मंगलवार, 25 दिसंबर 2012

श्री हनुमान के एक चमत्कारिक रूप पंचमुखी हनुमान के स्वरुप


श्री हनुमान के एक चमत्कारिक रूप पंचमुखी हनुमान के स्वरुप
श्री हनुमान रूद्र के अवतार माने जाते हैं। आशुतोष यानि भगवान शिव का अवतार होने से उनके समान ही श्री हनुमान थोड़ी ही भक्ति से जल्दी ही हर कलह, दु:ख व पीड़ा को दूर कर मनोवांछित फल देने वाले माने जाते हैं। श्री हनुमान चरित्र गुण, शील, शक्ति, बुद्धि कर्म, समर्पण, भक्ति, निष्ठा, कर्तव्य जैसे आदर्शों से भरा है। इन गुणों के कारण ही भक्तों के ह्रदय में उनके प्रति गहरी धार्मिक आस्था जुड़ी है, जो श्री हनुमान को सबसे अधिक लोकप्रिय देवता बनाती है।
श्री हनुमान के अनेक रूपों में साधना की जाती है। लोक परंपराओं में बाल हनुमान, भक्त हनुमान, वीर हनुमान, दास हनुमान, योगी हनुमान आदि प्रसिद्ध है। किंतु शास्त्रों में श्री हनुमान के एक चमत्कारिक रूप और चरित्र के बारे में लिखा गया है। वह है पंचमुखी हनुमान।
धर्मग्रंथों में अनेक देवी-देवता एक से अधिक मुख वाले बताए गए हैं। किंतु पांच मुख वाले हनुमान की भक्ति न केवल लौकिक मान्यताओं में बल्कि धार्मिक और तंत्र शास्त्रों में भी बहुत ही चमत्कारिक फलदायी मानी गई है। जानते हैं पंचमुखी हनुमान के स्वरुप और उनसे मिलने वाले शुभ फलों को -
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार पांच मुंह वाले दैत्य ने तप कर ब्रह्मदेव से यह वर पा लिया कि उसे अपने जैसे ही रूप वाले से मृत्यु प्राप्त हो। उसने जगत को भयंकर पीड़ा पहुंचाना शुरु किया। तब देवताओं की विनती पर श्री हनुमान से पांच मुखों वाले रूप में अवतार लेकर उस दैत्य का अंत कर दिया।
श्री हनुमान के पांच मुख पांच दिशाओं में हैं। हर रूप एक मुख वाला, त्रिनेत्रधारी यानि तीन आंखों और दो भुजाओं वाला है। यह पांच मुख नरसिंह, गरुड, अश्व, वानर और वराह रूप है।
पंचमुखी हनुमान का पूर्व दिशा में वानर मुख है, जो बहुत तेजस्वी है। जिसकी उपासना से विरोधी या दुश्मनों को हार मिलती है।
पंचमुखी हनुमान का पश्चिमी मुख गरूड का है, जिसके दर्शन और भक्ति संकट और बाधाओं का नाश करती है।
पंचमुखी हनुमान का उत्तर दिशा का मुख वराह रूप होता है, जिसकी सेवा-साधना अपार धन, दौलत, ऐश्वर्य, यश, लंबी आयु, स्वास्थ्य देती है।
पंचमुखी हनुमान का दक्षिण दिशा का मुख भगवान नृसिंह का है। इस रूप की भक्ति से जिंदग़ी से हर चिंता, परेशानी और डर दूर हो जाता है। पंचमुखी हनुमान का पांचवा मुख आकाश की ओर दृष्टि वाला होता है। यह रूप अश्व यानि घोड़े के समान होता है। श्री हनुमान का यह करुणामय रूप होता है, जो हर मुसीबत में रक्षा करने वाला माना जाता है।
पंचमुख हनुमान की साधना से जाने-अनजाने हुए सभी बुरे कर्म और विचारों के दोषों से छुटकारा मिलता है। वही धार्मिक रूप से ब्रह्मा, विष्णु और महेश त्रिदेवों की कृपा भी प्राप्त होती है। इस तरह श्री हनुमान का यह अद्भुत रूप शारीरिक, मानसिक, वैचारिक और आध्यात्मिक आनंद और सुख देने वाला माना गया है।

श्री हनुमान बल, बुद्धि और ज्ञान देने वाले देवता माने जाते हैं। श्री हनुमान की भक्ति और दर्शन कर्तव्य, समर्पण, ईश्वरीय प्रेम, स्नेह, परोपकार, वफादारी और पुरुषार्थ के लिए प्रेरित करते हैं। उनके विराट और पावन चरित्र के कारण ही उन्हें शास्त्रों में सकलगुणनिधान शब्द से पुकारा गया है।गोस्वामी तुलसीदास ने अपनी रचना हनुमान चालीसा में श्री हनुमान को माता सीता की कृपा से आठ सिद्धियों और नवनिधि प्राप्त करने और उसको भक्तों को देने का बल प्राप्त होने के बारे में लिखा है। यही कारण है कि हनुमान की भक्ति भक्त की सभी बुराईयों और दोषों को दूर कर गुण और बल देने वाली मानी गई है।
जहां गुण और गुणी व्यक्ति होते हैं, वहां संकट भी दूर रहते हैं। ऐसा व्यक्ति व्यावहारिक रूप से हनुमान की तरह ही संकटमोचक माना जाता है। इसलिए जानते हैं कि आखिर माता सीता की कृपा से श्री हनुमान ने किन नौ निधि को पाया, जो हनुमान उपासना से भक्तों को भी मिलती है। यह निधियाँ वास्तव में शक्तियों का ही रूप है।
पद्म निधि- इससे परिवार में सुख-समृद्धि एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को प्राप्त होती रहती है।
महापद्म निधि - इसके असर से खुशहाली सात पीढियो तक बनी रहती है।
नील निधि - यह सफल कारोबार बनाती है।
मुकुंद निधि - यह भौतिक सुखों को देती है।
नन्द निधि- इसके प्रभाव से लम्बी उम्र और कामयाबी मिलती है।
मकर निधि -यह निधि शस्त्र और युद्धकला में दक्ष बनाती है।
कच्छप निधि-इस निधि के प्रभाव से दौलत और संपत्ति बनी रहती है।
शंख निधि - इससे व्यक्ति अपार धनलाभ पाता है।
खर्व निधि -इससे व्यक्ति को विरोधियों और कठिन समय पर विजय पाने की ताकत और दक्षता मिलती है।
श्री हनुमान शिव के अवतार माने गए हैं। शास्त्रों के मुताबिक श्री हनुमान सर्वगुण, सिद्धि और बल के अधिपति देवता हैं। यही कारण है कि वह संकटमोचक कहलाते हैं। हर हिन्दू धर्मावलंबी विपत्तियों से रक्षा के लिए श्री हनुमान का स्मरण और उपासना जरूर करता है।
श्री हनुमान की भक्ति और प्रसन्नता के लिए सबसे लोकप्रिय स्तुति गोस्वामी तुलसीदास द्वारा बनाई गई श्री हनुमान चालीसा है। इसी चालीसा में एक चौपाई आती है। जिसमें श्री हनुमान को आठ सिद्धियों को स्वामी बताया गया है।
यह चौपाई है -
अष्टसिद्धि नव निधि के दाता।
अस बर दीन्ह जानकी माता।।
अक्सर हर हनुमान भक्त चालीसा पाठ के समय इस चौपाई का भी आस्था से पाठ करता है। लेकिन इसमें बताई गई अष्टसिद्धियों के बारे में बहुत कम ही श्रद्धालु जानकारी रखते हैं। इस चौपाई के अनुसार यह अष्टसिद्धि माता सीता के आशीर्वाद से श्री हनुमान को प्राप्त हुई और साथ ही उनको इन सिद्धियों को अपने भक्तों को देने का भी बल प्राप्त हुआ। जानते हैं इन आठ सिद्धियों के नाम और सरल अर्थ -
अणिमा - इससे बहुत ही छोटा रूप बनाया जा सकता है।
लघिमा - इस सिद्धि से छोटा और हल्का बना जा सकता है।
महिमा - बड़ा रूप लेकर कठिन और दुष्कर कार्यों को आसानी से पूरा करने की सिद्धि।
गरिमा - शरीर का वजन बढ़ा लेने की सिद्धि। अध्यात्म की भाषा में अहंकारमुक्त होने का बल।
प्राप्ति - इच्छाशक्ति से मनोवांछित फल प्राप्त करने की सिद्धि।
प्राकाम्य - कामनाओं की पूर्ति और लक्ष्य पाने की दक्षता।
वशित्व - वश में करने की सिद्धि।
ईशित्व - ईष्टसिद्धि और ऐश्वर्य सिद्धि।

सोमवार, 24 दिसंबर 2012

बालोतरा में वाहन चोर गिरोह दस्तयाब ...

बालोतरा में वाहन चोर गिरोह दस्तयाब ...

दो बाल अपराधी भी शामिल चोरी की वारदातों में 

बाड़मेर बालोतरा शहर में लम्बे समय से जारी वाहान चोरियो की वारदातों में लिप्त शातिर चोरो की गेंग का पर्दाफाश करते बालोतरा ने चार युवको को हिरासत में लिया !पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट के अनुसार शहर में बढती दुपहिया वाहनों की चोरिओ को लेकर बालोतरा थानाधिकारी के नेतृत्व में टीम ने नजर रखी जिस पर पुलिस ने चार युवको को गिरफ्तार किया जिसमे दो नाबालिग भी शामिल है पुलिस द्वारा पूछ ताछ में इन युवको ने बालोतरा व् सिवाना में दर्जनों वाहनों की चुराना स्वीकार किया पुलिस को से कब्जे से एक मोटर साइकल व् इनके पार्ट्स बरामद मिले है हालाँकि इनका सरगना अनवर खान (अनिया )अभी फरार है और उसकी तलाश जरी है बालोतरा थाने का हिस्ट्री शीटर भी है और इसके खिलाफ थाने में दर्जनों मामले भी दर्ज है पुलिस थानाधिकारी कैलाश चन्द्र मीणा ने बताया की आरोपिओ को कोर्ट में पेश कर रिमांड माँगा जायेगा जिस पर चोरी हुई अन्य वाहनों का पता चल पायेग प्रारंभिक पूछ ताछ में इन युवको ने बताया की चोरी की हुयी मोटर साइकलो अपने गैराज में लेजा कर इनके पार्ट्स निकाल बेच देते थे

PICS: रेत के झरने है, इन्हें हाथ ना लगाना !

PICS: रेत के झरने है, इन्हें हाथ ना लगाना !


बाड़मेर  आपने पानी के झरने तो बहुत देखे होंगे। लेकिन क्या आपने रेत के झरने देखे हैं। अगर नहीं देखा तो कोई बात नहीं,   रेत के इन झरनों की कुछ खास तस्वीरें..

जैसलमेर के रेगिस्तान में जब तापमान पचास डिग्री के करीब पहुंच जाता हैं। तब इन रेत के झरनों का निर्माण होता हैं।ठीक पानी के झरनों की तरह गिरते हुए..लेकिन गर्मी के दिनों में इन झरनों को हाथ लगाना खतरनाक होता हैं।
PICS: रेत के झरने है, इन्हें हाथ ना लगाना !

साइंस के मुताबिक रेत उष्मा का एक अच्छा चालक हैं। जिसका तापमान मौसम के मुताबिक बदलता रहता हैं। जैसे धूप के समय रेत गर्म होती है और रात के समय ठंडी। इसलिए गर्मी के दिनों में जब तापमान बहुत ज्यादा होता है रेत गर्म हो जाती है।

PICS: रेत के झरने है, इन्हें हाथ ना लगाना !

बाड़मेर  जैसलमेर में रेत के बहुत ऊंचे-ऊंचे टीले आपको मिल जाएंगे। लेकिन गर्मी के दिनों में ये एक जगह टिक नहीं पाते।बहुत ऊंचे धोरों की रेत गर्म होकर नीचे की तरफ गिरने लगती हैं। गिरते समय एक सार दिखती हैं। जो पानी के झरनों की तरह नजर आता हैं।

PICS: रेत के झरने है, इन्हें हाथ ना लगाना !

जैसलमेर और बाड़मेर में गर्मी के दिनों में तेज आंधी के कारण पूरे के पूरे धोरे एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट कर जाते हैं।

PICS: रेत के झरने है, इन्हें हाथ ना लगाना !
हां, एक दिलचस्प वाकया ये भी है। भारत-पाक सीमा के पास जैसलमेर के सागरबल इलाके में पैंतीस किलोमीटर का एक ऐसा क्षेत्र हैं। जहां आज तक तार बंदी सफल नहीं हो पाई हैं। यहां इतनी तेज आंधी चलती है कि तार खंभों सहित हवा में उड़ जाते हैं। ऐसे में सीमा का डिमार्केशन नहीं हो पाता हैं। चाहे दोनों तरफ की सरकारें लाख कोशिश कर लें।

डिप्‍टी सीएम के घर मिला 1.9 किलो सोना, 37 किलो चांदी



बेंगलुरू. बीजेपी शासित कर्नाटक सरकार में डिप्‍टी सीएम के एस ईश्वरप्पा के घर और दफ्तर से 1.9 किलो सोना, 37 किलो चांदी और 10.9 लाख रुपये की नकदी मिली है। पद का दुरूपयोग करके धन जमा करने के संबंध में एक निजी शिकायत के आधार पर लोकायुक्त अदालत के निर्देश पर लोकायुक्त पुलिस ने ईश्वरप्पा के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
डिप्‍टी सीएम के घर मिला 1.9 किलो सोना, 37 किलो चांदी 
लोकायुक्‍त पुलिस ने सबूतों की तलाश में सोमवार को ईश्वरप्पा के बेंगलुरू स्थित और उनके गृह नगर शिमोगा स्थित आवासों पर छापेमारी की। ईश्वरप्पा कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष भी हैं।

एफआईआर दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी के डर से ईश्वरप्पा और उनके पारिवार के लोगों ने शिमोगा की अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की है। इस याचिका पर 27 दिसम्बर को सुनवाई होगी।

जल्द ही हमबिस्तर हो जाते है चैटिंग करने वाले

नई दिल्ली। इंटरनेट पर चैटिंग के बाद एक-दूसरे से मिलने वाले लोग जल्दी ही हम-बिस्तर हो जाते हैं। जबकि रीयल लाइफ में मिलने वाले कपल्स को इस हद तक जाने में सालों लग जाते हैं और फिर यह भी जरूरी नहीं कि उनके बीच सेक्स हो भी जाए। हाल ही में एक फिटनेस मैग्जीन द्वारा कराए गए सर्वे के मुताबिक, सोशल नेटवकिंüग साइट्स के जरिए संपर्क में आने वाली पांच लडकियों में से चार और पांच लडकों में से तीन अपने ऑनलाइन पार्टनर के साथ बहुत कम समय में सेक्स तक पहुंच जाते हैं। जल्द ही हमबिस्तर हो जाते है चैटिंग करने वाले 
रिलेशनशिप काउंसिलर्स इस सर्वे से कतई हैरान नहीं हैं। उनका कहना है कि रीयल लाइफ रिलेशंस की बजाय वर्चुअल रिलेशनशिप में दूरियां तेजी से कम होती हैं। दरअसल, आमने-सामने मिलने पर कपल्स कहीं न कहीं शर्म महसूस करते हैं। उन्हें ओपन होने में वक्तलगता है और आसपास के लोगों की भी झिझक रहती है। जबकि ऑनलाइन मिलने वाले कपल्स के साथ ऎसी कोई परेशानी नहीं है। इसलिए वे सीधे सेक्स की बात तक पहुंच सकते हैं।

जाहिर है आमने-सामने नहीं होने की वजह से उन्हें झिझक भी कम ही होती है। आप एक-दूसरे के चेहरे के भावों को नहीं देख सकते हैं, ऎसे में उनके लिए "आई लव यू" से लेकर बेडरूम सेक्स तक की बातें करना आसान है। सोशल नेटवकिंüग साइट्स के माध्यम से मिलने वाले कपल्स के बीच कम समय में सैक्सुअल संबंध बनना युवा पीढी की तेज भागने वाली सोच का नतीजा है। यह सही है कि सोशल साइट्स पर पार्टनर के बीच सैक्सुअल संबंधों का चलन बढ रहा है, लेकिन इस राह में धोखे भी कम नहीं है। हर इंसान एक जैसा नहीं होता। कुछ लोग सोशल साइट्स पर अपनी गलत जानकारी देकर लडकियों का इस्तेमाल करते हैं। इन्हें फंसाकर वे उनके अश्लील वीडियो बनाते हैं या फिर उनकी फोटो का गलत इस्तेमाल करके उन्हें ब्लैकमेल करते हैं। ऎसे में, सिर्फ सेक्स की चाहत में इस राह पर आगे बढने से पहले सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है।

बैंक के बाहर से 5 लाख की लूट

बैंक के बाहर से 5 लाख की लूट

अजमेर। शहर में सोमवार दोपहर को दो बाइक सवार बदमाश बाप व बेटे से 5 लाख रूपए से भरा बैग छीन भाग गए। कचहरी रोड़ पर दिनदहाड़े लूट की इस घटना के बाद अजमेर पुलिस इलाके की नाकेबंदी करते हुए लूटेरों की तलाश में जुटी हुई है।

जानकारी के अनुसार पीडित मोहनदास व उसका बेटा विनोद कचहरी रोड स्थित आईसीआईसीआई बैंक से 5 लाख रूपए निकाल कर जा रहे थे। इसी दौरान दो बाइक सवार बदमाश आए और विनोद से बैग छीन कर भाग गए। मोहनदास और विनोद उनका पीछा किया लेकिन वह फरार हो गए। पीडित मोहनदास ने पुलिस को बताया कि दोनों बदमाश काली जाकिट पहने थे और उन्होंने हैलमेट लगा रखा था। हड़बड़ाट में बाइक के नम्बर भी नोट नहीं कर सका। इस घटना कि सूचना मिलते ही पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंची और शहर में नाकेबंदी करते हुए लूटेरों की तलाश शुरू कर दी।

सीसीटीवी कैमरे से उम्मीद

पुलिस ने बताया कि यह घटना बैंक के पास ही हुई है। ऎसे में बैंक में लगे सीसीटीवी कैमरे से कुछ सुराग मिल सकते हैं। पुलिस कैमरा फुटेज से लूटेरों की पहचान करने की कोशिश कर रही है। हालांकि अभी तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा है।

जैसलमेर में जगविख्यात मरु महोत्सव 23 से 25 फरवरी तक


जैसलमेर में जगविख्यात मरु महोत्सव 23 से 25 फरवरी तक
पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन ने शुरू की तैयारियां
जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने दिए बेहतर प्रबन्धों के निर्देश
       

जैसलमेर, 24 दिसंबर/देश-दुनिया में मशहूर जैसलमेर का परंपरागत मरु महोत्सव आगामी 23 से 25 फरवरी तक धूमधाम से आयोजित किया जाएगा।
       इसे लेकर पर्यटन विभाग और जैसलमेर जिला प्रशासन की ओर से व्यापक तैयारियाँ आरंभ कर दी गई हैं। इस बार यह महोत्सव नए रंगों और अभिनव आकर्षक कार्यक्रमों के साथ नयापन लिए हुए होगा और देशी-विदेशी हजारों सैलानियों को भरपूर मनोरंजन का सुकून देगा।
       मरु महोत्सव की तैयारियों को लेकर जिला कलक्टर शुचि त्यागी की अध्यक्षता में सोमवार को जैसलमेर जिला कलक्ट्री सभाकक्ष में आयोजित बैठक में इससे संबंधित सभी कार्यक्रमोंतैयारियों आदि पर चर्चा की गई और विभिन्न प्रायोजकोंविभागों तथा पर्यटन विकास के क्षेत्र से जुड़े लोगों को दायित्व सौंपे गए।
       बैठक में जिला पुलिस अधीक्षक ममता राहुलजिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बलदेवसिंह उज्ज्वल सहित विभिन्न प्रतिष्ठानोंहोटल्स के प्रतिनिधियोंवायु सेना,बीएसएफपर्यटन तथा विभिन्न विभागों के अधिकारियोंपुलिस अधिकारियों आदि ने हिस्सा लिया।
      नए कार्यक्रमों के साथ मनाएं महोत्सव
       जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने मरु महोत्सव को नवीन आकर्षणों के साथ भव्य एवं व्यापक ढंग से आयोजित करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस बात का हरसंभव प्रयास किया जाए कि जो भी महोत्सव में आएउसे भरपूर आनंद और आत्मतोष मिले तथा मीठी और अविस्मरणीय यादों के साथ लौटे। इसके लिए मरु संस्कृति से परिपूर्ण आंचलिक रंगों का भी बेहतर समावेश हो तथा स्थानीय लोगों एवं आने वाले सैलानियों सभी की अधिक से अधिक भागीदारी हो।
      बहुआयामी आकर्षण जगाएं
       जिला कलक्टर ने सभी अधिकारियोें एवं महोत्सव आयोजन से संबद्धजनों से कहा कि वे मरु महोत्सव की गरिमा और गौरव के अनुरूप इस आयोजन को ऎसा बहुआयामी आकर्षण प्रदान करें कि सभी को यह महसूस हो कि यह उनका अपना आयोजन है। इस भावना को साकार करने के लिए पूर्ण समन्वय एवं सहयोग के साथ हरसंभव प्रयासों में जुटना होगा।
      इस बार मरु महोत्सव का आगाज सोनार किले से
       बैठक में तय किया गया कि इस बार मरु महोत्सव का शुभारंभ सोनार किले में शोभायात्रा से होगा तथा 23 एवं 24 फरवरी के सभी प्रकार के कार्यक्रम शहीद पूनमसिंह स्टेडियम में होंगे।
       बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार इस बार साफा बांधमूमल महिन्द्रामूंछमिस मूमलमरुश्रीऊँट श्रृंगारशान ए मरुधरारस्साकशीपणिहारी मटका आदि प्रतिस्पर्धाएं होंगी। इन सभी प्रतिस्पर्धाओं के बीच-बीच में आकर्षक लोक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का समावेश भी होगा।
       इसी प्रकार मरु महोत्सव के अंतिम दिन कुलधरा एवं खाभा में भ्रमण के साथ ही सम में रेतीले धोरों पर धोरा दौड़ व ऊँट दौड़ प्रतियोगिताएं होंगी। इनके बाद सम के धोरों पर ही सायंकालीन लोक सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं आतिशबाजी होगी।
      क्राफ्ट मेला भी लगेगा
       बैठक में जानकारी दी गई कि पूनमसिंह स्टेडियम में जिला उद्योग केन्द्र की ओर से क्राफ्ट मेले का आयोजन होगा। इसी प्रकार इस अवधि में जैसलमेर शहर के विभिन्न पर्यटन स्थलों तथा कुलधरा में लोक कलाकारों का प्रदर्शन भी होगा।  विभिन्न स्पर्धाओं के लिए प्रायोजक तय करने की प्रक्रिया भी आरंभ कर दी गई है।
       पर्यटन विभाग के उप निदेशक हनुमानमल आर्य ने मरु महोत्सव के लिए पर्यटन विभाग द्वारा की जा रही तैयारियों की जानकारी दी और बताया कि इसके लिए सरकार की ओर से सत्रह लाख का बजट स्वीकृत है।
       जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने मरु महोत्सव में पश्चिमी राजस्थान की लोक संस्कृति तथा आंचलिकता का पर्याप्त समावेश किए जाने और सभी प्रतियोगिताओं के लिए विभिन्न विधाओं में दक्ष विशेषज्ञों का पैनल बनाने के निर्देश दिए और कहा कि सारी प्रक्रियाएं पूरी तरह स्पष्ट  और पारदर्शी होनी चाहिएं।
      सभी विभाग जुट जाएं तैयारियों में
       इसके साथ ही उन्होने सभी विभागों के अधिकारियों से कहा कि वे अपने जिम्मे के सभी दायित्वों को बेहतर ढंग से पूर्ण करने के लिए अभी से तैयारियां आरंभ कर दें।
       जिला पुलिस अधीक्षक ममता राहुल ने मरु महोत्सव आयोजन को पिछले वर्षाें के मुकाबले इस बार और अधिक आकर्षक बनाने के लिए सुझाव दिए और कहा कि पुलिस विभाग इस बार बेहतर व्यवस्थाओं को अंजाम देगा। विभिन्न संभागियों एवं प्रायोजकों ने भी महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

मां-बेटी ने शेयर कारोबारी के किए 17 टुकड़े

मां-बेटी ने शेयर कारोबारी के किए 17 टुकड़े

अहमदाबाद। एक महिला और उसकी बेटी ने अहमदाबाद के मणिनगर इलाके में मुंबई के एक शेयर कारोबारी की नृशंस हत्या कर दी। बताया जाता है कि मां और बेटी दोनों के साथ कारोबारी का अफेयर था और उसकी 17 करोड़ रूपए की सम्पत्ति के लिए मां-बेटी ने उसके 17 टुकड़े कर मौत के घाट उतार दिया।


उल्लेखनीय है कि मुंबई के उपमहानगरीय इलाके कांदिवली के कारोबारी मुक्ति शाह का शव गुजरात के आणंद जिले में 12 दिसम्बर को मिला था। इस मामले में अमिता भट्ट (52) और ध्वनि (30) को आणंद पुलिस ने गिरफ्तार किया,जिन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया।


शाह की हत्या अहमदाबाद से मुंबई जाते समय वसाड़ गांव के नजदीक की गई। रविवार को स्थानीय पुलिस ने शाह की मुंबई स्थित 17 करोड़ रूपए की सम्पत्ति की पावर ऑफ अटॉर्नी बरामद कर ली। स्थानीय क्राइम ब्रांच इस्पेक्टर आर.डी. डाभी ने बताया कि अभियुक्त संभ्रात परिवार के हैं। पेशे से फैशन डिजाइनर ध्वनि ने छह महीने पहले इस सम्पत्ति की अपने नाम पावर ऑफ अटॉर्नी करवाने की योजना बनाई थी। अधिकारियों के अनुसार मां और बेटी द्वारा इस तरह की जघन्य हत्या को अंजाम देने का यह अपनी तरह का पहला मामला है।


दुपट्टे से मिला सुराग

पुलिस के अनुसार शाह की कार में सब्जी की थैली और दुपट्टा मिला था। इसके बाद अहमदाबाद पुलिस की मदद से जब शाह की कॉल डिटेल्स चेक की गई, तो पता चला कि उनकी अमिता और ध्वनि से कई बार बात हुई है। इसके बाद पुलिस ने दोनों के साथ पूछताछ की। पता चला कि शाह की पहले अमिता के साथ मुलाकात हुई थी। अमिता ने अपने पति के रिटायरमेंट के पैसों से शाह की मदद की थी। इसके बाद शाह अक्सर अमिता के पास आते थे। इसके बाद ध्वनि के साथ भी शाह का अफेयर शुरू हो गया और वे अक्सर मां या बेटी के साथ दूसरे शहरों में घूमने जाया करते थे। विश्वास में लेकर ध्वनि ने उनकी सम्पत्ति की पावर ऑफ अटॉर्नी अपने पक्ष में करवा ली और दोनों उसे रास्ते से हटाने का प्लान बनाने लगीं।


यूं दिया वारदात को अंजाम


अमिता और ध्वनि शाह को जहर देकर मारना चाहती थीं। लेकिन वे इसे सिरिंज में नहीं भर सकीं। इसके बाद उन्होंने चाय में जहर मिला दिया। जब शाह पर बेहोशी छाने लगी तो ध्वनि ड्राइवर्स सीट पर आ गई और इसके बाद दोनों ने मिलकर शाह की नसें काट दी। फिर शाह के शव को कार में छोड़कर वे भाग गई। शाह की मौत सुनिश्चित करने के लिए वे एक बार फिर घटनास्थल पर आई और चेक किया कि शाह की सांसे चल रही हैं या नहीं।


दो बार किए थे प्रयास

ध्वनि ने इससे पहले भी दो बार शाह को मारने का प्रयास किया था, लेकिन वह अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सकी। शाह के साथ लोनावाला जाने के दौरान ध्वनि ने उन्हें खाई में धक्का देने का प्रयास किया था, लेकिन कामयाब नहीं हो सकी थीं। इसके बाद एक बार ध्वनि ने शाह के ड्रिंक में जहर मिलाया था, लेकिन शाह ने उसे नहीं छुआ था।

सागर के जिला अस्पताल में गैंगरेप

सागर के जिला अस्पताल में गैंगरेप
सागर। मध्यप्रदेश के सागर जिले में सामूहिक बलात्कार की शर्मसार करने वाली घटना सोमवार को सामने आई है। जिला अस्पताल में अपनी पांच साल की आग से जली बेटी का इलाज कराने आई महिला से शनिवार रात तीन सफाई कर्मचारियों ने बलात्कार किया और धमकाया कि पुलिस में रिपोर्ट नहीं करें। इसके बावजूद पीडित महिला ने सोमवार को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई तो पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

नगर पुलिस अधीक्षक प्रमोद सोनकर ने बताया कि गोपाल गंज थाने में सोमवार को पीडिता ने इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट के अनुसार सागर जिले के बंडा के विनायका थाना क्षेत्र की इस महिला की पांच साल की बेटी आग से जल गई थी जिसे 13 दिसंबर को जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था।

शनिवार की रात बर्न वार्ड में तीन सफाई कर्मचारियों ने उसके साथ बलात्कार किया तथा धमकाया कि पुलिस में रिपोर्ट नहीं कराए। धमकी के बावजूद महिला ने अपने पति से बात करने के बाद गोपालगंज थाना में उसके साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज करा दी। इसके तत्काल बाद पुलिस ने तीनों सफाईकर्मी राहुल वाल्मीकि, शनि वाल्मीकि और सचिन वाल्मीकि को गिरफ्तार कर लिया। तीनों आरोपी सागर शहर के निवासी हैं। पुलिस इस मामले में अस्पताल प्रबंधन से भी पूछताछ कर रही है।

॔पधारो म्हारी लाडो’ जागरूकता अभियान के तहत कार्याला का आयोजन



॔॔बेटियां ही बचाएं बेटियों को’’

॔पधारो म्हारी लाडो’ जागरूकता अभियान के तहत कार्याला का आयोजन

बाडमेर। बेटियां समाज में अहम भूमिका रखती हैं और बेटियों से ही समाज आगे ब़ता है। वर्तमान में बेटियों की स्थिति बेहद दयनीय है और कन्या भू्रण हत्या का ग्राफ ब़ता जा रहा है। इसलिए जरूरी है कि बेटियां आगे आएं और वे बेटियों को बचाने में अपनी भूमिका अदा करें। ये विचार सोमवार को आा सहयोगिनियो को संबोधित करते हुए विभिन्न वक्ताओं ने रखे, जो ॔’पधारो म्हारी लाडो’’ जागरूकता महाअभियान के तहत आयोजित कार्याला के दौरान बोल रहे थे। कार्याला में जिला आयुश अधिकारी डॉ. अनिल झा, जिला आईईसी समन्वयक विनोद बिनोई, आा समन्वयक राको भाटी, हेल्पेज इंडिया के अधिकारी केदार भार्मा, स्माईल फाउंडोन के अधिकारी संजय जोाी सहित सुपरवाईजर जगदीा कुमार आदि मौजूद थे।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जितेंद्रसिंह ने बताया कि आा सहयोगिनियों को इस मौके पर ॔॔पधारो म्हारी लाडो’’ अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्हें बताया गया और प्रेरित किया गया कि वे अपनी आंगनबाड़ी केंद्र पर जाकर बेटियां बचाने का संदो आमजन में दें। बेटियों को जन्मदिन मनाएं और बेटियों के जन्म पर थाली भी बजाएं। उन्हें बताया गया कि वे अपने नजदीकी चिकित्सा संस्थान पर जाकर बेटी के जन्म पर संबंधित परिजनों को थाली बजाने के लिए प्रेरित करें और स्वयं भी थाली बजाकर खुाी व्यक्त करें। इस मौके पर आाओं ने भी अपने क्षेत्र में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करवाने की इच्छा जाहिर की, जिस पर निर्धारित किया गया कि आगामी दिनों में सिणधरी, चौहटन व बायतु ब्लॉक में पधारो म्हारी लाडो अभियान के तहत कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस अवसर पर हेल्पेज इंडिया के अधिकारी केदार भार्मा ने बताया कि विभाग के आईईसी अनुभाग, केयर्न इंडिया, स्माईल फाउंडोन व हेल्पेज की ओर से 17 अक्टूबर 2012 से उक्त कार्यक्रम की भाुरूआत की गई है। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम एक वशर तक नियमित रूप से चलेगा, जिसके तहत नन्हीं बेटियों का जन्मदिन मनाया जा रहा है और उनके जन्म पर थाली भी बजाई जा रही है। इसके लिए विभाग द्वारा भी सभी संबंधित चिकित्सा अधिकारियों को लिखा गया है।




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मिलावट की जांच की जानकारी दी उपभोक्ताओं को

बाडमेर। राश्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर सोमवार को जिला प्रासन की ओर से लगाई गई प्रदार्नी में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर खाद्य वस्तुओं में मिलावट की जांच करने की जानकारी उपभोक्ताओं को दी गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जितेंद्रसिंह के निर्दोन में लगाई गई उपभोक्ता आईईसी प्रदार्नी में घी, दूध, तेल, मसाले, नमक, काली मिर्च आदि में मिलावट के संबंध में जानकारी दी गई। उपभोक्ताओं को बताया गया कि वे किस तरह साधारण वस्तुओं एवं घरेलु उपयोग में आने वाले सामान के जरिए खाद्य वस्तुओं की जांच कर सकते हैं। उपभोक्ताओं को इस दौरान आईईसी सामग्री भी उपलब्ध करवाई गई। इस मौके पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी भूराराम गोदारा, जिला आईईसी समन्वयक विनोद बिनोई, अर्जुनसिंह एवं टेक्नीाियन मोहनलाल मौजूद रहे।

जैसलमेरजिले में पर्यटन सीजन, कि्रसमिस डे एवं नववर्ष पर पुलिस के सुरक्षा इंतजाम


जिले में पर्यटन सीजन, कि्रसमिस डे एवं नववर्ष पर पुलिस के सुरक्षा इंतजाम 

प्रभारी जिला विशेष शाखा के नेतृत्व में होटल की चैंकिग जारी


जैसलमेर जिले में पर्यटक सीजन, कि्रसमिस डे एवं आगामी नववर्ष के उपलक्ष पर सुरक्षा इंतजाम करने हेतु पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर ममता राहुल द्वारा जिले के समस्त वृताधिकारियों एवं थानाधिकारियों को अपनेअपने हल्खा क्षैत्रों में कड़े सुरक्षा इंतजाम करने के निर्देश दिये। पुलिस अधीक्षक ने नव वर्ष पर प्रत्येक थाना क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थानों ंपर जाब्ता लगाने, रात्रि गश्त पर विशेष ध्यान देने के भी निर्देश दिए। पुलिस अधीक्षक ने छोटे होटल्स, रेस्टोरेंट्स, मोटल्स इत्यादि पर शाम के वक्त युवकों द्वारा बदमाशियां करने वालो के विरूद्ध कार्यवाही करने की हिदायते दी। पुलिस अधीक्षक ने नए वर्ष के अंतर्गत होने वाले विभिन्न आयोजनों के बारे में भी पुलिस अधिकारियों को विशोष सतर्कता रखते हुए कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि नव वर्ष पर शहर में आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा पर भी विशोष ध्यान रखा जाए। उन्होंने नव वर्ष के होटलों, क्लबों के आयोजनों को स्वीकृति के बाद ही उन्हें आयोजित करने देने के निर्देश दिए। नव वर्ष के जश्न के दौरान पुलिस की उपस्थिति सभी स्तरों पर सुनिश्चित करने और आयोजनों के दौरान कानून एवं शांति व्यवस्था की पालना के भी उन्होंने निर्देश दिए।

पुलिस अधीक्षक के आदेशानुसार शहर जैसलमेर, सम एवं खुहडी जैसे पर्यटक स्थलो में नव वर्ष के आयोजन स्थलो पर रामसिंह अति0 पुलिस अधीक्षक जैसलमेर एवं शायरसिंह वृताधिकारी वृत जैसलमेर के निर्देशन में शहर जैसलमेर में विरेन्द्रसिंह निपु थानाधिकारी पुलिस थाना जैसलमेर के नेतृत्व में शहर की होटलो में आयोजन स्थलो पर वर्दीधारी जाब्ता एवं सादावस्त धारी तैनात किये जावेगे। खुहडी गॉव में किशोरिंसह थानाधिकारी पुलिस थाना खुहडी के नेतृत्व में सघनतापूर्वक गश्त की जावेगी तथा गॉव के समस्त रिसोर्ट पर सुरक्षा के इंतजाम किये जावेगे तथा गॉव सम में फाउलाल निपु थानाधिकारी पुलिस थाना सम के नेतृत्व में पुलिस थाना सम के हल्खा में आने वाले समस्त रिसोटो पर आवश्यकतानुसार जाब्ता लगाया जाकर सुरक्षा इंतजाम किये जावेगे।

पुलिस अधीक्षक द्वारा जिले के समस्त वृताधिकारी एवं थानाधिकारी को लपको के विरूद्ध पर्यटन अधिनियम के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिये।




जिला विशेष शाखा द्वारा होटल चैंकिग अभियान जारी




इसके अलावा पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार कैलाश मेघवाल प्रभारी जिला विशेष शाखा के नेतृत्व में रामराजसिंह सउनि, हैड कानि0 रणवीरसिंह, कानि0 विजयसिंह, दईदानसिंह राजपुरोहित, पूरदान, शेरसिंह एवं दिपक कुमार द्वारा टीमो का गठन का शहर जैसलमेर में होटलो की चैकिंग जारी है। जिसके तहत आज मदरसा रोड, ब्बि पाडा एवं बाजार में स्थित होटलो की चैकिंग की गई तथा होटल संचालको को पर्यटको की सुरक्षा हेतु विशेष निर्देश दिये गये।

गैंग रेप की घटना से बाड़मेर में भी उबाल







गैंग रेप की घटना से बाड़मेर में भी उबाल 


युवा उतारे सड़को पर काली पट्टी बाँध किया विरोध प्रदर्शन 


बाड़मेर देश की राजधानी दिल्ली में चलती बस में मेडिकल छात्रा से गैंग रेप की घटना से बाड़मेर में भी उबाल आ गया है। इसकी चारों तरफ निंदा हो रही है।सोमवार दोपहर दो बजे ग्रुप फॉर पीपुल्स के आह्वान पर युवा घरों से निकलकर सड़कों पर पहुंच गए। गैंग रेप के खिलाफ रोष प्रदर्शन करते हुए आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने के लिए आवाज बुलंद की। साथ ही केंद्र सरकार से कानून में संशोधन करके ऐसा जघन्य और घिनौना अपराध करने वालों को फांसी देने की वकालत की। शहर के निवासियों ने सड़कों पर निकलकर प्रदर्शन किया। ग्रुप फॉर पीपुल्स के युवाओं ने इकट्ठे होकर हक की लड़ाई लड़ रहे दिल्ली के युवाओं पर पुलिस द्वारा किए गए बल प्रयोग की निंदा की। नारेबाजी करते हुए युवाओं ने लड़कियों की सुरक्षा को यकीनी बनाने की बात कही।युवाओं ने कहा कि युवाओं की आवाज दबाना लोकतंत्र का गला घोंटने के समान है।इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए कठोर कानून बनाने चाहिए।

इस मौके पर इंद्र प्रकाश पुरोहित ,रिड़मल सिंह दांता ,नरेश देव सारण ,अमित बोहरा ,दुर्जन सिंह गुडीसर ,दिलावर शैख़ ,किशोर चौधरी ,अब्दुल रहमान जायडू ,अशोक सिंह राजपुरोहित ,रमेश सिंह इन्दा ,नितेश दवे ,अशोक सारला ,भोम सिंह बलाई ,कबूल खान ,अदरीम खान रहूमा ,जीतेन्द्र फुलवारिया ,सवाई चावड़ा ,,भेराराम ,विजय सिंह खारा ,कैलाश जायडू ,भूर चन्द जांगिड ,अशोक गोस्वामी ,रामेश्वर सोनी ,देरावर चौधरी ,कन्हयालाल जीनगर दिनेश विश्नोई ,महिपाल वाघेला महावीर सिंह ,दीपक जेलिया ,दिनेश मेघवाल ,रतन तंवर ,सुरेश गेंहू ,सुरेन्द्र चौधरी ,दिनेश सिंह ,मुरीद खान प्रदीप भादू,सहित सेकड़ो युवाओं ने सड़को पर उतर कर बलात्कारियो को फांसी दो ,नया क़ानून बनाओ ,बहन बेटियों को सुरक्षा दो जैसे नारे लगा रहे थे ,दिल्ली की इस घटना से आक्रोशित युवाओं ने केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली में प्रदर्शन कारियों पर लाठी चार्ज करने की निंदा की ,युवाओं का मत था की इन्साफ मांग रही जनता पर सरकार अत्याचार कर रही हें,

सोमवार दोपहर दो बजे ग्रुप फॉर पीपुल्स के संयोजंक चन्दन सिंह भाटी के नेतृत्व में अहिंसा चौराहा में लोग इकट्ठे होने शुरू हो गए। सड़क पर युवाओं ने केंद्र सरकार को खूब लताड़ा। युवाओं ने कहा कि बड़े शर्म की बात है कि चलती बस में गैंग रेप हो रहा है और केंद्र सरकार डर के मारे वहां पर संघर्ष कर रहे युवाओं की जुबान बंद करने में लगी है। उन्होंने कहा कि बलात्कार की घटनाओं को रोकने के लिए कानून में संशोधन करके फांसी की सजा देने का प्रावधान बनाना समय की मांग है।दिल्ली पुलिस की कार्यप्रणाली को लताड़ते हुए युवाओं ने कहा कि खुद पुलिस लड़कियों की रक्षा में करने में असफल है और जब युवा वर्ग संघर्ष करके सरकार की आंख खोलना चाहती है तो उनकी भी आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है।

बाड़मेर के युवा इस घटना के विरोधस्वरूप काली पट्टी बाँध शांति मार्च में चल रहे थे ,शांति मार्च अहिंसा चौराहे से जिला कलेक्टर कार्यालय परिसर तक आकर राष्ट्रपति के नाम उप खंड अधिकारी विनीता सिंह तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरेन्द्र सिंह को ज्ञापन सुपुर्द किया .

लोकनायक का आदर्श स्वरूप दर्शाया, राष्ट्र को दी नई दिशा युगपुरुष पं. मदनमोहन मालवीय




विशेष लेख (संदर्भजयंती 25 दिसम्बर 2012)



लोकनायक का आदर्श स्वरूप दर्शाया, राष्ट्र को दी नई दिशा

युगपुरुष पं. मदनमोहन मालवीय


अनिता महेचा

युगपुरुष पं. मदनमोहन मालवीय राष्ट्र के उन अग्रणी महापुरुषों में से एक थे जिन्होंने देशवासियों का पथ प्रदर्शन किया। उनके विलक्षण और विराट व्यक्तित्व तथा आदर्श कर्मयोग को देश सदा स्मरण करता रहेगा। भारत की तत्कालीन राजनीति को खास दिशा में ालने में मालवीय जी का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। अपनी प्राचीन संस्कृति के प्रति उन्हें विशेष लगाव व आर्कषण था। उसकी अभिवृद्धि के प्रति वे सदैव प्रयत्नशील रहे। वे न किसी भाषा के खिलाफ थे और न किसी मत या सम्प्रदाय के।

सुसंस्कारित किया परिवेश

मालवीयजी के समय मे देश में जो राजनैतिक नेता थे, वे विभिन्न प्रकार के विचारों के वाहक थे। उस काल में भारत वर्ष में अनेक महापुरुष हुए। उनमें से अधिकांश उस समय की एक मात्रा संस्था कांग्रेस की और आकर्षित हुए और उसकी सदस्यता ग्रहण की। यद्यपि कांग्रेस की स्थापना एक सेवानिवृत्त अंग्रेज अधिकारी ए. ओ. ह्युम ने की थी। मालवीय जी जैसे प्रखर विद्वान द्वारा कांग्रेस ग्रहण करने से संस्थान में व्याप्त अंग्रेजीयत धीरेधीरे कम होती चली गई और भारतीयता में ईजाफा होता गया। कांग्रेस के अधिवेशनों में जहां मंगलाचरण के रूप में इंगलैण्ड के सम्राट की सुखसमृद्धि का प्रशस्ति गान होता था, वहीं अब मालवीय जी की वजह से वन्दे मातरम का गान होने लगा था।

क्रिसमसडे को हुआ जन्म

पं. मदनमोहन मालवीय जी का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में 25 दिसम्बर 1861 को हुआ। यह वही महान तिथि है जिसे सारे संसार के इसाई लोग अपने प्रभु ईसा का जन्म दिन मनाते हैं। मालवीय जी के पिता का नाम ब्रजनाथ और माता का नाम मुन्नादेवी था।

मालवीय जी को स्कूल में प्रविष्ट कराने से पूर्व पिता ने उन्हें श्लोक, स्तोत्रा तथा भजन कंठस्थ करा दिये थे। इनकी प्राथमिक शिक्षा पाँच वर्ष की उम्र में आचार्य हरिदेव की धर्म ज्ञानोपदेश पाठशाला में संस्कृत में शुरू हुई। यहां से शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्हे ’’ विद्या धर्म प्रवर्द्धिनी ’’ पाठशाला में भर्ती किया गया। विद्यालय के आचार्य पं. देवकीनंदन को उनकी वाणी बडी सुमधुर लगी तो उन्हें अपनी इच्छानुसार प्रशिक्षित करना प्रारम्भ कर दिया। उन्होंने विद्यालयी शिक्षा के दौरान ही ’मकरंद’ उपनाम से कविताएं लिखनी प्रारंभ की जो कई पत्रापत्रिकाओ में प्रकाशित हुई। हाई स्कूल परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने म्योर सैन्ट्रल कॉलेज में प्रवेश लिया।

सांस्कृतिक अभिरुचि ने निखारा व्यक्तित्व

कॉलेज मे प्रविष्ट होने के बाद वे वादविवाद, कविता पाठ, संगीत व नाट्यकला में भी रुचि लेने लगे। उन्होने ’मर्चेन्ट ऑफ वेनिस॔ में स्त्राी पात्रा ’’पोर्शिया ’’ की भूमिका को जीवन्त कर दिया था। इसी प्रकार कालिदास के प्रसिद्ध नाटक ॔अभिज्ञान शाकुन्तलम्’ में शकुन्तला की भूमिका में खूब प्रशंसा प्राप्त की। इस प्रकार नाटक के क्षेत्रा में भी उन्होंने खूब प्रसिद्धि प्राप्त की।

ओजस्वी वाणी ने हमेशा किया मंत्रामुग्ध

एक बार वे अपने चाचा पं. गदाधर प्रसाद के पास मिर्जापुर गये हुए थे। वहां किसी धार्मिक व्यवस्था के सम्बन्ध में विद्वानों की एक सभा का आयोजन भी हो रहा था। पन्द्रह वर्षीय मदनमोहन बड़े ध्यान से उन वक्ताओं को सुन रहे थे किन्तु उनको कहीं कुछ अखर रहा था। उन्होंने चाचा से अपने विचार प्रकट कराने की इच्छा जाहिर की। आज्ञा प्राप्त होने पर वे बोलने लगे। अपने भाषण में उन्होंने ऐसेऐसे तर्क प्रस्तुत किये कि वहां उपस्थित विद्वान दाँतों तले अंगुली दबाने लगे।

बीस वर्ष की आयु में इनका विवाह मिर्जापुर के पं. नंदराम जी की सुकन्या कुन्दनदेवी के साथ हुआ। मालवीय जी स्नातकोत्तर संस्कृत में करना चाहते थे। उनके पिता चाहते थे कि वे भागवत का अध्यापन करं, परन्तु पारिवारिक परिस्थितियों के कारण जुलाई 1884 में इलाहाबाद जिला विद्यालय में अध्यापक की नौकरी करनी पड़ी।

बह ुभाषी और बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न

मालवीय जी एक सफल शिक्षक भी थे। अध्यापक के पद पर कार्य करते समय वे घर पर अपना विषय पूर्ण रूप से तैयार करने के बाद पॄाया करते थे। उनका न केवल हिन्दी, संस्कृत और अंगे्रजी, बल्कि उर्दू व फारसी का उच्चारण भी बहुत ही शुद्ध और स्पष्ट होता था।

मालवीय जी विद्यालय में अध्यापन तो कराते ही थे, खाली समय में गलीमोहल्ले के निर्धन असहाय छात्राों को भी पॄ़ाते थे। इसके बाद भी वे सामाजिक तथा राजनैतिक कार्यों में ब़चढ़ कर हिस्सा लेते थे। इलाहाबाद की कोई भी सामाजिक व राजनैतिक गतिविधि उनकी उपस्थिति के बिना पूर्ण होने की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। धीरधीरे उनकी सामाजिक, राजनैतिक जागरूकता इलाहाबाद की सीमा लांघ कर देश व्यापी स्वरूप प्राप्त करती चली गई।

वैचारिक क्रांति के महानायक के रूप में हुए प्रसिद्ध

सन 1886 में कांग्रेस का द्वितीय अधिवेशन मालवीय जी के जीवन की दिशा बदलने में करगर सिद्ध हुआ। उस अधिवेशन ने मालवीय जी को भारत भर में प्रसिद्धि प्रदान की। इसका कारण था अधिवेशन में दिया गया मालवीय जी का ओजस्वी और विचारोत्तेजक भाषण। उन्होंने जोरदार भाषण दिया। चारों ओर से तालियों और वाहवाह की आवाजें गूंजती रहीं। उनके एक ही भाषण ने उन्हें सहसा राष्ट्रीय नेता की पंक्ति में खड़ा कर दिया।

निर्भीक संपादन की धाक जमायी

अपने भाषण से उन्होंने दादाभाई नौरोजी को प्रभावित किया। कालाकांकर के राजा रामपालसिंह मालवीय जी के विद्वतापूर्ण भाषण को सुनकर मंत्रामुग्ध हो गये और उन्होंने हिन्दुस्तान दैनिक के सम्पादक का दायित्व मालवीय जी को सौंप दिया। कालाकांकर से निकलने वाला हिन्दुस्तान दैनिक पंडित मदनमोहन मालवीय के सम्पादकत्व में देश की सेवा करता रहा। इससे न केवल मालवीय जी को लोकप्रियता हासिल हुई, बल्कि हिन्दुस्तान दैनिक देश भर मे लोकप्रिय पत्रा माने जाने लगा। ाई साल बाद मालवीय जी ने पं. अयोध्यानाथ के अंग्रेजी अखबार इंडियन ओपिनियन में सह सम्पादक के पद पर भी कार्य किया। उसके बाद इलाहाबाद से वकालात की डिग्री पूरी की।

वकालात में पायी शोहरत

सन 1891 में उन्होंने वकालात आरम्भ कर दी। पहले तो उन्होंने जिला कोर्ट में ही वकालत करते रहे, वहाँ जब सफलता के शीर्ष पर पहुंचे तो फिर उच्च न्यायालय में वकालत प्रारभ कर दी। वहां भी उसी प्रकार सफल होते गये जिस प्रकार की जिला कोर्ट में हुए। मालवीय जी कोई झूठा मुकदमा नहीं लेते थे। वकालत से खूब पैसा मिल रहा था। वे गरीबों तथा व परिचितों के मामले बिना फीस लिये लड़ते थे। दीवानी मामलों में उनकी वकालत खूब चमक उठी। तब वे इलाहाबाद के चार प्रमुख वकीलों में गिनेलाने लगे। वकालत करना मालवीय जी का उद्देश्य नहीं था। उन्होंने वकालत इसलिए शुरू की कि किसी प्रकार आजीविका अबाध रूप से चलती रहे।

ज्ञान के महासागर का स्वप्न साकार किया

मालवीय जी महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति थे लेकिन खुदगर्ज नहीं। उनकी आकांक्षाएं देश और समाज के कल्याण की थीं। उनकी एक बहुत बड़ी आकांक्षा थी एक यथार्थ भारतीय विश्व विद्यालय की स्थापना करना। उन्होंने इसकी स्थापना का संकल्प लिया और वकालात को तिलांजलि दे दी। जिसने भी यह सुना स्तब्ध रह गया। सन 1911 में उनकी मुलाकात एनी बिसेन्ट से हुई और दोनों ने मिलकर वाराणसी में हिन्दू विश्वविद्यालय को स्थापित करने की अवधारणा पर कार्य किया। इस कार्य को मूर्त रूप 1961 में मिला, जब इनके प्रयासों से हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना हुई। इसे स्थापित करने का उनका मूल उद्देश्य यह था कि भारत में आधुनिक वैज्ञानिक, तकनीकी शिक्षा का प्रारम्भ हो। इससे देश की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति में सहायता मिलेगी।

जब निर्णय बदल कर फिर वकालात का चमत्कार दिखाया

पांच फरवरी 1922 को देश में एक महान घटना घटित हुई। कुछ देशभक्तों ने सरकार के कारनामों से उत्तेजित होकर गोरखपुर जिले के चौराचारा पुलिस थाने को आग लगा दी। इस घटना में 21 पुलिस सिपाही आग में जलकर भस्म हो गये। परिणामस्वरूप उस काण्ड में उस इलाके के 225 लोगों को बन्दी बनाकर उन पर अभियोग चलाया गया। इनमें 170 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई। सत्रा न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील की गई। कांग्रेस की तरफ से पं. मोतीलाल नेहरू को अभियोग में दंडितों की पैरवी करने को कहा गया। मोतीलाल नेहरू ने कागजात देखे और कहा कि इस अपील में उच्च न्यायालय में यदि कोई भी लाभ इन दण्डितों को दिला सकता है। तो वह एक मात्रा पं. मदन मोहन मालवीय ही हो सकते हैं। मालवीय जी ने न्याय दिलाने की खातिर अभियुक्तों की ओर से पैरवी करतें हुए 150 लोगों को फांसी का दंड रद्द करवा दिया। मानवता के नाते देश हित में बिना पारिश्रमिक लिए ही उन्होंने यह मुकदमा लड़ा।

अस्पृश्यता निवारण को बनाया जनान्दोलन

मालवीय जी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1909, 1918,1930 व 1932 में अध्यक्ष रहे। मालवीय जी बड़े ही हरिजन पे्रमी थे। उन्होंने जाति प्रथा व छूआछूत का जमकर विरोध किया तथा दलितों के उत्थान के लिए भी कार्य किया। इसके लिए उन्हें अपने समाज के लोगों प्रतिरोध सहना पड़ा लेकिन जल्दी ही लोगों ने उनके कार्य के महत्त्व को समझ लिया। उन्होंने कई दिनों तक सुबह से शाम तक हरिजनों को केवल ॔ओम नमो नारायण’ का मन्त्रा देकर शुद्ध किया और मन्दिर में प्रवेश भी दिलवाया। इतने उदार हृदय थे मालवीय जी।

आहत का कराया राहत का अहसास

मालवीय जी का स्वास्थ निरन्तर गिरता जा रहा था। तभी 15 जनवरी 1934 को आए भयंकर भूकंप ने सारे बिहार को तहसनहस कर दिया। इससे हजारों व्यक्ति मारे गये, हजारों घर नष्ट हो गए, लाखों बेघर, बेरोजगार हो गये। इस विनाश लीला से बिहार का एक भूभाग ही नष्ट हो गया। मालवीय जी अपने स्वास्थ्य की चिन्ता किये बिना बिहार चले गये। और जितना उनसे हो सकता था उतना उन्होने वहाँ के पीड़ितों को सहायता देने का सत्कार्य किया।

मानवता की पाठशाला ही था उनका व्यक्तित्व

मालवीय जी एक उच्च कोटि के विद्वान महान शिक्षाविद्, निर्भीक पत्राकार, समाजसेवक, न्यायप्रिय वकील, क्रियाशील राजनीतिज्ञ और हिन्दूमुस्लिम एकता के पक्षधर ही नहीं बल्कि शुचिता, पवित्राता, देशभक्ति, धर्मनिष्ठ, आत्मत्याग आदि के पुण्यों के फलस्वरूप ही किसी राष्ट्र को प्राप्त होते हैं।

मालवीय जी चौरासी वर्ष दस माह और सत्राह दिन की आयु में 12 नवम्बर 1946 को देवलोकगमन कर गये। मालवीय जी महामानव थे। वे अजात शत्राु थे। वे उन लोगों में थे, जिन्होंने आधुनिक भारतीय राष्ट्रीयता की नीेंव रखी।

निस्पृह देशभक्त को पीयिं भुला न पाएंगी

आइये हम ऐसे महापुरुष के प्रति श्रद्घांजलि अर्पित करें जिन्होंने वर्तमान भारत की नींव स्थापित करने में इतना महान कार्य किया। भारत के लोकनायकों में पंडित मदनमोहन मालवीय का स्थान सर्वोपरि रहेगा।

मालवीय जी न केवल सम्मान के साथ जिये बल्कि उन्होंने अपने देशवासियों को सम्मान भरा जीवन जीने की कला सिखाई। पत्राकार के रूप में जो गरिमा अर्जित की, वकील के रूप में भी उसी गरिमा को स्थायी रखा और राजनीति में भी जल कमलवत ही रहे। उनका समग्र जीवन निस्पृह कर्मयोग का सागर था। युगों तक महामानव मालवीयजी देशवासियों के लिए प्रेरणा के स्रोत बने रहेंगे।

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( अनिता महेचा )

कलाकार कॉलोनी जैसलमेर345001

मो.9414391179

हिन्दी-राजस्थानी के रचनाकार कन्हैया सेवक मधुर कण्ठ से झरते हैं गीत-भजन और काव्य रस


विशेष लेख(  संदर्भ - जन्म दिन 25 दिसंबर)                                    
हिन्दी-राजस्थानी के रचनाकार कन्हैया सेवक
मधुर कण्ठ से झरते हैं गीत-भजन और काव्य रस
डॉ. दीपक आचार्य
9413306077
       कलासंस्कृति और साहित्य की अजस्र धाराएँ बहाने वाली जैसलमेर की धरती ने इन विधाओं को परिपुष्ट करने वाले रचनाकारों को अंकुरितपल्लवित और पुष्पित किया है।
       सदियों से प्रवहमान इन लोक सांस्कृतिक सरणियों के अनवरत प्रवाह के साक्षी व सृष्टा सृजनधर्मियों में नई पीढ़ी के सशक्त हस्ताक्षर के रूप में श्री कन्हैया सेवक का नाम सम्मान से लिया जाता है।
       सन् 1977 में 25 दिसंबर को जन्म लेने वालेपेशे से मूलतः शिक्षक कन्हैया सेवक कवितागीतभजन गायकी व भजन लेख में सिद्धहस्त हैं। जैसलमेर के सोनार दुर्ग में पहली प्रोल के अंदर रहने वाले कन्हैया सेवक हिन्दी व राजस्थानी में विभिन्न विधाओं में सृजन के लिए जाने जाते हैं।
       विभिन्न कार्यक्रमों में माधुर्य बिखेरने वाले उनके भजनों का श्रवण हर किसी को आनंदित करने वाला होता है और यही कारण है कि जब कन्हैया सेवक भजन गायकी में रम जाते हैं तब रसिक सुमधुर भजन गंगा में गोते लगाते हुए अजीब से आनंद से भर उठते हैं।
       भजन गायकी की ही तरह उनका काव्य भी विभिन्न धाराओं का प्रतिनिधित्व करता है। राष्ट्रभक्ति से लेकर सम सामयिक भाव धाराओंश्रृंगार से लेकर जीवन माधुर्य,  आम आदमी की पीड़ाओं और संवेदनाओं पर उनकी रचनाएं हर कहीं सराही जाती रही हैं। उनकी रचनाओं में जिस उदात्त भावना के साथ परिस्थितियोंपरिवेश और संवेदनाओं का चित्रण समाहित है वह उनके काव्य की अन्यतम विशेषता है। उनकेे जन्मदिन पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ....।

पांच रेपिस्ट्स की फांसी की सजा माफ कर चुकी हैं प्रतिभा पाटील

नई दिल्ली।। देश राजधानी में दिल दहला देने वाले गैंगरेप के आरोपियों को फांसी की सजा दिलाने की मांग भले ही कर रहा हो लेकिन पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने अपने कार्यकाल के दौरान 35 लोगों की फांसी की सजा माफ कर दी, उनमें से 5 रेपिस्ट हैं।pratibha patil
याद दिला दें कि पूर्व प्रेजिडेंट ने अपने कार्यकाल के दौरान आखिरी दिनों में 35 लोगों की मौत की सजा माफ कर दिया था। कोर्ट द्वारा सजायाफ्ता अपराधियों ने मर्डर और रेप जैसे दुर्दांत अपराध किए थे। यहां बता दें कि यूपीए सरकार की सलाह पर प्रेजिडेंट ने यह फैसला लिया था।

15 साल की लड़की के साथ रेप कर उसे और उसके परिवार वालों की हत्या कर देने वाले धर्मेंद्र सिंह और नरेंद्र यादव की मौत की सजा को प्रतिभा पाटील ने माफ कर दिया था। प्रेजिडेंट ने यह फैसला तत्कालीन होम मिनिस्टर पी चिदंबरम की सिफारिश पर लिया था।1994 में धर्मेंद्र और नरेंद्र ने अलीगढ़ के कमरा बाग गांव में लड़की से रेप के बाद चाकुओं से गोद कर उसकी हत्या कर दी थी। इसके बाद उसके परिवार के लोगों को भी मौत के घाट उतार दिया था। इस मामले पर चिदंबरम ने प्रेजिडेंट को लिखित तौर पर कहा था- दोनों परिवारों के बीच कटुता का इतिहास रहा है। यह अपराध लालच, कामुकता और पारिवारिक झगड़े के चलते हुआ है जोकि अन-कॉमन है। चिदंबरम ने यह भी कहा कि इस कांड के वक्त धर्मेंद्र 25 साल का था और उसके दो छोटे बच्चे थे। साथ ही मां और दादी भी उस पर डिपेंड थीं।


इसी सूची में एक और रेपिस्ट सतीश था जिसने 6 साल की बच्ची का रेप कर मर्डर किया था। 2001 में यह यूपी में यह वारदात हुई थी। दो और, मोलाई राम और संतोष यादव, ने एक जेलर की 10 साल की बेटी का रेप और मर्डर किया था।