गरीबों के लिए सड़ा गेहूं
जालोर। बीपीएल परिवारों, अन्तयोदय योजना और अन्नपूर्णा योजना के तहत गरीबों को सड़ा हुआ गेहूं सप्लाई हो रहा है। गेहूं काला पड़ा हुआ और भीगा होने से बदबू मार रहा है। एफसीआई गोदामों में गेहूं की सार-संभाल नहीं होती है। गेहूं बरसात में भीगता है और निगम के कर्मचारी वहीं भीगा गेहूं गोदामों में भर देते हंै। इसके बाद गेहूं की कोई सार-संभाल नहीं होती। निगम बिना देखे ही यह गेहूं ट्रकों में भरवाकर डीलरों के यहां भिजवा देता है। जो आगे उपभोक्ताओं को दिया जाता है। इस बारे में एफसीआईके अधिकारी स्टॉफ कम होने और आगे से गेहूं खराब होने का कहकर पल्ला झाड़ते है।
जांच करना संभव नहीं
एफसीआई के अधिकारियों की माने तो एक ट्रेन में करीब 52 हजार गेहूं कट्टे आते है। इतने कट्टों की जांच करना संभव नहीं है। ऎसे में कुछ कट्टे खराब जाते है। जबकि हकीकत इससे परे है। एफसीआईके गेहूं की रैक रेलवे स्टेशन पर खाली होने पर ख्याल नहीं रखा जाता। बरसात आने पर चंद रोज पहले गेहूं के कट्टे भीग गए थे, लेकिन एफसीआईके कार्मिकों ने उसे ढकने का प्रबंध तक नहीं किया था। इसके बाद उस गीले गेहूं को ही गोदामों में भर दिया गया। यह गेहूं छह माह तक पुराना है।इन्होंने कहाखराब गेहूं डीलर्सवापस ला सकते है। हमारे पास स्टॉफकी कमी है। कई बार खराब कट्टे आते है। यह नईबात नहीं है।
शाकीर अली, यूनिटइंचार्ज, एफसीआई
एफसीआईकी ओर से खराब गेहूं देने की समस्या हर महीने होती है। वे फ्रेश गेहूं देने के बजाय नियमों का हवाला देकर पुराना गेहूं देते है। जो खराब होता है।
रोहिताश्वर कुमार, एकाउंटेंट, जिला रसद विभाग, जालोर
सड़ा हुआ गेहूं मिलने पर कईबार मजबूरी में डीलर्सको यह फेंकना पड़ता है। कईडीलर उसे साफकरवाकर देते है।
मांगीलाल, होलसेल डीलर
एसडीएम से की शिकायत
जालोर. भारतीय खाद्य निगम की ओर से मंगलवार को बदबूदार व सड़े हुए गेहूं की सप्लाईदी गई। इस बारे में डीलर्स ने उपखण्ड अधिकारी से शिकायत की। एफसीआई से सुबह मेड़ा ऊपरला के डीलर ने गेहूं की ट्रक लोड करवाई। इस ट्रक में बड़ी संख्या में कट्टों में काला व गांठे बंधा हुआ गेहूं था। इस पर डीलर ने गाड़ी कलक्ट्री के बाहर रूकवा दी और गेहूं लेकर उपखण्ड अधिकारी के पास पहुंचे। उन्होंने गेहूं देखा और इसके बाद एफसीआई के गोदाम में जाकर गेहूं की जांच की। एफसीआई के कार्मिकों को खराब गेहूं नहीं देने और डीलर्सको खराब गेहूं नहीं लेने को कहा।
बदलेंगे खराब गेहूं
उपखण्ड अधिकारी के जांच करने के बाद एफसीआई के कार्मिकों ने खराब डीलर्सको खराब गेहूं बदलकर देने को कहा। आगे भी ऎसा होने पर गेहूं को बदलने को कहा।
भीगा हुआ था गेहूं
उपखण्ड अधिकारी के पास ले जाया गया गेहूं भीगा हुआ था। गेहूं काला पड़ा था। गेहूं में गांठे बंधी हुई थी। गेहूं को हाथ से मसलने पर उसका आटा हो रहा था।
इन्होंने कहा
एफसीआई वालों को सड़ा गेहूं नहीं देने के लिए कहा है। डीलर्स को भी खराब गेहूं नहीं लेने को कहा है।
प्रदीप बालाच, उपखण्ड अधिकारी, जालोर
जालोर। बीपीएल परिवारों, अन्तयोदय योजना और अन्नपूर्णा योजना के तहत गरीबों को सड़ा हुआ गेहूं सप्लाई हो रहा है। गेहूं काला पड़ा हुआ और भीगा होने से बदबू मार रहा है। एफसीआई गोदामों में गेहूं की सार-संभाल नहीं होती है। गेहूं बरसात में भीगता है और निगम के कर्मचारी वहीं भीगा गेहूं गोदामों में भर देते हंै। इसके बाद गेहूं की कोई सार-संभाल नहीं होती। निगम बिना देखे ही यह गेहूं ट्रकों में भरवाकर डीलरों के यहां भिजवा देता है। जो आगे उपभोक्ताओं को दिया जाता है। इस बारे में एफसीआईके अधिकारी स्टॉफ कम होने और आगे से गेहूं खराब होने का कहकर पल्ला झाड़ते है।
जांच करना संभव नहीं
एफसीआई के अधिकारियों की माने तो एक ट्रेन में करीब 52 हजार गेहूं कट्टे आते है। इतने कट्टों की जांच करना संभव नहीं है। ऎसे में कुछ कट्टे खराब जाते है। जबकि हकीकत इससे परे है। एफसीआईके गेहूं की रैक रेलवे स्टेशन पर खाली होने पर ख्याल नहीं रखा जाता। बरसात आने पर चंद रोज पहले गेहूं के कट्टे भीग गए थे, लेकिन एफसीआईके कार्मिकों ने उसे ढकने का प्रबंध तक नहीं किया था। इसके बाद उस गीले गेहूं को ही गोदामों में भर दिया गया। यह गेहूं छह माह तक पुराना है।इन्होंने कहाखराब गेहूं डीलर्सवापस ला सकते है। हमारे पास स्टॉफकी कमी है। कई बार खराब कट्टे आते है। यह नईबात नहीं है।
शाकीर अली, यूनिटइंचार्ज, एफसीआई
एफसीआईकी ओर से खराब गेहूं देने की समस्या हर महीने होती है। वे फ्रेश गेहूं देने के बजाय नियमों का हवाला देकर पुराना गेहूं देते है। जो खराब होता है।
रोहिताश्वर कुमार, एकाउंटेंट, जिला रसद विभाग, जालोर
सड़ा हुआ गेहूं मिलने पर कईबार मजबूरी में डीलर्सको यह फेंकना पड़ता है। कईडीलर उसे साफकरवाकर देते है।
मांगीलाल, होलसेल डीलर
एसडीएम से की शिकायत
जालोर. भारतीय खाद्य निगम की ओर से मंगलवार को बदबूदार व सड़े हुए गेहूं की सप्लाईदी गई। इस बारे में डीलर्स ने उपखण्ड अधिकारी से शिकायत की। एफसीआई से सुबह मेड़ा ऊपरला के डीलर ने गेहूं की ट्रक लोड करवाई। इस ट्रक में बड़ी संख्या में कट्टों में काला व गांठे बंधा हुआ गेहूं था। इस पर डीलर ने गाड़ी कलक्ट्री के बाहर रूकवा दी और गेहूं लेकर उपखण्ड अधिकारी के पास पहुंचे। उन्होंने गेहूं देखा और इसके बाद एफसीआई के गोदाम में जाकर गेहूं की जांच की। एफसीआई के कार्मिकों को खराब गेहूं नहीं देने और डीलर्सको खराब गेहूं नहीं लेने को कहा।
बदलेंगे खराब गेहूं
उपखण्ड अधिकारी के जांच करने के बाद एफसीआई के कार्मिकों ने खराब डीलर्सको खराब गेहूं बदलकर देने को कहा। आगे भी ऎसा होने पर गेहूं को बदलने को कहा।
भीगा हुआ था गेहूं
उपखण्ड अधिकारी के पास ले जाया गया गेहूं भीगा हुआ था। गेहूं काला पड़ा था। गेहूं में गांठे बंधी हुई थी। गेहूं को हाथ से मसलने पर उसका आटा हो रहा था।
इन्होंने कहा
एफसीआई वालों को सड़ा गेहूं नहीं देने के लिए कहा है। डीलर्स को भी खराब गेहूं नहीं लेने को कहा है।
प्रदीप बालाच, उपखण्ड अधिकारी, जालोर
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