मंगलवार, 23 अक्टूबर 2012

श्रद्धाजंलि सभा का आयोजन आज

श्रद्धाजंलि सभा का आयोजन आज


बाड़मेर, 23 अक्टूंबर।
जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा कांग्रेस आई के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रामनारायण चैधरी के निधन होने पर आज बुधवार को कांग्रेस कार्यालय में सुबह 11 बजे श्रद्धांजलि सभा का आयोजित कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए जाएगे।
यह जानकारी देते हुए कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष फतेह खां ने बताया कि कांग्रेस आई के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रामनारायण चैधरी के निधन से कांग्रेस को बड़ा आघात लगा हैं, चैधरी जनता से जुड़े हुए नेता थे। उनकी इसी छवि के कारण आज सभी लोग उन्हें याद कर रहे हैं। कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष यज्ञदत्त जोशी के मुताबिक चैधरी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा बुधवार सुबह 11 बजे कांग्रेस कार्यालय में श्रद्धांजलि दी जाएगी।

किसानो ने सरकार को चेताया किसी भी कीमत पर नहीं देंगे जमीन

शिवकर भूमि अवाप्ति के विरोध में रैली एवं धरना शुरू


किसानो ने सरकार को चेताया किसी भी कीमत पर नहीं देंगे जमीन


बाड़मेर शिवकर लिग्नाईट परियोजना के लिए अवाप्त की जाने वाली शिवकर बेल्ट की जमीन के विरोध में प्रभावित किसानो ने लीगल मित्र संस्था के बैनर तले जिला कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर धरना आरम्भ किया इससे पहले मंगलवार को प्रातः ग्यारह बजे अवाप्ति के विरोध में मुंह पर पट्टिया बाँध कर मौन मार्च निकाला लीगल मित्र संस्थान के प्रभारी विक्रम सिंह तारातरा ने बताया की मौन मार्च में सेकड़ो किसानो ने शिरकत कर अवाप्ति का विरोध किया. मौन मार्च गांधी चौक से कलेक्टर कार्यालय तक निकाला गया. बाड़मेर में पहली बार लोगों ने बेहद शांतिपूर्ण तरीके से लोगों ने मुंह पर पट्टिया बांध कर सरकार की अपारदर्शी नीति का विरोध करते हुए रैली निकाली जिसमे किसानो के साथ बाड़मेर के आम लोग भी शामिल थे. किसानो के साथ लीगल मित्र के सचिव रितेश शर्मा ने कलेक्ट्रेट पहुँच जिला कलेक्टर भानु प्रकाष एटरू को पैतालीस पेज का ज्ञापन सौंपा .ज्ञापन देने के बाद किसान धरने पर बैठ गए .धरने में किसानो को संबोधित करते हुए सचिव रितेश शर्मा ने कहा की राज्य सरकार लोक हित के नाम पर मनमाने ढंग से जमीने अवाप्त कर रही हें जो उचित नहीं हें ,उन्होंने कहा की किसानो को पशुपालन और कृषि कार्यो से वंचित रखने का षड़यंत्र हें ,शर्मा ने कहा की सरकार ने प्रभावित किसानो को अवाप्ति का कोई कारण नहीं बता जमीन से बेदखल करने का प्रयास हें ,किसान छगन सिंह राठोड ने कहा की किसान बार बार सरकार की नीतियों के झांसे में आने वाला ,उन्होंने ने सरकार को चेताते हुए दो टूक शब्दों में कहा की किसान किसी भी कीमत पर भूमि अवाप्त नहीं होने देंगे।उन्होंने कहा की सरकार बार बार राष्ट्रीय हित का झांसा देकर किसानो को बरगलाती आ रही हें मगर इस बार किसान सरकार को मूंह तोड़ जवाब देंगे .इस अवसर पर छत्र संघ अध्यक्ष रघुवीर सिंह तामलोर ने कहा की सरकार जरुरत के हिसाब से भूमि अवाप्त करे .उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा की सरकार किसानो से सब कुछ छीन कर उनके साथ अत्याचार कर रही हें ,किसान अब अत्याचार सहन नहीं किया जाएगा ,तामलोर ने कहा की सरकार पहले यह साफ़ करे की शिवकर बेल्ट की जमीन किस प्रयोजनार्थ अवाप्त की जा रही हें ,उन्होंने कहा की सरकार किसानो से तथ्य को छुपाकर जमीन अवाप्त करने का प्रयास कर रही हें ,,

इस अवसर पर स्वरुप सिंह आगोर ने कहा कि भादरेश में किसानो के साथ जो सरकार ने किया संबके सामने हें ,उन्होंने कहा की शिवकर की जमीन के अवाप्ति का कोई औचित्य नहीं हें ,कैलाश कोटडिया ने कहा की सरकार विकास के नाम पर बाड़मेर को गर्त में डाल रही हें ,उन्होंने कहा की सरकार ने इस परियोजना की अवाप्ति के लिए जनसुनवाई कर रही हें जिसका कोई औचित्य नहीं क्योंकि किसानो को यह भी पता नहीं की जमीन क्यों अवाप्त हो रही हैं सरकार को इसका जवाब देना होगा ..संस्था के द्वारा आयोजित धरने में शिवकर क्षेत्र के सैकड़ों किसानो ने हिस्सा लिया ,धरने पर रेवन्तसिंह, उदयसिह, पदमसिह, दुर्जनसिंह, पन्नेसिंह, मेवसिंह, अग्रेन्द्र कुमार मेगवाल, तमाचीराम मेगवाल, नारायणसिह, एडवोकेट डूगरसिह महेचा, एडवोकेट उदयभानुसिह मेवसिंह कुड़ला, विशनाराम मेगवाल संरपच, ईश्वरलाल सोनी, शम्भूसिंह, मूलाराम भाभू, छेलाराम मेघवाल, नरेन्द्रसिह खारा, रवि जैन, कपिल बोथरा, रमेशसिंह ईन्दा, ताराचन्द खत्री, डूगरसिंह गोरडिया, अशोक सारला, गोपालसिंह रावलोत, प्रवीणसिंह आगौर, रतनसिंह चूली, लक्ष्मणसिह गोदारा, सोहनसिंह शिवकर, मुकेश सोनी, हठेसिंह रामदेरिया, हयात खां, समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे।

कचहरी परिसर से सरकारी समाचार मंगलवार

कचहरी परिसर से सरकारी समाचार मंगलवार   

शिक्षा में गुणात्मक सुधार पर जोर 

निरीक्षण के दौरान शिक्षा का स्तर परखने की हिदायत


बाडमेर, 23 अक्टूबर। जिला कलेक्टर भानु प्रकाश एटूरू ने जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार लाने के निर्देश दिए है। उन्होने कहा कि विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान प्रशासनिक कार्यो के अलावा विशेष रूप से शैक्षणिक स्तर को परखा जाए। यह निर्दो उन्होने मंगलवार को एम.डी.एम. कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान दिए।
इस मौके पर जिला कलेक्टर ने कहा कि शिक्षा से जुडे अधिकारियों का मुख्य दायित्व शैक्षणिक स्तर में सुधार का होना चाहिए तथा वे अपने निर्धारित निरीक्षणों के दौरान विद्यालयों में मिड डे मिल तथा प्रशासनिक कार्यो के अलावा कक्षाओं में जाकर बच्चों का शैक्षणिक स्तर परखे तथा निर्धारित मानकों के अनुरूप शैक्षणिक स्तर नहीं होने पर संबंधित शिक्षकों को स्पष्टीकरण जारी करें तथा एक ही शिक्षक को तीनचार बार स्पष्टीकरण जारी होने के बावजूद उसकी कक्षाओं में शिक्षा के स्तर में सुधार नहीं होने पर उसे आरोप पत्र जारी किया जाए। उन्होने सितम्बर माह के दौरान ब्लॉक प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा किये गये निरीक्षण रिपोर्टो को मंगाकर जिला शिक्षा अधिकारी को उनका अध्ययन करने के निर्देश दिए।
तालाबंदी पर शिक्षकों को आरोप पत्र
जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिले के किसी भी विद्यालय में विद्यार्थियों द्वारा तालाबन्दी किये जाने पर संबंधित विद्यालय के शिक्षकों की जिम्मेदारी तय कर उन्हें आरोप पत्र जारी किये जाएगें। उन्होने कडे निर्देश दिए कि किसी भी विद्यालय में तालाबन्दी की नौबत नहीं आनी चाहिए।
आवंटन का तय समय में हो वितरण
इस मौके पर एटूरू ने कहा कि विद्यालयों में मिड डे मील का पर्याप्त मात्रा में स्टॉक रहना चाहिए तथा किसी भी हालत में स्टॉक खत्म होने पर भोजन पकना बन्द होने की हालत नहीं होनी चाहिए। उन्होने उठाव व वितरण की समीक्षा की व भोजन पकाने वाली महिलाओं को समय पर कन्वरजेन्सन राि के भुगतान के निर्दो दिए। उन्होने सभी विद्यालयों में किचन भोड के निर्माण की हिदायत दी तथा वंचित विद्यालयों में अति भाीध्र किचन भोड के निर्माण को कहा। उन्होने बताया कि बफर स्टॉक निर्धारित मात्रा से अधिक नहीं होना चाहिए तथा संबंधित ठेकेदार द्वारा निर्धारित समय में उठाव के बाद खाद्यान्न का वितरण विद्यालयों में कर दिया जाए।
ओन लाईन फिडिंग
जिला कलेक्टर ने कार्यक्रम में मानदेय भुगतान तथा ओन लाईन फिडिंग की भी समीक्षा की तथा इसमें लापरवाही बरतने पर कडी कार्यवाही के निर्दो दिए। उन्होने कहा कि आंकडों की फिडिंग अद्यतन रूप से होनी चाहिए। उन्होंने सोफ्ट वेयर के अनुसार अद्यतन आंकड़ो के फिडिंग के भी निर्देश दिए। साथ ही उन्होने विद्यालयों में भौतिक सुविधाएं जुटाने को विद्यालय प्रबन्धन समितियों को निर्देश प्रेषित करने को कहा।
इससे पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.आर. गुगरवाल ने मिड डे मील कार्यक्रम की प्रगति से अवगत कराया। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी पृथ्वीराज दवे समेत सभी ब्लॉक िक्षा अधिकारी उपस्थित थे।


जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक 26 को
बाडमेर, 23 अक्टूबर। जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक जिला प्रमुख श्रीमती मदन कौर की अध्यक्षता में 26 अक्टूबर को दोपहर 12.15 बजे जिला परिषद के सभा कक्ष में आयोजित की जाएगी।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.आर. गुगरवाल ने बताया कि उक्त बैठक में गत बैठक की कार्यवाही विवरण का अनुमोदन, पेयजल, विद्युत, सडक एवं स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर चर्चा के अलावा राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना की प्रगति तथा जिला परिषद द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जाएगी।
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विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक 29 को
बाडमेर, 23 अक्टूबर। जिला परिषद द्वारा संचालित विभिन्न विकास योजनाओं की सितम्बर माह तक की प्रगति की समीक्षा बैठक जिला कलेक्टर भानु प्रकाश एटूरू की अध्यक्षता में 29 अक्टूबर को सायं 4.00 बजे कांफ्रेन्स हॉल में आयोजित की जाएगी।
मुख्य कार्यकारी अघिकारी एल.आर. गुगरवाल ने बताया कि उक्त बैठक में सितम्बर माह तक की वितीय एवं भौतिक प्रगति, महात्मा गांधी नरेगा योजना की प्रगति, भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्रों की प्रगति, मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना, इन्दिरा आवास योजना की प्रगति सहित विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की जाएगी।
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अभाव अभियोग निराकरण समिति की बैठक 30 को
बाडमेर, 23 अक्टूबर। जिला जन अभाव अभियोग निराकरण समिति की बैठक जिला कलेक्टर भानु प्रकाश एटूरू की अध्यक्षता में 30 अक्टूबर को प्रातः 11.30 बजे कलेक्ट्रेट कांफ्रेन्स हॉल में आयोजित की जाएगी।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरूण पुरोहित ने बताया कि उक्त बैठक में समिति के समक्ष विचाराधीन प्रकरणों के अलावा जिले में कानून व शांति व्यवस्था, बिजली, पानी, शिक्षा, रसद, परिवहन व्यवस्था आदि पर चर्चा की जाएगी।
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अत्याचार निवारण संबंधी बैठक 30 को
बाडमेर, 23 अक्टूबर। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति के व्यक्तियों पर अत्याचार निवारण संबंधी बैठक जिला कलेक्टर भानु प्रकाश एटूरू की अध्यक्षता में 30 अक्टूबर को दोपहर 3.30 बजे आयोजित की जाएगी।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरूण पुरोहित ने बताया कि उक्त बैठक के पश्चात 30 अक्टूबर को सायं 4.00 बजे महिलाओं पर अत्याचार निवारण, 4.15 बजे पुलिस व अभियोजन के मध्य समन्वय स्थापित बाबत, 4.30बजे जिला पैरोल सलाहकार समिति तथा सायं 5.00 बजे जिला यातायात प्रबन्धन समिति की बैठक भी आयोजित की जाएगी।
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आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की बैठक 30 को
बाडमेर, 23 अक्टूबर। जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण एवं जिला क्राईसेस मैनेजमेन्ट की बैठक जिला कलेक्टर भानु प्रकाश एटूरू की अध्यक्षता में 30 अक्टूबर को प्रातः 10.30 बजे आयोजित कीे जाएगी।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरूण पुरोहित ने संबंधित अधिकारियों को वांछित सूचनाओं के साथ बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिए है।
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मंत्री ने कहा,2014 में नहीं लौटेगी यूपीए

मंत्री ने कहा,2014 में नहीं लौटेगी यूपीए 

नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा अपने बयानों से न सिर्फ पार्टी और सरकार को मुश्किल में डाल रहे हैं बल्कि खुद की भी फजीहत करा रहे हैं। हाल ही में बेनी प्रसाद वर्मा ने ट्रस्ट के फर्जीवाड़े को लेकर घिरे केन्द्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद का बचाव करते हुए कहा था कि 71 लाख के लिए कोई मंत्री क्यों घोटाला करेगा। मंत्री के लिए यह रकम बहुत छोटी होती है। जब हंगामा हुआ तो सफाई में वही रटा रटाया जवाब कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया है।

खैर,अब उन्होंने कहा है कि 2014 के चुनाव के बाद यूपीए सत्ता में नहीं लौटेगी। हालांकि इस बार उनको अपनी गलती का जल्दी ही एहसास हो गया। उन्होंने बात संभालते हुए कहा कि यूपीए भले ही न लौटे लेकिन कांग्रेस जरूर वापसी करेगी। इससे पहले जब देश भर में महंगाई को लेकर चर्चा हो रही थी उस वक्त बेनी प्रसाद ने कहा था कि महंगाई बढ़ने से वह बहुत खुश हैं क्योंकि इससे किसानों को फायदा होगा। इस बयान पर भी काफी हंगामा हुआ था। बाद में उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया था कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है।

राजस्थान को आप देश में नम्बर वन बना देंगे बंधुजी

राजस्थान को आप देश में नम्बर वन बना देंगे बंधुजी

जोधपुर 23 अक्टूबर। राजस्थान के प्रमुख शिक्षाविद एवं बाल निकेतन के संस्थापक अध्यक्ष बंधुजी ने मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत से कहा कि श्री गहलोत जिस प्रकार से आम आदमी के हित के लिये कार्य कर रहे हैं, उससे गहलोत, राजस्थान को देश में नम्बर वन बना देंगे।

स्वभाव से मितभाषी बंधुजी ने मुख्यमंत्री से कहा कि मैं लगातार अखबारों में तथा मीडिया में राजस्थान सरकार के काम काज के समाचार तथा रिपोर्टें पॄ एवं देख रहा हूँ, उससे मन को बहुत तसल्ली मिलती है कि राजस्थान सरकार बिना कोई आडम्बर एवं दिखावा किये, आम आदमी के हित के लिये काम कर रही है। ये काम आपकी (मुख्यमंत्री गहलोत) की संवेनदनशीलता, सहिष्णुता, सादगी एवं आम आदमी के प्रति उनकी सोच को दर्शाते हैं। राजस्थान हमेशा आपके हाथों में सुरक्षित रहेगा। मेरे मन से आपके लिये हमेशा आशीर्वाद निकलता है। मैं चाहता हूँ कि आप सदैव स्वस्थ रहें ताकि जनता की अधिक से अधिक सेवा कर सकें। आपने अपने लम्बे राजनीतिक एवं सार्वजनिक जीवन में कभी कहीं कोई दाग नहीं लगने दिया।

बंधुजी ने मुख्यमंत्री को बताया कि मैं बिल्कुल स्वस्थ हूँ। अपना सारा काम स्वयं करता हूँ। अपने कपड़े स्वयं धोता हूँ, अपने बर्तन भी स्वयं साफ करता हूँ। मैं चाहता हूँ कि मेरे बाद आप (मुख्यमंत्री गहलोत) बाल निकेतन को चलाने की जिम्मेदारी निभायें। आपका इससे पुराना लगाव रहा है।

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने बंधुजी से कहा कि जब आप पूरे सौ साल के हो जायेंगे तब मैं आपके जन्म दिन पर यहाँ आउंगा। आपका जन्मदिन सादगी से मनाउंगा तथा आपके साथ कुछ समय व्यतीत करुंगा।

मुख्यमंत्री आज दोपहर में बंधुजी के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिये उनके निवास पर गये थे। बंधुजी इस समय अपने जीवन के सौवें वर्ष में चल रहे हैं। इस अवसर पर बाल निकेतन के उपाध्यक्ष जवाहर सुराणा भी उपस्थित थे।

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खास रिपोर्ट भाजपा की प्रगति के दुश्मन हें बीते ज़माने के चुके हुए नेता

भाजपा की प्रगति के दुश्मन हें बीते ज़माने के चुके हुए नेता


बाड़मेर राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता की और बढ़ते हुए कदमो को रोकने की जुगत में भाजपा के ही बीते हुए कल के चुके हुए नेता लगे हें ,इन नेताओ को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की लोकप्रियता पाच नहीं रही .जो जो नाम वसुंधरा के विरोध में आ रहे हें उनका राजनितिक इतिहास देख ले यह लोग जनता की कभी पसंद नहीं रहे चाहे यह अपने अपने क्षेत्रो में भले ही जीतते रहे हो मगर पुरे राजस्थान के सर्वमान्य नेता कभी नहीं बन पाए ,साथ ही यह नेता संघ के सहारे सिधिया चड़ने के आदी रहे हें ,गत चुनावों में भी इन चुके हुए नेताओं ने भरसक प्रयास किया वसुंधरा को नुक्सान पहुंचाने का मागे जो काम यह नहीं कर सके वो काम दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्रीजी ने कर दिखाया .भाजपा के सामने भाजपा के बागी उतारने का काम इन्होने ही किया ,इनका मकसद इतना ही था की हर सीट पर भाजपा को हराने जितने वोट लिए ज्काए ,इस बार वो स्थातिया नहीं हें ,गत चुनावों में पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह के सर पर वसुंधरा को हराने का ठीकरा फूटा था .मगर सच्चाई अब सामने आई ,बाड़मेर की सीट पर गंगाराम की टिकट के विरोध के अलावा जसवंत सिंह की कोई भूमिका नहीं रही ,खेतड़ी में जीतेन्द्र सिंह ,ब्पचापदारा में मदन प्रजापत ,क्यों जीते किसी ने विश्लेषण नहीं किया ,जैसलमेर ,सिवाना ,बाड़मेर ,आदी जगहों पर जो असंतुष्ट उम्मेदवार थे उनकी नजदीकिय किसके साथ थी ,कहने की जरुरत नहीं ,आज फिर ललित किशोर चतुएर्वेदी ,गुलाब चाँद कटारिया ,जैसे नेता वसुंधरा का विरोध कर भाजपा के बढ़ाते कदमो को रोकने का प्रयास कर रहे हें ,वसुंधरा राजे की लोकप्रियत के आगे इन नेताओं का कद बौना हो गया यही बात इन नेताओ को खाए जा रही हें ,जब्नता तो जनता हें अपनी पसंद के नेता का चुनाव वो करना जानती हें ,मगर भाजपा के शीश नेताओ को इनके मुंह बंद कने चाहिए ताकि भाजपा में अंतर्कलह न बढे ,जनता वसुंधरा के साथ हें यह बात दीगर हें

चॉकलेट फैक्ट्री में आग,करोड़ों का नुकसान

चॉकलेट फैक्ट्री में आग,करोड़ों का नुकसान
इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में एक चॉकलेट फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। आग से करोड़ों
का नुकसान होने की खबर है।

आग इतनी भीषण थी की उस पर काबू पाने के लिए इंदौर,महू और पीथमपुर की दमकलों को लगाना पड़ा। कई घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। फैक्ट्री में एक दर्जन से ज्यादा मजदूर रहते हैं।

सूत्रों के मुताबिक रात 3 बजे के करीब राऊ रोड पर सत्यम चॉकलेट फैक्ट्री में आग लग गई। आग फैक्ट्री में रखे केमिकल के ड्रमों से फैली और देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर लिया।


मजदूरों ने भागकर अपनी जान बचाई और फायर ब्रिगेड को आग लगने की सूचना दी। इंदौर से 5 दमकलें रवाना करने के साथ महू और पीथमपुर से भी दमकलें भेजी गई। पानी के 15 टैंकर आग बुझाने में लगाए गए। आग से बड़ी मात्रा में कच्चा और तैयार माल जल गया। मशीनें, शेड व अन्य भी सामान जल गया।

गडकरी ने ड्राइवर को बनाया डायरेक्टर

गडकरी ने ड्राइवर को बनाया डायरेक्टर

नई दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी द्वारा नियंत्रित कंपनी पूर्ति पॉवर एंड सुगर लिमे. को मिलने वाले फंड को लेकर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। पता चला है कि निर्माण क्षेत्र की कंपनी आइडियल रोड बिल्डर्स (आईआरबी) ग्रुप ने पूर्ति कंपनी को लोन देने के साथ-साथ उसमें निवेश भी किया। आईआरबी को 1995 से 1999 के बीच में कई ठेके मिले थे जब गडकरी महाराष्ट्र में पीडब्ल्यूडी मंत्री थे।


आईआरबी ग्रुप के अलावा पूर्ति में अन्य महत्वपूर्ण शेअरहोल्डर्स में है 16 कंपनियों का समूह। एक अखबार के अनुसार ये कंपनियां जिन पतों पर रजिस्टर्ड हैं उनका अता पता ही नहीं है। इतना ही नहीं ये कंपनियां गडकरी के करीबी सहयोगियों द्वारा नियंत्रित हैं।


2011-12 के रिकॉर्ड बताते हैं कि इन कंपनियों के डायरेक्टर्स में गडकरी का ड्राइवर,उनका दीवान (अकाउंटेंट) व पूर्ति के दो कर्मचारी शामिल हैं। इनमें से एक तो गडकरी के मित्र का बेटा निखिल भी है।


आईआरबी कंपनी व उसके प्रमोटर डीपी म्हेस्कर ने पूर्ति के 68.4 लाख शेअर सब्स्क्राइब किए। आईआरबी की एक कंपनी ग्लोबल सेफ्टी विजन ने गडकरी की कंपनी को 164 करोड़ रूपए का लोन दिया। पूर्ति के सात प्रमोटर्स में से एक गडकरी के पास 3,100 रूपए मूल्य के 310 शेअर हैं।


उधर गडकरी ने किसी भी प्रकार का गलत काम होने से इनकार किया है। गडकर ने कहा,मैं किसी भी प्रकार की जांच का सामना करने को तैयार हूं। गडकरी ने कहा,मैंने 14 महीने पहले पूर्ति के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था।


ग्लोबल से लोन उस साल दिए गए जब पूर्ति का टर्नोवर 145 करोड़ रूपए था तथा कंपनी को 48.94 करोड़ रूपए का घाटा हुआ था। ग्लोबल ने अपने निदेशक गणेश गदरे को पदेन निदेशक के तौर पर नियुक्त किया।


पूर्ति पॉवर एंव सुगर लिमे. के मैनेजिंग डायरेक्टर सुधीर दिवे ने कंपनी की फंडिग में किसी गड़बड़झाले से इनकार किया।

एक और पाकिस्तानी छात्रा को धमकी

एक और पाकिस्तानी छात्रा को धमकी
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में तालिबान के जुल्मों को उजागर करने पर एक अन्य छात्रा को जान से मारने की धमकी दी गई है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार स्वात घाटी की हिना खान सार्वजनिक तौर पर तालिबान की आलोचना करने के कारण उनके निशाने पर आ गई हैं।

हिना के परिवार का कहना है कि अधिकारियों से बार-बार सुरक्षा की गुहार लगाने के बाद भी उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई है। कुछ वर्ष पहले यह परिवार इस्लामाबाद चला आया था। पत्र ने कक्षा 11वीं की छात्रा हिना के हवाले से बताया कि उनकी बार-बार की धमकियों से मुझे लगने लगा है कि अब मैं इस्लामाबाद में स्कूल नहीं जा सकूंगी।

हिना ने कहा कि मलाला पर हमले के बाद उनका परिवार और भी अधिक असुरक्षित महसूस करने लगा है। हिना के पिता रैयतुल्लाह खान ने कहा कि कुछ दिन पहले जब मैं घर आया तो मेरे दरवाजे पर रेड क्रास लगा था। मैंने सोचा कि यह किसी बच्चे की शरारत है। लेकिन अगले दिन यह फिर लगा था, जिससे हम वास्तव में भयभीत हो गए। अगले दिन हमें फोन पर कहा गया कि मलाला के बाद हिना अगली है।

खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में तालिबान आतंकवादियों ने मलाला युसूफजई को नौ अक्टूबर को गोली मारकर गम्भीर रूप से घायल कर दिया था। मलाला का इलाज ब्रिटेन के अस्पताल में किया जा रहा है।

रामनवमी, भगवान राम की स्‍मृति को समर्पित

 

रामनवमी एक ऐसा पर्व है जिसपर चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को प्रतिवर्ष नये विक्रम सवंत्सर का प्रारंभ होता है और उसके आठ दिन बाद ही चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी को एक पर्व राम जन्मोत्सव का जिसे रामनवमी के नाम से जाना जाता है, समस्त देश में मनाया जाता है। इस देश की राम और कृष्ण दो ऐसी महिमाशाली विभूतियाँ रही हैं जिनका अमिट प्रभाव समूचे भारत के जनमानस पर सदियों से अनवरत चला आ रहा है।

रामनवमी, भगवान राम की स्‍मृति को समर्पित है। राम सदाचार के प्रतीक हैं, और इन्हें "मर्यादा पुरुषोतम" कहा जाता है। रामनवमी को राम के जन्‍मदिन की स्‍मृति में मनाया जाता है। राम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है, जो पृथ्वी पर अजेय रावण (मनुष्‍य रूप में असुर राजा) से युद्ध लड़ने के लिए आए। राम राज्‍य (राम का शासन) शांति व समृद्धि की अवधि का पर्यायवाची बन गया है। रामनवमी के दिन, श्रद्धालु बड़ी संख्‍या में उनके जन्‍मोत्‍सव को मनाने के लिए राम जी की मूर्तियों को पालने में झुलाते हैं। इस महान राजा की काव्‍य तुलसी रामायण में राम की कहानी का वर्णन है।
मर्यादा पुरुषोत्तम

भगवान विष्णु ने राम रूप में असुरों का संहार करने के लिए पृथ्वी पर अवतार लिया और जीवन में मर्यादा का पालन करते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए। आज भी मर्यादा पुरुषोत्तम राम का जन्मोत्सव तो धूमधाम से मनाया जाता है पर उनके आदर्शों को जीवन में नहीं उतारा जाता। अयोध्या के राजकुमार होते हुए भी भगवान राम अपने पिता के वचनों को पूरा करने के लिए संपूर्ण वैभव को त्याग 14 वर्ष के लिए वन चले गए और आज देखें तो वैभव की लालसा में ही पुत्र अपने माता-पिता का काल बन रहा है।
राम का जन्म

पुरुषोतम भगवान राम का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न में कौशल्या की कोख से हुआ था। यह दिन भारतीय जीवन में पुण्य पर्व माना जाता हैं। इस दिन सरयू नदी में स्नान करके लोग पुण्य लाभ कमाते हैं।
अगस्त्यसंहिता के अनुसार


मंगल भवन अमंगल हारी,
दॄवहुसु दशरथ अजिर बिहारि॥

अगस्त्यसंहिता के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी, के दिन पुनर्वसु नक्षत्र, कर्कलग्‍न में जब सूर्य अन्यान्य पाँच ग्रहों की शुभ दृष्टि के साथ मेष राशि पर विराजमान थे, तभी साक्षात्‌ भगवान् श्रीराम का माता कौशल्या के गर्भ से जन्म हुआ।

धार्मिक दृष्टि से चैत्र शुक्ल नवमी का विशेष महत्व है। त्रेता युग में चैत्र शुक्ल नवमी के दिन रघुकुल शिरोमणि महाराज दशरथ एवं महारानी कौशल्या के यहाँ अखिल ब्रह्माण्ड नायक अखिलेश ने पुत्र के रूप में जन्म लिया था। राम का जन्म दिन के बारह बजे हुआ था, जैसे ही सौंदर्य निकेतन, शंख, चक्र, गदा, पद्म धारण कि‌ए हु‌ए चतुर्भुजधारी श्रीराम प्रकट हु‌ए तो माता कौशल्या उन्हें देखकर विस्मित हो ग‌ईं। राम के सौंदर्य व तेज को देखकर उनके नेत्र तृप्त नहीं हो रहे थे।

देवलोक भी अवध के सामने श्रीराम के जन्मोत्सव को देखकर फीका लग रहा था। जन्मोत्सव में देवता, ऋषि, किन्नार, चारण सभी शामिल होकर आनंद उठा रहे थे। हम प्रतिवर्ष चैत्र शुक्ल नवमी को राम जन्मोत्सव मनाते हैं और राममय होकर कीर्तन, भजन, कथा आदि में रम जाते हैं। रामनवमी के दिन ही गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना का श्रीगणेश किया था।
रामनवमी की पूजा

हिन्दू धर्म में रामनवमी के दिन पूजा की जाती है। रामनवमी की पूजा के लिए आवश्‍यक सामग्री रोली, ऐपन, चावल, जल, फूल, एक घंटी और एक शंखहैं। पूजा के बाद परिवार की सबसे छोटी महिला सदस्‍य परिवार के सभी सदस्‍यों को टीका लगाती है। रामनवमी की पूजा में पहले देवताओं पर जल, रोली और ऐपन चढ़ाया जाता है, इसके बाद मूर्तियों पर मुट्ठी भरके चावल चढ़ाये जाते हैं। पूजा के बाद आ‍रती की जाती है और आरती के बाद गंगाजल अथवा सादा जल एकत्रित हुए सभी जनों पर छिड़का जाता है।
उद्देश्य

भगवान श्रीराम जी ने अपने जीवन का उद्देश्य अधर्म का नाश कर धर्म की स्थापना करना बताया पर उससे उनका आशय यह था कि आम इंसान शांति के साथ जीवन व्यतीत कर सके और भगवान की भक्ति कर सके। उन्होंने न तो किसी प्रकार के धर्म का नामकरण किया और न ही किसी विशेष प्रकार की भक्ति का प्रचार किया।
भक्ति और ज्ञान

भक्ति का चरम शिखर किसी ने प्राप्त किया है तो उनमें सबसे बड़ा नाम संत कबीर और तुलसीदासजी का है। मीरा और सूर भी इसी क्रम में आते हैं।वाल्मीकि और वेदव्यास को ज्ञानियों में चरम शिखर के प्रतीक मान सकते हैं। ईश्वर को प्राप्त करने के दोनों मार्ग- भक्ति और ज्ञान हैं। भगवान को भक्ति और ज्ञान दोनों ही प्रिय हैं। वाल्मीकि और वेदव्यास ने ज्ञान मार्ग को चुना तो वह समाज को ऐसी रचनाएँ दे गये कि सदियों तक उनकी चमक फीकी नहीं पड़ सकती और कबीर, तुलसी, सूर, और मीरा ने भक्ति का सर्वोच्च शिखर छूकर यह दिखा दिया है कि इस कलियुग में भी भगवान भक्ति में कितनी शक्ति है। संत कबीर जी ने अपनी रचनाओं में भक्ति और ज्ञान दोनों का समावेश इस तरह किया कि वर्तमान समय में कोई ऐसा कर सकता है यह सोचना भी कठिन है।
अयोध्या की रामनवमी

रामजन्म, रामलीला, मथुरा

रामनवमी के रूप में हिन्दुओं के आराध्य देव भगवान श्रीरामचन्द्र का जन्मदिन देश भर में मनाया जाता है, लेकिन अयोध्या में रामनवमी बहुत धूमधाम से मनाई जाती है। अयोध्या में इस दिन मेला लगता है। देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु इस मेले में पहुँचते हैं। प्राचीनकाल से ही धर्म एवंसंस्कृति की परम पावन स्थली के रूप में भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या विख्यात है। त्रेता-युगीन सूर्यवंशीय नरेशों की राजधानी रही अयोध्या पुरातात्विक दृष्टि से भी महत्त्व रखती है। चीनी यात्री फाह्यान व ह्वेनसांग ने भी अपने यात्रा वृत्तांतों में इस नगरी का वर्णन किया है।

रामनवमी के दिन भगवान राम के जन्मोत्सव के पावन पर्व पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु भक्तजन अयोध्या की सरयू नदी के तट पर प्रात:काल से ही स्नान कर मंदिरों में दर्शन तथा पूजा करते हैं। इस दिन जगह-जगह संतों के प्रवचन, भजन, कीर्तन चलते रहते हैं। अयोध्या के प्रसिद्ध कौशल्या भवन मंदिर में विशेष आयोजन होते हैं। अयोध्या के प्रमुख दर्शनीय एवं ऐतिहासिक स्थलों में श्रीराम जन्मभूमि के अलावा कौशल्या भवन, कनक भवन, कैकेयी भवन, कोप भवन तथा श्रीराम के राज्याभिषेक का स्थान रत्न सिंहासन दर्शनीय हैं।
परिक्रमा

अयोध्या भिन्न-भिन्न उत्सवों पर की जाने वाली प्रमुख परिक्रमाओं के लिए भी प्रसिद्ध है, जैसे चौरासी कोसी परिक्रमा, रामनवमी के अवसर पर चौदह कोसी परिक्रमा, अक्षय नवमी पर पाँच कोसी परिक्रमा, कार्तिक की एकादशी के अवसर पर तथा अंतर्ग्रही परिक्रमा नित्य-प्रति होती हैं तथा अयोध्या के सभी प्रमुख मंदिर एवं तीर्थ इस परिक्रमा में आ जाते हैं।
रामनवमी व्रत

रामनवमी के दिन जो व्यक्ति पूरे दिन उपवास रखकर भगवान श्रीराम की पूजा करता है, तथा अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार दान-पुण्य करता है, वह अनेक जन्मों के पापों को भस्म करने में समर्थ होता है।
विधि

रामनवमी का व्रत महिलाओं के द्वारा किया जाता है। इस दिन व्रत करने वाली महिला को प्रात: सुबह उठना चाहिए। घर की साफ-सफाई कर घर में गंगाजल छिड़करक शुद्ध कर लेना चाहिए। इसके पश्चात स्नान करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद एक लकड़ी के चौकोर टुकड़े पर सतिया बनाकर एक जल से भरा गिलास रखना चाहिए और अपनी अंगुली से चाँदी का छल्ला निकाल कर रखना चाहिए। इसे प्रतीक रुप से गणेशजी माना जाता है। व्रत कथा सुनते समय हाथ में गेहूँ-बाजरा आदि के दाने लेकर कहानी सुनने का भी महत्व कहा गया है।

रामनवमी के व्रत के दिन मंदिर में अथवा मकान पर ध्वजा, पताका, तोरण और बंदनवार आदि से सजाने का विशेष विधि-विधान है। व्रत के दिन कलश स्थापना और राम जी के परिवार की पूजा करनी चाहिए, और भगवान श्री राम का दिनभर भजन, स्मरण, स्तोत्रपाठ, दान, पुण्य, हवन, पितृश्राद्व और उत्सव किया जाना चाहिए।
रामनवमी व्रत कथा

राम, सीता और लक्ष्मण वन में जा रहे थे। सीता जी और लक्ष्मण को थका हुआ देखकर राम जी ने थोड़ा रुककर आराम करने का विचार किया और एक बुढ़िया के घर गए। बुढिया सूत कात रही थी। बुढ़िया ने उनकी आवभगत की और बैठाया, स्नान-ध्यान करवाकर भोजन करवाया। राम जी ने कहा- बुढिया माई, "पहले मेरा हंस मोती चुगाओ, तो में भी करूं।" बुढ़िया बेचारी के पास मोती कहाँ से आवें, सूत कात कर ग़रीब गुज़ारा करती थी। अतिथि को ना कहना भी वह ठीक नहीं समझती थी। दुविधा में पड़ गई। अत: दिल को मज़बूत कर राजा के पास पहुँच गई। और अंजली मोती देने के लिये विनती करने लगी। राजा अचम्भे में पड़ा कि इसके पास खाने को दाने नहीं हैं। और मोती उधार मांग रही है। इस स्थिति में बुढ़िया से मोती वापस प्राप्त होने का तो सवाल ही नहीं उठता। आखिर राजा ने अपने नौकरों से कहकर बुढ़िया को मोती दिला दिये।

बुढ़िया मोती लेकर घर आई, हंस को मोती चुगाए, और मेहमानों की आवभगत की। रात को आराम कर सवेरे राम जी, सीता जी और लक्ष्मण जी जाने लगे। राम जी ने जाते हुए उसके पानी रखने की जगह पर मोतियों का एक पेड़ लगा दिया। दिन बीतते गये और पेड़ बड़ा हुआ, पेड़ बढ़ने लगा, पर बुढ़िया को कु़छ पता नहीं चला। मोती के पेड़ से पास-पड़ौस के लोग चुग-चुगकर मोती ले जाने लगे।

एक दिन जब बुढ़िया उसके नीचे बैठी सूत कात रही थी। तो उसकी गोद में एक मोती आकर गिरा। बुढ़िया को तब ज्ञात हुआ। उसने जल्दी से मोती बांधे और अपने कपड़े में बांधकर वह क़िले की ओर ले चली़। उसने मोती की पोटली राजा के सामने रख दी। इतने सारे मोती देख राजा अचम्भे में पड़ गया। उसके पूछने पर बुढ़िया ने राजा को सारी बात बता दी। राजा के मन में लालच आ गया। वह बुढ़िया से मोती का पेड़ मांगने लगा। बुढ़िया ने कहा की आस-पास के सभी लोग ले जाते हैं। आप भी चाहे तो ले लें। मुझे क्या करना है। राजा ने तुरन्त पेड़ मंगवाया और अपने दरबार में लगवा दिया। पर रामजी की मर्जी, मोतियों की जगह कांटे हो गये और आते-आते लोगों के कपड़े उन कांटों से ख़राब होने लगे। एक दिन रानी की ऎड़ी में एक कांटा चुभ गया और पीड़ा करने लगा। राजा ने पेड़ उठवाकर बुढ़िया के घर वापस भिजवा दिया। पेड़ पर पहले की तरह से मोती लगने लगे। बुढ़िया आराम से रहती और ख़ूब मोती बांटती।
व्रत का फल

श्री रामनवमी का व्रत करने से व्यक्ति के ज्ञान में वृ्द्धि होती है। उसकी धैर्य शक्ति का विस्तार होता है। इसके अतिरिक्त उपवासक को विचार शक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, भक्ति और पवित्रता की भी वृ्द्धि होती है। इस व्रत के विषय में कहा जाता है, कि जब इस व्रत को निष्काम भाव से किया जाता है। और आजीवन किया जाता है, तो इस व्रत के फल सर्वाधिक प्राप्त होते हैं।

रामनवमी और जन्माष्टमी तो उल्लासपूर्वक मनाते हैं पर उनके कर्म व संदेश को नहीं अपनाते। कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया गीता ज्ञान आज सिर्फ एक ग्रंथ बनकर रह गया है। तुलसीदासजी ने रामचरितमानस में भगवान राम के जीवन का वर्णन करते हुए बताया है कि श्रीराम प्रातः अपने माता-पिता के चरण स्पर्श करते थे जबकि आज चरण स्पर्श तो दूर बच्चे माता-पिता की बात तक नहीं मानते

नरेंद्र मोदी को झटका, प्रधानमंत्री पद की दावेदारी खारिज



नई दिल्ली। एनडीए की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी की दावेदारी फिलहाल खारिज हो गई है। भाजपा नेताओं से रायशुमारी के बाद संघ ने यह तय किया है। भाजपा नेताओं की दलील है कि मोदी को प्रोजेक्ट करते ही भ्रष्टाचार और महंगाई का मुद्दा गौण हो जाएगा। सांप्रदायिकता बनाम धर्मनिरपेक्षता पर राजनीति शुरू हो जाएगी। ऐेसे में एनडीए कुनबा बढऩा तो दूर जदयू जैसे मौजूदा घटक दल उससे अलग हो जाएंगे।

प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी की दावेदारी को लेकरराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पिछले कई दिनों से भाजपा नेताओं की नब्ज टटोल रहा है। इस कड़ी में पिछले सप्ताह लोकसभा की नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज, राज्य सभा के नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह और मुरली मनोहर जोशी तथा भाजपा संसदीय दल के अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी से संघ के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी और संघ में भाजपा के राजनीतिक मामलों को देख रहे सुरेश सोनी ने बातचीत की। संघ नेताओं ने भाजपा के जिन लोगों से बात की है वह सभी पार्टी के संसदीय बोर्ड के सदस्य हैं। संसदीय बोर्ड को प्रधानमंत्री पद के लिए प्रत्याशी तय करना है। (

छिटक सकता है जदयू जैसा पुराना साथी

सूत्रों का कहना है कि सुषमा स्वराज, अरुण जेटली और राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री पद की दावेदारी के लिए नरेंद्र मोदी की योग्यता और क्षमता को स्वीकार तो किया है, लेकिन सियासी माहौल को मोदी के प्रतिकूल बताया है। भाजपा नेताओं ने तर्क दिया है कि मोदी को प्रोजेक्ट करने से कांग्रेस को अल्पसंख्यक वोटों और उनकी पैरोकारी करने वाले क्षेत्रीय दलों को लामबंद करने का अवसर मिल जाएगा। साथ ही एनडीए का जदयू जैसा पुराना और बड़ा घटक दूर जा सकता है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री की दावेदारी पर मोदी के नाम पर मना कर चुके हैं। शिवसेना प्रमुख ने इस पद के लिए सुषमा स्वराज को बेस्ट बताया है। माना जा रहा है कि संघ ने भाजपा नेताओं के इस आकलन को नरेंद्र मोदी के साथ साझा किया है।

'वसुंधरा को लोकप्रिय कहना गुनाह है, तो गुनाह कबूल'


जयपुर.प्रदेश कोर कमेटी के सदस्य और पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ के बयान पर भाजपा में मचा बवाल अभी थमा नहीं है। राठौड़ ने सोमवार को बीकानेर में विपक्ष की नेता वसुंधराराजे को सीएम इन वेटिंग बताया। हाल ही अपनी ओर से वसुंधरा ही भाजपा और भाजपा ही वसुंधरा बयान पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि अगर वसुंधरा को लोकप्रिय बताना गुनाह है तो यह गुनाह उन्हें कबूल है। राठौड़ वेटरनरी विश्वविद्यालय छात्रसंघ के शपथ ग्रहण समारोह में आए थे।
 
राठौड़ से मीडियाकर्मियों ने वसुंधराराजे के नई पार्टी बनाने और भाजपा छोड़ने के सवाल पूछे तो उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। राजे खुद इस बारे में अपना स्पष्टीकरण दे चुकी हैं, मगर कुछ लोग चाय के प्याले में तूफान खड़ा करना चाहते हैं। पार्टी में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं है।

जहां तक वसुंधराराजे के सीएम बनने की बात है तो पार्टी के केंद्रीय नेता भी समय-समय पर खुद यह बात कह चुके हैं। अपने दो दिन पहले के बयान के बारे में राठौड़ ने कहा कि उनका मकसद वसुंधराराजे और भाजपा को एक-दूसरे का पूरक बताने से था। कुछ लोग उनके बयान को गलत तरीके से पेश करके पार्टी हाईकमान को शिकायत कर रहे हैं। उन्होंने कोई अनुशासनहीनता नहीं की।

यात्रा नहीं, सिर्फ दौरा

कोलायत विधायक देवीसिंह भाटी की यात्रा के बारे में राठौड़ ने यह कहकर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया कि भाटी दौरा कर रहे हैं।


पूर्व मंत्री राठौड़ ने कहा कि वसुंधरा को लोकप्रिय कहना गुनाह है, तो गुनाह कबूल है।


‘कोई नहीं सीएम इन वेटिंग’


भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष प्रो. ललित किशोर चतुर्वेदी ने राठौड़ के बयान का खंडन करते हुए कहा कि एनीबडी नॉट सीएम इन वेटिंग इन अवर पार्टी। अभी ऐसा कुछ नहीं है। पार्टी आने वाला विधानसभा चुनाव किसी एक व्यक्ति के सहारे नहीं लड़ेगी। अभी यह तय ही नहीं है कि कौन सीएम इन वेटिंग है और कैसे चुनाव लड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री का चुनाव विधायक दल की बैठक में ही होगा।

उन्होंने कहा कि भाजपा तत्वनिष्ठ पार्टी है, व्यक्तिनिष्ठ नहीं। सबसे ऊपर देश है, फिर पार्टी है और व्यक्ति पार्टी में सबसे नीचे है। कुछ लोग पार्टी की रीति-नीति को नहीं समझते हैं और व्यक्तिनिष्ठ होने के कारण केवल चर्चा में रहने के लिए बोलते रहते हैं। वसुंधराराजे के पार्टी छोड़ने के सवाल पर चतुर्वेदी ने कहा कि वे विजयाराजे सिंधिया की बेटी हैं। उनमें अपनी मां के संस्कार हैं। इसलिए वे कभी ऐसा नहीं करेंगी। वैसे भी इस मुद्दे पर वे खुद अपना स्पष्टीकरण दे चुकी हैं।

कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए चतुर्वेदी ने कहा कि सीएम की जन सुनवाई औपचारिक रह गई है। पांच मिशन, आठ टास्क फोर्स गठित किए गए थे, उनकी बैठकें नहीं हुई हैं। कांग्रेस के राज में अफसर निडर हो गए हैं। विकास ठप हो गया है। इसलिए देश को बचाना है तो कांग्रेस को हटाना होगा।

भाटी की यात्रा व्यक्तिगत

कोलायत विधायक देवीसिंह भाटी की ‘मालिक बनो’ यात्रा को उन्होंने व्यक्तिगत यात्रा बताया

राजस्थानी भाषा की मजबूती के लिए राजस्थानी फिल्मों को सपोर्ट करना होगा

राजस्थानी भाषा की मजबूती के लिए राजस्थानी फिल्मों को सपोर्ट करना होगा 
गायक से संगीतकार बने बॉलीवुड के पाश्र्व गायक सतीश देहरा  से बात

नागौर हिना फिल्म के मशहूर गीत देर न हो जाए कहीं देर न हो जाए...गाने वाले बॉलीवुड के पाश्र्व गायक और हिंदी फिल्मों में संगीत दे रहे सतीश देहरा का कहना है कि राजस्थानी भाषा को मजबूत करना है तो राजस्थान के लोगों को राजस्थानी फिल्मों के सपोर्ट में आगे आना होगा। महाराष्ट्र में मराठी व गुजरात में गुजरात भाषा इसलिए मजबूत हैं क्योंकि वहां के लोग अपने क्षेत्र की भाषाओं की फिल्मों को तवज्जो दे रहे हैं। यहां महावीर इंटरनेशनल होटल में दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत में देहरा ने कहा नागौर में संगीत अकादमी खोलने के लिए सरकार और यहां के भामाशाहों को आगे आना चाहिए। संगीत अकादमी खुलती है तो वे निशुल्क सेवाएं देने को तैयार हैं। मूलत: नागौर जिले के जायल तहसील के दुगस्ताऊ गांव में जन्मे देहरा ने बताया कि नागौर की माटी से उनका विशेष लगाव है। इसलिए वे चाहते हैं कि राजस्थानी भाषा व नागौर के लोग आगे बढ़ें।

सरकार करे सहयोग

देहरा ने कहा कि महाराष्ट्र व गुजरात में क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों को वहां की सरकारें 50 प्रतिशत तक अनुदान दे रही हैं जबकि राजस्थान में सरकार अनुदान तो दूर परमिशन देने में भी काफी देर कर देती है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वे राजस्थानी भाषा में बनी फिल्मों के लिए रियायत व अनुदान की घोषणा करे।

शीघ्र ही आएंगी यह फिल्में

बीरो भात भरण आयो, जय जीण माता, मां बाप न भूलजो मत, कृपा करो सुधा माता जैसी राजस्थानी फिल्मों व हिना, एक विवाह ऐसा भी, फिर तेरी कहानी, कोई है अपना जैसी हिंदी फिल्मों व सीरियल बालिका वधू, रामायण, कृष्णा, अलिफ़ लैला, जय दुर्गा, जय हनुमान, सांई बाबा में संगीत और गायकी का जादू बिखेर चुके देहरा ने बताया कि उनकी दो राजस्थानी फिल्में गुरुकुल व दंगल शीघ्र ही आ रही है इसके अलावा तीन अनाम हिंदी फिल्मों में उन्होंने संगीत दिया है।

यश चौपड़ा को दी श्रद्धांजलि

बॉलीवुड के मशहूर निर्माता निर्देशक यश चौपड़ा के निधन पर सोमवार को यहां शोक सभा का आयोजन किया गया। गायक सतीश देहरा समेत फिल्मी प्रचारक नंदू श्री मंत्री, सुरेश गौड़, डीके व्यास सागर, देव देहरा, नरपत सिंह चौधरी, रतन शर्मा आदि ने चौपड़ा को श्रद्धांजलि दी। देहरा ने कहा कि चौपड़ा ऐसे निर्माता व निर्देशक थे जिन्होंने फिल्मों के जरिए देश के विकास व सामाजिक बदलाव में भूमिका निभाई और समाज की सच्चाई को लोगों के सामने रखा। 

मलेरिया पीडि़त गर्भवती की मौत, परिजनों का हंगामा

मलेरिया पीडि़त गर्भवती की मौत, परिजनों का हंगामा 

चार दिन पहले भर्ती हुई थी महिला, परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लगाए लापरवाही के आरोप। एक घंटे बाद उठाया शव। 
 
नागौर राजकीय अस्पताल में चार दिन पहले भर्ती हुई सारणवास हाल मोहम्मदपुरा मोहल्ले की 20 वर्षीय गर्भवती महिला की सोमवार दोपहर को इलाज के दौरान मौत हो गई। महिला की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान परिजनों ने डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज होने पर ही शव उठाने की बात कही। एक घंटे के विरोध के बाद कुछ लोगों ने समझाइश कर शव के साथ परिजनों को रवाना किया। मोहम्मदपुरा निवासी मजीद खां ने बताया कि उसकी बहन गुड्डी पत्नी असलम खां को 16 अक्टूबर को डॉ. अपूर्व कौशिक को घर पर दिखाने के बाद 18 अक्टूबर को मलेरिया की वजह से अस्पताल के वार्ड संख्या 36 में भर्ती कराया गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि यहां नर्सिंग स्टाफ व डॉक्टरों ने गुड्डी की सही तरीके से देखभाल नहीं की। इससे उसकी तबीयत बिगड़ती गई। परिजनों का आरोप था कि रविवार रात ड्यूटी पर मौजूद कंपाउंडर ने मरीज की तबीयत बिगडऩे के बावजूद संबंधित चिकित्सक को सूचना नहीं दी। परिजनों ने महिला मरीज को रेफर करने की बात भी कही मगर डॉक्टरों ने सही जवाब नहीं दिया। इसके चलते सोमवार दोपहर करीब साढ़े बारह बजे गुड्डी की मौत हो गई। 

दोपहर में गुड्डी की मौत के बाद उसके परिजन अस्पताल में एकत्र हो गए और डॉक्टरों व नर्सिंगकर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए नाराजगी जाहिर की। आक्रोशित परिजनों ने शव उठाने से इनकार कर दिया। हंगामे की सूचना मिलने पर कोतवाल नगाराम चौधरी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। इस दौरान भाजपा जिला उपाध्यक्ष महेंद्र पहाडिय़ा, जिला परिषद सदस्य पूनाराम मेघवाल, बालवा सरपंच प्रतिनिधि हमीद खां, पूर्व सरपंच किशोर सिंह राठौड़, कांग्रेसी नेता दिलावर खां अस्पताल पहुंचे। शव उठाने की बात को लेकर दो पक्ष हो गए। एक पक्ष शव उठाने से इंकार करता रहा। दूसरा पक्ष शव घर ले जाने के बाद कार्रवाई करने की बात कहता रहा। एक घंटे की बहस के बाद दिलावर खां के कहने पर परिजन शव घर ले गए। मगर देर शाम तक इस संबंध में कोतवाली में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया था। थानाधिकारी नगाराम चौधरी ने बताया कि परिजनों की ओर से किसी प्रकार की कोई रिपोर्ट नहीं दी गई है। परिजन बिना पोस्टमार्टम व कानूनी प्रक्रिया के बगैर शव लेकर चले गए। 


आक्रोश, शव उठाने से किया इनकार


स्टाफ ने पूरे प्रयास किए

मलेरिया रोगी की मौत का अस्पताल प्रशासन को भी दुख है। हमने पूरे प्रयास किए थे। इलाज भी तत्काल व पूरा दिया गया, मैंने ट्रीटमेंट देखा है। रैफर करने की बात परिजनों को सीधे डॉक्टर को बतानी चाहिए थी। यहां आने वाले प्रत्येक मरीज का हम पूरा इलाज कर सकें ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं।

- डॉ. प्रदीप गुप्ता, पीएमओ जिला अस्पताल नागौर





मानवता सबसे बड़ा धर्म : रोलसाबसर





 बगड़ी नगर क्षत्रिय युवक संघ के प्रमुख भगवानसिंह रोलसाबसर ने कहा कि सभी धर्मों से उपर मानव धर्म है, जिसका मुख्य उद्देश्य ईश्वर को प्राप्त करना है। वे सोमवार को बस स्टैंड स्थित राव जैताजी की 515वीं जयंती पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि धर्म की राह पर चलते हुए मानव मात्र का कल्याण करते हुए मनुष्य को ईश्वर प्राप्ति का जतन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राव जैताजी ने अपने राष्ट्र की रक्षा के लिए लगभग 52 बार युद्ध लड़े। आखिरी लड़ाई ऐतिहासिक गिरी-सुमेल युद्ध मात्र 12 हजार सैनिकों के साथ शेरशाह सूरी के 85 हजारों सैनिकों की फौज से टक्कर लेकर मारवाड़ की रक्षा की। युद्ध की जीत एवं हार का प्रमाण तो बादशाह के यह शब्द इतिहास के पन्नों में आज भी दर्ज है कि मुठ्ठी भर बाजरे के लिए दिल्ली की सल्तनत खो देता।

इस अवसर पर हरिसिंह गुड़ा कलां, सरपंच मंगलाराम देवासी, थानेदार सवाईसिंह, अध्यक्ष जयंती समिति संरक्षक भवानीसिंह जैतावत, भवानीसिंह, भगवतसिंह बगड़ी, किशनसिंह पीपलाद, भंवरसिंह सांडिया, शिवजीसिंह सिसरवादा, बहादुरसिंह सारंगवास, राजेंद्र पोकरना आदि मौजूद थे। समारोह में प्रतिभावान विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया तथा विधवा महिलाओं को सिलाई मशीन प्रदान की गई। इससे पूर्व अतिथियों ने राव जैताजी की छत्री पर माल्यार्पण कर उनकी वीरता को प्रणाम किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में जयंती समिति के महामंत्री भगवतसिंह बगड़ी ने आगंतुको का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन गणपतलाल प्रजापत ने किया।