फलौदी का सट्टा बाजार : भाजपा की सीटें बढ़कर हुईं 62, कांग्रेस 122 पर पहुंची
जोधपुर. पश्चिमी राजस्थान यूं तो रेगिस्तान के रूप में जाना जाता है. जोधपुर जिले का फलौदी कस्बा भी इसी में आता है. यूं तो फलौदी एक नमक उत्पादक कस्बे के रूप में भी पहचान रखता है, लेकिन इस छोटे कस्बे की बड़ी पहचान सट्टे के बाजार में खास अहमियत रखती है.
क्रिकेट की हर बॉल या रन, चुनाव के दौरान टिकट वितरण हो या जीत-हार, यहां तक बारिश पर भी यहां सट्टे के भाव खुलते हैं. पूरे देश में राजस्थान की चुनावी गणित जानने के लिए लोग फलौदी के सट्टेबाजों को सबसे भरोसेमंद माना जाता है. इसका कारण भी है यहां चुनाव के दौरान समय-समय पर भाव बदलते रहते हैं।
कैसे बदला भाव
सूत्रों के मुताबिक चुनाव के टिकट आने से पहले राजस्थान में सट्टा बाजार कांग्रेस को 150 सीटें दे रहा था. लेकिन फलौदी में 135-137 सीटों का बाजार खुला था. भाजपा को 48-49 सीटें बताई गई.
वहीं टिकट वितरण के बाद और 23 अक्टूबर तक नामांकन वापस लेने और प्रत्याशियों की अंतिम सूची तैयार होने के बाद यह आंकड़ा और बदल गया. 28 अक्टूबर को जो नए भाव खुले उसमें कांग्रेस को प्रदेश में मिलने वाली सीटों का अनुमान 122 से 124 तक लगाया गया. इस बार भाजपा की सीटों में बढ़ोतरी भी हुई. 50-52 सीटों का यह आंकड़ा बढकर 60 से 62 सीटों तक पहुंच गया.लेकिन सट्टेबाज सरकार कांग्रेस की मान रहे हैं. अभी सरकार को लेकर सौदे नहीं हो रहे हैं.
इससे जुड़े लोगों का कहना है कि तीन या चार दिसंबर तक प्रदेश में बड़े नेताओं की रैली के बाद नए भाव आएंगे. सूत्रों की माने तो अंतिम भाव मतदान होने के बाद यानी की 7 दिसंबर की रात को भी आने की संभावना है. इसके बाद ही सरकार बनाने के सौदे शुरू होंगे
जोधपुर. पश्चिमी राजस्थान यूं तो रेगिस्तान के रूप में जाना जाता है. जोधपुर जिले का फलौदी कस्बा भी इसी में आता है. यूं तो फलौदी एक नमक उत्पादक कस्बे के रूप में भी पहचान रखता है, लेकिन इस छोटे कस्बे की बड़ी पहचान सट्टे के बाजार में खास अहमियत रखती है.
क्रिकेट की हर बॉल या रन, चुनाव के दौरान टिकट वितरण हो या जीत-हार, यहां तक बारिश पर भी यहां सट्टे के भाव खुलते हैं. पूरे देश में राजस्थान की चुनावी गणित जानने के लिए लोग फलौदी के सट्टेबाजों को सबसे भरोसेमंद माना जाता है. इसका कारण भी है यहां चुनाव के दौरान समय-समय पर भाव बदलते रहते हैं।
कैसे बदला भाव
सूत्रों के मुताबिक चुनाव के टिकट आने से पहले राजस्थान में सट्टा बाजार कांग्रेस को 150 सीटें दे रहा था. लेकिन फलौदी में 135-137 सीटों का बाजार खुला था. भाजपा को 48-49 सीटें बताई गई.
वहीं टिकट वितरण के बाद और 23 अक्टूबर तक नामांकन वापस लेने और प्रत्याशियों की अंतिम सूची तैयार होने के बाद यह आंकड़ा और बदल गया. 28 अक्टूबर को जो नए भाव खुले उसमें कांग्रेस को प्रदेश में मिलने वाली सीटों का अनुमान 122 से 124 तक लगाया गया. इस बार भाजपा की सीटों में बढ़ोतरी भी हुई. 50-52 सीटों का यह आंकड़ा बढकर 60 से 62 सीटों तक पहुंच गया.लेकिन सट्टेबाज सरकार कांग्रेस की मान रहे हैं. अभी सरकार को लेकर सौदे नहीं हो रहे हैं.
इससे जुड़े लोगों का कहना है कि तीन या चार दिसंबर तक प्रदेश में बड़े नेताओं की रैली के बाद नए भाव आएंगे. सूत्रों की माने तो अंतिम भाव मतदान होने के बाद यानी की 7 दिसंबर की रात को भी आने की संभावना है. इसके बाद ही सरकार बनाने के सौदे शुरू होंगे