मंगलवार, 8 अक्टूबर 2013

कांग्रेस को दलित समुदाय में नेतृत्व उभारना चाहिए: राहुल

मायावती पर उत्तर प्रदेश में किसी अनुसूचित जाति के नेता को आगे नहीं बढ़ने देने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि इस समुदाय में नेतृत्व को उभारने के लिए कांग्रेस के पास बहुत बड़ा अवसर है और पार्टी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी क्षेत्रों में दलित नेतृत्व पैदा हो।
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अनुसूचित जाति सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय जागरुकता पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा कि भारत में दलित सशक्तिकरण चरणों में हुआ है। पहले चरण में भीमराव अम्बेडकर शामिल थे, जिन्होंने कांग्रेस के साथ मिलकर संविधान लिखने और उनके लिए आरक्षण सुनिश्चित करने में योगदान दिया।

उन्होंने कहा कि दूसरा चरण कांशीराम का था, जिन्होंने सशक्तिकरण का इस्तेमाल आरक्षण से संगठन के निर्माण के लिये किया। इस चरण में मायावती ने भूमिका निभाई।

कांग्रेस नेता ने कहा कि देश तीसरे चरण से गुजर रहा है, जहां सबसे महत्वपूर्ण पहलू है नेतृत्व का विकास। राहुल ने कहा, अगर आप इस दलित आंदोलन को आगे बढ़ाना चाहते हैं, तो एक दलित नेता या दो दलित देना पर्याप्त नहीं होंगे। लाखों दलित नेताओं की जरूरत होगी। आंदोलन के नेतृत्व पर मायावती ने कब्जा कर रखा है, वह दूसरों को आगे बढने की इजाजत नहीं देतीं।

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने दावा किया कि पार्टी के लिए यह बड़ा अवसर है, जिसने दलितों के लिए अतीत में बहुत कुछ किया है। उन्होंने पार्टी से व्यवस्थित ढंग से हर स्तर पर - पंचायत से लेकर विधायक और सांसद तक और यहां तक कि नीति निर्धारण के स्तर तक, दलित नेतृत्व तैयार करने को कहा।

राहुल ने दावा किया कि दलित शुरुआत से कांग्रेस के साथ थे, लेकिन मंडल मंदिर आंदोलन के मद्देनजर बसपा ने उन्हें अपने पाले में कर लिया। पार्टी यह मानती है कि उन्हें उनके मूल घर में वापस लाने के प्रयास किये जाने चाहिए।

वाल्मीकि जयंती के मौके पर आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए राहुल ने हाल के अध्यादेश विवाद की चर्चा की और कहा कि मुझे एक पत्रकार ने बताया कि विपक्ष ऐसा कह रही है कि अपनी बात रखने के लिए आपने गलत समय चुना। मैंने पूछा क्या सच कहने के लिए कोई सही समय होता है। अगर आप सच कहने के लिए समय चुनते हैं तो यह सच नहीं, बल्कि झूठ है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि संसद में पारित कुछ विधेयकों का नामकरण ठीक से नहीं होता। उन्होंने कहा कि हाल में मैला ढोने की प्रथा से संबंधित विधेयक पारित हुआ। कायदे से इसका नाम आत्मसम्मान का अधिकार विधेयक होना चाहिए था।

राहुल गांधी ने पार्टी के लिए हर राज्य में नेताओं को तैयार करने की आवश्यकता को रेखांकित किया ताकि लोग कह सकें कि कांग्रेस के पास 40 से 50 नेता हैं, जो प्रधानमंत्री के रूप में काम कर सकते हैं, जो मुख्यमंत्री के रूप में काम कर सकते हैं।

तंदूर हत्याकांड: सुशील शर्मा को फांसी नहीं, अब होगी उम्रकैद



नई दिल्ली। देश को हिलाकर रख देने वाले तंदूर हत्याकांड में आज 18 साल बाद फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने तिहाड़ जेल में बंद कांग्रेस के पूर्व नेता सुशील शर्मा की याचिका पर फैसला सुनाते हुए फांसी की सजा उम्रकैद में बदल दी है। सुशील शर्मा ने निचली अदालत के बाद हाईकोर्ट से मिली फांसी की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।



हालांकि सुशील शर्मा को मरने तक जेल में ही रहना पड़ेगा। फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलते हुए कोर्ट ने कहा कि सुशील शर्मा ने अपने अपराध पर अफसोस जताया है और उसका पहले का आपराधिक इतिहास भी नहीं है। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि सुशील शर्मा को किसी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी।



क्या है मामला?

1995 में सुशील शर्मा ने अपनी पत्नी नैना साहनी की हत्या कर उसकी लाश के कई टुकड़े कर उसे तंदूर में जलाया था। ये घटना 2 जुलाई 1995 की है। सुशील शर्मा को शक था कि उसकी पत्नी नैना साहनी के किसी के साथ संबंध हैं, इसी शक में उसने नैना को गोली मार दी। इसके बाद उसके शव को अपनी मारुति कार में डालकर सीधा अशोक यात्री निवास होटल, जो आजकल इंद्रप्रस्थ होटल के नाम से जाना जाता है, वहां ले गया। इस होटल के बगिया रेस्टोरेंट को सुशील कॉन्ट्रैक्ट पर चलाता था। यहीं पर उसने नैना साहनी के शव के टुकड़े किए और फिर उन्हें तंदूर में झोंक दिया। लेकिन दिल्ली पुलिस के एक कॉन्स्टेबल और एक होमगार्ड ने रेस्टोरेंट से धुआं निकलते देख कार्रवाई की और देश का सनसनीखेज हत्याकांड सामने आया।



जब मंदिर मार्ग स्थिल अपने फ्लैट पर पहुंचा तो उसने देखा कि नैना टेलीफोन पर किसी से बात कर रही थी सुशील को देखते ही तुरंत उसने टेलीफोन का रिसीवर नीचे रख दिया। सुशील शर्मा को शक हुआ कि नैना मतलूब करीम से ही बात कर रही थी। उसी वक्त उसने टेलीफोन नंबर को री-डायल किया। उसका शक सही साबित हुआ। दूसरी तरफ से टेलीफोन पर मतलूब करीम ने ही जवाब दिया।



सुशील शर्मा बौखला गया कि नैना बेवफा है। इस ख्याल ने उसे पागल कर दिया। उसने अपना लाइसेंसी रिवॉल्वर निकाल लिया और तड़ातड़ तीन गोलियां नैना साहनी पर दाग दीं। पहली गोली नैना के माथे को चीरती हुई पार निकल गई। दूसरी गोली नैना के गले पर लगी। तीसरी गोली अपने निशाने से चूक गई और सीधा दीवार पर लगे एयरकंडिश्नर पर जाकर लगी। नैना की मौका-ए-वारदात पर ही मौत हो गई।



इसके बाद सुशील शर्मा ने नैना की लाश को चादर में लपेट लिया और उसे अपनी मारुति कार में डालकर सीधा अशोक यात्री निवास होटल, (जो आजकल इंद्रप्रस्थ होटल के नाम से जाना जाता है) के बगिया रेस्टोरेंट पर पहुंचा। सुशील बगिया रेस्टोरेंट को कांट्रेक्ट पर चलाता था। वहां उसने नैना की लाश को टुकड़े-टुकड़े कर दिया और फिर उसे रेस्टोरेंट के तंदूर की आग जलाने लगा।



लाश जलने की बदबू ज्यादा न फैले और लाश जल्दी जल जाए इसके लिए वो तंदूर में मक्खन भी डालता जा रहा था। शर्मा ने सोचा था कि ऐसा करके वो लाश के साथ सारे सबूत मिटा देगा, जिससे कानून के फंदे से साफ बच निकलेगा। बगिया रेस्टोरेंट का मैनेजर केशव कुमार ने नैना की लाश को खत्म करने में सुशील का पूरा साथ दिया।



सुशील शर्मा चाहता था कि नैना के कत्ल के निशान। सभी सुबूत पूरी तरह तंदूर की आग में जलकर खत्म हो जाए। सुशील शर्मा अपने मकसद में करीब-करीब कामयाब हो ही गया था। लेकिन तभी दिल्ली पुलिस का कांस्टेबल अब्दूल नजरी कुंजू और होमगार्ड चंद्रपाल ने ओपन एयर रेस्टोरेंट बगिया से धुंआ निकलते देखा। दोनों को शक हुआ दोनों होटल के दीवार को फांदकर अंदर दाखिल हुए।



उन्होंने देखा कि तंदूर से आग की लपटे बहुत ऊंची उठ रही हैं। उस वक्त तक सुशील शर्मा वहां से फरार हो चुका था। रेस्टोरेंट के मैनेजर ने दोनों को बताया कि वो लोग होटल की रद्दी और कांग्रेस पार्टी के पुराने बैनर जला रहे हैं। तंदूर से निकलती आग की लपटे छत को छू रहीं थी। आग फैलने के खतरे की वजह से दोनों सिपाहियों ने तंदूर में पानी डालकर आग को बुझा दिया। बाद में तंदूर के अंदर ठीक से तलाशी ली गई तो अंदर लाश को टुकड़े और हड्डियां बरामद हुई और डीएनए टेस्ट में ये साबित हो गया कि वो नैना साहनी की ही थी।

सैन्य शक्ति और भक्ति का अनूठा संगम तनोट माता मंदिर में



सीमा की चौकसी के साथ भक्तों की सेवा 


जैसलमेर रामगढ़ सीमा सुरक्षा बल के जवानों द्वारा भारतीय सीमा की चौकसी के साथ साथ तनोट माता के दर्शनार्थ आने वाले भक्तों की सेवा भी की जा रही है। मुख्य द्वार से माता के मंदिर तक पैदल चलकर पहुंचने में असमर्थ भक्तों को बीएसएफ के जवान व्हील चेयर पर बिठा कर माता के दर्शन करवा रहे हैं। जवानों की इसी भक्ति भावना से माता के दर्शनार्थ आने वाला हर श्रद्धालु प्रभावित है। 62वीं वाहिनी सीमा सुरक्षा बल के समादेष्टा मनोज कार्की के निर्देशन में जवानों द्वारा तनोट में व्यवस्था सुचारू रूप से चलाई जा रही है। प्रतिदिन दो समय चलने वाले माता के भण्डारे में जवानों की ओर से मान मनुहार कर भक्तों को भोजन करवाया जाता है। जवान सीमा की चौकसी के साथ तनोट मंदिर का जिम्मा बखूबी निभा रहे हैं। तनोट आने वाला हर भक्त सीमा सुरक्षा बल के जवानों के सेवा भावना से किए जा रहे कार्य की सराहना करता है। बीएसएफ द्वारा रात्रि विश्राम करने वाले भक्तों को बिस्तर आदि मुहैया करवाए जा रहे हैं वहीं मंदिर परिसर में निशुल्क चिकित्सा शिविर भी लगाया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से सीमा सुरक्षा बल के जवानों के साथ पुलिसथाना रामगढ़ के सहायक उप निरीक्षक देवीसिंह मय जाब्ते के मौजूद है। 

तनोट में जमता है आरती का अनूठा रंग 

सीमा क्षेत्र में स्थित शक्तिपीठ मातेश्वरी तनोटरॉय मंदिर में आस्था का सैलाब उमड़ रहा है। नवरात्र के मौके पर तनोट में इन दिनों माहौल भक्तिमय बना हुआ है। मातेश्वरी तनोटरॉय मंदिर में प्रतिदिन सीमा सुरक्षा बल के जवानों द्वारा की जाने वाली आरती में भक्ति भावना के साथ जोश का अनूठा रंग नजर आता है। आरती के दौरान मंदिर परिसर में उपस्थित हर श्रद्धालु झूमने पर विवश हो जाता है। मातेश्वरी तनोटरॉय मंदिर में प्रतिदिन तीन समय आरती होती है इस दौरान समूचा मंदिर परिसर खचाखच भर जाता है। नौ दिनों तक चलने वाले माता तनोट के मेले में दूर दराज से हजारों की संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं वहीं सैकड़ों श्रद्धालु पैदल यात्रा कर माता के दरबार में पहुंच रहे हैं।

दैनिक हवन में दी आहुतियां

सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित शक्तिपीठ मातेश्वरी तनोटरॉय मंदिर में आस्था का ज्वार उमड़ रहा है। तनोट में माता के जयकारों से वातावरण गुंजायमान हो जाता है। मंदिर में सोमवार को हुए हवन में भक्तजनों ने आहुतियां देकर देश में खुशहाली की कामना की। सांयकालीन आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शरीक हुए तथा आरती के बाद माता के भण्डारे में प्रसाद के रूप में भोजन ग्रहण किया। बाहरी जिलों से आए भक्तों ने तनोट में रात्रि विश्राम किया।

पत्नी गिरफ्तार, प्रेमी हुआ फरार, कबूली वारदात

सादुलपुर।गांव खुड्डी के निकट खेत में बने कुंड के पास शनिवार रात प्रेमी के साथ मिलकर पति की लाठियों से पीट-पीट कर हत्या करने की आरोपित पत्नी गांव चेलाणा बास निवासी सुनीता को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया लेकिन प्रेमी फरार हो गया।पत्नी गिरफ्तार, प्रेमी हुआ फरार, कबूली वारदात

पुलिस के अनुसार आरोपित सुनीता ने पूछताछ में शनिवार रात अपने प्रेमी गांव खुड्डी निवासी रमेश के साथ मिलकर पति रामदयाल की हत्या करना स्वीकार किया। रामदयाल के आदतन शराबी होने से आए दिन पति पत्नी के बीच झगड़ा होता था। शनिवार रात करीब दस बजे सुनीता पति रामदयाल को किसी काम के बहाने से खुड्डी गांव के निकट खेत में लेकर गई। जहां प्रेमी रमेश पहले से ही वहां मौजूद था।


सुनीता की मौजूदगी में रमेश व रामदयाल ने वहां शराब पी। बातों-बातों में प्रेमी रमेश सुनीता के पति से झगड़ा करने लगा। देखते ही देखते सुनीता व प्रेमी रमेश ने रामदयाल पर लाठियों से हमला कर दिया जिससे रामदयाल बेहोश हो गया। सुनीता पति को बेहोशी की हालत में छोड़कर गांव चेलाणा बास स्थित घर आ गई। रमेश बेहोश रामदयाल को कंधे पर लादकर सड़क पर पटक फरार हो गया। रात को रामदयाल की मौत हो गई।

मोबाइल से बनाई हत्या की योजना

पुलिस के अनुसार आरोपित महिला सुनीता ने शनिवार दिन में प्रेमी रमेश से मोबाइल पर बातचीत कर पति की हत्या की योजना बनाई। सुनीता ने हत्या को अंजाम देने के लिए रमेश को अपने घर बुलाया लेकिन रमेश ने घर आने से मना कर दिया।


इसके बाद योजना के अनुसार सुनीता पति रामदयाल को काम का बहाना कर अपने साथ गांव खुड्डी के निकट खेत में ले गई जहां दोनों ने उसकी पीट-पीट कर हत्या कर दी। प्रेमी के साथ मिलकर पति को लाठियों से पीट-पीटकर बेहोश करने के बाद सुनीता घबराई हुई घर लौटी और सुबह पति की मौत होने की पुष्टि करने के बाद ही उसने घर आकर परिजनों को रामदयाल का शव सड़क पर पड़ा होने की सूचना दी।

युवती ने फांसी लगाकर आत्महत्या की

सुजानगढ़. कस्बे के एक ब्यूटी पार्लर पर काम करने वाली एक विवाहिता ने सोमवार सुबह अपने घर में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
पुलिस के अनुसार हनुमान धोरा निवास मुकेश कुमार सोमवार सुबह बाजार से घर लौटा तो पत्नी समता का शव फांसी के फंदे पर झूलता पाया।परिजन समता को फंदे से उतार कर राजकीय अस्पताल लेकर आए जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतका के भाई राजलदेसर निवासी मुकेश ने पुलिस को बताया कि समता की शादी वर्ष 2000 में जालौर निवासी मुकेश कुमार के साथ हुई थी। राजलदेसर निवासी समता व उसकी तीन बहनें परिवार सहित सुजानगढ़ में ही अलग-अलग रहती है।

यूं हुआ हादसे का खुलासा

राजकीय अस्पताल लेकर पहुंचे चिकित्सकों ने शव का पोस्टमार्टम करवाने की बात कही तो परिजनों ने पोस्टमार्टम करवाने से इनकार कर शव जबरन ले गए। इस पर चिकित्सकों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस मृतका के घर पहुंची तथा परिजनों को शव का पोस्टमार्टम करवाने को कहा। पीहर एवं ससुराल पक्ष के लोगो ने पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया लेकिन पुलिस के दबाव पर परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम करवाना पड़ा।


मौत पर बना है संदेह परिजनों की ओर से दर्ज करवाई रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं है कि मृतका ने किस समय और क्यों आत्महत्या की। घटना के समय घर पर कौन कौन था। इस संबंध में डा. दिलीप सोनी का कहना है कि सरिता को जब अस्पताल लाया गया तब उसकी मौत हो चुकी थी। परिजन जबरन शव को बिना पोस्टमार्टम करवाए ले गए तब उन्होंने पुलिस को सूचना दी।

चिट्ठी न कोई संदेश...

बाड़मेर। विख्यात गजल गायक जगजीत सिंह की "चिट्ठी न कोईसंदेश न जाने वो कौनसा देश,जहां तुम चले गए"गजल में झलका दर्द इन दिनों बाड़मेर जिले के सुरा जागीर ग्राम पंचायत निवासी सुरताराम का परिवार महसूस कर रहा है। चिट्ठी न कोई संदेश...
इस परिवार का बेटा सऊदी अरब कमाने गया था,लेकिन अब उसके कोईसमाचार नहीं है। नियोक्ता कम्पनी से संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों को आशंका है कि शायद उसकी हत्या हो चुकी है और नियोक्ता कम्पनी इस बात को छिपा रही है। अब परिवार दर-दर भटक रहा है कि शायद कही से उसका समाचार मिल सके।

सुरा जागीर ग्राम पंचायत निवासी सुरताराम के चार पुत्र है। चारों में से एक मंगलाराम की चार साल पहले उसकी शादी हुई और करीब दो साल का बच्चा भी है। इसी बीच गांव के ही रहने वाले एक व्यक्ति ने उसे सउदी अरब में अच्छी कमाई होने की बात कह कर वहां चलने को कहा। उसने ही पासपोर्ट बनाने व वीजा दिलाने की कार्रवाई की। इसके बाद दिसम्बर 2012 को वह स ऊदी अरब चला गया। जाने के पांच-सात माह बाद तक टेलीफोन के जरिए उसका सम्पर्क परिजनों से हुआ। पिछले तीन माह से सम्पर्क कट गया। इसके बाद परिजनों ने उसके साथ ले जाने वाले व्यक्ति से सम्पर्क किया, लेकिन संतोष्ाजनक जवाब नहीं मिला। परिजनों के अनुसार उसने अब बताया कि मंगलाराम का देहांत हो चुका है।

ऎसे में परिजन स्तब्ध रह गए। उन्हें समझ में नहीं आया कि आखिर अचानक उसे क्या हो गया। उन्होंने सऊदी अरब की नियोक्ता कम्पनी से सम्पर्क किया, लेकिन वहां से संतोषजनक जवाब नहीं मिला। टेलीफोन पर भाषा की समस्या भी आड़े आ रही है। परिजनों को देहांत का समाचार मिलने के बाद वे उसकी हत्या की आशंका जता रहे हैं।

कर्ज लेकर गया अरब

मंगलाराम अजजा वर्ग का है। उसके परिवार की आर्थिक स्थिति भी खराब है। सऊदी अरब जाने के लिए उसने कर्ज लिया था। परिजनों को उम्मीद थी कि वह जब कमा कर आएगा तो कर्ज चुकता हो जाएगा, लेकिन अब उनके लिए कर्ज चुकाना मुश्किल हो जाएगा।

कहां गया मंगलाराम

हमने उम्मीद के साथ मंगलाराम को सऊदी अरब भेजा था। अब पता चला है कि उसका देहांत हो गया है। हमें संदेह है कि उसकी नियोक्ता कम्पनी ने उसकी हत्या करवा दी है। शव वहां की पुलिस के पास है। हमने शव मंगवाने की मांग की है।
- सुरताराम, मंगलाराम का पिता

मंगलाराम का परिवार उसका इंतजार कर रहा है। हत्या की आशंका है। ऎसे में हत्या हो गई है तो भारत सरकार उसका शव मंगवाकर परिजनों को सुपुर्द करें। हम जिला प्रशाासन से भी मदद की गुहार करेंगे। - भलदान चारण, सामाजिक कार्यकर्ता, सुरा चारणान

दरगाह में गुनगुनाए बगैर ना रहीं आबिदा

अजमेर।ख्वाजा साहब की दरगाह में भले ही महिलाओं के गाने पर रोक है लेकिन मशहूर पाकिस्तानी सूफी गायिका आबिदा परवीन सोमवार को यहां गुनगुनाएं बगैर नहीं रह सकीं। दरगाह में उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में "...तुम हो हमारे सामने, मेरी नमाज है यही" कलाम गुनगुनाया। आबिदा फिल्म निर्देशक मुजफ्फर अली के साथ रात आठ बजे दरगाह पहुंचीं। उन्होंने गरीब नवाज के मजार पर चादर और फूल पेश कर अमन-चैन और भारत-पाकिस्तान के बीच मधुर रिश्तों की दुआ की।

आबिदा ने कहा कि ख्वाजा साहब सबको नवाजने वाले हैं। इनके दर पर आकर यही दुआ की है कि पूरी दुनिया में अमन-चैन बना रहे। भारत-पाकिस्तान के बीच की दूरियां हमेशा-हमेशा के लिए मिट जाएं। उन्हें जियारत सैयद मुशर्रफ चौधरी ने कराई।

सोमवार, 7 अक्टूबर 2013

कांग्रेस सांसद बीरेंद्र सिंह ने राजनीति को बताया सबसे कमाऊ धंधा



अंबाला, जागरण संवाददाता। कांग्रेस सांसद बीरेंद्र सिंह ने एक बार फिर अपने बयान से तूफान खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि राजनीति सबसे अच्छा धंधा है। कोई बिजनेस या सरकारी नौकरी में फेल हो जाए, अच्छा डॉक्टर, इंजीनियर या वकील न बन सके तो राजनीति में आ जाए। यहां कई लोगों का ऐसा दांव लगता है कि करोड़ों नहीं अरबों कमा लेते हैं।
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बीरेंद्र सिंह छावनी स्थित बीपीएस प्लेनेटोरियम में भगवान वाल्मीकि प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। अखिल भारतीय वाल्मीकि समाज विकास परिषद के इस आयोजन की मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा थीं।

बीरेंद्र सिंह ने संबोधन में वाल्मीकि समाज के लोगों को मेहनतकश व बहादुर बताया। राजनेताओं पर बोलते हुए वे लय में बहते गए। खूब-खरी खोटी सुनाते हुए वह बोले, ऐसे ही लोग सही आदमियों को दबाने का काम करते हैं और राजनीति में अच्छा काम कर रहे हैं। गौरतलब है कि अपनी ही पार्टी के मुख्यमंत्री के खिलाफ विरोध का झंडा उठाने वाले बीरेंद्र सिंह पहले भी अपने बयान को लेकर चर्चा में रह चुके हैं। कई बार उन्हें बयानों से पलटना भी पड़ा।

भाजपा नेता और विधायक अनिल विज ने बीरेंद्र के ताजा बयान को कांग्रेस की सोच बताया और कहा इसी वजह से देश का आज बुरा हाल है। क्योंकि कांग्रेस राजनीति को सेवा नहीं, वरन धंधा मानती है। उन्होंने कहा कि संभव है कि बीरेंद्र का इशारा अपने मुख्यमंत्री और पार्टी के विधायकों की तरफ हो।

चंद्राबाबू का आरोप-तेलंगाना पर केवल वोट बैंक की राजनीति कर रही कांग्रेस

नई दिल्ली : तेलगू देशम पार्टी (तेदपा) के प्रमुख एन.चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश के विभाजन पर केंद्र सरकार के प्रस्ताव के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार को बेमियादी भूख हड़ताल शुरू कर दी। उन्होंने तेलंगाना मसले पर राजनीति करने का कांग्रेस पर आरोप लगाया है। चंद्राबाबू का आरोप-तेलंगाना पर केवल वोट बैंक की राजनीति कर रही कांग्रेस
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां एक प्रेस वार्ता में कहा, ‘कांग्रेस पार्टी पूरी तरह राजनीतिक कर रही है। सुबह 8.30 बजे से मैं बेमियादी भूख हड़ताल पर हूं। इसकी वजह यह है कि आंध्र प्रदेश, विशेष कर सीमांध्र (तटीय आंध्र व रायलसीमा) पिछले 70 दिनों से जल रहा है। दिन-ब-दिन स्थिति बदतर होती जा रही है।’

उन्होंने कहा, ‘हमने इस पर भारत सरकार का ध्यान खींचने की हर संभव कोशिश की। हमने संसद में यह मामला उठाया। मैं दिल्ली आया और राष्ट्रपति और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से मिला। आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई, न ही दोनों तरफ के लोगों को बुलाकर बातचीत करने की कोशिश की गई।’

नायडू ने कहा, ‘लोकतंत्र का मतलब है कि अगर कोई समस्या है तो उस पर बहस, बातचीत होनी चाहिए और अंततोगत्वा उसका कोई समाधान तो निकालना ही होता है।’

उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के लोगों का राजनीतिक व्यवस्था से विश्वास उठ रहा है। नायडू ने कहा, ‘सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी यह सब भूल गई है। वे कोई समाधान नहीं ढूंढ रहे। दूसरी तरफ वे समस्या खड़ी कर रहे हैं।’

तटीय आंध्र और रायलसीमा (सीमांध्र) में राज्य के विभाजन के खिलाफ विद्युत विभाग के कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से रविवार को कई शहर और सैंकड़ों गांव अंधेरे में डूब गए और कई रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं।

आसाराम पर बनेगी "चल गुरू हो जा शुरू"

मुंबई। नाबालिग से यौन शोषण के आरोपी आसाराम इन दिनों बॉलीवुड के लिए हॉट टॉपिक बन गए हैं। आसाराम पर एक साथ दो फिल्में बनने जा रही है। एक का नाम है "चल गुरू हो जा शुरू" और दूसरी का नाम है "सत्संग"। आसाराम पर बनेगी "चल गुरू हो जा शुरू"
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मशहूर फिल्म निर्देशक प्रकाश झा सत्संग टाइटल से फिल्म बनाने जा रहे हैं। अटकलें है कि फिल्म में अजय देवगन, अर्जुन रामपाल या मनोज वाजपेयी आसाराम की भूमिका निभा सकते हैं। अर्जुन रामपाल से जब फिल्म के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे आसाराम बापू बनने के लिए बहुत मेहनत करनी होगी।

"चल गुरू हो जा शुरू" टाइटल वाली फिल्म में हेमंत पांडे केन्द्रीय भूमिका में होंगे। पांडे टीवी धारावाहिक ऑफिस ऑफिस से मशहूर हुए थे। पांडे ने इस बात की पुष्टि की है कि वह फिल्म में केन्द्रीय भूमिका में होंगे। उन्होंने बताया कि फिल्म ढोंगी बाबाओं पर केन्द्रित हास्य व्यंग्य फिल्म है। फिल्म में ऎसे सभी बाबाओं के बारे में बताया जाएगा जिन्होंने धर्म को धंधा बना दिया है और सीधी साधी जनता उनकी ठगी का शिकार हो रहा है।

हिमालयन ड्रीम्स के बैनर तले बनने वाली फिल्म में हेमंत पांडे के अलावा चंद्रचूड़ सिंह,मनोज मिश्रा, मनोज पाहवा जैसे कलाकार प्रमुख भूमिकाओं में हैे। फिल्म के निर्देशक हैं मनोज शर्मा। शर्मा 2010 में आसाराम पर स्वाहा नाम से फिल्म बना चुके हैं। यह फिल्म काफी विवादित रही थी। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद फिल्म रिलीज हो पाई थी। शर्मा ने बताया कि अगले साल मार्च अप्रेल तक फिल्म रिलीज हो जाएगी।

चीन में पहले प्यार पर "पहरा"

बीजिंग। अजीबो-गरीब फैसले लेने में चीन का कोई जवाब नहीं है। ताजा मामला भी बड़ा दिलचस्प है। चीन के सिल्क सिटी के रूप में मशहूर शहर हांगजू के एक स्कूल ने पहले प्यार पर ही पाबंदी लगाने का फैसला किया है। यहां के एक माध्यमिक स्कूल ने बच्चों को बहुत ही महत्वपूर्ण निर्देश दिया।चीन में पहले प्यार पर "पहरा"
लड़के-लड़कियों के बीच हो आधा मीटर की दूरी

इस स्कूल के किशोरवय लड़के-लड़कियों को एक दूसरे से हर समय कम से कम 1.64 फीट या लगभग आधा मीटर दूरी बनाकर रखने के लिए कहा गया है। दिलचस्प बात तो यह है कि स्कूल परिसर में लड़के-लड़कियों के जोड़े बनाकर घूमने पर भी पाबंदी लगा दी गई है। इतना ही नहीं लड़के-लड़कियों के आपस में बातचीत पर भी मनाही है। स्कूल प्रशासन ने नियमों की अनदेखी करने पर कठोर कार्रवाई की भी चेतावनी दी है।


पहले प्यार को कुचलने की तैयारी
चीन के माध्यमिक स्कूलों में बच्चों के दाखिले की उम्र 11 वर्ष है। इस उम्र में बच्चों के हार्मोन्स में बहुत तेज और प्रभावी बदलाव होता है। ऎसे में किशोरों के बीच बढ़ते प्रेम को देखते हुए स्कूल प्रशासन और पेरेंट्स काफी चिंतित थे। उन्हें चिंता थी कि प्रेम के चलते वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाएंगे। इस बात पर कुछ लोगों का समर्थन भी मिला। फिर क्या, स्कूलों में पनपते पहले प्यार को कुचलने की तैयारी शुरू हो गई।


नियम बने तो विरोध भी हुआ शुरू
नियम बनने के साथ ही लोगों का विरोध भी होना शुरू हो गया है। चीन में इंटरनेट यूजर्स ने इसके खिलाफ गुस्से भरी टिप्पणियां की हैं। कई लोगों ने इस नियम को बर्बर और क्रूरता भरा बताया है। इतना ही नहीं कई अखबारों ने भी इस नियम को हास्यासपद, बेतुका और गैरकानूनी बताया है।

नान्जिंग विश्वविद्यालय के शिक्षा विशेषज्ञ जांग युलिंग का मानना है कि, स्कूल विद्यार्थियों के साथ कैदियों जैसा बर्ताव करे, वे इससे सहमत नहीं हैं।

असल में अब देखने वाली बात यह होगी कि जिन स्कूलों में ऎसे निर्देश दिए हैं, वहां क्या पहले प्यार पर पहरा लग पाएगा, यह देखने वाली बात होगी।

एक सेक्स वर्कर,दो ग्राहक,खूनी जंग में एक की गई जान

जयपुर। अपनी हवस की प्यास बुझाने वेश्यालय गए दो दोस्त वहां जाकर एक-दूसरे की जान के प्यासे हो गए। दोनों ने एक-दूसरे पर चाकू से वार किए और पत्थर बरसाए। इसमें एक दोस्त को जान गंवानी पड़ी। इसके बाद आत्मग्लानि से आरोपी ने पुलिस स्टेशन पहुंच अपना आरोप कबूल लिया। घटना राजस्थान की राजधानी जयपुर के सांगानेर थाना क्षेत्र में रविवार देर रात की है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर इलाज के लिए एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया। एक सेक्स वर्कर,दो ग्राहक,खूनी जंग में एक की गई जान
पीठ में घोंपा चाकू
सांगानेर एसीपी वाघ सिंह ने बताया कि मूलत: सवाईमाधोपुर निवासी रमेश छीपा (42) गत्ता फैक्ट्री में मजदूरी करता है। रविवार रात वह कचोड़ी का ठेला लगाने वाले अपने दोस्त कैलाश छीपा के साथ वेश्यावृत्ति के लिए पंाच हजार रूपए लेकर शिकारपुरा रोड पहुंचा। यहां दोनों में झगड़ा होने पर रमेश ने कैलाश की पीठ में चाकू घोंप दिया। कैलाश ने रमेश से चाकू छीनकर उसके ही पेट में घोंप दिया और दोनों में पत्थरबाजी भी हुई।

थाने पहुंचा और कबूला गुनाह
घायल अवस्था में कैलाश सांगानेर थाने पहुंचा और पुलिस को मामले की जानकारी दी। पुलिस ने शिकारपुरा रोड पहुंच कर रमेश छीपा को एसएमएस भिजवाया जहां उसे मृत घोçष्ात कर दिया। पुलिस ने आरोपी कैलाश को हिरासत में लेते हुए एसएमएस में भर्ती कराया है। एसीपी सिंह के अनुसार उससे पूछताछ की जा रही है। मृतक के परिजनों के पहुंचने के बाद पोस्टमार्टम की कार्रवाई होगी।

मोदी की हुंकार रैली से डरे नीतीश, रैली के दिन रखा राष्ट्रपति का कार्यक्रम



भाजपा ने आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि पटना में 27 अक्तूबर को होने वाली पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की हुंकार रैली में खलल डालने की साजिश के तहत उन्होंने उसी दिन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का शहर में कार्यक्रम रखा है। उसने मुखर्जी से अपील की कि वह जदयू के ऐसे किसी षडयंत्र का शिकार नहीं बनें।
मोदी की हुंकार रैली से डरे नीतीश, रैली के दिन रखा राष्ट्रपति का कार्यक्रम
पार्टी के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने यहां भाजपा की प्रेस ब्रीफिंग में कहा, अगर आप (नीतीश) मोदी से इतना ही डरते हैं तो उन्हें निशाना बनाने के लिए माननीय राष्ट्रपति के कंधे का सहारा क्यों ले रहे हैं? आप जान-बूझ कर भाजपा की हुंकार रैली में व्यवधान पैदा करना चाहते हैं। हिम्मत हो तो अपने पार्टनर राहुल गांधी को बिहार बुलाइए।

बिहार के मुख्यमंत्री के इस तर्क को उन्होंने गलत बताया कि राष्ट्रपति का बिहार में 26 और 27 अक्तूबर का कार्यक्रम राज्य सरकार का नहीं है और यह एक गैर सरकारी संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम है, लेकिन माननीय राष्ट्रपति का बिहार के दौरे पर आ रहे हैं तो उनके दर्जे के अनुसार राज्य सरकार को व्यवस्थाएं करनी ही हैं।

शाहनवाज ने कहा, हम पहले से ही जानते थे कि नीतीश कुमार यह तर्क देंगे। लेकिन हम नीतीश कुमार को अच्छी तरह जानते हैं और यह सारा ताना-बाना पूरी तरह उनके निवास पर बनाया गया है।

भाजपा प्रवक्ता ने सवाल किया कि जब नीतीश जानते थे कि पटना में 27 अक्तूबर को मोदी की रैली होने जा रही है, जिसकी घोषणा मार्च महीने में हो गई थी, तो उसी दिन मुख्यमंत्री ने उस तथा कथित गैर सरकारी संस्था को इसी शहर में राष्ट्रपति के कार्यक्रम की अनुमति क्यों दे दी?

 

आकसिमक निरीक्षण के दौरान अनुपसिथत मिले कार्मिकों पर होगी कार्रवार्इ

स्वास्थ्य अधिकारियों ने लिया व्यवस्थाओं का जायजा

-आकसिमक निरीक्षण के दौरान अनुपसिथत मिले कार्मिकों पर होगी कार्रवार्इ


बाड़मेर। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. फूसाराम बिश्नोर्इ और आरसीएचओ डा. खुशवंत खत्री ने सोमवार को जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों का आकसिमक निरीक्षण किया और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए कार्मिकों को निर्देशित किया। वहीं अनुपसिथत मिले कार्मिकों की सूची तैयार की गर्इ, जिन्हें मंगलवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। सीएमएचओ डा. फूसाराम बिश्नोर्इ ने चेतावनी देते हुए कहा कि कहीं भी कार्मिक यदि अनुपसिथत मिला या किसी भी तरह से कार्यों में लापरवाही मिली तो संबंधित के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवार्इ कर उच्चाधिकारियों को लिखा जाएगा।

जिला आर्इर्इसी समन्वयक विनोद बिश्नोर्इ ने बताया कि सीएमएचओ व आरसीएचओ आगामी दिनों में भी विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों का आकसिमक निरीक्षण करेंगे ताकि कार्मिकों का स्वास्थ्य केंद्रों पर ठहराव सुनिशिचत हो सके और आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। मंगलवार को सीएमएचओ डा. फूसाराम बिश्नोर्इ ने सिणधरी ब्लाक की शिवकर पीएचसी का आकसिमक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने संस्थागत प्रसव, नि:शुल्क दवा योजना, जांच योजना, टीकाकरण आदि व्यवस्थाओं का जायजा लिया। वहीं लेब व्यवस्थाओं व संस्थागत प्रसव के लिए संबंधित कार्मिकों को बेहतर कार्य करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने महावीर नगर राजकीय डिस्पेंसरी का भी आकसिमक निरीक्षण कर स्वास्थ्य व्यवस्थाएं देखीं। सीएमएचओ डा. बिश्नोर्इ के निर्देशन पर मंगलवार को ही आरसीएचओ डा. खुशवंत खत्री ने भाड़खा पीएचसी का निरीक्षण किया, जहां आयुष चिकित्सक टीकाराम 17 सितंबर से अनुपसिथत मिले। हरसाणी पीएचसी पर सूचना सहायक मक्खन पांच अक्टूबर से अनुपसिथ मिला। पीएससी गागरिया पर कंम्पूटर आपरेटर अली मोहम्मद व लेब क्लीनर उम्मेदसिंह अनुपसिथत मिले। यहां पांच कार्मिकों के उपसिथति रजिस्टर में हस्ताक्षर किए हुए थे, लेकिन निरीक्षण के दौरान सभी अनुपसिथत मिले। इसी तरह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामसर में निरीक्षण के दौरान मेडिकल आफिसर डा. रविंद्र सिंह, मेल नर्स गणेश चौधरी, एलटी विमल कुमार, डाटा आपरेटर सुमेरदान, लालसिंह, राधेश्याम, वाहन चालक चुन्नी लाल, लेब सहायक मनोज कुमार व आर्इसीटीसी काउंसलर र्इशाक खान अनुपसिथत मिले। आरसीएचओ डा. खत्री ने शिव एवं गडरारोड़ केंद्रों पर मासिक बैठकों के दौरान सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को परिवार कल्याण व अन्य लक्ष्य शत-प्रतिशत हासिल करने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान कुछ एएनएम अनुपसिथत पार्इ गर्इं। इन सभी एएनएम का एक दिन का वेतन रोकने के लिए खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया गया, साथ ही सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। बैठक के दौरान सभी को निर्देशित किया गया कि वे अपने अपने क्षेत्र में एंटी लार्वा गतिविधियां करें और मौसमी बीमारियों को लेकर सतर्क रहें।






सांस्कृतिक कार्यक्रमो के माध्यम से मतदान जागरूकता की जानकारी प्रदान की-

सांस्कृतिक कार्यक्रमो के माध्यम से मतदान जागरूकता की जानकारी प्रदान की-

बाड़मेर 07 अक्टूम्बर, 2013 मतदाता जागरूकता प्रचार अभियान के तहत बाड़मेर जिले के रामदेरिया, सेंगड़ी, श्यामसिह की ढाणी में नुक्कड़ नाटको, कटपुतली प्रदर्शन एवं स्कूली छात्रों के संकल्प से अनेक प्रचार कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

ये आयोजन भारत सरकार के क्षेत्रीय प्रचार कार्यालय एवं जिला निर्वाचन विभाग, शुभम संस्था, नेहरू युवा केन्द्र के संयुंक्त तत्वावधान में स्वीप प्रचार कार्यक्रम के तहत आयोजित किऐ गऐंं।

प्रचार कार्यक्रम के तहत कलाकारों ने मतदान अवश्य करने की अपील करते हुऐं कहा कि लोकतंत्र के लिऐ मतदाता का मतदान जरूरी हैं । कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से स्कूली छात्रा एवं ग्रामीणों ने मतदान के महत्व की जानकारी भी प्रदान की।
वहीं कार्यक्रम के अंत में विशेषकर युवा स्कूली छात्रा जो अठारह वर्ष से उपर हो गये हैं जिनको पहली बार मत देने का अवसर मिल रहा हैं वो परिवार एवं मोहल्ले के लोगो को भी उत्सव की तरह अपने साथ ले जाकर सभी का मतदान करवाने में मदद करावें।

तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा के दौरान रहेंगे पुख्ता इंतजाम

तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा के दौरान रहेंगे पुख्ता इंतजाम


- बाड़मेर जिले में 130 परीक्षा केन्द्राें पर आयोजित होने वाली तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा में 52964 परीक्षार्थी शामिल होंगे। परीक्षार्थियाें की भारी तादाद को देखते हुए उत्तर पशिचम रेलवे के मंडल प्रबंधक को अतिरिक्त रेलगाड़ी संचालन का निवेदन किया गया है।


बाड़मेर, 07 अक्टूबर। बाड़मेर जिले में 11 अक्टूबर को आयोजित होने वाली तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा की तैयारियां पूरी कर ली गर्इ है। इसमें 52964 परीक्षार्थी शामिल होंगे। इसमें प्रथम स्तर के 6777 एवं द्वितीय स्तर के 46323 परीक्षार्थी शामिल हैं। परीक्षा के दौरान माकूल सुरक्षा इंतजाम किए गए है।


जिला परीक्षा नियंत्रक एवं कलक्टर भानु प्रकाष एटूरू ने बताया कि 11 अक्टूबर को प्रथम स्तर की सुबह 9 से 11 बजे एवं द्वितीय स्तर की तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती प्रतियोगी परीक्षा दोपहर 3 से 5 बजे आयोजित होगी। शांतिपूर्वक परीक्षा आयोजित करवाने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात करने के साथ सहायता केन्द्र स्थापित किए जा रहे है। परीक्षार्थियाें की आवाजाही के लिए अतिरिक्त निजी एवं रोडवेज बसाें की व्यवस्था की गर्इ है। तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा संबंधित सामग्री 8 अक्टूबर को विकास अधिकारियाें के माध्यम से उपखंड अधिकारियाें को उपलब्ध करार्इ जाएगी। इसको 9 अक्टूबर को संबंधित पंचायत समिति परिसर में केन्द्राधीक्षकाें को वितरित करने के निर्देश दिए गए है। उन्हाेंने बताया कि बाड़मेर के अलावा अन्य परीक्षा केन्द्राें के प्रश्न पत्र 10 अक्टूबर को कोषालय से निकालकर संबंधित ब्लाक के पुलिस थानाें में रखे जाएंगे। यह प्रश्न पत्र परीक्षा के दिन उपखंड अधिकारी के निर्देशन में सतर्कता दलाें के माध्यम से संबंधित परीक्षा केन्द्र पर पहुंचाए जाएंगे।


मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.आर.गुगरवाल ने बताया कि परीक्षा समापित के उपरांत संबंधित पंचायत समिति के हाल में ओएमआर शीट एवं अन्य सामग्री संग्रहित की जाएगी। इसके उपरांत पर्याप्त पुलिस जाब्ते के साथ जिला परिषद में जमा करवाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्हाेंने बताया कि अध्यापक भर्ती परीक्षा में करीब 53 हजार अभ्यर्थियों के शामिल होने की संभावना के मददेनजर उत्तर पशिचम रेलवे,जोधपुर के मंडल रेल प्रबंधक को बाड़मेर से जोधपुर के मध्य कम से कम एक रेलगाड़ी का संचालन सायं 6 बजे के बाद करवाने को कहा गया है। ऐसा संभव नहीं होने की सिथति में बाड़मेर-जोधपुर के मध्य चलने वाली मालानी एक्सप्रेस एवं अन्य रेलगाडि़याें जो सायं 5 बजे के बाद प्रारंभ होती है, उनमें अतिरिक्त यात्री डिब्बे लगवाने के लिए लिखा गया है, ताकि अभ्यर्थियाें को बाड़मेर से वापिस लौटने में किसी तरह की दिक्कत नहीं हो।


वीडियोग्राफी: अध्यापक भर्ती परीक्षा के दौरान समस्त परीक्षा केन्द्राें की वीडियोग्राफी करवाने के निर्देश दिए गए है। परीक्षा संबंधित हर गतिविधि के साथ सीलबंद परीक्षा सामग्री प्रश्न पत्र आदि को सुरक्षित कक्ष में रखने एवं निकासी की वीडियोग्राफी करवाने को कहा गया है।


सहायता केन्द्राें की स्थापना: बाहर से आने वाले परीक्षार्थियाें की सहायता के लिए रेलवे स्टेशन बाड़मेर, बालोतरा एवं राजकीय महाविधालय बाड़मेर में सहायता केन्द्राें की स्थापना के साथ प्रभारी अधिकारी तथा अन्य कार्मिकाें को लगाया गया है। सहायता केन्द्राें पर टेंट, दरी, मार्इक, पानी के साथ निर्धारित दराें पर चाय, नाश्ते की व्यवस्था की जाएगी। इसके तहत रेलवे स्टेशन बाड़मेर पर नायब तहसीलदार तुलसाराम सहायता मोबाइल 9461523835 केन्द्र प्रभारी, बालोतरा रेलवे स्टेशन पर र्इआर्इ जिला रसद अधिकारी खीमाराम मोबाइल 9166517407 को सहायता केन्द्र प्रभारी, राजकीय महाविधालय बाड़मेर में सहायक अभियंता भारमलराम मोबाइल 9950292611 एवं बालोतरा रेलवे स्टेशन पर सहायक अभियंता यशवंत चौधरी मोबाइल 9530301580 को सहायता केन्द्र प्रभारी बनाया गया है। इन व्यवस्थाआें के लिए अधिशाषी अभियंता अशोक गोयल मोबाइल 9414384254 को आल ओवर प्रभारी अधिकारी बनाया गया है।


मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.आर.गुगरवाल ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर स्थापित सहायता केन्द्र 11 अक्टूबर को सुबह 8 बजे से रात्रि 11.30 बजे तक अंतिम रेल गाड़ी के प्रस्थान तक कार्यरत रहेगा। जबकि राजकीय महाविधालय बाड़मेर के मैदान में स्थापित सहायता केन्द्र 11 अक्टूबर को सुबह 8 से शाम 6 बजे तक कार्यरता रहेगा। सहायता केन्द्र प्रभारियाें को परीक्षा केन्द्राें की सूची,रेल, बस एवं अतिरिक्त बसाें की सूची सहायता केन्द्राें पर चस्पा करने के निर्देश दिए गए है। इसी तरह तिलक बस स्टेण्ड पर 11 अक्टूबर को सायं 5 बजे से रात्रि 11 बजे तक सहायता केन्द्र की स्थापना मुख्य प्रबंधक रोडवेज की ओर से की जाएगी। इन सहायता केन्द्राें में टेंट,माइक एवं पीने के पानी की व्यवस्था संबंधित आयुक्त नगर परिषद को करने के निर्देश दिए गए है।


रेलवे स्टेशनाें पर पुलिस की पुख्ता व्यवस्था: 11 अक्टूबर को सांय 5 बजे तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा समाप्त होने के बाद बाहर से आने वाले रेल एवं बस से अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करेंगे। परीक्षा समापित के पश्चात बाड़मेर, बायतू, बालोतरा, समदड़ी रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली मालानी एक्सप्रेस एवं रात्रि 11.30 बजे की साधारण रेलगाड़ी की रवानगी, बस स्टेण्ड तथा अन्य निर्धारित बस स्टेण्ड, जहां से रोडवेज एवं निजी बसाें की रवानगी होगी। इन स्थानाें पर पर्याप्त पुलिस जाब्ता तैनात होगा। इस दौरान तैनात अधिकारियाें को निर्देश दिए गए है कि यह सुनिशिचत करें कि कोर्इ भी परीक्षार्थी रेल एवं बस की छत पर यात्रा नहीं करें,ताकि दुर्घटना की आशंका को टाला जा सके।


कमेटी गठित: तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा के सफल संचालन के लिए एक कमेटी गठित की गर्इ है। इसमें जिला कलक्टर एवं जिला परीक्षा नियंत्रक को संयोजक, मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं अतिरिक्त जिला कलक्टर को सदस्य बनाया गया है।