बीजिंग। अजीबो-गरीब फैसले लेने में चीन का कोई जवाब नहीं है। ताजा मामला भी बड़ा दिलचस्प है। चीन के सिल्क सिटी के रूप में मशहूर शहर हांगजू के एक स्कूल ने पहले प्यार पर ही पाबंदी लगाने का फैसला किया है। यहां के एक माध्यमिक स्कूल ने बच्चों को बहुत ही महत्वपूर्ण निर्देश दिया।
लड़के-लड़कियों के बीच हो आधा मीटर की दूरी
इस स्कूल के किशोरवय लड़के-लड़कियों को एक दूसरे से हर समय कम से कम 1.64 फीट या लगभग आधा मीटर दूरी बनाकर रखने के लिए कहा गया है। दिलचस्प बात तो यह है कि स्कूल परिसर में लड़के-लड़कियों के जोड़े बनाकर घूमने पर भी पाबंदी लगा दी गई है। इतना ही नहीं लड़के-लड़कियों के आपस में बातचीत पर भी मनाही है। स्कूल प्रशासन ने नियमों की अनदेखी करने पर कठोर कार्रवाई की भी चेतावनी दी है।
पहले प्यार को कुचलने की तैयारी
चीन के माध्यमिक स्कूलों में बच्चों के दाखिले की उम्र 11 वर्ष है। इस उम्र में बच्चों के हार्मोन्स में बहुत तेज और प्रभावी बदलाव होता है। ऎसे में किशोरों के बीच बढ़ते प्रेम को देखते हुए स्कूल प्रशासन और पेरेंट्स काफी चिंतित थे। उन्हें चिंता थी कि प्रेम के चलते वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाएंगे। इस बात पर कुछ लोगों का समर्थन भी मिला। फिर क्या, स्कूलों में पनपते पहले प्यार को कुचलने की तैयारी शुरू हो गई।
नियम बने तो विरोध भी हुआ शुरू
नियम बनने के साथ ही लोगों का विरोध भी होना शुरू हो गया है। चीन में इंटरनेट यूजर्स ने इसके खिलाफ गुस्से भरी टिप्पणियां की हैं। कई लोगों ने इस नियम को बर्बर और क्रूरता भरा बताया है। इतना ही नहीं कई अखबारों ने भी इस नियम को हास्यासपद, बेतुका और गैरकानूनी बताया है।
नान्जिंग विश्वविद्यालय के शिक्षा विशेषज्ञ जांग युलिंग का मानना है कि, स्कूल विद्यार्थियों के साथ कैदियों जैसा बर्ताव करे, वे इससे सहमत नहीं हैं।
असल में अब देखने वाली बात यह होगी कि जिन स्कूलों में ऎसे निर्देश दिए हैं, वहां क्या पहले प्यार पर पहरा लग पाएगा, यह देखने वाली बात होगी।
लड़के-लड़कियों के बीच हो आधा मीटर की दूरी
इस स्कूल के किशोरवय लड़के-लड़कियों को एक दूसरे से हर समय कम से कम 1.64 फीट या लगभग आधा मीटर दूरी बनाकर रखने के लिए कहा गया है। दिलचस्प बात तो यह है कि स्कूल परिसर में लड़के-लड़कियों के जोड़े बनाकर घूमने पर भी पाबंदी लगा दी गई है। इतना ही नहीं लड़के-लड़कियों के आपस में बातचीत पर भी मनाही है। स्कूल प्रशासन ने नियमों की अनदेखी करने पर कठोर कार्रवाई की भी चेतावनी दी है।
पहले प्यार को कुचलने की तैयारी
चीन के माध्यमिक स्कूलों में बच्चों के दाखिले की उम्र 11 वर्ष है। इस उम्र में बच्चों के हार्मोन्स में बहुत तेज और प्रभावी बदलाव होता है। ऎसे में किशोरों के बीच बढ़ते प्रेम को देखते हुए स्कूल प्रशासन और पेरेंट्स काफी चिंतित थे। उन्हें चिंता थी कि प्रेम के चलते वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाएंगे। इस बात पर कुछ लोगों का समर्थन भी मिला। फिर क्या, स्कूलों में पनपते पहले प्यार को कुचलने की तैयारी शुरू हो गई।
नियम बने तो विरोध भी हुआ शुरू
नियम बनने के साथ ही लोगों का विरोध भी होना शुरू हो गया है। चीन में इंटरनेट यूजर्स ने इसके खिलाफ गुस्से भरी टिप्पणियां की हैं। कई लोगों ने इस नियम को बर्बर और क्रूरता भरा बताया है। इतना ही नहीं कई अखबारों ने भी इस नियम को हास्यासपद, बेतुका और गैरकानूनी बताया है।
नान्जिंग विश्वविद्यालय के शिक्षा विशेषज्ञ जांग युलिंग का मानना है कि, स्कूल विद्यार्थियों के साथ कैदियों जैसा बर्ताव करे, वे इससे सहमत नहीं हैं।
असल में अब देखने वाली बात यह होगी कि जिन स्कूलों में ऎसे निर्देश दिए हैं, वहां क्या पहले प्यार पर पहरा लग पाएगा, यह देखने वाली बात होगी।
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