सोमवार, 7 अक्तूबर 2013

राम-कृष्ण जैसे अवतार के लिए कौशल्या-देवकी जैसे संस्कार जरूरी'


राम-कृष्ण जैसे अवतार के लिए कौशल्या-देवकी जैसे संस्कार जरूरी'
बिशनगढ़ में क्षत्रिय युवक संघ के सद्भावना सम्मेलन का आयोजन 
संघ प्रमुख बोले क्षत्रियत्व के लिए संस्कारों को जीवंत रखना जरूरी 

  
बिशनगढ़ बिशनगढ़ के कैलाश धाम शिव मंदिर में श्री क्षत्रिय युवक संघ के जालोर, सायला व आहोर क्षेत्र के सद्भावना सम्मेलन को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख भगवानसिंह रोलसाबसर ने कहा कि आज भी क्षत्रिय समाज में राम और कृष्ण जैसे अवतार जन्म ले सकते हैं। इसके लिए हमारी कौम में कौशल्या व देवकी जैसी माताओं का होना आवश्यक है। हम ऐसा संघ निर्माण करे जिससे आपस में परिचय व अपनत्व की प्रगाढ़ता बढ़े। जिसके अभाव में सहयोग व सद्भावना की अपेक्षा नहीं की जा सकती। क्षत्रिय युवक संघ का पारिवारिक भाव होने के कारण आपके सहयोग पर कभी धन्यवाद नहीं दिया जाता। 

पूर्णता के लिए हम सभी को और अधिक सक्रिय होकर सार्थक प्रयास करने होंगे। आज हम शिक्षा, व्यवसाय, धन व राजनीति की चिंता किए जा रहे हैं। इन सब में हम से लोग बहुत पीछे है, लेकिन जिस क्षत्रियत्व में हम सबसे आगे थे। उसकी चिंता जरूरी है। क्षत्रिय युवक संघ वह कार्यशाला या पाठशाला है जिसमें इंसानियत का पाठ पढ़ाया जाता है। यह बात करते हुए रोलसाबसर ने संघकार्य के लिए सभी के सहयोग का आह्वान किया। कार्यक्रम का प्रारंभ मंगलाचरण व तनसिंह द्वारा रचित समूहगान से किया गया। जिसमें केंद्रिक सद्भावना प्रभारी गणपतसिंह ने प्रस्तावना प्रस्तुत करते हुए कार्यक्रम का पूर्ण परिचय प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम के अंत में मां भगवती की प्रार्थना कर प्रांतीय प्रसारक रेवतसिंह पाटोदा ने सभी का आभार प्रकट किया। सदभावना जिला प्रभारी जयसिंह आकोरापादर ने बताया प्रदेशभर में चल रहे सद्भावना कार्यक्रम में यहां मंगलसिंह सिराणा, रविन्द्रसिंह देबावास, दीपसिंह धनाणी, भीमसिंह बावतरा, उतमंिसह जीवाना, श्यामकरणसिंह मुडी, परबतसिंह वादनवाडी, नरपतंिसह देबावास, डा गणपतंिसह सराणा, महिपालसिंह भुण्डवा, रूपसिंह नाराणावास, विक्रमंिसह रातडी, देवीसिंह रटुजा, दीपसिंह आंवलोज, प्रहलादसिंह मीठड़ी, दुर्गसिंह कांखी, उतमसिंह दहिवा सहित सैकड़ों स्वंयसेवक व ़क्षेत्र के सहयोगी मौजूद थे। कार्यक्रम पूर्णता के बाद लोगों ने स्थानीय मुद्दों पर पारिवारिक सौहार्द में वार्ता कर विभिन्न विषयों पर स्थिति स्पष्ट करते हुए समाज व राष्ट्र के लिए क्षत्रिय युवक संघ को एक संस्कार निर्माण की पाठशाला बताया। प्रात: प्रमुख अजुंनंिसंह देलदरी व गणपतसिंह भंवरानी ने आगंतुक सहयोगियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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