सिंदूरी से महकने लगे खेत
जालोर। जिले के खेत के सिन्दूरी अनार के बाग से चमन होने लगे हैं। अनार की सिंदूरी किस्म से खेतों में हरितिमा छा रही है। उद्यान विभाग को जिले में 50 हैक्टेयर में सिन्दूरी अनार के पौधे लगाने को लक्ष्य दिया गया है। जिसके विपरित विभाग ने 55 हैक्टेयर में पौधे लगा दिए हैं।
विभाग की ओर से किसानों को 20 हजार पौधे वितरित किए गए हैं। वहीं 10 हजार पौधे और मंगाए है। उद्यान विभाग ने गुजरात के राजकोट से अनार की सिंदूरी किस्म के पौधे मंगाए हैं। जिन किसानों के खेत में ड्रीप संयत्र हो, उन किसानों को उद्यान विभाग की अनार ख्ेाती पर किसानों को इकाई लागत का 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। जिसमें स्थापना वर्षमें 60, दूसरे वर्ष 20 तथा तीसरे वर्ष 20 प्रतिशत अनुदान राशि दी जाती है।
किसान करने लगे पसंद
क्षेत्र में परंपरागत विधियों से खेती करने का तरीका छोड़कर किसान खेती में उन्नत किस्में अपनाने लग गए हैं। परंपरागत खेती में जीवीय व अजीवीय कारणों से फसलों का औसत उत्पादन कम होता है। ऎसे में किसान औसत उपज को बढ़ाने के लिए उन्नत किस्म अपनाने लगे हैं।
अनार का क्रेज
सेहत के लिए फायदा देने वाला अनार अब जिले के किसानों को लुभाने लगा है। अनार की व्यावसायिक खेती के लिए किसान अनार के बाग तैयार कर रहे हैं। जिले के सांचौर व भीनमाल क्षेत्र में अनार की खेती की ओर किसानों का रूझान बढ़ा है। कृषि अधिकारियों के अनुसार जिले में अनार उत्पादन के लिए अनुकूल वातावरण है। सूखी, गरम और सर्द हवाओं के साथ यहां पानी की उपलब्धता भी है। ऎसे में अनार की व्यावसायिक खेती के रूप में किसानों को नया विकल्प दिया जा सकता है।
जालोर। जिले के खेत के सिन्दूरी अनार के बाग से चमन होने लगे हैं। अनार की सिंदूरी किस्म से खेतों में हरितिमा छा रही है। उद्यान विभाग को जिले में 50 हैक्टेयर में सिन्दूरी अनार के पौधे लगाने को लक्ष्य दिया गया है। जिसके विपरित विभाग ने 55 हैक्टेयर में पौधे लगा दिए हैं।
विभाग की ओर से किसानों को 20 हजार पौधे वितरित किए गए हैं। वहीं 10 हजार पौधे और मंगाए है। उद्यान विभाग ने गुजरात के राजकोट से अनार की सिंदूरी किस्म के पौधे मंगाए हैं। जिन किसानों के खेत में ड्रीप संयत्र हो, उन किसानों को उद्यान विभाग की अनार ख्ेाती पर किसानों को इकाई लागत का 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। जिसमें स्थापना वर्षमें 60, दूसरे वर्ष 20 तथा तीसरे वर्ष 20 प्रतिशत अनुदान राशि दी जाती है।
किसान करने लगे पसंद
क्षेत्र में परंपरागत विधियों से खेती करने का तरीका छोड़कर किसान खेती में उन्नत किस्में अपनाने लग गए हैं। परंपरागत खेती में जीवीय व अजीवीय कारणों से फसलों का औसत उत्पादन कम होता है। ऎसे में किसान औसत उपज को बढ़ाने के लिए उन्नत किस्म अपनाने लगे हैं।
अनार का क्रेज
सेहत के लिए फायदा देने वाला अनार अब जिले के किसानों को लुभाने लगा है। अनार की व्यावसायिक खेती के लिए किसान अनार के बाग तैयार कर रहे हैं। जिले के सांचौर व भीनमाल क्षेत्र में अनार की खेती की ओर किसानों का रूझान बढ़ा है। कृषि अधिकारियों के अनुसार जिले में अनार उत्पादन के लिए अनुकूल वातावरण है। सूखी, गरम और सर्द हवाओं के साथ यहां पानी की उपलब्धता भी है। ऎसे में अनार की व्यावसायिक खेती के रूप में किसानों को नया विकल्प दिया जा सकता है।
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