शनिवार, 7 जून 2014

पत्नी का न्यूड वीडियो अपलोड किया पोर्न साइट पर




लंबे समय से बिना काम के घर में बैठे युवक को पैसे की सख्त जरूरत थी। उसे अपनी जरूरतों को पूरा करने का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था।

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पैसों की लालच में वो बहुत ही नीचे गिरकर सोचने लगा। उसकी सोच इतना भी भयावह हो सकती है जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते।

युवक को बेहद प्यार करने वाली उसकी पत्नी उसपर बहुत भरोसा करती थी।

एक दिन युवक ने पत्नी को भरोसे में लिया और उसे न्यूड कर दिय। युवक ने पत्नी की न्यूड वीडियो तैयार कर ली। यहां तक पत्नी उसपर भरोसा करती रही।

लेकिन जब युवती ने खुद की न्यूड वीडियो एक पोर्न साइट पर देखी तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई।

युवती ने जब इसके बारे में पति से पूछा तो, वो टालमटोल करने लगा। घटना मुंबई से सटे ठाणे इलाके की है।

नवघर थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अजय कुरंडकर ने बताया किपीडिता की शिकायत पर उसके पति के खिलाफ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।

पुलिस ने बताया कि शिकायत के आधार पर आरोपी आशीष गुप्ता को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।

उसपर भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत आरोप लगाया गया है।

जैसलमेर देह व्यापर के आरोप में दो महिलाऐं हिरासत में

जैसलमेर देह व्यापर के आरोप में दो महिलाऐं  हिरासत में 

जैसलमेर जिला मुख्यालय स्थित कच्ची बस्ती गफ्फूर भत्ता पर स्थानीय पुलिस ने कार्यवाही  व्यापर के आरोप में  दो महिलाओ को हिरासत में।  सूत्रानुसार कोतवाली पुलिस ने गफूर भट्टा बस्ती के एक मकान  पर दबिश दे कर दो महिलाओं को देह व्यापर के आरोप में हिरासत में लिया,पुलिस दोनों  महिलाओं को कोतवाली थाना ले गयी जहां महिलाओ से पूछताछ की जा रही हैं। सूत्रानुसार पुलिस की इस कार्यवाही से बड़े सेक्स रेकेट का खुलासा होने की संभावना हे

शुक्रवार, 6 जून 2014

करणी माता जहां होती है चूहों की पूजा













 
 
भारत मंदिरों का देश है। यहां के जैसे मंदिर दुनिया के किसी भी कोने में नहीं हैं। साथ ही हमने आपको ये भी बताया था कि आज जब जब दुनिया में भारत की बात होती है तो यहां के बेहतरीन वास्तुकला से सुसज्जित मंदिरों का वर्णन अवश्य होता है। इसी क्रम में आज हम आपको अवगत कराएंगे भारत के एक ऐसे ही मंदिर से जहां मन्दिर के प्रमुख देवता से ज्यादा महत्त्व वहां रहने वाले चूहों को दिया जाता है। अब इसे आस्था कहें या अंध विश्वास लेकिन इस मंदिर में प्रशाद तभी शुद्ध माना जाता है जब वहां मौजूद चूहें उसे जूठा कर दें। तो चलिए हम आपको ले चलते हैं चूहे वाले मंदिर की सैर पर... मूषक मंदिर, या चूहों का ये मंदिर राजस्थान के बीकानेर से लगभग 30 किलोमीटर दूर जोधपुर रोड पर गांव देशनोक की सीमा में स्थित है। इस मंदिर को करणी माता मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू धर्म में इस मंदिर का शुमार देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों में है। देवी करणी माता इस मंदिर की प्रमुख देवी हैं और इन्हीं को ये खूबसूरत मंदिर समर्पित किया गया है। करणी माता को हिंदू धर्म में मां दुर्गा का अवतार भी माना गया है। क्षेत्र और यहां के बुजुर्गों द्वारा सुनाई जाने वाली किंवदंतियों के अनुसार, राव बीकाजी,जिन्हें बीकानेर का निर्माता कहा जाता को देवी करणी माता से आशीर्वाद प्राप्त था। तब उस समय देवी को बीकानेर राजवंश के संरक्षक देवता के रूप में पूजा जाता है। बताया जाता है की राजा गंगा सिंह द्वारा 20 वीं शताब्दी में इस मंदिर का निर्माण किया गया था। इस मंदिर का शुमार भारत के कुछ चुनिंदा खूबसूरत मंदिरों में किया गया है। संगमरमर से बने मंदिर की भव्यता देखने लायक है। इस मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार चांदी का है। इस मंदिर के सम्बंध में कहा जाता है कि जैसे ही आप मंदिर का दूसरा गेट पार करेंगे आपको ढ़ेर सारे छोटे बड़े चूहे देखने को मिलेंगे, जिनकी धमा चौकड़ी देखकर आप दंग रह जाएंगे। यहां आने वाले चूहों की बहुतायत का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि पैदल चलने के लिए अपना अगला कदम उठाकर नहीं, बल्कि जमीन पर घसीटते हुए आगे रखना होता है जिससे यहां के चूहों को कोई कष्ट न पहुंच सके। लोग इसी तरह कदमों को घसीटते हुए करणी मां की मूर्ति के सामने पहुंचते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर पाते हैं। यहां का मुख्य मंदिर चूहों से भरा पड़ा है यहां चूहे पूरे मंदिर प्रांगण में मौजूद रहते है। वे श्रद्धालुओं के शरीर पर कूद-फांद करते हैं, लेकिन किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते। चील, गिद्ध और दूसरे जानवरों से इन चूहों की रक्षा के लिए मंदिर में खुले स्थानों पर बारीक जाली लगी हुई है। इन चूहों की उपस्थिति की वजह से ही श्री करणी देवी का यह मंदिर चूहों वाले मंदिर के नाम से भी विख्यात है। ऐसी मान्यता है कि यदि किसी भी श्रद्धालु को यहां सफेद चूहे के दर्शन हो जाएं तो बड़ा भाग्यशाली होता है, साथ ही यश धन और वैभव ऐसे व्यक्ति के कदम चूमते हैं। यहां आने वाले पर्यटकों के बीच सुबह पांच बजे की मंगला आरती और शाम सात बजे आरती के समय चूहों का जुलूस मुख्य आकर्षण है। मां करणी मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको बीकानेर से कई बसें, जीप व टैक्सियां मिल जाएंगी जो आपको बहुत कम समय में यहां पहुंचा देंगी। ट्रेन के माध्यम से भी आप बड़ी आसानी से यहां पहुँच सकते हैं। देश के कई प्रमुख शहरों से यहां आने के लिए ट्रेन मिलती है। यहां वर्ष में दो बार नवरात्र और चैत्र आश्विन माह में विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। इस दौरान यहां लोगों की काफी भीड़ रहती है। तब भारी संख्या में लोग यहां पहुंचकर मनौतियां मनाते हैं। श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए मंदिर के पास धर्मशालाएं भी हैं जहां वो कम पैसे में पूरी सुविधा के साथ रह सकते हैं।

जोधपुर के आसमान में 40 हजार फीट ऊंचाई पर सुखोई व राफेल ने एक साथ भेदा लक्ष्य


गरुड़-५
भारत-फ्रांस एयरफोर्स का संयुक्त युद्धाभ्यास
जोधपुर के आसमान में 40 हजार फीट ऊंचाई पर सुखोई व राफेल ने एक साथ भेदा लक्ष्य  



चौथा दिन





  ऑपरेशन रूम में साझा ब्रीफिंग
वारगेम शुरू होने से पहले जोधपुर एयरबेस के ऑपरेशन रूम में सुबह पांच बजे दोनों ही देशों के सीनियर अफसरों ने ब्रीफिंग दी। साझा ब्रीफिंग के दौरान सुखोई व राफेल के पायलटों को संयुक्त फ्लाइट्स प्लान बताया गया। एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) को एक सीक्रेट कोड दिया गया।
जोधपुर एयरबेस पर हो रहे भारत व फ्रांस की वायुसेनाओं के संयुक्त युद्धाभ्यास में गुरुवार सुबह करीब 6 बजे भारतीय फ्रंटलाइन फाइटर प्लेन सुखोई 30 एमकेआई और फ्रांसिसी लड़ाकू विमान राफेल एक साथ उड़े। दोनों के पायलटों ने करीब 40 हजार फीट की ऊंचाई पर काल्पनिक दुश्मन की इस मिसाइल को हवा में ही नेस्तनाबूद किया।
जोधपुर एयरबेस के रनवे से गुरुवार सुबह उड़ान भरता राफेल। इसके पीछे उम्मेद भवन पैलेस दिखाई दे रहा है। 


उड़ाएंगे एक-दूसरे के विमान
दोनों देशों के एयर चीफ की जोधपुर यात्रा से पहले युद्धाभ्यास में भाग ले रहे भारतीय व फ्रांसिसी पायलट एक-दूसरे के विमान उड़ाएंगे। इसके लिए तैयार किए गए ऑपरेशन प्लान के तहत सुखोई के पायलट राफेल और राफेल के पायलट सुखोई उड़ाएंगे।

बाड़मेर कूटरचित दस्तावेज से परिषद की जमीन बेच डाली , जांच के आदेश


बाड़मेर कूटरचित दस्तावेज से परिषद की जमीन बेच डाली ,

जांच के आदेश

बाड़मेर. शहर के माणक हॉस्पिटल के पास नगरपरिषद की बेशकीमती जमीन कूटरचित दस्तावेजों के आधार बेचान करने के मामले को परिषद सभापति ने गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए है। इस संबंध में जांच कमेटी गठित कर सात दिन में रिपोर्ट देने के आदेश दिए गए। साथ ही दोषी लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए है।
माणक हॉस्पिटल के पास नगरपरिषद ने कचरा संग्रहण के लिए जमीन खाली छोड़ रखी थी। परिषद के तत्कालीन अधिकारियों ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर विवादित जमीन को बेच दिया। इसके बाद प्रशासन शहरों के संग अभियान में उक्त जमीन का पट्टा भी जारी कर दिया गया। इस मामले को लेकर सभापति उषा जैन ने जांच कमेटी गठित कर सात दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए है। कमेटी में उप सभापति चैनसिंह भाटी, पार्षद प्रकाश सर्राफ, पीतांबर सोनी, विधि सलाहकार दलपतसिंह को शामिल किया गया है।
जांच कमेटी गठित, दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश

गुरुवार, 5 जून 2014

अर्जुन मेघवाल ने संसद में गुंजाई राजस्थानी

अर्जुन मेघवाल ने संसद में गुंजाई राजस्थानी

बाड़मेर राजस्थान के बीकानेर से भाजपा सांसद अर्जुन मेघवालने संसद में राजस्थानी भाषा में शपथ लेने का आग्रह कर संसद का ध्यान राजस्थानी भाषा की और खिंचा। आसान ने संवेधानिक मान्यता न होने के कारन अर्जुन मेघवाल को राजस्थानी में शपथ लेने की अनुमति नहीं दी। इसके बावजूद पुरे सदन में राजस्थानी भाषा का मुद्दा गुंजायमान हो गया ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित वरिष्ठ नेताओ  ध्यान राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता देने  मुद्दे की तरफ खिंचा। राजस्थानी भाषा समिति के प्रदेश उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया की सांसद अर्जुन मेघवाल ने राजस्थानी भाषा को मान्यता का मुद्दा बेहतर तरीके से संसद में शपथ के आग्रह के साथ रखा। उन्होंने अर्जुन मेघवाल का धन्यवाद ज्ञापित किया की संसद में राजस्थान से  सांसद ने राजस्थानी भाषा में शपथ लेने का आग्रह कर अपनी मायड़ भाषा के प्रति सम्मान व्यक्त किया साथ ही चौदह करोड़ राजस्थानियों की भवन को संसद में रखा। 

नवाज शरीफ ने नरेन्द्र मोदी की मां के लिए भेजा तोहफा -



नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने नरेन्द्र मोदी की मां के लिए तोहफा भेजा है। मोदी ने गुरूवार को ट्वीट किया कि नवाज शरीफ ने मेरी मां के लिए शानदार साड़ी भेजी है। मैं उनका आभारी हूं। जल्द ही साड़ी मेरी मां के पास भेज दूंगा। जब नवाज शरीफ मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने दिल्ली आए थे तब मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को उनकी मां के लिए शॉल गिफ्ट की थी।

Nawaz Sharif sends a white saree for PM Modi`s Motherशरीफ की बेटी मरियम ने टि्वटर पर मोदी का शुक्रिया अदा किया था। उन्होंने लिखा था मेरी दादी के लिए शॉल देने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया। मेरे पिता ने खुद मुझे यह गिफ्ट सौंपा है।" टि्वट के साथ मरियम ने शॉल की फोटो भी पोस्ट की थी। मोदी ने सार्क देशों के प्रमुखों को शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया था।

"शॉल-साड़ी में खोया शहीद का सिर"
नवाज शरीफ द्वारा मोदी की मां के लिए भेजी गई साड़ी पर कड़ी प्रतिक्रिया की है। विश्वास ने ट्वीट किया है, "शॉल और साडियों के सरहद पार आने-जाने की खबरों के बीच शहीद हेमराज की पत्नी अपने पति के सरहद पार रह गए सिर की प्रतीक्षा कर रही है।" गौरतलब है कि पिछले साल पाक सेना ने भारतीय सैनिकों की एक टुकड़ी पर हमला बोल दिया था और दो सैनिकों का सिर काटकर अपने साथ ले गए थे। शपथ ग्रहण पर नवाज शरीफ जब दिल्ली आए तब हेमराज की विधवा ने नरेंद्र मोदी से अपील की थी कि उनके पति का सिर भारत वापस लाया जाए। - 

राजस्थान 10वीं बोर्ड के नतीजे शुक्रवार को


Rajasthan 10th board result will be declared on June 6
अजमेर। राजस्थान बोर्ड का 10वीं कक्षा के नतीजे शुक्रवार को शाम 5 बजे जारी किए जाएंगे। बोर्ड ने इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली है। शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ जयपुर में बटन दबाकर रिजल्ट घोषित करेंगे।

परीक्षा परिणाम बोर्ड की वेबसाइट के साथ ही बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक  पर भी देखे जा सकत हैं। इस साल लगभग साढ़े 11 लाख विद्यार्थी परीक्षा में बैठे थे। गौरतलब है कि बोर्ड 12वीं और प्रवेशिका के परिणाम पहले ही जारी कर चुका है। -

जसवंत सिंह बनेंगे तमिलनाडु के राज्यपाल!



दिल्ली। एनडीए नीत केन्द्र सरकार जल्द ही कुछ राज्यों के राज्यपाल बदल सकती है। इसके तहत भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को राज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है। इसमें पूर्व विदेश मंत्री और भाजपा से बगावत कर लोकसभा चुनाव लड़ने वाले जसवंत सिंह का भी नाम है।

Rebel BJP leader Jaswant Singh might be appointed as governor of Tamil Naduसूत्रों के अनुसार अगले महीने कुछ राज्यों के राज्यपाल बदले जा सकते हैं। इसके चलते जसंवत सिंह को तमिलनाडु का राज्यपाल बनाया जा सकता है। वहीं ऎसा भी माना जा रहा है कि जसवंत सिंह को रक्षा मंत्रालय से जुड़े सलाहकार मंडल में भी शामिल किया जा सकता है। गौरतलब है कि रक्षा मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी अभी वित्त मंत्री अरूण जेटली के पास है।

इसके अलावा भाजपा नेता कल्याण सिंह, लालजी टंडन, वीके मल्होत्रा, मुरली मनोहर जोशी और यशवंत सिंहा को भी राज्यपाल बनाया जा सकता है। इनमें मुरली मनोहर जोशी को महाराष्ट्र और वीके मल्होत्रा को कर्नाटक का राज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है।

गौरतलब है कि लोकसभा चुनावों में भाजपा के कर्नल सोनाराम से शिकस्त मिलने के बाद जसवंत सिंह अपने पुराने साथियों लाल कृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी से मिलने गए थे। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी जसंवत के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया है। कुछ दिनों पहले मोदी ने जसंवत को पत्र लिखकर उन्हें उचित सम्मान देने का आश्वासन दिया था।

वहीं जसवंत सिंह भी अपने बेटे और शिव विधायक मानवेन्द्र सिंह को फिर से भाजपा में शामिल करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। मानवेन्द्र को लोकसभा चुनावों के दौरान जसवंत सिंह के लिए प्रचार करने के आरोपों के चलते भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था। - 

80 हजार में चार मासूमों का किया सौदा

बांसवाड़ा। जनजाति बाहुल्य बांसवाड़ा में चंद रूपयों की लालच में मासूमों का चरवाहों के हाथों 20-20 हजार रूपए में सौदा कर देने का गंभीर मामला सामने आया है।
4 children sold in 80 thousand in bansbara 
जिले के तीन गांवों के चार परिवारों ने रिश्ते, ममता और संवेदना को ताक में रखकर अपने ही बच्चों को एक साल के लिए चरवाहों को सौंप दिया।

इसका भांडा तब फूटा जब ये बच्चे शोषण से परेशान होकर भाग खड़े हुए और लावारिस हालत में मध्य प्रदेश के हरदा रेलवे स्टेशन पर बरामद किए गए। फिलहाल बच्चे मध्यप्रदेश में ही सरकारी संरक्षण में हैं। बच्चों के बयानों में प्रारंभिक तौर पर सौदे की पुष्टि हुई है।

बच्चों को घर पहुंचाया जाएगा
बाल कल्याण समिति बांसवाड़ा के अध्यक्ष गोपाल पंडया ने बताया कि बच्चों को यहां लाने के बाद आगे की कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

चाइल्ड लाइन हरदा मध्यप्रदेश के हेमंत चंदेवा ने बताया कि जल्द बच्चों को उनके घर तक पहुंचाया जाएगा। गरीबी के कारण वागड़ के बालकों का शोषण अर्से से चल रहा है।

इस काम में बकायदा दलाल सक्रिय हैं, जो स्टॉम्प पर इकरारनामे के माध्यम से बच्चे एक से दो वर्ष के लिए तय राशि में चरवाहों तक पहुंचाते रहे हैं। बच्चों के शोषण के इस काम में दलाल अपनी "चांदी" कूट लेते हैं। बिहार व अन्य राज्यों में भी ठेकेदारों के माध्यम से बच्चे श्रम के लिए ले जाए जाते रहे हैं।

बच्चों की उम्र 12 साल से कम
इन बच्चो की आयु बारह साल से कम है और बांसवाड़ा जिले के उबापाणा, धनपुरा व सरवनी गांव के हैं। बच्चों को चाइल्ड लाइन हरदा के माध्यम से बाल कल्याण समिति खण्डवा ने शेल्टर होम में रखवाया है।

चाइल्ड लाइन और समिति के लोगों को बच्चों ने बताया कि उन्हें भेड़ें चराने के लिए बीस-बीस हजार रूपए में चरवाहों को सौंपा गया है।

चरवाहों के पास एक वर्ष रहना था, लेकिन भेड़ों के साथ कई किलोमीटर पैदल सफर कराने के अलावा उन्हें पूरा खाना भी नहीं दिया जा रहा था। आए दिन मारपीट हो रही थी। इस पर उन्होंने भागने की योजना बनाई। -  

बहू ने सास-ससुर को करा अंधा, प्रेमी संग रंगरलियां



श्रीगंगानगर। राजस्थान में अवैध संबंधों की खातिर अपने सास-ससुर की आंखों की रोशनी छीन लेने के शर्मनाक खेल का भंडोफोड़ हुआ है। प्रेमी के साथ रंगरलियां मनाने के लिए समेजाकोठी निवासी एक शादीशुदा महिला अपने सास-ससुर को चोरी- छिपे लगातार नशे का पाउडर खिलाती गई, जिससे दोनों की देखने की क्षमता ही खत्म हो गई।

woman, along with her paramour blinds her in laws 
पति ने शक के आधार पर जब अपनी पत्नी के फोन की रिकार्डिग की तो सच्चाई सामने आई। पुलिस ने पति की शिकायत पर पत्नी और उसके प्रेमी के खिलाफ विभिन्न संगीन धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल दोनों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

समेजा कोठी थाना प्रभारी मदनलाल बिश्नोई के अनुसार बगीचा गांव निवासी एक व्यक्ति ने आरोप लगाए कि 14 एसजेएम गांव निवासी तलारा सिंह जटसिख के उसकी पत्नी के साथ जुलाई 2012 से अवैध सबंध चल रहे हैं। वह काम के सिलसिले में अक्सर बाहर रहता है।

पीछे से अपने गलत इरादों को अंजाम देने के लिए आरोपी तलारा सिंह उसकी पत्नी को नशीली दवाओं का पाउडर उपलब्ध कराता था, जिसे उसकी पत्नी खाने-पीने की चीजों में मिलाकर बुजुर्ग सास-ससुर को दे देती थी।

लगातार नशे के सेवन से दोनों की आंखों की रोशनी चली गई। उसे संदेह तब हुआ जब माता-पिता के इलाज के दौरान चिकित्सक ने बताया कि उनकी आंखों की रोशनी नशीली गोलियों का लगातार सेवन से गई है।

फोन रिकार्डिग ने उगले राज

सच्चाई का पता लगाने के लिए फरियादी पति ने ऑटो कॉल रिकार्डिग वाला फोन पत्नी को लाकर दिया। ऑटो रिकार्डिग से बेखबर आरोपी पत्नी और उसका प्रेमी हर तरह की बातें करते रहे। इसी रिकार्डिग को पति ने सबूत के तौर पर पुलिस को बताया है। उसने रिपोर्ट में लिखा कि वह बतौर सबूत यह रिकार्डिग पुलिस को जांच के दौरान सौंप देगा। आरोपी पत्नी और प्रेमी ने उसकी मां की सोने की बालियां भी उतारकर कब्जे में कर ली हैं।

नरेन्द्र मोदी सितम्बर में जाएंगें अमरीका, ओबामा से करेंगें मुलाकात



नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का वीजा विवाद अब जल्द ही खत्म होने वाला है। मोदी ने पीएम बनने के बाद विदेश नीति पर लिए गए अब तक के अपने सबसे बड़े फैसले में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात का वक्त तय कर लिया है।

PM Narendra Modi to meet Barack Obama in Septemberनरेन्द्र मोदी इसी साल सितंबर के आखिरी हफ्ते में वाशिंगटन में संयुक्त राष्ट संघ की बैठक के दौरान राष्ट्रपति ओबामा से मिलेंगे।

गौरतलब है कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद बराक ओबामा ने उन्हें फोन करके बधाई देने के साथ ही वॉशिंगटन आने का न्योता भी दिया था, ताकि दोनों देशों के रिश्ते को मजबूत किया जा सके।

मोदी-ओबामा की इस मुलाकात के साथ ही नरेंद्र मोदी के यूएस वीजा विवाद का भी अंत हो जाएगा।

गौरतलब है कि 2002 के गुजरात दंगों के बाद यूएस ने 2005 में नरेन्द्र मोदी का वीजा रद्द करते हुए उनके अमेरिका में दाखिल होने पर रोक लगी दी थी।

मोदी ने सचिवों से मुलाकात कर कहा, डरे मत 'मैं हूं ना'



नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज शाम केन्द्र सरकार के सचिवों के साथ तीन घंटे तक मैराथन विचार विमर्श किया और उन्हें अपनी सरकार की कार्यप्रणाली के एजेंडे से अवगत कराया। यह बैठक शाम साढे छह बजे शुरू हुई और रात नौ बजकर 20 मिनट पर समाप्त हुई। प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों के अनुसार इस बैठक में श्री मोदी ने केन्द्र के मंत्रालयों के सचिवों को न्यूनतम शासन चुस्त प्रशासन के अपने दर्शन से अवगत कराया और समयबद्ध ढंग से विभिन्न कार्यक्रमों को पूरा करने की हिदायत दी।

मोदी ने सचिवों से मुलाकात कर कहा, डरे मत 'मैं हूं ना' इस बैठक में प्रधानमंत्री के साथ कैबिनेट सचिव अजित सेठ और उनके प्रधान सचिव नृपेन्द्र मिश्रा मौजूद थे। बैठक में केन्द्र सरकार के 50 से ज्यादा सचिवों ने हिस्सा लिया। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने हरेक मंत्रालय के सचिव से उनके मंत्रालय में लंबित फैसलों की जानकारी ली और इनके समयबद्ध ढंग से समाधान की रूपरेखा जाननी चाही। प्रधानमंत्री द्वारा अपनी तरह की यह पहली बैठक थी जिसमे मंत्रियों को न बुलाकर उनके सचिवों को प्रधानमंत्री कार्यालय में तलब किया गया। उल्लेखनीय है कि श्री मोदी ने अपने पास महत्वपूर्ण नीतिगत फैसलों को रखा है और इसे देखते हुए सचिवों की इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

जानिए श्रीबांकेबिहारी के गुप्त रहस्य



जानिए श्रीबांकेबिहारी के गुप्त रहस्यश्री वृन्दावन धाम श्यामा जू और श्री कुञ्ज बिहारी का निज धाम है। यहां राधा-कृष्ण की प्रेमरस-धाराबहती रहती है। मान्यता है कि चिरयुवाप्रिय-प्रियतम श्रीधामवृंदावन में सदैव विहार में संलग्न रहते हैं। यहां निधिवन को समस्त वनों का राजा माना गया है, इसलिए इनको श्रीनिधि वनराज कहा जाता है। माना जाता है कि आज से लगभग पांच शताब्दी पूर्व राधा रानी की सखी ललिता जी ने स्वामी हरिदास के रूप में अवतार लिया था। स्वामी हरिदास वृन्दावन के निधिवन में लता कुञ्जों से लाड लड़ाया करते थे । कहा जाता है की जब स्वामी हरिदास भाव से विभोर हो कर अपने आराध्य श्रीराधा- कृष्ण की महिमा का गुणगान करते थे तो वे इनकी गोद में आ कर बैठ जाते थे ।

स्वामी हरिदास के प्रिय शिष्य और भतीजे विठ्ठल विपुलदेव ने अपनी जन्मतिथि मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी के दिन उनसे कुञ्जबिहारी और विहारिणी जू के सगुण-साकार रूप का दर्शन करवाने का अनुरोध किया। इस पर स्वामी हरिदास ने अपने तानपूरे पर तान छेड़ी, तो प्रिया प्रियतम प्रकट हो गए। उनके अलौकिक तेज़ के तीव्र प्रकाश को उनकी आंखे सहन नहीं कर पा रही थी। तब स्वामी हरिदास ने प्रार्थना की-

सहज जोरी प्रगट रहति नित।
जु रंग की गौर-स्याम,घन-दामिनि जैसे।
प्रथम हुं हुते , अब हूं, आगे हूं रहिहै, न टरिहै तैसे॥
अंग-अंग की उजराई,सुघराई,चतुराई, सुंदरता ऐसे।
हरिदास के स्वामी, स्यामा-कुंजबिहारी,सम वैसे वैसे॥

स्वामी हरिदास के आग्रह पर श्री श्यामाजू श्री श्यामसुंदर में ऐसे लीन हो गईं, जैसे बिजली चमकने के बाद मेघ में लीन हो जाती है। इस प्रकार प्रिय-प्रियतम का युगल स्वरूप श्रीबांकेबिहारी के रूप में सामने आया।

स्वामी जी ने इस विग्रह का नाम ठाकुर बांके बिहारी रखा और प्रकट हुए स्थान को विशाखा कुंड नाम दिया स्वामी हरिदास जी निधिवन में बिहारी जी के विग्रह की नित्य प्रति बड़े ही विधि-विधान से सेवा-पूजा किया करते थे। कहा जाता है की ठाकुर बांके बिहारी की गद्दी पर स्वामी जी प्रतिदिन 12 स्वर्ण मोहरे रखी हुई मिलती थी जिन्हें वह उसी दिन बिहारी जी का विभिन्न प्रकार के व्यजनों से भोग लगाने में व्यय कर देते थे । वे भोग लगे व्यजनों को बंदरों, मोरों,मछलियों और कछुओं आदि जीव-जन्तुओं को खिला देते थे। जबकि वे स्वयं ब्रजवासियो से मांगी गई भिक्षा से ही संतुष्ट हो लेते थे ।

युगलछवि-दर्शन
श्रीबांकेबिहारी में श्यामा-श्याम की युगल छवि समाहित है। यही कारण है कि मंदिर में श्रीबांकेबिहारी के बगल में राधारानी का विग्रह दिखाई नहीं देता लेकिन आप जब ठाकुरजी को ध्यान से देखेंगे, तो उनमें आपको श्यामा-कुंजबिहारी की युगल छवि स्पष्ट दिखाई देगी। यह श्रीबांकेबिहारी का अर्धनारीश्वर स्वरूप है। शास्त्रों का स्पष्ट कथन है कि राधा के बिना श्रीकृष्णजी अधूरे हैं। स्कंदपुराण में श्रीराधा को श्रीकृष्ण की आत्मा बताते हुए दोनों में अभेद-दृष्टि रखने का निर्देश दिया गया है।

ब्रह्मांडपुराण में राधा-कृष्ण को तत्वत: एक बताया गया है-
य: कृष्ण: सापि राधा च या राधा कृष्ण एव स:।
एकं ज्योतििर्द्वधा भिन्नंराधामाधवरूपकम् —

भगवान के दिव्य लीला विग्रहों का प्राकट्य ही वास्तव में अपनी आराध्या श्री राधा जू के निमित्त ही हुआ है। श्री राधा जू प्रेममयी हैं और भगवान श्री कृष्ण आनन्दमय हैं। जहां आनन्द है वहीं प्रेम है और जहां प्रेम है वहीं आनन्द है। आनन्द-रस-सार का धनीभूत विग्रह स्वयं श्री कृष्ण हैं और प्रेम-रस-सार की धनीभूत श्री राधारानी हैं अत: श्री राधा रानी और श्री कृष्ण एक ही हैं।

श्री कृष्ण स्पष्ट करते है कि,"राधा और मैं दो नहीं एक ही हैं। तेज को मैं दो में इसलिए बांट देता हूं कि मैं स्वंय इस अवतार में रपास्वादन करना चाहता हूं क्योंकि पहले में मर्यादा में बंधा था। अब इस अवतार में पूर्ण रस में लीन रहना चाहता हूं। वही रस सागर श्री राधे हैं।"

विश्व पर्यावरण दिवस: खतरे में है हमारी धरती



पर्यावरण संरक्षण तथा इसे पहुंच रहे खतरों के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर वर्ष 5 जून के दिन को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसकी स्थापना 1972 में संयुक्त राष्ट्र आम सभा में की गई थी जिस दिन यूनाइटिड नेशन्स कांफ्रैंस ऑन ह्यूमन एन्वायरनमैंट का आयोजन किया गया था। प्रथम विश्व पर्यावरण दिवस का आयोजन 5 जून, 1973 को किया गया था।

विश्व पर्यावरण दिवस: खतरे में है हमारी धरती इस वर्ष के विश्व पर्यावरण दिवस की थीम ‘छोटे टापू तथा मौसम में परिवर्तन’ है इसीलिए इस साल का आधिकारिक स्लोगन है- ‘रेज योर वॉइस नॉट द सी लैवल’ (अपनी आवाज उठाओ न कि समुद्र का जलस्तर)।

दुनिया भर में असर
गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों से वर्षा की मात्रा में कहीं अत्यधिक कमी तो कहीं जरूरत से बहुत अधिक वर्षा जिससे कहीं बाढ़ तो कहीं सूखा पड़ रहा है, समुद्र का बढ़ता जलस्तर, मौसम के मिजाज में लगातार परिवर्तन, पृथ्वी का तापमान बढ़ते जाना जैसे भयावह लक्षण लगातार नजर आ रहे हैं।

मौसम का बिगड़ता मिजाज मानव जाति, जीव-जंतुओं तथा पेड़-पौधों के लिए तो बहुत खतरनाक है ही, साथ ही पर्यावरण संतुलन के लिए भी गंभीर खतरा है। मौसम एवं पर्यावरण विशेषज्ञ विकराल रूप धारण करती इस समस्या के लिए औद्योगिकीकरण, बढ़ती आबादी, घटते वनक्षेत्र, वाहनों के बढ़ते कारवां तथा तेजी से बदलती जीवन शैली को खासतौर से जिम्मेदार मानते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले 10 हजार वर्षों में भी पृथ्वी पर जलवायु में इतना बदलाव और तापमान में इतनी बढ़ौतरी नहीं देखी गई, जितनी पिछले कुछ ही वर्षों में देखी गई है।

हानिकारक गैसें : कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, मीथेन पर्यावरण असंतुलन के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं।

क्यों बिगड़ा संतुलन
पृथ्वी तथा इसके आसपास के वायुमंडल का तापमान सूर्य की किरणों के प्रभाव अथवा तेज से बढ़ता है और सूर्य की किरणें पृथ्वी तक पहुंचने के बाद इनकी अतिरिक्त गर्मी वायुमंडल में मौजूद धूल के कणों एवं बादलों से परावर्तित होकर वापस अंतरिक्ष में लौट जाती है। इस प्रकार पृथ्वी के तापमान का संतुलन बरकरार रहता है लेकिन पिछले कुछ वर्षों से वायुमंडल में हानिकारक गैसों का जमावड़ा बढ़ते जाने और इन गैसों की वायुमंडल में एक परत बन जाने की वजह से पृथ्वी के तापमान का संतुलन निरंतर बिगड़ रहा है।

ग्रीन हाऊस गैसें
दरअसल पृथ्वी के वायुमंडल के तापमान में लगातार हो रही वृद्धि और मौसम के मिजाज में निरन्तर परिवर्तन का प्रमुख कारण है वायुमंडल में बढ़ती ग्रीन हाऊस गैसों की मात्रा। औद्योगिक क्रांति तथा वाहन इत्यादि तो इसके लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं ही, इसके साथ-साथ वनों का बड़े पैमाने पर दोहन किया जाना भी इस समस्या को विकराल रूप प्रदान करने में अहम भूमिका निभाता रहा है। पेड़-पौधों द्वारा अपना भोजन तैयार करते समय संश्लेषण की प्रक्रिया में सूर्य की किरणों के साथ-साथ कार्बन डाइऑक्साइड गैस का भी काफी मात्रा में प्रयोग किया जाता है और अगर वनों का इस कदर अंधाधुंध सफाया न हो रहा होता तो कार्बन डाइऑक्साइड गैस की काफी मात्रा तो वनों द्वारा ही सोख ली जाती और तब पृथ्वी के तापमान को बढ़ाने में ग्रीन हाऊस परत इतनी सशक्त भूमिका न निभा रही होती।

समुद्र भी प्रतिवर्ष वायुमंडल से करीब दो अरब टन कार्बन डाइऑक्साइड गैस अपने अंदर ग्रहण कर लेते हैं, जिसके फलस्वरूप ग्रीन हाऊस गैसों का प्रभाव कम हो जाता है लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी के बढ़ते तापमान के चलते कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण करने की समुद्र की क्षमता में भी अब 50 फीसदी तक कमी आने की संभावना है।

वक्त की मांग यही है कि दुनिया भर के राष्ट्र आपसी मतभेद दरकिनार करते हुए इस दिशा में सार्थक पहल करें तथा अपने-अपने स्तर पर ग्रीन हाऊस गैसों के वायुमंडल में न्यूनतम विसर्जन के लिए भी अपेक्षित कदम उठाएं।

—योगेश कुमार गोयल