रविवार, 3 जुलाई 2016

अर्धसैनिक बल के पास गोलियों की भारी कमी, चाहिए थीं 9.3 करोड़ मिली सिर्फ 2.3 करोड़

अर्धसैनिक बल के पास गोलियों की भारी कमी, चाहिए थीं 9.3 करोड़ मिली सिर्फ 2.3 करोड़

2016-17 में अर्धसैनिक बल को 9mm की 9.3 करोड़ बुलेट चाहिए थी, पर उन्हें Ordnance Factories Board (OFB) की तरफ से कुल 2.3 करोड़ बुलेट ही दी जाएंगी।
 

भारत की सीमाओं पर खड़े होकर देश की सुरक्षा करते अर्धसैनिक बल में तैनात 9 लाख सैनिकों के पास दुश्मनों से लड़ने के लिए हौसला तो है, पर गोलियों की बहुत कमी है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, भारत के सभी बॉर्डर की रक्षा करते, आतंकियों, माओवादियों से लड़ने वाले अर्धसैनिक बल के पास नजदीक की लड़ाई में इस्तेमाल होने वाली 9mm की गोलियों की काफी कमी है। संडे एक्सप्रेस को मिली जानकारी के मुताबिक, अर्धसैनिक बल के पास लड़ाई की प्रेक्टिस के साथ-साथ असल लड़ाई के लिए भी गोलियों की कमी है। आकड़ों के मुताबिक, 2016-17 में अर्धसैनिक बल को 9mm की 9.3 करोड़ बुलेट चाहिए थी, पर उन्हें Ordnance Factories Board (OFB) की तरफ से कुल 2.3 करोड़ बुलेट ही दी जाएंगी। यानी पूरे 75 प्रतिशत की कमी। मिली जानकारी के मुताबिक, Ordnance Factories Board (OFB) इतनी गोलियां देने के लिए भी गृह मंत्रालय के कहने पर राजी हुआ है। वर्ना तो पहले कुल 75 लाख गोलियां दी जा रही थीं। OFB को गोलियां सप्लाई करने वाली फैक्ट्री है। वह कई सालों से मांग के मुताबिक सप्लाई नहीं कर पा रही। Read Also: Switzerland में सेना के बंकरों में बना दिए गए हैं होटल, देखें तस्‍वीरें इस वजह से मंत्रालय ने जल्द से जल्द गोलियों की मांग को पूरा करने के लिए टेंडर निकालने की बात कही है और साथ ही एक नई फैक्ट्री लगाने की भी बात चल रही है। 9 mm की गोलियां सर्विस रिवॉलवर में इस्तेमाल होती है। यह दुश्मन से नजदीक की मुठभेड़ में इस्तेमाल होती है। कॉन्सटेबल लेवल के पुलिसवाले को यही दी जाती है और प्रेक्टिस के लिए भी इसी का इस्तेमाल होता है। इसके साथ ही नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के ब्लैक केट कमांडो भी इसी का इस्तेमाल करते हैं। इस वजह से हुई है परेशानी गृह मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि यह परेशानी पुलिस फोर्स में ज्यादा भर्तियां होने से हुई है। ऐसे में OFB अपनी सप्लाई नहीं बढ़ा पा रही। गृह मंत्रालय के मुताबिक, 2014 में मांग 5.67 करोड़ की थी और OFB सिर्फ 2.4 करोड़ गोलियां ही दे पाया था। इसके अगले साल मांग और सप्लाई का गैप और बढ़ता चला गया। गृह मंत्रालय इस परेशानी से निपटने के लिए लगातार तैयारियां कर रहा है। मंत्रालय की तरफ से बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) को कहा भी गया है कि वह जल्द से जल्द मध्य प्रदेश के पास गोलियां बनाने की एक नई फैक्ट्री लगाने की जगह तलाश ले। -

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