बाड़मेर चौहान रावणा राजपूत समाज के निर्विरोध जिलाध्यक्ष निर्वाचित
बाड़मेर 3 जुलाई
स्थानीय रावणा राजपूत समाज सभा भवन में रविवार को जिलाध्यक्ष के चुनाव वरिष्ठ समाजसेवी खेतसिंह की अध्यक्षता में जिला चुनाव अधिकारी डाॅ. निम्बसिंह पंवार ने सम्पन्न करवाये। डाॅ. पंवार ने बताया कि सर्व प्रथम सभी मतदाताओं का परिचय किया गया। उसके बाद जिलाध्यक्ष पद के लिए नामांकन करवाया गया। जिसमें नाथूसिंह राठौड़, डाॅ. गोरधनसिह सोढा, वर्तमान जिलाध्यक्ष गोरधनसिंह राठौड़ व जिला महामंत्री ईष्वरसिंह जसोल ने अपनी उम्मीदवारी का आवेदन किया। समाज के सभी ब्लाॅक अध्यक्ष व प्रतिनिधि सदस्यों का समझाईष के बाद सभी ने जिला महामंत्री ईष्वरसिंह जसोल का सर्व सहमति से समर्थन किया। उसके बाद ईष्वरसिह जसोल को निर्विरोध जिलाध्यक्ष निर्वाचित किया गया। चुनाव के बाद निवर्तमान जिलाध्यक्ष गोरधनसिंह राठौड़ ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि समाज को संगठित रहकर कार्य करना चाहिए सभी प्रतिनिधियों ने जो निर्णय किया वह काबिले तारीफ है। इसी तरह हमें आगे भी संगठित रहकर कार्य करना। षिव ब्लाॅक अध्यक्ष मुकनसिंह परमार ने कहा कि समाज को षिक्षा व संगठन पर जोर देते हुए आगे बढना चाहिए। अंत में नवनिर्वाचित जिलाध्यक्ष ईष्वरसिंह चैहान ने सभी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि मुझे जो नई जिम्मेदारी मिली है मैं उसे पूर्ण निष्ठा के साथ निभाउंगा और सबको साथ लेकर चलूंगा। जिला चुनाव अधिकारी ने बताया कि जिला युवा सभा के चुनाव अपरिहार्य कारणों से स्थगित किये गये, चुनाव आगामी तिथि को करवाये जायेगें जिसकी सूचना सभी को दी जायेगी।
कार्यक्रम में फूसाराम पंवार दुर्जनसिंह गुडीसर, वैलसिंह चैहान, रेवन्तसिंह राठौड़, अमोलखसिंह दईया,, लिखमसिंह गोयल, सुरेन्द्र सिहं दईया, गणपतसिंह गांधव, अषोकसिह राजावत, हरीसिंह राठौड़, रणछोडसिंह भाटी, चैनसिंह तीलवाड़ा, बाबूसिंह भाटी, वकील समुन्द्रसिंह राठौड़, भाखरसिंह सोढा, पुरखसिंह राठौड़, देवीसिह राठांैड़, लिखमसिह गोयल, चूनसिंह बिषाला, बलवन्तसिंह भाटी, हिन्दूसिंह रेडाणा, पहाड़सिंह कुण्डल, संतोषसिंह धांधू, जबरंिसह सोढा, रामसिहं चैहान, कमलसिंह पंवार, लूणसिंह चैहटन, गुलाबसिंह चैहटन, शक्तिसिंह धनाउ, कालूसिंह सेड़वा, भवानीसिंह मेपावत, दिलीपसिंह गोगादेव, स्वरूपसिंह पंवार, नरपतसिंह पटौदी, गणपतसिंह, श्रवणसिंह राखी, विरेन्द्रसिंह भाटी, देवीसिंह गिड़ा, प्रेमसिंह विदा, श्रवणसिंह फागलिया, शंकरसिंह, देवीसिंह बायतू, किषनसिंह मिठीबेरी, श्रवणसिंह, लूणसिंह पड़िहार, पृथ्वींिसह पंवार आदि समाजबंधु मौजूद रहे।