शनिवार, 3 नवंबर 2012

बाडमेर श्री नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ


श्री नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ


श्री नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ

श्री नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ एक अत्यंत प्राचीन तीर्थ स्थल है जो राजस्थान राज्य में बाडमेर के नाकोडा ग्राम में स्थित है। भारत मेंरामायण और महाभारत काल तक तीर्थ स्थलों की प्राप्ति हो चुकी थी। इन दो महाकाव्यों में तीर्थ शब्द का अनेक बार उल्लेख आया है। नाकोडा तीर्थ स्थल प्रमुख दो कारणों से विख्यात है-पहला कारण

श्वेताम्बर जैन समाज के तेईसवें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ की दसवीं शताब्दी की प्राचीनतम मूर्ति का मिलना और पांच सौ छह सौ वर्षो पूर्व उस चमत्कारी मूर्ति का जिनालय में स्थापित होना। मुख्य मंदिर की भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा चूंकि सिन्दरी के पास नाकोडा ग्राम से आई थी, अतः यह तीर्थ नाकोडा पार्श्वनाथ के नाम से प्रसिद्ध हुआ। यह क्षेत्र लगभग दो हज़ार वर्ष से जैन आध्यात्मिक गतिविधियों का केंद्र रहा है। यहाँ के खेडपटन और मेवानगर अथवा विरामपुर इस संदर्भ में जैन ऐतिहासिक परम्पराओं से जुड़े रहे हैं।दूसरा कारण

तीर्थ के अधियक देव श्री भैरव देव की स्थापना पार्श्वनाथ मंदिर के परिसर में होना है, जिनके देवी चमत्कारों के कारण हज़ारों लोग प्रतिवर्ष श्री नाकोडा भैरव के दर्शन करने यहाँ आते है और मनवांछित फल पाते हैं।
इतिहास

किदवंतियों के आधार पर श्री जैन श्वेताम्बर नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ का प्राचीनतम उल्लेख महाभारत काल यानि भगवान श्री नेमिनाथ जी के समयकाल से जुड़ता है किन्तु आधारभूत ऐतिहासिक प्रमाण से इसकी प्राचीनता विक्रम संवत 200-300 वर्ष पूर्व यानि 2000-2300 वर्ष पूर्व की मानी जा सकती है। अतः श्री नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ राजस्थान के उन प्राचीन जैन तीर्थो में से एक है, जो 2000 वर्ष से भी अधिक समय से इस क्षेत्र की खेड़पटन एवं मेवानगर की ऐतिहासिक सम्रद्ध, संस्कृतिक धरोहर का श्रेष्ठ प्रतीक है। मेवानगर के पूर्व में विरामपुर नगर के नाम से प्रसिद्ध था। विरामसेन ने विरामपुर तथा नाकोरसेन ने नाकोडा नगर बसाया था। आज भी बालोतरा- सीणधरी हाईवे पर नाकोडा ग्राम लूनी नदी के तट पर बसा हुआ है, जिसके पास से ही इस तीर्थ के मूल नायक भगवन की इस प्रतिमा की पुनः प्रति तीर्थ के संस्थापक आचार्य श्री किर्ति रत्न सुरिजी द्वारा विक्रम संवत 1090 व 1205 का उल्लेख है।
भैरव देवजी की स्थापना

श्री नाकोडा अधियक भैरव देव जी की स्थापना विक्रम संवत 1502 में आचार्य श्री किर्तिरत्न सूरि जी ने नाकोडा पार्श्वनाथ प्रभु की प्रति के समय की थी। अत्यंत मनमोहक पीले पाषाण की महान विलक्षण प्रतिमा स्थापित है, जिसे श्री नाकोडा भैरव कहा जाता है। समीप ही श्री नाकोडा बाँध पर भैरव के दूसरे रूप की प्रतिमा भी स्थापित है, जिसे कालिया भैरवके नाम से जाना जाता है।
अधिनायक देव श्री भैरव देव

नाकोडा पार्श्वनाथ जी की अराधना

तीर्थ के अधिनायक देव श्री भैरव देव की मूल मंदिर में अत्यंत चमत्कारी प्रतिमा है, जिसके प्रभाव से देश के कोने कोने से लाखों यात्री प्रतिवर्ष यहाँ दर्शनार्थ आकर स्वयं को कृतकृत्य अनुभव करते है। वैसे तीनों मंदिरवास्तुकला के अद्भुत नमूने है। चौमुखजी कांच का मंदिर, महावीर स्मृति भवन, शांतिनाथ जी के मंदिर में तीर्थंकरों के पूर्व भवों के पट्ट भी अत्यंत कलात्मक व दर्शनीय है।
उत्थान एवं पतन

तीर्थ ने अनेक बार उत्थान एवं पतन को आत्मसात किया है। विधर्मियों की विध्वंसात्मक- वृत्ति में विक्रम संवत 1500 के पूर्व इस क्षेत्र के कई स्थानों को नष्ट किया है, जिसका दुष्प्रभाव यहाँ पर भी हुआ। लेकिन संवत1502 की प्रति के पश्चात पुन: यहाँ प्रगति का प्रारम्भ हुआ और वर्तमान में तीनों मंदिरों का परिवर्तित व परिवर्धित रूप इसी काल से सम्बंधित है। संवत 1959 - 60 में साध्वी प्रवर्तिनी श्री सुन्दर जी ने इस तीर्थ के पुन: उद्धार का काम प्रारंभ कराया और गुरु भ्राता आचार्य श्री हिमाचल सूरीजी भी उनके साथ जुड़ गये। इनके अथक प्रयासों से आज ये तीर्थ विकास के पथ पर निरंतर आगे बढ़ता रहा है। मूल नायक श्री नाकोडा पार्श्वनाथ जी के मुख्य मंदिर के अलावा प्रथम तीर्थंकर परमात्मा श्री आदिनाथ प्रभु एवं तीसरा मंदिर सोलवें तीर्थंकर परमात्मा श्री शांतिनाथ प्रभु का है। इसके अतिरिक्त अनेक देवालय, ददावाडियाँ एवं गुरुमंदिर है जो मूर्तिपूजक परंपरा के सभी गछों को एक संगठित रूप से संयोजे हुए है।
कैसे पहुँचे
यह तीर्थ जोधपुर से 116 किमी तथा बालोतरा से 12 किमी (उत्तरी रेलवे स्टेशन) जोधपुर बाड़मेर मुख्य रेल मार्ग पर स्थित है।
तीर्थ स्थान प्राय: सभी केंद्र स्थानों से पक्की सड़क द्वारा जुड़ा हुआ है।
श्री नाकोडा तीर्थ ट्रस्ट यात्रियों के लिए निवास, भोजन, पुस्तकालय, औषधालय आदि की सभी प्रकार की व्यवस्था सहर्ष करता है।
मंदिर के खुलने का समयगर्मी (चैत्र सुदी एकम से कार्तिक वदी अमावस तक)

प्रातः : 5:30 बजे से रात्रि 10:00 बजे तकसर्दी (कार्तिक सुदी एकम से चैत्र वदी अमावस त

माजीसा राणी भटियाणी भटियाणी, थारौ परचौ साचौ रै !


माजीसा राणी भटियाणी भटियाणी, थारौ परचौ साचौ रै !" 

मेहवा रा शासक रावल मल्लिाथजी री चवदमीं पीढी में रावल कल्याणमलजी जसोल रा शासक हुया। रावल कल्याणमलजी, रावल जैतमलजी रा पाटवी पुत्र हा जिका आपरै पिता रै बैद जसोल री गादी माथै विराजिया। कल्याणमल रै जोपुर रा महाराजा अभयसिंह अर बखतसिंह रै अणबल रौ वैवार रैयौ। महाराजा अभयसिंह कल्याणमल नै दबावण सारू घणा तपिया। महाराजा अभयसिंह नै वि.सं. 1787 (ई.स. 1730) में बादस्या गुजरात रै नवाब सरबुलंदखां नै दबावण वास्तै गुजरात भेजिया तद महाराजा मारवाड़ रा सैंग सामंतां, उमरावां नै इण जुद्ध में लड़ण वास्तै बुलाया। इण मौकै माथै रावल कल्याणल ई हाजर हुया अर आपरी फौज लेय'र महाराजा रै सातै गुजरात जुद्ध मांय गया। जुद्ध में जबरा लड़िया अर सेवट महाराजा री फतै हुई।
भटियाणी माता अर माजीसा रै रूप में सुचावी भटियाणी राणी स्वरूपदे जसोल रै रावल कल्याणमल (रावल कल्याणसिंह राठौड़) री पत्नी ही अर जैसलमेर रै भाटी राजपूत जोगीदास री पुत्री ही। रावल कल्याणमल राव मल्लिनाथ रा वंशज हा अर दूधावत महेचा हा। वै वीर अर ज्ञानी हा। उणां रा दो ब्याव हुया हा- अेक तौ भटियाणी स्वरूपदे सूं, जिकी जोगीदास पृथ्वीराजोत री पुत्री ही, अर दूजौ देवड़ी अमोलकदे सूं, जिकी दलेलसिंह जगसिंघोत री पुत्री ही। भटिय.ाणी स्वरूपकंवर मानता प्राप्त राणी ही। वां अणूंती ई सुंदर तौ ही ई, साथै ई बौत सहनसील ई ही। दूजी राणी देवड़ी अमोलकदे नै ऊणसूं घणी ईरसा हा। सो अेक दिन वा स्वरूपकंवर नै ज्हैर देय'र आपरी ईरसा री आग शांत करी।
वां ई दिनां जैसलमेर रा दो ढोली शंकर अर ताजिया अचाणचक रावल कल्याणमल रै दरबार मांय मांगण सारू गया तौ जैसलमेर रा रैवासी जाण'र उणां नै कैईजियौ के थांरी बाईसा तौ अबै मसाणां में विराजै, सो उठै जाय'र सीख लीजौ। वा मूंडै मांगी सीख देय देवैला। शंकर अर ताजिया राणी स्वरूपदे री चिता-स्थली माथै पूगिया अर हियै तणा उद्गार प्रगट करता थकां मांगणी सारू वीणती सरू करी। सुरगवासी राणी तद प्रगट हुय'र उणां री मांगणी पूरी करी। इण चमत्कारा री खबर देखतां-देखतां च्यारूंमेर फैलगी। तद राव कल्याणमल रा परिजन मसाण मांय जाय'र छिमा-जाचना करी अर पछै, उणरी पूजा-अरचणा सरू करी।
तद सूं ई भटियाणी राणी स्वरूपकंवर रै चमत्कारां रौ औ सिलसिलौ चालतौ आय रैयौ है अर आज पण ई चाल रैयौ है। श्रद्धालु भगत इणां री चरण-पादुका अर प्रतिमा रै दरसणां सारू जसोल पूगै अर इणां रै मिंदर मांय जाय'र भेंट स्वरूप प्रसाद ई चढावै। जसोल मांय उणां रै थान री जगै मिंदर बणियोड़ौ है। भाटियां री पुत्री हुवण री वजै सूं 'राणी भटियाणी' रै नाम सूं औ दरसणजोग स्थान चावौ है। इण नाम रै अलावा 'लख्यो राणी', 'जैसलमेरी घणियाणी', 'कंवराणी साहबा' इत्याद नामां सूं ई इणां नै श्रद्धा साथै पुकारियौ जावै। मरियां रै पैला इणां रै मूंडै सूं औ निकलियौ हौ- "म्हैं तो पुजीजूंला अर थै थांरी भुगतौला!" सौ सती रै सत-वचनां नै आज ई लोग बडी सरधा अर भगति रै रूप मांय लोकगीतां अर भजनां में गावै-
"भटियाणी, थारौ परचौ साचौ रै !"

कोई तीन सौ बरस पुराणौ जसोल ठाकर कानी सूं बणवायोड़ौ भटियाणी माता रौ स्थान आज पण धारमिक दीठ सूं गलां रौ ई श्र्‌धा रौ ई श्रद्धा रौ केन्द्र बणियोड़ौ है। उठै आयै बरस भादवै अर वेसाख महीनै री सुदी तेरस-चवदस नै विसाल पैमानै माथै मेला लागै। आं मेलां मांय नीं सिरफ राजस्थान रा इज, बल्कै गुजारात, महाराष्ट्र्, उत्तरप्रदेश, मद्रास, दिल्ली इत्याद प्रदेशां सूं हजारूं लोग दरसणां सारू जसोल पूगै। अै मेला दो दिन तांी चालतौ रैवै। बीमारियां सूं परेस्यान, औलाद सारू उत्सुक अर वौपार-नौकरी में जस हासिल करण वालां री लांबी कतारां माजीसा रै मिंदर मांय लागियोड़ी रैवै। श्रद्धा अर आस्था राखण वाला लोग माजीसा रै चमत्कारां सूं आपरौ जीवण सुखी बणावता आया है। माजीसा रै मिंदर सगलै ई अेक हुय'र आवै अर सीस नवाय'र आपरी मांगणी मांग'र, खुस हुय'र बावड़ जावै। मिंदर रै प्रांगण मांय जातरूवां रै विसराम सारु माजीसा रा भगत जन आपरी इंछा सूं दान देवण में आगीवाण रैवै। मेलै रै दिनां मांय राणी भाटियाणी रै लोकगीतां-भजन कीरतनां अर वाणियां री गूंज लागियोड़ी रैवै।
भटियाणी राणी रै चमत्कारां सूं प्रभावित हुय'र ई राजस्थान रै बाड़मेर जिलै री विकासशील पंचायत समिति, बालौतरा इणई धारमिक स्थल रै छेत्र मांय राणी भटियाणी री याद में 'राणी भटियाणीजी विराट पशु-मेला' रौ आयोजन करती रैयी है। इण पशु-मेला मायं हजारूं री संख्या में उत्तम नस्ल रा थारपारकर अर कांकरेज रा बलद, मालाणी रा घोड़ा, गायां, भैस्यां, बकरा-बकरियां, ऊंट-सांडियां, टोडिया, खच्चर, भेडां इत्याद अेकठ हुवै। मेलै मांय पशुवां री खरीद बिक्री सारू समुचति व्यवस्था करीजै। राजस्थान रै अलावा गुजरात, पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश इत्याद रा चावा वौपारी पशुवां री खरी सारू आवै।
आथूणै राजस्थान मांय राणी भटियाणी री मानता हदभांत ई देखण में आवै। केई नगरां अर गांमां मांय राणी भटियाणी रा स्थान है, जठै लोग श्रद्धा-आस्था सूं आवै अर कस्टां सूं छुटकारौ पावै। मुख्य थान तौ मिंदर रै रूप में जसोल मांय है इज।

शुक्रवार, 2 नवंबर 2012

कुचामन में छात्रा की अश्लील क्लिपिंग



कुचामन में छात्रा की अश्लील क्लिपिंग


कुचामनसिटी। नागौर के कुचामनसिटी इलाके में स्कूली छात्रा की अश्लील क्लिपिंग सामने आई है। एक निजी स्कूल की ड्रेस में छात्रा की यह क्लिपिंग करीब एक घंटा छह मिनट की बताई गई है। कस्बे में कुछ युवक इस क्लिपिंग का आदान-प्रदान भी कर रहे हैं।


पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र साहू का कहना है कि मामले की जांच करवाई जा रही है। सीओ कुचामनसिटी मामले की जांच कर रहे हैं। कुचामनसिटी में करीब चार साल पहले भी एक महिला की अश्लील क्लिपिंग में कई बड़े लोगों के नाम सामने आए थे।

चाची को डायन मान भतीजे ने ली जान


चाची को डायन मान भतीजे ने ली जान 

जयपुर। राज्यस्थान के एक गांव में एक महिला को डायन करार कर उसकी चाकू मारकर हत्या कर दी गई। महिला की हत्या करने वाला कोई और नहीं बल्कि उसी का भतीजा है। इस घटना में महिला का 10 वर्षीय पोता भी घायल हो गया। यह जानकारी पुलिस ने शुक्रवार को दी।

जानकारी के अनुसार यहां से 500 किलोमीटर दूर डुंगरपुर जिले के वर्दा शहर के नजदीक बिलिया फाला गांव में गुरूवार शाम गणेश कुमार को उसकी 65 वर्षीय चाची हंजना की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि बीच-बचाव करने वाला महिला का पोता भी घायल हो गया है।

उन्होंने कहा कि गणेश कुमार मुम्बई में काम करता था। वह कुछ दिन पहले ही घर लौटा था। हमेशा की तरह उसने अपनी चाची से यह कहकर झगड़ा करना शुरू कर दिया कि वह परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों पर जादू-टोना करती है। उसने अचानक महिला पर चाकू से हमला कर दिया। महिला ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

अधिकारी ने बताया कि महिला को पिटाई से बचाने का प्रयास कर रहे उसके पोते को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना को अंजाम देने के बाद गणेश मौके से फरार हो गया था, लेकिन गुरूवार रात उसे गिरफ्तार कर लिया गया। गणेश ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसके चार चाचा की मौत हो चुकी है, जबकि परिवार के अन्य सदस्यों की तबीयत खराब है। वह इस सब की वजह अपनी चाची को मानता था। अधिकारी ने बताया कि गणेश ने बताया कि उसे संदेह था कि महिला डायन है और उसके परिवार में घट रही सभी चीजों के लिए जिम्मेदार है।

तीन बहनें,एक पति के लिए करवा चौथ

तीन बहनें,एक पति के लिए करवा चौथ

चित्रकूट। इस भौ  तिकतावादी युग में जहां विवाह को बंधन माना जा रहा है वहीं उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में तीन बहनों का एक पति है और तीनों न साथ मिलजुल कर रहती हैं बल्कि सुहाग का त्योहार करवा चौथ भी एक साथ ही मनाती हैं। तीनों का विवाह छह साल पहले उस वक्त भी चर्चा में आया था जब उन्होंनें कृष्णा के साथ शादी की थी। तब यह कहा गया था कि यह विवाह ज्यादा दिन तक नहीं चल सकता लेकिन तीनों ने परिवार और समाज की कही बातों को झुठला दिया। तीनों कृष्णा के साथ शादी कर न सिर्फ उसके साथ पूरे समर्पण के साथ जीवन बिता रही हैं बल्कि उसे भगवान की तरह पूजती भी हैं। शोभा. रीना और पिंकी नाम की इन तीनों बहनों ने विश्वविद्यालय से स्नात्कोत्तर की डिग्री भी ले रखी है। यह नहीं कहा जा सकता कि अनपढ़ होने या गरीबी के कारण यह विवाह हुआ है।

चित्रकूट में रहने वाली शोभा, रीना और पिंकी ये तीनों सगी बहनें हैं और इन्होनें अपनी मर्जी और पूरे होशोहवास से एक ही व्यक्ति को अपना पति चुना है। वह अपने पति को सामान्य व्यक्ति नहीं बल्कि दिव्य पुरूष मानती हैं। इन बहनों को कहना है कि महाकाली से मिली शक्ति के दम पर दुनिया को यह दिखा देना चाहती है कि आज भी अगर çस्त्रयां अपनी इच्छाओं पर काबू रखना सीख ले तो किसी सामान्य पुरूष को भी दशरथ जैसा महाराजा बनाया जा सकता है।

चित्रकूट के इस अनूठे परिवार के घर में करवा चौथ के दिन का नजारा देखने लायक होता है। इस दिन ये तीनों बहनें अपने पति की दीर्घ आयु के लिए व्र्रत रखती हैं और रात में चन्द्रमा निकलने पर सोलह श्रंगार कर एक साथ करवा चौथ के दिन की जाने वाली विशेष पूजा करती हैं। पूजा के बाद ये तीनों एक ही चलनी से अपने पति को निहारने के बाद उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेती हैं। तीन बहने अपने पति कृष्णा के साथ मिल जुल कर एक ही घर में एक ही छत के नीचे हंसी खुशी जीवन बिता रही हैं।

छह साल के वैवाहिक जीवन में अब तक छह बच्चे भी पैदा हो चुके हैं। चित्रकूट में एक पति और इसकी तीन पत्नियों वाला यह परिवार आज भी खुद को सतयुग और त्रेतायुग के राजा महाराजाओं जैसा मानता है। सवाल यह भी है कि क्या आज समाज में ऎसे रिश्तों को स्वीकार किया जा सकता है। चित्रकूट का यह अनोखा परिवार अपने उलझे रिश्तों के ताने वाने के चलते चर्चा का विषय बना हुआ है।

बाड़मेर पुलिस डायरी ..आज के ताजा समाचार

बाड़मेर पुलिस डायरी ..आज के ताजा समाचार


अवैध शराब सहित 1 गिरफ्तार

बाड़मेर राहुल बारहट, जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा अवैध शराब की रोकथाम हेतु दिये गये निर्देशानुसार श्री सांगसिंह स.उ.नि. मय पुलिस पार्टी पुलिस थाना सिणधरी द्वारा मुखबीर की ईत्तला पर कस्बा सिणधरी में मुलजिम मानाराम पुत्र दमाराम जाट नि. पायला खुर्द को दस्तयाब कर उसके कब्जा से अवैध व बिना लाईसेन्स की 18 बोतल बीयर बरामद कर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना सिणधरी पर आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।


आपसी रंजिस में किया हमला

बाड़मेर उमरखां पुत्र हेयातखां मुसलमान नि. कोलीयाना ने मुलजिम हाजी दोष मोहम्मदखां पुत्र सुखाखां मुसलमान नि. कोलियाना वगेरा 5 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा एक राय होकर मुस्तगीस के खेत में प्रवेश कर मुस्तगीस के मासीयात भाई पर जानलेवा हमला कर चोटे पहुंचाना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना सेड़वा पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा ळें


सड़क दुर्घटना में एक की मौत


बाड़मेर बालाराम पुत्र मगाराम जाट नि. कुरजा ने मुलजिम बोलेरो नम्बर आरजे 04 जीए 6481 का चालक के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा गाड़ी को तेजगति व लापरवाही से चलाकर मुस्तगीस के भाई देवाराम के टक्कर मारना जिससे मृत्यु होना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना सदर पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा ळें

मारपीट का मामला दर्ज


बाड़मेर अजाराम पुत्र लूम्भाराम मेगवाल नि. विशाला आगोर ने मुलजिम खेताराम पुत्र खींयाराम जाट नि. विशाला आगोर वगेरा 4 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा मुस्तगीस के खेत में पशु डालकर फसल नष्ट करना, मना करने पर मारपीट कर जातिगत शब्दो से अपमानित करना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना सदर पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा ळें

जैसलमेर कचहरी परिसर से सरकारी समाचार



जैसलमेर एवं पोकरण में 7 से 9 नवंबर तक विशेष योग्यजन प्रमाणीकरण शिविर
जैसलमेर, 2 नवंबर/शहरी क्षेत्र जैसलमेर एवं पोकरण में 7 नवम्बर से 9 नवम्बर 2012 तक विशेष योग्यजन प्रमाणीकरण शिविरों का आयोजन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा किया जा रहा है।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक हिम्मतसिंह कविया ने बताया कि माह अगस्त 2012 में आंगनवाड़ी कार्यकत्र्ताओं/सहायिकाओं द्वारा जिले में विशेष योग्यजनों का सर्वे किया गया था, उन्हें विकलांगता प्रमाण पत्र एवं पहचान कार्ड उपलब्ध कराये जाने के लिए ही ये शिविर आयोजित किये जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि प्रमाणीकरण शिविरों में चिकित्सा विभाग के सहयोग से मेडिकल बोर्ड की व्यवस्था की गई है जिसमें कनिष्ठ विशेषज्ञ अस्थि, नेत्र, नाक कान गला रोग विशेषज्ञ अपनी सेवाएं देकर विशेष योग्यजनों को विकलांगता प्रमाण पत्र उपलब्ध करवाएंगे।

शिविर में रोड़वेज विभाग के सहयोग से विशेष योग्यजनों को बस किराया रियायती पास उपलब्ध कराया जायेगा। शिविर में विभागीय योजनाओं के आवेदन पत्र विशेष योग्यजनों के तैयार होंगे। आस्था योजना के अन्तर्गत दो या दो से अधिक विशेष योग्यजन परिवारों वाले सदस्य को आस्था कार्ड जारी कर उपलब्ध कराया जायेगा। विश्वास योजना में विशेष योग्यजन को स्वरोजगार के लिये आवेदन पत्र तैयार करवाकर बैंक को अग्रेषित कर अनुदान की कार्यवाही की जायेगी।

सहायक निदेशक ने जनप्रतिनिधियों, नगरपरिषद्, नगरपालिका के सदस्यों से आग्रह किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में इसका अधिकाधिक प्रचार-प्रसार कराते हुए विशेष योग्यजनों को शिविर का लाभ दिलाने में भागीदारी अदा करें एवं शिविर में अपनी भी सहभागिता दर्ज कराएंं।

---000---

प्रशासन शहरों के संग अभियान

पूर्व तैयारी वाले शिविरों में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की गतिविधियां
जैसलमेर, 2 नवंबर/प्रशासन शहरों के संग अभियान 2012 के प्रभावी कार्य सम्पादन की दृष्टि से आयोजित अभियान में किये जाने वाले कायोर्ं के पूर्व तैयारी के शिविरों में विभाग द्वारा अपनी विभागीय योजनाओं के आवेदन पत्र तैयार करवाये जायेंगे एवं जरूरतमंद लोगों को सहायता स्वीकृत की जायेगी।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक हिम्मतसिंह कविया ने बताया कि इनमें बीपीएल चयनित परिवारों की पुत्रियों के विवाह के आवेदन पत्र तैयार करवाये जायेंगे एवं विधवाओं की पुत्रियों के विवाह की सहायता की स्वीकृति जारी की जायेगी।

इसके साथ ही विशेष योग्यजनों हेतु संचालित आस्था योजना विश्वास योजना, कृत्रिम अंग उपकरण के आवेदन पत्र तैयार कर स्वीकृति की कार्यवाही की जायेगी। पालनहार योजनान्तर्गत अनाथ बच्चों, विधवा की संतान को सहायता देने के आवेदन पत्र तैयार करवाये जाकर स्वीकृति जारी की जायेगी।

उन्होंने बताया कि विमुक्त एवं घुमन्तु जाति के बच्चों को स्कूल में प्रवेश कराने के लिए ऎसे बच्चों का चिह्नीकरण किया जाकर प्रवेश कराने की कार्यवाही की जायेगी। भिखारियों /अनाथों का चिह्नीकरण किया जायेगा। शहरी क्षेत्र में ऎसे कोई पात्र व्यक्ति जो भी इससे संबंधित है, सिटी डिस्पेन्सरी के पास गांधी कॉलोनी, जिला कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं।

उन्होंने जनप्रतिनिधियों/वार्ड मेम्बरों से आग्रह किया है कि अपने वार्ड में समस्याग्रस्त लोगों (जो कि योजना के पात्र हैं) के आवेदन पत्र तैयार कराकर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभागीय जिला कार्यालय को भिजवाने में अपना सहयोग प्रदान कराएंं। कार्यालय द्वारा निःशुल्क आवेदन पत्र उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है।

---000--

जैसलमेर में आयोडीन युक्त नमक पर कार्यशाला बुधवार को

जैसलमेर, 2 नवंबर/चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में आगामी 7 नवंबर बुधवार को पूर्वाह्न 10 बजे विभागीय बैठक हाल मेंं ‘गुणवत्तापूर्ण आयोडीनयुक्त नमक’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।

---000---

पोकरण में औद्योगिक प्रोत्साहन शिविर गुरुवार को

जैसलमेर, 2 नवंबर/जिला उद्योग केन्द्र जैसलमेर द्वारा आगामी 8 नवंबर, गुरुवार को सांकड़ा पंचायत समिति मुख्यालय पोकरण में औद्योगिक प्रोत्साहन शिविर लगाया जाएगा।

---000---

सुझाव आमंत्रित

जैसलमेर, 2 नवंबर/राज्य शहरीकरण आयोग द्वारा राजस्थान में शहरीकरण के सभी पहलुओं का अध्ययन कर दीर्घकालीन सुझाव देने के लिए नागरिकों से सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। यह सुझाव ‘सदस्य सचिव, राज्य शहरीकरण आयोग, नियोजन भवन, जेएलएन मार्ग, जयपुर’ को भिजवाए जा सकते हैं।

---000---

जैसलमेर में दर निर्धारण के लिए बैठक 20 नवंबर को

जैसलमेर, 2 नवंबर/जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जमीन एवं सम्पदाओं की बाजार दरों का पुनः निर्धारण करने के लिए जिलास्तरीय समिति की बैठक 20 नवम्बर को अपराह्न 4 बजे जिला कलक्ट्री सभा कक्ष में होगी।

---000---

जैसलमेर में जिला परिषद की बैठक 8 नवंबर को

जैसलमेर, 2 नवंबर/जैसलमेर जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक 8 नवंबर को प्रातः 11 बजे जिलाप्रमुख अब्दुला फकीर की अध्यक्षता में डीआरडीए सभागार में होगी। मुख्य कार्यकारी अधिकारी बलदेवसिंह उज्ज्वल ने बताया कि इसमें विभिन्न विभागों, जिला परिषद आदि की योजनाओं,गतिविधियों पर चर्चा होगी।

---000---

साक्षरता प्रेरकों के पारस्परिक स्थानान्तरण के लिए प्रस्ताव आमंत्रित

जैसलमेर, 2 नवंबर/साक्षर भारत मिशन कार्यक्रम अन्तर्गत संचालित ग्राम पंचायत लोक शिक्षा केन्द्रों पर कार्यरत साक्षरता प्रेरक के पारस्परिक स्थानान्तरण के लिए प्रस्ताव आवेदन आमंत्रित किये गये हैं।

जिला साक्षरता एवं सतत शिक्षा अधिकारी मोहनलाल बारूपाल ने प्रेरकों के पारस्परिक स्थानान्तरण एवं लोक शिक्षा केन्द्रों को राजीव गांधी सेवा केन्द्रों में स्थानान्तरित किये जाने संबंधी प्रस्ताव आवेदनों की जानकारी देते हुए बताया कि साक्षरता कार्यक्रम अन्तर्गत कार्यरत प्रेरक अपने इच्छित स्थान की ग्राम पंचायत हेतु पारस्परिक स्थानान्तरण चाहते हैं तो वह अपने प्रस्ताव आवेदन संबंधित विकास अधिकारी कार्यालय अथवा जिला साक्षरता एवं सतत शिक्षा अधिकारी कार्यालय से प्रारूप प्राप्त कर आवेदन कर सकते हैं वहीं लोक शिक्षा केन्द्रों की दूरी ग्राम पंचायत मुख्यालय से अधिक दूरी की स्थिति में लोक शिक्षा केन्द्र को राजीव गांधी सेवा केन्द्र में स्थानान्तरित किये जाने के प्रस्ताव भी संबंधित ग्राम पंचायत के माध्यम से प्रस्तुत किये जा सकते हैं।

बारूपाल ने इच्छुक प्रेरकों से आग्रह किया कि यदि वह पारस्परिक स्थानान्तरण अथवा केन्द्र स्थानान्तरण के इच्छुक हैं तो तत्काल अपने प्रस्ताव जिला साक्षरता एवं सतत शिक्षा अधिकारी कार्यालय को प्रस्तुत करें।

---000---

नाकारा सामग्री निस्तारण की समीक्षा बैठक सोमवार को
जैसलमेर, 2 नवंबर/सरप्लस/अनुपयोगी/अप्रचलित सामग्री के निस्तारण से संबंधित मासिक समीक्षा बैठक 5 नवंबर, सोमवार को अपराह्न 3 बजे जिला कलक्ट्री सभाकक्ष में जिला कलक्टर शुचि त्यागी की अध्यक्षता में होगी। यह जानकारी प्रभारी अधिकारी(लेखा) एवं जिला कोषाधिकारी रश्मि बिस्सा ने दी। जिला कोषाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे उनके विभाग द्वारा इस बारे में की गई कार्यवाही की प्रगति रिपोर्ट निर्धारित प्रपत्र में जिला कोष कार्यालय में प्रस्तुत करें।

---000---

मिशन-2013 में जुटीं वसुंधरा

मिशन-2013 में जुटीं वसुंधरा

जयपुर। मुख्यमंत्री की उम्मीदवारी पर छिड़ी जंग पीछे छोड़ते हुए नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे ने गुपचुप विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं।

चुनावी तैयारियों से जुड़ी इस कवायद को भारतीय जनता पार्टी में "मिशन-2013" नाम दिया गया है। बीते 20 दिनों में राजे ने जयपुर व धौलपुर में 30 जिलाध्यक्षों से बात करके पार्टी की नब्ज टटोली। दो चरणों में एक-एक करके जिलाध्यक्षों में गोपनीय मंत्रणा की। संगठनात्मक दृष्टि से भाजपा के 39 जिले हैं। तीसरे चरण में जयपुर में बचे 9 जिलाध्यक्षों से मिलने का सिलसिला जल्द शुरू हो सकता है।

मानसून सत्र में ही हुई थी शुरूआत
राजे ने 10 अक्टूबर को विधानसभा के मानसून सत्र में ही जिलाध्यक्षों से फीडबैक लेना शुरू कर दिया था। गिने-चुने नेताओं को ही इसकी भनक लगी। सत्र के दौरान वे 16 जिलाध्यक्षों से मिलीं और बाद में धौलपुर प्रवास के दौरान 14 जिलाध्यक्षों को बुलाकर बात की।

दोनों सरकारों में फर्क जाना
वसुंधरा ने जिलाध्यक्षों से जिले के हालात, संगठन की स्थिति, सरकार की विफलताओं से लेकर पिछली भाजपा सरकार और मौजूदा कांग्रेस सरकार के बीच फर्क जानने की कोशिश की। जन प्रतिनिधियों, पार्टी पदाधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के बर्ताव के बारे में भी जानकारी ली गई।

पूछे ये 5 सवाल
भाजपा के सांसद कैसा काम कर रहे हैं?
भाजपा के विधायक कैसा काम कर रहे है?
जिन सीटों पर भाजपा के एमपी-एमएलए नहीं हैं वहां पार्टी की क्या स्थिति है?
सरकार, मंत्री और कांग्रेसी विधायकों की छवि कैसी है?
प्रशासनिक अधिकारियों का बर्ताव कैसा रहता है?

इनसे की बात
इन जिलाध्यक्षों को जयपुर बुलाया

श्रीगंगानगर, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, जैसलमेर, सवाईमाधोपुर, दौसा, टोंक, सीकर, जोधपुर देहात, अजमेर शहर, अजमेर देहात, भीलवाड़ा, बाड़मेर, प्रतापगढ़, बूंदी, बीकानेर देहात

इन जिलाध्यक्षों को धौलपुर बुलाया
हनुमानगढ़, बीकानेर शहर, चूरू, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, अलवर, भरतपुर, कोटा देहात, झुंझुनूं, जयपुर देहात, जोधपुर शहर, नागौर, धौलपुर, झालावाड़
जिले में संगठन और मजबूत करने के लिए क्या कदम उठाएं?
कोई अतिरिक्त सुझाव?
मैडम ने बुलाकर बात की थी। जिले की समस्याओं से लेकर चुनाव की तैयारी व संगठन की स्थिति पर चर्चा हुई। मैडम और अध्यक्षजी से इस तरह की चर्चा होती रहती है।

दशरथ सिंह, जिलाध्यक्ष झुंझुनूं
नेता प्रतिपक्ष ने बुलाकर फीडबैक लिया था। सरकार के बारे में भी पूछा और पार्टी गतिविधियों की जानकारी ली।
प्रहलाद पंवार, जिलाध्यक्ष कोटा देहात

शोर बर्दाश्‍त नहीं हुआ तो क्‍लासरूम में ही कर दिया मासूम का मर्डर

चक्रधरपुर। झारखंड में महज बच्चों के शोरगुल से परेशान होकर एक ग्रामीण ने चलते क्लास में पहली कक्षा की छात्रा छह वर्षीय जसमी मुर्मू की पेट में चाकू मार कर हत्या कर दी। पांचवीं के छात्र शिवनाथ दिग्गी को भी चाकू से कई वार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। वारदात गुरुवार दोपहर पश्चिमी सिंहभूम जिले में चक्रधरपुर स्थित दिगीलोटा प्राथमिक स्कूल में हुई। घटना के वक्त स्कूल में 46 बच्चे थे और शिक्षक एक भी नहीं। स्कूल रसोइए के भरोसे था। गुस्साए ग्रामीणों ने हमलावर को मारपीट कर पुलिस के हवाले कर दिया।
शोर बर्दाश्‍त नहीं हुआ तो क्‍लासरूम में ही कर दिया मासूम का मर्डर 
मामले की चश्मदीद चौथी कक्षा की छात्रा रंजीता महतो ने बताया कि वह सहेलियों के साथ क्लास में पढ़ रही थी। कुछ बच्चे मैदान में खेल रहे थे। तभी, स्कूल के बगल में रहनेवाला मदन गोप (40) हाथ में बड़ा सा चाकू लेकर क्लास में आ धमका। उसके चिल्लाते ही क्लास में भगदड़ मच गई। मदन ने जसमी को पकड़ा और उसके पेट में चाकू से कई वार किए। उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इसके बाद मदन पर हैवानियत सवार हो गई। वह सभी बच्चों की हत्या करने पर उतारू था। इसी बीच, उसने शिवनाथ दिग्गी को पकड़ा और उसे भी चाकू मारकर घायल कर दिया।

रसोइया भागी

रसोइया शांति महतो ने बताया कि मैं मिड डे मील बना रही थी। बच्चे क्लास रूम में पढ़ाई कर रहे थे। मदन गोप के हमले के बाद मैं डर के मारे स्कूल से भाग गई थी।

शिक्षक थे बैठक में

स्‍कूल के शिक्षक शंभु चरण ने बताया कि स्कूल खोलने के बाद मैं 12 बजे बूथ लेवल ऑफिसर द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल होने सोनुवा चला गया था। एक बजे वारदात हो गई। मिड डे मील की रिपोर्ट सौंपने के लिए बैठक में शामिल होना जरूरी था।

गांव में मातम, शिवनाथ अस्पताल में

सीताराम मुर्मू की बेटी जसमी अपनी मां की लाडली थी। बेटी को याद कर मां बार-बार बेहोश हो जा रही थी। शिवनाथ के घर में भी यही हाल था। उसे गंभीर हालत में टीएमसीएच में भर्ती कराया गया है।

मैं तो सभी बच्चों को मार देता : मदन

बच्चों की चीख सुनकर ग्रामीण वहां पहुंचे। मदन को पकड़कर धुनाई की और हाथ-पैर तोड़ दिए। करीब चार घंटे बाद सोनुवा पुलिस वहां पहुंची। पूछताछ में मदन ने बताया कि बच्चे दो साल से उसे परेशान कर रहे थे, इसलिए उसने हमला किया। उसका बस चलता तो वह सभी बच्चों को मार डालता।

तलाक में नहीं चलेगी शौहरों की मनमर्जी

श्रीनगर. जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने कहा है कि मुस्लिम पुरुषों के तलाक के अधिकार सीमाओं से बंधे हैं। असीमित नहीं हैं। जस्टिस हसनैन मसूदी ने शरीयत और कुरान का हवाला देते हुए फैसला दिया है। इसमें कहा कि इनमें तलाक को अंतिम विकल्प के तौर पर माना गया है। कोर्ट ने तलाक के तीन अलग-अलग प्रकारों का जिक्र किया।
तलाक में नहीं चलेगी शौहरों की मनमर्जी 
तलाक-ए-अहसान का ऐसा तरीका है जिसे कुरान में मंजूरी दी गई है। जज ने कहा है कि यह नहीं कहा जा सकता कि यह पाबंदियां तलाक-ए-बिधि पर लागू नहीं होनी चाहिए। तलाक-ए-बिधि में पाबंदियों को सख्ती से लागू किए जाने की जरूरत है। तलाक के इस तरीके को हतोत्साहित किया जाता है।

कोर्ट ने कहा कि तलाक को अंतिम विकल्प बताया गया है। पति यह कहकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकता कि उसने तलाक ले लिया है। उसे यह बताना और साबित करना होगा कि पति-पत्नी के बीच सुलह कराने के दोनों पक्षों ने प्रयास किए। लेकिन यह सफल नहीं हुए। इसके लिए वह दोषी नहीं ठहराया जा सकता। इसके अलावा उसे पत्नी से तलाक लेने का जायज कारण बताना होगा।


तलाक-ए-अहसानः दो मासिक के बीच की अवधि के दौरान एक बार तलाक बोलना। इसके बाद इद्दत (इंतजार की अवधि) के दौरान शारीरिक संबंध न रखना।

तलाक-ए-हसनः तीन तुह्र के दौरान तीन बार तलाक बोलना। तीनों के दौरान शारीरिक संबंध न रखना।

तलाक-ए-बिधिः एक ही तुह्र के दौरान एक ही वाक्य में या अलग अलग वाक्यों में या लिखित में तीन बार तलाक बोलना। यह पति की परी तरह से संबंध विच्छेद की मंशा को दर्शाता है।

271 आरएएस को मिली पदोन्नति , 74 को अबव सुपर टाइम स्केल

.लंबे इंतजार के बाद गुरुवार को आरएएस के 271 अफसरों को पदोन्नति दे दी गई। कार्मिक विभाग से जारी की गई इस सूची में 2012-13 में होने वाली रिक्तियों के विरुद्ध 74 अफसरों को सुपर टाइम स्केल से अबव सुपर टाइम वेतन श्रंखला में पदोन्नत किया गया है। इनमें 54 अफसरों को पदोन्नति दी और एक पद सील्ड कवर में आरक्षित रखा गया है। वहीं, 19 अफसरों से वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन (एपीएआरएस) नहीं मिलने के कारण उनकी पदोन्नति स्थगित रखी है। इनके लिए पद खाली रखे गए हैं।
 
पदोन्नत किए गए सभी अफसरों को अपने वर्तमान पदों पर ही ज्वाइन करने के निर्देश दिए गए हैं। पदोन्नत अफसरों में आठ अफसरों सुमति लाल बोहरा, एम.एल. खींची (एससी), डी.आर. मीणा (एसटी), अशोक यादव (एससी), रतनलाल लाहोटी, एच.एस. भारद्वाज, रेखा गुप्ता और सी.एस. मूथा ने अब तक अचल संपत्ति का ब्यौरा पेश नहीं किया है। इनकी पदोन्नति ब्यौरा देने तक के लिए रोक दी है।

आदेशों के अनुसार 2012 के लिए सुपर टाइम स्केल में 76, सलेक्शन स्केल में 235, सीनियर स्केल में 201 अफसरों की वरिष्ठता सूची जारी की है। यह सूची कार्मिक विभाग की वेबसाइट पर है।

एपीएआरएस नहीं मिलने से इनकी पदोन्नति स्थगित :

ए.के. भंडारी, हेमंत शेष, जी.एल. गुप्ता, राम खिलाड़ी मीणा (एसटी), लक्ष्मी बैरवा (एससी), लालचंद असवाल (एससी), धर्मेंद्र भटनागर, श्रीराम मीणा (एसटी), एम.एम. जोशी, अजय सिंह, छुट्टन लाल मीणा (एसटी), शकुंतला सिंह (एसटी), बी.एल. नवल (एससी), शिव कुमार अग्रवाल, अनिल कुमार चपलोत, विनोद अजमेरा, निवेदिता मेहरू, एस.एम. कुरैशी और जी.पी. शुक्ला।

अबव सुपर टाइम में पदोन्नत (वरिष्ठता क्रम में) :

प्रमिला सुराणा, सुनील धारीवाल, हनुमान सिंह भाटी, एम.पी. स्वामी, राजेश यादव, ए.के. सांवरिया (एससी), एम.एस. काला (एससी), हंसा सिंह देव (एसटी), जी.के. तिवारी, श्रीराम चोरड़िया (एससी), सुवालाल (एससी), आर.एस. मीणा (एसटी), वेद प्रकाश (एससी), ओम प्रकाश सहारण, भीखालाल गुप्ता, हनुमंत सिंह भाटी, के.के. सिंघल, सी.एस. बेनीवाल, एस.एस. सोहता (एससी), गौतम मुखर्जी, शरवन साहनी, बसंत कुमार डोसी, ओम प्रकाश यादव, ललित कुमार गुप्ता, बजरंग लाल शर्मा, मधु सुदन शर्मा, भंवर लाल कंदोई, छाया भटनागर, चैन सिंह पंवार, एन.पी. शर्मा, एच.एस. मीणा (एसटी), विनिता बोहरा, एस.एन. लाठी, विक्रम सिंह चौहान, कैलाश चंद अग्रवाल, लोकनाथ सोनी, पुरुषोत्तम बियानी, शुचि शर्मा, महावीर प्रसाद शर्मा, महेश भारद्वाज, विमल कुमार जैन, मनोज कुमार शर्मा, सोमनाथ मिश्रा, नारायण लाल मीणा (एसटी), राम पाल शर्मा, बी.एल. स्वर्णकार। इनमें संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने वाले अफसरों के नाम शामिल नहीं है। मिरजू राम शर्मा की सिफारिश सील्ड कवर में रखी गई है।

मुख्यमंत्री की पहल पर की गई डीपीसी के बाद अब 75 आरएएस अधिकारियों के आईएएस बनने का रास्ता खुल गया है। सुप्रीम कोर्ट के 29 अगस्त, 2012 के आदेश की पालना में सभी विभागों की डीपीसी की बैठकें करवाकर पदोन्नतियों का सिलसिला शुरू किया गया। मुख्यमंत्री ने बजट में अबव सुपर टाइम स्केल के नए पद सृजित करने की घोषणा की थी।

यह पद राजस्थान प्रशासनिक, पुलिस और लेखा सेवा के अधिकारियों को अखिल भारतीय सेवाओं के अनुरूप पदोन्नति देने के लिए बनाया गया। आरपीएस के 20 अफसरों को आईपीएस और राजस्थान वन सेवा के 32 अफसरों को आईएफएस में पदोन्नत करने की कार्रवाई जल्द की जाएगी।

क्या होगा फायदा


सुपर टाइम से अबव सुपर टाइम स्केल में चयनित हुए अफसरों को वित्तीय रूप में 3000 से 4000 रुपए तक प्रतिमाह का फायदा होगा। वहीं, सलेक्शन स्केल से सुपर टाइम होते हुए अबव सुपर टाइम स्केल में पदोन्नत अफसरों को 15,000 रुपए प्रतिमाह या इससे अधिक का फायदा होगा।

गफूर भट्टा में चला बुलडोजर


गफूर  भट्टा में चला बुलडोजर


जैसलमेर  नगरपरिषद का अतिक्रमण हटाओ अभियान जारी है। गुरुवार को नगरपरिषद के अतिक्रमण दस्ते ने गफूर भट्टा क्षेत्र में बुलडोजर चलाया। हालांकि वर्तमान में केवल इस क्षेत्र में रास्ते साफ किए जा रहे हैं और गैर आबाद झोंपे हटाए जा रहे हैं। आगामी दिनों में त्योहारों को देखते हुए रहवासी झोंपों को नहीं तोड़ा जा रहा है। नगरपरिषद के अधिकारियों के अनुसार दीपावली के बाद कच्ची बस्तियों में युद्ध स्तर पर कार्रवाई की जाएगी। गुरुवार को गफूर भट्टा के एन ब्लॉक में नगरपरिषद ने कार्रवाई की। यहां 30 फीट चौड़े रास्ते को क्लियर किया गया ताकि आगामी दिनों में विकास के कार्य हो सके। वहीं इन रास्तों के बीच में आ रहे गैर आबाद झौंपो को भी जेसीबी की मदद से हटाया गया।

दोपहर बाद शुरू हुई कार्रवाई देर शाम तक चलती रही

गफूर भट्टा क्षेत्र के एन ब्लॉक में गुरुवार को दोपहर बाद करीब तीन बजे अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की गई। लोगों के विरोध की आशंका को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त मात्रा में पुलिस जाब्ता भी नगरपरिषद के अतिक्रमण दस्ते के साथ था। हालांकि रास्ता साफ करने के दौरान किसी भी प्रकार का विरोध नहीं हुआ। देर शाम तक एन ब्लॉक के विभिन्न मार्गों को सुचारू कर दिया गया।

प्रशासन ने भेजा प्रतिनिधि

अतिक्रमण हटाने के दौरान किसी भी प्रकार की पक्षपात न हो और निष्पक्ष रूप से कार्रवाई हो, इसके लिए प्रशासन की ओर से फतेहगढ़ तहसीलदार नाथू सिंह राठौड़ को प्रतिनिधि के रूप में लगाया गया है। नगरपरिषद के आयुक्त माहेश्वरी व तहसीलदार राठौड़ के नेतृत्व में गुरुवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई।

रुक रुक कर चल रहा है अभियान

पिछले एक माह से नगरपरिषद का अतिक्रमण हटाओ अभियान चल रहा है। लेकिन इसकी गति काफी धीमी है। रुक रुक कर चल रहे इस अभियान के तहत एक दिन कार्रवाई होती है और उसके बाद कई दिनों तक मामला शांत रहता है। फिर उसके बाद कार्रवाई शुरू होती है। गौरतलब है कि करीब 15 -20 दिन पहले गफूर भट्टा में तीन दिन तक अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई हुई थी और उसके बाद गुरुवार को फिर से कार्रवाई शुरू हुई।

ट्रेन की चपेट में आने से दो युवको की मौत


ट्रेन की चपेट में आने से दो युवको की मौत

बाड़मेर जिले के सरहदी गाँव गागरिया में स्कूल से लौट रहा बालक ट्रेन की चपेट में आ गया जिससे उसकी मौत हो गई ,गागरिया गाँव के समीप रेल पटरिय पार कर रहा अठारह वर्षीय युवक ट्रेन की चपेट में आ गया ,जिससे उसके शारीर के दो तुकडे हो गए .इसी तरह बालोतरा मेगा हाइवे पर बने पुलिए के पास ट्रेन की चपेट में आने से युवक की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार लखाराम पुत्र हेमाराम भील ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि गुरुवार शाम करीब 4 बजे बाड़मेर से जोधपुर की ओर जाने वाली साधारण सवारी गाड़ी के चपेट में आने से उसके पुत्र फूसाराम (17) की मौत हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर मर्ग की कार्रवाई शुरू की।


स्कूल बस की टक्कर से बालक की मौत

बाड़मेर धोरीमन्ना थाना क्षेत्र में एक स्कूल बस की टक्कर से बालक की मौत होने का मामला सामने आया है। पुलिस के अनुसार धोरीमन्ना निवासी मेवाराम पुत्र जोगाराम ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि उसका पोता कुंदन कुमार घर के बाहर खेल रहा था। इसी दौरान एक स्कूल बस के चालक ने तेज गति व लापरवाही पूर्वक वाहन चलाकर उसे टक्कर मार दी। बस का अगला टायर बालक के सिर के ऊपर से गुजरने के कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गई। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाया। इसके बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया। स्कूल बस पुलिस ने जब्त कर ली। वहीं बस चालक घटना के बाद फरार हो गया।

अब सरहदी गांवों में भी हो सकेगी एड्स की जांच


अब सरहदी गांवों में भी हो सकेगी एड्स की जांच


स्वास्थ्य विभाग ने 13 गांवों में खोले आईसीटीसी सेंटर


बाड़मेर एड्स को लेकर बाड़मेर बी ग्रेड में होने के कारण स्वास्थ्य विभाग ने 13 नए गांवों में आईसीटीसी सेंटर खोले हैं। इससे इन गांवों में अब एड्स की जांच हो सकेगी। इससे पहले लोगों को जांच करवाने के लिए गांव से ब्लॉक तक आना पड़ता था। इससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। खासकर गर्भवती महिलाओं को।

इन गांवों में खुले सेंटर: जसोल, मंडली, पाटोदी, गागरिया, बाटाडू, बुनिया, दाखा, भांड, नोखड़ा, पायलां कलां, बुरहान का तला, धनाऊ व सेड़वा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर नए आईसीटीसी सेंटर खोले गए। जिला अस्पताल, उप जिला अस्पताल, 14 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पहले से ही आईसीटीसी सेंटर बने हुए हैं। अब 13 नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आईसीटीसी सेंटर खोले गए। इन सेंटरों से गर्भवती महिलाओं को सबसे ज्यादा सहूलियत होगी। गर्भवती महिलाओं की होने वाली एड्स की जांच करवाने के लिए अब तक गर्भवती महिलाओं को दूर दराज के गांवों से आने में परेशानी हो रही थी। लेकिन अब विभाग ने गांवों में भी यह सुविधा मुहैया करवाने के लिए कदम रखा है। अभी तक 16 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच की सुविधा हो गई है।

॥ जिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डिलेवरी लोड ज्यादा था, उनपर अभी आईसीटीसी सेंटर खोले गए हैं। जिससे एड्स के जांच के लिए गर्भवती महिलाओं को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। साथ ही आम लोगों को भी सेंटर से राहत मिलेगी। 
बी.एस. गहलोत, डिप्टी सीएमएचओ  

तीन पुत्रों को दो माह की सजा, गिरफ्तार करने के आदेश


तीन पुत्रों को दो माह की सजा, गिरफ्तार करने के आदेश

माता पिता की  सेवा  नहीं  करने  पर 
 

भरण पोषण अधिनियम के तहत माता-पिता को प्रतिमाह एक हजार रुपए नहीं देने पर एसडीएम गुड़ामालानी ने सुनाई सजा

बाड़मेर माता-पिता को भरण पोषण के लिए प्रतिमाह एक हजार रुपए की राशि नहीं देना तीन पुत्रों के लिए भारी पड़ गया है। बाड़मेर के गुड़ामालानी में उपखंड स्तर पर स्थापित अधिकरण ने इस मामले में तीन जनों को दो माह के सिविल कारावास की सजा सुनाई है। गौरतलब है कि संसद की ओर से पारित कानून को राजस्थान में वर्ष 2010 में लागू किया गया था।

...तो अब खाओ जेल की हवा: प्रकरण संख्या-1/12 के तहत दिए गए फैसले की पालना में जब सोनाराम के तीन पुत्रों बुधराम, पेमाराम व किसनाराम ने भरण पोषण की राशि देने से मना कर दिया तो कोर्ट ने गुरुवार को इन तीनों को 2-2 माह की सिविल कारावास से दंडित किया। वहीं एसएचओ को तीनों को अविलंब गिरफ्तार कर उपाधीक्षक जिला कारागृह को सुपुर्द कर इसकी रिपोर्ट न्यायालय में पेश करने के निर्देश दिए हैं।

क्या है मामला

सात बेटों की ओर से भरण पोषण नहीं करने और घर से बेदखल करने पर बाड़मेर जिले की गुड़ामालानी तहसील के नया कुआं निवासी सोनाराम पुत्र भागचंद ने 27 जुलाई को उपखंड मजिस्ट्रेट कोर्ट में प्रकरण दर्ज करवाया था। जिस पर न्यायालय ने भरण पोषण अधिनियम की उप धारा 5 के तहत पुलिस थाना गुड़ामालानी के एसएचओ को सोनाराम के प्रत्येक बेटे से एक-एक हजार रुपए वसूल कर मुहैया करवाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद एसएचओ स्तर पर इसकी पालना नहीं होने पर कोर्ट ऑफ कंटेम के तहत नोटिस जारी किया गया। इस पर थानाधिकारी ने जब सोनाराम के सात पुत्रों से राशि वसूलने की प्रक्रिया शुरू की तो चार बेटों ने तो राशि दे दी, लेकिन तीन बेटों ने इनकार कर दिया।



॥भरण पोषण अधिनियम के तहत कोर्ट के आदेश की पालना में सोनाराम के बेटों से राशि वसूली थी, तीन बेटों ने राशि देने से इनकार कर दिया था। सजा के संबंध में आदेश की कॉपी प्राप्त नहीं हुई है, मिलने पर इसकी पालना की जाएगी।

गौरव अमरावत, एसएचओ, पुलिस थाना-गुड़ामालानी