बाड़मेर। विख्यात गजल गायक जगजीत सिंह की "चिट्ठी न कोईसंदेश न जाने वो कौनसा देश,जहां तुम चले गए"गजल में झलका दर्द इन दिनों बाड़मेर जिले के सुरा जागीर ग्राम पंचायत निवासी सुरताराम का परिवार महसूस कर रहा है।
इस परिवार का बेटा सऊदी अरब कमाने गया था,लेकिन अब उसके कोईसमाचार नहीं है। नियोक्ता कम्पनी से संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों को आशंका है कि शायद उसकी हत्या हो चुकी है और नियोक्ता कम्पनी इस बात को छिपा रही है। अब परिवार दर-दर भटक रहा है कि शायद कही से उसका समाचार मिल सके।
सुरा जागीर ग्राम पंचायत निवासी सुरताराम के चार पुत्र है। चारों में से एक मंगलाराम की चार साल पहले उसकी शादी हुई और करीब दो साल का बच्चा भी है। इसी बीच गांव के ही रहने वाले एक व्यक्ति ने उसे सउदी अरब में अच्छी कमाई होने की बात कह कर वहां चलने को कहा। उसने ही पासपोर्ट बनाने व वीजा दिलाने की कार्रवाई की। इसके बाद दिसम्बर 2012 को वह स ऊदी अरब चला गया। जाने के पांच-सात माह बाद तक टेलीफोन के जरिए उसका सम्पर्क परिजनों से हुआ। पिछले तीन माह से सम्पर्क कट गया। इसके बाद परिजनों ने उसके साथ ले जाने वाले व्यक्ति से सम्पर्क किया, लेकिन संतोष्ाजनक जवाब नहीं मिला। परिजनों के अनुसार उसने अब बताया कि मंगलाराम का देहांत हो चुका है।
ऎसे में परिजन स्तब्ध रह गए। उन्हें समझ में नहीं आया कि आखिर अचानक उसे क्या हो गया। उन्होंने सऊदी अरब की नियोक्ता कम्पनी से सम्पर्क किया, लेकिन वहां से संतोषजनक जवाब नहीं मिला। टेलीफोन पर भाषा की समस्या भी आड़े आ रही है। परिजनों को देहांत का समाचार मिलने के बाद वे उसकी हत्या की आशंका जता रहे हैं।
कर्ज लेकर गया अरब
मंगलाराम अजजा वर्ग का है। उसके परिवार की आर्थिक स्थिति भी खराब है। सऊदी अरब जाने के लिए उसने कर्ज लिया था। परिजनों को उम्मीद थी कि वह जब कमा कर आएगा तो कर्ज चुकता हो जाएगा, लेकिन अब उनके लिए कर्ज चुकाना मुश्किल हो जाएगा।
कहां गया मंगलाराम
हमने उम्मीद के साथ मंगलाराम को सऊदी अरब भेजा था। अब पता चला है कि उसका देहांत हो गया है। हमें संदेह है कि उसकी नियोक्ता कम्पनी ने उसकी हत्या करवा दी है। शव वहां की पुलिस के पास है। हमने शव मंगवाने की मांग की है।
- सुरताराम, मंगलाराम का पिता
मंगलाराम का परिवार उसका इंतजार कर रहा है। हत्या की आशंका है। ऎसे में हत्या हो गई है तो भारत सरकार उसका शव मंगवाकर परिजनों को सुपुर्द करें। हम जिला प्रशाासन से भी मदद की गुहार करेंगे। - भलदान चारण, सामाजिक कार्यकर्ता, सुरा चारणान
इस परिवार का बेटा सऊदी अरब कमाने गया था,लेकिन अब उसके कोईसमाचार नहीं है। नियोक्ता कम्पनी से संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों को आशंका है कि शायद उसकी हत्या हो चुकी है और नियोक्ता कम्पनी इस बात को छिपा रही है। अब परिवार दर-दर भटक रहा है कि शायद कही से उसका समाचार मिल सके।
सुरा जागीर ग्राम पंचायत निवासी सुरताराम के चार पुत्र है। चारों में से एक मंगलाराम की चार साल पहले उसकी शादी हुई और करीब दो साल का बच्चा भी है। इसी बीच गांव के ही रहने वाले एक व्यक्ति ने उसे सउदी अरब में अच्छी कमाई होने की बात कह कर वहां चलने को कहा। उसने ही पासपोर्ट बनाने व वीजा दिलाने की कार्रवाई की। इसके बाद दिसम्बर 2012 को वह स ऊदी अरब चला गया। जाने के पांच-सात माह बाद तक टेलीफोन के जरिए उसका सम्पर्क परिजनों से हुआ। पिछले तीन माह से सम्पर्क कट गया। इसके बाद परिजनों ने उसके साथ ले जाने वाले व्यक्ति से सम्पर्क किया, लेकिन संतोष्ाजनक जवाब नहीं मिला। परिजनों के अनुसार उसने अब बताया कि मंगलाराम का देहांत हो चुका है।
ऎसे में परिजन स्तब्ध रह गए। उन्हें समझ में नहीं आया कि आखिर अचानक उसे क्या हो गया। उन्होंने सऊदी अरब की नियोक्ता कम्पनी से सम्पर्क किया, लेकिन वहां से संतोषजनक जवाब नहीं मिला। टेलीफोन पर भाषा की समस्या भी आड़े आ रही है। परिजनों को देहांत का समाचार मिलने के बाद वे उसकी हत्या की आशंका जता रहे हैं।
कर्ज लेकर गया अरब
मंगलाराम अजजा वर्ग का है। उसके परिवार की आर्थिक स्थिति भी खराब है। सऊदी अरब जाने के लिए उसने कर्ज लिया था। परिजनों को उम्मीद थी कि वह जब कमा कर आएगा तो कर्ज चुकता हो जाएगा, लेकिन अब उनके लिए कर्ज चुकाना मुश्किल हो जाएगा।
कहां गया मंगलाराम
हमने उम्मीद के साथ मंगलाराम को सऊदी अरब भेजा था। अब पता चला है कि उसका देहांत हो गया है। हमें संदेह है कि उसकी नियोक्ता कम्पनी ने उसकी हत्या करवा दी है। शव वहां की पुलिस के पास है। हमने शव मंगवाने की मांग की है।
- सुरताराम, मंगलाराम का पिता
मंगलाराम का परिवार उसका इंतजार कर रहा है। हत्या की आशंका है। ऎसे में हत्या हो गई है तो भारत सरकार उसका शव मंगवाकर परिजनों को सुपुर्द करें। हम जिला प्रशाासन से भी मदद की गुहार करेंगे। - भलदान चारण, सामाजिक कार्यकर्ता, सुरा चारणान
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