शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2014

डेंजरस इश्क ने "प्रेमियों" को पहुंचाया जेल

जयपुर। कहते हैं प्यार अंधा होता है और इसी अंधेपन में कई बार प्रेमी ऎसे भटकते हैं कि सीधे सलाखों के पीछे पहुंच जाते हैं।
जयपुर सेंट्रल जेल में ही ऎसे 62 "प्रेमी" बंद हैं। इनमें से अधिकांश पर प्रेमिका को गिफ्ट देने के लिए लूटपाट करने या फिर प्रेमिका के इनकार करने पर परिवार वालों की हत्या के आरोप हैं।

प्रेमिका मुकरी तो की हत्या
जयपुर सेंट्रल जेल में बैरक नंबर बारह में बंद हत्या के आरोपी एक कैदी की दास्तां बड़ी अजीब है। सीकर निवासी प्रेमी युवक ने अपनी प्रेमिका की हत्या कर दी थी और पुलिस ने उसे दबोच लिया।

युवक की मानें तो हत्या करने के पीछे एक बड़ा कारण था। प्रेमिका और प्रेमी फरार हो गए। दोनों बालिग थे। आरोप है कि कुछ दिन में प्रेमिका फिर से अपने घर पहुंच गई और परिजनों के साथ पुलिस थाने जाकर प्रेमी के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कराया। जब प्रेमी को पता चला तो उसने प्रेमिका की हत्या कर दी। आरोपी की उम्र करीब 28 साल है।

इम्प्रेस करने के लिए स्नेचिंग
जयपुर सेंट्रल जेल में पिछले एक साल में आधा दर्जन से भी ज्यादा छात्रों को पुलिस ने पकड़कर बंद किया है। सभी छात्र जयपुर के बाहर के रहने वाले हैं। वे जयपुर पढ़ने के लिए आए और प्यार में पड़ अपराध के रास्ते पर चल पड़े। पूछताछ में सामने आया कि इन सभी को अपनी प्रेमिकाओं को इम्प्रेस करने के लिए रूपयों की आवश्यकता थी, जिसके लिए उन्होंने चेन स्नेचिंग करना शुरू कर दिया और पुलिस के हत्थे चढ़ गए। अब सलाखों के पीछे हैं।

गिफ्ट देना था, इसलिए की लूट
जयपुर सेंट्रल जेल में ही बंद जयपुर के दो छात्रों ने प्यार का इजहार करने के लिए ही वारदात को अंजाम दे डाला। जेल सूत्रों के अनुसार जयपुर के रामगंज क्षेत्र में रहने वाले दो युवकों ने करीब दो महीने पहले ही स्कूल जाने वाली दो छात्राओं के साथ दोस्ती की।

दोस्ती के बाद दोनों छात्रों ने अपनी प्रेमिकाओं को गिफ्ट देने की सोची, लेकिन गिफ्ट देने के लिए जब रूपयों का इंतजाम नहीं हुआ तो दोनों छात्रों ने लूटपाट का रास्ता खोज लिया। राह चलते लोगों से लूटपाट की तो लोगों ने पकड़कर धुन दिया और पुलिस के हवाले कर दिया। फिलहाल 21 और 22 साल के ये दोनों पुलिस सेंट्रल जेल में सजा काट रहे हैं।a

बीवी ने किया पति का सिर कलम, उम्रकैद

मुरैना। मध्यप्रदेश के मुरैना जिले की एक अदालत ने पति का सिर कलम करके हत्या करने के आरोप में दोषी पाए जाने पर एक महिला को आजीवन कारावास और अर्थदंड सुनाया है।
अभियोजन के अनुसार जिले के बागचीनी थाना क्षेत्र के उरहेडी गांव निवासी राधाबाई ने अक्टूबर 2010 में आपसी विवाद के चलते पति राधेश्याम यादव का धारदार हथियार से सिर कलम कर दिया था। इस वजह से उसकी मौत हो गई थी।

पुलिस ने घटना के बाद राधाबाई को गिरफ्तार कर लिया था। जिले के जौरा में पदस्थ अपर सत्र न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा कलइस मामले में राधाबाई को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और एक हजार रूपए अर्थदंड सुनाया।

बेटी की हत्यारी मां को 30 साल कैद

अबिलेन। अमरीका के टेक्सास में एक अदालत ने एक मां को अपनी 22 माह की बेटी को चार दिन तक भूखा रख कर मार देने के आरोप में 30 साल की कैद की सजा सुनाई है।
अबिलेन की अदालत ने 23 वर्षीय टिफ्फानी कलाफे को गुरूवार को यह सुनाई। अदालत ने कहा कि था कि इस मां पर अपनी बेटी टामरिन को भूखे मारने का अपराध साबित हो गया है और उसने अपना अपराध कबूल भी कर लिया है।

टिफ्फानी ने टामरिन को एक कमरे में बंद करके दरवाजे में ताला जड़ दिया था। चार दिन बाद टामरिन पालने में मृत पड़ी थी। टिफ्फानी ने अदालत के समक्ष स्वयं के निर्दोष होने के पक्ष में कोई सफाई नहीं दी। हालांकि उसने कहा कि वायुसेना में काम करने वाले उसके पति की विदेशों में तैनाती के कारण उसे तीन बेटियों की परवरिश में मुश्किलें आ रही थीं।

प्यार के लिए मिटे और हमेशा के लिए हो गए 'अमर' प्रेम कहानी शाहजहां मुमताज

प्यार के लिए मिटे और हमेशा के लिए हो गए 'अमर'   प्रेम कहानी  शाहजहां  मुमताज

शाहजहां मुमताज


शाहजहां और मुमताज महल की प्रेम कहानी ने देश को ताज महल जैसी धरोहर दी है. शादी से पहले मुमताज अर्जुमंद बानो नाम से जानी जाती थीं. उनकी बेपनाह खूबसूरती से प्रभावित होकर शाहजहां ने उन्हें अपनी तीसरी बेगम बनाया था. निकाह के बाद उनका नाम मुमताज महल रखा गया, जिसका मतलब होता है महल का बेशकीमती नगीना.

अर्जुमंद बानो का 19 साल की उम्र में सन 1612 में शाहजहां से निकाल हुआ. अर्जुमंद शाहजहां की तीसरी पत्नी थी पर शीघ्र ही वह उनकी सबसे पसंदीदा पत्नी बन गईं. उनका निधन बुरहानपुर में 17 जून, 1631 को 14वीं संतान, बेटी गौहारा बेगम को जन्म देते वक्त हुआ. उनको आगरा में ताज महल में दफनाया गया.


 

प्यार के लिए मिटे और हमेशा के लिए हो गए 'अमर' प्रेम कहानी रोमियो जूलियट

प्रेम कहानी रोमियो जूलियट 
रोमियो जूलियट
रोजलीन के मोहब्बत में टूट चुका रोमियो एक पार्टी में पहुंचा, जहां उसकी मुलाकात जूलियट से हुई और उन दोनों में प्यार हो गया. उन्होंने चुपचाप शादी करने का फैसला लिया. लेकिन दुर्भाग्य से दोनों परिवारों के बीच जंग छिड़ गई. लड़ाई में रोमियो के एक करीबी दोस्त की मौत हो गई. बदले में रोमियो ने भी जूलियट के चचेरे भाई की हत्या कर दी. रोमियो को देश से बाहर जाने की सजा मिली. जूलियट के परिवार वालों ने उसकी शादी का फैसला कर लिया. शादी से बचने के लिए वह नींद वाली दवाई पीकर सो गई, ताकि सबको लगे कि वह मर चुकी है. रोमियो को इस नाटक के बारे में कुछ पता नहीं था. जूलियट के मरने की खबर सुनकर वह वहां पहुंचा और उसने जहर पी लिया. जब जूलियट का नशा उतरा तो सामने अपने प्रेमी की लाश देखकर वह सन्न रह गई. उसने रोमियो के छुरे से ही खुद को मार डाला और दोनों ने एक साथ दुनिया को अलविदा कह दिया.


 

प्यार के लिए मिटे और हमेशा के लिए हो गए 'अमर' पृथ्वीराज चौहान संयोगिता

प्रेम कहानी पृथ्वीराज चौहान संयोगिता

पृथ्वीराज चौहान की बहादुरी के साथ उनकी प्रेम कहानी भी काफी चर्चित है. वह कन्नौज की राजकुमारी संयोगिता से बहुत प्रेम करते थे. दोनों का प्रेम परवान चढ़ रहा था लेकिन संयोगिता के पिता कन्नौज के महाराज जयचंद्र की पृथ्वीराज से दुश्मनी थी.
पृथ्वीराज संयोगिता
जयचंद्र ने संयोगिता के स्वयंवर में पृथ्वीराज को नहीं बुलाया, उल्टा उन्हें अपमानित करने के लिए उनका पुतला दरबान के रूप में दरवाजे पर रखवा दिया. लेकिन पृथ्वीराज बेधड़क स्वयंवर में आए और सबके सामने राजकुमारी को अगवा कर ले गए. राजधानी पहुंचकर दोनों ने शादी कर ली.

कहते हैं कि इसी अपमान का बदला लेने के लिए जयचंद्र ने मोहम्मद गौरी को भारत पर आक्रमण करने का निमंत्रण दिया. गौरी को 17 बार पृथ्वीराज ने हराया. 18वीं बार गौरी ने पृथ्वीराज को धोखे से बंदी बनाया और अपने देश ले गया, वहां उसने गर्म सलाखों से पृथ्वीराज की आंखे तक फोड़ दीं.

इससे पहले कि दुश्मन उन्हें मारते उन्होंने खुद ही अपनी जिंदगी खत्म कर ली, जब संयोगिता को इस बात की खबर मिली तो उन्होंने भी सती होकर जान दे दी.


 

प्यार के लिए मिटे और हमेशा के लिए हो गए 'अमर' प्रेम कहानी। … सोहनी महिवाल

प्रेम कहानी। … सोहनी महिवाल 

पंजाब में एक कुम्हार के घर जन्मी सोहनी. इसी के साथ एक मुगल व्यापारी के यहां जन्म लिया इज्जत बेग ने जो आगे चलकर महिवाल कहलाया. सोहनी के इश्क में गिरफ्तार इज्जत बेग ने उसी के घर में जानवर चराने की नौकरी कर ली. पंजाब में भैंसों को माहियां कहा जाता है. इसलिए भैंसों को चराने वाला इज्जत बेग महिवाल कहलाने लगा. दोनों की मुलाकात मोहब्बत में बदल गई. जब सोहनी की मां को बात पता चली तो उन्होंने महिवाल को घर से निकाल दिया. सोहनी की शादी किसी और से कर दी गई. 
सोनी महिवाल

महिवाल ने अपने खूने-दिल से लिखा खत सोहनी को भिजवाया. सोहनी ने जवाब दिया कि मैं तुम्हारी थी और तुम्हारी रहूंगी. महिवाल ने साधु का वेश बनाया और सोहनी से मिलने पहुंच गया. दोनों फिर मिलने लगे. सोहनी मिट्टी के घड़े के सहारे तैरती हुई चिनाव नदी पार करती और महिवाल से मिलने आती. सोहनी की भाभी ने एक दिन पक्का घड़ा बदलकर मिट्टी का कच्चा घड़ा रख दिया. सोहनी को पता चल गया कि उसका घड़ा बदल गया है फिर भी वह कच्चा घड़ा लेकर नदी में कूद पड़ी. घड़ा टूट गया और वह पानी में डूब गई. उसका शव दूसरे किनारे पर बैठे महिवाल के पैरों से टकराया. वह पागल हो गया. उसने सोहनी के जिस्म को अपनी बांहों में थामा और चिनाव की लहरों में गुम हो गया. सुबह जब मछुआरों के जाल में दोनों के जिस्म मिले जो मर कर भी एक हो गए थे.


 

प्यार के लिए मिटे और हमेशा के लिए हो गए 'अमर' हीर रांझा

प्रेम कहानी। ……। हीर रांझा

पंजाब के झंग शहर में एक अमीर परिवार में पैदा हुई थी हीर. बला की खूबसूरत. चिनाव नदी के किनारे एक गांव था तख्त हजारा. यहीं रहता था धीदो रांझा. हीर से हो गया उसे प्यार. हीर ने उसे अपने पिता की गाय-भैसें चराने का काम दिया. रांझे की बांसुरी की धुन पर वह लट्टू हो गई और उससे प्यार कर बैठी. दोनों एक-दूसरे से छिप-छिप कर मिलने लगे. फिर हीर की शादी जबरदस्ती सैदा खेड़ा नाम के एक आदमी से करा दी गई.
हीर रांझा
रांझे का दिल टूट गया और वह जोग लेने बाबा गोरखनाथ के प्रसिद्ध डेरे टिल्ला जोगियां चला गया. रांझा भी कान छिदाकर 'अलख निरंजन' का जाप करता पूरे पंजाब में घूमने लगा. आखिर एक दिन वह हीर के ससुराल वाले गांव पहुंच गया. फिर दोनों वापस हीर के गांव पहुंच गए, जहां हीर के मां-पिता ने उन्हें शादी की इजाजत दे दी, लेकिन हीर का चाचा कैदो उन्हें खुश देखकर जलने लगा. शादी के दिन कैदो ने हीर के खाने में जहर मिला दिया. हीर की मौत हो गई. नाकाबिल-ए-बर्दाश्त गम का मारे रांझा ने उसी जहरीले लड्डू को खाकर जान दे दी.


गुरुवार, 13 फ़रवरी 2014

1प्रेम कहानी .प्यार के लिए मिटे और हमेशा के लिए हो गए 'अमर' लैला-मजनूं.

अरब का प्रेमी जोड़ा था लैला-मजनूं. अरबपति शाह अमारी के बेटे कैस की किस्मत में इश्क की बीमारी शुरू से ही लिखी थी. दमिश्क के मदरसे में उसने नाज्द के शाह की बेटी लैला को देखा तो पहली नजर में उसका आशिक हो गया. 

कैस की मुहब्बत का असर लैला पर भी हुआ और दोनों ही प्यार के दीवाने हो गए. नतीजतन लैला को घर में कैद कर दिया गया और जुदाई का मारा कैस दीवानों की तरह मारा-मारा फिरने लगा. उसकी दीवानगी देखकर लोगों ने उसे 'मजनूं' नाम दिया.
लैला-मजनूं को अलग करने की लाख कोशिशें की गईं. लैला की किसी और से शादी कर दी गई.
 



लैला बीमार पड़ गई और चल बसी. बाद में लैला की कब्र के पास ही मजनूं की लाश भी बरामद हुई. मजनू ने अपनी कविता के तीन चरण यहीं एक चट्टान पर उकेर रखे थे. लैला के नाम यह मजनू का आखिरी संदेश था.

उनकी मौत के बाद दुनिया ने जाना कि दोनों की मोहब्बत कितनी अजीज थी. दोनों को साथ-साथ दफनाया गया ताकि इस दुनिया में न मिलने वाले लैला-मजनूं जन्नत में जाकर मिल जाएं.







 

नहीं रहे तमिल डायरेक्टर बालु महेंद्र

चेन्नई। प्रख्यात तमिल फिल्मकार बालु महेंद्र का गुरूवार को विजया हॉस्पीटल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 74 साल के थे।
अस्पताल सूत्रों के अनुसार फिल्मकार को दिल का दौरा पड़ा था और सुबह अस्पताल लाया गया था। बाद में उन्हें गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती किया गया, जहां एक घंटे बाद उनका निधन हो गया। उनका शव अंतिम दर्शन के लिए उनके निवास पर पहुंचा दिया गया है।

बालु ने सिनेमाटोग्राफर के रूप में 1974 में मलयालम फिल्म "नेल्लु" से अपने करियर की शुरूआत की थी। 1976 में अपनी पहली फिल्म का निर्देशन करने से पहले उन्होंने 20 फिल्मों में सिनेमाटोग्राफर के रूप में काम किया। उनकी पहली निर्देशित फिल्म "कोकिला" को राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला था।

तमिल सिनेमा के अग्रणियों में गिने जाने वाले बालु ने "मुंदरम पिरई" "संध्या रागम" और "वीदु" जैसी बेहतरीन फिल्में दीं। उनके निर्देशन में बनी आखिरी फिल्म "थलइमुरईगल" पिछले साल आई थी और समीक्षकों द्वारा काफी सराही गई थी। उन्होंने हिंदी सिनेमा को "सदमा" एवं "और एक प्रेम कहानी" जैसी फिल्में दी।

देह व्यापार के आरोप में दो महिला व दो युवक गिरफ्तार

बीकानेर। पुलिस ने देह व्यापार करने के आरोप में बुधवार रात दो महिलाओं व दो युवकों को गिरफ्तार कर एक कार जब्त की है।

थानाधिकारी निकेत कुमार पारीक ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली कि महाजन फील्ड फायरिंग रेंज को जाने वाली सड़क पर एक कार में देह व्यापार चल रहा है। सूचना मिलने पर वृत्ताधिकारी प्रहलादसिंह चौधरी के नेतृत्व में पुलिस ने कार्रवाई की। कार में दो महिलाएं व युवक संदिग्ध अवस्था में मिले।

पूछताछ करने पर महिलाओं ने अपने नाम लिछमा पत्नी विनोद वाल्मीकि व लक्ष्मी पत्नी राजकुमार वाल्मीक निवासी श्रीगंगानगर बताया। महिलाओं ने बताया कि वह वेश्यावृति करती है। युवकों ने अपना नाम रघुवीर व रज्जाक निवासी महाजन बताया। इन्होंने महिलाओं के लिए ग्राहक तलाश करना स्वीकार किया। एक अन्य युवक हारूण खां मौके से फरार हो गया। पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर कार भी बरामद कर ली है। आरोपियों के खिलाफ पीटा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।

डिस्कॉम कार्मिक पर दुष्कर्म का मामला

श्रीडूंगरगढ़। यहां की एक युवती के साथ विद्युत वितरण निगम के कार्मिक द्वारा नौ दिन पूर्व दुष्कर्म करने का मामला गुरूवार को दर्ज हुआ है। पुलिस के अनुसार कालू बास की युवती ने दर्ज रिपोर्ट में बताया कि उसका पति एवं ससुर बाहर रहते हैं। वह कुछ दिनों से पीहर में रह रही थी।

नौ दिन पूर्व वह छह वष्ाीüय पुत्र को स्कूल छोड़ने पैदल जा रही थी। तभी रास्ते में विद्युत कार्मिक दीनदयाल माली मोटरसाइकिल लेकर आया और उसे रोक लिया। कार्मिक ने उसे धमकी दी कि उसके साथ चलो वरना पुत्र को मार दूंगा। वहां से मोटरसाइकिल पर आडसर बास के सुने मकान में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। उसने हल्ला किया तो वह फरार हो गया। पुलिस ने भादंसं की धारा 376 व 342 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।

बेंगलूरू में उद्योगपतियों की नृशंस हत्या, सिर काट ले गए हत्यारे



बेगलूरू। कर्नाटक की राजधानी बेंगलूरू में दो उद्योगपतियों की नृशंस हत्या का मामला सामने आया है। हत्यारों ने दोनों व्यापारियों को पहले अगवा किया और बाद में उनके सिर काट कर हत्या कर दी।
बेंगलूरू में उद्योगपतियों की नृशंस हत्या, सिर काट ले गए हत्यारे
इतना ही नहीं हत्यारे हत्या करने के बाद दोनों के सिर काट कर अपने साथ ले गए। दोनों मृतकों का राजधानी के एचएसआरले आउट से 7 फरवरी को को अपहरण ç कया गया था। पुलिस दोनों शवों के सिर की तलाश में सरगर्मी से जुटी हुई है। पुलिस ने हत्यारों को पकडने के लिए तीन विशेष दलों का भी गठन किया है।

योजनाबद्ध वारदात

पुलिस की जांच से पता चला है कि एक योजना के तहत उद्योगपतियों का अपहरण कर उनकी हत्या की गई है। पुलिस के अनुसार चामराजनगर जिले कोलेगाल के जागेरी वन क्षेत्र में उद्योगपति बिजू थामस (35) और उसके मित्र सूजी थामस (38) के सिर कटे शव को वन रक्षकों ने बुधवार शाम में देखा और पुलिस को सूचना दी।

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि एचएसआरले आउट थाने में दो लोगों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पुलिस बिजू थामस और सूजी थामस के परिवार के सदस्यों को कोलेगाल ले गई। वहां दोनों परिवारों के लोगों ने कपड़े आदि केआधार पर शव की शिनाख्त की।

बिजू और सूजी कौन हैं?

पुलिस की जांच से पता चला है कि बिजु और सूजी केरल के कोट्टायम के रहने वाले थे। दोनों दोaाकन्ना हल्ली स्थित एक अपार्टमेन्ट में रहते थे। सूजी की पत्नी और बच्चे कुवैत में रहते हैं। बिजू और सूजी गहरे मित्र थे और साथ मिल कर रियल एस्टेट का कारोबार करते थे। दोनों 7 फरवरी को अचानक लापता हो गए थे। बिजू की पत्नी ने थाने मे गुमशुदगी की
रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

सूजी के परिवार के सदस्यों ने न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की थी। न्यायालय ने पुलिस को सूजी का पता लगाकर न्यायालय के समक्ष पेश करने का आदेश जारी किया था। दोनों के खिलाफ कई लोगों को भूखंड देने के नाम पर करोड़ों रूपए की धोखाधड़ी का मामला भी दर्ज है।







foto...मरु महोत्सव- ''टैटू शो'' के हैरतअंगेज एवं रोमाचंक करतबों ने दर्शकाें को किया रोमांचित
















मरु महोत्सव- ''टैटू शो'' के हैरतअंगेज एवं रोमाचंक करतबों ने दर्शकाें को किया रोमांचित
सीमा प्रहरियों ने पेष किए अनूठे करतब
रेगिस्तान के जहाज ने निभार्इ अपने साथी की दोस्ती
देषी विदेषी सैलानियों को खूब भाया टैटू शो का करतब

दुष्मन को गच्छा देकर सुरक्षित स्थान पर साथी को ले जाने का सजीव प्रदर्षन

जैसलमेर, 24 फरवरी मरु महोत्सव के दूसरे दिन डेडानसर मैदान मे सीमा सुरक्षा बल द्वारा प्रस्तुत किया गया ऊँटों के विभिन्न हैरतअंगेज करतबों वाले ''केमल टैटू शो'' ने दर्शकों को आश्चर्यचकित कर दिया। सीमा सुरक्षा बल के प्रहरियों द्वारा ऊंट के विभिन्न रोमांचकारी करतबों को प्रस्तुत कर मरु भूमि एवं सीमाओं की सुरक्षा में इस मूक पशु रेगिस्तान जहाज ने अपनी महत्ता से अवगत करा दिया।
टैटू शो समारोह में राष्ट्रीय मानवाधिकार केे विषेष रेपोटर अजय कुमार ,महानिरीक्षक पुलिस रैंज जोधपुर सुनीलदत ,, जिला कलक्टर एन.एल.मीना,, उप महानिरीक्षक बीएसएफ अमित लोढ़ा , बी.एस.राजपुरोहित , एयर कमाण्डोर चंद्रमोली सेवा निवृत आर्इ.ए.एस.अजयकुमार सिंह ,,अतिरिक्त जिला कलक्टर मानाराम पटेल ,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के.सी.यादव ,उपखण्ड अधिकारी गजेन्द्रसिंह चारण ,सहायक निदेषक विनोद पंडया के साथ ही आर्मी व बीएसएफ के अधिकारी , मेला व्यवस्थाओं से जुड़े अधिकारीगण एवं भारी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी उपसिथत थे।
सीमा सुरक्षा प्रहरियों का साथ दिया रेगिस्तान जहाज ने
केमल टैंटू शो में उपसेमादेष्टा कमल सिंह चौधरी़ के नेतृत्व में सीमा प्रहरियों का रेगिस्तान के जहाज ऊंट ने सच्चे साथी का साथ निभाने का सचित्र प्रदर्शन कर दर्शकाें को अचमिभत कर दिया।
ऊटाें पर सीमा प्रहरियों द्वारा मार्च पास्ट
कैमल टैंटू शो के अवसर पर विश्व का एक मात्र केमल माउण्टेण्ड बैण्ड एवं इसकी मधुर धुनों पर प्रशिक्षित ऊंटों ने जो करतब दिखाये वे बहुत ही आकर्षित रहे। राजस्थानी गीतो की धुनों पर ''आओ नी पधारो म्हारे देश'' पर ऊंटों की टोली ने आकर्षक मार्चपास्ट किया तथा अतिथियों को सलामी मंच के सामने सलामी देते हुए गुजरे।
बैण्ड मास्टर के नेतृत्व में राजस्थानी लोकगीत की मधुर धुन पर ''ढोला-ढोल मंजीरा बाजे रे'' ''बन्ना रे बागों में झूला झूलया म्हारी बन्नी ने झूलण दीजे गैन गजरा , म्हारे लहरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा ,म्हाने लायो दी नी ं'' ''सागर जानी भरने जाऊ, नजर लग जावे'' ''म्हारी घूमर छै नखराली घूमर रमवा मै ज्यासू'' पर कैमल म्युजिक रार्इट का प्रदर्शन किया।
ऊंटों पर एक्रोबैटस
टैंटू शो में सीमा प्रहरियों ने दौड़ते हुए ऊंट पर सवार खड़ी पोजीशन में सैल्यूट दिया वही दौडते हुए ऊट पर मयूर पोजीशन, मच्छी पोजिशन का अदभूत प्रदर्शन कर दर्शको का मन मोह लिया।
सीमा प्रहरियों द्वारा फोरमेशन प्रदर्शन
केमल टैंटू शों में सीमा प्रहरियों ने छ:-छ: की पंä,ि 12-12 ऊटों की क्रासिंग, डार्इगनल फोरमेशन, शक्कर पारा फोरमेशन करने, चक्रव्यूह लहरिया, चौराहा, पीपल के पत्ते के फोरमेशन की प्रस्तुति ने दर्शकाें को आश्चर्य चकित कर दिया।
ऊटों पर पीटी प्रदर्शन
केमल टैंटू शो में सीमा प्रहरियों ने लेटे हुए ऊटो में पीटी का आकर्षक प्रदर्शन किया।
जोकर एवं पणिहारी प्रस्तुति रही सैन्यक
टैंटू शो में जोकर एवं पणिहारी की प्रस्तुति भी रौचक रही एवं जोकर के करतबों को देखकर दर्शक अपनी हंसी रोक नही सके।
बी.ओ.पी आक्रेस्ट्रा का मनोरंजन प्रदर्शन , सीमा प्रहरियों के मनोरंजन का जीवंत प्रदर्षन
शो में बल के लतीफ खां लंगा एवं उनके साथियों ने घरों में उपयोग में आने वाले जरीकन चायपत्ती के खाली डिब्बे, बाल्टी, थाली, मंगा, पाउडर के खाली डिब्बे, बेलचा, गैती, बैलचा इत्यादि वाध यंत्रों का उपयोग लेते हुए देश भकित गीत ''हम तो सीमा के प्रहरी है, फीदा इस पर हो जायेंगे'' ''ए वतन हमको तरी कसम, तुज पर जान लुटायेगे'', चला-चला रे डलेवर गाडी होले-होले इंजन की सीटी में म्हारो मन डोले , फिल्मी गीत चाहिए थोड़ा प्यास प्रस्तुत कर दर्शकाें की वाहवाही लूटी। पूरा पूनम स्टेडियम इनकी प्रस्तुती पर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इन सीमा प्रहरियों ने यह दिखा दिया कि वे किस प्रकार सीमा पर अपना मनोरंजन करते हैं।
ये थे उपसिथत
इस अवसर पर सहायक निदेषक विकास पण्डया, सहायक पर्यटन अधिकारी खेमेन्द्र सिंह जाम, चीमाराम प्रजापत, उपअधीक्षक पुलिस सोहनराम विष्नोर्इ के साथ ही हजारों की संख्या में दर्शकगण, सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी एवं जवानों के साथ ही विदेशी सैलानियो ने भी अपनी उपसिथति दर्ज करार्इ एवं इस हैरत अंगेज रेगिस्तानी जहाज के करतबों को उत्साह के साथ देखा तथा इन कार्यक्रमों को अपने कैमरों में कैद किया। कार्यøम का संचालन आकाषवाणी के उदधोषक जफरखान सिंधी ने बहुत ही सुंदर तरीके से किया जिसकी भी वाहवाही हुर्इ। --000--

foto....मरु महोत्सव का दूसरा दिन रहा रेगिस्तानी जहाज के नाम



मरु महोत्सव का दूसरा दिन रहा रेगिस्तानी जहाज के नाम
पणिहारी मटका रेस एवं देशी-विदेशी सेलानियों की रस्साकस्सी रही आकर्षण का केन्द्र
विदेषी मेहमानों को राजस्थानी संस्कृति से कराया रुबरु
उत्साह से इस लोक संस्कृति में घूल मिल गए विदेषी सैलानी
जैसलमेर ,13 फरवरी। मरु महोत्सव -2014 के कार्यक्रमों की कड़ी में दूसरे दिन गुरुवार को स्वर्ण नगरी जैसलमेर के पास सिथत देदानसर मैदान में रेगिस्तानी जहाज के विभिन्न कार्यक्रम बहुत ही रोचक रहे। इस समारोह में राष्ट्रीय मानवाधिकार केे विषेष रेपोटर अजय कुमार , जिला कलक्टर एन.एल.मीना ,महानिदेषक आर्इटीबी सुभाष गोस्वामी , उप महानिरीक्षक बीएसएफ अमित लोढ़ा , बलवेन्द्रसिंह बाजवा, गोपालसिंह शेखावत , अतिरिक्त जिला कलक्टर मानाराम पटेल ,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के.सी.यादव ,उपखण्ड अधिकारी गजेन्द्रसिंह चारण ,सहायक निदेषक विनोद पंडया के साथ ही आर्मी व बीएसएफ के अधिकारी , मेला व्यवस्थाओं से जुड़े अधिकारीगण एवं भारी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी उपसिथत थे।
पणिहारी मटका रेस ने सभी दर्शकों को किया मोहित
अंग्रेजी मेम ने पाया पहला स्थान
मरु महोत्सव के दूसरे दिन पणिहारी मटका रेस प्रतियोगिता से देशी-विदेशी महिलाएं यहां की पणिहारी पेयजल संस्Ñति से रूबरू हुर्इ। पणिहारी मटका रेस में महिलाओं ने दस मीटर पर रखी र्इढ़ाणी को अपने सिर पर रख कर पानी से भरी हुर्इ मटकी को उठाया एवं आगे के लिये दौड़ लगार्इ। शहरी संस्कृति की महिलाओं के साथ ही विदेशी महिलाए भी इसमें शामिल हुर्इ। जिन विदेषी महिलाओं ने कभी सिर पर मटका रखा ही नहीं उन्होंने भी सिर पर मटका रख कर दौड़ लगा कर दर्षकों को अचमिभत सा कर दिया।
पणिहारी मटका रेस में 22 देषी व विदेषी महिलाओं ने भाग लिया। जिसमें इग्लैण्ड की मिस समथा सबसे पहले सिर पर पानी से भरा हुआ मटका लेकर पहुंची। उसे देख कर हर दर्षक हँसी से खिल उठा। वास्तव में सबसे रौचक इस प्रतियोगिता विदेषी मेम ने कमाल कर दिखाया। इस दौड़ में दूसरे नम्बर पर नागौर की लील राजपुरोहित , तीसरे नम्बर पर बैग्लोर की प्रतिभा विजेता रही।
मटका रेस में दौड़ती हुर्इ महिलाएं जहां पानी से भीग गर्इ वहीं कर्इ महिलाए मटका नहीं उठा सकीं। वहीं कर्इ महिलाओं के मटके उठाने से पहले ही फूट गए। इस पणिहारी रेस को देख कर दर्शकगण अपनी हंसी नहीं रोक सके।
विदेशी मेहमानों ने सात वर्षो से लगातार रस्साकसी में जमाया दबदबा
देदानसर मैदान में आयोजित भारतीय एवं विदेशी पुरुषों तथा महिलाओं की रस्सा-कसी भी बहुत ही रोचक एवं आकर्षण का केन्द्र रही। इस बार दोनों वर्ग की प्रतियोगिताओं में विदेशी मेहमानों ने बाजी मारी।
पुरुष व महिला रस्सा-कस्सी प्रतियोगिता में विदेशी पुरुषों एवं महिलाओं ने अपने दमखम का जोर लगा कर लगातार दोनों राऊण्ड में भारतीय मेजबानों को अपनी और खींच कर विजयश्री हासिल की। विदेशी महिलाएं इस जीत की खुशी से झूम उठी। पवेलियन में रस्साकस्सी से जाने से पहले भी वे रोमांच कर पहुंची एवं उनके उत्साह ने उन्हें विजयश्री का वरण पहनाया। पुरुषों की विदेषी टीम ने लगातार सात वर्ष एवं महिलाओं की विदेषी टीम ने लगातार चार वर्ष से बाजी मार रही हैं। इन रस्साकस्सी में 11-11 भारतीय एवं विदेषी पुरुष एवं महिलाओं ने शारीरिक दमखम का प्रदर्षन किया।
ऊंटों के श्रृंगार से रूबरू हुए दर्शक
मरु महोत्सव में गुरुवार को ऊंट श्रृंगार प्रतियोगिता भी बहुत ही आकर्षण का केन्द्र रही एवं दर्शक ऊँट के श्रृंगार से रूबरू हुए। इस प्रतियोगिता में 7 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। ऊंंटों को मोरी, गोरबन्ध, कन्ठमाल, लूम, परची, पिलाण, तंग, मोड़, पायल, घूघरा, पूंछ बंधनी इत्यादि श्रृंगारों से ऊंटों को सजाया और उन पर सजे-धजे सवार थे।
ऊंंट श्रृंगार प्रतियोगिता के निर्णायकों ने श्रृंगारित ऊंंट को बारीकी से जांच परख कर सीमा सुरक्षा बल के प्रेमसिंह भाटी का श्रृंगारित ऊँट को प्रथम विजेता रखा। वहीं सुरक्षा बल के ही आरबखां का ऊंट द्वितीय और होटल पैराडार्इज के मीरेखां पतंग ऊंट तृतीय विजेता रहा ।
ऊंट की मंथर चाल से दर्शक हुए अभिभूत
शान-ए-मरूधरा प्रतियोगिता भी रेगिस्तानी जहाज के नाम रही। इसमें 5 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इसमें प्रति प्रतियोगी को मात्र कच्छी-बनियान धारण किए हुए उन्हें निर्धारित 100 मीटर की दूरी तय करनी थी। ऊंट सवार ने निर्धारित दूरी पर रखे जूते पहने अपना टेवटा बांधा तथा कुर्ता पहना एवं उसके बाद साफा बांध कर ऊंट पर गíी एवं पिलाणा जमा कर उसे तंग से बांध कर मंथर चाल से पहुंचा। यह नजारा इतना मनोहारी और हास्यप्रद रहा जिसे देख कर दर्शक हंस-हंस कर लोट-पोट हो गए। इसमें भी सीमा सुरक्षा बल के शरीफखां का ऊंट सबसे पहले पहुंच कर पहला स्थान प्राप्त किया। वहीं सीमा सुरक्षा बल के चंदनसिंह का ऊँट द्वितीय एवं जीवराज का ऊँट तृतीय रहा। इस प्रकार यह प्रतियोगिता पूरी सीमा सुरक्षा बल के खाते में गयी।


कैमल पोलो मैच में ऊंटों ने निभाया पूरा साथ, सीमा सुरक्षा बल ने 1-0 से जीता मैच
कैमल पोलो संघ इणिडया के अध्यक्ष जितेन्द्रसिंह राठौड़ के सतत प्रयासों से मरु महोत्सव में आयोजित किया जा रहा कैमल पोलो मैंच अपनी अमिट छाप छोड़ चुका है। कैमल पोलो एसोषियेसन आफ इणिडया एवं सीमा सुरक्षा बल की टीमों के मध्य खेले गए कैमल पोलो मैच में अनबोल पशु ऊंट ने पोलो खिलाडि़यों का पूरा साथ दिया। इस पोलो मैच में सीमा सुरक्षा बल की टीम ने 1 गोल दाग कर विजयश्री हासिल की एवं कैमल पोलो एसोसियेशन की टीम को पराजित किया। ऊंट पर सवार पोलो खिलाडि़यों ने बड़ी स्टीक के सहारे अच्छा प्रदर्शन किया। बी.एस.एफ. की टीम के कप्तान चंदनसिंह ,कैमल पोलो संघ के कप्तान चैनाराम के नेतृत्व में यह मैंच अच्छा रहा। महानिदेषक आर्इटीबीपी सुभाष गोस्वामी ,जिला कलक्टर एन.एल.मीना एवं डी.आर्इ.जी बीएसएफ अमित लोढ़ा ने खिलाडि़यों का परिचय प्राप्त किया एवं विधिवत खेलने की इजाजत दी।
कैमल रेस ने सभी दर्षकों को गुदगुदाया
देदानसर मैदान में आयोजित हुर्इ कैमल रेस भी काफी आकर्षक रही। इसमें कर्इ ऊँट बीच में ही विपरीत दिषा में चले गए तो कर्इ ऊँट सवार से भी नहीं संम्भल पाए। बिना ब्रेक के इस रेगिस्तानी जहाज की दौड़ ने दर्षकों की हंसी रोक नहीं सकी। पूरा पवेलियन इस दौड़ के मनोहारी दृष्य को देख कर प्रफ्फूलित हो उठे।
यह कैमल रेस दो हीट में आयोजित की गर्इ जिसमें पहले हीट में 6 ऊँटों की एवं दूसरे हीट में 5 ऊँटों की 150 मीटर की दौड़ हुर्इ जिसमें तीन स्थानों पर दौड़ के विजेताओं की अंतिम हीट आयोजित की गर्इ। जिसमें रायल सफारी के अमीनखां का ऊँट प्रथम , बीएसएफ के चंदनसिंह का ऊंट द्वितीय व उस्मानखां का ऊंट तृतीय विजेता रहा।
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प्रतियोगिताओं के विजेताओं को किया पुरस्Ñत
विजेता-उप विजेता टीमों को शील्ड प्रदान की
जैसलमेर,13 फरवरी। मरु महोत्सव के दूसरे दिवस गुरुवार को देदानसर मैदान में आयोजित हुर्इ विविध प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया।
महानिदेषक आर्इटीबीपी सुभाष गोस्वामी , जिला कलक्टर एन.एल.मीना , डी.आर्इ.जी. बीएसएफ अमित लोढ़ा, समाजसेवी कवंराजसिंह चौहान , ऊंट श्रृंगार ,षान-ए-मरुधरा प्रतियोगिता के प्रथम ,द्वितीय एवं तृतीय विजेताओं को क्रमष: 5000 , 3000 एवं 2000 रुपए के नकद पुरस्कार व प्रमाण-पत्र प्रदान कर पुरस्कृत किया। इसी प्रकार रस्साकस्सी प्रतियोगिता के विजेता विदेषी पुरुष एवं महिला टीम को महानिदेषक आर्इटीबीपी सुभाष गोस्वामी ,डीआर्इजी बीएसएफ गोपालसिंह शेखावत , बलवेन्द्रसिंह बाजवा ने 3 -3 हजार रुपए का नकद पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र दिए।
इसी प्रकार पणिहारी मटका रेस में प्रथम ,द्वितीय एवं तृतीय विजेता को श्रीेमती गोस्वामी , श्रीमती सुनीलदत एवं श्रीमती अमित लोढ़ा ने क्रमष: 3000 , 2000 एवं 1000 रुपए का नकद पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किये।
कैमल पोलो मैंच की विजेता टीम सीमा सुरक्षा बल के कप्तान चंदनसिंह को षिल्ड एवं 8000 रुपए नकद व उप विजेता टीम के कप्तान चेतनराम को रनरअप षिल्ड व 5000 रुपए का नकद पुरस्कार महानिदेषक आर्इटीबीपी सुभाष गोस्वामी , डी.आर्इ.जी. बीएसएफ अमित लोढ़ा ,समाजसेवी दषरथ केला व कैमल पोलो संघ के अध्यक्ष जितेन्द्रसिंह राठौड़ ने प्रदान किए। इसी प्रकार कैमल रेस के पुरस्कार राष्ट्रीय मानवाधिकार के विषेष रेपोटर अजय कुमार , सेवा निवृत आर्इ.ए.एस. अजय कुमार सिंह व जिला कलक्टर मीना ने प्रथम विजेता रायल सफारी के अमीनखां को 8000 रुपए , द्वितीय विजेता बी.एस.एफ के चंदनसिंह को 5000 रुपए एवं उस्मानखां को 2000 रुपए नकद एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किए।

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निर्णायकों ने निभार्इ महत्ती भूमिका
जैसलमेर , 13 फरवरी मरु महोत्सव के दूसरे दिन गुरुवार को देदानसर मैदान में आयोजित हुर्इ विभिन्न प्रतियोगिताओं में निर्णायकों ने अपनी महत्ती भूमिका निभार्इ एवं उन्होंने अच्छा निर्णय देकर पूरे कार्यक्रम में पारदर्षिता को बरकरार रखा।
ऊंट श्रृंगार प्रतियोगिता में कैमल पोलो संघ के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह राठौड़ ,उप अधीक्षक पुलिस सोहनराम विष्नोर्इ ,कर्नल अहलुवालिया , श्रमजीवी पत्रकार संघ के अध्यक्ष उपेन्द्रसिंह राठौड़ ने , शान-ए-मरुधरा प्रतियोगिता में बीएसएफ के कमाडेंट रतन बगडि़या , कर्नल गंगोपाध्याय , तहसीलदार पीताम्बर राठी , गोल्डन हवेली के गाजी खां ,आर्इ लव जैसलमेर के मनीष गज्जा ने निर्णायक की भूमिका निभार्इ।
आर्इ लव जैसलमेर एवं ट्रायो एवं रायल डेजर्ट सफारी रहे प्रायोजक
देदानसर मैदान में आयोजित हुर्इ विविध प्रतियोगिताओं में आर्इ लव जैसलमेर , ट्रायो रेस्टोरेंट एवं रायल डेजर्ट सफारी ने प्रायोजक की भूमिका निभार्इ। इसमें जितेन्द्र सिंंह राठौड़ का सराहनीय सहयोग रहा।
खेल अधिकारी की टीम ने निभार्इ अच्छी भूमिका
देदानसर मैदान में आयोजित हुर्इ विविध प्रतियोगिताओं मे खेल अधिकारी लक्ष्मणसिंह तंवर के साथ ही शारीरिक षिक्षकों की टीम ने अपनी महत्ती भूमिका निभार्इ एवं पूरा सहयोग प्रदान किया।
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जिला कलक्टर ने राठौड़ की लिखी पुस्तकों का किया विमोचन
जैसलमेर , 13 फरवरी श्रमजीवी पत्रकार संघ के अध्यक्ष उपेन्द्रसिंह राठौड़ द्वारा लिखित पुस्तक आओ चले जैसलमेर एवं अंग्रेजी में लिखी पुस्तक जैसलमेर काल का जिला कलक्टर एन.एल.मीना ने समारोह के दौरान इसका विमोचन किया।
उपेन्द्रसिंह द्वारा लिखित इन हिन्दी एवं अंग्रेजी पुस्तकों में जैसलमेर की संस्कृति से संबंधित आलेख प्रकाषित किये गए हैं। जिला कलक्टर ने पुस्तक लेखन पर राठौड़ को बधार्इ दी एवं कहा कि यह पुस्तक जैसलमेर आने वाले सैलानियों के लिए सन्दर्भ का काम करेगी।
अतिथियों को विजय बल्लाणी ने उनके द्वारा रचित कलैण्डर भेंट किए
समारोह में मरुश्री-2013 एवं जैसलमेर के रंगकर्मी विजय बल्लाणी द्वारा तैयार किए गए रंगीन कैलेण्डर -2014 को उन्होंने महानिदेषक आर्इटीबीपी सुभाष गोस्वामी , जिला कलक्टर एन.एल.मीना , डी.आर्इ.जी. बीएसएफ अमित लोढ़ा, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के स्पेषल रेपोटर अजय कुमार को भेंट किए। इस कलैण्डर में पर्यटन विभाग के आयोजित होने वाले मेलों की पूरी जानकारी प्रदान की गर्इ है।
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तीन दिवसीय मरु महोत्सव का समापन शुक्रवार को,
कुलधरा का ग्राम्य लोक जीवन और सम के रेतीले धोरों पर उमड़ेगा पर्यटन ज्वार
जैसलमेर, 13 फरवरीविश्वविख्यात मरु महोत्सव के तीसरे दिन देशी-विदेशी सैलानियों के लिए कुलधरा और सम आकर्षण का केन्द्र होंगे। जैसलमेर आए पर्यटक शुक्रवार -14 फरवरी को दिन में जहां सत्रह किलोमीटर दूर कुलधरा में ग्राम्य संस्Ñति के पुरातन बिम्बों से साक्षात्कार करेंगे वहीं माघ पूनम की सांझ जैसलमेर से 45 किलोमीटर दूर सम के लहरदार रेतीले मखमली धोरों के नाम होगी जहांं देश-विदेश में मशहूर लोक कलाकार अपनी प्रसिद्ध कलाओं का प्रदर्शन करेंगे। सम के धौरों पर अपरान्ह 3 बजे से 6 बजे तक पतंगबाजों द्वारा रंगबिरंगी पतंगों की उड़ान कर सकेगें। साँस्Ñतिक संध्या के बाद शानदार आतिशबाजी के साथ ही तीन दिवसीय मरु महोत्सव सम्पन्न हो जाएगा।
कुलधरा में ग्राम्य लोक सँस्Ñति से होगा साक्षात
तीन दिवसीय मरु महोत्सव के अंतिम दिन 14 फरवरी, शुक्रवार को प्रात: 10 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक देशी-विदेशी मेहमान कुलधरा में ग्रामीण लोक संस्Ñति के विविध बिम्बों का दिग्दर्शन कर सकेंगे।
सम के मखमली धोरों पर उमड़ेगा लोक संस्Ñति का ज्वार
तीन दिवसीय मरु महोत्सव तीसरे व अनितम दिन 14फरवरी, शुक्रवार को जैसलमेर जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर सम में मखमली रेतीले धोरों पर मरु महोत्सव का आनंद पाने आए देशी-विदेशी सैलानी सूर्यास्त के मनोहारी बिम्बों को देखने का लुत्फ उठा सकेंगे।
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मरु महोत्सव में इन्होंने दिया सहयोग
जैसलमेर ,13 फरवरी देदानसर मैदान में गुरुवार को दूसरे दिवस आयोजित मरु महोत्सव के कार्यक्रमों को सफल बनाने में अधिकारियों के साथ ही आर्इ लव जैसलमेर के कार्यकर्ताओं ने भरपूर सहयोग दिया।
इन कार्यक्रमों में खेल अधिकारी लक्ष्मणसिंह तंवर , सहायक निदेषक पर्यटक स्वागत केन्द्र विकास पंडया , सहायक पर्यटन अधिकारी खेमेन्द्रसिंह जाम , पुलिस उप अधीक्षक सोहनराम विष्नोर्इ , कोतवाल वेद प्रकाष शर्मा , यातायात पुलिस कर्मियों ने पूरा सहयोग दिया।
आयोजित समारोह में उपखण्ड अधिकारी गजेन्द्र सिंह चारण ,, तहसीलदार पीताम्बर राठी , आयुक्त नगरपरिषद ताराचंद गौंसार्इ , आर्इ लव जैसलमेर के देवेन्द्रसिंह , सहायक पर्यटन अधिकारी चीमाराम प्रजापत ,मरुश्री -2013 विजय बल्लाणी , ने भी सराहनीय सहयोग देकर इस मेले को सफल बनाने में अपनी अहम भूमिका अदा की।