हम माहौल खराब नहीं करना चाहते : गहलोत
नागौर। भाजपा ने सत्ता में रहते हुए खूब भ्रष्टाचार किया। राजस्थान की जनता चार साल बाद भी भाजपा के कुशासन को भूली नहीं है। भाजपा की न तो कोई नीति है और न ही कोई सिद्धांत। यह बात रविवार को नागौर दौरे पर आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्रकारों से बात करते हुए कही। पत्रिका के यह पूछने पर कि जब भाजपा सरकार ने भ्रष्टाचार किया तो कांग्रेस सरकार ने उसकी जांच क्यों नहीं करवाई और अगर जांच हुई तो साबित क्यों नहीं कर पाए?
इसका जवाब देते हुए गहलोत ने कहा "हां, हम स्वीकार करते हैं कि हमने जांच के लिए कोई कमीशन नहीं बनाया। हम माहौल खराब नहीं करना चाहते।" उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक नहीं कई मामले हैं, जिसमें दलितों की जमीन पर कब्जा करना एवं आमेर की हवेलियां बेचना प्रमुख हैं। हालांकि हमने आमेर की हवेलियां तो वापस ले लीं। ये सब बातें जगजाहिर हैं। खुद भैरोंसिंह शेखावत ने तत्कालीन भाजपा सरकार पर आरोप लगाए थे, जो आज हमारे बीच नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट से भी नोटिस जारी हो चुके हैं।
उचित नहीं धर्म की राजनीति करना
भाजपा द्वारा उठाए जा रहे राम मंदिर के मुद्दे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए गहलोत ने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि भाजपा धर्म की राजनीति कर रही है। आठ साल राममंदिर में एक पत्थर भी नहीं लगा सके। जो लड़ाई देश हित में लड़नी चाहिए, उसके स्थान पर धर्म की राजनीति करना कहां उचित है। गहलोत ने कहा कि भाजपा का प्रधानमंत्री बनने का चांस ही नहीं है, फिर भी पता नहीं ये लोग प्रधानमंत्री की लड़ाई क्यों लड़ रहे हैं।
नागौर का महत्वपूर्ण स्थान
नागौर से धनकोली तक 100 किलोमीटर से अधिक रास्ता सड़क मार्ग से तय करने के बारे में गहलोत ने कहा कि राजनीति में नागौर का योगदान महत्वपूर्ण है। यहां के लोगों से मिलने के लिए उन्होंने यह फैसला लिया है। उन्होंने पंचायती राज की स्थापना को याद करते हुए कहा कि पंडित नेहरू ने सबसे पहले पंचायती राज की शुरूआत नागौर से ही की थी।
कांग्रेस का कोई विकल्प नहीं
आगामी चुनाव में कांग्रेस किन-किन मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ेगी? इस प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि देश में कांग्रेस का कोई विकल्प नहीं है। सबको साथ लेकर चलना तथा जरूरत पड़ने पर अपनी जान कुर्बान कर देना कांग्रेस की नीति एवं सिद्धांत है। उन्होंने इंदिरा गांधी एवं राजीव गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने देश के लिए अपनी जान दी थी। गहलोत ने कहा कि कांग्रेस का विश्वास अब राहुल गांधी पर है और जनता भी उन पर विश्वास कर कांग्रेस को दुबारा सत्ता में लाएगी।
चार साल, बेमिसाल
गहलोत ने कांग्रेस सरकार के चार साल बेमिसाल बताते हुए कहा कि यदि कोई रिसर्च करे तो वह जान जाएगा कि हमने पिछले चार सालों में कितना विकास करवाया है। आम जनता के लिए जनकल्याणकारी योजनाएं जितनी हमने चलाई उतनी किसी ने नहीं चलाई। इंदिरा गांधी नहर प्रोजेक्ट को लेकर उन्होंने कहा कि दूसरे फेज की सभी औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं और जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा।
सोमवार, 11 फ़रवरी 2013
रोडवेज सुविधा से जुड़ेगी हर ग्राम पंचायत : बेनीवाल
परिवहन व यातायात मंत्री ने नए डीटीओ ऑफिस का विधिवत शुभारंभ किया, रामकृष्ण गौशाला के ट्रैक्टर को जारी हुए पहले नंबर आरजे-39-0001, दो जनों को जारी किए लर्निंग लाइसेंस
बालोतरा नए डीटीओ ऑफिस का रविवार को परिवहन व यातायात एवं गृहराज्य मंत्री वीरेंद्र बेनीवाल के हाथों विधिवत शुभारंभ हुआ। नए ऑन लाइन डीटीओ ऑफिस की शुरूआत के बाद मंत्री ने पहले ही दिन एक ट्रैक्टर के लिए पहला नंबर इश्यू किया। साथ ही नये कार्यालय से दो लर्निंग लाइसेंस भी समारोह के दौरान ही जारी किए गए। इस दौरान बालोतरा को डीटीओ ऑफिस की सौगात देने के लिए एससी आयोग अध्यक्ष गोपाराम मेघवाल व पचपदरा विधायक मदन प्रजापत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व परिवहन मंत्री बेनीवाल का आभार जताया। साथ ही सिणधरी व गिड़ा क्षेत्र को बालोतरा डीटीओ के अधीन करवाने का आग्रह किया, इस पर मंत्री ने ठोस आश्वासन भी दिया।समारोह को संबोधित करते हुए परिवहन मंत्री बेनीवाल ने कहा कि इस सुविधा का बालोतरा व सिवाना क्षेत्र के लोगों को फायदा मिलेगा। उन्होंने हर ग्राम पंचायत मुख्यालय को रोडवेज सुविधा से जोडऩे की नयी योजना पर कहा कि चरणबद्ध तरीके से इस योजना का हर क्षेत्र को लाभ मिलेगा। बेनीवाल ने कहा कि परिवहन कार्यालयों को अब पूरी तरह ऑन लाइन कर दिया गया है, इससे काम जल्दी व सुलभ होंगे। उन्होंने कहा लाइसेंस के लिए टेस्ट की प्रक्रिया अनिवार्य की गई है, जिससे सही हाथों में ही लाइसेंस पहुंचेगा। पचपदरा विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री के हाथों गत दिनों बालोतरा के लिए मीठे पानी की योजना का शुभारंभ होने के बाद यह दूसरी सौगात मिली है। उन्होंने कहा कि अप्रैल के प्रथम सप्ताह में ओवरब्रिज के काम का भी शिलान्यास होकर कार्य आरंभ हो जाएगा, जिस पर करीब 40 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
साथ ही नई सब्जी मंडी रामसीन मूंगड़ा रोड पर तैयार हो रही है, उसका काम भी शीघ्र शुरू करवाने की कोशिश है। राज्य एससी आयोग अध्यक्ष गोपाराम मेघवाल व पूर्व जिला प्रमुख वालाराम चौधरी ने बालोतरा-पाली रूट पर रोडवेज बसों का संचालन शुरू करवाने का आग्रह किया। पालिकाध्यक्ष महेश बी चौहान व कृषि मंडी चेयरमैन रसीदा बानो ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम से पहले अपर परिवहन आयुक्त जयपुर हरिप्रसाद मिश्रा ने स्वागत भाषण दिया और डीटीओ सीपी गुप्ता ने अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट किए। इस दौरान भूमि विकास बैंक चेयरमैन फतेह खां, बालोतरा प्रधान जमनादेवी गोदारा, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी हरिप्रसाद पीपरालिया, डिप्टी कमिश्नर भंवरलाल, एआरटीओ सुमन भाटी, डीटीओ जोधपुर सीमा कविया, नवलकिशोर राठौड़, बाड़मेर डीटीओ मनीष शर्मा, जैसलमेर डीटीओ अनिल पंड्या, फलौदी डीटीओ ओमप्रकाश बुढ़ानिया, बीकानेर डीटीओ जुगल माथुर, आबूरोड डीटीओ रमेश वैष्णव, इंस्पेक्टर वगताराम जाखड़, मेघराज चौधरी, सोहनलाल, ज्योति, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष भंवरलाल मेघवाल, नगर अध्यक्ष मंगलाराम टाक, प्रतिपक्ष नेता रतन खत्री, महामंत्री शंकर लाल सलुंदिया, एएसपी नरेंद्रसिंह मीणा, एसडीएम अयूब खां, डीएसपी रामेश्वरलाल व सीआई कैलाशचंद्र मीणा सहित कई पार्षदगण व अन्य नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन गुलाम रसूल टाक ने किया।
"झाखरड़ा" में पानी व पीड़ा "अथाह"
"झाखरड़ा" में पानी व पीड़ा "अथाह"
बाड़मेर। जब पानी नहीं था, तब उसके नहीं होने की पीड़ा थी। अब अथाह पानी आया तो पीड़ा भी पानी की मानिंद अथाह हो गई है। अथाह पानी में सड़कें डूब गईं, पगडंडियां गुम हो गई है। यहां तक कि विद्यालयों के द्वार भी पानी के घाट बन गए हैं। यह स्थिति बाड़मेर जिले की गुड़ामालानी तहसील के झाखरड़ा क्षेत्र की है, जहां नर्मदा का पानी वरदान की बजाय अभिशाप बन गया है।
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या पंद्रह के पश्चिम में करीब एक दर्जन गांव झाखरड़ा क्षेत्र का हिस्सा है। इसमें वन विभाग की हजारों बीघा जमीन है, जो वन्य जीवों के लिए आरक्षित है। नर्मदा नहर में पानी की अधिक आवक होने पर पिछले तीन वर्ष से वन विभाग की इस जमीन पर उसका पानी छोड़ा जा रहा है। नर्मदा का पानी पिछले तीन वर्ष से झाखरड़ा वन्य क्षेत्र की जमीन पर फैला हुआ है। एक वर्ष से पानी वन्य क्षेत्र से भी आगे किसानों की खातेदारी जमीन तक पहुंच गया है। यहां तक कि कुछ घरों की दहलीज तक भी पानी की पहुंच हो गई है।
पंद्रह दिन से हालत बदतर
यूं तो झाखरड़ा क्षेत्र की हालत तीन वर्ष से खराब है, लेकिन पंद्रह दिन पहले पानी की अधिक आवक होने के कारण स्थिति बदतर हो गई है। स्थिति यह है कि रामजी का गोल से धोलीनाडी, धोलीनाडी से झाखरड़ा, पन्नल की बेरी से मेघावा और पन्नल की बेरी से झाखरड़ा जाने वाले रास्ते पूरी तरह से बंद हैं। इससे ग्रामीण लगभग दुगुने से भी अधिक दूरी तय कर गंतव्य तक जाने के लिए मजबूर हैं।
विद्यालयों की चौखट तक पानी
राजकीय प्राथमिक विद्यालय झाखरड़ा व राप्रावि खेराज खिलेरी की ढाणी की चौखट तक पानी पहुंच गया है। इन विद्यालयों में करीब 200 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। पिछले वर्ष एक स्कूली छात्र पानी में डूब गया था। ऎसे में घबराए हुए परिजन अपने बच्चों को विद्यालय तक छोड़ने व वापस लाने के लिए मजबूर हैं।
लूणी में छोड़ने की योजना
जब तक पूरा सिस्टम तैयार नहीं हो जाता, तब तक पानी की अधिक आवक की समस्या रहेगी। दो वर्ष में सिस्टम पूरा तैयार हो जाएगा। झाखरड़ा क्षेत्र की समस्या के समाधान के लिए लूणी नदी में पानी छोड़ने की योजना पर विचार चल रहा है।
-एल एल परमार, अधीक्षण अभियंता नर्मदा नहर परियोजना सांचौर
बाड़मेर। जब पानी नहीं था, तब उसके नहीं होने की पीड़ा थी। अब अथाह पानी आया तो पीड़ा भी पानी की मानिंद अथाह हो गई है। अथाह पानी में सड़कें डूब गईं, पगडंडियां गुम हो गई है। यहां तक कि विद्यालयों के द्वार भी पानी के घाट बन गए हैं। यह स्थिति बाड़मेर जिले की गुड़ामालानी तहसील के झाखरड़ा क्षेत्र की है, जहां नर्मदा का पानी वरदान की बजाय अभिशाप बन गया है।
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या पंद्रह के पश्चिम में करीब एक दर्जन गांव झाखरड़ा क्षेत्र का हिस्सा है। इसमें वन विभाग की हजारों बीघा जमीन है, जो वन्य जीवों के लिए आरक्षित है। नर्मदा नहर में पानी की अधिक आवक होने पर पिछले तीन वर्ष से वन विभाग की इस जमीन पर उसका पानी छोड़ा जा रहा है। नर्मदा का पानी पिछले तीन वर्ष से झाखरड़ा वन्य क्षेत्र की जमीन पर फैला हुआ है। एक वर्ष से पानी वन्य क्षेत्र से भी आगे किसानों की खातेदारी जमीन तक पहुंच गया है। यहां तक कि कुछ घरों की दहलीज तक भी पानी की पहुंच हो गई है।
पंद्रह दिन से हालत बदतर
यूं तो झाखरड़ा क्षेत्र की हालत तीन वर्ष से खराब है, लेकिन पंद्रह दिन पहले पानी की अधिक आवक होने के कारण स्थिति बदतर हो गई है। स्थिति यह है कि रामजी का गोल से धोलीनाडी, धोलीनाडी से झाखरड़ा, पन्नल की बेरी से मेघावा और पन्नल की बेरी से झाखरड़ा जाने वाले रास्ते पूरी तरह से बंद हैं। इससे ग्रामीण लगभग दुगुने से भी अधिक दूरी तय कर गंतव्य तक जाने के लिए मजबूर हैं।
विद्यालयों की चौखट तक पानी
राजकीय प्राथमिक विद्यालय झाखरड़ा व राप्रावि खेराज खिलेरी की ढाणी की चौखट तक पानी पहुंच गया है। इन विद्यालयों में करीब 200 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। पिछले वर्ष एक स्कूली छात्र पानी में डूब गया था। ऎसे में घबराए हुए परिजन अपने बच्चों को विद्यालय तक छोड़ने व वापस लाने के लिए मजबूर हैं।
लूणी में छोड़ने की योजना
जब तक पूरा सिस्टम तैयार नहीं हो जाता, तब तक पानी की अधिक आवक की समस्या रहेगी। दो वर्ष में सिस्टम पूरा तैयार हो जाएगा। झाखरड़ा क्षेत्र की समस्या के समाधान के लिए लूणी नदी में पानी छोड़ने की योजना पर विचार चल रहा है।
-एल एल परमार, अधीक्षण अभियंता नर्मदा नहर परियोजना सांचौर
ट्रैक पर डेढ़ इंच का क्रेक, आधा घंटा खड़ी रही कालका
ट्रैक पर डेढ़ इंच का क्रेक, आधा घंटा खड़ी रही कालका
ट्रैकमैन की सजगता से टला बड़ा हादसा, पहले ट्रैक से गुजर चुकी थी मालानी एक्सप्रेस
बालोतराबाड़मेर-जोधपुर रेलवे ट्रैक पर बालोतरा-जानियाना के बीच रविवार सवेरे करीब डेढ़ इंच का बड़ा क्रेक आ गया। सुबह साढ़े सात बजे इस ट्रैक से मालाणी (बाड़मेर-दिल्ली) एक्सप्रेस के गुजर जाने के बाद ट्रैकमैन को यह क्रेक नजर आया। इसके बाद ट्रैकमैन ने सजगता दिखाते हुए बाड़मेर की ओर से आ रही कालका (बाड़मेर-हरिद्वार) एक्सप्रेस को क्रेक से पहले ही रुकवा दिया। इस दरम्यान करीब आधा घंटे तक कालका एक्सप्रेस को रोके रखना पड़ा।
धीमी गति से पार करवाया कालका को
घटना रविवार अलसुबह की है। करीब साढ़े सात बजे जोधपुर की ओर से आने वाली मालाणी एक्सप्रेस इस ट्रैक से गुजरी तो बाद में जानियाना का सीनियर ट्रैकमैन लाखाराम ट्रैक जांचते हुए उधर से गुजरा। उसने देखा कि पटरी पर करीब डेढ़ इंच बड़ा क्रेक आया हुआ है। इस पर लाखाराम ने एसआरपीडब्ल्यूएस किशनाराम को इसकी सूचना दी और बालोतरा की ओर से जोधपुर जा रही कालका एक्सप्रेस को लाल झंडी दिखाकर क्रेक से पहले ही रुकवा दिया। इसके बाद मौके पर पहुंची गैंगमैनों की टीम ने क्रेक को पहले अस्थायी रूप से ठीक कर कालका को धीमी गति से पार करवाया और फिर बाद में क्रेक को पूरी तरह दुरुस्त किया गया। इस दरम्यान करीब आधा घंटे कालका एक्सप्रेस होटलू सरहद में खड़ी रही।
ट्रैकमैन की सजगता से टला बड़ा हादसा, पहले ट्रैक से गुजर चुकी थी मालानी एक्सप्रेस
बालोतराबाड़मेर-जोधपुर रेलवे ट्रैक पर बालोतरा-जानियाना के बीच रविवार सवेरे करीब डेढ़ इंच का बड़ा क्रेक आ गया। सुबह साढ़े सात बजे इस ट्रैक से मालाणी (बाड़मेर-दिल्ली) एक्सप्रेस के गुजर जाने के बाद ट्रैकमैन को यह क्रेक नजर आया। इसके बाद ट्रैकमैन ने सजगता दिखाते हुए बाड़मेर की ओर से आ रही कालका (बाड़मेर-हरिद्वार) एक्सप्रेस को क्रेक से पहले ही रुकवा दिया। इस दरम्यान करीब आधा घंटे तक कालका एक्सप्रेस को रोके रखना पड़ा।
धीमी गति से पार करवाया कालका को
घटना रविवार अलसुबह की है। करीब साढ़े सात बजे जोधपुर की ओर से आने वाली मालाणी एक्सप्रेस इस ट्रैक से गुजरी तो बाद में जानियाना का सीनियर ट्रैकमैन लाखाराम ट्रैक जांचते हुए उधर से गुजरा। उसने देखा कि पटरी पर करीब डेढ़ इंच बड़ा क्रेक आया हुआ है। इस पर लाखाराम ने एसआरपीडब्ल्यूएस किशनाराम को इसकी सूचना दी और बालोतरा की ओर से जोधपुर जा रही कालका एक्सप्रेस को लाल झंडी दिखाकर क्रेक से पहले ही रुकवा दिया। इसके बाद मौके पर पहुंची गैंगमैनों की टीम ने क्रेक को पहले अस्थायी रूप से ठीक कर कालका को धीमी गति से पार करवाया और फिर बाद में क्रेक को पूरी तरह दुरुस्त किया गया। इस दरम्यान करीब आधा घंटे कालका एक्सप्रेस होटलू सरहद में खड़ी रही।
निम्बलकोट से भगाई युवती अहमदाबाद में दस्तयाब
निम्बलकोट से भगाई युवती अहमदाबाद में दस्तयाब
सिणधरी। बीस दिन पहले निम्बलकोट गांव में पशुओं के बाड़े से शादी की नीयत से भगाई युवती रविवार को मोबाइल कॉल डिटेल के अनुसार अहमदाबाद से दस्तयाब कर आरोपी को गिरफ्तार किया।
थानाधिकारी सहदेव चौधरी मय पुलिस दल ने कॉल डिटेल के मुताबिक भगाई युवती व आरोपित ऊदाराम पुत्र नवलाराम निवासी देवड़ा (झाब) को अहमदाबाद के सोनीनी चाली क्षेत्र से बरामद किया। युवती के पिता की रिपोर्ट के अनुसार उन्नीस जनवरी की रात को पशुओं के बाड़े से उदाराम ने उसकी पुत्री का शादी की नीयत से बहला फुसला कर अपहरण किया तथा उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने युवती को बरामद कर मेडिकल मुआयना करवाया तथा उसके पिता को सुपुर्द किया। आरोपी ऊदाराम के खिलाफ युवती का अपहरण कर दुष्कर्म करने के आरोप में गिरफ्तार किया।
सिणधरी। बीस दिन पहले निम्बलकोट गांव में पशुओं के बाड़े से शादी की नीयत से भगाई युवती रविवार को मोबाइल कॉल डिटेल के अनुसार अहमदाबाद से दस्तयाब कर आरोपी को गिरफ्तार किया।
थानाधिकारी सहदेव चौधरी मय पुलिस दल ने कॉल डिटेल के मुताबिक भगाई युवती व आरोपित ऊदाराम पुत्र नवलाराम निवासी देवड़ा (झाब) को अहमदाबाद के सोनीनी चाली क्षेत्र से बरामद किया। युवती के पिता की रिपोर्ट के अनुसार उन्नीस जनवरी की रात को पशुओं के बाड़े से उदाराम ने उसकी पुत्री का शादी की नीयत से बहला फुसला कर अपहरण किया तथा उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने युवती को बरामद कर मेडिकल मुआयना करवाया तथा उसके पिता को सुपुर्द किया। आरोपी ऊदाराम के खिलाफ युवती का अपहरण कर दुष्कर्म करने के आरोप में गिरफ्तार किया।
तीन बच्चों की मौत से हड़कंप
तीन बच्चों की मौत से हड़कंप
जैसलमेर। जैसलमेर के फतेहगढ़ क्षेत्र में सांधवा गांव स्थित सुल्तान की ढाणी में गत तीन दिन में तीन बच्चों की हुई मौत से समूचे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। बीमार बच्चे सर्दी, जुकाम व खांसी से पीडित थे। ऎसे में ग्रामीणों का अंदेशा है कि कहीं स्वाइन फ्लू ने दस्तक तो नहीं दे दी है। उधर, मौके पर पहुंची चिकित्सा विभाग की टीम ने स्पष्ट कर दिया है कि जांच में किसी के बच्चे में स्वाइन फ्लू के लक्षण नहीं पाए गए। संभवत: यह मौतें निमोनिया से हुई है।
गौरतलब है कि सुल्तान की ढाणी में गत तीन दिन में सात माह के इलियास, छह माह की एलमा व तीन साल के बिरई की मौत हो गई है। ये तीनों सर्दी जनित बीमारियों से पीडित थे और इनका उपचार चल रहा था। हालांकि चिकित्सा विभाग की टीम ने जांच में यह स्पष्ट कर दिया है कि यहां स्वाइन फ्लू के संकेत नहीं है, फिर भी ऎहतियात के तौर पर ढाणी के 67 जनों को टेमी फ्लू वितरित की गई है।
इसके अलावा बीमार तीन अन्य बच्चों मरवण (2), कासम (1) व गुलाम (9) को जैसलमेर के जवाहर अस्पताल लाया गया है। जहां उनका उपचार चल रहा है। तीनों बीमार बच्चों के स्वाब के नमूने जोधपुर भेजे जा रहे हैं। हालांकि चिकित्सा महकमा निश्चिंत है कि स्वाइन फ्लू का खतरा यहां नहीं है, फिर भी मौजूद परिस्थितियों को देखते हुए वह कोई जोखिम उठाने को तैयार नहीं है।
इन्होंने कहा
सांधवा क्षेत्र में तीन बच्चों की मौत और तीन बच्चों के बीमार होने की सूचना पर चिकित्सा विभाग की टीम ने मौके पर जाकर जांच की है। विशेषज्ञ दल ने अपनी जांच में स्वाइन फ्लू के लक्षण नहीं पाए हैं। तीनों बीमार बच्चों को जैसलमेर के जवाहर अस्पताल लाया गया है और इनके स्वाब के नमूने जोधपुर भिजवाए जा रहे हैं। सोमवार को स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि स्वाइन फ्लू से पीडित वे है कि नहीं।
-डॉ. आनंद गोपाल पुरोहित, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जैसलमेर
जैसलमेर। जैसलमेर के फतेहगढ़ क्षेत्र में सांधवा गांव स्थित सुल्तान की ढाणी में गत तीन दिन में तीन बच्चों की हुई मौत से समूचे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। बीमार बच्चे सर्दी, जुकाम व खांसी से पीडित थे। ऎसे में ग्रामीणों का अंदेशा है कि कहीं स्वाइन फ्लू ने दस्तक तो नहीं दे दी है। उधर, मौके पर पहुंची चिकित्सा विभाग की टीम ने स्पष्ट कर दिया है कि जांच में किसी के बच्चे में स्वाइन फ्लू के लक्षण नहीं पाए गए। संभवत: यह मौतें निमोनिया से हुई है।
गौरतलब है कि सुल्तान की ढाणी में गत तीन दिन में सात माह के इलियास, छह माह की एलमा व तीन साल के बिरई की मौत हो गई है। ये तीनों सर्दी जनित बीमारियों से पीडित थे और इनका उपचार चल रहा था। हालांकि चिकित्सा विभाग की टीम ने जांच में यह स्पष्ट कर दिया है कि यहां स्वाइन फ्लू के संकेत नहीं है, फिर भी ऎहतियात के तौर पर ढाणी के 67 जनों को टेमी फ्लू वितरित की गई है।
इसके अलावा बीमार तीन अन्य बच्चों मरवण (2), कासम (1) व गुलाम (9) को जैसलमेर के जवाहर अस्पताल लाया गया है। जहां उनका उपचार चल रहा है। तीनों बीमार बच्चों के स्वाब के नमूने जोधपुर भेजे जा रहे हैं। हालांकि चिकित्सा महकमा निश्चिंत है कि स्वाइन फ्लू का खतरा यहां नहीं है, फिर भी मौजूद परिस्थितियों को देखते हुए वह कोई जोखिम उठाने को तैयार नहीं है।
इन्होंने कहा
सांधवा क्षेत्र में तीन बच्चों की मौत और तीन बच्चों के बीमार होने की सूचना पर चिकित्सा विभाग की टीम ने मौके पर जाकर जांच की है। विशेषज्ञ दल ने अपनी जांच में स्वाइन फ्लू के लक्षण नहीं पाए हैं। तीनों बीमार बच्चों को जैसलमेर के जवाहर अस्पताल लाया गया है और इनके स्वाब के नमूने जोधपुर भिजवाए जा रहे हैं। सोमवार को स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि स्वाइन फ्लू से पीडित वे है कि नहीं।
-डॉ. आनंद गोपाल पुरोहित, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जैसलमेर
सरहद के 'सहरा' में फू टी पानी की धार
सरहद के 'सहरा' में फू टी पानी की धार
आधा दर्जन गांवों में बढ़ा भूजल स्तर, पेयजल समस्या खत्म, खेतों में लहलहाने लगी फसलें
बाड़मेर रेत की रग रग में पानी सहेजकर रखना तो सरहदी गांवों के लोगों कि फितरत में शुमार है। बीते छह दशक से पानी पानी करते कई पीढिय़ां गुजर गई। हलक तर करने के लिए मीलों लंबा सफर तय करने की मशक्कत जारी है। हाल ही में कुछ गांवों में पाताल से फूटी मीठे पानी की धार से पेयजल की समस्या से निजात मिला है। धोरों पर सिंचाई से फसलें लहलहा रही है। जहां कल दूर दूर तक सहरा नजर आ रहा था, वहां अब नखलिस्तान की तस्वीर उभर रही है। यह कहानी आधा दर्जन सरहदी गांवों की है। जहां पर सिलसिलेवार करीब पचास अधिक ट्यूवबेल खोदने के बाद तकदीर बदल रही है। उप तहसील गडरारोड के खलीफे की बावड़ी, पाबूसरी, शाहमीर का पार, जयसिंधर, बांडासर, गडरारोड, खानियानी, सरगिला, रावतसर, त्रिमोही समेत कई गांवों में भूजल स्तर में बढ़ोत्तरी के बाद पांच सौ से साढ़े पांच सौ फीट की गहराई में अथाह पानी निकल आया है। बीते कुछ माह पूर्व ही खलीफे की बावड़ी के एक किसान ने ट्यूबवेल खोदा तो की धार फूट पड़ी। इस खुशखबरी के बाद बॉर्डर के गांवों के लोगों की उम्मीदों को पंख लग गए। सरकार से आस छोड़ चुके लोगों ने अपने ही बूते पर खेतों में ट्यूबवैल खोदने शुरू कर दिए। हर जगह मीठा पानी निकला तो लोगों का विश्वास ओर मजबूत हो गया। यह सिलसिला अनवरत जारी है। अब तक पचास से अधिक ट्यूबवैल अलग अलग गांवों में खोदे जा चुके हैं। जहां पर पानी से फसलों की सिंचाई के साथ आस पास के गांवों व ढाणियों के लोगों को मीठा पानी नसीब हो रहा है।
गडरा उप तहसील क्षेत्र के सैकड़ों गांवों में पेयजल सुविधाएं मुहैया करवाने के सरकारी प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। जिन गांवों में जी एलआर बनाकर पाइप लाइनों से जोड़ दिया, मगर नए जल स्त्रोत विकसित नहीं होने से नियमित जलापूर्ति नहीं हो पा रही है। सरहदी गांवों की पेयजल समस्या के समाधान को प्रस्तावित गडरा लिफ्ट केनाल जनप्रतिनिधियों की दृढ़ इच्छा शक्ति के अभाव में अधरझूल में अटकी है। इस स्थिति में लोग अपने बूते पर ही पेयजल के इंतजाम कर रहे हैं।
खेतों में खुशहाली, पूरी हो गई मुरादें
सरहदी गांवों में साल दर साल अकाल पडऩे से किसानों खरीफ की बुवाई नहीं कर पा रहे थे। अब पाताल से निकले पानी से खेतों में फसलों की सिंचाई की जा रही है। धोरों पर दूर दूर तक हरितिमा छाई है। खुशहाली की दस्तक किसानों को सुकून दे रही है। दशकों बाद ग्रामीणों की मुरादें पूरी हो गई है।
॥सरहदी के गांवों में भूजल स्तर में अचानक बढ़ोत्तरी होने के बाद ट्यूवबेल खोदे जा रहे हैं। इन गांवों में अथाह मीठा पानी मिलने से लोगों की उम्मीदें परवान चढ़ रही है। पहले कई बार ट्यूवबेल खोदने पर पानी नहीं निकला था। अब पांच सौ से साढ़े पांच सौ फीट की गहराई में पानी निकल रहा है।
अशोक कुमार, भूजल वैज्ञानिक बाड़मेर
॥यहां के लोगों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि धोरों में पानी की धार फूटेगी। बीते कुछ वर्षों में मानसून मेहरबान होने के बाद जलस्तर बढऩे से यह सपना साकार हुआ। कई गांवों में फसलों की सिंचाई के साथ लोगों को मीठा पानी नसीब हो रहा है।
प्रेमसिंह सोढ़ा, जयसिंधर
॥दशकों लंबे इंतजार के बाद मीठा पानी नसीब हो रहा है। यह किसी वरदान से कम नहीं है। कुछ माह पूर्व खोदे गए ट्यूवबेल के बाद खेतों में रबी की फसलें लहलहा रही है। यह सबसे बड़ी सौगात है।
रोशन खां, सरपंच खलीफे की बावड़ी
खलीफे की बावड़ी गांव में ट्यूबवैल से हो रही सिंचाई।
खेतों में खुशहाली, पूरी हो गई मुरादें
सरहदी गांवों में साल दर साल अकाल पडऩे से किसानों खरीफ की बुवाई नहीं कर पा रहे थे। अब पाताल से निकले पानी से खेतों में फसलों की सिंचाई की जा रही है। धोरों पर दूर दूर तक हरितिमा छाई है। खुशहाली की दस्तक किसानों को सुकून दे रही है। दशकों बाद ग्रामीणों की मुरादें पूरी हो गई है।
॥सरहदी के गांवों में भूजल स्तर में अचानक बढ़ोत्तरी होने के बाद ट्यूवबेल खोदे जा रहे हैं। इन गांवों में अथाह मीठा पानी मिलने से लोगों की उम्मीदें परवान चढ़ रही है। पहले कई बार ट्यूवबेल खोदने पर पानी नहीं निकला था। अब पांच सौ से साढ़े पांच सौ फीट की गहराई में पानी निकल रहा है।
अशोक कुमार, भूजल वैज्ञानिक बाड़मेर
॥यहां के लोगों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि धोरों में पानी की धार फूटेगी। बीते कुछ वर्षों में मानसून मेहरबान होने के बाद जलस्तर बढऩे से यह सपना साकार हुआ। कई गांवों में फसलों की सिंचाई के साथ लोगों को मीठा पानी नसीब हो रहा है।
प्रेमसिंह सोढ़ा, जयसिंधर
॥दशकों लंबे इंतजार के बाद मीठा पानी नसीब हो रहा है। यह किसी वरदान से कम नहीं है। कुछ माह पूर्व खोदे गए ट्यूवबेल के बाद खेतों में रबी की फसलें लहलहा रही है। यह सबसे बड़ी सौगात है।
रोशन खां, सरपंच खलीफे की बावड़ी
खलीफे की बावड़ी गांव में ट्यूबवैल से हो रही सिंचाई।
परिवर्तन यात्रा पर निकलेंगी राजे
परिवर्तन यात्रा पर निकलेंगी राजे
जयपुर। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे की परिवर्तन यात्रा इस बार करीब 15 हजार किलोमीटर की हो सकती है। यात्रा में प्रत्येक विधानसभा कवर करने का रोडमैप बनाने के लिए बैठकों का दौर रविवार को भी जारी रहा। रविवार को बैठक राजे के सरकारी आवास की बजाय भाजपा प्रदेश कार्यालय में हुई। बैठकों का जिम्मा भाजपा नेता ओंकार सिंह लखावत को सौंपा गया है।
हालांकि, लखावत अभी परिवर्तन यात्रा से इनकार कर रहे हैं। रविवार को भरतपुर और बीकानेर संभाग की बैठकें हुई। जिसमें लखावत के अलावा गुलाब चंद कटारिया और राजेन्द्र राठौड़ भी मौजूद रहे। लखावत ने दोनों बैठकों में कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए कि जहां प्रवास की मांग है, उन स्थानों का नाम तय करें और फिर वहां की स्थानीय समस्याओं की सूची भेजें। इसके लिए विधानसभा, जिलास्तर पर 17 फरवरी तक बैठकें करें। जिनमें प्रदेशस्तीय नेता भी जाएंगे। सोमवार को उदयपुर और कोटा संभाग की बैठकें हो सकती हैं। इसके बाद जयपुर संभाग की बैठक होनी है।
यह हो सकता है यात्रा का स्वरूप
परिवर्तन यात्रा अप्रेल में शुरू करने पर विचार हो रहा है। यात्रा पिछली बार के मुकाबले 4000 किमी ज्यादा हो सकती है। राजे प्रतिदिन 110 से 135 किमी यात्रा करेगी। हर सम्भाग की यात्रा में 4-5 दिन का अंतर होगा। यात्रा की शुरूआत राजसमन्द के चारभुजा मन्दिर, अजमेर या श्रीगंगानगर में भारत-पाक सीमा स्थित हिंदुमलकोट से हो सकती है। वहीं पहली बैठक राजे के सरकारी आवास पर और इसके बाद सभी बैठकें प्रदेश कार्यालय में करना भी चर्चा का विषय रहा। माना जा रहा है इसके जरिए राजे सभी को साथ लेकर चलने का संदेश देना चाहती हैं।
नहीं आए भाटी
रविवार को बैठकों में जिलाध्यक्ष, सांसद और विधायकों को बुलाया गया था। बीकानेर संभाग की बैठक में विधायक देवी सिंह भाटी, सिद्धी कुमारी, राजकुमार रिणवा नहीं आए, लेकिन देवी सिंह भाटी का न आना चर्चा में रहा।
अभी तो चर्चा है...
प्रदेशाध्यक्ष के प्रवास की काफी मांग थी। इसलिए यह तय किया कि प्रदेश स्तर से उनका कार्यक्रम तय हो। अभी परिवर्तन यात्रा की बात कहां से आ गई? अभी तो चर्चा हो रही है। ओंकार सिंह लखावत, प्रदेश उपाध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी
जयपुर। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे की परिवर्तन यात्रा इस बार करीब 15 हजार किलोमीटर की हो सकती है। यात्रा में प्रत्येक विधानसभा कवर करने का रोडमैप बनाने के लिए बैठकों का दौर रविवार को भी जारी रहा। रविवार को बैठक राजे के सरकारी आवास की बजाय भाजपा प्रदेश कार्यालय में हुई। बैठकों का जिम्मा भाजपा नेता ओंकार सिंह लखावत को सौंपा गया है।
हालांकि, लखावत अभी परिवर्तन यात्रा से इनकार कर रहे हैं। रविवार को भरतपुर और बीकानेर संभाग की बैठकें हुई। जिसमें लखावत के अलावा गुलाब चंद कटारिया और राजेन्द्र राठौड़ भी मौजूद रहे। लखावत ने दोनों बैठकों में कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए कि जहां प्रवास की मांग है, उन स्थानों का नाम तय करें और फिर वहां की स्थानीय समस्याओं की सूची भेजें। इसके लिए विधानसभा, जिलास्तर पर 17 फरवरी तक बैठकें करें। जिनमें प्रदेशस्तीय नेता भी जाएंगे। सोमवार को उदयपुर और कोटा संभाग की बैठकें हो सकती हैं। इसके बाद जयपुर संभाग की बैठक होनी है।
यह हो सकता है यात्रा का स्वरूप
परिवर्तन यात्रा अप्रेल में शुरू करने पर विचार हो रहा है। यात्रा पिछली बार के मुकाबले 4000 किमी ज्यादा हो सकती है। राजे प्रतिदिन 110 से 135 किमी यात्रा करेगी। हर सम्भाग की यात्रा में 4-5 दिन का अंतर होगा। यात्रा की शुरूआत राजसमन्द के चारभुजा मन्दिर, अजमेर या श्रीगंगानगर में भारत-पाक सीमा स्थित हिंदुमलकोट से हो सकती है। वहीं पहली बैठक राजे के सरकारी आवास पर और इसके बाद सभी बैठकें प्रदेश कार्यालय में करना भी चर्चा का विषय रहा। माना जा रहा है इसके जरिए राजे सभी को साथ लेकर चलने का संदेश देना चाहती हैं।
नहीं आए भाटी
रविवार को बैठकों में जिलाध्यक्ष, सांसद और विधायकों को बुलाया गया था। बीकानेर संभाग की बैठक में विधायक देवी सिंह भाटी, सिद्धी कुमारी, राजकुमार रिणवा नहीं आए, लेकिन देवी सिंह भाटी का न आना चर्चा में रहा।
अभी तो चर्चा है...
प्रदेशाध्यक्ष के प्रवास की काफी मांग थी। इसलिए यह तय किया कि प्रदेश स्तर से उनका कार्यक्रम तय हो। अभी परिवर्तन यात्रा की बात कहां से आ गई? अभी तो चर्चा हो रही है। ओंकार सिंह लखावत, प्रदेश उपाध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी
रविवार, 10 फ़रवरी 2013
इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर भगदड़, 10 लोगों की मौत
इलाहाबाद: इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 10 लोगों के मारे जाने की खबर है। मरने वालों में सात महिलाएं और तीन पुरुष शामिल हैं। इससे पहले, सेक्टर 12 में भगदड़ मचने से दो व्यक्तियों की मृत्यु हुई थी।
इलाहाबाद के प्लेटफार्म नंबर छह पर देर शाम मची इस भगदड़ में कई लोग घायल भी हुए हैं। ध्यान रहे मौनी अमावस्या के चलते भारी भीड़ शहर में उमड़ी है। राहत का काम जारी है।
चश्मदीदों का दावा है है पुलिस के लाठीचार्ज करने के बाद मची भगदड़ के बाद यह हादसा हुआ।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में लोगों के मारे जाने पर दुख व्यक्त किया है और रेल मंत्रालय को सभी संभव सहायता देने का निर्देश दिया है।
इससे पहले, सेक्टर मजिस्ट्रेट अभय राज ने बताया कि सेक्टर 12 में भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई और इस दौरान दो व्यक्तियों की कुचले जाने से मौत हो गई। इनमें एक महिला वाराणसी की है, जबकि एक अधेड़ पुरुष पश्चिम बंगाल से कुंभ स्नान के लिए यहां आए थे।
हालांकि कुंभ मेला कमिश्नर देवेश चतुर्वेदी ने मीडिया सेंटर में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भगदड़ में एक व्यक्ति के मारे जाने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि एक अन्य व्यक्ति की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई।
अभय राज ने बताया कि भगदड़ में कुछ लोगों को मामूली चोटें भी आई हैं। उन्होंने बताया कि शाम को मौनी अमावस्या के स्नान के बाद घाटों से लौट रही भारी भीड़ में अचानक भगदड़ मच गई।
इलाहाबाद के प्लेटफार्म नंबर छह पर देर शाम मची इस भगदड़ में कई लोग घायल भी हुए हैं। ध्यान रहे मौनी अमावस्या के चलते भारी भीड़ शहर में उमड़ी है। राहत का काम जारी है।
चश्मदीदों का दावा है है पुलिस के लाठीचार्ज करने के बाद मची भगदड़ के बाद यह हादसा हुआ।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में लोगों के मारे जाने पर दुख व्यक्त किया है और रेल मंत्रालय को सभी संभव सहायता देने का निर्देश दिया है।
इससे पहले, सेक्टर मजिस्ट्रेट अभय राज ने बताया कि सेक्टर 12 में भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई और इस दौरान दो व्यक्तियों की कुचले जाने से मौत हो गई। इनमें एक महिला वाराणसी की है, जबकि एक अधेड़ पुरुष पश्चिम बंगाल से कुंभ स्नान के लिए यहां आए थे।
हालांकि कुंभ मेला कमिश्नर देवेश चतुर्वेदी ने मीडिया सेंटर में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भगदड़ में एक व्यक्ति के मारे जाने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि एक अन्य व्यक्ति की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई।
अभय राज ने बताया कि भगदड़ में कुछ लोगों को मामूली चोटें भी आई हैं। उन्होंने बताया कि शाम को मौनी अमावस्या के स्नान के बाद घाटों से लौट रही भारी भीड़ में अचानक भगदड़ मच गई।
डेढ़ साल की मासूम से रेप की कोशिश
डेढ़ साल की मासूम से रेप की कोशिश
जयपुर। शहर के प्रताप नगर इलाके में शनिवार को नशे में धुत एक बुजुर्ग ने मासूम से रेप करने की कोशिश की। आरोपी बच्ची के दादा का फुफेरा भाई है। परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
प्रताप नगर थानाधिकारी महेन्द्र गुप्ता ने बताया कि डेढ़ वर्षीय बच्ची सुबह 11 बजे घर के पास खेल रही थी। इसी दौरान उसके दादा का फुफेरा भाई (60) वहां आया और मासूम को खिलाने के बहाने पड़ोस के अहाते में ले गया। वहां उसने बच्ची से दुष्कर्म की कोशिश की।
बच्ची के रोने की आवाज सुन उसकी चाची माजरा भांप गई। उसने तुरंत परिजनों को जानकारी दी। इस पर परिजनों ने आरोपी को पकड़ लिया। उन्होंने पहले आरोपी की धुनाई की, बाद में उसे पुलिस के हवाले कर दिया।
थाने पर हंगामा
पुलिस आरोपी को थाने ले गई। जब उससे पूछताछ शुरू की गई तो वह अजीब हरकतें करने लगा। वह खुद को नगर निगम में सफाईकर्मी बता टॉयलेट में घुस गया। बोला सफाई करूंगा,मुझे मत पकड़ो। पुलिस ने मुश्किल से उसे काबू में किया।
जयपुर। शहर के प्रताप नगर इलाके में शनिवार को नशे में धुत एक बुजुर्ग ने मासूम से रेप करने की कोशिश की। आरोपी बच्ची के दादा का फुफेरा भाई है। परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
प्रताप नगर थानाधिकारी महेन्द्र गुप्ता ने बताया कि डेढ़ वर्षीय बच्ची सुबह 11 बजे घर के पास खेल रही थी। इसी दौरान उसके दादा का फुफेरा भाई (60) वहां आया और मासूम को खिलाने के बहाने पड़ोस के अहाते में ले गया। वहां उसने बच्ची से दुष्कर्म की कोशिश की।
बच्ची के रोने की आवाज सुन उसकी चाची माजरा भांप गई। उसने तुरंत परिजनों को जानकारी दी। इस पर परिजनों ने आरोपी को पकड़ लिया। उन्होंने पहले आरोपी की धुनाई की, बाद में उसे पुलिस के हवाले कर दिया।
थाने पर हंगामा
पुलिस आरोपी को थाने ले गई। जब उससे पूछताछ शुरू की गई तो वह अजीब हरकतें करने लगा। वह खुद को नगर निगम में सफाईकर्मी बता टॉयलेट में घुस गया। बोला सफाई करूंगा,मुझे मत पकड़ो। पुलिस ने मुश्किल से उसे काबू में किया।
PHOTOS: हर संन्यासी महीने में 90 बार सेक्स करता था ओशो के आश्रम में...!
वडोदरा। पश्चिमी दुनिया में अध्यात्म का व्यापार करने वाले रजनीश उर्फ ओशो ड्रग्स और सेक्स के आदी थे। यह खुलासा एक समय में ओशो की सबसे प्रिय व विश्वासपात्र पीए मां आनंद शीला ने किया है। ओशो के ऊपर इस तरह के आरोप पहले भी कई बार लग चुके हैं। रजनीश की शिष्या शीला वडोदरा के भाईली गांव की हैं और अब स्विटरजरलैंड में हैं।
ओशो के आश्रम से 55 मिलियन डॉलर का घपला करने के आरोप में शीला 39 महीनों तक जेल में रहीं। जेल से बाहर आने के लगभग 20 साल बाद मां आनंद शीला ने (पहले शीला अंबालाल पटेल) हाल ही में रिलीज हुई अपनी किताब ‘डोंट किल हिम! ए मेम्वर बाई मा आनंद शीला’ में ओशो व उनके आश्रम से जुड़े कई रहस्यों से पर्दा उठाया है।
अपनी किताब में उन्हें कई जगह ओशो यानी रजनीश की धन और भौतिक सुख-सुविधाओं की लालसा का जिक्र किया है। हालांकि, ओशो के समर्थक शीला पर यह आरोप लगाते हैं कि उन्होंने अपनी किताब के प्रचार के लिए इस तरह की बातें कीं।
वह रात मेरे जीवन की सबसे लंबी रात थी। मेरे लिए दूसरे दिन दोपहर तक का इंतजार करना बहुत मुश्किल हो रहा था। मेरे लिए तो उस समय जैसे दुनिया की सारी घड़ियां रुक गई थीं। आखिरकार, इस लंबे इंतजार का अंत आया और मैं उनसे मिलने जा पहुंची।
मैंने उन्हें बताया कि कितनी मुश्किल से यह समय काटा। मैंने उनसे कहा कि मुझे नींद नहीं आ रही थी, मुझे भूख-प्यास भी नहीं लग रही थी। मैं मानसिक बीमारी का अनुभव कर रही थी। मेरी यह बात सुनकर ओशो ने कहा, ‘शीला यह स्वाभाविक है, क्योंकि तुम मेरे प्रेम में हो और मैं तुम्हारे प्रेम में हूं।’
संन्यासियों का शोषण
शीला ने अपनी किताब में लिखा है कि ओशो एक अद्भुत बिजनेसमैन थे। उन्हें अपने प्रोडक्ट, उसकी कीमत और मार्केट की अच्छी जानकारी थी। वे आश्रम को इस तरह चलाना चाहते थे, जिससे तमाम खर्च रिकवर हो जाएं। इसी के चलते आश्रम में प्रवेश के लिए फीस भी वसूली जाती थी। उनके थेरेपिस्ट ग्रुप भी आश्रम में थेरेपी के लिए पैसे लिया करता था। आश्रम में आने वाले लोगों को उनका मनपसंद भोजन मुहैया करवाया जाता था और इसके लिए भरपूर पैसा वसूला जाता था। आश्रम में आने वाले लोगों से एंट्री फी, ग्रुप एंट्री फी सहित पैसे कमाने के कई विकल्प मौजूद थे, जिससे कुछ ही समय में पानी की तरह पैसा आने लगा।
उनके आश्रम में थेरेपी का एक प्रमुख भाग सेक्स था। यहां कामुकता किसी भी निर्णय के बगैर स्वीकार्य थी। सेक्स के संबंध में माना जाता था कि इसका नैतिकता से संबंध नहीं। ओशो चाहते थे कि युगल किसी भी चिंता के बगैर संभोग करे। धीरे-धीरे आश्रम में सेक्स चरम पर पहुंच गया। कई बार तो अति उत्साह और बौद्धिकता की सीढ़ी जल्दी चढ़ने के चक्कर में गई ग्रुपों के बीच हिंसा भी हो जाया करती थी।
ओशो के आश्रम से 55 मिलियन डॉलर का घपला करने के आरोप में शीला 39 महीनों तक जेल में रहीं। जेल से बाहर आने के लगभग 20 साल बाद मां आनंद शीला ने (पहले शीला अंबालाल पटेल) हाल ही में रिलीज हुई अपनी किताब ‘डोंट किल हिम! ए मेम्वर बाई मा आनंद शीला’ में ओशो व उनके आश्रम से जुड़े कई रहस्यों से पर्दा उठाया है।
अपनी किताब में उन्हें कई जगह ओशो यानी रजनीश की धन और भौतिक सुख-सुविधाओं की लालसा का जिक्र किया है। हालांकि, ओशो के समर्थक शीला पर यह आरोप लगाते हैं कि उन्होंने अपनी किताब के प्रचार के लिए इस तरह की बातें कीं।
भगवान से मुलाकात :
मुंबई स्थित मेरे चाचा के बंगले के ठीक सामने ही रजनीश का निवास स्थल था। इसलिए उनसे मुलाकात की मेरी इच्छा जल्दी ही पूरी हो गई। दरअसल, यह मुलाकात मेरे लिए मेरा अंत था। हालांकि, यह मुलाकात मेरे जीवन का एक यादगार पल भी साबित हुआ। मैं उनसे मिलने के लिए इतनी बेताब थी कि बिना अप्वाइंटमेंट के ही उनसे मिलने पहुंच गई थी। उस बहुमंजिला इमारत में स्थित उनके फ्लैट में तीन कमरे थे। उनकी सचिव मां योगी लक्ष्मी ने (लोग उन्हें लक्ष्मी मां से संबोधित किया करते थे) अपार्टमेंट में प्रवेश करते ही रिसेप्शन के डेस्क से मेरा स्वागत किया।
मां लक्ष्मी ने रजनीश के पास जाकर मेरे बारे में बताया। थोड़ी देर बाद मुझे व मेरे पिता को अंदर जाने की अनुमति मिल गई। इस समय रजनीश कमरे के कोने में एक कुर्सी पर बैठे हुए थे। वे सफेद कपड़ों में थे। उनके ठीक पीछे एक छोटी सी टेबल थी, जिस पर कई किताबें पड़ी थीं। उनकी कुर्सी के सामने दो पलंग थे। बस इन चीजों के अलावा लगभग पूरा कमरा खाली था।कुछ क्षणों तक उन्होंने मुझे अपने सीने से लगाए रखा। मुझे एक अद्भुत व अनंत आनंद का अनुभव हुआ। इसके बाद उन्होंने आहिस्ते-आहिस्ते से मुझे छोड़ा और मेरा हाथ पकड़ लिया। मेरे सिर को अपनी गोद में रखा। इसके बाद उन्होंने मेरे पिता से बातचीत शुरू की, लेकिन मैं उन्हीं में खोई हुई थी। मैं वहां होने पर भी न होने जैसा अनुभव कर रही थी।
ओशो ने कहा, ‘शीला, तुम मुझसे कल दोपहर में 2.30 बजे मिलने आओगी।'
मुंबई स्थित मेरे चाचा के बंगले के ठीक सामने ही रजनीश का निवास स्थल था। इसलिए उनसे मुलाकात की मेरी इच्छा जल्दी ही पूरी हो गई। दरअसल, यह मुलाकात मेरे लिए मेरा अंत था। हालांकि, यह मुलाकात मेरे जीवन का एक यादगार पल भी साबित हुआ। मैं उनसे मिलने के लिए इतनी बेताब थी कि बिना अप्वाइंटमेंट के ही उनसे मिलने पहुंच गई थी। उस बहुमंजिला इमारत में स्थित उनके फ्लैट में तीन कमरे थे। उनकी सचिव मां योगी लक्ष्मी ने (लोग उन्हें लक्ष्मी मां से संबोधित किया करते थे) अपार्टमेंट में प्रवेश करते ही रिसेप्शन के डेस्क से मेरा स्वागत किया।
मां लक्ष्मी ने रजनीश के पास जाकर मेरे बारे में बताया। थोड़ी देर बाद मुझे व मेरे पिता को अंदर जाने की अनुमति मिल गई। इस समय रजनीश कमरे के कोने में एक कुर्सी पर बैठे हुए थे। वे सफेद कपड़ों में थे। उनके ठीक पीछे एक छोटी सी टेबल थी, जिस पर कई किताबें पड़ी थीं। उनकी कुर्सी के सामने दो पलंग थे। बस इन चीजों के अलावा लगभग पूरा कमरा खाली था।कुछ क्षणों तक उन्होंने मुझे अपने सीने से लगाए रखा। मुझे एक अद्भुत व अनंत आनंद का अनुभव हुआ। इसके बाद उन्होंने आहिस्ते-आहिस्ते से मुझे छोड़ा और मेरा हाथ पकड़ लिया। मेरे सिर को अपनी गोद में रखा। इसके बाद उन्होंने मेरे पिता से बातचीत शुरू की, लेकिन मैं उन्हीं में खोई हुई थी। मैं वहां होने पर भी न होने जैसा अनुभव कर रही थी।
ओशो ने कहा, ‘शीला, तुम मुझसे कल दोपहर में 2.30 बजे मिलने आओगी।'
मैंने उन्हें बताया कि कितनी मुश्किल से यह समय काटा। मैंने उनसे कहा कि मुझे नींद नहीं आ रही थी, मुझे भूख-प्यास भी नहीं लग रही थी। मैं मानसिक बीमारी का अनुभव कर रही थी। मेरी यह बात सुनकर ओशो ने कहा, ‘शीला यह स्वाभाविक है, क्योंकि तुम मेरे प्रेम में हो और मैं तुम्हारे प्रेम में हूं।’
शीला ने अपनी किताब में लिखा है कि ओशो एक अद्भुत बिजनेसमैन थे। उन्हें अपने प्रोडक्ट, उसकी कीमत और मार्केट की अच्छी जानकारी थी। वे आश्रम को इस तरह चलाना चाहते थे, जिससे तमाम खर्च रिकवर हो जाएं। इसी के चलते आश्रम में प्रवेश के लिए फीस भी वसूली जाती थी। उनके थेरेपिस्ट ग्रुप भी आश्रम में थेरेपी के लिए पैसे लिया करता था। आश्रम में आने वाले लोगों को उनका मनपसंद भोजन मुहैया करवाया जाता था और इसके लिए भरपूर पैसा वसूला जाता था। आश्रम में आने वाले लोगों से एंट्री फी, ग्रुप एंट्री फी सहित पैसे कमाने के कई विकल्प मौजूद थे, जिससे कुछ ही समय में पानी की तरह पैसा आने लगा।
उनके आश्रम में थेरेपी का एक प्रमुख भाग सेक्स था। यहां कामुकता किसी भी निर्णय के बगैर स्वीकार्य थी। सेक्स के संबंध में माना जाता था कि इसका नैतिकता से संबंध नहीं। ओशो चाहते थे कि युगल किसी भी चिंता के बगैर संभोग करे। धीरे-धीरे आश्रम में सेक्स चरम पर पहुंच गया। कई बार तो अति उत्साह और बौद्धिकता की सीढ़ी जल्दी चढ़ने के चक्कर में गई ग्रुपों के बीच हिंसा भी हो जाया करती थी।
क्राउन पहनना है तो पहले "संबंध" बनाओ
क्राउन पहनना है तो पहले "संबंध" बनाओ
भोपाल। सेव गर्ल चाइल्ड के नाम पर हो रहे फैशन शो में लड़कियों के ही शारीरिक शोषण का मामला सामने आया है। 10 फरवरी को होटल के परिसर में होने वाली मिस एंड मिसेज सिने इंडिया शो में विनर बनाने के नाम पर महिला प्रतिभागियों सेशारीरिक संबंध बनाने के लिए कहा गया। आयोजकों ने एक प्रतिभागी को तो प्रलोभन दिया कि उनके और स्पांसर के साथ शारीरिक संबंध बनाने पर उसे शो का विजेता घोषित किया जाएगा। इस तरह की पेशकश सामने आने के बाद कुछ प्रतिभागियों ने शो से किनारा कर लिया है।
15 हजार की पेशकश
इवेंट कम्पनी बिजनेस मीडिया के बैनर तले आयोजित शो में शामिल होने के लिए रिहर्सल करने तक की प्रक्रिया पूरी करने वाली कुछ प्रतिभागियों ने पत्रिका को पूरे आयोजन की सच्चाई बताई। कोहेफिजा में रहने वाली रेहाना (परिवर्तित नाम) 21 साल ने बताया कि मुझे शो के ऑडिशन के लिए होटल में बुलाया गया। मैं वहां गई तो वहां एक चाइनीज (विदेशी) व्यक्ति के सामने पेश किया गया, जिसने मुझे 15 हजार रूपए देने की पेशकश की। मैं घबरा कर अपने घर चली गई। मैंने पहले अपने घर वालों को भी यह नहीं बताया।
इस बीच फिर शो के आयोजक महेश देशपांडे ने फोन कर बुलाया मुझे शो की विनर बनाने के लिए फिजिकल रिलेशन बनाने को कहा। उन्होंने शो के स्पांसर से मिलाने का वायदा किया। इसके बाद ही मैंने शो से बाहर होने का फैसला कर लिया। रेहाना ने बताया कि उसके अलावा कुछ अन्य लड़कियों से इस तरीके की बात हुई है। मैंने उनसे कहा कि मैं बहुत छोटी हूं तो वे हंसने लगे। इसके बाद मैंने फैसला किया कि पूरे मामले को सामने लाऊंगी ताकि ऎसे लोगों के चक्कर में कोई दूसरी लड़की न फंसे।
औरों ने भी छोड़ा शो
ऎसी ही स्थिति होशंगाबाद रोड निवासी विद्या (परिवर्तित नाम) के साथ भी बनी। उसने बताया कि शो के आयोजक के व्यवहार और बदतमीजी के चलते छोड़ा है। इस मामले पर कुछ भी अधिक नहीं बता सकती, क्योंकि मेरा भविष्य इससे प्रभावित होगा।
देशपांडे बोले, छाप दो खबर
आपके शो में कास्टिंग काउच का मामला सामने आया है?
तुम्हारे पास खबर है तो दिखा दो, छाप दो, हमारा तो नाम होगा अच्छा करें या बुरा
शो के स्पांसर्स को लड़कियां भेजने की बात समाने आई है ?
आप को जो करना है कर लें, हम हर
लड़की को पैसा दे रहे हैं
-शो के विनर बनाने के नाम पर आपने शारीरिक संबंध बनाने की बात कही है। इसकी वीडियो रिकार्डिग हमारे पास है?
मैं गधे को घोड़ा नहीं बना सकता है और घोड़े को गधा नहीं। जो जैसा है, उसको वैसा काम मिलेगा।
भोपाल। सेव गर्ल चाइल्ड के नाम पर हो रहे फैशन शो में लड़कियों के ही शारीरिक शोषण का मामला सामने आया है। 10 फरवरी को होटल के परिसर में होने वाली मिस एंड मिसेज सिने इंडिया शो में विनर बनाने के नाम पर महिला प्रतिभागियों सेशारीरिक संबंध बनाने के लिए कहा गया। आयोजकों ने एक प्रतिभागी को तो प्रलोभन दिया कि उनके और स्पांसर के साथ शारीरिक संबंध बनाने पर उसे शो का विजेता घोषित किया जाएगा। इस तरह की पेशकश सामने आने के बाद कुछ प्रतिभागियों ने शो से किनारा कर लिया है।
15 हजार की पेशकश
इवेंट कम्पनी बिजनेस मीडिया के बैनर तले आयोजित शो में शामिल होने के लिए रिहर्सल करने तक की प्रक्रिया पूरी करने वाली कुछ प्रतिभागियों ने पत्रिका को पूरे आयोजन की सच्चाई बताई। कोहेफिजा में रहने वाली रेहाना (परिवर्तित नाम) 21 साल ने बताया कि मुझे शो के ऑडिशन के लिए होटल में बुलाया गया। मैं वहां गई तो वहां एक चाइनीज (विदेशी) व्यक्ति के सामने पेश किया गया, जिसने मुझे 15 हजार रूपए देने की पेशकश की। मैं घबरा कर अपने घर चली गई। मैंने पहले अपने घर वालों को भी यह नहीं बताया।
इस बीच फिर शो के आयोजक महेश देशपांडे ने फोन कर बुलाया मुझे शो की विनर बनाने के लिए फिजिकल रिलेशन बनाने को कहा। उन्होंने शो के स्पांसर से मिलाने का वायदा किया। इसके बाद ही मैंने शो से बाहर होने का फैसला कर लिया। रेहाना ने बताया कि उसके अलावा कुछ अन्य लड़कियों से इस तरीके की बात हुई है। मैंने उनसे कहा कि मैं बहुत छोटी हूं तो वे हंसने लगे। इसके बाद मैंने फैसला किया कि पूरे मामले को सामने लाऊंगी ताकि ऎसे लोगों के चक्कर में कोई दूसरी लड़की न फंसे।
औरों ने भी छोड़ा शो
ऎसी ही स्थिति होशंगाबाद रोड निवासी विद्या (परिवर्तित नाम) के साथ भी बनी। उसने बताया कि शो के आयोजक के व्यवहार और बदतमीजी के चलते छोड़ा है। इस मामले पर कुछ भी अधिक नहीं बता सकती, क्योंकि मेरा भविष्य इससे प्रभावित होगा।
देशपांडे बोले, छाप दो खबर
आपके शो में कास्टिंग काउच का मामला सामने आया है?
तुम्हारे पास खबर है तो दिखा दो, छाप दो, हमारा तो नाम होगा अच्छा करें या बुरा
शो के स्पांसर्स को लड़कियां भेजने की बात समाने आई है ?
आप को जो करना है कर लें, हम हर
लड़की को पैसा दे रहे हैं
-शो के विनर बनाने के नाम पर आपने शारीरिक संबंध बनाने की बात कही है। इसकी वीडियो रिकार्डिग हमारे पास है?
मैं गधे को घोड़ा नहीं बना सकता है और घोड़े को गधा नहीं। जो जैसा है, उसको वैसा काम मिलेगा।
शीलगांव के विशना को ढूंढ रहे 40 पुलिसकर्मी
शीलगांव के विशना को ढूंढ रहे 40 पुलिसकर्मी
जोधपुर/मथानिया। ढाई वर्षीय बालक के लापता होने पर हाईकोर्ट के कड़े निर्देशों के बाद चेती पुलिस ने शनिवार को पूरी ताकत झोंकते हुए मथानिया व आस-पास के पहाड़ी क्षेत्रों में सघन तलाशी ली। पुलिस के साथ वन विभाग व ग्रामीण भी थे, लेकिन देर शाम तक कोई सफलता नहीं मिल पाई।
नागौर जिले में भावण्डा थानान्तर्गत सील गांव निवासी ढाई वर्षीय बालक विशनाराम नट गत वर्ष पन्द्रह दिसम्बर को मथानिया के बाड़ी गांव स्थित कृषि फार्म से लापता हो गया था। परिजनों ने 18 दिसम्बर को गुमशुदगी दर्ज कराई, लेकिन उसका कोई पता नहीं लग पाया। परिजनों की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पांच दिन में बालक को ढूंढने अथवा 11 फरवरी को पुलिस कमिश्Aर को कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए थे।
हाईकोर्ट की फटकार के बाद एडीसीपी गजानन्द वर्मा के नेतृत्व में चालीस पुलिसकर्मियों का दल शनिवार सुबह बालक की तलाश में लगाया गया। महिला एएसआई विनोद बाला बोहरा के नेतृत्व में पुलिस व लापता की बालक की मौसी ने बाल सुधार गृह, किशोर गृह आदि स्थान खंगाले। उधर, पुलिस का एक दल हरियाणा भी भेजा गया है। पुलिस दल ने बाड़ी गांव के चारों तरफ स्थित पहाड़ी क्षेत्र, गुफाएं, नदी-नाले, सूने व खण्डहर स्थल व आस-पास के गांवों में तलाशी ली।
जोधपुर/मथानिया। ढाई वर्षीय बालक के लापता होने पर हाईकोर्ट के कड़े निर्देशों के बाद चेती पुलिस ने शनिवार को पूरी ताकत झोंकते हुए मथानिया व आस-पास के पहाड़ी क्षेत्रों में सघन तलाशी ली। पुलिस के साथ वन विभाग व ग्रामीण भी थे, लेकिन देर शाम तक कोई सफलता नहीं मिल पाई।
नागौर जिले में भावण्डा थानान्तर्गत सील गांव निवासी ढाई वर्षीय बालक विशनाराम नट गत वर्ष पन्द्रह दिसम्बर को मथानिया के बाड़ी गांव स्थित कृषि फार्म से लापता हो गया था। परिजनों ने 18 दिसम्बर को गुमशुदगी दर्ज कराई, लेकिन उसका कोई पता नहीं लग पाया। परिजनों की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पांच दिन में बालक को ढूंढने अथवा 11 फरवरी को पुलिस कमिश्Aर को कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए थे।
हाईकोर्ट की फटकार के बाद एडीसीपी गजानन्द वर्मा के नेतृत्व में चालीस पुलिसकर्मियों का दल शनिवार सुबह बालक की तलाश में लगाया गया। महिला एएसआई विनोद बाला बोहरा के नेतृत्व में पुलिस व लापता की बालक की मौसी ने बाल सुधार गृह, किशोर गृह आदि स्थान खंगाले। उधर, पुलिस का एक दल हरियाणा भी भेजा गया है। पुलिस दल ने बाड़ी गांव के चारों तरफ स्थित पहाड़ी क्षेत्र, गुफाएं, नदी-नाले, सूने व खण्डहर स्थल व आस-पास के गांवों में तलाशी ली।
सीमा सुरक्षा बल के देशभर के सैकड़ो जवानो की भागीदारी के बीच शनिवार को संपन्न शूटिंग महाकुंभ
दिखा जज्बे व तजुर्बे का जलवा
किशनगढ़ फील्ड फायरिंग रेंज से। सीमा सुरक्षा बल के देशभर के सैकड़ो जवानो की भागीदारी के बीच शनिवार को संपन्न शूटिंग महाकुंभ ने सरहदी जैसलमेर जिले का नाम इतिहास के पन्नो पर दर्ज करवा दिया। भारत-पाक सीमा के नजदीक स्थित किशनगढ़ फील्ड फायरिंग रेंज सीमा सुरक्षा बल की "फायर पावर" की साक्षी बनी। शार्प शूटर्स का जज्बे व तजुर्बे का बेहतर तालमेल प्रतियोगिता के दौरान देखने को मिला।
गौरतलब है कि सीमा सुरक्षा बल ने कुछ समय पूर्व किशनगढ़ फील्ड फायरिंग रेंज का निर्माण किया है। रेंज में सीमा सुरक्षा बल की ओर से पहली बार आयोजित पांच दिवसीय 43वीं अंतरसीमांतीय सपोर्ट वेपन्स प्रतियोगिता में सीमा सुरक्षा बल के सभी सीमांतों के करीब 600 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें अधिकारी तथा जवान दोनों शामिल हुए। प्रतियोगिता में सभी सीमांतों के प्रतिभागियों ने 81 एमएम मोर्टर तथा मिडियम मशीन गन का इस्तेमाल करते हुए अपनी फायर पावर और सटीक निशानेबाजी का बेहतरीन ढंग से प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता में दबदबा बनाए रखने के लिए प्रतिभागियों को अपने प्रतिस्पर्घियो से कड़ा मुकाबला करना पडा।
पांच दिन तक थर्राई रेंज
लगातार पांच दिन तक किशनगढ़ फील्ड फायरिंग रेंज में 81 एमएम मोर्टर के गोलों की गूंज व मिडियम मशीन गन की ताबड़तोड़ फायरिंग की गड़गड़ाहट का दौर बना रहा। शार्प शूटर्स ने मुश्किल टारगेटों को भी अपने अचूक निशानों से ध्वस्त कर अपनी दक्षता का बोध दुनिया को करा दिया। प्रतियोगिता के समापन अवसर पर रात्रि फायर, दूरी पर स्थित अदृश्य टारगेट को डाटा लेकर नेस्तानाबूत करने का प्रदर्शन किया गया।
नॉर्थ बंगाल व गुजरात सीमान्त का दबदबा
81 एमएम मोर्टर की प्रतियोगिता में नॉर्थ बंगाल प्रथम तथा जम्मू सीमांत द्वितीय रहे। एमएमजी की प्रतियोगिता में गुजरात सीमान्त प्रथम तथा राजस्थान सीमान्त द्वितीय रहे। प्रतियोगिता का समापन सीमा सुरक्षा बल के नवनियुक्त महानिदेशक सुभाष जोशी के मुख्य आतिथ्य मे हुआ। उन्होने प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागियों और इस समारोह के आयोजन मे सहयोग देने वाले कार्मिकों तथा अधिकारियों के प्रयासो को सराहनीय व प्रशंसनीय बताया। समारोह में राजस्थान सीमान्त के महानिरीक्षक पीसी मीणा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। समापन समारोह के दौरान अतिरिक्त महानिदेशक (पश्चिम) हिम्मतसिंह, उप महानिरीक्षक डॉ. बीआर मेघवाल, महानिरीक्षक (प्रशिक्षण) जेबी सागवान अदि मौजूद थे।
लहलहाए अनार के बगीचे
लहलहाए अनार के बगीचे
बालोतरा। क्षेत्र के एक सौ से अधिक किसानों ने यहां अनूठी मिसाल कायम की है। क्षेत्र के जागसा व बुड़ीवाड़ा गांवों में अनार के बगीचों में फलों से लदकद पौधों को देख यह कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। किसानों के तीन वर्ष की कड़ी मेहनत के बाद इस वर्ष जिले से एक सौ टन अनार का रिकार्ड उत्पादन होगा।
जिले के किसानों को कृषि विभाग ने वर्ष 2010 में नई राह दिखाते हुए राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत अनार के बगीचे लगाने को प्रेरित किया था। सिवाना, जागसा, बुड़ीवाड़ा, व जूना मीठा खेड़ा के कई किसानों ने योजना के तहत 32 हैक्टयर में अनार के पौधे लगाए। बंूद-बूंद सिंचाई पद्धति पर आधारित इस योजना में विभाग द्वारा प्रथम वर्ष किसानो को अनुदान के आधार पर पौधे उपलब्ध करवाए गए।
किसान स्वयं बने पथ प्रदर्शक
योजना के दूसरे वर्ष किसानों को अनुदान आधार पर अनार के पौधे उपलब्ध नहीं करवाने पर इन्होने स्वयं राज्य महाराष्ट्र के नासिक से पौधे लाकर अपने खेतों में बगीचे लगाए। करीब 100 से अधिक किसानों ने बागवानी खेती में रूचि लेते हुए स्वयं के खर्चे पर 150 हैक्टयर में अनार के पौधे लगाए। बुड़ीवाड़ा व जागसा में सर्वाधिक करीब 120 हैक्टयर भूमि में बगीचे हैं।
यह है स्थिति
योजना के तहत सघन बागवानी में प्रति हैक्टयर में 725 पौधे लगाए जाते हंै। किसानों द्वारा 172 हैक्टयर में लगाए गए बगीचों में 1 लाख 25 हजार अनार के पौधे लगे हुए है।
यह मिलती है पैदावार
प्रथम वर्ष प्रति पौधे से करीब 5 से 8 किलो अनार मिलती है। इसके अगले दो से तीन वर्ष बाद औसत 10 से 12 किलो अनार मिलती है। एक पौधे से 15 वर्ष तक पैदावार मिलती है, इसके बाद पैदावार घटकर कम हो जाती है। थोक भाव में अनार की करीब 40 से 70 रूपए प्रति किलो दर से बिकने से किसानों को आमदनी होती है।
रिकॉर्ड उत्पादन
योजना के प्रथम वर्ष 2010 में जिन किसानों ने 32 हैक्टयर में पौधे लगाए थे। उनकी फसल अब पककर तैयार हो गई है। अब तक करीब दो बगीचों की 20 टन फसल कटकर बाजार में पहुंच चुकी है। 12 बगीचों के पौधों पर फल लगने के साथ पकने शुरू हो गए है। इस वर्ष क्षेत्र के 100 टन रिकॉर्ड अनार उत्पादन होने की संभावना जताई जा रही है।
नई राह दिखाई
विभाग ने नई राह दिखाई थी, इसके बाद किसान स्वयं पथ प्रदर्शक बने। क्षेत्र में 172 हैक्टयर में बगीचे लगे हुए हैं। -कलाराम चौधरी, प्रगतिशील किसान, जागसा
सरकार बने मददगार
बड़ी मेहनत से बगीचे तैयार किए हैं, लेकिन पक्षियों द्वारा फलों को नष्ट करने से नुकसान उठाना पड़ रहा है। बगीचों में पक्षी बचाव जाली लगाने व तारबंदी करने केलिए सरकार अनुदान आधारित योजना शुरू करें।-हनुमानाराम तरक, प्रगतिशील किसान, बुड़ीवाड़ा
समस्याएं भी है
बागवानी का खर्च हर किसी के बूते की बात नहीं है। सरकार समस्याओ का समाधान करें। -हनुमानराम पी.,प्रगतिशील किसान,जागसा
बालोतरा। क्षेत्र के एक सौ से अधिक किसानों ने यहां अनूठी मिसाल कायम की है। क्षेत्र के जागसा व बुड़ीवाड़ा गांवों में अनार के बगीचों में फलों से लदकद पौधों को देख यह कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। किसानों के तीन वर्ष की कड़ी मेहनत के बाद इस वर्ष जिले से एक सौ टन अनार का रिकार्ड उत्पादन होगा।
जिले के किसानों को कृषि विभाग ने वर्ष 2010 में नई राह दिखाते हुए राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत अनार के बगीचे लगाने को प्रेरित किया था। सिवाना, जागसा, बुड़ीवाड़ा, व जूना मीठा खेड़ा के कई किसानों ने योजना के तहत 32 हैक्टयर में अनार के पौधे लगाए। बंूद-बूंद सिंचाई पद्धति पर आधारित इस योजना में विभाग द्वारा प्रथम वर्ष किसानो को अनुदान के आधार पर पौधे उपलब्ध करवाए गए।
किसान स्वयं बने पथ प्रदर्शक
योजना के दूसरे वर्ष किसानों को अनुदान आधार पर अनार के पौधे उपलब्ध नहीं करवाने पर इन्होने स्वयं राज्य महाराष्ट्र के नासिक से पौधे लाकर अपने खेतों में बगीचे लगाए। करीब 100 से अधिक किसानों ने बागवानी खेती में रूचि लेते हुए स्वयं के खर्चे पर 150 हैक्टयर में अनार के पौधे लगाए। बुड़ीवाड़ा व जागसा में सर्वाधिक करीब 120 हैक्टयर भूमि में बगीचे हैं।
यह है स्थिति
योजना के तहत सघन बागवानी में प्रति हैक्टयर में 725 पौधे लगाए जाते हंै। किसानों द्वारा 172 हैक्टयर में लगाए गए बगीचों में 1 लाख 25 हजार अनार के पौधे लगे हुए है।
यह मिलती है पैदावार
प्रथम वर्ष प्रति पौधे से करीब 5 से 8 किलो अनार मिलती है। इसके अगले दो से तीन वर्ष बाद औसत 10 से 12 किलो अनार मिलती है। एक पौधे से 15 वर्ष तक पैदावार मिलती है, इसके बाद पैदावार घटकर कम हो जाती है। थोक भाव में अनार की करीब 40 से 70 रूपए प्रति किलो दर से बिकने से किसानों को आमदनी होती है।
रिकॉर्ड उत्पादन
योजना के प्रथम वर्ष 2010 में जिन किसानों ने 32 हैक्टयर में पौधे लगाए थे। उनकी फसल अब पककर तैयार हो गई है। अब तक करीब दो बगीचों की 20 टन फसल कटकर बाजार में पहुंच चुकी है। 12 बगीचों के पौधों पर फल लगने के साथ पकने शुरू हो गए है। इस वर्ष क्षेत्र के 100 टन रिकॉर्ड अनार उत्पादन होने की संभावना जताई जा रही है।
नई राह दिखाई
विभाग ने नई राह दिखाई थी, इसके बाद किसान स्वयं पथ प्रदर्शक बने। क्षेत्र में 172 हैक्टयर में बगीचे लगे हुए हैं। -कलाराम चौधरी, प्रगतिशील किसान, जागसा
सरकार बने मददगार
बड़ी मेहनत से बगीचे तैयार किए हैं, लेकिन पक्षियों द्वारा फलों को नष्ट करने से नुकसान उठाना पड़ रहा है। बगीचों में पक्षी बचाव जाली लगाने व तारबंदी करने केलिए सरकार अनुदान आधारित योजना शुरू करें।-हनुमानाराम तरक, प्रगतिशील किसान, बुड़ीवाड़ा
समस्याएं भी है
बागवानी का खर्च हर किसी के बूते की बात नहीं है। सरकार समस्याओ का समाधान करें। -हनुमानराम पी.,प्रगतिशील किसान,जागसा
सदस्यता लें
संदेश (Atom)