बारातियों से भरी बोलेरो और बस में टक्कर। । दो की मौत आधा दर्जन घायल बाड़मेर जिले के थाना क्षेत्र के माधासर गांव के समीप बारातियों से भरी बोलेरो और सामने से आ रही बस में भिडंत हो जाने से दो जनो मौत हो गयी वाही आधा दर्जन से अधिक घायल हो गए। हादसे कि सूचना पर एम्बुलेंस 108 बाड़मेर तथा कवास से बुलाई जाकर घायलो को जोधपुर रेफर किया गया। पांच जनो कि हालत गम्भीर बताई जा रही हें। जबकि एक बाराती कि घटनास्थल पर ही मौत हो गयी जबकि दूसरे कि उपचार के लिए ले जाते वक्त बीच रस्ते में मौत हो गयी। पुलिस दल घटनास्थल पर पहुँच मामले कि जांच कर रहा हें। एक बारगी घटना से हड़कम्प मच गया।
मारोठ (नागौर)। फिर से एक नाबालिग किशोरी गैंगरेप का शिकार हुई। पीडिता ने जब आप बीती पुलिस को बताई, तब इस सामूहिक दुष्कर्म के मामले का खुलासा हुआ।
पुलिस के मुताबिक नागौर जिले के मारोठ पुलिस थाने में रविवार को एक किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया गया है। पुलिस उपाधीक्षक विमल नेहरा ने बताया कि मारोठ थाना क्षेत्र के ग्राम चकडारा का बास निवासी पीडिता के पिता ने शनिवार को जिला पुलिस अधीक्षक के समक्ष पेश होकर रिपोर्ट प्रस्तुत की।
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर मारोठ थाना पुलिस ने रविवार को दुष्कर्म का मामला दर्ज किया है। पीडिता के पिता के अनुसार आरोपी उसकी चौदह वर्षीय पुत्री को गत 27 जनवरी को जबरन गाड़ी में डालकर जीणवार मार्ग पर ले गए और वहां दुष्कर्म किया।
पुलिस उपाधीक्षक ने रविवार को मौका मुआयना कर किशोरी का मेडिकल-मुआयना करवाया।
लोक कलाकार पर पत्नी ने ठोका दहेज़ प्रताड़ना का मुक़दमा ,देवर पर बलात्कार का आरोप बाड़मेर सरहदी जिला मुख्यालय बाड़मेर के महिला ठाणे में अंतराष्ट्रय लोक कलाकार स्वरुप पंवार और उसके भाई के खिलाफ स्वरुप पंवार कि पत्नी ने बलात्कार और दहेज़ प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया हें। पुलिस सूत्रानुसार महिला थाना बाड़मेर में लोक कलाकार स्वरुप पंवार कि पत्नी ने अपने पति स्वरुप पंवार के खिलाफ दहेज़ के लिए उसे कमरे में बंद कर मारपीट करने तथा प्रतिदिन प्रताड़ित करने तथा उसके देवर बिहारी लाल पर उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोप लगा मामला दर्ज कराया हें। महिला थाना में मामला दर्ज कर जांच आरम्भ कर दी हें।मामले कि जांच महिला थाना प्रभारी अनिता रानी कर रही हें
न्यूयार्क। कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ सबूत लाओ और 20 हजार डालर ईनाम पाओ, ये कोई जुमला या मजाक नहीं बल्कि हकीकत है। सिख विरोधी दंगों के लिए अमरीका की न्यूयार्क अदालत में केस लड़ रही संस्था सिख्स फॉर जस्टिस ने सोनिया के खिलाफ सबूत देने वाले को यह ईनाम देने की घोषणा की है। संस्था ने कुछ समाचार पत्रों में बाकायदा विज्ञापन छपवाया है। सूत्र बताते हैं कि कोर्ट में सोनिया के खिलाफ चल रहा मुकदमा खारिज हो सकता है क्योंकि संस्था अब तक यह साबित नहीं कर पा रही है कि उन्होंने सोनिया गांधी को कोर्ट समन भिजवा दिए थे।
संस्था के वकील गुरपतवंत पानुन का कहना है कि सोनिया के खिलाफ चल रहे केस में उनके इस दावे का महत्व है कयोंकि जब उनको समन दिए गए थे तब वह सितंबर माह में अमरीका में थीं ही नहीं। इसलिए हमने ईनाम की घोषणा की है। इस ईनाम के जरिए इस रहस्य से पर्दा उठ सकेगा कि सोनिया गांधी सितंबर में अमरीका में थी ही नहीं।
पानुन का कहना है कि हमने सोनिया के न्यूयार्क के एक अस्पताल में ईलाज के लिए आने की खबर भारतीय अखबारों में पढ़ी थी इसी आधार पर अस्पताल पहुंचे थे और समन भीतर पहुंचाया था। हमने उन्हें देखा नहीं था। संस्था ने न्यूयार्क के एक अखबार एएम न्यूयार्क में एक विज्ञापन दिया है। इस विज्ञापन में सोनिया गांधी की तस्वीर भी छपी है और नीचे लिखा गया है कि अगर आपने सोनिया गांधी को सितंबर 2, 2013 में और सितंबर 9, 2013 के बीच अमरीका में देखा है और आप अमरीकी अदालत में न्यायाधीश के सामने इस बात की गवाही दे दें तो 20 हजार डालर यानी 12 लाख रूपए ईनाम दिया जाएगा।
मालूम हो कि इस केस में सोनिया गांधी ने बीते साल 28 दिसंबर को अपनी पार्टी के लैटरपैड पर एक पत्र लिख कर अपने वकील के जरिए मामले के देख रहे जज को भेजा था। जिसमें कहा गया था कि मैं साल 2013 के सितंबर माह की 2 और 9 तारीख के बीच न्यूयार्क में मौजूद नहीं थी, मुझे किसी तरह का कोर्ट का समन नहीं दिया गया। इसी पत्र के आधार पर सोनिया गांधी ने के वकील ने बीते 2 जनवरी को कोर्ट से मामला खत्म किए जाने की अपील की थी। उधर, संस्था का कहना है कि महज एक पत्र लिख देने भर से यह साबित नहीं हो जाता कि वे अमरीका में नहीं थीं। सोनिया गांधी को कोर्ट में हलफिया बयान दर्ज कराना चाहिए।
मालूम हो कि अमरीकी कानून के तहत में केस दर्ज कराने वाले को संबंधित तक अदालती समन पहुंचाना होता है। यह केस संस्था और 1984 के दंगा पीडित मोहिंदर और जसबीर द्वारा दायर किया गया था।
लाहौर: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक महिला पर उसके पति ने तेजाब फेंक दिया जिसमें वह बुरी तरह से झुलस गई। प्रांतीय राजधानी लाहौर से 100 किलोमीटर दूर स्थित ओकरा जिले की निवासी बुशरा पर उसके पति मोहम्मद बशारत ने हमला किया। दरअसल, उसके पति को शक था कि उसकी पत्नी का पड़ोस में रहने वाले एक व्यक्ति से अवैध संबंध है।
पुलिस ने बताया कि बशारत ने उसके चेहरे और छाती पर उस वक्त तेजाब फेंक दिया, जब वह घर में सो रही थी। उसकी कुछ साल पहले बशारत से शादी हुई थी। बुशरा को ओकरा स्थित अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसके रिश्तेदारों को उसे लाहौर के एक अस्पताल में ले जाने की सलाह दी। अधिकारियों ने महिला की हालत गंभीर बताते हुए कहा है कि उसका चेहरा और शरीर झुलस गया है। इस बीच, बहावलपुर में एक आतंकवाद रोधी अदालत ने तेजाब हमले के एक आरोपी को उम्र कैद की सजा सुनाई है। उस पर 20 लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया है।
कराची: पाकिस्तान में मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के एक कार्यकर्ता को हिंसक गतिविधियों में शामिल रहने के आरोप में पुलिस ने कल उस समय गिरफ्तार कर लिया जब वह अपना निकाह रचाने बारात के साथ-साथ निकला था।
जियो न्यूज में प्रसारित रिपोर्ट के मुताबिक, एमक्यूएम का एक प्रमुख कार्यकर्ता फहाद अजीज की बारात कराची के शाह फैसल कालोनी के लिए रवाना हुई थी। इसी दौरान रास्ते में पुलिस ने बारात को रोक लिया और अजीज को कार से बाहर निकाला और उसे गिरफ्तार कर लिया।
अजीज को निर्दोष बताते हुए उसके परिजनों और बारात में शामिल सभी लोगों ने पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में कराची प्रेस क्लब के सामने धरना दे दिया। इन परिजनों ने आरोप लगाया कि अजीज की गिरफ्तारी से पहले पुलिस ने उनसे 20 लाख रूपयों की मांग की थी, लेकिन अंत में उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि अजीज को हत्या सहित विभिन्न हिंसक मामलों में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। दूसरी तरफ एमक्यूएम ने एक बयान में अजीज की गिरफ्तारी की तीव्र निंदा करते हुए इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया। बयान में कहा गया कि अजीज स्थानीय निकायों के लिए होने वाले चुनाव में पार्टी का उम्मीदवार है।
ब्रह्मा सृजन के देवता हैं और विष्णु तथा शिव के अतिरिक्त हिन्दू देवत्रयी में से एक हैं। ब्रह्म पुराण के अनुसार भगवान ब्रह्मा मनु के पिता हैं और समस्त मानव जाति मनु की ही सन्तति है। इसीलिए समस्त पौराणिक आख्यानों में भगवान ब्रह्मा को परमपिता की संज्ञा दी गई है। हिन्दू परम्परा के अनुसार वेदों की रचना भगवान ब्रह्मा ने ही की है तथा इनकी पत्नी देवी सरस्वती हैं।
वैदिक सन्दभरें में भगवान ब्रह्मा को 'प्रजापति' के नाम से उद्धृत किया गया है। यद्यपि सभी हिन्दू संस्कारों में भगवान ब्रह्मा की प्रार्थना का विधान है, किन्तु फिर भी बहुत कम मंदिर ऐसे हैं जो विशेषकर ब्रह्म आराधना के लिए समर्पित हैं। आइये बताते हैं आपको ऐसे ही कुछ मंदिरों के बारे में जो प्रमुखत: भगवान ब्रह्मा की पूजा-अर्चना के लिए जाने जाते हैं।
जगत-पिता ब्रह्मा मंदिर (पुष्कर, अजमेर)- संसार में स्थित भगवान ब्रह्मा के सभी मंदिरों में यह सबसे प्रमुख मंदिर है जो राजस्थान प्रदेश में पवित्र पुष्कर झील के किनारे स्थित है। यद्यपि वर्तमान मंदिर का स्थापत्य 14वीं शताब्दी का है पर यह मंदिर 2000 साल पुराना मन जाता है और मुख्यत: संगमरमर व प्रस्तर-खण्डों का बना है। मंदिर का हंसरूपी शिखर विशिष्ट लाल रंग का है।
आदि ब्रह्मा मंदिर (खोखन, कुल्लू)- यह मंदिर हिमाचल प्रदेश की कुल्लू घाटी में भुंतर कस्बे से 4 किमी उत्तर में स्थित काष्ठ की एक विशाल संरचना है। इस मंदिर के केंद्र में भगवान आदि ब्रह्मा जी की प्रतिमा है जिनके बाएं तरफ़ 'गढ़-जोगनी' तथा दाएं तरफ 'मणिकरण-जोगनी' की प्रतिमाएं स्थापित हैं।
यह चार मंजिल मंदिर 20 मीटर ऊंचा है तथा इसका शिल्प प्रसिद्ध पैगोडा बौद्ध मंदिरों के समान है।
ब्रह्मा मंदिर (असोतरा, बाड़मेर)- यह मंदिर राजस्थान के बाड़मेर जिले में बालोतरा शहर से 10 किमी की दुरी पर स्थित है। मंदिर का मुख्य सभागार जैसलमेर के प्रसिद्ध पीले पत्थरों से निर्मित है तथा बाकी पूरा मंदिर जोधपुरी पत्थरों से बना है। भगवान श्री ब्रह्मा जी की प्रतिमा संगमरमर की बनी है जिसकी नक्काशी अद्वितीय है. यहां प्रतिदिन 200 किग्रा अन्न पक्षियों को खिलाया जाता है।
परब्रह्म मंदिर (ओचिरा, कोल्लम)- केरल प्रदेश के कोल्लम तथा अल्लपुझा जिलों की सीमा पर स्थित यह मंदिर एक पवित्र तीर्थस्थल है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां न तो कोई भवन संरचना (दीवार, छत आदि) है और न ही कोई गर्भ-गृह है जिसमे देवप्रतिमा स्थापित हो। भक्त यहां स्थित एक बरगद के पेड़ के मूल-भाग की पूजा करते हैं।
उत्तमार कोइल ब्रह्मा मंदिर (तिरुचिरापल्ली)- तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले के बाहरी भाग में स्थित यह मंदिर हिन्दू देव-त्रयी (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) को समर्पित है. इस मंदिर का स्थापत्य द्रविड़ियन शैली का है और यह मध्ययुगीन चोल शासकों द्वारा 8वीं शताब्दी में निर्मित हुआ है। इस ऐतिहासिक मंदिर में प्रत्येक हिन्दू देव-त्रयी एवं उनसे सम्बद्ध देवियों के पूजा-अर्चन के लिए छ: भिन्न पीठ हैं।
थिरुनागेश्वरम ब्रह्मा मंदिर (कुम्बकोनम, तंजावुर)- तमिलनाडु प्रदेश के तंजावुर जिले से 40 किमी दूर मंदिरों के शहर कुम्बकोनम में स्थित यह मंदिर वैसे तो मुख्यत: भगवान शिव को समर्पित है, किन्तु इसमें भगवान ब्रह्मा का मंदिर भी एक अलग पीठ में स्थापित है। इस मंदिर के गर्भ-गृह में परमपिता ब्रह्मा अपने त्रिमुख रूप में देवी सरस्वती के साथ विराजमान हैं।
ब्रह्मा मंदिर (खेद्ब्रह्मा, साबरकंठा)- गुजरात प्रदेश के साबरकंठा जिले में खेद्ब्रह्मा तालुका में स्थित है यह मंदिर. यह एक पौराणिक क्षेत्र है जो तीन छोटी नदियों (हिरनाक्षी, भीमाक्षी, एवं कोसाम्बी) के संगम पर है और इसके आगे यह हर्नाव नाम से जानी जाती है जो आगे जा कर साबरमती नदी में मिल जाती है. यह मंदिर 11वीं या 12वीं शताब्दी का निर्मित है और इसके निकट एक अति प्राचीन सीढि़यों वाला कुआँ भी है जिसे ब्रह्म वाव या अदिति वाव नाम से जाना जाता है।
ब्रह्मा मंदिर (वालपोई, सत्तारी)- यह मंदिर उत्तरी गोवा के सत्तारी तालुका में वालपोई मुख्यालय से 7 किमी एवं पंजिम से लगभग 60 किमी दूर ब्रह्मा कारम्बोलिम गांव में स्थित है। यह मंदिर 5वीं शताब्दी का निर्मित माना जाता है। यहां स्थापित ब्रह्मा जी की प्रतिमा एक विशाल काली बेसाल्ट पत्थर की चट्टान से बनाई हुई है जो प्राचीन कदम्बा कला का बेहतरीन नमूना है।
ब्रह्मपुरेश्वर मंदिर (तिरुपत्तूर, त्रिची)- यह मंदिर तमिलनाडु प्रान्त के तिरुचिरापल्ली जिले में स्थित है और इसके मुख्य आराध्य देव भगवान शिव है. इस मंदिर में ही परमपिता ब्रह्मा का भी एक भिन्न पीठ स्थापित है। यहां भक्तगण कमल के पुष्प पर विराजमान ब्रह्मा जी की ध्यानमग्न पद्मासन प्रतिमा का दर्शन कर सकते हैं
चतुर्मुख ब्रह्मा मंदिर (चेबरोलु, गुंटूर)- आन्ध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में चेबरोलु कस्बे में स्थित है चतुर्मुख ब्रह्मा जी का मंदिर. इस मंदिर में परमपिता ब्रह्मा की चार मुखों वाली प्रतिमा स्थापित है। यह मंदिर आज से लगभग 200 साल पहले राजा वासिरेड्डी वेंकटाद्री नायडू ने बनवाया था।
मोबाइल के जरिए भेजे जाने वाले "एसएमएस" और सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर की "चैटिंग" की भाषा ने इंग्लिश की टांग ही तोड़ दी है। दरअसल अब युवा स्कूल-कालेज की पढ़ाई और ग्रामर की दुनिया से अलग अपनी सुविधा के मुताबिक स्पेलिंग की अनदेखी कर शब्दो को छोटा करने के लिए उनका स्वरूप बदल रहे हैं।
मौजूदा दौर में इंटरनेट पर चैटरूम और सोशल नेटवर्किग में युवा अंग्रेजी शब्दों की स्पेलिंग्स में व्यापक बदलाव कर एक नई तरह की डिक्शनरी इजाद कर चुके हैं। ज्यादातर युवा रफ्तार से टाइप करने के चक्कर में या तो शब्दों की स्पेलिंग को छोटा कर लिख रहे हैं, या उनकी स्पेलिंग उच्चारण के आधार पर बदल रहे हैं।
आधुनिक समय की तेज जीवनशैली की रफ्तार के अनुसार ढल चुकी इस नई भाषा में "ओके" को केवल "के", गुड मार्निग को "जीएम", गुड नाइट को "जीएन", बीकॉज को "बीसोओजेड" लिखना आम बात हो चला है। वहीं हिंदी का हां अब अंग्रेजी के "हम्म..." में तब्दील हो चुका है।
प्यार का इजहार करने वाले प्रेमी पहले से ही आई लव यू को "आईएलयू" लिखते आए हैं। इतना ही नहीं अब अंग्रेजी के वाक्यों को भी एक शब्द में पिरोया जा चुका है। मसलन "ऎज सून ऎज पॉसिबल अब "एएसएसपी" बन चुका है। टेक केयर को "टीसी" लिखकर काम चलाया जा रहा है।
अहम बात यह है कि इन शब्दों को युवाओं के बीच मान्यता भी मिलती जा रही है। एक सर्वे के मुताबिक 18 से 24 साल के 66 फीसदी युवा मानते हैं कि मौजूदा शब्दकोशों में कई शब्दों की अलग-अलग स्पेलिंग भी दिखाई देती है। 22 प्रतिशत का कहना है कि इस चलन से वे शब्दों की सही स्पेलिंग भूल गए हैं और ई-मेल लिखते वक्त स्पेल-चैक ऑप्शन के इस्तेमाल के बिना उनका आत्मविश्वास कमजोर होता है।
खासतौर से भाषा के इस बदलाव का सबसे ज्यादा असर उन बच्चों पर पड़ रहा है, जिनका जन्म कंप्यूटर के युग में हुआ है और आने वाले समय में अगर इंग्लिश का पूरी तरह से एक नया रूप ही सामने आए तो हैरानी नहीं होनी चाहिए।
बड़ी खबर। …… तालिबान , सिंध प्रान्त से हिन्दुओ को खदेड़ रहे भारत, थार एक्सप्रेस बनी जरिया
चन्दन सिंह भाटी
बाड़मेर पश्चिमी राजस्थान के सरहदी बाड़मेर जिले के ठीक सामने स्थित पाकिस्तान की सीमा पर बसे सिंध प्रान्त से हिन्दुओ का पलायन जारी हें। सिंध प्रान्त के कई हिन्दू बाहुल्य गाँव आज हिन्दू विहीन हो गए वाही कई गाँवों के लोग पलायन कि तयारी में जूट हें। सिंध प्रान्त से हिन्दुओ को खदेड़ने में पाकिस्तान सरकार और तालिबानी अपने मकसद में कामयाब हो रहे हें। साथ ही सिंध प्रान्त से हिन्दुओ के पलायन के प्रथम चरण के बाद पश्चिमी राजस्थान कि सीमा पर तालिबान और आई एस आई अपनी गतिविधिया ना केवल बढ़ने वाले हें बल्कि इस सरहद को भारत विरोधी गतिविधियो का केंद्र बनाने कि योजना हें
खुफिया विभाग के सूत्रो ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि आम तौर पर बाड़मेर जिले कि सरहद मुनाबाव से पाकिस्तान के खोखरापार के मध्य चलने वाली थार एक्सप्रेस से पाकिस्तान से आने वाले जज़ारो परिवार भारत आकर बस गए वो पाकिस्तान नहीं लौट रहे। यह सभी पाक नागरिक सिंध प्रान्त के हें इनमे से अधिकांस रहिमयारखां जिले के हिन्दू हें। सूत्रानुसार पाकिस्तान सरकार सिंध प्रान्त कि आज़ादी के लिए जिए सिंध और एम् क्यों एम् द्वारा चलाये जा रहे आंदोलन को कुचलने के लिए तालिबान और आई एएस आई कि मदद से सिंध प्रान्त से सोची समझी रणनीति के तहत हिन्दू विहीन करने में जूट हें ,इस योजना में पाकिस्तान कामयाब हो रहा हें वाही भारत सरकार पाकिस्तान के मंसूबो को समझने में नाकाम रही हें। भारत सरकार पाकिस्तान से पलायन कर आ रहे हिन्दुओ को पनाह दे रही हें ,
सुरक्षा एजेंसियो कि माने तो गत दो सालो में थार एक्सप्रेस से कोई पेंतालीस हज़ार यात्री भारत आये जिसमे से करीब छह हज़ार हिन्दू पाक नागरिक वापस पाकिस्तान नहीं लौटे। पाकिस्तान से तअलीबर और आई एस आई के सताए हिन्दू परिवार वापस लौटना नहीं चाहते। जिसके चलते हिन्दू परिवार पश्चिमी राजस्थान में स्थायी रूप से बस गए ,बाड़मेर जिले में कोई सेकड़ो परिवार पिछले चार सालो में आकर पाक हिन्दू परिवार अवैध रूप से बस गए हें। इन लोगो ने यहाँ आकर अपने वोटर आई कार्ड और राशन कार्ड तक बना लिए।
तालिबानी लडके येन केन प्रकरण सिंध प्रान्त को हिन्दुओ से मुक्त करना चाहते हें। क्यूंकि उनके मूवमेंट में हिन्दू बाधक बन रहे हें। तालिबान से सोची समझी रणनीति के तहत सिंध से हिन्दुओ को खदेड़ भारत भेजना शुरू कर दिया। सिंध प्रान्त के सांगड तालुका से अधिकांस हिन्दू परिवार अपना सब कुछ छोड़ कर भारत आ चुके हें। थार एक्सप्रेस के प्रत्येक फेरे में पाकिस्तान से पलायन कर भारत आने वाले हिन्दू परिवारो का सिलसिला जारी हें।
खुफिया एजेंसियो का मानना हें कि भारत सरकार को हिन्दुओ के इस पलायन को गम्भीरता से लेना चाहिए। हिन्दू सिंध में हें तब तक पश्चिमी राजस्थान कि सरहद तालिबानियों से सुरक्षित हें। सिंध हिन्दू विहीन हो गया तो तालिबान अपने नापाक इरादो में कामयाब हो जायेगा। आने वाले दस सालो में तालिबान कि भारत विरोधी गतिविधियों का केंद्र बिंदु पश्चिमी राजस्थान कि सरहद होगी।
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वाराणसी. एक विदेशी जोड़े की प्रेम कहानी की शुरुआत दो साल पहले काशी में हुई थी। शनिवार को यही प्रमी जोड़ा गंगा की गोद में सात जन्मों के बंधन में बंध गया। इंग्लैंड का दूल्हा रोबेट और स्पेन की दुल्हनियां क्रिस्टीना ने काशी में एक-दूसरे से हिन्दू रीति-रिवाजों के साथ शादी कर ली। शादी भी ऐसी अनोखी की बजड़े के अंदर ही मंडप और सात फेरे हुए।
क्या बताया विदेशी जोड़े ने
रोबेट ने बताया कि दो साल पहले वह भारत भ्रमण पर काशी आया था। इसी दौरान अस्सी घाट पर पहली बार स्पेन की रहने वाली क्रिस्टीना से मुलाकात हो गई। दोनों ही शहर में अजनबी थे। बनारस के गंगा घाटों पर काफी दिनों तक एक साथ घूमते-घूमते कब प्यार हो गया पता ही नहीं चला। फिर क्या था उसी समय दोनों ने निश्चय कर लिया था कि जहां दोनों को प्यार हुआ शादी भी वहीं करेंगे।
क्रिस्टीना ने बताया कि उनको बनारसी साड़ी बहुत पसंद है। शादी के लिए मां गंगा की गोद से अच्छी कोई जगह नहीं है। प्यार के बाद नए जीवन की शुरुआत भी दोनों ने मां गंगा से ही की है।
बराती ललित ने बताया कि स्पेन की क्रिस्टीना और इंग्लैंड के रोबेट ने अपने प्यार को शादी के अटूट बंधन में बांध लिया। यह शादी गंगा कि धारा में एक बजड़े के अंदर पूरे हिन्दू रीति-रिवाज से गंगा के बीचों-बीच हुई।
उदयपुर। भीलवाड़ा मूल के उदयपुर निवासी कोगटा दम्पती राम कोगटा व ललिता कोगटा का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल हो गया है।
कोगटा दंपती के दो रिकॉर्ड "गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स" में शामिल कर लिए गए हैं। इनमें से पहला 14 सितंबर 2013 तक 10631 प्रकार के गणेशजी की मूर्तियां और पेंटिंग्स शामिल हैं। दूसरी में गणेशजी की 14 सितंबर 2013 तक 2930 मूर्तियां शामिल हैं।
25 वर्ष राम और ललिता कोगटा ने 11000 तरह के गणेश भगवान की मूर्तियां व पेंटिंग्स संग्रहित की हैं। उल्लेखनीय हैं कि राम कोगटा चार्टर्ड अकाउंटेन्ट एवं कम्पनी सचिव हैं।
उनकी पत्नी ललिता उदयपुर महिला अरबन कॉ-ऑपरेटिव बैंक की निदेशक हैं। इनका बेटा देवाशीष भी 800 से अधिक गणेश जी के मुक्त हस्त स्केच बना चुका है।
राम ने बताया कि समय-समय पर वह गणपत्ति के विभिन्न स्वरूपों को शिल्पग्राम, सिटी पैलेस, बागौर की हवेली व मुंबई, दिल्ली में प्रदर्शित कर चुके हैं।
2009 में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, 2013 में इण्डिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बुक में कोगटा दम्पत्ति का नाम दर्ज किया गया।
जयपुर। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की जमीन से सम्बन्घित मामले में खोजबीन शुरू हो गई है। राजस्व मंडल सभी जिला कलक्टरों से इस जमीन के खरीद-बेचान का रिकॉर्ड जुटा रहा है।इधर बाड़मेर जिला कलेक्टर ने इस सन्दर्भ में एक लाइन का जवाब भेज दिया राजस्व मंडल को कि रॉबर्ट वाड्रा के नाम से बाड़मेर में कोई जमीं नहीं खरीदी गयी
सूत्रों से पता चला है कि मंडल ने कलक्टरों से उनके यहां वाड्रा की जमीन और उसके स्थान के बारे में जानकारी मांगी है, जमीन की कीमत के बारे में पूछा गया है।
बताया जाता है कि वाड्रा की जमीन के बारे में एक विधायक ने सवाल लगाया है, उसी के लिए यह जानकारी एकत्र की जा रही है। इस जमीन के मामले में राज्य के चार भाजपा सांसद भी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को पत्र लिखकर जांच की मांग कर चुके हैं।
केन्द्रीय मंत्री पर सरकारी भूमि हड़पने का आरोप
केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह पर मिलीभगत कर अलवर जिले में कब्रिस्तान व गैर मुमकिन रास्ते की बेशकीमती भूमि हड़पने का आरोप सामने आया है। सूचना का अधिकार कार्यकर्ता अशोक पाठक ने शनिवार को यहां मीडिया को इसके दस्तावेज मुहैया कराए।
उन्होंने आरोप लगाया कि सिंह ने 2009 में सांसद बनने पर अलवर के उपखण्ड़ अधिकारी से सुनवाई का आग्रह किया, इसके लिए पेश प्रार्थना पत्र में जून 2005 में करीब 30 बीघा जमीन का वाद खारिज होने और मूल वादी तेजसिंह की मृत्यु होने का तथ्य छिपाया।
अक्टूबर 2011 में तत्कालीन एसडीओ नारायण सिंह ने आरोपी के पक्ष में फैसला कर दिया, जबकि पुन: सुनवाई का अधिकार ही नहीं था। प्रार्थना पत्र में पत्रावली गायब बताई, वह आरटीआई में शिकायतकर्ता को मिल गई है। जितेन्द्र सिंह के मोबाइल पर सम्पर्क किया गया, तो स्विच ऑफ बताया गया।
टैंकर में सांचौर जा रहा लाखों का डोडा-पोस्त बरामद सांडेराव(पाली). सांडेराव थाना पुलिस ने सीमेंट मिक्सर के टैंकर में भरा हुआ भारी मात्रा में अवैध डोडा-पोस्त पकडऩे में सफलता हासिल की है। आरोपी 71 बोरों में भरा हुआ करीब 14 क्ंिवटल डोडा-पोस्त टैंकर में लेकर सांचोर की तरफ जा रहा था, मगर सांडेराव थाना पुलिस की नाकाबंदी के दौरान पकड़ में आ गया। पुलिस ने इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर डोडा-पोस्त बरामद कर टैंकर को भी जब्त कर लिया है। बरामद किए गए मादक पदार्थ की कीमत करीब 20 लाख रुपए बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार एसपी जयनारायण शेर के आदेश पर की जा रही विशेष जांच अभियान के तहत सांडेराव थाना परिसर के बाहर नेशनल हाईवे-14 पर नाकाबंदी की जा रही थी। इस दौरान थाना प्रभारी राजेंद्रसिंह चारण की अगुवाई में नाकाबंदी पर खड़े पुलिस दल ने इस मार्ग से गुजर रहे सीमेंट मिक्सर टैंकर जीजे. 6 वाई 6552 को रुकवाकर उसकी तलाशी ली तो सीमेंट मिक्सर में प्लास्टिक के बोरों में अवैध रूप से डोडा-पोस्त भरा हुआ मिला। पुलिस कार्रवाई को देखकर चालक मेडागांव (चितलवाना) जालोर निवासी मांगीलाल पुत्र रघुनाथ विश्नोई ने पुलिस को चकमा देकर वहां से फरार होने का प्रयास किया, मगर पुलिस दल में शामिल एएसआई मूलसिंह, बुद्घाराम, मुख्य आरक्षी लक्ष्मणसिंह राजपुरोहित समेत अन्य पुलिसकर्मियों ने उसे दबोच लिया। पुलिस ने 71 बोरों में भरा हुआ कुल 14 किलो डोडा-पोस्त बरामद कर लिया है। आरोपी से पूछताछ कर अन्य आरोपियों के बारे में पता लगाया जा रहा है। साथ ही उससे पूछताछ कर इसके सप्लाई होने वाले स्थान व सप्लाई करने वाले तस्कर के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। एमपी के मंदसौर से लाया जा रहा था मादक पदार्थ : आरोपी से की गई पूछताछ के दौरान पता चला कि यह डोडा-पोस्त मध्यप्रदेश के मंदसौर से भरकर लाया जा रहा था। इसे सांचोर इलाके के गांवों में डोडा-पोस्त के तस्करों को सप्लाई करना था। पुलिस को पता चला है कि चालक के साथ अन्य आरोपी भी हो सकते हैं, जो संभवत- इस टैंकर के आगे गाड़ी से एस्कोर्टिंग कर रहे थे। इस बारे में पता लगाया जा रहा है। तस्करों ने बदल दिया तस्करी का तरीका आरोपियों ने पुलिस को चौकन्ना होने के बाद अपनी तस्करी का तरीका भी बदल दिया है। पहले आरोपी मादक पदार्थों की तस्करी में ट्रक समेत अन्य वाहनों का उपयोग करते थे। इसके बाद पुलिस की ट्रकों पर बढ़ती नजर को देखते हुए तस्करों ने लग्जरी गाडिय़ों व बोलेरो जीप को इस अवैध कारोबार का जरिया बना लिया था। इसमें भी पुलिस की नजरें पैनी होने तथा ऐसे वाहनों के पकड़े जाने का अधिक खतरा पैदा होने के बाद अब आरोपियों ने ऐसे वाहनों का उपयोग शुरू कर दिया है, ताकि पुलिस को चकमा दिया जा सके। शनिवार को सांडेराव थाना पुलिस की तरफ पकड़े गए सीमेंट मिक्सर टैंकर में आरोपियों ने डोडा भर दिया था, मगर वे बच नहीं पाया। एकबारगी सीमेंट के मिक्सर टैंकर में डोडा-पोस्त की खेप देखकर पुलिस भी हैरत में पड़ गई।
चितलवाना. अवैध शराब से भरी पकड़ी ट्रक।
इधर, अवैध शराब से भरा ट्रक जब्त, चालक गिरफ्तार
चितलवाना. एसपी के निर्देशानुसार जिले भर में की गई नाकाबंदी के दौरान चितलवाना पुलिस ने अवैध शराब से भरा ट्रक बरामद कर चालक को गिरफ्तार किया। थानाधिकारी रामवीर जाखड़ ने बताया कि चितलवाना पुलिस की सिवाड़ा चौकी पर नाकाबंदी के दौरान शाम करीब 5 बजे बाड़मेर की ओर से आ रहे ट्रक नंबर आर जे 14 जीबी 4114 को रोकने का इशारा किया लेकिन ट्रक नाकाबंदी तोड़ आगे बढ़ गया। इस पर चितलवाना पुलिस ने ट्रक का पीछा कर 2 किलोमीटर दूर झोटड़ा गांव के समीप रुकवाकर ट्रक की तलाशी ली। इस दौरान ट्रक मेंं अवैध शराब पाई गई। इस पर पुलिस ने ट्रक व उसके चालक भागीरथ उर्फ भेराराम पुत्र घमंडाराम जाट निवासी भूणिया को हिरासत में ले लिया। घटना की सूचना मिलने पर डिप्टी तुलसाराम चौधरी व सांचौर थाना प्रभारी भंवरलाल सिरवी भी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी।
रानी। अहमदाबाद से दिल्ली जाने वाली आश्रम एक्सप्रेस से बीती रात्रि रानी व हरिपुर के बीच चलती ट्रेन में पार्सल बोगी का ताला तोड़कर करीब दस लाख रूपए का सामान चोरी करने की वारदात का पर्दाफाश करते हुए रेलवे व रायपुर थाना पुलिस ने चोरी का माल बरामद किया है। माल पार्सल मे लगे जीपीएस के जरिए पकड़ मे आया है। हालांकि चोर फरार हो जाने मे कामयाब रहे। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है। रायपुर थाना प्रभारी अनिल विश्नोई के अनुसार शुक्रवार शाम को अहमदाबाद से दिल्ली जा रही आश्रम एक्सप्रेस मे रानी स्टेशन से कुछ चोर चढ़ गए थे। उन्होंने पार्सल बोगी का ताला तोड़ अंदर रखे पार्सल बाहर फेंक दिए थे।
उनमें से 28 पार्सल चोर उठा ले गए। वहीं कई बड़े पार्सल ट्रेक से रेलवे पुलिस ने बरामद कर लिए। उन पार्सल मे कोरियर कम्पनी ने जीपीएस लगा रखा था। जांच मे लोकेशन रायपुर से तीन किलोमीटर दूर झूठा गंाव मे आई। दोपहर में मारवाड़ जंक्शन रेलवे पुलिस के थानाप्रभारी हंसराज मीणा जाप्ता के साथ रायपुर थाने पहुंचे। यहां से थानाप्रभारी अनिल विश्नोई रेलवे पुलिस के साथ झूठा गांव मे पहुंचे। लोकेशन झूठा निवासी इकबाल के घर की आने पर उसकी घर पर दबिश दी गई। दूर से पुलिस को आते देख इकबाल अपने साथियों के साथ फरार हो गया। पुलिस ने घर की तलाशी लेकर 23 पार्सल बरामद कर लिए।
दो माह पहले भी हुई थी वारदात
रेलवे पुलिस का कहना है कि दो माह पहले भी चोरों ने इसी ट्रेन से पार्सल चुराए थे। पुलिस को इस वारदात के पीछे राजस्थान व गुजरात के संयुक्त गिरोह का हाथ लग रहा है। पुलिस इसकी तह तक जाने मे जुटी है।
दस लाख का माल
रेलवे पुलिस ने बताया कि चोरों द्वारा चुराए गए पार्सल मे ब्रांडेड कम्पनी के कपड़े, सोने-चांदी के पॉलिस किए आभूषण सहित कई महंगी सामग्री थी। जिनकी लागत करीब दस लाख रूपए आंकी गई है।