नई दिल्ली। बदलते वक्त के साथ साथ हर शहर का मिजाज भी बदलता है. एक ज़माने में तक्षशिला और काशी, शिक्षा के महान केंद्र थे. आधुनिक भारत में वैसे तो तमाम ऐसे शहर हैं जो किसी खास तरह की शिक्षा के लिए जाने जाते हैं.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली इस क्षेत्र में अपना ख़ास स्थान रखता है, क्योंकि देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा (सिविल सर्विसेस) की तैयारी के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण केंद्र के तौर पर उभरा है।
आज हम आपको इसी शहर में पढ़ी और यहीं से तैयारी कर 'भारतीय पुलिस सेवा' (IPS) में चयनित एक ऐसी अधिकारी से मिला रहे हैं जिन्होंने अपनी मेधा के बल पर न सिर्फ इस महत्वपूर्ण पद को प्राप्त किया है,
बल्कि उनके चर्चा में आने का कारण उनका बेहद आकर्षक व्यक्तित्व और उनसे जुड़ा एक विवाद है, जो किसी को भी उनकी ओर देखने को मजबूर कर देता है।
दिल्ली के प्रतिष्ठित लेडी श्री राम कॉलेज से हिस्ट्री ऑनर्स और दिल्ली यूनिवर्सिटी की लॉं ग्रेजुएट इस बाला की पहली ही झलक अपनी ओर खींचने का माद्दा रखती है. आकर्षक कद-काठी वाली 'दीपिका गर्ग' वैसे तो मेरठ की रहने वाली हैं, लेकिन फिलहाल यह कोई आम लड़की नहीं है, बल्कि ये हैं 'भारतीय पुलिस सेवा' के 2007 बैच की एक अधिकारी।
एक महिला को अपराधियों पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी मिलना निश्चित ही चुनौतीपूर्ण काम है. खाकी वर्दी के प्रति उनके ख़ास लगाव ने ही उन्हें इस पेशे की ओर आकर्षित किया. हालांकि उनका मानना है कि सबसे पहले वह एक पुलिसवाली हैं, उसके बाद महिला या पुरुष. पुलिस सेवा में रहते हुए उन्होंने कभी भी ऐसा महसूस नहीं किया कि उनका लड़की होना इसमें कहीं से भी बाधक है.
विवादों में आई दीपिका :
इसी साल मई में दीपिका का नाम तब विवादों में आ गया जब पुलिस जांच के दौरान एक युवक की लाश को पांव से उलटते-पुलटते दिखाया गया। घटना मई के 15 तारीख की है। यूपी के जेपी नगर जिले में 24 साल के एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
सूचना मिलने पर दल-बल के साथ दीपिका मौके पर पहुंची और पुलिस ने युवक की लाश के साथ कथित तौर पर जैसा बर्ताव किया, उससे पुलिस के जांच के तरीके पर सवाल उठाये गए। घटना के बाद स्थानीय मीडिया में कुछ बेहद आपत्तिजनक तस्वीरें दिखाई गई। इन तस्वीरों में दिखाया गया कि एसपी के साथ मौजूद पुलिस इंस्पेक्टर अपने पैरों से लाश को उलट-पलट कर मुयाना कर रहा है।
विवाद बढ़ने पर जब एसपी दीपिका गर्ग से घटना के बारे में पूछ गया तो उन्होंने ऐसा कुछ भी होने से साफ़ इनकार कर दिया। सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि जांच के दौरान वहां न सिर्फ मृतक के जानने वाले मौजूद थे बल्कि, गांव वाले भी थे। अगर इस तरह की कोई भी बदसलूकी हुई तो मीडिया से पहले वहां मौजूद लोगों ने इसका विरोध किया होता।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली इस क्षेत्र में अपना ख़ास स्थान रखता है, क्योंकि देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा (सिविल सर्विसेस) की तैयारी के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण केंद्र के तौर पर उभरा है।
आज हम आपको इसी शहर में पढ़ी और यहीं से तैयारी कर 'भारतीय पुलिस सेवा' (IPS) में चयनित एक ऐसी अधिकारी से मिला रहे हैं जिन्होंने अपनी मेधा के बल पर न सिर्फ इस महत्वपूर्ण पद को प्राप्त किया है,
बल्कि उनके चर्चा में आने का कारण उनका बेहद आकर्षक व्यक्तित्व और उनसे जुड़ा एक विवाद है, जो किसी को भी उनकी ओर देखने को मजबूर कर देता है।
दिल्ली के प्रतिष्ठित लेडी श्री राम कॉलेज से हिस्ट्री ऑनर्स और दिल्ली यूनिवर्सिटी की लॉं ग्रेजुएट इस बाला की पहली ही झलक अपनी ओर खींचने का माद्दा रखती है. आकर्षक कद-काठी वाली 'दीपिका गर्ग' वैसे तो मेरठ की रहने वाली हैं, लेकिन फिलहाल यह कोई आम लड़की नहीं है, बल्कि ये हैं 'भारतीय पुलिस सेवा' के 2007 बैच की एक अधिकारी।
एक महिला को अपराधियों पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी मिलना निश्चित ही चुनौतीपूर्ण काम है. खाकी वर्दी के प्रति उनके ख़ास लगाव ने ही उन्हें इस पेशे की ओर आकर्षित किया. हालांकि उनका मानना है कि सबसे पहले वह एक पुलिसवाली हैं, उसके बाद महिला या पुरुष. पुलिस सेवा में रहते हुए उन्होंने कभी भी ऐसा महसूस नहीं किया कि उनका लड़की होना इसमें कहीं से भी बाधक है.
विवादों में आई दीपिका :
इसी साल मई में दीपिका का नाम तब विवादों में आ गया जब पुलिस जांच के दौरान एक युवक की लाश को पांव से उलटते-पुलटते दिखाया गया। घटना मई के 15 तारीख की है। यूपी के जेपी नगर जिले में 24 साल के एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
सूचना मिलने पर दल-बल के साथ दीपिका मौके पर पहुंची और पुलिस ने युवक की लाश के साथ कथित तौर पर जैसा बर्ताव किया, उससे पुलिस के जांच के तरीके पर सवाल उठाये गए। घटना के बाद स्थानीय मीडिया में कुछ बेहद आपत्तिजनक तस्वीरें दिखाई गई। इन तस्वीरों में दिखाया गया कि एसपी के साथ मौजूद पुलिस इंस्पेक्टर अपने पैरों से लाश को उलट-पलट कर मुयाना कर रहा है।
विवाद बढ़ने पर जब एसपी दीपिका गर्ग से घटना के बारे में पूछ गया तो उन्होंने ऐसा कुछ भी होने से साफ़ इनकार कर दिया। सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि जांच के दौरान वहां न सिर्फ मृतक के जानने वाले मौजूद थे बल्कि, गांव वाले भी थे। अगर इस तरह की कोई भी बदसलूकी हुई तो मीडिया से पहले वहां मौजूद लोगों ने इसका विरोध किया होता।
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