाएगा।।फिर मेवाराम जैन मामले में चूक कैसे हो गई।।मेवाराम जैन से लोगो को अपेक्षाएं रहती है ।इन अपेक्षाओं पे वो खरा भी उतरते है।।मंत्रिमंडल में मेवाराम जैन होने चाहिए थे।।हालांकि उन्हें अगले विस्तार में कोई न कोई पद दे दिया जाएगा मगर वो जिस पद के हकदार है उन्हें फिलवक्त वंचित रखा।।यह बाडमेर जिले के लोगो के गले नही उतरती।।मंत्री मंडल में शामिल करना न करना मुख्यमंत्री का विषधाधिकार है।मगर मेवाराम जैन जनता की आवाज़ है।।