मलेरिया पीडि़त गर्भवती की मौत, परिजनों का हंगामा चार दिन पहले भर्ती हुई थी महिला, परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लगाए लापरवाही के आरोप। एक घंटे बाद उठाया शव। नागौर राजकीय अस्पताल में चार दिन पहले भर्ती हुई सारणवास हाल मोहम्मदपुरा मोहल्ले की 20 वर्षीय गर्भवती महिला की सोमवार दोपहर को इलाज के दौरान मौत हो गई। महिला की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान परिजनों ने डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज होने पर ही शव उठाने की बात कही। एक घंटे के विरोध के बाद कुछ लोगों ने समझाइश कर शव के साथ परिजनों को रवाना किया। मोहम्मदपुरा निवासी मजीद खां ने बताया कि उसकी बहन गुड्डी पत्नी असलम खां को 16 अक्टूबर को डॉ. अपूर्व कौशिक को घर पर दिखाने के बाद 18 अक्टूबर को मलेरिया की वजह से अस्पताल के वार्ड संख्या 36 में भर्ती कराया गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि यहां नर्सिंग स्टाफ व डॉक्टरों ने गुड्डी की सही तरीके से देखभाल नहीं की। इससे उसकी तबीयत बिगड़ती गई। परिजनों का आरोप था कि रविवार रात ड्यूटी पर मौजूद कंपाउंडर ने मरीज की तबीयत बिगडऩे के बावजूद संबंधित चिकित्सक को सूचना नहीं दी। परिजनों ने महिला मरीज को रेफर करने की बात भी कही मगर डॉक्टरों ने सही जवाब नहीं दिया। इसके चलते सोमवार दोपहर करीब साढ़े बारह बजे गुड्डी की मौत हो गई। दोपहर में गुड्डी की मौत के बाद उसके परिजन अस्पताल में एकत्र हो गए और डॉक्टरों व नर्सिंगकर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए नाराजगी जाहिर की। आक्रोशित परिजनों ने शव उठाने से इनकार कर दिया। हंगामे की सूचना मिलने पर कोतवाल नगाराम चौधरी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। इस दौरान भाजपा जिला उपाध्यक्ष महेंद्र पहाडिय़ा, जिला परिषद सदस्य पूनाराम मेघवाल, बालवा सरपंच प्रतिनिधि हमीद खां, पूर्व सरपंच किशोर सिंह राठौड़, कांग्रेसी नेता दिलावर खां अस्पताल पहुंचे। शव उठाने की बात को लेकर दो पक्ष हो गए। एक पक्ष शव उठाने से इंकार करता रहा। दूसरा पक्ष शव घर ले जाने के बाद कार्रवाई करने की बात कहता रहा। एक घंटे की बहस के बाद दिलावर खां के कहने पर परिजन शव घर ले गए। मगर देर शाम तक इस संबंध में कोतवाली में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया था। थानाधिकारी नगाराम चौधरी ने बताया कि परिजनों की ओर से किसी प्रकार की कोई रिपोर्ट नहीं दी गई है। परिजन बिना पोस्टमार्टम व कानूनी प्रक्रिया के बगैर शव लेकर चले गए। आक्रोश, शव उठाने से किया इनकार स्टाफ ने पूरे प्रयास किए मलेरिया रोगी की मौत का अस्पताल प्रशासन को भी दुख है। हमने पूरे प्रयास किए थे। इलाज भी तत्काल व पूरा दिया गया, मैंने ट्रीटमेंट देखा है। रैफर करने की बात परिजनों को सीधे डॉक्टर को बतानी चाहिए थी। यहां आने वाले प्रत्येक मरीज का हम पूरा इलाज कर सकें ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं। - डॉ. प्रदीप गुप्ता, पीएमओ जिला अस्पताल नागौर |
मंगलवार, 23 अक्तूबर 2012
मलेरिया पीडि़त गर्भवती की मौत, परिजनों का हंगामा
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