शनिवार, 4 अगस्त 2012

किशोर कुमार जैसा और कन्हा


किशोर कुमार के जन्मदिन पर विशेष :-
किशोर कुमार जैसा और कन्हा 


तेरे जैसा यार कहा कहा ऐसा याराना ये महज एक गीत है नहीं किशोर कुमार का व्यक्तित्व भी है . आज हिन्दी सिनेमा जगत में शायद ही कोई ऐसा युवा गायक हो जो किशोर कुमार से प्रभावित ना हो. किशोर कुमार, एक ऐसी शख्सियत थे जिसमें बहुमुखी प्रतिभा होने के साथ वह सब था जिसकी वजह से लोग उन्हें महान मानते थे. एक गायक और अभिनेता होने के साथ किशोर कुमार ने लेखक, निर्देशक, निर्माता और संवाद लेखक तक की भूमिका निभाई. सिर्फ हिन्दी ही नहीं बंगाली, मराठी, गुजराती, कन्नड़ जैसी कई फिल्मों में भी उन्होंने अपनी आवाज का जादू बिखेरा. एक बेहतरीन गायक होने के साथ किशोर कुमार को उनकी कॉमेडियन अदाकारी के लिए आज भी याद किया जाता है.

बिना संगीत सीखे इस इंसान ने हिन्दी संगीत जगत में वह स्थान बनाया है जहां लोग उन्हें अपना आदर्श मानते हैं. अक्सर युवा पीढ़ी को पुराने जमाने के गानों से दूरी बनाने की आदत है लेकिन जब नाम किशोर कुमार का आता है तो वह भी खिंचे चले आते हैं. किशोर कुमार का जीवन भी किसी फिल्मी किरदार से कम नहीं. बिना पैसा लिए काम न करने वाले इस गायक ने कई बार युवा संगीतकारों की मदद की और नए फिल्मकारों के लिए मुफ्त में गाने भी गाए. उनके अभिनय को फिल्मकार फिल्मों में ज्यादा उतार तो नहीं पाए लेकिन उनकी आवाज आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई है.


किशोर कुमार का जन्म मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में हुआ था. उनका बचपन का नाम आभास कुमार गांगुली था. 4 अगस्त, 1929 को जन्मे आभास कुमार ने फिल्मी दुनियां में अपनी पहचान किशोर कुमार के नाम से बनाई. किशोर कुमार के पिता कुंजीलाल खंडावा के बहुत बड़े वकील थे. किशोर कुमार अपने भाई-बहनों में दूसरे स्थान पर थे. किशोर कुमार के भाई अशोक कुमार और अनूप कुमार भी बॉलिवुड से ही जुड़े थे. जिस समय किशोर कुमार ने अपना कॅरियर शुरू किया उस समय उनके भाई अशोक कुमार का कॅरियर बन चुका था.

किशोर कुमार का कॅरियर
जब बड़े भाई अशोक कुमार का फिल्मी कॅरियर बन चुका था तब उनके परिवार का मुंबई आना-जाना होने लगा. इसी दौरान उन्होंने अपना नाम आभास कुमार से किशोर कुमार रख लिया. फिल्म “बॉम्बे टॉकीज” से किशोर कुमार ने अपने गायन कॅरियर की शुरुआत की. इस फिल्म में उन्होंने पार्श्व गायक की भूमिका निभाई. 1946 में आई फिल्म “शिकारी” उनकी पहली ऐसी फिल्म थी जिसमें उन्होंने अभिनेता की भूमिका निभाई थी. इसके बाद 1948 में फिल्म “जिद्दी” में उन्होंने देव आनंद के लिए गाना गाया था. फिल्म में किशोर कुमार के काम की बहुत प्रशंसा हुई और उनको कई अन्य कार्य भी मिले.

इसके बाद 1949 में किशोर कुमार मुंबई में ही बस गए. 1951 में फिल्म “आंदोलन” में उन्होंने अभिनेता की भूमिका निभाई. यह फिल्म फ्लॉप रही और इसके बाद से ही किशोर कुमार ने फिल्मों में अभिनय से ज्यादा अपनी गायकी पर जोर दिया. हालांकि उनके भाई अशोक कुमार चाहते थे कि किशोर कुमार अभिनय पर ध्यान देकर उनकी तरह एक सफल अभिनेता बनें.

1954 में उन्होंने बिमल राय की ‘नौकरी’ में एक बेरोजगार युवक की संवेदनशील भूमिका कर अपनी ज़बर्दस्त अभिनय प्रतिभा से भी परिचित कराया. इसके बाद 1955 में बनी “बाप रे बाप”, 1956 में “नई दिल्ली”, 1957 में “मि. मेरी” और “आशा”, और 1958 में बनी “चलती का नाम गाड़ी” जिसमें किशोर कुमार ने अपने दोनों भाइयों अशोक कुमार और अनूप कुमार के साथ काम किया.

संगीत निर्देशक आर.डी. बर्मन ने किशोर कुमार के कॅरियर को बनाने में बहुत मदद की थी. आर डी बर्मन के संगीत निर्देशन में किशोर कुमार ने ‘मुनीम जी’, ‘टैक्सी ड्राइवर’, ‘फंटूश’, ‘नो दो ग्यारह’, ‘पेइंग गेस्ट’, गाइड’, ‘ज्वेल थीफ़’, ‘प्रेमपुजारी’, ‘तेरे मेरे सपने’ जैसी फिल्मों में अपनी जादुई आवाज से फिल्मी संगीत के दीवानों को अपना दीवाना बना लिया.

एक अनुमान के अनुसार किशोर कुमार ने वर्ष 1940 से वर्ष 1980 के बीच के अपने कॅरियर के दौरान करीब 574 से अधिक फिल्मों में गाने गाए. किशोर कुमार ने 81 फ़िल्मों में अभिनय किया और 18 फिल्मों का निर्देशन भी किया. फिल्म “पड़ोसन” उनके कॅरियर की एक बेमिसाल फिल्म रही है. इस फिल्म में जिस तरह का मस्तमौला किरदार उन्होंने निभाया वैसा वह अपनी असल जिंदगी में भी थे.

किशोर कुमार की खासियत यह थी कि उन्होंने देव आनंद से लेकर राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन के लिए अपनी आवाज दी और इन सभी अभिनेताओं पर उनकी आवाज ऐसी रची बसी मानो किशोर खुद उनके अंदर मौजूद हों.

“किशोर से सावधान”
किशोर कुमार का व्यक्तित्व मनमौजी किस्म का था. हमेशा मस्त रहने वाले किशोर कुमार अपनी जन्मभूमि खंडावा से बहुत प्रेम करते थे. एक और बात जिसकी वजह से लोग किशोर कुमार को अधिकतर फिल्मकार पसंद नहीं करते थे वह थी बिना पैसा लिए काम न करने की आदत. वह तब तक किसी गाने की रिकॉर्डिंग नहीं करते थे जब तक उन्हें पैसा नहीं मिल जाता था.

एक वाकए के अनुसार, जब एक फिल्म की शूटिंग के दौरान निर्माता ने उन्हें पहले पूरे पैसे नहीं दिए तो वह फिल्म के सेट पर आधे चेहरे पर ही मेक-अप लगाकर पहुंच गए और पूछने पर कहने लगे कि “आधा पैसा तो आधा मेक-अप.” एक और बहुत ही हास्य घटना के अनुसार जब निर्माता आर.सी. तलवार ने उनके पैसे नहीं दिए तो वह हर दिन तलवार के घर सुबह-सुबह पहुंच कर बाहर से ही चिल्लाने लगते “हे तलवार, दे दे मेरे आठ हजार.”

हालांकि उनका उसूल था कि पैसा नहीं तो काम नहीं पर कई बार उन्होंने निर्माताओं के लिए फ्री में भी गाना गाए हैं. किशोर कुमार बहुत ही दयावान और दूसरों की मदद के लिए भी जाने जाते थे. काफी लोग उनके अक्खड़ और मस्तमौला व्यवहार की आलोचना भी करते थे लेकिन वह किसी की परवाह नहीं करते थे. अपने घर के बाहर उन्होंने “किशोर से सावधान” का बोर्ड लगा रखा था.

किशोर कुमार और फिल्मफेयर का रिकॉर्ड
किशोर कुमार बतौर पा‌र्श्वगायक आठ बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किये गए जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. सबसे पहले उन्हें वर्ष 1969 में “आराधना” फिल्म के गाने ‘रूप तेरा मस्ताना’ गाने के लिये सर्वश्रेष्ठ गायक का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया था.

इसके बाद वर्ष 1975 में फिल्म “अमानुष” के गाने ‘दिल ऐसा किसी ने मेरा .. के साथ वर्ष 1978 में “डॉन” के गाने ‘खाइके पान बनारस वाला’ के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड मिला. वर्ष 1980 में फिल्म “हजार राहे जो मुड़ के देखी” के गाने “थोड़ी सी बेवफाई .. सहित वर्ष 1982 में फिल्म “नमक हलाल” के गाने ‘पग घुंघरू बांध मीरा नाची’ थी… के लिए भी उन्हें सम्मानित किया गया.वर्ष 1983 में फिल्म “अगर तुम न होते “ के गाने ‘अगर तुम न होते’ और वर्ष 1984 में फिल्म “शराबी” के सुरहिट गाने ‘मंजिलें अपनी जगह है’ सहित वर्ष 1985 में फिल्म “सागर” के ‘सागर किनारे दिल ये पुकारे’ गाने के लिये भी किशोर कुमार सर्वश्रेष्ठ गायक के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किए गए.

किशोर कुमार के प्रेम की गाड़ी
जिंदगी के हर क्षेत्र में मस्तमौला रहने वाले किशोर कुमार के लिए उनकी लव लाइफ भी बड़ी अनोखी थी. प्यार, गम और जुदाई से भरी उनकी जिंदगी में चार पत्नियां आईं. किशोर कुमार की पहली शादी रुमा देवी से हुई थी, लेकिन जल्दी ही शादी टूट गई. इस के बाद उन्होंने मधुबाला के साथ विवाह किया. जिस समय किशोर कुमार ने मधुबाला को शादी के लिए प्रपोज किया था वह बीमार थीं और लंदन इलाज के लिए जा रही थीं. 1960 में किशोर कुमार और मधुबाला ने शादी कर ली जिसके लिए किशोर कुमार ने अपना नाम बदलकर इस्लामिक नाम “करीम अब्दुल” रख लिया था. फिल्म ‘महलों के ख्वाब’ ने मधुबाला और किशोर कुमार को पास लाने में अहम भूमिका निभाई. लेकिन शादी के नौ साल बाद ही मधुबाला की मौत के साथ यह शादी भी टूट गई.

1976 में किशोर कुमार ने अभिनेत्री योगिता बाली से शादी की लेकिन यह शादी भी ज्यादा नहीं चल पाई. इसके बाद 1978 में योगिता बाली ने किशोर कुमार से तलाक लेकर मिथुन चक्रवर्ती से शादी कर ली. इसके बाद साल 1980 में उन्होंने चौथी और आखिरी शादी लीना चंद्रावरकर से की जो उम्र में उनके बेटे अमित से दो साल बड़ी थीं.किशोर कुमार के दो बेटे हैं अमित कुमार (पार्श्व गायक) पहली पत्नी रुमा से और सुमीत कुमार लीना चंद्रावरकर से.

“दूध जिलेबी खायेंगे खंडवा में बस जाएंगे.”
वर्ष 1987 में किशोर कुमार ने यह निर्णय लिया कि वह फिल्मों से संन्यास लेने के बाद वापस अपने गांव खंडवा लौट जाएंगे. वह अक्सर कहा करते थे कि “दूध जिलेबी खायेंगे खंडवा में बस जाएंगे.” लेकिन उनका यह सपना अधूरा ही रह गया. 13 अक्टूबर, 1987 को दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनकी मौत हो गई. उनकी आखिरी इच्छा के अनुसार उनको खंडवा में ही दफनाया गया. किशोर कुमार की मौत से भारतीय सिनेमा जगत को बहुत बड़ा झटका लगा था.आज उन के जन्म दिन पर आवाज के मस्तमौला किशोर को एक श्रद्धांजलि है.

एनआरएचएम संविदाकर्मी नहीं होंगे स्थाई

एनआरएचएम संविदाकर्मी नहीं होंगे स्थाई
जयपुर। प्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्यरत संविदाकर्मियों को सरकार स्थाई नहीं करेगी बल्कि 21 हजार पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा या साक्षात्कार लेगी। अधिकारिक जानकारी के अनुसार शुक्रवार को मुख्य सचिव सीके मैथ्यु और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के बीच हुई बैठक में इन पदों की भर्ती में लिखित परीक्षा या साक्षात्कार जैसी प्रकिया तय हुई है।

उल्लेखसनीय है कि अभी मिशन के तहत काम कर रहे करीब 17 हजार कर्मचारी चाहते हैं कि उनको बिना कोई चयन प्रकिया अपनाए नियमित कर दिया जाए व रिक्त पदों के लिए ही चयन प्रकिया अपनाई जाए। मुख्य सचिव समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उनके इस तर्क से सहमत नहीं हैं। हाल ही स्वास्थ्य विभाग ने 1400 फार्मासिस्टों की लिखित परीक्षा से भर्ती की है। इसमें उन अभ्यार्थियों को बोनस अंक भी दिए जो विभाग की योजनाओं के तहत फार्मासिस्ट का काम कर रहे हैंं। मौजूदा एनआरएचएम कर्मियों को बोनस अंक देने पर भी विचार किया जा रहा है।

नेताओंं को ज्यादा चिंता

एनआरएचएम में कार्मिकों की भर्ती में चयन प्रकिया अपनाने पर सबसे ज्यादा चिंता विधायकों को हो रही है। मिशन सूत्रों के अनुसार तीस फीसदी पदों पर विधायकों व मंत्रियों के सिफारिशी लोग लगे हैं। उन्हें डर है कि परीक्षा होने पर मौजूदा कार्मिक फेल हो जाता है तो उसको वेतन से हाथ धोना पड़ेगा और बेरोजगारी की स्थिति हो जाएगी।

कोर्ट में फर्जी बीवी पेश कर ले लिया तलाक



नई दिल्ली।। अमनदीप सिंह और मनप्रीत कौर (बदला हुआ नाम) की 22 जनवरी, 2002 को शादी हुई थी। शादी के बाद दोनों कालकाजी में रहने लगे। इनका बच्चा हुआ। 2007 में सुरजीत सिंह ने अलग रहना शुरू किया और अदालत में अर्जी दाखिल कर कहा कि पत्नी से मेरा मतभेद हो गया है और हम दोनों आपसी सहमति से तलाक लेना चाहते हैं। बच्चा पत्नी के साथ रहेगा और इस एवज में मैं उसे दो लाख रुपये दूंगा।
divorce 
निचली अदालत में पति और पत्नी दोनों की ओर से हलफनामा पेश किया गया। पहचान के दस्तावेज और शादी के फोटोग्राफ भी पेश किए गए। यहां तक कि कोर्ट में दोनों पक्षों को पेश होते देखा गया। दोनों को 22 अप्रैल, 2008 को तलाक मिल गया। एक दिन मनप्रीत कौर निचली अदालत पहुंचीं और कहा कि मेरी ओर से तलाक की अर्जी नहीं दाखिल की गई। मैं कभी कोर्ट में पेश नहीं हुईं और न ही किसी दस्तावेज पर दस्तखत किए। मनप्रीत ने तलाक खारिज किए जाने की गुहार लगाई।

जिला जज ने मनप्रीत की अर्जी स्वीकार कर ली। बाद में पता चला कि अमनदीप सिंह ने किसी और महिला को कोर्ट में पेश करके और उसे अपनी पत्नी बताया था। उसने अपनी असली पत्नी के दस्तखत में जालसाजी की और हलफनामा तैयार कराया। नकली पत्नी के फोटोग्राफ तलाक की अर्जी में लगाए गए थे।इसके बाद भी अमनदीप ने हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा कि हमारा आपसी सहमति से तलाक हो चुका है और तमाम दस्तावेज सही थे। लेकिन हाई कोर्ट ने सुरजीत की अर्जी खारिज करते हुए उसके खिलाफ सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट के मुताबिक, 'यह कहने में गुरेज नहीं है कि सुरजीत ने जल्दी तलाक के लिए गंभीर फ्रॉड किया है। उसने न सिर्फ अपनी पत्नी को धोखा दिया बल्कि कोर्ट को भी धोखा दिया। अदालत में फर्जी ऐडवोकेट तक पेश किए गए। अपने फायदे के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाना गुनाह है।' कोर्ट ने उस पर 2 लाख रुपए का हर्जाना लगाया।
हाई कोर्ट ने कहा कि ऐसा दोबारा न हो, इसके लिए फैमिली कोर्ट में बयान के वक्त दस्तखत कराए जाएं। फोटोग्राफ पेस्ट किया जाए, न कि उसे स्टेपल्ड किया जाए। पावर ऑफ अटर्नी जारी करने वाले वकील का पता और एनरॉलमेंट नंबर देखना सुनिश्चित किया जाए। ओथ कमिश्नर का रजिस्ट्रेशन नंबर भी स्पष्ट हो, यह सुनिश्चित किया जाए।

बादल फटने से तबाही: 12 की मौत, 53 लापता और लाखों लोग मुसीबत में

नई दिल्ली. उत्तर और पूर्व भारत में बाढ़ का कहर जारी है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश के बाद अब उत्तराखंड में बाढ़ ने कहर बरपाया है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने से 12 लोग पानी में बह गए और 53 लोग लापता हैं। उत्तरकाशी के स्वर्णघाट और संगमचट्टी में बादल फटने से 12 लोगों की मौत हो गई। इनमें फायर सर्विस के तीन जवान भी शामिल हैं। अस्सीगंगा और भागीरथी नदी में उफान पर हैं। अस्सीगंगा के पास सड़क पानी में बह गई है। भागीरथी के किनारे रह रहे लोगों को हटाया जा रहा है। गंगोत्री हाईवे पर गगोरी पुल टूट गया है। पातालगंगा के पास चट्टानें गिरने से भी हजारों लोग फंसे हैं। रामनगर में कोसी नदी उफान पर है। राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर यातायात बंद हो गया है। उत्तरकाशी में बिजली गुल है और टेलीफोन लाइन काम नहीं कर रही है। बादल फटने से तबाही: 12 की मौत, 53 लापता और लाखों लोग मुसीबत में 
जबर्दस्त बारिश के बाद उत्‍तराखंड के कई इलाकों में भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ (फ्लैश फ्लड) ने तबाही मचाई है। राज्य के गढ़वाल इलाके में सरकार ने हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। मौसम विभाग ने शनिवार को उत्तराखंड के कुमाऊं में भारी बारिश की चेतावनी दी है। देहरादून में भी कई दौर की बारिश का अनुमान लगाया गया है। पिछले तीन दिनों में जोरदार बारिश से गढ़वाल के चमोली और कुछ अन्य इलाकों में जनजीवन पर असर पड़ा। उधर देहरादून में लगातार हो रही बारिश आफत बन चुकी है। इससे जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। सड़कों पर पानी भर गया। क्लेमेनटाउन में करीब डेढ़ सौ घरों में पानी जा घुसा है। दिल्ली-देहरादून राजमार्ग पर डाटकाली व मोहंड के बीच भूस्खलन से यातायात भी बाधित रहा

foto...गोड़ावण आश्रय स्थली सुदासरी पर्यटन स्थल के रुप में विकसित होगा


गोड़ावण आश्रय स्थली सुदासरी पर्यटन स्थल के रुप में विकसित होगा

बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जैसलमेर जिले में स्थित राष्ट्रिय मरु उद्यान में राज्य पक्षी दी ग्रेट इण्डियन बर्स्टड गोडावण की आश्रय स्थली सुदासरी गांव को वन विभाग और पर्यटन विभाग पर्यटन स्थल के रुप में विकसित करेगा,इसके लिए दोनो विभागों का साझा प्रस्ताव राज्य सरकार को भिजवाया गया हैं।जिसके इसी साल मंजुर होने की सम्भावना हैं।राज्य पक्षी गोडावण के सरक्षण के साथ साथ सुदासरी में हस्त कला को बावा देने की योजना हैं।


वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि राश्टृीय मरु उद्यान का सुदासरी गॉव गोडावण की प्रमुख आश्रय स्थली हैं,वहीं बरना गॉव में भी गोडावणों की उपस्थिती दर्ज की जाती रही हैं।विभाग ने पर्यटन विभाग के साथ मिलकर गोडावण के सरक्षण के साथ साथ इन गॉवों को पर्यटन से जोड़ने के उदेश्य से बीस करोड़ की योजना का प्रस्ताव राज्य सरकार को भिजवाया गया हैं,जिसके शीघ्र मंजुर होने की उम्मीद है। सूत्रों ने बताया कि सुदासरी और बरना गॉवों में गत साल 24 गोडावणों की उपस्थिती दर्ज की गई थी,इस साल सुदासरी में 32 गोडावण देखें गए हैं।


सूत्रों ने बताया कि अगले दो चार दिनों में मरु उद्यान में वन्य जीवों की गणना आरम्भ हो रही हैं,गणना के बाद गोडावणों की वास्तविक संख्या सामने आएगी। इस योजना के तहत सुदासरी में दो सामुदायिक भवनों का निर्माण कराया जाएगा,जिसमे स्थानीय लोगो को रोजगार उपल्बध कराते हुए हस्त कला केन्द्र खोला जा कर हस्त कला के आयटम तैयार कराए जाऐंगें जिसमें कॉच कशीदाकारी ,आरी तारी,हस्तकला युक्त जूतियॉ, आदि तेयार करवा कर बिक्री के लिए रखे जाएंगे।खत्री के अनुसार बरना में पर्यटन विभाग के साथ मिलकर रिसोट्र खोलने की योजना इस प्रस्ताव में ामिल हैं।थार के बाड़मेर जैसलमेर जिलों के 3162 वर्ग किलो मीटर क्षैत्र में फेले राष्ट्रिय मरु उद्यान में लुप्त हो रहे गोडावणों के सरक्षंण के लिये वन विभाग ने गम्भीरता से कवायद शुरू कर दी हैं।विश्व भर में एक मात्र गोडावण की आश्रय स्थली सुदासरीबरना में तेल दोहन के साथ साथ मानवीय गतिविधियों के बने के कारण गोडावणों की संख्या में निरन्तर कमी दर्ज की जाती रही हैं।विभागीय सुत्रों के अनुसार गत 15 सालों में मरु उद्यान क्षैत्र में वर्ष 2005 में सर्वाधिक 110 गोडावणों की उपस्थिती दर्ज की गई थी वहीं सबसे कम 1995 में 39 गोडावण थे।अब अकेले सुदासरी गॉव में 32 गोडावण हैं।क्षैत्र में मानवीय गतिविधियॉ ब जाने से गोडावणों के भोजन का प्रमुख आधार लगभग समाप्त हो जाना गोडावण की घटती संख्या का प्रमुख कारण रहा हैं।विभाग द्वारा गोडावण के आश्रय स्थली के आस पास के 9 गांवों के 389 परिवारों को अन्यत्र बसाने की योजना को अंतिम रुप दिया गया हैं।मरु उद्यान के आसपास के सम,सुदासरी,फुलियां,म्याजलार,खुहड़ी,व सत्तों आदि क्षैत्रों में चार दशक पूर्व तक गोडावणों की स।ख्या हजारों में थी जो सिमट कर दो अंकों में रह गई हैं।गोडावणों की घटती संख्या के चलते पिभाग हरकत में आया हैं।वन विभाग को गोडावणों के सर।क्षण की इस महत्वकांक्षी योजना को जल्द मंजुरी मिलने की उम्मीद हैं।

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PHOTOS: कल्चर एंड यूथ मिनिस्टर का अश्लील वीडियो यू-ट्यूब पर



कोस्टा रिका की कल्चर एंड यूथ डिप्टी मिनिस्टर कैरिला बोलैनो को अपने उत्तेजक वीडियो के कारण नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। इस वीडियो में बोलैनो अंडरवियर्स पहने बिस्तर पर लेटी हुई दिखाई दे रही हैं।


56 सेकेंड के इस वीडियो को अभी तक 2,631,549 से अधिक बार देखा जा चुका है। इस वीडियो में बोलैनो अपने प्रेमी से रोमांटिक बातें कर रही हैं।
PHOTOS: कल्चर एंड यूथ मिनिस्टर का अश्लील वीडियो यू-ट्यूब पर 

39 वर्षीय बोलैनो ने केबल नेटवर्क सीएनएन को बताया कि यह वीडियो कुछ वर्ष पहले बनाया गया था और एक कंप्यूटर इंजीनियर द्वारा इसे चुराकर इंटेरनेट पर डाल दिया गया। बोलैनो के अनुसार इस वीडियो के एवज में उससे पैसों की फिरौती भी मांगी गई है।

29 जुलाई को यू-ट्यूब पर पोस्ट किया गया यह वीडियो इंटरनेट पर सनसनी बन चुका है। कोस्टा रिका की डिप्टी मिनिस्टर ऑफ कल्चर एंड यूथ बोलैनो ने मंगलवार को दिए अपने स्टेटमेंट में कहा कि वीडियो के कारण
उनकी छवि को काफी नुकसान हुआ है।

इस वीडियो के कारण राष्ट्रपति लॉरा चिंचिला और उनकी कैबिनेट को काफी शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है। गौरतलब है कि पहले से ही परेशानियां सहन कर रही लॉरा सरकार के लिए बोलैनो का यह वीडियो मुसीबतें लेकर आया है। पिछले दो वर्षों में लॉरा कैबिनेट के कई मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं।

पीलिया का सबसे बढ़िया देसी इलाज, जानें और भी नुस्खे



तोरई को धीमी आग में भूनें और फिर इसका भुरता बना लें। इसका रस निचोड़कर, थोड़ी मिश्री मिलाकर पिएं। यह पीलिया में अत्यंत लाभदायक होती है। आइए जानें ऐसे ही कुछ और घरेलू नुस्खे।
- हाई ब्लड प्रैशर में दो चम्मच तोरई के रस में थोड़ा पानी मिलाकर दिन में तीन बार पीने से लाभ होता है। इस तरह बढ़ा हुआ ब्लड प्रैशर भी सामान्य हो जाता है।

- बवासीर होने पर तोरई के पत्तों को पीसकर लेप करने से लाभ होता है।

- तोरई का रस तलवों पर मलने से तलवों की जलन ठीक हो जाती है।

- 50 ग्राम तोरई और 12 ग्राम लहसुन, दोनों को पीसकर आधा लीटर पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो उसे छानकर ठंडा होने पर कुल्ला करने से दांतों का दर्द दूर हो जाएगा।

- तोरई के टुकड़े गर्म करके दर्द वाले स्थान पर इसके रस की मालिश करके लेप करने से गुर्दे का दर्द कम हो जाएगा।

- आंखों में अगर फुंसियां आदि हो जाएं तो तोरई के पत्तों के रस की दो-तीन बूंदे डालने से आराम मिल जाता है।




पीलिया रोग यानी जॉइंडिस में व्यक्ति के शरीर में खून की कमी होने लगती है, भूख मर जाती है और आँखें, नाखून, चेहरा, हथेलियाँ तथा धीरे-धीरे पूरा शरीर पीला होने लगता है।

पीलिया ग्रस्त व्यक्ति को पेशाब भी पीला आता है, खाने में रुचि कम हो जाती है, शरीर में पानी व खून की अत्यंत कमी हो जाती है। यदि इस बीमारी का समय पर ठीक इलाज न किया जाए तो व्यक्ति की मौत भी हो जाती है।

कुछ लोग इसे हलके-फुलके तौर पर लेते हैं और सावधानी नहीं रखते। पीलिया होने पर तुरंत डॉक्टरी चिकित्सा करानी चाहिए। डॉक्टर इंजेक्शन तथा सलाइन चढ़ाकर और एंटीबायोटिक दवाएँ देकर रोग पर काबू पाने की कोशिश करते हैं। बहुत कम केस ऐसे होते हैं कि रोगी को अतिरिक्त खून चढ़ाने की जरूर पड़ती हो।

पीलिया के कारण

दूषित पानी पीने से, कुपोषण से, भोजन में पौष्टिक पदार्थों की कमी होने से। ज्यादा से ज्यादा फास्ट फूड का इस्तेमाल भी हानिकारक होता है, कारण फास्ट फूड में पौष्टिक तत्वों की कमी रहती है। इसके अलावा वायरल इंफेक्शन भी इसके प्रसारण में सहायक होता है। इसके अलावा अन्य किसी कारण से शरीर में खून की कमी होने पर भी पीलिया हो सकता है।

पीलिया के लक्षण होने पर या पीलिया होने पर तुरंत डॉक्टर से ट्रीटमेंट लें। जरूरत होने पर डॉक्टर आपको सलाइन चढ़ाएगा, ताकत के इंजेक्शन देगा और संबंधित बीमारी की एंटीबायोटिक दवाएँ देगा।

चिकित्सा

आयुर्वेद में भी इसका सफल इलाज है। पीलिया को प्राथमिक स्टेज में ही सम्हाल लिया जाए तो रोग बढ़ता नही, रोगी जल्द ठीक हो जाता है।

मुसलमानों को रोजे नहीं रखने का 'फरमान'

बीजिंग.चीन में मुस्लिमों की धार्मिक आज़ादी के साथ खिलवाड़ हो रहा है। रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिमों को रोज़ा रखने को लेकर परोक्ष रूप से मना किया गया है। चीन की सरकार का कहना है कि ऐसा स्वास्थ्य कारणों के चलते किया जा रहा है। लेकिन इस कदम के आलोचकों को कहना है कि मुस्लिमों को 'धर्म निरपेक्ष' बनाने की यह कोशिश महंगी पड़ सकती है।
 
चीन के पश्चिमी प्रांत जिनजियांग में कई शहरों, जिले और गांव की वेबसाइटों पर नोटिस जारी किया गया। इन नोटिसों में कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों, सरकारी कर्मचारियों, छात्रों और टीचरों से रोजा न रखने को कहा गया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने सरकारी प्रवक्ता के हवाले से कहा है, 'सरकार लोगों प्रोत्साहित कर रही है ताकि वे पढ़ाई और काम के लिए अच्छा भोजन करें। लेकिन रमजान के दौरान किसी को खाना खाने के लिए जबर्दस्ती नहीं की जा रही है।' गौरतलब है दुनिया भर में मुसलमान 30 दिनों के रमजान के महीने में सूर्योदय से सूर्यास्त तक कुछ भी खाते-पीते नहीं हैं।

OLYMPIC: भारत के साथ धोखा, 'जीत' के बाद हारे विकास कृष्णन

OLYMPIC: भारत के साथ धोखा, 'जीत' के बाद हारे विकास कृष्णन

लंदन. लंदन ओलिंपिक, 2012 में भारत के साथ 'धोखा' हुआ है। 69 किलोग्राम वर्ग में भारत के बॉक्सर विकास कृष्णन की अमेरिकी मुक्केबाज एरोल स्पेंस पर जीत के फैसले को बदलते हुए अब उन्हें हारा हुआ बताया गया है।
शुक्रवार देर रात खेले गए इस मैच में पहले विकास को 13-11 से जीता हुआ बताया गया था। लेकिन मैच खत्म होने के कुछ घंटों बाद रेफरी ने मैच का नतीजा पलटते हुए विकास को 15-11 से हारा हुआ बताया है।
मैच के बाद अमेरिका ने बॉक्सिंग फेडरेशन से फैसले पर दोबारा विचार करने की अपील की थी। फेडरेशन ने अपील के बाद मैच को देखने का फैसला किया। मैच देखने के बाद विकास को हारा हुआ बताया गया। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले भारत के बॉक्सर सुमित सांगवान की हार पर कमेंटेटर ने कहा था कि यह दिनदहाड़े डकैती है। जब भारत ने उस फैसले को लेकर विरोध जताया तो कोई सुनवाई नहीं हुई। लेकिन ताज़ा मामले में अमेरिका की अपील को मानते हुए मैच के फैसले को पलट दिया।

मितव्यता पर मुख्यमंत्री गहलोत का ढकोशला.....

मितव्यता पर मुख्यमंत्री  गहलोत  का ढकोशला.....

सेवा केन्द्रों के शिलान्यास समारोह में प्रदेश भर में करोडो रुपयों का होगा अपव्यय

बाड़मेर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके विधान सभा के साथियो द्वारा गाहे बगाहे समारोहों में फालतू खर्च नहीं करने की नसीहत अक्सर डी जाती रही हें ,मुख्यमंत्री जब तब किसी शादी या अन्य समारोह में शिरकत करते हें मितव्यता की नसीहत जरूर देते हें ,मुख्यमंत्री अक्सर कहते हें फिजूलखर्ची रोक कर देश के उन लोगो की मदद कर सकते हें जिन्हें दो वक़्त की रोटी नसीब नहीं होती .मुख्यमंत्री की कथनी और करनी में अंतर साफ़ नज़र आता हें .रवीवार को राजस्थान भर के समस्त तैंतीस जिलो में भारत रत्न राजिव गाँधी सेवा केन्द्रों का एक साथ शिलान्यास किया जा रहा हें .आश्चर्यजनक हें की इन शिलान्यास कार्यकर्मो को भव्य बनाने में कोई कसर राज्य के मुख्यमंत्री नहीं छोड़ रहे .शिलान्यास समारोह को भव्यता प्रदान करने के लिए लाखो रुपये व्यय किये जा रहे हें ,मानो किसी राष्ट्रपति भवन का शिलान्यास हो रहा हो ,गहलोत द्वारा हमेश मितव्यता की बात कही जाती हें उनके इन गांधी वादी विचार धरा के कारण उन्हें राजस्थान का गांधी तक कहा जाता हें ,मगर लगता हें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कथनी और करनी में फर्क हें.गहलोत की मितव्यता के नारे पर उनका समर्थन करने वाले उनके विधायक भी इन भव्य समारोहों के भागिदार होंगे ,राजस्थान भर में इन भव्य समारोहों पर करोडो रुपयों का अपव्यय होगा .आखिर मुख्यमंत्रीजी अपनी ही नसीहत पर स्वयं अमल क्यों नहीं करते .

जैसलमेर के नाचना में मिले तेल भंडार


जैसलमेर के नाचना में मिले तेल भंडार

अभी कुछ नहीं कह सकते

ऑयल इंडिया लि. को राज्य में पहली सफलता


 जैसलमेर सार्वजनिक तेल क्षेत्र की कंपनी ऑयल इंडिया लिमिटेड को जैसलमेर के नाचना क्षेत्र में बड़ी सफलता हाथ लगी है। सार्वजनिक तेल क्षेत्र की कंपनी को राजस्थान में पहली बार तेल के भंडार हाथ लगे हैं। नाचना क्षेत्र की पूनम सिंह की ढाणी में ऑयल इंडिया द्वारा खोदे गए कुएं में करीब 1230 मीटर पर भारी मात्रा में तेल के भंडार है। प्रथम दृष्टया तेल की क्वालिटी उत्तम बताई जा रही है और इसके नमूनों को परीक्षण के लिए भिजवा दिया गया है। गौरतलब है कि ऑयल इंडिया काफी समय से जैसलमेर में तेल गैस की खोज में लगी हुई है जिसे पूर्व में जैसलमेर में गैस ही हाथ लगी थी। बाड़मेर के बाद अब जैसलमेर में भी तेल के भंडार सामने आ रहे हैं। नाचना में मिले भंडार के बाद उम्मीदें बढ़ गई है। रामगढ़ क्षेत्र में भी ऑयल इंडिया का सिसमिक सर्वे चल रहा है। इस सीमावर्ती जिले में पहले भारी मात्रा में गैस के भंडार मिल चुके हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ऑयल इंडिया को नाचना क्षेत्र में आवंटित ब्लॉक आरएओएन, एनईएलपी/6 में पिछले कई दिनों से चाइनीज रिग द्वारा तेल कुओं की खुदाई की जा रही थी। पूनम सिंह की ढाणी में खोदे जा रहे आरबीएओ नंबर के इस कुएं में गत सप्ताह 1230 मीटर पर तेल मिला है। जानकारी के अनुसार ऑयल इंडिया द्वारा इस कुएं के पास एक और कुएं की खुदाई शीघ्र ही शुरू कर दी जाएगी।

अब तक गैस ही मिली है

सूत्रों के अनुसार राजस्थान में ऑयल इंडिया को पहली बार तेल के भंडार हाथ लगे हैं। इससे पूर्व ऑयल इंडिया ने जैसलमेर के ही तनोट झंडेवाला क्षेत्र में बड़ी संख्या में कुएं खोदे थे मगर वहां उसे गैस के भंडार ही मिले हैं।

पहले मिला था भारी तेल, नहीं हो सका था दोहन

सूत्रों के अनुसार ऑयल इंडिया को इससे पूर्व नाचना क्षेत्र के बागेवाला में खोदे गए दो कुओं में हेवी ऑयल के भंडार मिले थे। परन्तु देश के पास हेवी ऑयल के दोहन की तकनीक न होने तथा इसे निकालने में काफी खर्च आने के कारण फिलहाल इस पायलट प्रायोगिक प्रोजेक्ट पर आगे कार्य नहीं हो सका था।

जब तक हाइड्रो कार्बन्स के डायरेक्टर जनरल इसे कॉमर्शियल प्रोडक्शन लायक घोषित नहीं करते हैं तब तक इसमें कुछ नहीं कहा जा सकता।

- सुधांश पंत, सचिव पेट्रोलियम विभाग

रास्ते से पक्के निर्माण ध्वस्त, टीम पर पथराव


रास्ते से पक्के निर्माण ध्वस्त, टीम पर पथराव

बालोतरा  छतरियों का मोर्चा से तीसरी रेलवे फाटक तक बन रही सीसी रोड के लिए रास्ते से शुक्रवार को अतिक्रमण हटाने में नगरपालिका टीम को पसीना छूट गया। सवेरे टीम ने जैसे ही बाउंड्री वॉल हटानी शुरू की, महिलाओं ने पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद समझाइश से कब्जे हटाकर रास्ता चौड़ा किया गया। शुक्रवार को करीब दो मीटर के दायरे से अतिक्रमण हटाए गए। ईओ ने बताया कि तीसरी फाटक की ओर बाकी रहे अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाई जारी रहेगी। इधर माली समाज युवा संगठन ने नगरपालिका की इस कार्रवाई की निंदा की और आरोप लगाया कि पालिका की ओर से एक तरफा कार्रवाई की गई। शुक्रवार सवेरे करीब 8 बजे ईओ नंदलाल व्यास, सेनेट्री इंस्पेक्टर गोविंद दवे, रफीक पठान व एईएन-जेईएन के साथ नगरपालिका दस्ता चिह्नित अतिक्रमण ध्वस्त करने पहुंचा। दस्ते ने शुरू में दो जेसीबी मशीनों से जीवाराम माली के बेरे की बाउंड्री हटानी शुरू की। बाउंड्री ध्वस्त करने की कार्रवाई चल ही रही थी कि परिवार की आक्रोशित महिलाओं ने बाउंड्री तोडऩे का विरोध करते हुए पथराव शुरू कर दिया। इससे एक बार अफरा-तफरी मच गई। इसके बाद महिला सफाई कर्मचारियों ने पथराव कर रही महिलाओं को पकड़कर अंदर ले गई। सूचना मिलने पर थानाधिकारी दलपतसिंह के साथ पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। इसके साथ ही एसडीएम कमलेश आबूसरिया भी मौके पर पहुंचे और दूसरे पक्ष से बातचीत की। इधर समझाइश का दौर चलता रहा और नगरपालिका दस्ते ने सड़क के दूसरे किनारे स्थित बिठूजा सरपंच बाबूलाल प्रजापत सहित अन्य प्लॉटों से बबूल की झाडिय़ां हटाना शुरू कर दिया। दस्ते ने सड़क के दोनों तरफ करीब दो सौ मीटर तक अतिक्रमण हटाए। इस बीच वहां एकत्रित हुए युवकों से नगरपालिका कर्मचारियों की तनातनी चलती रही, मगर सुलह हो जाने से 12 बजे तक नगरपालिका दस्ता कार्रवाई कर रवाना हो गया।



ईओ ने कहा, पांच फीट तो हटाने दो


माली समाज युवा संगठन ने जताया विरोध


परिवार के मुखिया की तबीयत बिगड़ी


नगरपालिका दस्ते की कार्रवाई चल ही रही थी कि परिवार के मुखिया जीवाराम माली की तबीयत बिगड़ गई। इससे घबराए परिजन बेहोशी की हालत में उन्हें 108 से अस्पताल ले गए। इस घटना से एक बार अतिक्रमण हटाने आए दस्ते के भी हाथ-पांव फूल गए।


माली समाज युवा संगठन बालोतरा की ओर से इस कार्रवाई का विरोध जताया गया। संगठन के ओमप्रकाश गहलोत, धर्माराम, मुकेश, देवीलाल, रामेश्वर, बींजाराम, घेवरचंद, लीला देवी, रेखा, रामलाल ने विज्ञप्ति जारी कर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाया।
राजस्व टीम की ओर से लगाए गए निशानों से काफी पक्का निर्माण ध्वस्त हो रहा था। इस पर वहां निवास कर रहे परिवारजनों के साथ माली समाज के काफी संख्या में एकत्र हुए लोगों ने विरोध जताया। विरोध बढ़ता देख ईओ ने कहा कि रास्ते का काम तो रुक नहीं सकता, जितनी रास्ता निर्माण में अड़चन आ रही है, उतना कब्जा हटाना पड़ेगा। इसके बाद इस बात पर सुलह हुई कि दो दुकानों को पांच फीट तक ध्वस्त किया जाएगा। परिजनों की सहमति के बाद पांच फीट तक दुकानें ध्वस्त की गई।

पब्लिक से प्रत्यक्ष संवाद करेंगे राष्ट्रपति

पब्लिक से प्रत्यक्ष संवाद करेंगे राष्ट्रपति
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने एक ऎतिहासिक कदम उठाते हुए शुक्रवार को राष्ट्रपति की आधिकारिक वेबसाइट के जरिए देश के नागरिकों से प्रत्यक्ष संवाद स्थापित कर लिया। राष्ट्रपति भवन की देर शाम यहां जारी एक विज्ञप्ति में जानकारी दी गई कि भारत के राष्ट्रपति की नवीनीकृत वेबसाइट में नागरिकों को अपनी शिकायत एवं सुझाव देने के प्रबंध के साथ एक हेल्पलाइन वेबपेज जोड़ा गया है। इसके अलावा राष्ट्रपति फेसबुक और यूटयूब जैसी सोशल नेटवìकग साइटों से भी जुड़ गए हैं।

राष्ट्रपति की नवीनीकृत वेबसाइट में एक वीडियो गैलरी भी शुरू की गई हैं जिसमें राष्ट्रपति से संबंधित वीडियो सामग्री उपलब्ध रहेगी। आम नागरिक अपनी शिकायत और सुझाव के लिए हेल्पलाइन पोर्टल के विकल्प पर क्लिक करेंगे और एक अलग वेबपेज खुल जाएगा जिसमें कोई भी व्यक्ति अपने नाम, पते, संपर्क आदि के ब्योरे के साथ अपनी बात दर्ज करा सकता है जिसका एक रजिस्ट्रेशन नंबर दिया जाएगा।

शिकायतकर्ता या सुझाव देने वाला उस रजिस्ट्रेशन नंबर के जरिए अपने सुझाव या शिकायत के निस्तारण की स्थिति पता कर सकता है। वेबसाइट का शुभारंभ करते हुए राष्ट्रपति की सचिव ओमिता पाल ने आशा व्यक्त की कि इससे भारत के राष्ट्रपति देश के नागरिकों के अधिक करीब आ सकेंगे। मुखर्जी ऎसे पहले राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने आम नागरिकों से प्रत्यक्ष संवाद कायम किया है।

बाड़मेर का ट्रक चालक गोपालगंज में धरा गया ....हुआ हंगामा

बाड़मेर का ट्रक चालक गोपालगंज में धरा गया ....हुआ हंगामा 
गोपालगंज, : बलथरी स्थित समेकित जांच चौकी के समीप बगैर कागज व माल की जांच कराए ट्रक लेकर भाग रहे चालक की गिरफ्तारी के विरोध में कुछ लोगों ने हंगामा किया। इस मामले में वाणिज्य कर पदाधिकारी आमिर नैयर के बयान पर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

जानकारी के अनुसार राजस्थान के बाडमेर जिला के बाडमेर थाना क्षेत्र के गरल गांव का अचल कुमार नामक एक चालक करीब साढ़े चौदह लाख रुपये मूल्य का जीरा व सौंफ लादकर चेकपोस्ट पर पहुंचा। चेकपोस्ट पर माल तथा कागज की जांच कराए बगैर चालक भागने लगा। वाणिज्यकर पदाधिकारी ने उक्त चालक को खदेड़कर पकड़ लिया। चालक की गिरफ्तारी के विरोध में उग्र लोगों ने हंगामा किया। बाद में इस हंगामे पर चेकपोस्ट पर तैनात कर्मियों ने नियंत्रण पाया। चेकपोस्ट से माल लेकर भागने तथा सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के मामले में चालक तथा ट्रांसपोर्टर के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए पुलिस ने चालक को जेल भेज दिया।

पति की दीर्घायुकी कामनाके साथ मनाया जाता हें कजली तीज कात्यौहार

पति की दीर्घायुकी कामनाके साथ मनाया जाता हें कजली तीज कात्यौहार 
कजली तीज व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला स्त्रियों का प्रमुख पर्व है। यह व्रत नारी के सौभाग्य की रक्षा करता है। हरितालिकाव्रत के संबंध में ऐसी आस्था है कि भगवान शिव को पतिस्वरूपमें प्राप्त करने के लिए सर्वप्रथम पार्वती जी ने यह व्रत किया था। उसी समय से यह व्रत स्त्रियों द्वारा सुख, अक्षय सौभाग्य की लालसा के लिए आरंभ कर दिया गया। भाद्रपद तृतीया को निर्जलाव्रत रहकर स्त्रियां शाम को तिल के पत्ते से सिर भीजकरनए-नए वस्त्रों और आभूषणों को धारण करती हैं। घर की लिपाई-पुताई करके केले के खंभे गाडकर तोरण पताकाओं से मंडप बनाया जाता है। चौकी पर शंकर-पार्वती को स्थापित कर विशेष रूप से शंकर-पार्वती के पार्थिव पूजन की परंपरा है। इसके साथ गणेश की स्थापना कर चंदन,अक्षत,धूप-दीप, फल-फूल आदि से षोडशोपचारपूजन किया जाता है। मेवा मिष्ठान, पकवान आदि का प्रसाद तथा गौरी जी पर सिंदूर, चूडी, बिन्दी, चुनरी, महावर, पायल, बिछुआआदि सुहाग की सारी सामग्री चढाई जाती है। रात्रि में भजन, कीर्तन करते हुए जागरण कर तीन बार (प्रारम्भ, मध्य और अंत) में आरती की जाती है। शिव-पार्वती विवाह की कथा सुनी जाती है। इसके बाद वस्त्र, स्वर्ण और गौ का दान किया जाता है। स्त्रियां सुहाग की चढाई गई सामग्री ब्राह्मण को दान देकर कुछ अपने पास सौभाग्य की रक्षा हेतु रख लेती हैं। स्त्रियां शिव से प्रार्थना करती हैं कि मेरे पति दीर्घायु हों, मेरा सुहाग अटल हो। कुंवारी कन्याएं शिव से विनम्र प्रार्थना करती हुई वर मांगती हैं कि उनका होने वाला पति सुंदर और सुयोग्य हो। इस प्रकार चतुर्थी को स्नान पूजा कर सूर्योदय के बाद वे पारण कर व्रत तोडती हैं। पावस की हरियाली और प्रकृति के मनोहारी सौन्दर्य में कजली गाई जाती है। अत:इसे कजली तीज भी कहा जाता है। भविष्य पुराण की एक कथा के अनुसार राजा हिमवान की पुत्री पार्वती जन्म-जन्मान्तर शंकर जी को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कृत संकल्प थी। अपने पिता द्वारा भगवान विष्णु से अपने विवाह की बात सुनकर पार्वती ने दु:खी होकर अपनी एक सखी से कहा कि चाहे मेरा शरीर छूट जाय परंतु मेरा महादेव जी को पति रूप में पाने का निश्चय नहीं छूट सकता। तब सखी पार्वती जी को एक सघन वन में ले गई जहां उन्होंने एकांत कन्दरामें रहते हुए घोर तप आरंभ किया। उन्होंने बारह वर्षो तक वायु सेवन करते हुए चौबीस वर्ष तक मात्र सूखे पत्ते ही खाया। वैसाखमास की तपती धूप में पंचघूनीके कठोर ताप को सहन कर अग्नि सेवन किया। माघ में जल में निवास और श्रावण मास में निराहाररहकर बाहर निवास किया। पार्वती ने भाद्रपद की शुक्ल तृतीया को हस्ति नक्षत्र में बालू की शिव मूर्ति स्थापित कर निराहारव्रत करके बडी श्रद्धा से पूजन कर रात को प्रेम वन्दना के गीत गाते हुआ जागरण किया। इससे शंकर जी का आसन हिल गया और उन्होंने प्रसन्न होकर पार्वती को अपनी अद्र्धागिनी बनाने की स्वीकृति दे दी। पार्वती जी की सखी (अलि) उन्हें हरण कर सघन वन में ले गई थी अत:इस व्रत का नाम हरित-अलिका अर्थात हरितालिका पड गया। धार्मिक दृष्टि से यह व्रत सौभाग्य प्रदायक और मंगल दाता है। ब्रह्म (शिव) की ओर अग्रसर होने पर सांसारिक विभूति (विष्णु) उधर से हटाने का प्रयत्‍‌न करती है। किंतु पूर्ण निश्चय पर दृढ रहने पर मानव की सखी बुद्धि की सहायता से मनोरथ सफल हो जाता है। हरितालिकाव्रत करने वाली स्त्रियों को व्रत में पूर्ण निष्ठा अनिवार्य है। वेदों में इस व्रत के विषय में कहा गया है कि इस व्रत के दिन फल खाने वाली स्त्रियां अगले जन्म में बंदरी, जल पीने वाली जोंक, दूध पीने वाली सर्पिणी, दही खाने वाली बिल्ली, मिठाई खाने वाली चींटी तथा मक्खी होती है। तीज के दिन जागरण न करने वाली अजगरी दूसरे जन्म में बनती हैं। यह व्रत परम संयम और भक्तियुक्तहोता है। इस व्रत की कथा सुनने से सौभाग्य मिलता है। इस व्रत की महत्ता के विषय में वर्णित है कि जैसे नक्षत्रों में चन्द्रमा ग्रहों में सूर्य,वर्णो में विप्र, देवों में विष्णु, नदियों में गंगा पुराणों में महाभारत, वेदों में सामवेद तथा इन्द्रियों में मन श्रेष्ठ है उसी प्रकार सभी व्रतों में हरितालिकाका व्रत श्रेष्ठ है।