बाड़मेर रिफाइनरी को चाहिए राजस्थान का पूरा तेल
एच पी सी एल का रिफायनरी को लगभग ना
राजस्थान के बाड़मेर में 24,000 करोड़ रुपये के निवेश वाली रिफाइनरी लगाने के लिए कच्चे तेल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होना जरूरी है। रिफाइनरी लगाने की योजना बना रही हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) का कहना है कि केयर्न इंडिया द्वारा प्रदेश में उत्पादित किया जा रहा पूरा कच्चा तेल उपलब्ध हुए बिना यह रिफायनरी परियोजना अव्यवहार्य होगी। एचपीसीएल ने पिछले सप्ताह पेट्रोलियम मंत्रालय से कहा कि 90 लाख टन सालाना रिफाइनिंग क्षमता वाली इस रिफाइनरी का काम शुरू करने के लिए कंपनी को राजस्थान में उत्पादित होने वाले पूरे कच्चे तेल का कम से कम 10 साल के लिए आवंटन किया जाए। केयर्न इंडिया राजस्थान ब्लॉक की मंगला और अन्य फील्डों में रोजाना 1,75,000 बैरल (सालाना 87.5 लाख टन) कच्चे तेल का उत्पादन कर रही है। केयर्न इंडिया ने अनुमान जताया है कि यह उत्पादन बढ़कर रोजाना तीन लाख बैरल (1.5 करोड़ टन सालाना) हो जाएगा। हालांकि अब तक कंपनी को सिर्फ रोजाना 1,75,000 बैरल तेल उत्पादन की ही मंजूरी मिली है। साथ ही इस बात के भी कोई प्रमाणित आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं कि उत्पादन का यह स्तर अगले 15 साल तक बना रहेगा। एचपीसीएल की रिफाइनरी को बनकर तैयार होने में पांच साल लगेंगे और कंपनी ने कम से कम 10 साल के पूरे उत्पादन को रिफाइनरी में परिशोधन के लिए सौंपे जाने की मांग की है। समुद्र से दूर रिफाइनरी लगाए जाने पर आयातित कच्चे तेल को पहले गुजरात के बंदरगाहों पर उतारना पड़ेगा और फिर उसे महंगी पाइपलाइन के जरिए रिफाइनरी तक पहुंचाना पडे़गा। फिलहाल राजस्थान ब्लॉक में उत्पादित कच्चे तेल को दुनिया की सबसे गर्म पाइपलाइनों के जरिए गुजरात में रिलायंस इंडस्ट्रीज और एस्सार ऑयल की रिफाइनरियों तक पहुंचाया जा रहा है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें