मिस्त्री कुएं में दबा, सेना बचाने में जुटी
जोधपुर/बिलाड़ा। जिले के बिलाड़ा में खेत पर बने कुएं में पम्प मरम्मत के दौरान लोरिंग मशीन के पलटने से एक मिस्त्री रविवार को मलबे में दब गया। पुलिस व प्रशासनिक अमला राहत कार्य में जुट गया, लेकिन देर रात तक उसे बाहर नहीं निकाला जा सका। सेना की मदद से रात तक बचाव कार्य चल रहा था। सैन्य मदद में देरी के चलते ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाई।
पुलिस व प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बिलाड़ा निवासी घनश्याम (38) पुत्र मल्लाराम पटेल दोपहर साढ़े बारह बजे कुएं पर मरम्मत कार्य कर रहा था। इसी बीच, अचानक लोरिंग मशीन पलट गई और पूरा कुआं ढह गया। घनश्याम भी कुएं के मलबे में दब गया। उपखण्ड अधिकारी अशोक कुमार योगी, वृत्ताधिकारी रामदेव जलवानिया, तहसीलदार जसराज बेनीवाल, थाना प्रभारी आनन्दसिंह, व अन्य मौके पर पहुंचे।
दोपहर बाद जिला कलक्टर ने सेना व अन्य संसाधन भेजने का आश्वासन दिया, लेकिन शाम तक सेना नहीं पहुंचने से ग्रामीण क्रुद्ध हो गए। वे तहसीलदार के समक्ष विरोध जताने लगे। शाम साढ़े पांच बजे 7-इंजीनियर्स रेजिमेंट के लेफ्टिनेंट देवाशीष के नेतृत्व में 40 जवान वहां पहुंचे और राहतकार्य में लग गए। देर रात तक बचाव कार्य चल रहा था।
रोशनी की व्यवस्था
शाम को क्षेत्रीय विधायक अर्जुनलाल गर्ग भी घटनास्थल पर आए। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी इन्द्रसिंह राठौड़ ने लाइट के लिए जनरेटर की व्यवस्था करवाई।
प्रशासन ने गम्भीरता नहीं दिखाई
विधायक ने पत्रकारों से कहा कि प्रशासन ने घटना को गम्भीरता से नहीं लिया। शाम तक मुख्यालय से सेना की सहायता नहीं मंगवा पाए और न ही मलबे में दबे मिस्त्री तक आक्सीजन पहुंचाने की व्यवस्था की गई। इसके लिए उन्होंने तहसीलदार को खरी-खरी भी सुनाई। शाम होने के साथ-साथ घटनास्थल के आस-पास ग्रामीणों की भीड़ बढ़ने लगी। जोधपुर से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाकर तैनात किया गया।
जोधपुर/बिलाड़ा। जिले के बिलाड़ा में खेत पर बने कुएं में पम्प मरम्मत के दौरान लोरिंग मशीन के पलटने से एक मिस्त्री रविवार को मलबे में दब गया। पुलिस व प्रशासनिक अमला राहत कार्य में जुट गया, लेकिन देर रात तक उसे बाहर नहीं निकाला जा सका। सेना की मदद से रात तक बचाव कार्य चल रहा था। सैन्य मदद में देरी के चलते ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाई।
पुलिस व प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बिलाड़ा निवासी घनश्याम (38) पुत्र मल्लाराम पटेल दोपहर साढ़े बारह बजे कुएं पर मरम्मत कार्य कर रहा था। इसी बीच, अचानक लोरिंग मशीन पलट गई और पूरा कुआं ढह गया। घनश्याम भी कुएं के मलबे में दब गया। उपखण्ड अधिकारी अशोक कुमार योगी, वृत्ताधिकारी रामदेव जलवानिया, तहसीलदार जसराज बेनीवाल, थाना प्रभारी आनन्दसिंह, व अन्य मौके पर पहुंचे।
दोपहर बाद जिला कलक्टर ने सेना व अन्य संसाधन भेजने का आश्वासन दिया, लेकिन शाम तक सेना नहीं पहुंचने से ग्रामीण क्रुद्ध हो गए। वे तहसीलदार के समक्ष विरोध जताने लगे। शाम साढ़े पांच बजे 7-इंजीनियर्स रेजिमेंट के लेफ्टिनेंट देवाशीष के नेतृत्व में 40 जवान वहां पहुंचे और राहतकार्य में लग गए। देर रात तक बचाव कार्य चल रहा था।
रोशनी की व्यवस्था
शाम को क्षेत्रीय विधायक अर्जुनलाल गर्ग भी घटनास्थल पर आए। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी इन्द्रसिंह राठौड़ ने लाइट के लिए जनरेटर की व्यवस्था करवाई।
प्रशासन ने गम्भीरता नहीं दिखाई
विधायक ने पत्रकारों से कहा कि प्रशासन ने घटना को गम्भीरता से नहीं लिया। शाम तक मुख्यालय से सेना की सहायता नहीं मंगवा पाए और न ही मलबे में दबे मिस्त्री तक आक्सीजन पहुंचाने की व्यवस्था की गई। इसके लिए उन्होंने तहसीलदार को खरी-खरी भी सुनाई। शाम होने के साथ-साथ घटनास्थल के आस-पास ग्रामीणों की भीड़ बढ़ने लगी। जोधपुर से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाकर तैनात किया गया।
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