मंगलवार, 23 अक्तूबर 2012

मानवता सबसे बड़ा धर्म : रोलसाबसर





 बगड़ी नगर क्षत्रिय युवक संघ के प्रमुख भगवानसिंह रोलसाबसर ने कहा कि सभी धर्मों से उपर मानव धर्म है, जिसका मुख्य उद्देश्य ईश्वर को प्राप्त करना है। वे सोमवार को बस स्टैंड स्थित राव जैताजी की 515वीं जयंती पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि धर्म की राह पर चलते हुए मानव मात्र का कल्याण करते हुए मनुष्य को ईश्वर प्राप्ति का जतन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राव जैताजी ने अपने राष्ट्र की रक्षा के लिए लगभग 52 बार युद्ध लड़े। आखिरी लड़ाई ऐतिहासिक गिरी-सुमेल युद्ध मात्र 12 हजार सैनिकों के साथ शेरशाह सूरी के 85 हजारों सैनिकों की फौज से टक्कर लेकर मारवाड़ की रक्षा की। युद्ध की जीत एवं हार का प्रमाण तो बादशाह के यह शब्द इतिहास के पन्नों में आज भी दर्ज है कि मुठ्ठी भर बाजरे के लिए दिल्ली की सल्तनत खो देता।

इस अवसर पर हरिसिंह गुड़ा कलां, सरपंच मंगलाराम देवासी, थानेदार सवाईसिंह, अध्यक्ष जयंती समिति संरक्षक भवानीसिंह जैतावत, भवानीसिंह, भगवतसिंह बगड़ी, किशनसिंह पीपलाद, भंवरसिंह सांडिया, शिवजीसिंह सिसरवादा, बहादुरसिंह सारंगवास, राजेंद्र पोकरना आदि मौजूद थे। समारोह में प्रतिभावान विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया तथा विधवा महिलाओं को सिलाई मशीन प्रदान की गई। इससे पूर्व अतिथियों ने राव जैताजी की छत्री पर माल्यार्पण कर उनकी वीरता को प्रणाम किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में जयंती समिति के महामंत्री भगवतसिंह बगड़ी ने आगंतुको का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन गणपतलाल प्रजापत ने किया।

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