शावेज फिर बने वेनेजुएला के राष्ट्रपति काराकस। वेनेजुएला के राष्ट्रपति ह्यूगो शावेज रविवार को एक बार फिर राष्ट्रपति चुन लिए गए। वे पिछले 14 साल से राष्ट्रपति के पद पर कायम हैं। शावेज ने अपने प्रतिद्वंद्वी विपक्षी उम्मीदवार हेनरिक कैप्रिल्स को मात देकर खुद को आधुनिक लातिन अमरीकी इतिहास का सबसे प्रभावशाली हस्ती के तौर पर स्थापित कर लिया। शावेज (58) को 54.42 प्रतिशत वोट मिले वहीं हेनरिक को 44.97 प्रतिशत वोट मिले। वेनेजुएला में अब तक के सबसे कड़े राष्ट्रपति चुनाव मुकाबले में रविवार को मतदान हुआ था। शावेज के समर्थक बिगुल बजा रहे थे। शावेज अपनी समाजवादी क्रांति को परवान चढ़ाने के लिए देश की जनता से और छह साल के कार्यकाल की मांग कर रहे थे।देश की गरीब जनता के बीच शावेज का मजबूत जनाधार है। उन्हें पिछले चुनावों में इसी तबके के वोट से आसान जीत हासिल हुई थी।
इंटरनेट की दुनिया लगातार बढ़ती जा रही है। चंद हजार लोगों से शुरू हुआ इंटरनेट का यह कारवां अब करोड़ों यूजर्स से आगे बढ़ते हुए अरबों यूजर्स तक पहुंच गया है। इन यूजर्स में गूगल इस्तेमाल करने वालों की संख्या भी दिन-दोगुनी रात-चौगुनी तरीके से बढ़ रही है। ऐसे में गूगल का इस्तेमाल करते-करते अगर आपकी मोटी कमाई हो जाए, तो कैसा रहेगा। दरअसल, मोटी कमाई करना हर किसी का सपना होता है फिर चाहे वो नौकरीपेशे वाला इंसान हो, कारोबारी हो या फिर बेरोजगार। इसके लिए लोग अलग-अलग तरह से कई सकारात्मक प्रयास भी करते हैं। इन सबके बीच अगर आपके पास थोड़ा फ्री टाइम है और गूगल का थोड़ा बहुत ज्ञान है, तो ऑनलाइन कमाई आपकी आमदनी बढ़ाने का एक शानदार जरिया है। वो भी यह कमाई घर पर बैठकर भी की जा सकती है। कम समय में ज्यादा कमाई वाला प्लेटफॉर्म होने के चलते और इसके बढ़ते तरीकों के बीच ऑनलाइन कमाई से जुड़े जालसाजों की संख्या भी बढ़ रही है। ऐसे में ऑनलाइन कमाई को लेकर सतर्क रहने की भी जरूरत रहती है। ब्लॉगर: अगर आप एक अच्छे और फेमस ब्लॉगर हैं और आपके ब्लॉग पर रनिंग ऐड, सेलिंग प्रोडक्ट और प्रोमोटिंग सेल्स जैसी सुविधाओं को बढ़ावा देने की गुजाइंश है। तो समझ लीजिए गूगल आपके इस प्लेटफॉर्म को भुनाकर आपको तगड़ी कमाई करवा सकता है। गूगल आपके ब्लॉग का इस्तेमाल कर आपको ऑनलाइन इनकम करवा सकता है। गूगल एडसेंस: गूगल एड सेंस के जरिए आप ब्लॉग पर विज्ञापन भी लगा सकते हैं, जिससे कुछ कमाई का जरिया बन सकता है। गूगल की सेवा adsense के द्वारा दिए जा रहे विज्ञापन को अपने ब्लॉग पर लगायें। यह आपको हर उस क्लिक के लिए भुगतान करेगा जो आपके ब्लॉग पर दिखाए गए विज्ञापन पर होगा। Google adsense आपको कई तरह के विज्ञापन देता है जैसे वीडियो, चित्र, टेक्स्ट, बैनर इत्यादि। आप इनमे से अपने लिए बेहतर विज्ञापन चुने और अपने ब्लॉग पर लगायें। ऐड वर्ड्स: ऐड वर्ड्स ऑनलाइन कमाई के साधनों में से एक फीचर है। इसमें आपके प्लेटफॉर्म को भुनाकर गूगल लोगों के बिजनेस, प्रोडक्ट या सर्विसेस को ऐड वर्ड्स के माध्यम से प्रचारित करता है। गूगल ईमेज लेबलर: गूगल ईमेज लेबलर में फोटो को ऑनलाइन टैग करके भी ऑनलाइन पैसा कमाया जाता है। इसमें गूगल क्लाइंट के ईमेज को टैग करवाता है। गूगल चेकऑउट: गूगल चेकऑउट में ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम से कमाई का मौका मिलता है। इससे जैसे-जैसे गूगल का वेबबिजनेस ट्रांजेक्क्शन बढ़ता है, वैसे-वैसे यूजर की इनकम भी बढ़ती है। गूगल लिंक: गूगल लिंक में गूगल बिजनेस से जुड़े लिंक या गूगल के कंस्टमर्स की लिंक पर क्लिक कर या इसे अपनी साइट पर पोस्ट कर कमाई की जा सकती है।
एक सेल में रखने की मांग - पटियाला जेल में कैद जसबीर सिंह और उसकी पत्नी सोनिया ने याचिका दायर कर मांग की है कि उन्हें जेल में वैवाहिक जीवन व्यतीत करने की अनुमति दी जाए। इसका एकमात्र उद्देश्य संतान पाना है। याचिका में कहा गया कि जेल के भीतर उन्हें एक ही सेल में रखा जाए। हर महीने सोनिया की जांच कराई जाए और जैसे ही वह गर्भ धारण कर ले, जेल प्रशासन उन्हें जेल में अलग-अलग सेल में रखे। पुलिस ने अपहरण के मामले में दोनों को शादी के आठ माह बाद ही गिरफ्तार कर लिया था।12 को होनी है फांसी - हाईकोर्ट ने 3 अक्टूबर को मामले में दो अभियुक्तों विक्रम वालिया व जसबीर सिंह की फांसी की सजा पर मुहर लगाई थी। दोनों अभियुक्तों को 5 अक्टूबर को होने वाली फांसी की समयावधि बढ़ाकर खंडपीठ ने 12 अक्टूबर कर दी थी। होशियारपुर की अदालत ने तीनों अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई थी। इनमें विक्रम व जसबीर के साथ तीसरी आरोपी सोनिया थी। सुप्रीम कोर्ट ने सोनिया की फांसी को आजीवन कारावास में तबदील कर दिया था, जबकि अन्य दो अभियुक्तों की फांसी की सजा बरकरार रखी थी जेल में संबंध बनाने का प्रावधान नहीं- फांसी व उम्रकैद की सजा काट रहे जोड़े की जेल में वैवाहिक संबंध स्थापित करने की मांग पर पंजाब सरकार ने जवाब दाखिल कर कहा था कि जेल नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। कृत्रिम गर्भ धारण की अनुमति देने की संभावना पर भी सरकार इंकार कर चुकी है। शनिवार को भी जेल विभाग ने कोर्ट में कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसमें पति-पत्नी को जेल में संबंध स्थापित करने की अनुमति दी जा सके। इसलिए मिली फांसी की सजा- 14 फरवरी 2005 को होशियारपुर के अभि वर्मा का अपहरण कर पचास लाख रुपए की फिरौती मांगी गई थी। फिरौती न मिलने पर अभि की हत्या कर दी गई थी
नई दिल्ली. आपसी सहमति से तलाक मांगने पहुंचे एक जोड़े को अदालत ने सिर्फ इस आधार पर तलाक का आदेश नहीं दिया कि पुरुष खुद को उस महिला का पति साबित नहीं कर सका। तलाक की याचिका में पुरुष ने खुद की पहचान टीटू उर्फ सुरिंदर बताया लेकिन उसने जोर दिया कि तलाक सिर्फ सुरिंदर के नाम पर मंजूर हो। इस पर अदालत ने यह कहते हुए उसकी याचिका खारिज कर दी कि पुरुष यह साबित करने में नाकाम रहा कि टीटू और सुरिंदर एक ही व्यक्ति हैं।
अपर जिला न्यायाधीश (एडीजे) सुजाता कोहली ने कहा, "मैं इस निष्कर्ष पर पहुंची कि याची नंबर दो (पति) केवल टीटू जसाल है, जिसने अपनी पहचान सुरिंदर के रूप में पेश कर तलाक का फैसला लेने की कोशिश की ताकि महिला और किसी सुरिंदर नाम के व्यक्ति के बीच तलाक हो जाए। अदालत इन पक्षों से बिल्कुल संतुष्ट नहीं है, खासकर याची संख्या दो से जो खुद को सुरिंदर होने का दावा करता है। इसलिए याचिका दायर करने वाले हिंदू विवाह कानून के प्रावधानों के तहत तलाक आदेश पाने के हकदार नहीं हैं।"
दिल्ली के रहने वाले इस जोड़े ने तलाक याचिका में दावा किया था कि वे वर्ष 2004 से शादीशुदा हैं लेकिन दोनों के स्वभाव में मेलजोल नहीं है, इस वजह से तलाक चाहते हैं। उनका कहना था कि वे 26 जनवरी 2008 से ही अलग-अलग रह रहे हैं।
पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार तलाक मांगने वाला टीटू है लेकिन वह सुरिंदर नहीं है जैसा कि वह दावा कर रहा था। अदालत टीटू नाम से तलाक आदेश देने को तैयार थी लेकिन दोनों इसके लिए राजी नहीं हुए।
आवारा कुत्तों को पकड़ ने के बाद न वेक्सिनेशन हुआ न ही नसबंदी सिरोही। जिले की सभी नगर पालिकाओं में आवारा कुत्तों को पकड़ ने के बाद न तो वेक्सिनेशन हो रहा है और न ही नसबंदी की जा रही है। वैसे केन्द्र सरकार की ओर से दिसम्बर, 2001 में जारी एनीमल बर्थ कंट्रोल (डॉग्स) रूल, 2001 के नोटिफिकेशन में यह स्पष्ट प्रावधान है कि स्थानीय निकाय पालतु और सड़कों पर घूमने वाले कुत्तों का वेक्सिनेशन व नसबंदी करवाएगी। खुद राज्य सरकार की ओर से भी इसी तरह का प्रावधान बनाया हुआ है। इसकी पुष्टि लोक सेवाओं की गारंटी अधिनियम करता है, जिसमें स्थानीय निकायों में जिन कामों को समयबद्ध तरीके से करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है उसमें गली के कुत्तों के वेक्सिनेशन व नसबंदी को भी शामिल किया गया है। दोनों ही कायदों को मूल मकसद यह है कि कुत्तों को वेक्सिनेशन के माध्यम से रेबीज, स्केबीज आदि बीमारियों से निजात दिलाना और एक सीमा से ज्यादा बढ़ रही इनकी संख्या को नियंत्रित करना। हाल ही में राजस्थान हाइकोर्ट की जयपुर बेंच ने भी राज्य में इस रूल को लागू करने के आदेश दिए। इस पर डीएलबी ने सभी नगर निकायों को इन नियमों की पालना की बाध्यता लागू की है।दूर छोड़ते हैंयूं आवारा कुत्तों को पकड़कर दूरस्थ स्थानों पर छोड़ने की जिम्मेदारी नगर परिषद व नगर पालिकाओं ने ठेके पर काम करने वाले लोगों को दी हुई है। इसके लिए ठेके भी किए हुए हैं। लेकिन, एनीमल बर्थ कंट्रोल रूल के प्रावधानों की पालना नहीं की जा रही है। केन्द्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने 2 नवम्बर, 2001 को एक विशेष गजट नोटिफिकेशन जारी करके प्रिवेंशन ऑफ क्रूएलिटि टू एनीमल एक्ट, 1960 की धारा 38 में उपधारा (1) में एनीमल बर्थ कंट्रोल (डॉग्स) रूल, 2001 को जोड़ा। यह नियम दिसम्बर, 2001 से प्रभावी हो गया। कई निकायों को इसकी जानकारी तक नहीं है।बैठक नहींएनीमल बर्थ कंट्रोल (डॉग्स) रूल, 2001 के तहत स्थानीय निकाय में एक कमेटी बनी हुई है। इसको अपने क्षेत्र में कुत्तों में संक्रामक रोगों के फैलने और इनकी संख्या में हो रही बढ़ोतरी पर नजर रखना है। ऎसा पाया जाने पर वेक्सिनेशन और नसबंदी के लिए कुत्तों को पकड़ना व नियत विधि से नसबंदी करना भी उनका काम है। नियम के लागू होते ही सभी निकायों में यह कमेटी गठित तो हुई है। लेकिन, कई निकायों में इसकी जानकारी नहीं है। इस कमेटी में निकाय के अधिशासी अधिकारी, जनस्वास्थ्य विभाग, पशुकल्याण विभाग का एक प्रतिनिधि, वेटेनरी डॉक्टर व पशु कल्याण के क्षेत्र में काम करने वाले संगठन के दो प्रतिनिधि शामिल हैं। इसे नियमित रूप से क्षेत्र में कुत्तों के काटने की घटना में बढ़ोतरी आदि की मॉनीटरिंग करनी है। लेकिन, इन कमेटियों की बैठक ही नहीं होती।मिलता है पर्याप्त बजटराज्य में एनीमल बर्थ कंट्रोल (डॉग्स) रूल, 2001 को लागू करवाकर विशेषकर गलियों के कुत्तों को संक्रामक बीमारियों से निजात दिलाने और उनकी अनियंत्रित संख्या पर लगाम लगाने के लिए संघर्ष कर रही डॉ शालिनी ने बताया केन्द्र सरकार इसके लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध करवा रही है। वहीं राज्य सरकार भी इसके लिए स्थानीय निकायों को निशुल्क मल्टी डिजीज वेक्सीन उपलब्ध करवा रही है। यह बात अलग है कि इच्छाशक्ति के अभाव में स्थानीय निकाय इनका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं।प्रयास शुरू करेंगेनियम बनते ही कमेटी बन जाती है और यहां भी यह कमेटी बनी हुई है। बैठक नहीं हुई हैं। जिला कलक्टर के माध्यम से इस मुद्दे पर चर्चा करके बैठक बुलवाने और कुत्तों के वेक्सिनेशन व नसबंदी के लिए प्रयास शुरू करेंगे।शिवपालसिंह आयुक्त, नगर परिषद, सिरोही।
चिमनी व लालटेन की संभाल बाड़मेर नागौर जिले कस्बे की विद्युत व्यवस्था शनिवार को एक सप्ताह में तीसरी बार गड़बड़ा गई। शनिवार को दोपहर तक कटौती के बाद ट्रिपिंग के कारण हर दस मिनट बाद बिजली कटती रही। उसके बाद शाम 4 बजे करीब बिजली गुल हुई, जो रात 9 बजे तक गुल रही। इससे लोगों के इन्वर्टर, बैटरियां, इमरजेंसी आदि सभी तरह के वैकल्पिक विद्युत उत्पादन करने वाले उपकरण डिस्चार्ज हो गए और कस्बेवासियों को लम्बे समय बाद फिर चिमनी व लालटेन याद आई। देर रात तक बिजली गुल रहने से गृहणियों व दुकानदारों सहित आम जन को परेशानी का सामना करना पड़ा। कस्बे की बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए अजमेर विद्युत वितरण निगम ने भले ही 5 एमवीए का ट्रांसफार्मर छह माह पूर्व यहां भेज दिया, मगर स्थानीय कर्मचारियों व अधिकारियों के सक्रियता नहीं दिखाने से ट्रांसफार्मर खराब हो रहा है। अधिकारी व कर्मचारी उसे जोड़ने में उदासीनता बरतकर कस्बे के विद्युत उपभोक्ताओं का हक मार रहे हैं।गोटन (निसं). कस्बे में पिछले एक सप्ताह से विद्युत आपूर्ति बुरी तरह से गड़बड़ा जाने से लोग परेशान है। कस्बे में नियमित तीन घंटे की कटौती किए जाने के बाद भी समय बेसमय यहां दिन व रात में कटौती हो रही है। रविवार को कस्बे की विद्युत आपूर्ति सुबह 6 बजे काट दी गई जो साढ़े छह घंटे बाद 12.30 बजे पुन: सुचारू हुई। लगातार 6.30 घंटे तक बिजली नहीं मिलने से आमजन को परेशानी हुई। कस्बेवासियों ने बताया कि रोजाना सुबह जल्दी कटौती की जाने के कारण गृहणियों व सुबह जल्दी काम पर जाने वाले लोगों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। उधर निगम कर्मचारी बताते हैं कि कस्बे के जीएसएस का मुख्य ट्रांसफार्मर जल जाने से अधिक कटौती हो रही है।
चोरी कर भाग रहे युवकों ने होमगार्ड को चाकू मारा जोधपुर। भदवासिया के राजीव नगर क्षेत्र में शनिवार देर रात गश्त के दौरान दो युवकों ने होमगार्ड के जवान पर चाकू से जानलेवा हमला कर दिया। दोनों हमलावर चोरी का माल बटोरकर भाग रहे थे। हमले के दौरान होमगार्ड की हाथ में आए कमीज के आधार पर पुलिस ने सुबह दोनों हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया। इनके खिलाफ जानलेवा हमला व चोरी के दो मामले महामंदिर थाने में दर्ज किए गए हैं। पुलिस के अनुसार गिरफ्तार दोनों आरोपी खेतानाडी निवासी अल्ताफ (20) पुत्र अमीन और रफीक (25) पुत्र चन्दू खां है। मोहन नगर बीजेएस निवासी होमगार्ड भवानीसिंह व एक कांस्टेबल राजीव नगर में गैस गोदाम के पास रात्रि गश्त कर रहे थे। रात सवा दो बजे आरोपी युवक सफेद कट्टा लेकर आते दिखाई दिए। होमगार्ड भवानी ने उन्हें रूकवाया, लेकिन दोनों रामनगर प्याऊ की तरफ भागने लगे। होमगार्ड ने पीछाकर अल्ताफ को पकड़ लिया। कट्टे में भरे माल के बारे में पूछने पर वह कोई जवाब नहीं दे पाया। होमगार्ड को अकेला देख अल्ताफ ने अपने साथी को भी वहां बुला लिया। एक युवक ने चाकू से होमगार्ड के बाएं हाथ पर वार किया। बाद में दोनों भाग निकले। सूचना पर साथी कांस्टेबल व अन्य पुलिस अधिकारी घटनास्थल पहुंचे तथा लहुलूहान होमगार्ड को महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां उसकी हालत खतरे से बाहर है। पुलिस अधिकारी भी अस्पताल पहुंचे व मामले की जानकारी ली। होमगार्ड की तरफ से जानलेवा हमला व राजकार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज किया गया है। चाकू लगने पर भी किया संघष्ाüहाथ पर चाकू लगने के बावजूद होमगार्ड ने एक हमलावर की कमीज पकड़े रखी और दोनों में संघष्ाü होता रहा। भागते समय वह होमगार्ड के हाथ में रह गई। इसी कमीज के आधार पर पुलिस ने दोनों हमलावरों की तलाश शुरू की। सुबह होने पर दोनों आरोपियों को लाल बंगला के पीछे खेतानाडी से गिरफ्तार किया।दो स्थानों से चोरी कर भाग रहे थेआरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि वे क्षेत्र में राजकुमार व रमेश मूथा के निर्माणाधीन मकान में रखे श्रमिकों के औजार लेकर भाग रहे थे। इस संबंध में श्रमिक रामदेव और युसुफ खां की तरफ से चोरी के दो मामले भी दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने चोरी का माल भी बरामद किया।
मिस्त्री कुएं में दबा, सेना बचाने में जुटी जोधपुर/बिलाड़ा। जिले के बिलाड़ा में खेत पर बने कुएं में पम्प मरम्मत के दौरान लोरिंग मशीन के पलटने से एक मिस्त्री रविवार को मलबे में दब गया। पुलिस व प्रशासनिक अमला राहत कार्य में जुट गया, लेकिन देर रात तक उसे बाहर नहीं निकाला जा सका। सेना की मदद से रात तक बचाव कार्य चल रहा था। सैन्य मदद में देरी के चलते ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाई।पुलिस व प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बिलाड़ा निवासी घनश्याम (38) पुत्र मल्लाराम पटेल दोपहर साढ़े बारह बजे कुएं पर मरम्मत कार्य कर रहा था। इसी बीच, अचानक लोरिंग मशीन पलट गई और पूरा कुआं ढह गया। घनश्याम भी कुएं के मलबे में दब गया। उपखण्ड अधिकारी अशोक कुमार योगी, वृत्ताधिकारी रामदेव जलवानिया, तहसीलदार जसराज बेनीवाल, थाना प्रभारी आनन्दसिंह, व अन्य मौके पर पहुंचे। दोपहर बाद जिला कलक्टर ने सेना व अन्य संसाधन भेजने का आश्वासन दिया, लेकिन शाम तक सेना नहीं पहुंचने से ग्रामीण क्रुद्ध हो गए। वे तहसीलदार के समक्ष विरोध जताने लगे। शाम साढ़े पांच बजे 7-इंजीनियर्स रेजिमेंट के लेफ्टिनेंट देवाशीष के नेतृत्व में 40 जवान वहां पहुंचे और राहतकार्य में लग गए। देर रात तक बचाव कार्य चल रहा था। रोशनी की व्यवस्थाशाम को क्षेत्रीय विधायक अर्जुनलाल गर्ग भी घटनास्थल पर आए। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी इन्द्रसिंह राठौड़ ने लाइट के लिए जनरेटर की व्यवस्था करवाई। प्रशासन ने गम्भीरता नहीं दिखाईविधायक ने पत्रकारों से कहा कि प्रशासन ने घटना को गम्भीरता से नहीं लिया। शाम तक मुख्यालय से सेना की सहायता नहीं मंगवा पाए और न ही मलबे में दबे मिस्त्री तक आक्सीजन पहुंचाने की व्यवस्था की गई। इसके लिए उन्होंने तहसीलदार को खरी-खरी भी सुनाई। शाम होने के साथ-साथ घटनास्थल के आस-पास ग्रामीणों की भीड़ बढ़ने लगी। जोधपुर से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाकर तैनात किया गया।
सिंदूरी से महकने लगे खेत जालोर। जिले के खेत के सिन्दूरी अनार के बाग से चमन होने लगे हैं। अनार की सिंदूरी किस्म से खेतों में हरितिमा छा रही है। उद्यान विभाग को जिले में 50 हैक्टेयर में सिन्दूरी अनार के पौधे लगाने को लक्ष्य दिया गया है। जिसके विपरित विभाग ने 55 हैक्टेयर में पौधे लगा दिए हैं।विभाग की ओर से किसानों को 20 हजार पौधे वितरित किए गए हैं। वहीं 10 हजार पौधे और मंगाए है। उद्यान विभाग ने गुजरात के राजकोट से अनार की सिंदूरी किस्म के पौधे मंगाए हैं। जिन किसानों के खेत में ड्रीप संयत्र हो, उन किसानों को उद्यान विभाग की अनार ख्ेाती पर किसानों को इकाई लागत का 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। जिसमें स्थापना वर्षमें 60, दूसरे वर्ष 20 तथा तीसरे वर्ष 20 प्रतिशत अनुदान राशि दी जाती है।किसान करने लगे पसंदक्षेत्र में परंपरागत विधियों से खेती करने का तरीका छोड़कर किसान खेती में उन्नत किस्में अपनाने लग गए हैं। परंपरागत खेती में जीवीय व अजीवीय कारणों से फसलों का औसत उत्पादन कम होता है। ऎसे में किसान औसत उपज को बढ़ाने के लिए उन्नत किस्म अपनाने लगे हैं।अनार का क्रेजसेहत के लिए फायदा देने वाला अनार अब जिले के किसानों को लुभाने लगा है। अनार की व्यावसायिक खेती के लिए किसान अनार के बाग तैयार कर रहे हैं। जिले के सांचौर व भीनमाल क्षेत्र में अनार की खेती की ओर किसानों का रूझान बढ़ा है। कृषि अधिकारियों के अनुसार जिले में अनार उत्पादन के लिए अनुकूल वातावरण है। सूखी, गरम और सर्द हवाओं के साथ यहां पानी की उपलब्धता भी है। ऎसे में अनार की व्यावसायिक खेती के रूप में किसानों को नया विकल्प दिया जा सकता है।
हिस्ट्रीशीटर के मेहमान बने डीजीपी कोटा।राजस्थान पुलिस भले ही "अपराधियों में भय और आमजन में विश्वास" की बात कहे, लेकिन प्रदेश के पुलिस प्रमुख ने रविवार को बूंदी जिले में हिस्ट्रीशीटर के यहां मेहमान नवाजी का लुत्फ उठा इसकी पोल खोल दी। दरअसल, रविवार शाम 4 बजे डीजीपी हरीश मीना बूंदी जिले के बड़गांव बाबड़ी गांव में हिस्ट्रीशीटर सत्येन्द्र मीणा के फार्म हाउस पर गए, जहां उनका खूब-स्वागत सत्कार हुआ और चाय-नाश्ता परोसा गया। पूरी मेहमान नवाजी की व्यवस्था सत्येन्द्र ने की, जो फिलहाल एनएसयूआई प्रदेश महासचिव है। डीजीपी वहां करीब 15 मिनट ठहरे। इस दौरान वे पत्रकारों से भी मुखातिब हुए। डीजीपी वहां से कोटा के लिए रवाना हुए, तब भी सत्येन्द्र उनके वाहन में था। फार्म हाउस से लेकर कोटा शहर तक सत्येन्द्र के डीजीपीके साथ फोटो वाले होर्डिग भी लगे थे।निजी यात्रा पर आया हूंप्रेस कांफें्रस में दौरे को लेकर सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि छुट्टी लेकर निजी यात्रा पर आया हूं। कोटा में समाज का कार्यक्रम है। यात्रा भी निजी वाहन से कर रहा हूं। इसमें सरकारी वाहन का उपयोग नहीं कर रहा हूं। "ए" श्रेणी का हिस्ट्रीशीटर है सत्येन्द्रसत्येन्द्र कोटा के कुन्हाड़ी थाने का "ए" श्रेणी का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ शहर के विभिन्न थानों में 17 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें ज्यादातर मामले जानलेवा हमले, तोड़फोड़, राजकार्य में बाधा, घर में घुसकर मारपीट जैसी धाराओं में हैं। वर्ष 2009 से उसकी हिस्ट्रीशीट खुली हुई है। पहले नहीं गए थे डीजीपीसूत्रों ने बताया कि पुलिस महानिदेशक 17 जुलाई, 2011 को भी कोटा आए थे, तो उनका सत्येन्द्र के बड़गांव आवास पर अल्पाहार के लिए जाने का कार्यक्रम बना था, लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने सत्येन्द्र के हिस्ट्रीशीटर होने की जानकारी दी तो वे रास्ते से लौट आए थे। इस बार सत्येन्द्र पूरे समय पुलिस प्रमुख के साथ साये की तरह रहा।विभागीय स्तर पर नहीं थी सूचनाडीजीपी की यात्रा की विभागीय स्तर पर कोई सूचना नहीं थी, इसलिए वे कहां गए और कहां जाना था, इस बारे में मैं कुछ नहीं कह सकती। - प्रीति चंद्रा, एसपी, बूंदी
जयपुर। विपक्ष की नेता वसुंधराराजे करीब दो माह के विदेश दौरे के बाद रविवार शाम जयपुर लौट आईं। वे सोमवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में होने वाली कोर कमेटी की बैठक में शामिल होंगी। इसमें 10 अक्टूबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के दौरान उठाए जाने वाले मुद्दों और महंगाई एवं भ्रष्टाचार पर होने वाले आंदोलन की रणनीति पर विचार किया जाएगा। पार्टी प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने बताया कि कोर कमेटी की बैठक सोमवार दोपहर 12 बजे होगी। इसमें संगठनात्मक विषयों के साथ-साथ महंगाई, भ्रष्टाचार को लेकर भी चर्चा की जाएगी। बैठक में प्रदेश प्रभारी कप्तान सिंह सोलंकी के अलावा सांसद ओम माथुर, वसुंधरा राजे, विपक्ष के उपनेता घनश्याम तिवाड़ी, मुख्य सचेतक राजेंद्र राठौड़ भी मौजूद रहेंगे। भभाजपा विधायक दल की बैठक कल ाजपा विधायक दल की बैठक 9 अक्टूबर को विधानसभा की ना पक्ष लॉबी में होगी। वसुंधराराजे की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में सत्र के दौरान उठाए जाने वाले विषयों और सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। जयपुर पहुंचने पर वसुंधरा का स्वागत जयपुर पहुंचने पर विधायकों और पूर्व सांसदों ने वसुंधरा की अगवानी की। इससे पूर्व दिल्ली से जयपुर के रास्ते में जगह-जगह स्वागत हुआ। वक्ता प्रशिक्षण शिविर 11 को महंगाई और भ्रष्टाचार को लेकर प्रदेश में 11 नवंबर से 25 दिसंबर तक चलने वाले जनजागरण अभियान के लिए यहां बिडला ऑडिटोरियम में 9 अक्टूबर को 11 बजे से वक्ता प्रशिक्षण शिविर आयोजित होगा। इसे राष्ट्रीय महामंत्री धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश प्रभारी कप्तानसिंह सोलंकी, वसुंधराराजे, अरुण चतुर्वेदी, घनश्याम तिवाड़ी, पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया संबोधित करेंगे। प्रदेश महामंत्री सतीश पूनिया के अनुसार इस अभियान को 'महंगाई, भ्रष्टाचार मिटाओ, कांग्रेस हराओ और देश बचाओÓ नाम दिया गया।
कोलंबो. मेजबान श्रीलंका को 36 रन से हरा कर कैरिबियाई टीम ने आईसीसी ट्वेंटी-20 वर्ल्ड कप खिताब अपने नाम किया।
आर प्रेमदासा स्टेडियम में हुए खिताबी मुकाबले में वेस्ट इंडीज ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 6 विकेट पर 137 रन बनाए। सैम्युअल्स ने 78 और कप्तान डैरेन सैमी ने नाबाद 26 रन की पारी खेली। श्रीलंका के लिए अजंथा मेंडिस ने 11 रन देकर 4 विकेट चटकाए।
जवाब में पूरी श्रीलंकाई टीम 18.4 ओवरों में 101 रन बना कर ऑल आउट हो गई। कप्तान महेला जयवर्धने ने 33, नुवान कुलसेखरा 26 और कुमार संगकारा ने 22 रन की पारियां खेलीं, लेकिन वे टीम को जीत नहीं दिला सके। वेस्ट इंडीज के गेंदबाजों ने श्रीलंका को उसी के घरेलू मैदान पर रनों के लिए तरसा दिया। जयवर्धने, कुलसेखरा और संगकारा के अलावा कोई अन्य बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा तक पार नहीं कर सका।
मार्लन सैम्युअल्स और सुनील नारायण इस जीत के हीरो रहे। सैम्युअल्स ने जहां 78 रन की तेज पारी खेल कर टीम को 137 रन का विनिंग स्कोर खड़ा करने में मदद की, वहीं नारायण ने 3 विकेट चटका कर जीत की राह आसान की।
वेस्ट इंडीज की टीम ने 33 साल बाद क्रिकेट के वर्ल्ड चैंप होने का रुतबा हासिल किया। इससे पहले क्लाइव लॉयड की अगुवाई वाली कैरिबियाई टीम ने 1979 में इंग्लैंड को हरा कर वनडे वर्ल्ड कप का खिताब जीता था।
56 गेंदों पर 78 रन बनाने वाले सैम्युअल्स को मैन ऑफ द मैच चुना गया। ऑस्ट्रेलिया के शेन वाटसन को मैन ऑफ द सीरीज अवार्ड से नवाजा गया।
वेस्ट इंडीज को फाइनल तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाने वाले क्रिस गेल इस मैच में फेल हुए, लेकिन इसके बावजूद कैरिबियाई टीम ने हौसला नहीं खोया। मार्लन सैम्युअल्स ने तेज तर्रार पारी खेल कर टीम की जीत की नींव रखी। इसके बाद सुनील नारायण ने कप्तान डैरेन सैमी के साथ मिल कर टीम को खिताब दिला दिया। नारायण ने जहां 9 रन देकर 3 विकेट चटकाए, वहीं सैमी ने 6 रन देकर 2 विकेट झटके।
देवका (बाड़मेर) के पुरातात्विक महत्व के प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर समूह
राजस्थान के सीमावर्ती बाड़मेर जिले के बाड़मेर-जैसलमेर मार्ग पर देवका गांव में 12 वीं शताब्दी का जीर्ण-शीर्ण ऐतिहासिक सूर्य मंदिर एवं अन्य प्राचीन मंदिरों का समूह स्थित है। बाड़मेर से करीब 72 मील दूर देवका के इस प्राचीन सूर्यमंदिर का राजस्थान के पुरातत्व में महत्वपूर्ण स्थान है। देवका के मंदिर समूह में सूर्य मंदिर के अतिरिक्त शिव, कुबेर और विष्णु के मंदिर भी विद्यमान हैं। सूर्य पूजा के प्राचीन महत्व को दर्शाने वाले यहाँ के पूर्वाभिमुख शिखरवाले सूर्य मंदिर के अंदर गर्भगृह बना है तथा आगे सभामंडप बना हुआ है। सभामंडप के उत्तर और दक्षिण में अत्यंत सुंदर गोख व मकर तोरण निर्मित हैं। सभामंडप के एक स्तम्भ पर संवत 1631 फाल्गुन सुदी 7 और बाईं ओर संवत 1674 के लेख उकेरे गए हैं। मंदिर के मूल गंभारे पर द्वारपालिका, सूर्य स्थानक पत्रलता, सूर्य तथा द्वारपाल की मूर्तियाँ उकेरी हुई हैं। इन आकृतियों के कारण इस सूर्य मंदिर को सिद्ध माना जाता है। इस सूर्य मंदिर के शिखर पर छोटे-छोटे छिद्र हैं और इसे छोटी छोटी पट्टिकाओं को जोड़ कर बनाया गया है। शिखर के ऊपर गोलाकार पत्थर स्थित है, जिस पर रेखाएं अंकित हैं। इसके पीछे ताक में पश्चिमाभिमुख परशुराम, उत्तर में कुबेर तथा दक्षिण में ब्रह्माजी की प्रतिमाएं पूजित हैं। इन मूर्तियों के पास कुछ और प्रतिमाएं भी हैं, जो क्षतिग्रस्त होने के कारण पहचानी नहीं जा सकती हैं। मंदिर के चारों कोनों पर चार छोटी देवकुलिकाएं अंकित होने का आभास होता है। मंदिर के उत्तरी और दक्षिणी हिस्से में दो देवलियां विद्यमान हैं। उत्तराभिमुख देवली कुबेर की है, जिसके बाह्य भाग पर पूर्व में शिव-पार्वती, पश्चिम में ब्रह्मा और दक्षिणी भाग में कुबेर सपत्नीक विराजमान हैं। आगे के भाग में मूल देवली के प्रवेश द्वार पर कुबेर की लघु आकृतियां उकेरी हुई हैं। इसके स्थित शिव देवली के बाहरी भाग पर पूर्व में गणेश और दक्षिण में सूर्य की मूर्तियां अलंकृत प्रतीत होती हैं। इस मंदिर के पार्श्व भाग की पट्टी पर नवगृह और मध्यम में शिव की मूर्तियां दृश्य हैं। इस देवली की जीर्ण-शीर्ण सीढ़ियोँ से नीचे उतरने पर उत्तर की तरफ एक गोवर्धन स्तम्भ है जहाँ पर उमा, महेश, सूर्य, गणेश और गोवर्धन पर्वत धारण किए हुए भगवान कृष्ण की प्रतिमाएं हैं। सूर्य मंदिर के सामने इस परिसर मेँ यहाँ एक विष्णु मंदिर भी है। इस विष्णु मंदिर की प्रवेश द्वार पट्टिका पर ब्रह्मा, सूर्य, नवग्रहों, राहु-केतु तथा विष्णु की मूर्तियां अलंकृत हैं। इस मंदिर के परिक्रमा स्थल पर भी प्रतिमाएं उत्कीर्ण हैं, परंतु जीर्ण-शीर्ण होने के कारण इनकी आकृतियां स्पष्ट पहचानी नहीं जा सकती हैं। इन मंदिरों के समीप ही देवका गांव है जिसके तालाब के किनारे स्मारको पर प्राचीन शिलालेख अंकित है, जो पुरातत्ववेत्ताओं के लिए शोध का विषय है। कहा जाता है कि सूर्य मंदिर के चारों कोनों पर चार अप्रधान मंदिर पालीवालों ने बनवाए थे। इस मंदिर के परिसर में दो और मंदिर हैं, जिनमें एकल पत्थर पर बनी गणेशजी की मूर्तियां बहुत सुंदर लगती हैं।
भारी मात्रा में अवैध शराब से भरा कंटेनर पकड़ा, दो गिरफ्तार बालोतरा बालोतरा पुलिस ने रविवार रात भारी मात्रा में अवैध शराब से भरा एक कंटेनर बरामद किया। इस मामले में पुलिस ने ड्राइवर व खलासी को हिरासत में लिया है। पुलिस उप अधीक्षक रामेश्वरलाल मेघवाल ने बताया कि पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट के निर्देशानुसार अवैध शराब धरपकड़ अभियान के तहत मुखबीर की इत्तला पर रविवार रात करीब 10 बजे मेगा हाइवे पर सिवाना फांटा के पास बालोतरा थानाधिकारी कैलाश चंद्र मीणा के नेतृत्व में नाकाबंदी की गई। नाकेबंदी के दौरान हरियाणा से गुजरात जा रहे ट्रक नंबर एचआर 55 एच-3295 को रुकवाया। ट्रक की जांच के दौरान में उसमें भारी मात्रा में अवैध शराब पाई गई। पुलिस ने कंटेनर सहित ड्राइवर लक्ष्मण सिंह पुत्र रणधीर सिंह जाट व खलासी जसवंत सिंह पुत्र कमल सिंह जाट निवासी जवा तहसील वल्लभगढ़(फरीदाबाद) को पुलिस हिरासत में लिया। वहीं ट्रक को जसोल चौकी ले जाकर खड़ा किया। मेघवाल ने बताया कि ट्रक में भारी मात्रा में शराब होने की वजह से गिनती अभी जारी है। कार्रवाई के दौरान जसोल पुलिस चौकी प्रभारी चेलाराम कटारिया, हैंड कांस्टेबल किरताराम, कांस्टेबल गोपीकिशन, भंवरलाल विश्नोई, दीनाराम, बृजमोहन व कमल सिंह मौजूद थे।
भुवनेश्वर।। पत्नी से झगड़े को लेकर दो शेरों के पिजड़े में कूदने वाला 35 वर्षीय व्यक्ति जिंदगी और मौत की लड़ाई से जूझ रहा था। बुरी तरह जख्मी हालत में उसे शेरों के पिंजरे से बाहर निकाला गया और हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।
गौरतलब है कि शनिवार को उसने भुवनेश्वर के नंदनकनन चिड़ियाघर में शेर की पिंजरे में छलांग लगा दी थी और ऐसा उसने एक दिन पहले अपनी पत्नी के साथ हुई झगड़े के बाद किया था।
चश्मदीदों ने बताया कि सूर्य नारायण दास, जो गंजम जिले के छत्रपुर इलाके के रहने वाले हैं, ने दो सो रहे शेरों के पिंजरे में कूदने से पहले उन्हें नमस्कार किया। फिर अपनी शर्ट-पैंट निकाली और एक महिला के आगे झुके। चश्मदीद ने बताया कि दबोचने से पहले उसे एक शेर ने सूंघा और फिर उसके सिर पर हमला किया। फिर दोनों शेरों ने उसकी गर्दन और उसके पैर पकड़कर करीब उसे 50 फीट तक घसीटा। इस घटना से चिड़ियाघर में अफरा-तफरी मच गई और लोग चिल्लाते हुए वहां पहुंचे। जानवरों पर पत्थरों से हमला करने लगे। इस हलचल से चिड़ियाघर में ही पैदा हुए शेर, जो इस तरह के हमले से अनजान थे, घबरा गए और सूर्य नारायण दास को वहीं छोड़कर अंदर वाले पिंजरे में जाकर छिप गए। चिड़ियाघर के कर्मचारियों ने तुरंत पिंजरे को बाहर से बंद किया और दास को बाहर निकाल लिया।
चिड़ियाघर के सहायक निदेशक के. एल. पुरोहित ने बताया कि उनकी टीम घटनास्थल पर पांच मिनट के अंदर ही पहुंच गई और दास को नजदीकी प्राइवेट अस्पताल ले गई। लंच टाइम होने के कारण जानवरों के रक्षक वहां मौजूद नहीं थे, लेकिन दो सुरक्षाकर्मी वहीं पास में पहरा दे रहे थे।
होश में वापस आने के बाद दास ने बताया कि वह अपनी पत्नी से झगड़े के बाद मर जाना चाहता था। उसने सोचा कि जानवरों का आहार बनकर मरना, अपनी जिंदगी को खत्म करने का अच्छा तरीका है।
डॉक्टरों ने बताया कि दास के सिर, गर्दन, पसलियों, हाथों और पैरों में कई चोटें आई हैं। डॉक्टर ने कहा कि उसका पूरा शरीर ही घायल हुआ है क्योंकि जानवरों ने उसे अच्छी खासी दूरी तक घसीटा था।
नंदनकनन के उप-निदेशक सीआर मिश्रा ने बताया कि ऐसी घटना वहां पहली बार हुई है। हम सख्ती से सेंट्रल ज़ू अथॉरिटी के पर्यटकों और जानवरों के लिए बनाए गए नियमों का पालन करते हैं। लेकिन अगर कोई खुद ही अपनी जिंदगी खत्म करने के लिए शेर के मुंह में कूद जाए तो हम कुछ नहीं कर सकते।
शनिवार को अथॉरिटी ने ऐसी घटनाओं से बचने के लिए चिड़ियाघर में सुरक्षा के इंतजाम और भी पुखता कर दिए हैं। सभी मांसाहारी जानवरों के पिंजरों के बाहर, जिनमें 24 बाघ और तीन शेर हैं, एक अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी को तैनात किया गया है। सूत्रों ने बताया कि ऐसा करने से चिड़ियाघर के कर्मचारी काम के बोझ से लदे हुए महसूस कर रहे हैं क्योंकि वहां भारी संख्या में मौजूद जानवरों की देख-रेख के लिए कर्मचारियों की संख्या कम है।