नई दिल्ली : तेलगू देशम पार्टी (तेदपा) के प्रमुख एन.चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश के विभाजन पर केंद्र सरकार के प्रस्ताव के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार को बेमियादी भूख हड़ताल शुरू कर दी। उन्होंने तेलंगाना मसले पर राजनीति करने का कांग्रेस पर आरोप लगाया है।
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां एक प्रेस वार्ता में कहा, ‘कांग्रेस पार्टी पूरी तरह राजनीतिक कर रही है। सुबह 8.30 बजे से मैं बेमियादी भूख हड़ताल पर हूं। इसकी वजह यह है कि आंध्र प्रदेश, विशेष कर सीमांध्र (तटीय आंध्र व रायलसीमा) पिछले 70 दिनों से जल रहा है। दिन-ब-दिन स्थिति बदतर होती जा रही है।’
उन्होंने कहा, ‘हमने इस पर भारत सरकार का ध्यान खींचने की हर संभव कोशिश की। हमने संसद में यह मामला उठाया। मैं दिल्ली आया और राष्ट्रपति और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से मिला। आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई, न ही दोनों तरफ के लोगों को बुलाकर बातचीत करने की कोशिश की गई।’
नायडू ने कहा, ‘लोकतंत्र का मतलब है कि अगर कोई समस्या है तो उस पर बहस, बातचीत होनी चाहिए और अंततोगत्वा उसका कोई समाधान तो निकालना ही होता है।’
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के लोगों का राजनीतिक व्यवस्था से विश्वास उठ रहा है। नायडू ने कहा, ‘सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी यह सब भूल गई है। वे कोई समाधान नहीं ढूंढ रहे। दूसरी तरफ वे समस्या खड़ी कर रहे हैं।’
तटीय आंध्र और रायलसीमा (सीमांध्र) में राज्य के विभाजन के खिलाफ विद्युत विभाग के कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से रविवार को कई शहर और सैंकड़ों गांव अंधेरे में डूब गए और कई रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं।
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां एक प्रेस वार्ता में कहा, ‘कांग्रेस पार्टी पूरी तरह राजनीतिक कर रही है। सुबह 8.30 बजे से मैं बेमियादी भूख हड़ताल पर हूं। इसकी वजह यह है कि आंध्र प्रदेश, विशेष कर सीमांध्र (तटीय आंध्र व रायलसीमा) पिछले 70 दिनों से जल रहा है। दिन-ब-दिन स्थिति बदतर होती जा रही है।’
उन्होंने कहा, ‘हमने इस पर भारत सरकार का ध्यान खींचने की हर संभव कोशिश की। हमने संसद में यह मामला उठाया। मैं दिल्ली आया और राष्ट्रपति और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से मिला। आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई, न ही दोनों तरफ के लोगों को बुलाकर बातचीत करने की कोशिश की गई।’
नायडू ने कहा, ‘लोकतंत्र का मतलब है कि अगर कोई समस्या है तो उस पर बहस, बातचीत होनी चाहिए और अंततोगत्वा उसका कोई समाधान तो निकालना ही होता है।’
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के लोगों का राजनीतिक व्यवस्था से विश्वास उठ रहा है। नायडू ने कहा, ‘सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी यह सब भूल गई है। वे कोई समाधान नहीं ढूंढ रहे। दूसरी तरफ वे समस्या खड़ी कर रहे हैं।’
तटीय आंध्र और रायलसीमा (सीमांध्र) में राज्य के विभाजन के खिलाफ विद्युत विभाग के कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से रविवार को कई शहर और सैंकड़ों गांव अंधेरे में डूब गए और कई रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं।
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