सोमवार, 8 अक्तूबर 2012

हिस्ट्रीशीटर के मेहमान बने डीजीपी


हिस्ट्रीशीटर के मेहमान बने डीजीपी
कोटा।राजस्थान पुलिस भले ही "अपराधियों में भय और आमजन में विश्वास" की बात कहे, लेकिन प्रदेश के पुलिस प्रमुख ने रविवार को बूंदी जिले में हिस्ट्रीशीटर के यहां मेहमान नवाजी का लुत्फ उठा इसकी पोल खोल दी। दरअसल, रविवार शाम 4 बजे डीजीपी हरीश मीना बूंदी जिले के बड़गांव बाबड़ी गांव में हिस्ट्रीशीटर सत्येन्द्र मीणा के फार्म हाउस पर गए, जहां उनका खूब-स्वागत सत्कार हुआ और चाय-नाश्ता परोसा गया।

पूरी मेहमान नवाजी की व्यवस्था सत्येन्द्र ने की, जो फिलहाल एनएसयूआई प्रदेश महासचिव है। डीजीपी वहां करीब 15 मिनट ठहरे। इस दौरान वे पत्रकारों से भी मुखातिब हुए। डीजीपी वहां से कोटा के लिए रवाना हुए, तब भी सत्येन्द्र उनके वाहन में था। फार्म हाउस से लेकर कोटा शहर तक सत्येन्द्र के डीजीपीके साथ फोटो वाले होर्डिग भी लगे थे।
निजी यात्रा पर आया हूं
प्रेस कांफें्रस में दौरे को लेकर सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि छुट्टी लेकर निजी यात्रा पर आया हूं। कोटा में समाज का कार्यक्रम है। यात्रा भी निजी वाहन से कर रहा हूं। इसमें सरकारी वाहन का उपयोग नहीं कर रहा हूं। "ए" श्रेणी का हिस्ट्रीशीटर है सत्येन्द्रसत्येन्द्र कोटा के कुन्हाड़ी थाने का "ए" श्रेणी का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ शहर के विभिन्न थानों में 17 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें ज्यादातर मामले जानलेवा हमले, तोड़फोड़, राजकार्य में बाधा, घर में घुसकर मारपीट जैसी धाराओं में हैं। वर्ष 2009 से उसकी हिस्ट्रीशीट खुली हुई है।

पहले नहीं गए थे डीजीपी
सूत्रों ने बताया कि पुलिस महानिदेशक 17 जुलाई, 2011 को भी कोटा आए थे, तो उनका सत्येन्द्र के बड़गांव आवास पर अल्पाहार के लिए जाने का कार्यक्रम बना था, लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने सत्येन्द्र के हिस्ट्रीशीटर होने की जानकारी दी तो वे रास्ते से लौट आए थे। इस बार सत्येन्द्र पूरे समय पुलिस प्रमुख के साथ साये की तरह रहा।

विभागीय स्तर पर नहीं थी सूचना
डीजीपी की यात्रा की विभागीय स्तर पर कोई सूचना नहीं थी, इसलिए वे कहां गए और कहां जाना था, इस बारे में मैं कुछ नहीं कह सकती। - प्रीति चंद्रा, एसपी, बूंदी

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