मंगलवार, 11 दिसंबर 2012

बीएसएफ की 2 साल में 500 नई चौकियां

बीएसएफ की 2 साल में 500 नई चौकियां
नई दिल्ली। सीमापार से घुसपैठ रोकने और भारत से लगती पाकिस्तान व बांग्लादेश की सीमाओं पर आतंकवादियों की आवाजाही पर लगाम लगाने के लिए अर्धसैनिक सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) 500 नई चौकियां खोलने की तैयारी में है। बीएसएफ के विशेष महानिदेशक अरविंद रंजन ने यह जानकारी सोमवार को दी।

बीएसएफ की स्थापना दिवस परेड के अवसर पर अधिकारियों एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों को सम्बोधित करते हुए रंजन ने कहा कि पंजाब, राजस्थान और असम के अंतर्राष्ट्रीय सीमा वाले इलाकों में हमारी 1,300 चौकियां हैं। घुसपैठ रोकने के लिए दो साल के भीतर कम से कम 509 नई चौकियां खोली जानी हैं।

ज्ञात हो कि बीएसएफ का स्थापना दिवस समारोह एक दिसम्बर को था, जो 30 नवम्बर को पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल के निधन के कारण स्थगित कर दिया गया था। रंजन ने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश की 6300 किलोमीटर लम्बी अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर बीएसएफ मुस्तैद है। इसके अलावा जम्मू एवं कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना भी तैनात है।

उन्होंने कहा कि इस समय बीएसएफ की तैनाती छत्तीसगढ़ और ओडिशा में चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियानों में भी की गई है। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने महिला दस्ते सहित बल के विभिन्न दस्तों की सलामी ली।

समारोह में बीएसएफ के चार अधिकारियों को वीरता के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक तथा आठ अधिकारियों को उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया।

मलाला को 'पाकिस्तान की बेटी' का ख़िताब देने की मांग

मलाला ज़रदारी

तालिबान के खिलाफ़ दृड़ता दिखाने और एक बेहद ही संकुचित समाज में लड़कियों के हक़ के लिए आवाज़ बुलंद करने वाली पाकिस्तान की बहादुर लड़की मलाला युसुफ़ज़ई को सम्मानित करने का सिलसिला जारी है.

ताज़ा ख़बर के अनुसार पाकिस्तान की राष्ट्रीय असेंबली ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर मलाला युसुफ़ज़ई को पाकिस्तान की बेटी के सम्मान से नवाज़े जाने की मांग की है.ये प्रस्ताव पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की सदस्य रोबिना सादत क़ैमख़ानी द्वारा असेंबली में प्रस्तुत किया गया है.

सादत के अनुसरा मलाला ना सिर्फ पाकिस्तान बल्कि पूरी दुनिया के बच्चों की शिक्षा की पैरोकार के रुप में एक मिसाल बन गई हैं.

असेंबली में पेश प्रस्ताव में कहा गया, ''ये सदन शिक्षा के हक़ में मलाला द्वारा किए गए बलिदानों के महत्व को काफी अच्छी तरह से समझता है. इसलिए सदन ये प्रस्ताव रखता है कि मलाला युसुफ़ज़ई को पाकिस्तान की बेटी के ख़िताब से नवाज़ा जाए.''
हमला

9 अक्तूबर 2012 को मलाला युसुफ़ज़ई को उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के स्वात घाटी के मिंगोरा गांव में उस वक्त तालिबानी चरमपंथियों ने गोली मार दी थी जब वो अपने स्कूल बस से घर लौट रही थी.

पिछले हफ्ते ही पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने मलाला युसुफजई से ब्रिटेन के अस्पताल जाकर मुलाकात की थी जहां उसका इलाज चल रहा है.मुलाकात के दौरान आसिफ़ अली ज़रदारी ने कहा था कि मलाला एक असाधारण लड़की हैं जो देश का गौरव हैं.

मलाला को अस्पताल में अक्टूबर महीने से विशेष मेडिकल सेवाएँ दी जा रही थी.

इलाज

तालिबान चरमपंथियों द्वारा किए गए हमले में मलाला के सिर और गले में गोलियां लगी थी.

इस हमले में मलाला की दो सलेहियाँ भी घायल हो गईं थीं.

15 अक्टूबर को मलाला को इलाज के लिए ब्रिटेन पहुंचाया गया. जहां उसका इलाज चल रहा है.

मलाला 2009 में 11 साल की उम्र में उस वक्त पहली बार सुर्खियों में आई थी जब उसने बीबीसी उर्दू सेवा के लिए डायरी लिखना शुरू किया था.

इसमें उन्होंने स्वात घाटी में तालिबान के दबदबे के बीच जिंदगी की मुश्किलों को बयान किया था.

इसी बीच हजारों लोगों ने एक ऑनलाइन हस्ताक्षर मुहिम छेड़ी है जिसमें मलाला को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करने की मांग की गई है.

12 क्विंटल लकड़ियों से बनी चिता पर स्टेज, अनूठे दिन होगी अनूठी शादी!

12.12.12 की विशेष शादी का स्टेज भी होगा विशेष। 12 क्विंटल लकड़ी की चिता पर बनेगा स्टेज, मंडप में भी होंगे 12 खंबे, हर खंबे पर लिखे वचन व संकल्प

इस सदी के अंतिम संयोग 12.12.12 पर 12 के संयोग को मिलाते हुए विशेष शादी कर रहे शहर के राजाराम जैन कर्मयोगी व अलका दुलारी ने स्टेज भी विशेष तैयार किया है। जहां हर शादी में खूबसूरत कलात्मक स्टेज होता है, वहीं इस शादी के लिए उन्होंने 12 क्विंटल लकड़ी से चिता रूपी स्टेज तैयार कराया है।शादी की सभी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। विवाह के कार्यक्रम मंगलवार से शुरू होंगे। 12 दिसंबर, 2012 को दोपहर 12 बजकर 12 मिनट पर बारहद्वारी पर वरमाला के लिए जो बारात जाएगी, उसमें भी 12 दर्जन घोड़ों पर 12 दर्जन बाराती होंगे।

गीता भवन से बारहद्वारी तक 12 स्वागतद्वार होंगे। रास्ते में 12 दर्जन 12 रंगों के ध्वज लगाए गए हैं। इससे पहले बासन का कार्यक्रम होगा, जिसमें 12 महिलाएं सिर पर मंगल कलश रखकर चलेंगी और उनके आगे 12 व्यक्तियों का बैंड होगा। वरमाला के बाद फेरे व अन्य कार्यक्रम समता भवन में होंगे। इसके लिए जो मंडप तैयार किया गया है, उसमें 12 खंबे होंगे। उन पर 12 वचन व संकल्प लिखवाए गए हैं।




प्रीतिभोज में 12 व्यंजन होंगे और इस अवसर पर जो स्टेज बनाया गया है, वो 12 क्विंटल लकड़ी का चिता रूपी स्टेज बनाया है। जहां वरमाला होगी, उस स्थान बारहद्वारी पर भी मृत्यु उपरांत होने वाले क्रियाक्र्म होते हैं। इसके पीछे वर-वधू का तर्क है कि इंसान को अंतिम सत्य से दूर नहीं भागना चाहिए। उल्लेखनीय है कि इस शादी में निमंत्रण-पत्र से लेकर शगुन व व्यवस्थाओं में 12-12 का संयोग शामिल किया गया है।

गुजरात में एक ही आवाज सुनी जाती है: राहुल गांधी



जामनगर।। गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार में पहली बार उतरे कांग्रेसी नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए उन्हें राज्य की प्रगति के बारे में झूठा प्रचार करने वाला 'मार्केटियर ' बताया। राहुल ने गुजरात को देश का अहम हिस्सा बताया। यहां रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'गुजरात में जनता की आवाज नहीं सुनी जाती। गुजरात सरकार और मुख्यमंत्री आपको नहीं सुनना चाहते। वह केवल अपनी आवाज सुनना चाहते हैं। उनका अपना सपना है और वह केवल अपने सपने के बारे में सोचते हैं। एक सच्चा नेता जनता के सपने को अपना सपना बनाता है।'
Rahul-Gandhi
कांग्रेस महासचिव ने दावा किया कि यह झूठा प्रचार किया गया है कि गुजरात हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है लेकिन इसके विपरीत राज्य में अंधाधुंध भ्रष्टाचार है, बेरोजगारी बहुत ज्यादा है और हर क्षेत्र में नाकामी है। उन्होंने कहा कि 'मार्केटियर' कह रहे हैं कि गुजरात चमक रहा है। लेकिन मुझे बताइये कि लोगों को कितने घंटे पानी मिलता है? लोगों को हर तीन दिन में 25 मिनट पानी मिलता है। लेकिन मार्केटिंग की जा रही है कि गुजरात चमक रहा है। गुजरात में 10 लाख बेरोजगार हैं लेकिन वह कह रहे हैं कि गुजरात चमक रहा है। 

राहुल ने कहा कि गरीबों की आवाज गुजरात में दबा दी जाती है क्योंकि नेता आम आदमी की चिंताओं को सुनना नहीं चाहते। केंद्र सरकार की जमकर तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि यह गांधी का देश है। उन्होंने कहा, 'हमारे राजनीतिक गुरु महात्मा गांधी हैं। इस देश में लोकतंत्र महात्मा गांधी की वजह से आया। हमें उस लोकतंत्र को सुरक्षित रखना है। गांधी जी और नेहरू जी हमेशा जनता की आवाज सुनना चाहते थे। वे सच्चे नेता थे।' कांग्रेसी नेता ने दावा किया कि गुजरात में विपक्ष की भी आवाज नहीं सुनी जाती क्योंकि विधानसभा में एक साल में केवल 25 दिन बैठक होती है और अक्सर विपक्ष के नेताओं को सदन से बाहर कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि गुजरात को एक आदमी नहीं चला रहा है। गुजरात को चलाने में आम आदमी की हिस्सेदारी जरूरी है। राहुल ने कहा कि गुजरात में लोकायुक्त नहीं है और 14 हजार आरटीआई पेडिंग हैं क्योंकि सरकार कोई सूचना बाहर नहीं जाने देना चाहती वरना उसकी पोल खुल जाएगी। गौरतलब है कि गुजरात में 13 दिसंबर को पहले दौर के मतदान के लिए चुनाव प्रचार का आज आखिरी दिन है। 87 सीटों की इस लड़ाई में कांग्रेस की तरफ से पिछले कुछ दिनों में पीएम डॉ. मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी ने प्रचार किया है। आज पार्टी महासचिव राहुल गांधी राज्य में तीन बड़ी सभाओं को संबोधित करने वाले हैं।

उधर, बीजेपी में पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के अलावा स्मृति ईरानी, नवजोत सिंह सिद्धू, परेश रावल और अन्य स्टार प्रचारक आज सभाएं कर रहे हैं। सीएम नरेंद्र मोदी खुद आज 8-10 सभाओं को संबोधित कर रहे हैं। उनकी 3डी अलग से चल रही है। पार्टी राज्य में आज तक कुल मिला कर करीब 300 सभाएं कर चुकी है।

इसी बीच, बीजेपी प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने सुबह गुजरात से फोन पर कहा कि कांग्रेस गांधी और पटेल की धरती पर झूठ पर उतर आई है। मोदी और गुजरात के बारे में गलत बातें कही जा रही है। कांग्रेस नेता अपनी कही बातों को ही झुठलाने पर तुले हैं। केन्द्र ने ही कहा था कि बेरोजगारी न के बराबर है। यह भी कहा था कि केन्द्र के 20 कार्यक्रमों को लागू करने में गुजरात आगे है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया कि राज्य में पीने के पानी का संकट नहीं है। लेकिन अपनी हार करीब देख रहे कांग्रेस नेता अब इन्हीं मामलों में गुजरात को निशाना बना रहे हैं।

एच पी सी एल का रिफायनरी को लगभग ना


बाड़मेर रिफाइनरी को चाहिए राजस्थान का पूरा तेल

एच पी सी एल का  रिफायनरी को लगभग ना 
राजस्थान के बाड़मेर में 24,000 करोड़ रुपये के निवेश वाली रिफाइनरी लगाने के लिए कच्चे तेल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होना जरूरी है। रिफाइनरी लगाने की योजना बना रही हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) का कहना है कि केयर्न इंडिया द्वारा प्रदेश में उत्पादित किया जा रहा पूरा कच्चा तेल उपलब्ध हुए बिना यह रिफायनरी परियोजना अव्यवहार्य होगी। एचपीसीएल ने पिछले सप्ताह पेट्रोलियम मंत्रालय से कहा कि 90 लाख टन सालाना रिफाइनिंग क्षमता वाली इस रिफाइनरी का काम शुरू करने के लिए कंपनी को राजस्थान में उत्पादित होने वाले पूरे कच्चे तेल का कम से कम 10 साल के लिए आवंटन किया जाए। केयर्न इंडिया राजस्थान ब्लॉक की मंगला और अन्य फील्डों में रोजाना 1,75,000 बैरल (सालाना 87.5 लाख टन) कच्चे तेल का उत्पादन कर रही है। केयर्न इंडिया ने अनुमान जताया है कि यह उत्पादन बढ़कर रोजाना तीन लाख बैरल (1.5 करोड़ टन सालाना) हो जाएगा। हालांकि अब तक कंपनी को सिर्फ रोजाना 1,75,000 बैरल तेल उत्पादन की ही मंजूरी मिली है। साथ ही इस बात के भी कोई प्रमाणित आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं कि उत्पादन का यह स्तर अगले 15 साल तक बना रहेगा। एचपीसीएल की रिफाइनरी को बनकर तैयार होने में पांच साल लगेंगे और कंपनी ने कम से कम 10 साल के पूरे उत्पादन को रिफाइनरी में परिशोधन के लिए सौंपे जाने की मांग की है। समुद्र से दूर रिफाइनरी लगाए जाने पर आयातित कच्चे तेल को पहले गुजरात के बंदरगाहों पर उतारना पड़ेगा और फिर उसे महंगी पाइपलाइन के जरिए रिफाइनरी तक पहुंचाना पडे़गा। फिलहाल राजस्थान ब्लॉक में उत्पादित कच्चे तेल को दुनिया की सबसे गर्म पाइपलाइनों के जरिए गुजरात में रिलायंस इंडस्ट्रीज और एस्सार ऑयल की रिफाइनरियों तक पहुंचाया जा रहा है।

मुस्लिम महिलाए सुहाग का प्रतिक मान पहनती है चूडा


मुस्लिम महिलाए सुहाग का प्रतिक मान पहनती है चूडा
बाड़मेर। भारत पकिस्तान की अन्तराष्ट्रीय सरहद पर बसा बाड़मेर जिला सांप्रदायिक सद्भावना की मिशाल कायम कर रहा है ,पश्चिमी राजस्थान और पकिस्तान के सिंध प्रान्त के बीच रोटी ,बेटी का रिश्ता है । बाड़मेर में सरहदी गाँवो में रह रहे सिन्धी मुस्लमान परिवारों में आज भी हिन्दू संस्कृति और परम्पराव का निर्वहन किया जा रहा है । विभाजन से पहले जन्हा हिन्दू मुस्लिम एक साथ रह रहे थे, वही दोनों समुदायों की परम्पराव तथा संस्कृति में ज्यादा फर्क नहीं था। विभाजन के बाद भारतीय सरहद में रह गए सिन्धी मुस्लिम परिवारों में कई रीती रिवाज हिन्दुओ की भांति है, तो कई परम्पराए भी मुस्लिम परिवारों का पहनावा भी हिन्दू महिलाओ की तरह ही है, सबसे बड़ी बात की जन्हा पुरे विश्व में मुस्लिम महिलाओ को श्रृंगार की वस्तुए पहनने की आज़ादी नहीं है, वंही बाड़मेर जिले में आज भी मुस्लिम महिलाये हिन्दू परिवारों की महिलाओ की भांति सुहाग का प्रतिक चूडा पहनती है ,बाड़मेर जिले के पाकिस्तानी सरहद के समीप बसे सैंकड़ो मुस्लिम बाहुल्य परिवारों में आज भी महिलाए सुहाग का प्रतिक चूडा पहन के इठलाती है । मुस्लिम परिवारों में शादी शुदा महिलाओ को सुहाग का प्रतिक चूडा पहना अनिवार्य है, शादी विवाह सगाई तीज त्योहारों पर मुस्लिम महिलाए हाथी दांत का बना चूडा पहनती है। सामान्यतः मुस्लिम परिवार की महिलाये प्लास्टिक का चूडा ही पहनती है, इन मुस्लिम परिवारों में चूड़े को लाल रंग से पहने से पहले रंगा जाता है , कई महिलाए बिना रंगे सफ़ेद चूडा भी पहनती है ,विश्व भर में कंही भी मुस्लिम महिलाए चूडा नहीं पहनती मगर पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर ,जैसलमेर जिलो में बसे लाखो मुस्लिम परिवारों में महिलाए चूडा पहनती है ,बांदासर गाँव निवासी इतिया ने बताया की उनके परिवार में कई पीढियों से महिलाए चूडा पहनती आ रही है, चूड़े को सुहाग का प्रतिक मना जाता है, अपने पतियों को अजर अमर रखने के लिए तथा उन पर को जीवन संकट नहीं आ जाए इसीलिए चूडा पहनती है । एक अन्य मुस्लिम महिला सक्खी ने बताया की शुरू से हम लोग हिन्दू परिवारों के बीच रहे है । सिंध में साउ {राजपूत }तथा मेघवाल परिवारों के बीच रहे आपस में भाई चारा था,तीज त्योहारों पर या शादी विवाह जैसे समारोह में भी आना जाना था,उस वक़्त हिन्दू मुस्लिम वाली कोई बात नहीं थी, हां सभी अपनी मर्यादा में रहते थे ,हिन्दू मुस्लिम में कोई फर्क नहीं लगता। आज भी हमने उसी परंपरा को अपना रखा है । खाली चूडा ही क्यों हम लोगो का पहनावा भी हिन्दू परिवारों की तरह है । खान पान रीती रिवाज़ सब कुछ एक जैसा ,,बहरहाल पुरे दाश में जन्हा कट्टरपंथी सांप्रदायिक भावनाए भड़का कर हिन्दू मुस्लिमो के बीच खाई पैदा कर रहे हें वही सरहद पर अमन का इतना असर है ।

मलयालम फिल्म में नजर आएंगे बल्लाणी

मलयालम फिल्म में नजर आएंगे बल्लाणी
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जैसलमेर। मलयालम फिल्मों के मशहूर निर्देशक एम जयराज की फिल्म "ब्राइड" में जैसलमेर के रंगकर्मी विजय बल्लाणी ठाकुर के किरदार में नजर आएंगे। निर्देशक एम जयराज इन दिनों राजस्थान के विभिन्न लोकेशनों पर अपनी फिल्म "ब्राइड" की शूटिंग कर रहे हैं। पुष्कर, जोधपुर, खेजड़ला, चांदेलाव, बीकानेर आदि शहरों के साथ जैसलमेर में भी इस फिल्म की शूटिंग की जा रही है।

खास बात यह है कि इस फिल्म मे स्वर्णनगरी की कला और साहित्य की विविध विधाओं में दखल रखने वाले रंगकर्मी विजय बल्लाणी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। वर्ष 1990 में बतौर निर्देशक अपना कॅरियर शुरू करने वाले जयराज को पांच बार राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है और इसके साथ ही वे स्पेन, ब्रिटेन और फ्रांस में आयोजित अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सवों में भी अपनी फिल्मो के लिए सम्मानित हो चुके हैं।

न्यू जनरेशन सिनेमा के बैनर तले बन रही इस फिल्म में रंगकर्मी बल्लाणी ने नायक के पिता ठाकुर साहब की भूमिका अदा की है। फिल्म के लेखक थॉमस ने बताया कि ठाकुर साहब के बेटे को पुष्कर मेले में केरल की लड़की से प्यार हो जाता है, जबकि ठाकुर ने उसकी सगाई बचपन में ही तय कर रखी है। पिता-पुत्र के बीच द्वंद्व के बाद प्यार की जीत होती है और ठाकुर साहब शादी के लिए मान जाते हैं। फिल्म में नायक अरूण, नायिका पंकजा के साथ नेहा, अंजलि, विष्णु, हाशिम, प्रिया और बाबूराव ने इस फिल्म के जरिये मलयालम फिल्म जगत में कदम रखा है। जैसलमेर के रंगकर्मी विजय बल्लाणी की दो पाटों में विभक्त दाढ़ी, कद-काठी और अभिनय क्षमता के बूते उन्हे ठाकुर साहब की महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर मिला।

व्यवहार कुशल है राजस्थानी
एम जयराज राजस्थानी लोगों के व्यवहार के कायल हो गए और उन्हें जैसलमेर बेहद पसंद आया। उन्होने बताया कि इस फिल्म से राजस्थान के पर्यटन को केरल में बढ़ावा मिलेगा। प्रोडक्शन कंट्रोलर मनोज, कमलाक्ष, शेखर व सुराज ने बताया कि 40 लोगों की यूनिट के साथ करीब 22 दिन राजस्थान के विभिन्न शहरों व गांवों में शूटिंग के दौरान स्थानीय लोगों ने हमें अच्छा सहयोग दिया।

13 को बाड़मेर बंद का आह्वान


 13 को बाड़मेर बंद का आह्वान


बाड़मेर। अधिवक्ता संघ बाड़मेर ने 13 दिसम्बर को बाड़मेर बंद का आह्वान किया है। अधिवक्ता संघ बाड़मेर के अध्यक्ष एडवोकेट सोहनलाल चौधरी ने बताया कि बार एसोसिएशन अपर जिला न्यायालय का मुख्यालय बाड़मेर करने की मांग को लेकर एक माह से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है, न्यायिक कार्य बंद है।

अधिवक्ता संघ धरना दे रहा है और स्टाम्प वैंडर व अर्जी नवीस भी सहयोग कर रहे हंै। बावजूद इसके उनको मांगों को लेकर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। संघ सचिव एडवोकेट अमृत जैन ने बताया कि उक्त मांगों के समर्थन में सोमवार को संघर्ष समिति की बैठक हुई जिसमें गुरूवार को बाड़मेर बंद का आह्वान किया गया। बुधवार रात्रि आठ बजे मशाल जुलूस निकाला जाएगा।

गाजे-बाजे से निकलेगी ठाकुरजी की बारात

गाजे-बाजे से निकलेगी ठाकुरजी की बारात

पचपदरा। पचपदरा के वृंदावनधाम भगवती आश्रम से 28 दिसम्बर को शाही ठाट-बाट के साथ अनूठी बारात निकलेगी। ठकुरानी राधा रानी से ब्याह के लिए अश्व पर सवार होकर ठाकुरजी बारात लेकर रवाना होंगे। पिछले करीब साढ़े तीन दशक से वृंदावनधाम में हो रहा यह अनूठा वैवाहिक आयोजन न केवल पचपदरा वरन् संभाग भर के कृष्ण भक्तों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। पचपदरा में हर वर्ष राधा कृष्ण विवाहोत्सव के दौरान जिले सहित संभाग के कोने-कोने से हजारो की संख्या में महिलाएं व पुरूष ठाकुरजी की बारात में शरीक होकर चार चांद लगाते हैं। वृंदावनधाम में इन दिनों राधा कृष्ण विवाहोत्सव का आगाज हो चुका है।

ठाकुरजी व राधा रानी की पाट बिठाई की रस्म के साथ ही सांझी गीतों की स्वर लहरियां गूंजने लगी है। महिलाएं लाड कोड के साथ प्रतिदिन आश्रम पहुंचकर सांझी गीत गाते हुए वैवाहिक रस्में निभा रही है। जगह-जगह से राधा रानी व ठाकुरजी के बंदोले पहुंचाने का क्रम भी शुरू हो गया है। ढोल ढमाके के साथ श्रद्धालुओं के घर से आश्रम तक बंदोले पहुंचाए जा रहे हैं। आश्रम व्यवस्था समिति के संयोजक जयप्रकाश कोठारी के अनुसार राधा कृष्ण विवाहोत्सव 28 दिसम्बर को होगा।

शोभायात्रा के साथ बारात निकलेगी। कस्बे के प्रमुख मार्गो से होते हुए पुन: आश्रम पहुंचेगी। मुख्य द्वार पर वर व वधु पक्ष की ओर से मिलनी का कार्यक्रम होगा। अश्व पर सवार दूल्हे राजा ठाकुरजी द्वारा तोरण वंदन की रस्म अदा की जाएगी। इसके बाद राधा कृष्ण हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार परिणय सूत्र में बंधेगे। विवाहोत्सव की पूर्व संध्या पर बंदोली का आयोजन होगा।

चलो बुल्लेशाह को फिर से खोजें

 

बुल्ला की जाणा मैं कौन? थैया-थैया करके थक गए फकीर बुल्लेशाह ने सदियों पहले किसी दिन यह बात खुद से अकेले में कही होगी। योगवाशिष्ठ में ठीक यही सवाल राम अपने गुरु वशिष्ठ से करते हैं। किसी अंधियारी रात में वह गुरु के घर का दरवाजा खटखटाते हैं। भीतर से गुरु पूछते हैं- कौन? राम बाहर से बोलते हैं- यही तो जानने आया हूं कि मैं हूं कौन? यह कोई संयोग नहीं है कि इक्कीसवीं सदी में पहचान के सवालों से खदबदा रहा दक्षिण एशिया कभी नुसरत फतेह अली खां, कभी वडाली बंधुओं, कभी रब्बी शेरगिल तो कभी ए. आर. रहमान के सुरों पर सवार बुल्लेशाह की रचनाओं में सुकून पा रहा है।

बुल्ला की जाणा मैं कौन को ही गौर से सुनें तो इस सूफी संत के क्रांतिकारी अध्यात्म तक पहुंच सकते हैं। ना मैं मोमिन विच्च मसीतां, ना मैं विच्च कुफर दिआं रीतां। ना मैं पाकां विच्च पलीतां, ना मैं मूसा ना फिरऔन। ना मैं अंदर बेद किताबां, ना विच भंगां होर शराबां। ना विच रिंदां मस्त खराबां, ना विच जागन ना विच सौन।.....अव्वल आखर आप नूं जाना, ना कोई दूजा होर पिछाना। मैथों होर न कोई सियाना, बुल्ला शाह खड़ा है कौन। न तो मस्जिद में रमने वाला मोमिन हूं, न कुफ्र की रीत से कोई लेना-देना है। न पवित्र लोगों के बीच गंदा हूं, न मूसा हूं, न फराओ। न वेद और दूसरी किताबों में हूं, न भांग और शराब में। न मस्त शराबियों के बीच खराब पड़ा हूं, न जागने वालों में हूं, न सोने वालों में। .....प्रारंभ और अंत मैं खुद को ही जानता हूं, किसी और की मुझे पहचान नहीं है। मुझसे सयाना कोई और नहीं है, बुल्लेशाह की शक्ल में यह कौन खड़ा है? बाबा बुल्लेशाह की जन्मभूमि और कर्मभूमि दोनों अभी पाकिस्तानी पंजाब में है, लेकिन एक मजहबी मुल्क में ऐसे बागी सुर के लिए क्या कोई जगह निकाली जा सकेगी? बाबा का जीवनकाल 1680 से 1757 के बीच माना जाता है। एक ऐसा दौर, जिसकी पहचान औरंगजेब की मजहबी तानाशाही और गुरु गोविंद सिंह की बगावत से जुड़ी है। दिल्ली तख्त के सीधे निशाने पर होने के बावजूद नवें गुरु तेग बहादुर को इस फकीर ने खुलेआम गाजी (धर्मयोद्धा) करार दिया था। हिंसा और रक्तपात से भरे उस युग को ध्यान में रखें तो उनकी इस काफी (सूफी छंद) का एक अलग अर्थ निकलता है- वाह-वाह माटी दी गुलजार। माटी घोड़ा, माटी जोड़ा माटी दा असवार। माटी माटी नूं दौड़ावे, माटी दी खड़कार। माटी माटी नूं मारन लागी, माटी दे हथियार....। मिट्टी का घोड़ा, मिट्टी का जोड़ा, मिट्टी का ही सवार। मिट्टी मिट्टी को दौड़ावे, मिट्टी की झनकार। मिट्टी मिट्टी को मार रही है, मिट्टी के हथियार....।
बुल्लेशाह के बारे में किस्सा है कि एक बार रमजान के महीने में वह अपने डेरे में बैठे बंदगी कर रहे थे और उनकेचेले बाहर बैठे गाजर खा रहे थे। कुछ रोजादार मुसलमान उधर से गुजरे और फकीर के डेरे पर लोगों को रोजातोड़ते देख नाराज हो गए। पूछा - तुम लोग मुसलमान नहीं हो क्या ? जवाब हां में मिला तो उनकी कुटाई करदी। फिर उन्हें लगा कि कुछ सेवा उस उस्ताद की भी की जानी चाहिए , जिसके शागिर्द ऐसे हैं। भीतर जाकर पूछा- अरे तू कौन है ? बुल्लेशाह ने बाजू ऊपर करके एं - वें हाथ हिला दिए। मोमिनों को लगा , पागल है। बाद मेंचेलों ने पूछा , बाबा हमें बड़ी मार पड़ी , तुम बच कैसे गए ? उन्होंने कहा , तुमसे कुछ पूछा था ? वे बोले ,मजहब पूछा था , मुसलमान बताया तो मारने लगे। बुल्लेशाह ने कहा - बेटा , कुछ बने हो , तभी मार खाई है।हम कुछ नहीं बने तो बच गए।

सोमवार, 10 दिसंबर 2012

इस पुलिस वाली की एक विवादास्पद तस्वीर पर हुआ जमकर बवाल!

नई दिल्ली। बदलते वक्त के साथ साथ हर शहर का मिजाज भी बदलता है. एक ज़माने में तक्षशिला और काशी, शिक्षा के महान केंद्र थे. आधुनिक भारत में वैसे तो तमाम ऐसे शहर हैं जो किसी खास तरह की शिक्षा के लिए जाने जाते हैं.



राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली इस क्षेत्र में अपना ख़ास स्थान रखता है, क्योंकि देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा (सिविल सर्विसेस) की तैयारी के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण केंद्र के तौर पर उभरा है।


आज हम आपको इसी शहर में पढ़ी और यहीं से तैयारी कर 'भारतीय पुलिस सेवा' (IPS) में चयनित एक ऐसी अधिकारी से मिला रहे हैं जिन्होंने अपनी मेधा के बल पर न सिर्फ इस महत्वपूर्ण पद को प्राप्त किया है,


बल्कि उनके चर्चा में आने का कारण उनका बेहद आकर्षक व्यक्तित्व और उनसे जुड़ा एक विवाद है, जो किसी को भी उनकी ओर देखने को मजबूर कर देता है।

दिल्ली के प्रतिष्ठित लेडी श्री राम कॉलेज से हिस्ट्री ऑनर्स और दिल्ली यूनिवर्सिटी की लॉं ग्रेजुएट इस बाला की पहली ही झलक अपनी ओर खींचने का माद्दा रखती है. आकर्षक कद-काठी वाली 'दीपिका गर्ग' वैसे तो मेरठ की रहने वाली हैं, लेकिन फिलहाल यह कोई आम लड़की नहीं है, बल्कि ये हैं 'भारतीय पुलिस सेवा' के 2007 बैच की एक अधिकारी।


एक महिला को अपराधियों पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी मिलना निश्चित ही चुनौतीपूर्ण काम है. खाकी वर्दी के प्रति उनके ख़ास लगाव ने ही उन्हें इस पेशे की ओर आकर्षित किया. हालांकि उनका मानना है कि सबसे पहले वह एक पुलिसवाली हैं, उसके बाद महिला या पुरुष. पुलिस सेवा में रहते हुए उन्होंने कभी भी ऐसा महसूस नहीं किया कि उनका लड़की होना इसमें कहीं से भी बाधक है.


विवादों में आई दीपिका :


इसी साल मई में दीपिका का नाम तब विवादों में आ गया जब पुलिस जांच के दौरान एक युवक की लाश को पांव से उलटते-पुलटते दिखाया गया। घटना मई के 15 तारीख की है। यूपी के जेपी नगर जिले में 24 साल के एक युवक की गोली मारकर हत्‍या कर दी गई थी।


सूचना मिलने पर दल-बल के साथ दीपिका मौके पर पहुंची और पुलिस ने युवक की लाश के साथ कथित तौर पर जैसा बर्ताव किया, उससे पुलिस के जांच के तरीके पर सवाल उठाये गए। घटना के बाद स्थानीय मीडिया में कुछ बेहद आपत्तिजनक तस्वीरें दिखाई गई। इन तस्वीरों में दिखाया गया कि एसपी के साथ मौजूद पुलिस इंस्‍पेक्‍टर अपने पैरों से लाश को उलट-पलट कर मुयाना कर रहा है।


विवाद बढ़ने पर जब एसपी दीपिका गर्ग से घटना के बारे में पूछ गया तो उन्होंने ऐसा कुछ भी होने से साफ़ इनकार कर दिया। सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि जांच के दौरान वहां न सिर्फ मृतक के जानने वाले मौजूद थे बल्कि, गांव वाले भी थे। अगर इस तरह की कोई भी बदसलूकी हुई तो मीडिया से पहले वहां मौजूद लोगों ने इसका विरोध किया होता।

काली' करतूत से 'हरी' होती है सब्जी, देख रह जाएंगे दंग!






लखनऊ. बे-मौसम हरी सब्जियों के देख कर मन प्रसन्न हो जाता है। बैंगनी बैंगन और हरे मटर को देख जी ललचा उठता है। इनकी चमक दुकान की तरफ बरबस खींच लेती है। पर क्या आप जानते हैं कि उस चमक के पीछे कुछ लोगों की काली करतूत छिपी है। जी हां, इन रंगीन और चमकदार सब्जियों को कृत्रिम रूप से तैयार किया जाता है। इसे देख आप यकीनन दंग रह जाएंगे।

बाज़ार में खुलेआम औने-पौने दामों में बेचा जाता है। इससे जेब तो कटती ही है, स्वास्थ्य पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। हरी सब्जियों को आकर्षक और चमकदार बनाने के लिए घातक रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। उसी तरह समय से समय से पहले इन्हें तैयार करने के लिए जहरीले आक्सीटोसिन इंजेक्शन को लगाया जाता है। 






यह तस्वीर लखनऊ के आलमबाग इलाके के सब्जी मंडी की है। यहां पर हज़ारों लोग ताज़ी सब्जियां लेने आते हैं। लेकिन रोज ही उनकी इन उम्मीद पर पानी फिर जाता है। बाहर से देखने में हरी-ताज़ी सब्जी रंग से रंगी हुई होती है। इन सब्जियों को हरा-भरा रखने के लिए इनको रंग के पानी में डुबोया जाता है। सब्जी बेचने वाले हरे रंग को पानी में मिलकर उसमे सब्जी को डालकर हरा कर रहे है। इस बाबत जब हमारी टीम ने दुकानदारों से पूछा तो उनका कहना था कि ग्राहक हरी सब्जी ही पसंद करता है, इसलिए हरी सब्जियों को रंग में डालकर बेचा जाता है। हर आदमी सब्जियां धो कर खाता है, इसलिए कोई दिक्कत भी नहीं होती है। एक व्यापारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इन सब्ज़ियो को हरा और चमकदार बनाने के लिए सबसे पहले इनको एक बड़े से बर्तन या फिर ड्रम मे डाला जात है। केमिकल रंगों में परवल और तरोई को अच्छी तरह से डाल कर रंगा जाता है। करीब 15 मिनट के बाद इन सब्ज़ियों को टब से बाहर निकालकर कर सुखा लिया जाता है। आधे घंटे की मसकत के बाद यह पीली और सूख चुकी सब्जी, परवल और तरोई फिर से ताजी हो जाती है









सब्जी नहीं केमिकल खा रहे हैं हम ::: सब्जियों में पाए जाने वाले पेस्टिसाइड और मेटल्स पर अलग-अलग शोध किया गया। शोध के अनुसार सब्जियों के साथ हम कई प्रकार के पेस्टिसाइड और मेटल खा रहे हैं। इनमें केडमियम, सीसा, कॉपर और क्रोमियम जैसी खतरनाक धातुएं और एंडोसल्फान, एचसीएच व एल्ड्रिन जैसे घातक पेस्टीसाइड शामिल हैं। सब्जियों के साथ शरीर में जाकर ये स्वास्थ्य को भारी नुकसान पहुंचाती हैं। सब्जियां तो हजम हो जाती हैं लेकिन यह जहर शरीर के विभिन्न संवेदनशील अंगों में जमा होता रहता है। इससे उल्टी-दस्त, किडनी फेल, कैंसर जैसी बीमारियां सामने आती हैं। पालक, आलू, फूल गोभी, बैंगन, टमाटर आदि में इस तरह का जहर पाया गया है। शोध के अनुसार खेतों में फसलों पर रासायनिक पेस्टिसाइड का उपयोग बहुतायत में किया जा रहा है।

इस रासायनिक जहर में एंडोसल्फान जैसे खतरनाक पेस्टिसाइड का उपयोग आम है। प्रभुदान चारण ने टमाटरों के 28 नमूनों का निरीक्षण किया, जिनमें से 46.43 प्रतिशत नमूनों में पेस्टिसाइड ज्यादा पाया गया। भिंडी के 25 में से 32, आलू के 17 में से 23.53, पत्ता गोभी के 39 में से 28, बैंगन के 46 में से 50 प्रतिशत नमूने प्रदूषित पाए गए। फूल गोभी सर्वाधिक प्रदूषित पाई गई, जिसके 27 में 51.85 प्रतिशत नमूनों में यह जहर था।




फूलगोभी सबसे ज्यादा है प्रदूषित ::: खेतों में फसलों पर रासायनिक पेस्टिसाइड का उपयोग बहुतायत में किया जा रहा है। इस रासायनिक जहर में एंडोसल्फान जैसे खतरनाक पेस्टिसाइड का उपयोग आम है। टमाटरों के 28 नमूनों में से 46.43 प्रतिशत नमूनों में पेस्टिसाइड ज्यादा पाया गया। भिंडी के 25 में से 32, आलू के 17 में से 23.53, पत्ता गोभी के 39 में से 28, बैंगन के 46 में से 50 प्रतिशत नमूने प्रदूषित पाए गए। फूल गोभी सर्वाधिक प्रदूषित पाई गई, जिसके 27 में 51.85 प्रतिशत नमूनों में यह जहर था।

अमिताभ की वजह से कभी चुनाव नहीं लड़ेंगी जया बच्चन

भदोही. बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन नहीं चाहते हैं कि उनकी पत्नी और राज्य सभा सांसद जया बच्चन कभी लोकसभा का चुनाव लड़ें। यह खुलासा खुद जया बच्चन ने किया है।
अमिताभ की वजह से कभी चुनाव नहीं लड़ेंगी जया बच्चन
उत्तर प्रदेश के भदोही में जब जया बच्चन से पत्रकारों ने पूछा कि क्या वे अगला लोकसभा चुनाव भदोही से लड़ेंगी, तो गुड्डी, अनामिका, शोले, सिलसिला जैसी फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुकीं जया ने कहा कि वे कभी भी कहीं से भी चुनाव नहीं लड़ेंगी क्योंकि उनके पति ऐसा नहीं चाहते हैं। जया ने कहा कि अगर ऐसे हालात (चुनाव लड़ने के) पैदा हुए तो अमिताभ उनसे घर पर रहने को कह देंगे।

गौरतलब है कि खुद अमिताभ बच्चन इलाहाबाद से लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। लेकिन चुनाव जीतने के कुछ समय बाद बोफोर्स दलाली मामले में उनका नाम आने के बाद किन्हीं कारणों से अमिताभ ने राजनीति को अलविदा कह दिया था। हालांकि, कई साल बाद उन्हें बोफोर्स मामले में 'क्लीन चिट' मिल गई।

हाथों हाथ समाधान की कार्यशैली अपनाएं जिला कलक्टर शुचि


जैसलमेर में प्रशासन शहरों के संग अभियान शुरू 

हाथों हाथ समाधान की कार्यशैली अपनाएं जिला कलक्टर शुचि

जैसलमेर, 10 दिसंबर/राज्य सरकार के निर्देशानुसार जैसलमेर में प्रशासन शहरों के संग अभियान की शुरूआत सोमवार को हुई। इसका शुभारंभ गीता आश्रम कच्ची बस्ती में मुक्तिधाम के समीप हुआ जहां वार्ड नम्बर एक तथा तीस के लिए शिविर का आयोजन हुआ।

शिविर के शुभारंभ समारोह में जिला कलक्टर शुचि त्यागी, जिलाप्रमुख अब्दुला फकीर, विधायक छोटूसिंह भाटी, अतिरिक्त जिला कलक्टर परशुराम धानका, पूर्व विधायक गोवर्द्धन कल्ला, यूआईटी अध्यक्ष उम्मेदसिंह तंवर, उपाध्यक्ष जगदीश चूरा, नगर परिषद सभापति अशोक तंवर,, नगर परिषद आयुक्त आर.के. माहेश्वरी, वार्ड पार्षद सुमन कंवर आदि ने इस अभियान को शहरवासियों के लिए महत्वपूर्ण बताया।

शिविर में जिला कलक्टर शुचि त्यागी एवं अन्य अतिथियों ने अमरसागर प्रोल के पास विस्तार के लिए भूमि प्रदान करने वाले गणेश ट्रस्ट को इसके बदले जवाहरलाल नेहरू कॉलोनी में भूमि आवंटन किया तथा इसका पट्टा मौके पर ही ट्रस्ट के पदाधिकारी राणीदान सेवक को प्रदान किया। इसी प्रकार दुर्ग में खिड़कीपाडा के पांच जनों को अन्यत्रा भूमि आवंटन के पट्टे भी प्रदान किए।

वक्ताओं ने नागरिकों से इस अभियान का पूरापूरा लाभ पाने का आह्वान किया और कहा कि सरकार ने जनता की समस्याओं के निराकरण, पट्टों की प्राप्ति तथा नगर परिषद से संबंधित सभी प्रकार की गतिविधियों के लिए प्रशासन शहरों के संग शिविरों का आयोजन किया है और इसका पूरा लाभ लेने के लिए नागरिकों को पूरी जागरुकता के साथ आगे आना होगा।

जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने नागरिकों से कहा कि वे भूमि के पट्टों, शहरी समस्याओं आदि के लिए शिविरों का लाभ लें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि शिविर में प्राप्त प्रार्थना पत्राों पर त्वरित कार्यवाही करें और बेवजह लंबित नहीं करते हुए हाथों हाथ समाधान की कार्यशैली को अपनाएं ताकि अभियान की मंशा अच्छी तरह पूरी हो सके।

जिलाप्रमुख अब्दुला फकीर ने राज्य सरकार द्वारा निर्देशित इस अभियान को नागरिक कल्याण और नगरीय विकास की दिशा में अहम बताया और लाभ लेने का आह्वान किया तथा नगरपालिका के अधिकारियों से कहा कि शिविर से पूर्व ही वार्ड के काम और समस्याओं को चिहि्नत कर लें ताकि शिविर के दिन सभी का निपटारा हो सके।

विधायक छोटूसिंह भाटी ने अभियान को पूर्ण उपादेय बनाने के लिए विशेष प्रयासों पर जोर दिया और कहा कि इसमें सामान्य के साथ ही विशिष्ट प्रकृति के तमाम कार्यों का निष्पादन होना चाहिए।

पूर्व विधायक एवं बीसूका उपाध्यक्ष गौवर्द्धन कल्ला ने स्टेट ग्राण्ट के पट्टे जारी करने को विशिष्ट उपलब्धि बताया और इसे शहरवासियों के लिए राज्य सरकार का तोहफा बताया।

नगर विकास न्यास के अध्यक्ष उम्मेदसिंह तंवर ने स्टेट ग्राण्ट के पट्टों को जारी करने के कार्य को ऐतिहासिक बताया और कहा कि राज्य सरकार शहरवासियों के लिए विशेष प्रयास कर रही है।

नगर परिषद के सभापति अशोक तंवर ने विश्वास जताया कि जैसलमेर में प्रशासन शहरों के संग अभियान को आशातीत सफलता दिलाने के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।

नगर परिषद उपाध्यक्ष जगदीश चूरा ने आभार व्यक्त करते हुए कच्ची बस्तियों पर विशेष ध्यान दिए जाने का आग्रह किया। इस अवसर पर यूआईटी सचिव राणीदान बारहठ सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, पार्षदगण तथा शहरवासी उपस्थित थे।

147 साल बाद शनि-राहु का योग, आपकी किस्मत में होंगे उलटफेर







23 दिसंबर 2012 की दोपहर एक बजे से राहु एवं केतु अपनी राशि बदलकर तुला एवं मेष में प्रवेश करेंगे। (पचांग भेद से दिनांक एवं समय में अंतर हो सकता है।) इस संबंध में उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार राहु का राशि बदलना विशेष रूप से महत्वपूर्ण होगा क्योंकि राहु शुक्र ग्रह के स्वामित्व वाली राशि तुला में जाएगा। तुला राशि में पूर्व से ही उच्च का शनि विराजमान है। शनि, राहु एवं शुक्र तीनों ही मित्र है। शुक्र ग्रह को शनि एवं राहु का गुरु भी माना जाता है। आगे दिए गए फोटो में जानिए शनि-राहु के योग से जुड़ी खास बातें और आपकी राशि पर इस योग का कैसा असर रहेगा-पं. मनीष शर्मा के अनुसार पूर्व में शनि-राहु की युति तुला राशि में 1865 में 147 वर्ष पूर्व बनी थी। 2012 के बाद ऐसी स्थिति 2161 में 149 वर्षों बाद बनेगी। अन्य राशियों में शनि-राहु की युति होती रहती है, किंतु तुला में इस युति का होना दुर्लभ योग होता है।भारतीय राजनीति में उलटफेर की संभावनाएं बनेगी। कार्य करने वाले लोगों को ही विजय प्राप्त होती। प्राकृतिक प्रकोप का भी भय बना हुआ है किंतु यह ज्यादा हानिकारक नहीं होगा। आगे दिए गए फोटो में जानिए शनि-राहु के योग से जुड़ी खास बातें और आपकी राशि पर इस योग का कैसा असर रहेगा-

यह योग तुला राशि वालों के लिए सौभाग्यकारी सिद्ध होगा। उनको कई बीमारियों एवं आर्थिक परेशानियों से छुटकारा मिलेगा तथा प्रसन्नता भी रहेगी। विवाहित लोगों का जीवन सुखमय बन जाएगा एवं ग्लैमर से जुड़े लोगों को बहुत लाभ होगा।शनि-राहु के योग के आधार पर 21 दिसंबर 2012 को प्रलय जैसी कुछ भविष्वाणियां हुई थी किंतु ज्योतिष के अनुसार ऐसा कुछ होने वाला नहीं हैं। शनि-राहु का मित्र है एवं दोनो अपने मित्र की राशि में स्थित होंगे।शीत लहर रहेगी तथा कहीं-कहीं वर्षा के योग भी बन रहे हैं। जिन्होंने पिछले समय में किसी गरीब व्यक्ति की मदद की है, किसी भूखे को अन्न दिया है, किसी की सहायता की है या किसी भी प्रकार का परोपकार किया है उन्हें शनि-राहु की युति से विशेष फल प्राप्त होगा।राहु के तुला में जाने से वृषभ एवं वृश्चिक राशि वालों को भी लाभ होगा। उनके मानसिक क्लेश एवं आर्थिक परेशानियों को अंत होगा। अटके कार्य पूर्ण हो जाएंगे तथा अन्य कई प्रकार के फायदे होंगे। आगे दिए गए फोटो में जानिए शनि-राहु के योग से जुड़ी खास बातें और आपकी राशि पर इस योग का कैसा असर रहेगा-

सिंह- आर्थिक लाभ एवं सम्मान दिलाने वाले कार्य होंगे। नए वाहन की प्राप्ति होगी।

कन्या- इन लोगों ने जो लक्ष्य निर्धारित किए हैं उनकी प्राप्ति होगी। निवेश से लाभ होगा। कार्य समय पर होंगे।

तुला- तुला राशि के लोगों को आर्थिक सक्षमता एवं हर कार्य में सफलता मिलेगी। शत्रुओं के दमन में सफल होंगे।

वृश्चिक- इस राशि के लोगों को शनि-राहु की युति से मानसिक शांति एवं कष्टों से मुक्ति प्राप्ति होगी। नए कार्यों में सफलता प्राप्त होगी।

धनु- शनि और राहु की युति से इस राशि के लोगों को विशेष सफलता मिलेगी। धनु राशि के लोगों की धार्मिक कार्यों में अधिक रूचि रहेगी।

मकर- मकर राशि वाले शनि-राहु की युति के कारण नए कारोबार का मन बनाएंगे। लेकिन आपके लिए यह सलाह है कि अभी इससे बचने का प्रयास करें।

मीन- तुला राशि में शनि-राहु के कारण मीन राशि के लोगों का समय शांति से व्यतीत होगा। समय बेहतर होगा। ध्यान रखें जहां पानी अधिक हो वहां नहीं जाएं।

मेष- शनि के साथ राहु की पूर्ण दृष्टि भी अब आपकी राशि पर बनी हुई है। निवेश से बचें एवं किसी कार्य को कल पर न छोड़े।

वृषभ- आपके क्लेशों का अंत होगा एवं आर्थिक लाभ की संभावनाएं बढ़ेंगी।

मिथुन- शनि-राहु के योग से लाभ होगा, न्यायलय में विजय प्राप्त होगी एवं शत्रुओं का नाश होगा।

कर्क- इस राशि के लोगों को पुराने रोगों से मुक्ति मिलेगी। नवीन संबंधों से फायदा होगा।