ट्रेन रोकने का प्रयास
जैसलमेर। पिछले तेरह दिन से स्थानान्तरण आदेश के बाद यहां से कार्यमुक्त होने के इंतजार में बैठे चिकित्साकर्मियों ने मंगलवार शाम को जिला मुख्यालय के रेलवे स्टेशन पर रेलगाड़ी रोकने की कोशिश की, लेकिन पुलिस के जाब्ते के चलते उन्हें सफलता नहीं मिली। इस दौरान उनमें और पुलिस में जोरआजमाइश हुई। रेलवे पुलिस, राजस्थान पुलिस के जवानों ने रेलवे प्लेटफार्म पर डण्डे लगाकर उन्हें रोकना चाहा, इसके चलते वे पुलिस से उलझ गए।
पुलिस ने पुरूष चिकित्सा कर्मियों को जबदस्ती खदेड़ कर पुलिस वैन में बिठा दिया जिन्हें कुछसमय बाद छोड़ दिया। आधे-पौन घण्टे की जद्दोजहद के बीच अतिरिक्त जिला कलक्टर परशुराम धानका, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गणपत लाल व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. आनंद गोपाल पुरोहित की समझाइश के बाद वे रेलवे स्टेशन से हटे। उनकी मांग थी कि जब चिकित्सा मंत्रालय ने उन्हें जैसलमेर से अन्यत्र स्थानांतरण करने के आदेश जारी कर दिए हैं तो फिर उन्हें यहां से कार्यमुक्त क्यों नहीं किया जा रहा है।
पिछले कईदिनों से अपने स्थानांतरण आदेश लेकर घूम रहे चिकित्सा विभाग की एएनएम, मेल नर्स और चिकित्सकों ने जिले से कार्यमुक्त नहीं करने पर नाराजगी जताते हुए रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन किया। शाम चार बजे ये लोग रेलवे स्टेशन पहुंचे और दिल्ली जाने वाली रेल गाड़ी रोकनी चाही। इस दौरान पुलिस का पुख्ता प्रबंध होने से वे रेलवे टै्रक नहीं पहुंच पाए। पुलिस ने इन्हेें प्लेटफार्म पर ही रोक दिया।
उन्होंने पुलिस के घेरे को तोड़ने की कोशिश की। इसको लेकर वे पुलिस से उलझे भी। पुलिस ने भी मुश्तेदी दिखाते हुए इन्हें रोके रखा। पुलिस ने डण्डो से बेरिक बना कर इन्हें रोका तो उन्होंने दो-तीन बार इसको तोड़ आगे बढ़ने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस ने पुरूष चिकित्सा कर्मियों को पकड़ कर पुलिस वैन में çब्ाठा लिया। इसके बाद एएनएम पुलिस से रेलवे टै्रक तक जाने को लेकर उलझती रही। समझाइश के बाद वे वे रेलवे स्टेशन से हटे।
आंखों से बहने लगे आसूं
बड़ी मुश्किल के बाद जाकर तबादले के आदेश हुए। अब जबकि उन्हें घर पहुंचने की उम्मीद थी, यहां से कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है। यह पीड़ा कार्यमुक्त होने के इंतजार में खड़ी हर एएनएम की थी। वे अपनी पीड़ा छुपा नहीं पा रही थीं और आंखों से आसूं बह रहे थे। एक-दो के साथ उनके छोटे बच्चे भी थे, वे भी कड़ी धूप में मां के साथ परेशान हो रहे थे।
हम परेशान हो गए हैं
रेलवे स्टेशन पर एएनएम ने कहा कि उनका तबादला 31 मई को सरकार ने कर दिया है, लेकिन उन्हें यहां से कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है। वे कई सालों से यहां है और अब घर जाना चाहती हैं। उनके छोटे-छोटे बज्ो हैं, वे भी परेशान है। एएनएम कविता चौधरी ,कल्पना आदि ने बताया कि प्रशासन उनकी परेशानी को समझे और उन्हें अतिशीघ्र कार्यमुक्त करें।
कई दिनों से जैसलमेर में जमाया डेरा
जब से उनका जैसलमेर से स्थानांतरण होने के आदेश आए हैं तब से ये लोग गांवों से आकर जैसलमेर में जमे हुए हैं। वे कई दिनों से कभी कलक्टर कार्यालय, कभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार के आदेशों की पालना की जाए । दूसरी ओर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि उन्हें ऊपर से इनको कार्यमुक्त नहीं करने के आदेश मिले हैं। ऎसे में वे कैसे कार्यमुक्त करें।
ये चले गए तो क्या होगा चिकित्सा महकमे का
जिले में चिकित्सा महकमें में पहले से ही पद रिक्तता की मार है। ऎसे वक्त में सरकार ने चिकित्सा महकमें में स्थानांतरण कर जिले की उलझन और बढ़ा दी है। जिले में चिकित्सा अधिकारियों के 46 पद स्वीकृत है जिसमें से 29 कार्यरत व 17 पद रिक्त हैं। नए आदेश में इनमें से चार का स्थानांतरण किया गया है जबकि एवज में केवल एक चिकित्सक को यहां लगाया गया है।
नर्स श्रेणी द्वितीय व स्टाफ नर्स के 90 पद स्वीकृत हैं जिसमें से 58 कार्यरत हैं एवं 32 पद रिक्त हैं जबकि स्थानांतरण आदेश में 9 का और तबादला कर दिया गया है ंऔर चार को यहां लगाया गया। एएनएम व अतिरिक्त एएनएम, अतिरिक्त एएनएम आरसीएच के 325 पद स्वीकृत हैं जिनमें 249 कार्यरत हैं एवं 76 पद रिक्त हैं। स्थानांतरण आदेश में 29 का यहां से तबादला किया गया है जबकि चार को यहां लगाया गया हैं। एमपीडब्ल्यू के 19 पद स्वीकृत, 12 कार्यरत व 7 पद रिक्त हैं जबकि एक का तबादला आदेश जारी हुआ है। लेब तकनीशियन के 26 पद स्वीकृत, 19 कार्यरत, 7 पद रिक्त है जबकि चार जनों का तबादला जिले से अन्यत्र किया गया है।
पुलिस का जाब्ता रहा कौतूहल का विषय
रेलवे स्टेशन पर महिला व पुरूष पुलिस का जाब्ता रेलवे स्टेशन पर आने वालों के लिए कौतुहल बन गया। हर कोई यह जानना चाहता था कि ऎसा क्या हो गया है जो इतनी बड़ी तादाद में पुलिस बल तैनात है। इस दौरान जब पुलिस और चिकित्साकर्मियों में जोरआजमाइश हो रही थी तो काफी लोग इकटे हो गए। पुलिस ने इन्हे वहां से हटाया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. आनंद गोपाल पुरोहित ने कहा कि जब उन्हें कार्यमुक्त करने के आदेश आ जाएंगें तो वेे दो घण्टे में उनको कार्यमुक्त कर देंगे तब सभी प्रदर्शनकारी संतुष्ट हुए।