रविवार, 10 फ़रवरी 2013

लहलहाए अनार के बगीचे

लहलहाए अनार के बगीचे
बालोतरा। क्षेत्र के एक सौ से अधिक किसानों ने यहां अनूठी मिसाल कायम की है। क्षेत्र के जागसा व बुड़ीवाड़ा गांवों में अनार के बगीचों में फलों से लदकद पौधों को देख यह कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। किसानों के तीन वर्ष की कड़ी मेहनत के बाद इस वर्ष जिले से एक सौ टन अनार का रिकार्ड उत्पादन होगा।

जिले के किसानों को कृषि विभाग ने वर्ष 2010 में नई राह दिखाते हुए राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत अनार के बगीचे लगाने को प्रेरित किया था। सिवाना, जागसा, बुड़ीवाड़ा, व जूना मीठा खेड़ा के कई किसानों ने योजना के तहत 32 हैक्टयर में अनार के पौधे लगाए। बंूद-बूंद सिंचाई पद्धति पर आधारित इस योजना में विभाग द्वारा प्रथम वर्ष किसानो को अनुदान के आधार पर पौधे उपलब्ध करवाए गए।

किसान स्वयं बने पथ प्रदर्शक
योजना के दूसरे वर्ष किसानों को अनुदान आधार पर अनार के पौधे उपलब्ध नहीं करवाने पर इन्होने स्वयं राज्य महाराष्ट्र के नासिक से पौधे लाकर अपने खेतों में बगीचे लगाए। करीब 100 से अधिक किसानों ने बागवानी खेती में रूचि लेते हुए स्वयं के खर्चे पर 150 हैक्टयर में अनार के पौधे लगाए। बुड़ीवाड़ा व जागसा में सर्वाधिक करीब 120 हैक्टयर भूमि में बगीचे हैं।

यह है स्थिति
योजना के तहत सघन बागवानी में प्रति हैक्टयर में 725 पौधे लगाए जाते हंै। किसानों द्वारा 172 हैक्टयर में लगाए गए बगीचों में 1 लाख 25 हजार अनार के पौधे लगे हुए है।

यह मिलती है पैदावार
प्रथम वर्ष प्रति पौधे से करीब 5 से 8 किलो अनार मिलती है। इसके अगले दो से तीन वर्ष बाद औसत 10 से 12 किलो अनार मिलती है। एक पौधे से 15 वर्ष तक पैदावार मिलती है, इसके बाद पैदावार घटकर कम हो जाती है। थोक भाव में अनार की करीब 40 से 70 रूपए प्रति किलो दर से बिकने से किसानों को आमदनी होती है।

रिकॉर्ड उत्पादन
योजना के प्रथम वर्ष 2010 में जिन किसानों ने 32 हैक्टयर में पौधे लगाए थे। उनकी फसल अब पककर तैयार हो गई है। अब तक करीब दो बगीचों की 20 टन फसल कटकर बाजार में पहुंच चुकी है। 12 बगीचों के पौधों पर फल लगने के साथ पकने शुरू हो गए है। इस वर्ष क्षेत्र के 100 टन रिकॉर्ड अनार उत्पादन होने की संभावना जताई जा रही है।

नई राह दिखाई
विभाग ने नई राह दिखाई थी, इसके बाद किसान स्वयं पथ प्रदर्शक बने। क्षेत्र में 172 हैक्टयर में बगीचे लगे हुए हैं। -कलाराम चौधरी, प्रगतिशील किसान, जागसा

सरकार बने मददगार
बड़ी मेहनत से बगीचे तैयार किए हैं, लेकिन पक्षियों द्वारा फलों को नष्ट करने से नुकसान उठाना पड़ रहा है। बगीचों में पक्षी बचाव जाली लगाने व तारबंदी करने केलिए सरकार अनुदान आधारित योजना शुरू करें।-हनुमानाराम तरक, प्रगतिशील किसान, बुड़ीवाड़ा

समस्याएं भी है
बागवानी का खर्च हर किसी के बूते की बात नहीं है। सरकार समस्याओ का समाधान करें। -हनुमानराम पी.,प्रगतिशील किसान,जागसा

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