तीन पुत्रों को दो माह की सजा, गिरफ्तार करने के आदेश
माता पिता की सेवा नहीं करने पर
भरण पोषण अधिनियम के तहत माता-पिता को प्रतिमाह एक हजार रुपए नहीं देने पर एसडीएम गुड़ामालानी ने सुनाई सजा
बाड़मेर माता-पिता को भरण पोषण के लिए प्रतिमाह एक हजार रुपए की राशि नहीं देना तीन पुत्रों के लिए भारी पड़ गया है। बाड़मेर के गुड़ामालानी में उपखंड स्तर पर स्थापित अधिकरण ने इस मामले में तीन जनों को दो माह के सिविल कारावास की सजा सुनाई है। गौरतलब है कि संसद की ओर से पारित कानून को राजस्थान में वर्ष 2010 में लागू किया गया था।
...तो अब खाओ जेल की हवा: प्रकरण संख्या-1/12 के तहत दिए गए फैसले की पालना में जब सोनाराम के तीन पुत्रों बुधराम, पेमाराम व किसनाराम ने भरण पोषण की राशि देने से मना कर दिया तो कोर्ट ने गुरुवार को इन तीनों को 2-2 माह की सिविल कारावास से दंडित किया। वहीं एसएचओ को तीनों को अविलंब गिरफ्तार कर उपाधीक्षक जिला कारागृह को सुपुर्द कर इसकी रिपोर्ट न्यायालय में पेश करने के निर्देश दिए हैं।
सात बेटों की ओर से भरण पोषण नहीं करने और घर से बेदखल करने पर बाड़मेर जिले की गुड़ामालानी तहसील के नया कुआं निवासी सोनाराम पुत्र भागचंद ने 27 जुलाई को उपखंड मजिस्ट्रेट कोर्ट में प्रकरण दर्ज करवाया था। जिस पर न्यायालय ने भरण पोषण अधिनियम की उप धारा 5 के तहत पुलिस थाना गुड़ामालानी के एसएचओ को सोनाराम के प्रत्येक बेटे से एक-एक हजार रुपए वसूल कर मुहैया करवाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद एसएचओ स्तर पर इसकी पालना नहीं होने पर कोर्ट ऑफ कंटेम के तहत नोटिस जारी किया गया। इस पर थानाधिकारी ने जब सोनाराम के सात पुत्रों से राशि वसूलने की प्रक्रिया शुरू की तो चार बेटों ने तो राशि दे दी, लेकिन तीन बेटों ने इनकार कर दिया।
॥भरण पोषण अधिनियम के तहत कोर्ट के आदेश की पालना में सोनाराम के बेटों से राशि वसूली थी, तीन बेटों ने राशि देने से इनकार कर दिया था। सजा के संबंध में आदेश की कॉपी प्राप्त नहीं हुई है, मिलने पर इसकी पालना की जाएगी।
गौरव अमरावत, एसएचओ, पुलिस थाना-गुड़ामालानी
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