सोमवार, 7 अक्टूबर 2013

बाड़मेर राजनितिक शख्शियत। । मरुधर की राजनीती के पथ प्रदर्शक।रामदान चौधरी


बाड़मेर राजनितिक शख्शियत। । मरुधर की राजनीती के पथ प्रदर्शक।रामदान  चौधरी 

समाज में शिक्षा क्रान्ति के जनक 

वर्तमान बाड़मेर जिले के पश्चिमी भाग को मालानी परगना के नाम से जाना जाता है. यह आजादी पूर्व जोधपुर रियासत का सीमान्त परगना था. इस क्षेत्र के पश्चिम में पाकिस्तान के सिंध प्रान्त की सीमा लगती थी. आजादी पूर्व मालानी का फैलाव जसोल से सिंध तक १०० मील लम्बा और ७५ मील चौड़ा था. इस परगना में ५०३ गाँव थे. 

सन १८३६ में जाटों का एक काफिला मालानी क्षेत्र में आकर रुका. इनमें एक परिवार तेजाजी डऊकिया का भी था. ये सन १८३० में बाड़मेर से ३० की.मी. दक्षिण-पूर्व में स्थित सरली गाँव में बस गए. तेजाजी के पूर्वज नागौर के 'पिरोजपुरा' गाँव के मूल निवासी थे. परन्तु कालांतर में झंवर और आगोलाई में बस गए थे और आगोलाई से ही प्रस्थान कर तेजाजी ने 'सरली' को अपनी कर्म स्थली बनाया.  

चौधरी रामदानजी का जन्म चैत बदी ३ संवत १९४० तदनुसार १५ मार्च १८८४ को सरली नामक गाँव में चौधरी तेजारामजी के यहाँ हुआ था.  आपका गोत्र डऊकिया तथा नख तंवर था. आपकी माताजी का नाम श्रीमती दौली देवी था. आप भाई बहीनों में सबसे छोटे थे. जब आप सात वर्ष के थे तब आपका परिवार १८९१ में सरली से खड़ीन आ गया. आप जब १३ वर्ष के थे तब आपके पिताजी का देहांत हो गया था. इसके दो वर्ष बाद १८९९ में (विक्रम संवत १९५६) में मारवाड़ में भयंकर छपनिया अकाल पड़ा तो आपको परिवार के सिंध की और पलायन करना पड़ा. रामदान जी को रेल लाइन बिछाने में काम मिल गया. उसी समय आपके बड़े भाई रूपाजी का देहांत हो गया इसलिए नौकरी छोड़ खड़ीन वापस आना पड़ा. १९०० से १९०५ तक आप गाँव में रहकर खेती करते रहे. इस दौरान १९०४ में आपकी शादी श्रीमती कस्तूरी देवी भाकर के साथ हो गयी. १५ मार्च १९०५ में पुनः आपको रेलवे में ट्रोली-मैन के पद पर रख लिया. १९०७ में आपको जमादार के पद पर पदोन्नत किया. १९०७ से १९२० तक रेलवे में जमादार के पद पर रहे. इस दौरान आपने स्वतः के प्रयास से पढ़ना लिखना सीख लिया. १९२० में आपको रेल-पथ निरिक्षक के पद पर पदोन्नत कर समदड़ी में लगा दिया. १९२३ में आपको जोधपुर में भेजा गया. जोधपुर प्रवास के दौरान आपका परिचय कई प्रबुद्ध जाटों से हुआ.  

अक्टूबर १९२५ में कार्तिक पूर्णिमा को अखिल भारतीय जाट महासभा का एक अधिवेसन पुष्कर में हुआ था उसमें मारवाड़ के जाटों में जाने वालों में चौधरी गुल्लाराम, चौधरी मूलचंद जी सियाग,मास्टर धारासिंह, चौधरी रामदान जी, भींया राम सिहाग आदि पधारे थे. इस जलसे की अध्यक्षता भरतपुर के तत्कालीन महाराजा श्री किशनसिंह जी ने की. इस समारोह में उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली के अलावा राजस्थान के हर कोने से जाट सम्मिलित हुए थे. इन सभी ने पुष्कर में अन्य जाटों को देखा तो अपनी दशा सुधारने का हौसला लेकर वापिस लौटे. उनका विचार बना किमारवाड़ में जाटों के पिछड़ने का कारण केवल शिक्षा का आभाव है 

कुछ समय बाद चौधरी गुल्लारामजी के रातानाड़ा स्थित मकान पर चौधरी मूलचंद सिहाग नागौर, चौधरी भिंयारामजी सिहाग परबतसर, चौधरी गंगारामजी खिलेरी नागौर, बाबू दूधारामजी औरमास्टर धारा सिंह की एक मीटिंग हुई. यह तय किया गया कि किसानों से विद्या प्रसार के लिए अनुरोध किया जाए. तदनुसार २ मार्च १९२७ को ७० जाट सज्जनों की एक बैठक श्री राधाकिसन जी मिर्धा की अध्यक्षता में हुई. इस बैठक में चौधरी गुल्लारामजी ने जाटों की उन्नति का मूलमंत्र दिया कि - "पढो और पढाओ" . साथ ही एक जाट संस्था खोलने के लिए धन की अपील की गयी. यह तय किया गया कि बच्चों को निजी स्कूल खोल कर उनमें भेजने के बजाय सरकारी स्कूलों में भेजा जाय पर उनके लिए ज्यादा से ज्यादा होस्टल खोले जावें. चौधरी गुल्लारामजी ने इस मीटिंग में अपना रातानाडा स्थित मकान एक वर्ष के लिए छात्रावास हेतु देने और बिजली, पानी, रसोइए का एक वर्ष का खर्च उठाने का वायदा किया. इस तरह ४ अप्रेल १९२७ को चौधरी गुल्लारामजी के मकान में "जाट बोर्डिंग हाउस जोधपुर" की स्थापना की । इसमें चौधरी रामदानजी का भी पूरा योगदान रहा. आपने न केवल मासिक चन्दा देकर बल्कि रेलवे के अन्य लोगों से भी काफी सहायता दिलवाई. आप लंबे समय तक तन-मन-धन से इस संस्था की सहायता करते रहे.  

१९३० तक जब जोधपुर के छात्रावास का काम ठीक ढंग से जम गया और जोधपुर सरकार से अनुदान मिलने लग गया तब चौधरी मूलचंद जी, बल्देवराम जी मिर्धा, भींया राम सियाग, गंगाराम जी खिलेरी, धारासिंह एवं अन्य स्थानिय लोगों के सहयोग से बकता सागर तालाब पर २१ अगस्त १९३० को नए छात्रावास की नींव नागौर में डाली । बाद में चौधरी रामदानजी के सहयोग से बाडमेर में व १९३५ में चौधरी पूसरामजी पूलोता, डांगावास के महाराजजी कमेडिया, प्रभुजी घतेला, तथा बिर्धरामजी मेहरिया के सहयोग से मेड़ता में छात्रावास स्थापित किया गया 

आपने जाट नेताओं के सहयोग से अनेक छात्रावास खुलवाए । बाडमेर में १९३४ में चौधरी रामदानजी डऊकिया की मदद से छात्रावास की आधरसिला राखी । १९३५ में मेड़ता छात्रवास खोला । आपने जाट नेताओं के सहयोग से जो छात्रावास खोले उनमें प्रमुख हैं:- सूबेदार पन्नारामजी ढ़ीन्गसरा व किसनाराम जी रोज छोटी खाटू के सहयोग से डीडवाना में, इश्वर रामजी महाराजपुरा के सहयोग से मारोठ में, भींयाराम जी सीहाग के सहयोग से परबतसर में, हेतरामजी के सहयोग से खींवसर में छात्रावास खुलवाए । इन छात्रावासों के अलावा पीपाड़, कुचेरा, लाडनुं, रोल, जायल, [[Alay|अलाय, बीलाडा, रतकुडि़या, आदि स्थानों पर भी छात्रावासों की एक श्रंखला खड़ी कर दी । इस प्रकार मारवाड़ के जाट नेताओं जिसमें चौधरी बल्देवराम मिर्धा, चौधरी गुल्लारामजी, चौधरी मूलचंदजी, चौधरी भींयारामजी, चौधरी रामदानजी बाडमेर आदि प्रमुख थे, ने मारवाड़ में छात्रावासों की एक श्रंखला स्थापित करदी तथा इनके सुचारू संचालन हेतु एक शीर्ष संस्था "किसान शिक्षण संस्थान जोधपुर" स्थापित कर जोधपुर सरकार से मान्यता ले ली, जिसे सरकार से छात्रावासों के संचालन हेतु आर्थिक सहायता प्राप्त होने लगी.  इस शिक्षा प्रचार में मारवाड़ के जाटों ने अपने पैरों पर खड़ा होने में राजस्थान के तमाम जाटों को पीछे छोड़ दिया । 
जाट बोर्डिंग हाऊस बाडमेर के संस्थापक

चौधरी रामदानजी का १९२९ में जोधपुर से बायतू तथा १९३० में बाड़मेर स्थानान्तरण हो गया. अब आपने बाड़मेर के किसानों पर ध्यान देना शुरू किया. आपने बाडमेर में एक जाटावास बस्ती बसाई और वहीं अपना मकान बनाया. बाड़मेर को अपनी कर्म स्थली बनाते हुए इस एरिया के किसानों से सम्पर्क किया. कुछ बच्चों को लाकर अपने निवास स्थान पर लाकर रखा और पढाना शुरू किया. उस समय बाडमेर में एक मिडिल स्कूल और एक प्राथमिक स्कूल था. बच्चे वहां पढ़ने जाते और रामदानजी के मकान में रहते. यहाँ आपकी पत्नी सबके भोजन की व्यवस्था करती थी. जब बच्चों की संख्या बढ़ने लगी तब अपने पड़ौस के मकान में श्री भीकमचंदजी का मकान किराये पर लिया और वहां ३० जून १९३४ को जाट बोर्डिंग हाऊस बाड़मेर की स्थापना की. चौधरी मूलचंदजी नागौर के कर कमलों से इसका उदघाटन हुआ. उस समय १९ छात्रों ने इसमें प्रवेश लिया था 
इस संस्था की स्थापना करने के बाद रामदान जी तन-मन-धन से इसकी उन्नति में लग गए. बाड़मेर के आसपास के गाँवों का भ्रमण कर आपने कई और बच्चों को बोर्डिंग में भर्ती करवाया. धीरे-धीरे बच्चों की संख्या बढ़ने लगी तो इस छात्रावास का आर्थिक भार भी बढ़ने लगा, तब आपने ग्रामीण एरिया और रेलवे कर्मचारियों से चन्दा एकत्रित कर छात्रावास का खर्चा चलाया. इस कार्य मेंचौधरी आईदानजी भादू बाड़मेर ने आपका पूरा सहयोग किया. जून १९३६ तक इस संस्था में ३५ विद्यार्थी हो गए और बाड़मेर में यह संस्था अपने आप में एक अनूठी संस्था बन गयी. १९३७ में इस छात्रावास को जोधपुर सरकार से ३० रूपया मासिक अनुदान मिलने लग गया. अब चौधरी रामदानजी इस बोर्डिंग के लिए स्थाई निर्माण करवाने में लग गए. गाँवों में घूम कर तथा रेलवे कर्मचारियों से चंदा एकत्रित कर १९४१ तक वर्तमान छात्रावास के आधे भाग का निर्माण पूरा कर लिया. अब किराए के भवन से बोर्डिंग नए भवन में स्थानांतरण करवा दिया. इस हेतु १९४२ तथा १९४४ में बाड़मेर में किसान सम्मेलन आयोजित किए. इनमें चौधरी बलादेवरामजी मिर्धा, हाकिम गोवर्धनसिंह्जी, चौधरी मूलचंदजी नागौर, चौधरी रामदानजी ने छात्रावास को पूरा करने हेतु चंदे की अपील की. तिलवाड़ा पशु मेले से भी चन्दा एकत्रित किया. इन प्रयासों से छात्रावास का निर्माण १९४६ तक पूरा हो गया.  

बाडमेर जिला किसान सभा की स्थापना

चौधरी रामदानजी १४ मार्च १९४६ को बाड़मेर से रेलवे के प्रथम-रेलपथ-निरीक्षक पद से सेवानिवृत हो गए. इसके बाद आपने पूरा ध्यान समाज सेवा में लगा दिया. अब आपने जाट बोर्डिंग हाऊस बाड़मेर के साथ मारवाड़ किसान सभा का भी काम देखना शुरू कर दिया. किसानों की प्रगती को देखकर मारवाड़ के जागीरदार बोखला गए । उन्होंने किसानों का शोषण बढ़ा दिया और उनके हमले भी तेज हो गए । जाट नेता अब यह सोचने को मजबूर हुए कि उनका एक राजनैतिक संगठन होना चाहिए । सब किसान नेता २२ जून १९४१ को जाट बोर्डिंग हाउस जोधपुर में इकट्ठे हुए जिसमें तय किया गया कि २७ जून १९४१ को सुमेर स्कूल जोधपुर में मारवाड़ के किसानों की एक सभा बुलाई जाए और उसमें एक संगठन बनाया जाए । तदानुसार उस दिनांक कोमारवाड़ किसान सभा की स्थापना की घोषणा की गयी और मंगल सिंह कच्छवाहा को अध्यक्ष तथा बालकिशन को मंत्री नियुक्त किया गया. ९४६ में बलदेव रामजी मिर्धा ने मारवाड़किसान सभा की कार्यकारिणी का पुनर्गठन किया जिसमें श्री नरसिंह्जी कच्छवाहा को अध्यक्ष व श्री नाथूरामजी मिर्धा को मंत्री बनाया तथा चौधरी रामदानजी को कार्यकारिणी का सदस्य नियुक्त किया. साथ ही बाड़मेर परगने में भी किसान सभा की एक इकाई का गठन कर श्री रामदानजी को वहां का अध्यक्ष नियुक्त किया. ३ मार्च १९४८ को श्री जयनारायणजी व्यास के नेतृत्व में जोधपुर में नयी सरकार बनी जिसमें मारवाड़ किसान सभा की और से श्री नाथूरामजी मिर्धा कृषि मंत्री बने. [28]इस सरकार ने किसानों के हित में १९४९ के शुरू में मारवाड़ लैंड रेवेन्यू एक्ट व मारवाड़ टेनेन्सी एक्ट १९४९ पारित कर दिए जिसमें लागबाग आदि समाप्त करते हुए किसान को अपनी जमीन का मालिक बना दिया. इन कानूनों के बनते ही श्री रामदान जी मालानी के गाँव-गाँव ढाणी-ढाणी जाकर किसानों को इन कानूनों की जानकारी दी और लागबाग द करवाई

लगबाग बंद होने से जागीरदार तिलमिला गए और अत्याछार बढ़ा दिए. किसान नेताओं पर कातिलाना हमला कर हत्याएं करना शुरू कर दिया. इन घटनाओं में मालानी में २७ लोगों ने प्राण गँवाए. इसे समय में रामदांजी पहाड़ बन कर किसानों के रक्षार्थ सामने आए और किसानों की हर प्रकार से मदद की. आप द्वारा बाड़मेर किसान सभा के अध्यक्ष तथा बाद में विधायक की हैसियत से जो सेवाएं आपने किसानों की करी आज तक भी बाड़मेर के किसान उनको याद कर आपके प्रति श्रद्धानत होते हैं.  मारवाड़ किसान सभा तथा १४ अगस्त १९४९ को जयपुर में गठित राजस्थान किसान सभा के अध्यक्ष श्री बलदेव राम जी मिर्धा व अन्य नेताओं के प्रयासों का परिणाम यह हुआ की १९५२ के प्रारम्भ में राजस्थान की सरकार ने जागीरदारी प्रथा समाप्त करने का अधिनियम पारित कर दिया. इससे राजस्थान का किसान सदा के लिए जागीरदारी प्रथा से मुक्त हो गया. १९५५ में राजस्थान टेनेन्सी एक्ट बन जाने के बाद तो किसान स्वयम अपने जमीन का मालिक बन गया. इस कार्य में श्री बलदेव राम मिर्धा और अन्य जाट नेताओं के साथ श्री रामदान जी का भी महत्वपूर्ण योगदान था.
सामाजिक सेवा

चौधरी रामदानजी मारवाड़ के अन्य जाट नेताओं की तरह किसानों में प्रचलित सामाजिक कुरीतियाँ हटाने के हामी थे. आप बाल विवाह, म्रत्यु-भोज, मुकदमेबाजी, अफीम, तम्बाकू, दीन-प्रथा[  आदि कुरीतियों के विरोधी थे और जीवनभर इनके खिलाफ संघर्ष करते रहे. श्री रामदानजी म्रत्यु-भोज को किसानों का दुश्मन मानते थे. अतः उन्होंने ब्याह-शादियों, किसान-सम्मेलनों. तिलवाडा चैत्री पशु मेला, राजनैतिक-सम्मेलनों आदि सभी अवसरों पर म्रत्यु-भोज को बंद करने का आव्हान करते थे. जब इसमें आपको आशातीत सफलता नहीं मिली तब इसे कानूनन बंद कराने का प्रयास किया. १९५७ में जब आप विधायक बने तब आपने मुख्यमंत्री श्री मोहन लाल सुखाडिया जी से आग्रह कर "राजस्थान म्रत्यु-भोज निवारण अधिनियम १९६०" विधान सभा में पारित करवाया. इसके परिणाम स्वरूप बाड़मेर में म्रत्यु-भोज में बहुत कमी आई. दीन-प्रथा समाप्त करने के लिए आपने सर्वप्रथम अपने परिवार की लड़कियों का धर्म-विवाह करके किसानों के सामने इस प्रथा के खिलाफ एक उदाहरण प्रस्तुत किया और इस प्रथा को समाप्त करने में सफल रहे.  आप लड़कों की शिक्षा के साथ लड़कियों की शिक्षा के भी हिमायती थे. बाड़मेर इलाके में स्त्री-शिक्षा का प्रचार आपके प्रयत्नों से ही हुआ. आपके प्रयासों का ही परिणाम था की १९५३ तक ३१८ लड़कियाँ मिडिल तक पढ़ने में सफल हुई. आपने किसानों के बच्चों की पढाई के साथ साथ द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान बड़ी संख्या में जाट युवकों को सेना में भर्ती करवाया. १९५१ से १९५५ के बीच राजस्थान में पुलिस प्रशासन का विस्तार हुआ तो बड़ी संख्या में किसानों के बच्चो को पुलिस में नौकरी दिलवाकर किसानों का बड़ा भला किया.
परिवार का उत्थान

जहाँ आपने किसानों के बच्चों की शिक्षा व उनको नौकरियों में लगाने पर ध्यान दिया, उसी तरह अपने परिवार के बच्चों की शिक्षा पर भी विशेष ध्यान रखा. आपके पाँच पुत्र और चार पुत्रियाँ थी और उनको सबको उच्च शिक्षा दिलवाई. आपके सबसे बड़े पुत्र श्री केसरीमलजी को ऊंची शिक्षा दिलाने के बाद व्यापार के साथ ही जाट बोर्डिंग हाऊस जोधपुर को संभालने का जिम्मा सौंपा. दूसरे पुत्र लालसिंह को ऍम ऐ , एल एल बी करवाने के बाद जोधपुर में हाकिम के पद पर नियुक्त कराया. जिन्होंने राजस्थान में विभिन्न पदों पर रहकर महत्त्व पूर्ण दायित्व निभाया. तीसरे पुत्रगंगाराम चौधरी को एल एल बी की शिक्षा दिलाकर वकालत में लगाया और समाज सेवा का अवसर दिया. बाद में गंगाराम चौधरी ने राजनीती में आकर राजस्थान के विभिन्न विभागों में मंत्री रहकर जनता की सेवा की. चोथे पुत्र खंगारमलजी तथा पांचवें पुत्र फतहसिंह्जी को भी उच्च शिक्षा दिलवाई. उस समय आपका परिवार मारवाड़ में काफी बड़ा और प्रगतिशील था.
राजनीती के माध्यम से समाज सेवा

१९५२ के प्रथम आम चुनाव से पहले १९५१ के आख़िर में मारवाड़ किसान सभा व राजस्थान किसान सभा का कांग्रेस में विलय हो जाने पर चौधरी रामदानजी भी कांग्रेस में सम्मिलित हो गए. १९५३ में नया पंचायती राज अधिनियम लागू हुआ. आपके प्रयासों से अनेक किसान सरपंच चुने गए. इसके बाद तहसील पंचायत के चुनाव हुए जिसमें १९५४ में आप बाड़मेर तहसील पंचायत के सरपंच चुने गए. बाड़मेर में १९५३ से १९५५ तक हुए भूमि-बंदोबस्त में भी किसानों का आपने व आपके पुत्र श्री गंगारामजी ने बराबर मार्गदर्शन किया. भूमि के वाजिब लगान निर्धारित करवाए. १९५७ में द्वितीय आम चुनाव में गुडामालानी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्यासी के रूप में चुनाव लड़ा और विजयी रहे. १९५७ से १९६२ तक विधायक रहते बहुत समाज सेवा की. इस दौरान बाड़मेर में डाकू उन्मुलक करवाया तथा जागीर जब्ती क़ानून में जागीरों का अधिग्रहण करवाया. १९५९ में गुडामलानी पंचायत समिती के प्रधान पद पर पुत्र गंगारामजी को निर्वाचित करवाया. १९६० में म्रत्यु-भोज निवारण अधिनियम पास करवाकर बाड़मेर के किसानों को बर्बादी से बचाया. १९६२ में श्री रामदानजी ने राजनीती से सन्यास ले लिया और अपने उत्तराधिकारी के रूप में श्री गंगारामजी चौधरी को १९६२ के तृतीय आम चुनाव में कांग्रेस से गुडामलानी से विधायक जितवाया. बाड़मेर एरिया में आपके द्वारा की गयी सेवा के कारण श्री गंगारामजी बराबर बाड़मेर से चुनाव जीतते रहे तथा राजस्थान सरकार में कई विभागों के मंत्री रहे.  

ईमानदारी को राष्ट्रपति प्रणब का सलाम

नई दिल्ली । हाल ही भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर होते हुए केंद्रीय सरकार को झटका देने वाले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बार फिर कमर कस ली है। दागियों को बचाने वाले अध्यादेश पर नाराजगी जताने के बाद एक और मामला सामने आया है। प्रणब ने हरियाणा के व्हिसल ब्लोअर आईएफएस अफसर संजीव चतुर्वेदी के खिलाफ आरोप गलत बता चार्जशीट नकार दी। पर्यावरण मंत्रालय ने राष्ट्रपति की ओर से आदेश जारी कर हरियाणा सरकार को उनके खिलाफ जांच तुरंत बंद करने का आदेश दिया है। ईमानदारी को राष्ट्रपति प्रणब का सलाम
क्या है मामला

2009 में चतुर्वेदी ने करोड़ों रूपए के पौधरोपण घोटाले का पर्दाफाश किया था। हरियाणा सरकार ने उन्हीं का नाम घोटाले की चार्जशीट में डाल दिया। प्रणब को यह रास नहीं आया। उनकी नाराजगी के बाद अफसर का नाम चार्जशीट से हटा दिया गया है। चतुर्वेदी 2009 में हरियाणा में डिवीजनल फॉरेस्ट अफसर थे। पौधरोपण के लिए विदेशी एजेंसियों और राज्य सरकार से मिले करोड़ों रूपए के फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ किया था। पौधरोपण कागजों में हुआ था। पूरी राशि नौकरशाहों व नेताओं में बंट गई थी।

तबादलों का झेला दर्द

सरकार ने चतुर्वेदी का झज्जर से तबादला कर दिया गया। 2005 से 2010 तक उनके 12 तबादले किए गए। भ्रष्टाचार उजागर करने के चलते वे निशाने पर रहे। अभी नई दिल्ली एम्स में मुख्य सतर्कता अधिकारी हैं।

अड़ी रही हरियाणा सरकार

इससे पहले भी चतुर्वेदी की ईमानदारी के कारण संकट में फंसती रही हरियाणा सरकार ने उनके खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी थी। यह मामला भी पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील तक पहुंचा था। उन्होंने भी चतुर्वेदी का नाम चार्जशीट से हटा दिया था। बावजूद इसके हरियाणा सरकार नहीं मानी और उसने उनका नाम फिर आरोप-पत्र में डाल दिया। प्रणब हुड्डा सरकार के इस कदम से नाराज हुए और उन्हें मामले में तीसरी बार कार्रवाई करनी पड़ी।

कलाम के बाद मुखर्जी से उम्मीद

अमूमन यह देखा जाता है कि सत्तारूढ़ पार्टी राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार अपने ही खेमे का चुनती है और यह भी देखा गया है कि पद पर आसीन होने के बाद राष्ट्रपति सत्तारूढ़ पार्टी के पक्ष में निर्णय करता है, लेकिन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस मिथ्य को तोड़ते हुए लीक से हटकर काम किया है। एपीजे अब्दुल कलाम की ईमानदारी के बाद अब भारत की निगाहें मुखर्जी पर हैं ओर वे जनता के भरोसे पर खरे भी उतर रहे हैं।

आंध्र में पकड़े गए आतंकियों ने बनाया था मोदी की हत्या का प्लान

चेन्नई। तमिलनाडु क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को संदिग्ध आतंकी फकरूद्दीन को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान उसने सनसनीखेज खुलासा किया। फकरूद्दीन ने बताया कि उसने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की हत्या की योजना बनाई थी। इसके लिए उसने गुजरात में रैकी भी की थी। आंध्र में पकड़े गए आतंकियों ने बनाया था मोदी की हत्या का प्लान

मोदी की हत्या के लिए वांटेड अपराधी अबूबाकर सिद्दीकी उसे गुजरात लेकर गया था लेकिन वह अपनी योजना को अंजाम नहीं दे पाया। सिद्दीकी फरार है। उसके सिर पर पांच लाख का इनाम घोषित है। फकरूद्दीन ने 2011 में मदुरै के नजदीक भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की जन चेतना यात्रा के रूट में पाइप बम प्लांट किया था।


अप्रेल में बेंगलूरू में भाजपा दफ्तर में हुए ब्लास्ट में भी उसका हाथ है। सलेम में भाजपा नेता रमेश और वेल्लूर में हिंदू मुन्नानी के नेता की हत्या में भी उसका हाथ है। जब फकरूद्दीन से पूछा गया है कि क्या तुमने तिरूचि यूथ मीट में समस्या पैदा करने की कोशिश की थी तो उसने इनकार कर दिया। यूथ मीट को मोदी ने कुछ दिन पहले संबोधित किया था।


फकरूद्दीन के खुलासे के बाद तमिलनाडु की क्राइम ब्रांच और आंध्र प्रदेश एटीएस की संयुक्त टीम ने चित्तूर जिले में एनकाउंटर किया था। इस दौरान दो आतंकियों बिलाल मलिक और पन्ना इस्माइल को गिरफ्तार किया था। मुठभेड़ में
एक पुलिसकर्मी शहीद हो गया था। दोनों आतंकियों ने छतरी में बम फिट कर तिरूमला-तिरूपति में भगवान श्री वेंकटेश्वरा उत्सव के दौरान विस्फोट की योजना बनाई थी। बताया जा रहा है कि 18 अक्टूबर को चेन्नई में नरेन्द्र मोदी का दौरा भी आतंकियों के निशाने पर था।

थार एक्सप्रेस के पाक यात्रियों से जेवर जब्त

पाकिस्तान से भगत की कोठी आ रही थार एक्सप्रेस के पांच यात्रियों से शनिवार को मुनाबाव स्टेशन पर 1200 ग्राम वजनी सोने के जेवर जब्त किए। कस्टम अधिकारियों ने जेवरों की बाजार कीमत करीब 36 लाख मानी जा रही है। ये गहने इस यात्री दल की महिलाओं ने पहन रखे थे। इधर रविवार को जोधपुर पहुंुचने के बाद इन पाक हिन्दू परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि भारत सरकार के अधिकारियों ने उनके जेवर छीन लिए हैं जो कि उन्होंने पाकिस्तान में अपनी जमीन-जायदाद बेचकर खरीदे थे।
पाक यात्रियों से जेवर जब्त
मुनाबाव स्टेशन पर रातभर चली जांच प्रक्रिया के चलते ही ट्रेन अपने निर्घारित समय से करीब 12 घंटे 40 मिनट की देरी से रविवार दोपहर 12:25 बजे भगत की कोठी स्टेशन पहुंची।

इस ट्रेन में 545 यात्री आए, इनमें से 54 को छोड़कर अधिकांश पाकिस्तानी नागरिक है।


सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार थार एक्सप्रेस शनिवार शाम 4:10 बजे मुनाबाव स्टेशन पहुंची। कस्टम अधिकारियों ने सिंध प्रांत के पारो गुलसन फहीम कॉलोनी निवासी लक्ष्मण दास, प्रेमचंद, नानकी, पार्वती और मानकी की जांच की। इन्होंने सोने के जेवर पहन रखे थे, जिनका वजन करीब 1200 ग्राम बताया गया है। कस्टम अधिकारियों ने ये जेवर जब्त कर लिए। कस्टम विभाग से जहां पांच यात्रियों से जेवर जब्त करने की सूचना है, वहीं जोधपुर के गोकुल जी की प्याऊ ठहरे इन पाक हिन्दू परिवार ने पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि आठ महिलाओं के जेवर जब्त किए गए हैं।

491 यात्री पाकिस्तानी


आरपीएफ से मिली जानकारी के अनुसार रविवार को थार एक्स्प्रेस में कुल 545 यात्री भगत की कोठी पहुंचे। इनमें से 54 भारतीय और 491 पाकिस्तानी यात्री थे। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी यात्रियों में से अधिकतर पाक हिन्दू परिवार हैं।
सित. में भारत आए यात्रियों की संख्या
तारीख भारतीय पाकिस्तानी
28 सितम्बर 50 398
21 सितम्बर 89 355
14 सितम्बर 96 403
07 सितम्बर 38 349

राम-कृष्ण जैसे अवतार के लिए कौशल्या-देवकी जैसे संस्कार जरूरी'


राम-कृष्ण जैसे अवतार के लिए कौशल्या-देवकी जैसे संस्कार जरूरी'
बिशनगढ़ में क्षत्रिय युवक संघ के सद्भावना सम्मेलन का आयोजन 
संघ प्रमुख बोले क्षत्रियत्व के लिए संस्कारों को जीवंत रखना जरूरी 

  
बिशनगढ़ बिशनगढ़ के कैलाश धाम शिव मंदिर में श्री क्षत्रिय युवक संघ के जालोर, सायला व आहोर क्षेत्र के सद्भावना सम्मेलन को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख भगवानसिंह रोलसाबसर ने कहा कि आज भी क्षत्रिय समाज में राम और कृष्ण जैसे अवतार जन्म ले सकते हैं। इसके लिए हमारी कौम में कौशल्या व देवकी जैसी माताओं का होना आवश्यक है। हम ऐसा संघ निर्माण करे जिससे आपस में परिचय व अपनत्व की प्रगाढ़ता बढ़े। जिसके अभाव में सहयोग व सद्भावना की अपेक्षा नहीं की जा सकती। क्षत्रिय युवक संघ का पारिवारिक भाव होने के कारण आपके सहयोग पर कभी धन्यवाद नहीं दिया जाता। 

पूर्णता के लिए हम सभी को और अधिक सक्रिय होकर सार्थक प्रयास करने होंगे। आज हम शिक्षा, व्यवसाय, धन व राजनीति की चिंता किए जा रहे हैं। इन सब में हम से लोग बहुत पीछे है, लेकिन जिस क्षत्रियत्व में हम सबसे आगे थे। उसकी चिंता जरूरी है। क्षत्रिय युवक संघ वह कार्यशाला या पाठशाला है जिसमें इंसानियत का पाठ पढ़ाया जाता है। यह बात करते हुए रोलसाबसर ने संघकार्य के लिए सभी के सहयोग का आह्वान किया। कार्यक्रम का प्रारंभ मंगलाचरण व तनसिंह द्वारा रचित समूहगान से किया गया। जिसमें केंद्रिक सद्भावना प्रभारी गणपतसिंह ने प्रस्तावना प्रस्तुत करते हुए कार्यक्रम का पूर्ण परिचय प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम के अंत में मां भगवती की प्रार्थना कर प्रांतीय प्रसारक रेवतसिंह पाटोदा ने सभी का आभार प्रकट किया। सदभावना जिला प्रभारी जयसिंह आकोरापादर ने बताया प्रदेशभर में चल रहे सद्भावना कार्यक्रम में यहां मंगलसिंह सिराणा, रविन्द्रसिंह देबावास, दीपसिंह धनाणी, भीमसिंह बावतरा, उतमंिसह जीवाना, श्यामकरणसिंह मुडी, परबतसिंह वादनवाडी, नरपतंिसह देबावास, डा गणपतंिसह सराणा, महिपालसिंह भुण्डवा, रूपसिंह नाराणावास, विक्रमंिसह रातडी, देवीसिंह रटुजा, दीपसिंह आंवलोज, प्रहलादसिंह मीठड़ी, दुर्गसिंह कांखी, उतमसिंह दहिवा सहित सैकड़ों स्वंयसेवक व ़क्षेत्र के सहयोगी मौजूद थे। कार्यक्रम पूर्णता के बाद लोगों ने स्थानीय मुद्दों पर पारिवारिक सौहार्द में वार्ता कर विभिन्न विषयों पर स्थिति स्पष्ट करते हुए समाज व राष्ट्र के लिए क्षत्रिय युवक संघ को एक संस्कार निर्माण की पाठशाला बताया। प्रात: प्रमुख अजुंनंिसंह देलदरी व गणपतसिंह भंवरानी ने आगंतुक सहयोगियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

रविवार, 6 अक्टूबर 2013

अवैध संबंधों के चलते पति की हत्या

अवैध संबंधों के चलते पति की हत्या

सादुलपुर। क्षेत्र के गांव चेलाणा बास में एक महिला ने किसी के साथ मिलकर पति की लाठियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी। इतना ही नहीं पत्नी ने पति के शव को निकटवर्ती गांव खुड्डी के निकट सड़क पर फेंक दिया।

पुलिस के अनुसार प्रथम दृष्टया पत्नी के अवैध संबंधों के चलते हत्या की गई है। पुलिस आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार रविवार सुबह खुड्डी गांव के निकट एक जने का शव पड़ा होने की सूचना पर थानाधिकारी मौके पर पहुंचे। शव की शिनाख्त गांव चेनाणा बास निवासी रामदयाल के रूप में हुई। मृतक के शव पर लाठियों की चोटों के अलावा धारदार हथियार से चोट पहुंचाने के भी निशान थे ।

हत्या का कारण अवैध संबंध
पुलिस ने अनुसार प्रथम दृष्टया यह मामला अवैध संबंधों को लेकर की गई हत्या का लगता है। हत्या का शिकार व्यक्ति आदतन शराबी था। शनिवार रात रामदयाल व उसकी पत्नी के बीच जमकर झगड़ा हुआ। रात को रामदयाल की लाठियों से पीटकर हत्या कर दी गई। शव को सड़क पर फेंक दिया गया।

भाई ने की रिपोर्ट
मृतक के भाई प्रतापसिंह ने दर्ज रिपोर्ट में बताया कि उसका भाई रामदयाल पत्नी सुनीता के साथ अलग रहता था। पत्नी का चाल-चलन अच्छा नहीं होने के कारण अक्सर दोनों में झगड़ा होता था। सुनीता ने किसी के साथ मिलकर उसके भाई रामदयाल की हत्या कर दी। सुनीता के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने पूछताछ के लिए पत्नी को हिरासत में लिया है

photo...भाजपा अल्पसंख्यकों की हितैषी: वसुंधरा राजे







अजमेर। विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद भारतीय जनता पार्टी का पहला शक्ति प्रदर्शन रविवार को अजमेर में हुआ जिसमें प्रदेशभर से अल्पसंख्यकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस शक्ति प्रदर्शन में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने कहा कि पार्टी पूरी तरह से अल्पसंख्यकों के साथ है और सदैव समाज के सभी वर्गो के साथ समान रूप से व्यवहार करने के लिए संकल्पबद्व रही है। राजे ने कहा कि प्रदेश में अल्पसंख्यकों के हितों के लिए सर्वाधिक कार्य उनके शासनकाल में हुए।

जब उनसे पूछा गया कि पार्टी द्वारा अल्पसंख्यकों के हितों में कार्य करने के बावजूद अल्पसंख्यक समाज को बार बार भरोसा करने की बात कयों की जाती है पर उन्होंने कांग्रेस का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ राजनीतिक दल उन्हें अपने स्वार्थ के लिए भाजपा और आरएसएस का भय दिखाकर डराते रहे है। उन्होंने कहा कि अब पहले जैसी बात नहीं रही है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय में अब जागरूकता बढी हैऔर उनका भरोसा भाजपा के प्रति बढा है। चुनावों में अल्पसंख्यकों का मत प्रतिशत भाजपा के प्रति बढना इसका प्रमाण है।

सम्मेलन में भाजपा की प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे, मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अब्दुल रशीद अंसारी, राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन, राष्ट्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और वी.सतीश आदि ने शिरकत की। मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष अमीन पठान ने बताया कि कांग्रेस को केवल मुस्लिमों के वोटों से प्यार है।

उन्होंने कहा कि अजमेर शरीफ से प्रदेश के मुस्लिम और अल्पसंख्यक वर्ग के समुदाय रविवार को संकल्प लेकर जाएंगे कि कांग्रेस को सत्ता से उखाड़ फेंकना है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट देकर सरकार वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री और नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनवाना है।

नमो के प्रदेश में समलैंगिकों की रैली

सूरत। गुजरात प्रदेश की पहली समलैंगिक रैली रविवार को सूरत में निकाली गई। रैली में देशभर से आए करीब 200 समलैंगिकों ने हिस्सा लिया। अठवा लाइंस कोर्ट बिल्डिंग से पीपलोद कारगिल चौक तक निकाली गई रैली में इस नारे पर जोर था कि जो नेता "गे कम्युनिटी" का ध्यान रखेगा, उसे ही समाज वोट देगा। रैली लेस्बियन गो बायो सेक्स्युअल एंड ट्रान्सजेन्डर कम्युनिटी की ओर से निकाली गई। रैली को देखने लोग सड़कों पर उमड़ पडे। समलैंगिक मुंबई, कोलकाता, दिल्ली, नेपाल, अहमदाबाद, वड़ोदरा समेत देशभर से आए हुए थे। नमो के प्रदेश में समलैंगिकों की रैली
बदले छवि, मिले सम्मान

समाज में हमारे प्रति लोगों के दिलो-दिमाग में जो छवि है, उसे बदलने के लिए यह रैली निकाली गई। हमें सामान्य लोगों की तरह देखा जाए। अंकुर पाटिल, फाउन्डर ट्रस्टी, फोरम फाउन्डेशन


रैली का मकसद यह था कि इस वर्ग को सामान्य कपल की तरह समाज में सम्मान मिले।
स्वागत शाह, सदस्य, फोरम फाउन्डेशन

स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष रूप से मतदान के लिए जिले में पुख्ता प्रबन्ध



स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष रूप से मतदान  के लिए जिले में पुख्ता प्रबन्ध

बाडमेर, 6 अक्टूबर। जिले में विधानसभा चुनाव 2013 शांतिपूर्वक एवं निष्पक्ष रूप से कराने के लिए पुख्ता प्रबन्ध किये गये है। जिले के सभी मतदाता विशेषकर कमजोर वर्ग के लिए बिना किसी आंतक एवं भय के मताधिकार के लिए जिला मजिस्टे्रेट भानु प्रकाष एटूरू ने धारा 144 के अन्तर्गत विशेष प्रबन्ध किये है।

जिला मजिस्टे्रेट द्वारा जारी आदेश के अनुसार बाडमेर जिले में विधानसभा चुनाव शांतिपूर्वक, स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष तथा सुव्यवसिथत ढंग से सम्पन्न कराये जाने व बाडमेर जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के सभी मतदाता विशेषकर कमजोर वर्ग बिना किसी आंतक व भय के अपने संवैधानिक मताधिकार का प्रयोग कर सके इसके लिए शांति एवं कानून व्यवस्था सुनिशिचत की गर्इ है।

जिला मजिस्टे्रट ने धारा 144 के अन्तर्गत आदेश दिए है कि कोर्इ भी व्यकित जिले की राजस्व सीमा के भीतर अपने पास विस्फोटक पदार्थ, आग्नेय शस्त्र जैसे रिवाल्वर, पिस्तोल, रार्इफल, बन्दुक, एमएल गन आदि तथा अन्य हथियार जैसे गंडासा, फरसा, तलवार, भाला, कृपाल, चाकू, धुरी, बरछी, गुप्ती, खुखरी, वल्लभ, कटार, धारिया, बघनख (शेरपंख) जो किसी धातु से शस्त्र के रूप में बना हो आदि एवं मोटे घातक हथियार लाठी आदि सार्वजनिक स्थलों पर लेकर नहीं घुमेंगे तथा न ही इनका प्रदर्शन कर सकेंगे। वे व्यकित जो नि:शक्त व अतिवृद्ध है और लाठी के सहारे के बिना नहीं चल सकते है वे लाठी का प्रयोग सहारा लेने हेतु कर सकेंगे एवं सिख समुदाय के व्यकितयों को उनकी धार्मिक परम्परा के अनुसार नियमानुसार निर्धारित कृपाण रखने की छूट रहेगी।

जिला मजिस्टे्रट के आदेश के अनुसार कोर्इ भी व्यकित साम्प्रदायिक सदभावना को ठेस पहुचाने वाले नारे नहीं लगाएगा, न ही भाषण, उदबोधन देगा, न ही ऐसे पेम्पलेट, पोस्टर, चुनाव सामग्री छपवाएगा, छापेगा या वितरण करेगा या वितरित करवाएगा, न ही ऐसे ओडियो, वीडियो कैसेट के माध्यम से किसी प्रकार का प्रचार प्रसार करेगा अथवा करवाएगा। आदेश के अनुसार कोर्इ भी व्यकित किसी भी सार्वजनिक स्थान पर मदिरा का सेवन नहीं करेगा, न ही किसी अन्य व्यकित को करवाएगा तथा अधिकृत विक्रेताओं को छोडकर कोर्इ भी व्यकित निजी उपयोग के अलावा किसी अन्य उपयोग हेतु सार्वजनिक स्थलों में मदिरा लेकर आवागमन नहीं करेगा। यह आदेश पर्वो के दौरान पुलिस स्वीकृति के तहत आयोजित धार्मिक समारोह, जुलूसों व कार्यक्रमों पर लागू नहीं होगा। कोर्इ भी व्यकित संबेंधित उपखण्ड मजिस्टे्रट या कार्यपालक मजिस्टे्रट की लिखित पूर्व अनुमति के बिना जुलूस, सभा एवं सार्वजनिक मीटिंग का आयोजन नहीं कर सकेगा। कोर्इ भी व्यकित संबंधित उपखण्ड मजिस्टे्रट या कार्यपालक मजिस्टे्रट की पूर्व अनुमति के बिना लाउड स्पीकर, एम्पलीफायर, रेडियो, टेप अथवा ध्वनि प्रसारक यन्त्रों का उपयोग नहीं कर सकेगा। यह आदेश उन व्यकितयों पर जो राजकीय कर्तव्य के दौरान अपने पास हथियार रखने को अधिकृत है पर लागू नहीं होगा। यह आदेश 2 दिसम्बर, 2013 तक सम्पूर्ण बाडमेर जिले की सीमा में प्रभावी रहेगा तथा आदेश की अवहेलना करने वाले व्यकितयों पर धारा 188 के तहत अभियोग चलाकर कार्यवाही की जायेगी।

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अनुपसिथत मिलने पर 11 कार्मिकों को नोटिस



अनुपसिथत मिलने पर 11 कार्मिकों को नोटिस

-आरसीएचओ ने किया बालोतरा ब्लाक के स्वास्थ्य केंद्रों का आकसिमक निरीक्षण

बाडमेर। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. फूसाराम बिश्नोर्इ के निर्देश पर जिला शिशु एवं प्रजनन अधिकारी डा. खुशवंत खत्री ने बालोतरा ब्लाक के स्वास्थ्य केंद्रों का आकसिमक निरीक्षण कर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने मुख्यत: डेंगू एवं अन्य मौसमी बीमारियों को लेकर व्यवस्थाएं देखीं। निरीक्षण के दौरान अव्यवस्थाएं पाए जाने पर संबंधित को व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिए और जहां कर्मचारी अनुपसिथत मिले उनकी रिपोर्ट सीएमएचओ को दी।

जिला आर्इर्इसी समन्वयक विनोद बिश्नोर्इ ने बताया कि आरसीएचओ डा. खत्री ने बालोतरा उप जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान यहां पर व्यवस्थाएं सही पार्इ गर्इं, जबकि मलेरिया स्लाइड संबंधी स्लार्इडें कम पार्इ गर्इ। जिस पर पीएमओ बालोतरा से वार्तालाप कर ओपीडी रजिस्ट्रेशन कक्ष में एक स्टाफ को मलेरिया स्लाइड के लिए लगाने का निर्णय लिया गया। इसके बाद आरसीएचओ डा. खत्री ने जसोल स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया, जहां पर 11 कर्मचारी अनुपसिथत पाए गए। इस संबंध में सीएमएचओ डा. फूसाराम बिश्नोर्इ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी कार्मिकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर संबंधित कार्मिक के खिलाफ कार्रवार्इ की जााएगी। सीएमएचओ डा. बिश्नोर्इ ने संबंध में सभी बीसीएमओ को निर्देशित किया है कि मौसमी बीमारियों के मददेनजर स्वास्थ्य केंद्रों पर सभी कार्मिकों की उपसिथति सुनिशिचत करें ताकि मरीजों व उनके परिजनों को किसी तरह की कोर्इ परेशानी न हों। आरसीएचओ ने डेंगू मलेरिया के चलते पानी के गडढे भी चिनिहत किए और संबंधित चिकित्सा प्रभारी को उक्त क्षेत्रों में एंटी लार्वा गतिविधियां आयोजित करने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि विगत दो दिनों के अंतराल में सीएमएचओ डा. फूसाराम बिश्नोर्इ और आरसीएचओ डा. खत्री ने बालोतरा व सिवाणा ब्लाक अनेक स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण किया। आगामी दिनों में भी स्वास्थ्य अधिकारी क्षेत्र के दौरे पर रहेंगे।

काग्रेंस सरकार अपनी अंतिम सांसे गिन रही है

काग्रेंस सरकार अपनी अंतिम सांसे गिन रही है 

बाड़मेर 06.10.2013 । भाजपा युवा नेता रमेश सिंह इन्दा ने रविवार को भादरेश, विशाला, सुरा, चुली, गेंहू, दानजी की होदी व बाड़मेर आगोर ग्रामीण क्षैत्रों का दौरा किया । इस दौरान रमेश सिंह इन्दा ने काग्रेंस राज्य सरकार को हर मोर्चे पर विफल करार देते हुए कहा कि काग्रेंस सरकार अपनी अंतिम सांसे गिन रही है । काग्रेंस राज से हर समाज का हर तबका परेशान है । काग्रेंस सरकार के राज में भ्रष्टाचार, महंगार्इ, बेरोजगारी व कर्इ समस्याओं से जनता त्रस्त रही है व इस बार जनता परिर्वतन के पक्के विचार में है ।

इंदा ने आरोप लगाया कि काग्रेंस सरकार ने अपने कार्यकाल में कुछ नहीं किया अब जबकि चुनाव सर पर है तो जनता को रेवडि़यां बांट कर भ्रमित किया जा रहा है ।

ग्रामीण क्षैत्रों के जनता व किसानों ने इंदा को अपने अपने क्षैत्र की कर्इ समस्याओं से अवगत कराया । बैमोसम हुर्इ अतिवृषिट से खराब फसल का मुवाअजा दिलाने की मांगी की ।

सभी क्षैत्रों की जनता ने भाजपा को समर्थन का वादा किया । इस दौरान दिगविजय सिंह चुली, खेतदान भादरेश, सुरेश त्रिवेदी, राणंिसंह आगोर, मनोहर सिंह महेचा, हड़वंत जयपाल, लेखपाल भील, राकेश सोनी, सवार्इ चावड़ा व जगमाल रार्इका आदि युवा कार्यकर्ता साथ में थे ।

जिनके जीवन में परोपकार का गुण वहीं इंसान है - साध्वी प्रियरंजना श्री


जिनके जीवन में परोपकार का गुण वहीं इंसान है - साध्वी प्रियरंजना श्री 

बाड़मेर 06.10.2013, स्थानीय जिन कानितसागर सूरी आराधना भवन में चातुमासिक विराजित पूज्य मधुरभाषी व्याख्यात्री साध्वीवर्या श्री प्रिय रजंना श्री म.सा. ने आज धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि :- परोपकार याने क्या है ? पर यानो दूसरों का उपकार याने भला करना परोपकार है। हमें दसरों की भलार्इ के कार्य कर परोपकार परायण बनना हैं। किन्तु हम देख रहे है कि वर्तमान संसार स्वार्थ परायण बनते जा रहा है आज के जन-जीवन पर दृषिटपात करने से पता चलता है कि वह परोपकारी नहीं बल्की स्वार्थी बनते जा रहे हैं, उसके जीवन के केन्द्र में स्वार्थ आ गया है मैं और मेरा ही उसका संसार बन गया है।इन्सान सुखी होने के उददेष्य से स्वार्थी बनता है किन्तु उसकी यह विचारधारा सही नहीं है क्योंकि स्वार्थी इंसान कदापि सुखी नहीं हो सकता इसलिए भी परोपकार करना आवष्यक है। अपना व अपने परिवार का भरण पोषण तो जानवर भी कर लेते है यदि इंसान भी अपना एंव अपने परिवार का ही पालन पोषण करता रहा तो उससे पशु से अधिक क्या किया ? जीवन में परोपकार के कार्य करने होंगे अन्यथा इंसान की इन्सानियत ही क्या है ? आज बड़े अफसोस के साथ कहने में आ रहा है कि दुनिया की सब वस्तु काम में आ सकती है किन्तु इंसान इसान के काम नहीं आता।

कहते हदय कर जाता है कि कौए भी कांऊ काऊ कर भोजन के समय अपने जाति भार्इयों को एकत्रित करते है किन्तु अफसोस इस बात का है कि इंसान भोजन के समय इंसान को भूल जाता है क्योंकि वह स्वार्थी हो गया है बलिक उसका परम कर्तव्य है कि उसके पास कुछ भी है या नहंी यह देखने के बजाया उसके पास जो है वह समर्पित करने के लिए उसे हमेषा तैयार रहना चाहिए भाग्यषालियों प्राण देकर भी परोपकार करने वाले इस आर्यवर्त में पैदा हुए है। आजा हमें जो परोपकार करना है उसमें कही भी जान देने की बात कहा आती है ? हमें तो मात्र वस्त्र ,पात्र, औषध-मकान आदि देकर ही लोगों पर परोपकार करना है।

परस्परोपग्रहो जीवानाम परस्पर एक दूसरों को मदद करना ही जीव का स्वभाव है यह कभी न माने कि हमें ंकभी भी किसी की आवष्यकता नहीं पडे़गी एवं यह भी उतना ही सत्य है कि संसार में ऐसी कोर्इ वस्तु नहीं है जो हमारेे काम नहीं आएगी। तृण और राख भी कभी-कभी हमें उपयोगी होती है अत: ऐसा अहंकार करने की आवष्यकता नहंी है कि हमें किसी की आवष्यकता नहीं है।

सध्वी डा. दिव्याजना श्री ने कहा कि यदि इतना हम समझ गए तो अपने आप परोपकार परायणता हमारे जीवन का अंग बन जाएगी। जिनके जीवन में परोपकार का गुण है वहीं तो इंसान है अन्यथा वह तो पशु है इंसान के रूप में यदि आप अपनी गणना करना चाहते है तो विधा, दान, तप, शील एवं परोपकार का गुण आपमें होना आवष्यक है।

साध्वी प्रिय शुभाजंना श्री ने कहा कि परोपकार पुण्य के लिए है एवं पर को पीडा पाप का बंध करने वाली है। अत: पुण्य के अर्थी लोगों ने हमेषा परिणाम का विचार किए बिना परोपकार के कार्य करते ही रहना चाहिए परोपकार दो प्रकार के होते है लौकिक उपकार एवं लोकोतर उपकार।

"अल्पसंख्यक सरकार को चुना लगाएं तो कोई बात नहीं"

बेंगलूरू। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस अल्पसंख्यकों को लुभाने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती। कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख जी.परमेश्वर का कहना है कि अल्पसंख्यक सरकारी एजेंसियों से लिया गया कर्ज नहीं चुकाकर धोखा दें तो कोई बात नहीं। "अल्पसंख्यक सरकार को चुना लगाएं तो कोई बात नहीं"
अल्पसंख्यकों की योजनाओं पर आयोजित पार्टी की वर्कशॉप में परमेश्वर ने कहा कि कुछ लोगों ने कर्ज लेकर नहीं चुकाया और सरकार को धोखा दिया। कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास निगम को छोटा मोटा कर्ज देने की बजाय 50 लाख रूपए तक का लोन देना चाहिए। अगर कर्ज लेने वाले उसे नहीं चुकाएं तो कोई बात नहीं।

कई लोगों और अधिकारियों ने सरकारी एजेंसियों को हजारों करोड़ों रूपए का चूना लगाया। यह विकास की प्रक्रिया का हिस्सा है। जिस वर्कशॉप में कांग्रेसी नेता यह ज्ञान बांट रहे थे वहां अल्पसंख्यक मामलों के केन्द्रीय मंत्री के.रहमान खान,पूर्व सांसद सीके जाफर शरीफ, मंत्री कमारूल इस्लाम,आर.रोशन बेग और नसीर अहमद भी मौजूद थे।

विपक्ष ने परमेश्वर के इस बयान की कड़ी आलोचना की है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येडि्डयूरप्पा ने कहा कि जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए। अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण के लिए दिया गया बयान गलत है। इस तरह के बयानों से प्रशासन पर बुरा असर पड़ता है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष प्रहलाद जोशी ने कहा कि परमेश्वर के बयान से कोई हैरानी नहीं हुई। उन्होंने पार्टी का इरादा साफ कर दिया है।

जंगल में 3 शव मिलने से दहशत

चित्तौड़गढ़। शहर के विजयपुर थाना एरिया के सतूरिया गांव में आज सुबह 3 शव मिलने से पूरे गांव में दहशत फैल गई। पुलिस के अनुसार बरामद शवों की पहचान जिले के देवडुंगरी केरघुवीर कंजर एवं रामपुरिया के राजू एवं सत्तू कंजर के रूप में की गई हैं। ये 27 सितंबर से गायब थे । पुलिस ने बताया कि अपराध. चोरी आदि की वारदातों में शामिलइन युवकों को गत 29 सितम्बर की रात गांव वालों ने पकडा था और तब से ये गायब थे।जंगल में 3 शव मिलने से दहशत
पुलिस सूत्रों के अनुसार तीनों की हत्या की गई हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। खबर लिखे जाने तक हत्यारों का कोई सुराग पता नहीं चल पाया था।

महिला अधिकारी के साथ जबरन दुष्कर्म


गुड़गांव। देवी के रूप में औरत की पूजा करने वाले देश में लगता है अब कोई भी स्त्री कहीं भी सुरक्षित नहीं है। गुड़गांव में तैनात महिला अधिकारी (क्लास-टू) ने अपने ही ननदोई पर बलात्कार करने का आरोप लगाया है।

पीडिता है वरिष्ठ अधिकारी की बेटी

आरोप लगाने वाली अधिकारी हरियाणा के एक वरिष्ठ अधिकारी की बेटी है तथा क्लास-टू अधिकारी की पत्नी है। यहीं नहीं महिला अधिकारी ने अपने पति तथा सास-ससुर पर दहेज प्रताड़ना का आरोप भी लगाया। पुलिस सूत्रों से प्राप्त सूचना के अनुसार महिला अधिकारी को उसका पति तथा सास-ससुर दहेज लाने के लिए प्रताडित करते हैं जिसके चलते वह उनसे अलग रहने लग गई थी। आरोपी पति की तैनाती अभी फरीदाबाद में है।

रिश्तेदार ने किया बलात्कार

दो दिन पहले पीडिता को उसके ननदोई ने मसले को बातचीत से सुलझाने के लिए अपने घर बुलाया। उसी दौरान उसने कमरा बंद कर महिला अधिकारी के साथ जबरन दुष्कर्म किया। शोर मचाने पर आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी दी।

आरोपी पति को किया गिरफ्तार

पुलिस आयुक्त आलोक मित्तल ने बताया कि पीडिता का मेडिकल करवा कर आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया गया है और न्यायालय में पेश कर एक दिन की रिमांड पर ले लिया गया है। पुलिस मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे मामले की गहराई से तहकीकात कर रही है।