तोरई को धीमी आग में भूनें और फिर इसका भुरता बना लें। इसका रस निचोड़कर, थोड़ी मिश्री मिलाकर पिएं। यह पीलिया में अत्यंत लाभदायक होती है। आइए जानें ऐसे ही कुछ और घरेलू नुस्खे।
- हाई ब्लड प्रैशर में दो चम्मच तोरई के रस में थोड़ा पानी मिलाकर दिन में तीन बार पीने से लाभ होता है। इस तरह बढ़ा हुआ ब्लड प्रैशर भी सामान्य हो जाता है।
- बवासीर होने पर तोरई के पत्तों को पीसकर लेप करने से लाभ होता है।
- तोरई का रस तलवों पर मलने से तलवों की जलन ठीक हो जाती है।
- 50 ग्राम तोरई और 12 ग्राम लहसुन, दोनों को पीसकर आधा लीटर पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो उसे छानकर ठंडा होने पर कुल्ला करने से दांतों का दर्द दूर हो जाएगा।
- तोरई के टुकड़े गर्म करके दर्द वाले स्थान पर इसके रस की मालिश करके लेप करने से गुर्दे का दर्द कम हो जाएगा।
- आंखों में अगर फुंसियां आदि हो जाएं तो तोरई के पत्तों के रस की दो-तीन बूंदे डालने से आराम मिल जाता है।
पीलिया रोग यानी जॉइंडिस में व्यक्ति के शरीर में खून की कमी होने लगती है, भूख मर जाती है और आँखें, नाखून, चेहरा, हथेलियाँ तथा धीरे-धीरे पूरा शरीर पीला होने लगता है।
पीलिया ग्रस्त व्यक्ति को पेशाब भी पीला आता है, खाने में रुचि कम हो जाती है, शरीर में पानी व खून की अत्यंत कमी हो जाती है। यदि इस बीमारी का समय पर ठीक इलाज न किया जाए तो व्यक्ति की मौत भी हो जाती है।
कुछ लोग इसे हलके-फुलके तौर पर लेते हैं और सावधानी नहीं रखते। पीलिया होने पर तुरंत डॉक्टरी चिकित्सा करानी चाहिए। डॉक्टर इंजेक्शन तथा सलाइन चढ़ाकर और एंटीबायोटिक दवाएँ देकर रोग पर काबू पाने की कोशिश करते हैं। बहुत कम केस ऐसे होते हैं कि रोगी को अतिरिक्त खून चढ़ाने की जरूर पड़ती हो।
पीलिया के कारण
दूषित पानी पीने से, कुपोषण से, भोजन में पौष्टिक पदार्थों की कमी होने से। ज्यादा से ज्यादा फास्ट फूड का इस्तेमाल भी हानिकारक होता है, कारण फास्ट फूड में पौष्टिक तत्वों की कमी रहती है। इसके अलावा वायरल इंफेक्शन भी इसके प्रसारण में सहायक होता है। इसके अलावा अन्य किसी कारण से शरीर में खून की कमी होने पर भी पीलिया हो सकता है।
पीलिया के लक्षण होने पर या पीलिया होने पर तुरंत डॉक्टर से ट्रीटमेंट लें। जरूरत होने पर डॉक्टर आपको सलाइन चढ़ाएगा, ताकत के इंजेक्शन देगा और संबंधित बीमारी की एंटीबायोटिक दवाएँ देगा।
चिकित्सा
आयुर्वेद में भी इसका सफल इलाज है। पीलिया को प्राथमिक स्टेज में ही सम्हाल लिया जाए तो रोग बढ़ता नही, रोगी जल्द ठीक हो जाता है।
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जवाब देंहटाएंपीलिया से सम्बंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए आप निचे दिए गए लेख जरूर पड़ें, यहाँ पर पीलिया के बारे में साड़ी जानकारी दी गई हैं, जैसे लक्षण, उपचार, घरेलु इलाज, आयुर्वेदिक इलाज आदि इस रोग में क्या खाये क्या न खाये सब कुछ दिया गया हैं आप इनको एक-एक कर सभी पड़ें ताकि आपको पीलिया के बारे में पूर्ण जानकारी हो जाए.
जवाब देंहटाएंजानिये पीलिया के लक्षण - 10 Symptoms Of Jaundice in Hindi
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जवाब देंहटाएंThanks for sharing very useful post. Jaundice can be treated naturally and safely with the use of natural supplement in terms of effectiveness.
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