रविवार, 3 जून 2012

रेल के उपर मोत का सफर

रेल के उपर मोत का सफर

राजस्थान के बाड़मेर में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में बाहर से आए अभ्यर्थियों ने जाते समय जमकर उत्पात मचाया बाड़मेर के रेलवे स्टेशन पर रेल की छत पर पुलिस ने जब सवार नहीं होने दिए तो दर्जनों भर अभ्यर्थियों गेट के आगे सवार होकर अपनी जान जोखिम दाल कर सफर करने लगे तो पुलिस बल ने हल्का बल प्रयोग कर खदेड़ना पड़ा लेकिन फिर जब बालोतरा इंटरसिटी एक्सप्रेस पहची तो भीड़ बेकाबू हो गई और रात के सफर सकडो अभ्यर्थी ..रेल की छत पर सवार होकर मोत का सफर करने लगे और उत्पात भी मचाया . तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा खत्म होने के बाद बहार से आए हजारो अभ्यर्थी अपने घर लोटने के लिए बाड़मेर से दिल्ली चलने वाली इंटर सिटी एक्सप्रेस ऩे भीड़ के चलते छत पर चढ़े छात्र हादसे को न्योता देते नजर आ रहे थे 

रविवार शनिवार को राजस्थान के विभिन्न जिले में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था इसी में बाड़मेर जिले में करीब ३० हजार अभ्यर्थी बाहरी जिले से देने के लिए आए थे जब परीक्षा ख़त्म होने के बाद रेलवे स्टेशन पर इनके लिए अलग से स्पेशल ट्रेन फुल होकर निकाल गई तो बचे हजारे अभ्यर्थियों इंटरसिटी एक्सप्रेस की छत पर सवार होने लगे तो पुलिस के भारी जाप्ते ने इन्हें रोक दिया फिर जबर्दस्ती तरीके से यह ट्रेन के गेट पर दर्जनों अभ्यर्थी खड़े रहकर अपनी जान जोखिम में डालने लगे जेसा कि आप हमारे फुटेज में देख सकते है कि किसी तरह गेट पर ठूस ठूस कर अभ्यर्थी एक हाथ से गेट पकडकर खड़े है फिर पुलिस ने इन्हें गेट से बल प्रयोग करके खदेड़ा और एक एक को हाथ पकडकर जबर्दस्ती नीचे उतार जब यह ट्रेन रात 8 बजे बालोतरा स्टेशन पर रुकी तो वहा खड़े अभ्यर्थी रात के समय में ट्रेन के उपर सवार होकर मोत का सफर करने लगे

 इनलोगों ने कई जगह उत्पात भी मचाया सबसे बड़ी बात यह है कि इंटर सिटी एक्सप्रेस बाड़मेर से दिल्ली के लिए रात के समय में चलती है और इसी दोहरान कई जगह पर पुलिए भी बने हुए है जहा से देर रात के समय रेल गुजेरती है सकडो अभ्यर्थी रात के समय में अपनी जान जोखिम में सफर कर रहे है शायद यह अभ्यर्थी और पुलिस प्रशाशन ने भूल गए है कि कुछ समय पहले ही अजमेर के पास ही भर्ती में रात के समय में रेल के उपर सफर करने वाले ३ अभ्यर्थी की पुलिए से टकराने से मोत हो गई थी

कैदियों के भागने की वारदात गुजरात-बाड़मेर में तलाशी

जालोर। जालोर जेल से कैदियों के भागने की वारदात मे पुलिस अभी तक मुख्य सूत्रधार कमलसिंह तक पहुंच नहीं बना पाई हैं। पुलिस की टीमें हालांकि सर्च ऑपरेशन जारी रखे हैं। पुलिस ने बाड़मेल जिले के बालोतरा कस्बे से एक कैदी को दस्तयाब किया। जालोर जिला पुलिस की टीमें बाड़मेर की सरहद और बालोतरा के आस-पास तलाशी में लगी रही।   
बाड़मेर जिले के तीन कैदियों में से दो कैदी पुलिस की गिरफ्त में आ चुका हैं। वहीं एक अन्य कैदी गणेश जाट को पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई हैं। इधर चितौडग़ढ़ और प्रतापगढ़ क्षेत्र के कुख्यात तस्कर कमलसिंह सहित अन्य आरोपियो के बारे में पुलिस को कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है। पुलिस की एक टीम गुजरात क्षेत्र के कई हिस्सों में भी कैदियो की तलाश कर रही है। गौरतलब है कि पुलिस ने अभी तक कैदी फरार कांड में पांच कैदियों की गिरफ्तारी की हैं। इसके अलावा भागने में सहयोग करने वाले चार अन्य को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस की पूछताछ में आरा पत्तियों को जेल के अंदर ले जाने में जिस कैदी मेहर सिंह का बैग होने की बात सामने आई है। वह कैदी भाद्राजून के पास बहुचर्चित निम्बला कांड का आरोपी है। करीब छह माह पूर्व निम्बला गांव में कार में जिन मां-बेटी की शव मिले थे।
उस वारदात को जोधपुर निवासी मेहर सिंह और उसके भाई ने ही अंजाम दिया था। मेहर सिंह फिलहाल हत्या के मामले में विचाराधीन है। मेहरसिंह भी उस रात बैरक नं. 2 में ही बंद था। प्रहरी के शोर मचाने के कारण संभवत: वो भागने में सफल नहीं हो पाया। जालोर जिला पुलिस का एक दल कुख्यात तस्कर और फरार होने की वारदात में मुख्य सूत्रधार रहे कमलसिंह की तलाश में गुजरात गया है। शहर कोतवाल अन्नराज राजपुरोहित के नेतृत्व में दल ने अहमदाबाद में कई स्थानों पर दबिश दी। लेकिन कमलसिंह हाथ नहीं आया। गौरतलब है कि दो दिन पूर्व पुलिस ने कमलसिंह सहित अन्य आरोपियों को स्कॉर्पियों गाड़ी में छोडऩे वाले उसके रिश्तेदार ने कमलसिंह की पत्नी को गुजरात में किसी स्थान पर छोड़ा था। पुलिस ने उन संभावित स्थानो पर दबिश दी, लेकिन कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी।

महिला प्रेमी के साथ भागी तो भाई को जिंदा जला कर लिया बदला



सीहोर। एक युवक के प्रेम प्रसंग के चलते उसके बड़े भाई अमर सिंह (35) को अपहरण करने के बाद पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया। आरोपी अमर सिंह को जीप में बैठाकर ले गए। उसके साथ मारपीट की और फिर गड्ढे में डाल कर जला दिया।
 
पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों और जीप मालिक के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक तिलाड़िया निवासी बलवंत सिंह और आठ-दस लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया है। नसरुल्लागंज तहसील के झागर निवासी अमर सिंह को आरोपियों ने शनिवार दोपहर करीब एक बजे जबरन जीप में बैठा लिया।

आरोपी उसे तिलाड़िया से ढाई किमी दूर एक खेत में ले गए और उसे एक गड्ढे में डाल कर पेट्रोल छिड़कने के बाद उसे आग के हवाले कर दिया। चश्मदीद की सूचना पर युवक के परिजनों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर अधजली लाश का पंचनामा बनाया है। वहीं वारदात में उपयोग की गई जीप को भी जब्त कर लिया है।

क्या था मामला

बीते 26 अप्रैल को तिलाड़िया निवासी बलवंत सिंह की पत्नी हेमा राजपूत को झागर निवासी अमर सिंह का छोटा भाई सवर सिंह भगाकर ले गया था। इसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज होने के बाद पुलिस हेमा और सवर सिंह को खोजकर नसरुल्लागंज ले आई थी। यहां अदालत में हेमा अपनी मर्जी से सवर सिंह के साथ रहने की बात कहने के बाद उसी के साथ रहने लगी। तभी से हेमा के पति बलवंत और उसके परिजनों ने सवर सिंह को मारने की प्लानिंग शुरू कर दी थी।

न्यूज़ इनबॉक्स नागौर रविवार ३ जून 2012


इधर हुआ गिरफ्तार, उधर पहुंच गया अस्पताल

सवाई सिंह की हत्या का मुख्य आरोपी है सियाराम
 

 नागौर मातासुख के युवक की हत्या करने का मुख्य आरोपी गिरफ्तारी के दूसरे ही दिन बीमारी की बात कहकर जिला अस्पताल में भर्ती हो गया है। गंभीर अपराध के आरोपी के सीधे अस्पताल में भर्ती होने से कई सवाल खड़े हो गए हैं।

मातासुख के मेवाराम के पुत्र सवाई सिंह की हत्या के आरोप में मुख्य आरोपी लूणसरा गांव के सियाराम जाट को कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। पुलिस को आरोपी की गिरफ्तारी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। आरोपी को शनिवार को न्यायालय में पेश करने के बाद जैसे ही थाने लाया गया तो उसने बीमारी का बताते हुए अस्पताल ले जाने को कहा। पुलिस जब आरोपी को लेकर अस्पताल पहुंची तो वहां डॉक्टरों ने उसे परामर्श के बाद तुरंत भर्ती कर लिया। डॉक्टरों के भर्ती का कहने पर पुलिस भी कुछ नहीं कर सकी।

5 जून तक रिमांड पर

उधर मुख्य आरोपी सियाराम, उसकी प्रेमिका दुर्गा व सह आरोपी महेश को शनिवार को न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय के तीनों आरोपियों को 5 जून तक पुलिस रिमांड पर सौंपा है।

कारणों पर संशय

जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने गंभीर अपराध के आरोपी को जिला अस्पताल में तो भर्ती कर लिया, मगर उसे भर्ती करने के पीछे जो कारण बताए जा रहे हैं, उन पर संशय है। सियाराम का इलाज कर रहे फिजीशियन अपूर्व कौशिक का कहना है कि मरीज की हालत भर्ती करने की थी, इसलिए उसे भर्ती कर लिया गया। उसे हाथ पैरों में ताने आती है।


कुएं में गिरने से महिला की मौत



हाथ से रस्सी फिसलने के कारण गिरी कुएं में

नागौर चितावा थाना क्षेत्र के गांव करकड़ी की एक महिला की कुएं में मोटर उतारने के दौरान कुएं में गिरने के कारण मौत हो गई। थानाधिकारी गोपाल भारतीय ने बताया कि करकड़ी गांव की फूसी देवी (35) पत्नी दीपाराम गंाव की सरहद पर स्थित खेत के कुएं में रस्सी से मोटर उतार रही थी। अचानक हाथ से रस्सी फिसलने के कारण वह कुएं में गिर गई। इस कारण उसकी मौत हो गई। पुलिस मौके पर पहुंची और पीहर व ससुराल पक्ष के लोगों की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सुपुर्द कर दिया।



हादसे में वृद्ध की मौत

चार घंटे बाद शव ले जाने को राजी हुए परिजन, वृद्ध की मौत के बाद परिजनों ने जताया था रंजिशवश हत्या का अंदेशा

मकरानाशहर के भाटीपुरा मोहम्मद में शनिवार दोपहर को एक अनियंत्रित ट्रक ने लघुशंका करते 72 वर्षीय वृद्ध को कुचल दिया। हादसे के बाद चालक ट्रक को मौके पर छोड़कर भाग गया। उधर, नाराज परिजनों व ग्रामीणों ने वृद्ध की रंजिशवश हत्या का अंदेशा जताते हुए शव लेने से इनकार कर दिया। चार घंटे के हंगामे के बाद ग्रामीण शव ले जाने को राजी हुए।

पुलिस के अनुसार कस्बे के रामचंद्र प्रजापत ने रिपोर्ट दी कि उसके पिता रामेश्वरलाल प्रजापत भाटीपुरा मोहल्ले के पास लघुशंका कर रहे थे। इस दौरान मार्बल लेकर जा रहे एक ट्रक चालक ने जानबूझकर ट्रक को लापरवाही से चलाकर रामेश्वरलाल को टक्कर मार दी। हादसे में रामेश्वरलाल की मौत हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची व शव को अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया।

चार घंटे तक गर्माया रहा माहौल

रामेश्वर की मौत के बाद राजकीय चिकित्सालय में चार घंटे तक माहौल गर्माया रहा। परिजनों ने ट्रक चालक की गिरफ्तार हुए बिना शव उठाने से मना कर दिया।

हादसे की जानकारी मिलते ही पूर्व प्रधान श्रीराम भींचर, भाजपा नेता गिरधर पलोड, ब्लॉक अध्यक्ष आर के इंदौरा, श्रीराम भाटी, श्याम सुंदर, पूर्व सरपंच औकार सिंह चौधरी चिकित्सालय पहुंचे। इनकी मांग थी कि ट्रक चालक को गिरफ्तार कर हत्या का मामला दर्ज किया जाए।

मकराना पुलिस के सब इंसपेक्टर लादूसिंह व एएसआई भंवरसिंह ने वहां उपस्थित भाजपा नेताओं से वार्ता के बाद धारा 279 एवं 304 ए में मुकदमा दर्ज करने का आश्वासन दिया इसके बाद परिजन शव उठाने को तैयार हुए।

जालोर-भीनमाल रविवार ०३ जून २०१२


कलेक्टर ने सुनी ग्रामीणों की समस्याएं

रेवदर. पंचायत समिति की लुणोल ग्राम पंचायत मुख्यालय पर कलेक्टर बन्नालाला की अध्यक्षता में रात्रि चौपाल का आयोजन किया गया। रात्रि चौपाल में कलेक्टर ने ग्रामीणों की समस्याएं सुन कर शीघ्र समाधान के लिए उपस्थित संबंधित विभाग के अफसरों को कार्रवाई के निर्देश दिए। इस दौरान ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत के करोटी के चेतक चैाराहे व सार्वजनिक विश्राम गृह पर किए गए अक्रिमण को हटाने की मांग की, जिस पर कलेक्टर ने तहसीलदार, पटवारी व सार्वजनिक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता को कार्रवाई कर अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए। ग्रामीणों ने उपखंड मुख्यालय के सामुदायक स्वास्थय केंद्र में प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं से फीस के नाम पर पैसे लेने की बात कही, जिस पर कलेक्टर ने मुख्य ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी को कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस मौके पर अतिरिक्त कलेक्टर राजेंद्र कुमार, अनादरा थानाधिकारी राजेंद्रसिह, तहसीलदार गोविंदसिंह, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी वासुदेव, विकास अधिकारी गणपतलाल सुथार, ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी सुरेंद्र जैन, जलदाय विभाग सहायक अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग सहायक अभिंयता केशुलाल, लुणोल सरंपच ढेली देवी, अमराराम मेघवाल सहित वार्ड सदस्य करणीदान चारण, देवीदान चारण, सतीश अग्रवाल, पोपट अग्रवाल, भंवरलाल माली, गणपतलाल, कल्याणसिंह व ग्रामीण उपस्थित थे।


मजार पर चढ़ाई चादर

हजरत शहंशाह वली बाबा की मजार पर उर्स धूमधाम से मनाया
मंडार कस्बे के पीथापुरा मार्ग स्थित हजरत शहंशाह वली बाबा की मजार पर उर्स धूमधाम से मनाया गया। शनिवार सुबह उर्स को लेकर मंडार थाने के सामने से भव्य जुलूस निकाला गया। गाजे-बाजे के साथ संदल व चादर लेकर सैकड़ों की संख्या में जायरीन जुलूस के रूप में कस्बे के मुख्य बस स्टैंड, मुख्य बाजार व बोहरावास होते हुए दरगाह पहुंचे। वहां पर लोगों ने धूमधाम से बाबा की मजार पर चादर चढ़ाकर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने की दुआएं मांगी। दरगाह परिसर में उर्स को लेकर विशेष रोशनी व जायरीन के बैठने की माकूल व्यवस्था की गई। दरगाह के मुजावर शमशेर खां मेवाती ने बताया कि हजरत शहंशाह वली की मजार पर हर वर्ष उर्स भरा जाता है। इसमें मंडार सहित आसपास के गांवों से जायरीन मनोकामनाएं पूर्ण होने पर अपनी हाजिरी देने पहुंचते हैं। इस बार उर्स में गुजरात के वलसाड़ा, बाली, पाली, जोधपुर, सांचौर सहित अनेक शहरों से भी जायरीन पहुंचे।


हजरत शहंशाह वली बाबा की मजार पर उर्स धूमधाम से मनाया


नियाज का आयोजन


दरगाह परिसर मेें पहुंचे जायरीन के लिए दरगाह कमेटी की ओर से माकूल बंदोबस्त किया गया। इसके साथ ही सभी जायरीन के लिए नियाज का विशेष आयोजन किया गया। काफी संख्या में जायरीनों की नियाज तकसीम की गई।

अमन-चैन की मांगी दुआ

उर्स को लेकर सुबह जुलूस के रूप मेें सैकड़ों की संख्या में जायरीन चादर लेकर जुलूस के रूप में गाजे-बाजे के साथ दरगाह पहुंचे। वहां सभी लोगों ने सामूहिक रूप से चादर मजार पर चढ़ाई तथा देश में अमन चैन की दुआएं मांगीं।

मंडार. हजरत शहंशाह वली बाबा की मजार पर चादर चढ़ाने जाते अकीदतमंद।


सांसद देवजीभाई पटेल ने सुनी समस्याएं


सांसद  देवजीभाई पटेल  ने सुनी समस्याएं



रानीवाड़ा  सांसद देवजीभाई पटेल ने शनिवार को कई गांवों का दौरा कर लोगों के अभाव अभियोग सुनते हुए समस्याओं के निस्तारण का आश्वासन दिया। इस अवसर पर पूर्व जिला प्रमुख नारायणसिंह देवल भी उनके साथ थे। ग्राम पंचायत मुख्यालय गांग में शहीद धर्माराम स्मारक पर हुई बैठक में पटेल ने कहा कि गांव की पेयजल समस्या के स्थायी निवारण के लिए वे सांसद कोटे से नलकूप स्वीकृत करवाएंगे, साथ ही सघन जनसंख्या वाली ढाणियों में दो जीएलआर भी तैयार किए जाएंगे। ग्रामीणों ने सरकारी अस्पताल में डॉक्टर व विद्यालय में शिक्षक लगाने की मांग की। सांसद ने मैत्रीवाड़ा में सभा के दौरान रामावि में कंप्यूटर कक्ष व हनुमान मंदिर के पास सामुदायिक सभाभवन में नलकूप भी सांसद कोष से खुदवाने की घोषणा की। बाद में पटेल ने रतनपुर व जाखड़ी गांव में भी सभाएं कर ग्रामवासियों की समस्या सुनी और समस्याओं के शीघ्र निस्तारण का आश्वासन दिया। ग्रामवासियों ने दहीपुर से गांग क्षतिग्रस्त डामर सड़क को दुरुस्त कराने की मांग भी की। भाजपा जिलाध्यक्ष नारायणसिंह देवल ने राज्य सरकार में व्याप्त भ्रष्ट्राचार, महंगाई, पेट्रोलियम पदार्थों में मूल्यवृद्धि, विद्युत कटौती के बारे में राज्य सरकार को असफल बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार भ्रष्ट व किसान विरोधी है। इस अवसर पर मकनाराम चौधरी, जवाहरसिंह पाल, भीखाराम चौधरी भाजपा मंडल अध्यक्ष, प्रागाराम पुरोहित, लखमाराम चौधरी, सोमाराम चौधरी, वनेसिंह देवड़ा, छगनाराम मेघवाल, हाजाराम भील, गजाराम देवासी, भारताराम देवासी, मोतीराम चौधरी सहित कई जने उपस्थित थे।

पीर को दिया न्यौता, बोकड़ा गांव में होगा चातुर्मास

पीर को दिया न्यौता, बोकड़ा गांव में होगा चातुर्मास


जालोर  शहर स्थित भैरुनाथ अखाड़े के पीर शांतिनाथ का चातुर्मास बोकड़ा गांव में होगा। चातुर्मास के लिए निमंत्रण देने बोकड़ा गांव के कई ग्रामीण शनिवार को भैरुनाथ अखाड़ा पहुंचे, जहां ढोल-ढमकों के साथ ग्रामीणों ने पीर का माला पहनाकर स्वागत किया। इसके बाद पीर को चातुर्मास के लिए बोकड़ा गांव में पधारने का निमंत्रण दिया गया। पीर ने ग्रामीणों का निमंत्रण स्वीकार करते हुए इस वर्ष चातुर्मास बोकड़ा गांव करने पर सहमति जताई। चातुर्मास का निमंत्रण देने के बाद बोकड़ा गांव के ग्रामीणों ने बताया कि चातुर्मास की तैयारी के लिए ग्रामीणों की बैठक होगी। इसमें चातुर्मास की तैयारी को लेकर विचार विमर्श किया जाएगा। निमंत्रण कार्यक्रम के दौरान ढोल-ढमाकों की धुन पर ग्रामीणों ने नृत्य किया। साथ ही पीर का आशीर्वाद लिया।

बाड़मेर नरेगा में हुए फर्जीवाड़े के जांच की मांग


नरेगा में हुए फर्जीवाड़े के जांच की मांग



. गडरा रोड शिव पंचायत समिति के खलीफे की बावड़ी पंचायत में नरेगा के तहत बनाई गई सड़कें फर्जी तरीके से पूर्ण बता उसका भुगतान उठाने का आरोप ग्रामीण लगा रहे हैं। ग्रामीण कासम खान ने बताया कि कागजों में जिन श्रमिकों के नाम दर्ज हैं, उन्हें पता तक नहीं हैं कि उनके नाम फर्जी तरीके से नरेगा में लिखे जा रहे हैं।

कागजों में पूर्ण बताई सड़कें: लखासर नाडी, ग्रेवल सड़क, खलीफे की बावड़ी से खचर खड़ी तक, खरंजा डामर रोड से नौहड़ी पाड़ा तक, प्राथमिक स्कूल साहमीर का पार से कामल की ढाणी तक की सड़कों को फर्जी तरीके से पूर्ण बता उसका भुगतान उठा लिया।

ग्रामीण कासम खान ने इस बारे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मुख्य शासन सचिव, कलेक्टर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को पत्र लिखकर ग्राम पंचायत के कार्यों में किए गए फर्जीवाड़े की जांच करवाने की मांग की है। ग्रामीण कासम खान ने आरोप लगाया कि उक्त ग्राम पंचायत में पहले भी बहुचर्चित टांका घोटाला हो चुका है जिसकी जांच एसीबी में विचाराधीन है। उन्होंने उक्त प्रकरण की निष्पक्ष जांच करवा दोषी के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है।

माता राणी भटियाणी मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई धोक



मां के दरबार में उमड़े श्रद्धालु  

माता राणी भटियाणी मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई धोक

. जसोलज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी पर जसोल स्थित माता राणी भटियाणी मंदिर में दिन भर मेला रहा। मेले में आस-पास के गांवों के अलावा दूर-दराज के क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में पूजा-अर्चना की तथा माथा टेककर प्रदेश से खुशहाली की कामना की। शनिवार सवेरे से ही मंदिर में दर्शनार्थियों की रेलमपेल लगी रही। मेले में बालोतरा, समदड़ी, सिणधरी, मोकलसर, सराणा, जोधपुर, बाड़मेर, पाली, शिव, गूंगा व जालोर के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, यूपी व एमपी से आए श्रद्धालु मां के दर्शनार्थ पहुंचे। मंदिर व्यवस्था समिति की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बेरिकेड्स लगाने के साथ पेयजल की व्यवस्था की गई।

माकूल रही सुरक्षा व्यवस्था

मेले में भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर व्यवस्था समिति तथा पुलिस प्रशासन की ओर से मंदिर परिसर में सुरक्षा के माकूल बंदोबस्त किए गए। जसोल चौकी चेलाराम कटारिया, वीरसिंह, दीनाराम, टेम्पो यूनियन के अध्यक्ष कालू खां पठान, अनिल बारासा व मंदिर व्यवस्थापक जेठूसिंह के नेतृत्व में श्रद्धालुओं को कतारबद्ध व सुचारु रूप से दर्शन करवाने में सहयोग दिया। गर्मी के मौसम को देखते हुए ललित सोनी के पुण्य स्मृति में सोनी परिवार जसोल तथा अन्य दानदाताओं व स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शीतल पेयजल की व्यवस्था की गई।

मेले में सजी दुकानें

मेले के आयोजन को लेकर मंदिर परिसर तथा बस स्टैंड व आस-पास के क्षेत्र में खिलौने व चाट की दुकानें सजी हुई थी।

नाचते-गाते पहुंचे पैदल जत्थे

माता राणी भटियाणी के दरबार में दूर-दराज से आए पैदल यात्रियों के जत्थे हाथों में ध्वज पताकाएं लिए ढोल-ढमाकों की ताल पर नाचते हुए मंदिर परिसर पहुंचे। शनिवार सवेरे से ही जसोल आने वाले मार्ग पर पैदल यात्रियों की भारी भीड़ देखी गई। यात्रियों ने मंदिर में पूजा-अर्चना कर क्षेत्र में खुशहाली की कामना की।

छेड़बंदी कर जात लगाई

ज्येष्ठ त्रयोदशी के अवसर पर कई नव विवाहित जोड़ों ने छेड़ाबंदी कर सुखी दाम्पत्य जीवन की कामना के लिए मां के दरबार में जात लगाई। नव विवाहित जोड़ों ने अपने परिजनों के साथ मां के दरबार में शीश नवकार पूजा-अर्चना की। छेड़ाबंदी जात देने वालों के लिए सुरक्षा कर्मियों की ओर से अलग व्यवस्था की गई।

तबादलों ने बिगाड़ी अस्पतालों की सेहत



तबादलों ने बिगाड़ी अस्पतालों की सेहत



26 डॉक्टरों के तबादलों की सूची जारी, चार नौ डॉक्टर गए जिले से बाहर



बाड़मेर.  पहले से डॉक्टरों के रिक्त पदों से जूझ रहे सरकारी अस्पतालों की सेहत तबादलों से ओर बिगड़ जाएगी। खाली पद भरने की जल्द कोई उम्मीद नजर नहीं आती।

ऐसा इसलिए कि सरकार मरीजों की संख्या के हिसाब से डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं करती और कम वेतन के कारण युवा डॉक्टर सरकारी सेवा में आना पसंद नहीं कर रहे। हाल में जारी डॉक्टरों की तबादला सूची में जिले भर के कुल 26 डॉक्टरों के तबादले किए गए हैं। जिसमें दस डॉक्टरों का तबादला जिले से बाहर कर दिया गया हैं। बदले में महज पांच डॉक्टर बाहरी जिले से बाड़मेर लगाए गए हैं।

जिले के सरकारी हॉस्पिटल में पचास फीसदी डॉक्टरों के पद लंबे अर्से से रिक्त चल रहे हैं। पिछले आठ-दस साल से इन पदों पर गिने-चुने डॉक्टरों ने ही ज्वाइन किया है। यहां तक कि जिले के सबसे बड़े अस्पताल (राजकीय अस्पताल )में रिक्त पड़े कई पदों पर नियुक्तियां ही नहीं हो पाई है। सीएचसी व पीएचसी तो भगवान भरोसे चल रहे हैं। जहां कहीं इक्का दुक्का डॉक्टर ही लगे थे,उन्होंने ने भी अपने तबादले गृह जिलो में करवा दिए।

पांच डॉक्टर आए ओर नौ गए

स्वास्थ्य विभाग की तबादला सूची के अनुसार जिले के विभिन्न अस्पतालों में कार्यरत दस डॉक्टरों के तबादले नागौर, दौसा, सीकर, बीकानेर, करौली व जोधपुर किए गए हैं। जबकि महज पांच अन्य जिलों के डॉक्टरों को बाड़मेर में लगाया गया है।

इनके हुए तबादले

ब्लॉक सीएमएचओ महेश गौतम बालोतरा, डॉ. सुरेन्द्र पटेल राजकीय चिकित्सालय बाड़मेर से नाहटा अस्पताल बालोतरा, डॉ.संजीव मित्तल व सीमा मित्तल सीएचसी सिणधरी से राजकीय चिकित्सालय बाड़मेर, डॉ. रविन्द्र सांखला क.वि. (स्त्री) का राजकीय चिकित्सालय बाड़मेर व अरुण कुमार का स्थानातंरण किया गया है। ॥स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों की तबादला सूची जारी कर दी है। इसमें बाड़मेर में पांच नए डॉक्टर आएंगे। दस का स्थानातंरण अन्य जिलों में किया गया है। अभी तक डॉक्टरों को रिलीव नहीं किया है।डॉ. अजमल हुसैन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बाड़मेर

आचार्य महाश्रमण मरने की कला

आओ हम जीना सीखें  

मरने की कला

बालोतरा जीने की कला की भांति मरने की भी कला होती है। मृत्यु की कला को वही व्यक्ति जान सकता है जो जीवन की कला से अनभिज्ञ होता है। भगवान महावीर कला मर्मज्ञ थे। उन्होंने जैसे जीने की कला का दर्शन दिया, वैसे ही मृत्यु की कला को भी विश्लेषित किया। महावीर के दर्शन में जीने और मरने का महत्व नहीं है। महत्व संयम और समाधि का है। असंयम मय जीवन भी काम्य नहीं है, मृत्यु भी काम्य नहीं है। मृत्यु एक ऐसा शब्द है जिसके नाम से प्राणी भय खाता है। मृत्यु की अनिवार्य सच्चाई को जानते हुए भी व्यक्ति की चाह रहती है कि मृत्यु उसके पास न आए। भले वृद्धावस्था ने उसकी देह को जर्जरित कर दिया हो, भले बीमारी ने उसे क्षीणकाय कर दिय हो, भले ही वह जीवन की अंतिम सांसें ही क्यों न गिन रहा हो। जैसे-तैसे मौत को दूर धकेल सौ वर्ष जीने की चाह बनी रहती है। इस चाह से प्रेरित व्यक्ति अपनी उम्र को जानने के लिए कभी ज्योतिषियों की चरणरज जुहारता है, कभी देवी-देवताओं की मनौतियां करता है, कभी सिद्ध पुरुषों से वरदान की याचना करता है।




प्रकृति के नियम




प्रकृति मनुष्य की चाह के अनुसार नहीं, अपने नियम से चलती है। वह कब, किसे, कहां से उठाती है प्राय: खबर तक नहीं लगने देती। वह न बालक पर अनुकम्पा करती है न जवान पर। मृत्यु के आगे व्यक्ति के सारे प्रयत्न विफल हो जाते है। उसे मृत्यु की गोद में सोना ही पड़ता है। किसी कवि ने इस तथ्य को चार पंक्तियों में बहुत सुंदर प्रस्तुति दी है-




स्वर्ण-भस्म के खाने वाले इसी घाट पर आए,




दाने बीन चबाने वाले इसी घाट पर आए।




गगन-ध्वजा फहराने वाले इसी घाट पर आए,




बिना कफन मर जाने वाले इसी घाट पर आए।।




यह घाट और कोई नहीं, श्मशान घाट अथवा मृत्यु घाट ही है। जहां प्राणी ऐहिक शरीर से सदा के लिए सो जाता है। मृत्यु चूंकि एक अनिश्चितकालीन घटना है। भगवान महावीर ने एक सूत्र दिया- समयं गोयम! मा पमायए।




गौतम! तुम क्षण भर भी प्रसाद मत करो। गौतम के प्रतीक बनाकर महावीर ने प्राणी मात्र को जागरूकता का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि यह जीवन पके हुए वृक्ष की तरह कभी भी झड़ सकता है। ओस बिंदु की भांति हवा के हल्के से झोंके से कभी भी मिट्टी में मिल सकता है इसलिए इस जीवन को सफल बनाने के लिए हर क्षण जागरूक रहो।




वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विचार करें तो लगता है कि मनुष्य भौतिक सुख-सुविधाओं को जुटाने में जितना जागरूक है अध्यात्म के प्रति उतना ही अधिक लापरवाह है। वह पदार्थों की प्रचुरता में सुख और पदार्थों की अल्पता में दुख की कल्पना करता है। इस कल्पना के आधार पर वह येनकेन प्रकारेण अधिक से अधिक धन संग्रह करने में प्रयत्नशील रहता है। उसका यह प्रयत्न तब तक चालू रहता है जब तक उसके शरीर की शक्ति चूक न जाए। धार्मिक आचरण करने व अपने आपका जानने-समझने के लिए उसके पास समय नहीं होता है अथवा बहुत कम होता है। जब धर्माचरण के संबंध में संतजनों की ओर से व्यक्ति को प्रेरित किया जाता है तो कभी-कभी उसका उत्तर होता है कि धर्म अभी क्यों करें ? जिंदगी बहुत बाकी है। अभी तो पैसा कमाने के और ऐशो-आराम से जिंदगी बसर करने के दिन है। धर्म तो तब करेंगे जब रिटायर हो जाएंगे। इसी तथ्य को उजागर करने वाला एक सुंदर व्यंग्य है जो इस मानवीय दुर्बलता को चित्रित करता है।




आगम में कहा गया है- कल का भरोसा तीन व्यक्ति ही कर सकते है। एक वे, जो मौत के साथ अपनी दोस्ती मानते हैं। उन्हें भरोसा होता है कि दोस्ती के नाते मौत उन्हें नहीं ले जाएगी। दूसरे वे व्यक्ति होते है जो अपने आपको कुशल धावक मानते है। उन्हें विश्वास होता है कि मौत इस रास्ते से आएगी तो मैं उस रास्ते से पलायन कर जाऊंगा। तीसरे वे व्यक्ति होते है जो अपने आपको अमर मानते है। उनके मन में दृढ़ निश्चय होता है कि मौत उन्हें कभी आएगी ही नहीं। पर काल का अंतहीन प्रवास इस बात का साक्षी है कि मृत्यु ने आज तक न तो किसी के साथ दोस्ती की है, न कोई पलायन करने में सफल हुआ है और न कोई अमर बना है।




आचार्य महाश्रमण




मंत्री ने 3-3 लाख में किए तबादले : डूडी



जयपुर. बीडीओ और एईएन के तबादलों में गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए 6 कांग्रेस विधायकों ने शनिवार दोपहर पंचायतीराज मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय के घर पर हंगामा किया। डीडवाना से कांग्रेस विधायक रूपाराम डूडी ने आरोप लगाया कि हर तबादले के लिए ढाई से तीन लाख रु. लिए गए। मंत्री ने पत्नी के जरिये यह रिश्वत ली।
 
डूडी ने कहा- मेरे क्षेत्र के अलावा प्रदेशभर के कांग्रेस विधायकों में पैसे लेकर किए गए तबादलों को लेकर रोष है। हम मंत्री को दो दिन से तलाश रहे हैं, शुक्रवार को भी मंत्री घर गए थे तो हमसे झूठ बोला गया। आज मंत्री घर पर होते हुए भी नहीं मिले और जब विधायक वहां गए तो चुपचाप निकल गए। डूडी ने कहा कि तबादलों में हुए इस भ्रष्टाचार के पुख्ता सबूत हैं। मैं इन्हें जल्द ही मुख्यमंत्री को सौंपूंगा।

रूपाराम के साथ कांग्रेस विधायक संतोष सहारण, मंगलाराम गोदारा, गंगा देवी, नगराज मीणा भी मंत्री के घर पहुंचे थे। इसके अलावा कांग्रेस के प्रदेश सचिव अजीतसिंह शेखावत, वेदप्रकाश सोलंकी और भाजपा से निलंबित विधायक हनुमान बेनीवाल भी मालवीय के आवास पर मौजूद थे। गलत ढंग से हुए तबादले : सहारण
विधायक अपने क्षेत्रों में हुए गलत तबादलों के कारण पंचायती राज मंत्री के घर पर नाराजगी जता रहे थे। मंत्री घर पर भी नहीं मिल रहे हैं। मेरे क्षेत्र में भी गलत ढंग से तबादले हुए हैं। पता नहीं यह सब किस आधार पर किया है? -संतोष सहारण, कांग्रेस विधायक

पंचायतीराज मंत्री के घर घटना जरूर हुई थी, लेकिन मैं कमरे के अंदर था, इसलिए वहां क्या हुआ मैंने अपनी आंखों से नहीं देखा। कांग्रेस के कई और विधायक भी वहां थे, जो नाराजगी जता रहे थे।

-हनुमान बेनीवाल, भाजपा से निलंबित विधायक

मंत्री ने न फोन उठाया, न एसएमएस का जवाब दिया

मालवीय से उनके मोबाइल नंबर 9414101002, 9983681002 और घर के नंबर 0141-2220780 पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन न उन्होंने फोन उठाया और न ही एसएमएस का जवाब दिया। उनकी पत्नी बांसवाड़ा की जिला प्रमुख रेशम मालवीय ने भी कोई जवाब नहीं दिया। मालवीय के स्टाफ के कुछ सदस्य कह रहे हैं कि मंत्री जयपुर में हैं तो कुछ कह रहे हैं कि जयपुर से बाहर हैं।

मालवीय के पीए से हाथापाई

कांग्रेस विधायक रूपाराम डूडी ने मालवीय के पीए भगवान चौधरी से हाथापाई की। इस घटना से मंत्री का स्टाफ सकपका गया। हालांकि, डूडी ने इस तरह की घटना से इनकार किया है।

शिक्षा विभाग में तबादलों को लेकर भी नाराजगी

शिक्षा विभाग में भी तबादला सूचियां जारी होने के बाद विरोध खुलकर सामने आ गया। शिक्षा राज्यमंत्री नसीम अख्तर इंसाफ ने कहा कि वे मंत्री हैं, लेकिन शिक्षामंत्री बृजकिशोर शर्मा उन्हें भी नहीं मिल रहे। शनिवार को वे मिलने गई थीं तो मंत्री नहीं मिले। अब पूरी सूचियों का परीक्षण करने के बाद रविवार को वे फिर से उनसे मिलेंगी। उन्होंने कहा कि उनकी तबादलों में नहीं चली। उन्होंने तो बस लोगों को डिजायर बनाकर दी। इधर सत्ताधारी कांग्रेस के ही कई विधायकों ने साफ तौर पर कहा कि शिक्षा, चिकित्सा जैसे आमजन से सीधे जुड़े विभागों में उनके आधे काम भी नहीं हो सके। अख्तर ने परोक्ष रूप से तबादलों को लेकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि तबादलों से दूर-दूर तक उनका कोई लेना-देना नहीं रहा। उन्हें पता तक नहीं कि ये कैसे, किस आधार पर हुए। बस वे अब ये देख रही हैं कि उनके कौन-कौनसे काम नहीं हुए। शिक्षामंत्री से वे जल्द से जल्द मुलाकात करने की कोशिश कर रही हैं। यदि वे मिल गए तो रविवार को शिक्षामंत्री से मुलाकात करेंगी।

विधायकों की नाराजगी, खुद की जुबानी

निंबाहेड़ा से विधायक उदयलाल आंजना ने कहा कि दो साल में तबादले हुए हैं। उम्मीद थी कि काम ठीक से हो जाएंगे, लेकिन निराशा हाथ लगी। आधे काम ही बमुश्किल हो सके। बार-बार इस बात को कहने से कुछ नहीं होने वाला, इसलिए अब बोलना ही बंद कर दिया। मेडिकल और शिक्षा विभाग में आधे लोगों को निराश होना पड़ा। ऐसे में आम जनता की नाराजगी पार्टी और जनप्रतिनिधियों के लिए ठीक नहीं।

केशोरायपाटन विधायक सीएल प्रेमी ने दिल्ली से फोन पर बताया कि उन्हें तो पता भी नहीं चल रहा कि शिक्षा विभाग में कोई तबादला सूची भी जारी हुई है। सबसे बड़ा महकमा है, यदि लोगों की उम्मीद पर तबादले नहीं हुए तो अगला चुनाव भी तो लड़ना है।

उदयपुर ग्रामीण से विधायक सज्जन कटारा ने कहा कि उन्हें तबादलों में कोई तवज्जो नहीं दी गई। शिक्षा, चिकित्सा में उनके नहीं के बराबर काम हुए। शिक्षा की लिस्ट मंत्रीजी को दी थी, अब लोगों को बताने लायक कुछ नहीं है। जनता नाराज है। मुख्यमंत्री को इसकी शिकायत करूंगा।

सूरजगढ़ विधायक श्रवण कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री से मिलने के लिए उन्होंने समय लिया है। बड़ी संख्या में खाली पोस्ट होने के बावजूद तबादले नहीं किए गए। यहां तक की म्यूचुअल तबादले भी नहीं हो सके। जैसे-तैसे समय निकल जाए, स्थिति नहीं सुधरी तो जनता सुधार देगी।

भंवर ने कहा, मैं तबादलों के लफड़े से दूर रहा

पूर्व शिक्षामंत्री भंवरलाल मेघवाल ने कहा कि वे तो तबादलों के लफड़े से ही दूर रहे हैं। कुछ काम थे, हुए तो भी ठीक, न हुए तो भी ठीक। शिक्षामंत्री जानें उनके लिए तबादलों का आधार क्या रहा। यह तो नए सत्र में पता चलेगा कि किस स्कूल में छात्र, शिक्षक का अनुपात कैसा रहा।

अनशन के लिए निकले रामदेव, पुलिस से टकराव के आसार

नई दिल्ली. अन्ना हजारे और बाबा रामदेव दिल्ली के जंतर-मंतर पर रविवार को अनशन कर रहे हैं। एक दिन का यह अनशन विदेशों में जमा कालाधन वापस लाने और मजबूत लोकपाल की मांग के समर्थन में है। इस दौरान 2014 में होने वाले आम चुनाव को लेकर रामदेव रणनीतिक घोषणा भी कर सकते हैं।
 



हजारे और रामदेव ने अनशन शुरू करने से पहले राजघाट जाकर बापू को श्रद्धांजलि दी। टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया और गोपाल राय भी अनशन में शामिल हो सकते हैं। अनशन के दौरान पुलिस से टकराव के भी आसार हैं। रामदेव का कहना है कि उनके समर्थक बड़ी संख्‍या में आने वाले हैं, जबकि पुलिस के मुताबिक पांच हजार से ज्‍यादा लोगों के जमा होने की अनुमति नहीं है।

एक साल पहले भी रामदेव ने रामलीला मैदान में अनशन किया था। इस बार मुख्य मंच को संसद मार्ग पर बनाया गया है। भारी संख्या में समर्थकों के आने की संभावना को देखते हुए एक दिन पहले ही इस मार्ग पर पुलिस बैरिकेडिंग के साथ कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। मंच के अलावा यहां वीआईपी मेहमानों के आवागमन के लिए मार्ग, मीडियाकर्मियों के खड़े होने के स्थान सहित सभी तैयारियां कर ली गईं हैं। एक दिवसीय अनशन के दौरान सुरक्षा इंतजाम पुख्ता बनाए रखने के लिए दिल्ली पुलिस के पांच हजार जवान तैनात किए जाएंगे। साथ ही अर्धसैनिक बलों की 20 कंपनियां यहां तैनात हैं। इसके लिए शनिवार को ही थाना संसद मार्ग में पुलिस बल मुस्तैद नजर आया। भीषण गर्मी को देखते हुए यहां पीने के पाउच और एम्बुलेंस का खास इंतजाम किया गया है। साथ ही आने वाले समर्थकों की सुविधा के लिए यहां छह बड़ी स्क्रीन लगाईं गईं हैं।

अनशन शाम छह बजे समाप्‍त होगा और इसके बाद रात आठ बजे तक जगह-जगह रैलियां, मशाल जुलूस निकाला जाएगा। यह पहला मौका होगा जब अन्ना और बाबा रामदेव एक साथ एक मंच पर अनशन करेंगे। हालांकि अप्रैल और अगस्त में हुए अनशन में अन्ना के मंच पर रामदेव समर्थन के लिए पहुंचे थे

राजस्थान का स्‍वर्ग माउंट आबू







माउंट आबू राजस्थान का स्‍वर्ग

समुद्र तल से 1220मीटर की ऊंचाई पर स्थित माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है। नीलगिरी की पहाड़ियों पर बसे माउंट आबू की भौगोलिक स्थित और वातावरण राजस्थान के अन्य शहरों से भिन्न व मनोरम है। यह स्थान राज्य के अन्य हिस्सों की तरह गर्म नहीं है। माउंट आबू हिन्दु और जैन धर्म का प्रमुख तीर्थस्थल है। यहां का ऐतिहासिक मंदिर और प्राकृतिक खूबसूरती सैलानियों को अपनी ओर खींचती है।

माउंट आबू पहले चौहान साम्राज्य का हिस्सा था। बाद में सिरोही के महाराजा ने माउंट आबू को राजपूताना मुख्यालय के लिए अंग्रेजों को पट्टे पर दे दिया। ब्रिटिश शासन के दौरान माउंट आबू मैदानी इलाकों की गर्मियों से बचने के लिए अंग्रेजों का पसंदीदा स्थान था।

माउंट आबू प्राचीन काल से ही साधु संतों का निवास स्थान रहा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार हिन्दु धर्म के तैंतीस करोड़ देवी देवता इस पवित्र पर्वत पर भ्रमण करते हैं। कहा जाता है कि महान संत वशिष्ठ ने पृथ्वी से असुरों के विनाश के लिए यहां यज्ञ का आयोजन किया था। जैन धर्म के चौबीसवें र्तीथकर भगवान महावीर भी यहां आए थे। उसके बाद से माउंट आबू जैन अनुयायियों के लिए एक पवित्र और पूज्यनीय तीर्थस्थल बनाहुआ है।क्या देखें

दिलवाड़ा जैन मंदिर-इन मंदिरों का निर्माण ग्यारहवीं और तेरहवीं शताब्दी के बीच हुआ था। यह शानदार मंदिर जैन धर्म के र्तीथकरों को समर्पित हैं। दिलवाड़ा के मंदिरों में विमल वासाही मंदिर प्रथम र्तीथकर को समर्पित
सर्वाधिक प्राचीन है जो 1031 ई.में बना था। बाईसवें र्तीथकर नेमीनाथ को समर्पित लुन वासाही मंदिर भी काफी लोकप्रिय है। यह मंदिर 1231ई.में वास्तुपाल और तेजपाल नामक दो भाईयों द्वारा बनवाया गया था। दिलवाड़ा जैन मंदिर परिसर में पांच मंदिर संगमरमर का हैं। मंदिरों के लगभग 48स्तम्भों में नृत्यांगनाओं की आकृतियां बनी हुई हैं। दिलवाड़ा के मंदिर और मूर्तियां मंदिर निर्माण कला का उत्तम उदाहरण हैं।

नक्की झील-नक्की झील माउंट आबू का एक बेहतरीन पिकनीक स्थल है। कहा जाता है कि एक हिन्दु देवता ने अपने नाखूनों से खोदकर यह झील बनाई थी। इसीलिए इसे नक्की (नख या नाखून)नाम से जाना जाता है। झील से चारों ओर के पहाड़ियों का नजारा बेहद सुंदर दिखता है। इस झील में नौकायन का भी आनंद लिया जा सकता है।

गोमुख मंदिर-इस मंदिर परिसर में गाय की एक मूर्ति है जिसके सिर के ऊपर प्राकृतिक रूप से एक धारा बहती रहती है। इसी कारण इस मंदिर को गोमुख मंदिर कहा जाता है। संत वशिष्ठ ने इसी स्थान पर यज्ञ का आयोजन किया था। मंदिर में अरबुआदा सर्प की एक विशाल प्रतिमा है। संगमरमर से बनी नंदी की आकर्षक प्रतिमा को भी यहां देखा जा सकता है।

सनसेट प्वाइंट-नक्की झील के दक्षिण-पश्चिम में स्थित सनसेट प्वांइट से डूबते हुए सूरज की खूबसूरती को देखा जा सकता है। यहां से दूर तक फैले हरे भरे मैदानों के दृश्य आंखों को सुकून पहुंचाते हैं। सूर्यास्त के समय आसमान के बदलते रंगों की छटा देखने सैकड़ों पर्यटक यहां आते हैं।

माउंट आबू वन्यजीव अभ्यारण्य-यह अभ्यारण्य मांउट आबू का प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। यहां मुख्य रूप से तेंदुए, स्लोथबियर,वाइल्ड बोर,सांभर,चिंकारा और लंगूर पाए जाते हैं। 288वर्ग किमी.में फैले इस अभ्यारण्य कीस्थापना 1960में की गई थी। यहां पक्षियों की लगभग 250और पौधों की 110से ज्यादा प्रजातियां देखी जा सकती हैं। पक्षियों में रुचि रखने वालों के लिए उपयुक्त जगह है।अचलगढ़ किला व मंदिर-दिलवाड़ा के मंदिरों से 8किमी.उत्तर पूर्व में यह किला और मंदिर स्थित हैं। अचलगढ़ किला मेवाड़ के राजा राणा कुंभ ने एक पहाड़ी के ऊपर बनवाया था। पहाड़ी के तल पर 15वीं शताब्दी में बना अचलेश्वर मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। कहा जाता है कि यहां भगवान शिव के पैरों के निशान हैं। नजदीक ही 16वीं शताब्दी में बने काशीनाथ जैन मंदिर भी हैं।

गुरु शिखर-माउंट आबू से 15किमी.दूर गुरु शिखर अरावली पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊंची चोटी है। पर्वत की चोटी पर बने इस मंदिर की शांति दिल को छू लेती है। मंदिर की इमारत सफेद रंग की है। यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार दत्तात्रेय को समर्पित है। मंदिर से कुछ ही दूरी पर पीतल की घंटी है जो माउंट आबू को देख रहे संतरी का आभास कराती है। गुरु शिखर से नीचे का दृश्य बहुत की सुंदर दिखाई पड़ता है।

कैसे जाएं
वायु मार्ग-निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर यहां से 185किमी.दूर है। उदयपुर से माउंट आबू पहुंचने के लिए बस या टैक्सी की सेवाएं ली जा सकती हैं।

रेल मार्ग-नजदीकी रेलवे स्टेशन आबू रोड 28किमी.की दूरी पर है जो अहमदाबाद,दिल्ली,जयपुर और जोधपुर से जुड़ा है।

सड़क मार्ग-माउंट आबू देश के सभी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग के जरिए जुड़ा है। दिल्ली के कश्मीरी गेट बस अड्डे से माउंट आबू के लिए सीधी बस सेवा है। राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें दिल्ली के अलावा अनेक शहरों से माउंट आबू के लिए अपनी सेवाएं मुहैया कराती हैं।

शनिवार, 2 जून 2012

एक डंपर चोर अपने ही निकाह के रिसेप्शन में नहीं पहुंचा

दुल्हन अकेली, दूल्हा गायब

भोपाल । पुलिस से बचने के लिए एक डंपर चोर अपने ही निकाह के रिसेप्शन में नहीं पहुंचा। वहां दुल्हन अकेली बैठी रही और कार्यक्रम चलता रहा। राजधानी में लगातार तीन डंपर चोरी करने वाले बाप-बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी डंपर चोरी कर किराये के फार्म हाउस ले जाकर उसका सामान निकालते थे और फिर उसे कबाडियों को बेच देते थे। पुलिस को आरोपियों का सुराग उस दिन लगा जिस रात आरोपी बेटे के निकाह का रिसेप्शन था।


एसपी अभय सिंह ने शुक्रवार को बताया कि 11 मई को सतीश दुबे का डंपर लालघाटी के पास से चोरी चला गया था। उन्होंने डम्पर सुधरवाने के लिए सिटी लिंक गैरिज के सामने खड़ा किया था। कोहेफिजा पुलिस ने चोरी का प्रकरण दर्ज किया था। इसके बाद गौतम नगर थाना क्षेत्र से अमर सिंह और प्रकाश नाविक के भी डंपर चोरी हो गए। दोनों के डंपर सुधारने वाले नासिर खान के कारखाने मे रखे हुए थे। पुलिस पड़ताल में पता चला कि तीनों डंपर लालघाटी के पास स्थित एक फार्म हाउस ले जाए गए थे। पुलिस फार्म हाउस मालिक साहब के पास पहुंची। साहब ने बताया कि उन्होंने एक मई को अपना फार्म हाउस गौतम नगर निवासी जाकिर खान को 12 हजार रूपए महीने के किराये पर दिया है। इसके बाद पुलिस ने जाकिर के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की। इसमें पता चला कि जाकिर के पिता नासिर गौतम नगर में ही डंपर सुधारने का काम करते हैं। उन्होंने साहब से उसका हुलिया पूछा तो वह नासिर के बेटे के समान ही निकला।
बिना दूल्हे के रिसेप्शन


डंपर चोरी करने वाले जाकिर के निकाह का रिसेप्शन उसकी मौजूदगी के बिना ही करना पड़ा। दरअसल, पुलिस को 21 मई को आरोपी के संबंध में जानकारी मिली। इसके तत्काल बाद पुलिस की टीम जाकिर को गिरफ्तार करने उसके घर पहुंची जहां वह नहीं मिला लेकिन पता चला कि उसी रात उसका लालघाटी के पास एक मैरिज गार्डन में निकाह का रिसेप्शन है। पुलिस उसे गिरफ्तार करने मैरिज गार्डन पहुंची पर जाकिर और उसके परिवार को पहले ही इसकी भनक लग गई थी और परिवार रिसेप्शन में ही नहीं आया। दुल्हन अकेली स्टेज पर बैठी रही और कार्यक्रम चलता रहा। हुलिया बदलने दाढ़ी कटवाई


पुलिस को पता चला कि जाकिर समेत पूरा परिवार शहर छोड़कर भाग गया है। जाकिर ने हुलिया बदलने के लिए दाढ़ी कटवा ली। 31 मई को जाकिर और नासिर भोपाल आए और पुलिस के हत्थे चढ़ गए। पूछताछ में पहले तो दोनों ने चोरी की वारदात से इनकार किया लेकिन बाद में अपराध स्वीकार कर लिया। पुलिस ने जाकिर और उसके पिता नासिर को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया है। दोनों की निशानदेही पर तीनों डंपर बरामद कर लिए गए हैं। हालांकि इनके इंजन, टायर और कुछ पाट्र्स आरोपियों ने बेच दिए थे। पुलिस को अभी कुछ और आरोपियों की तलाश है।

वाहन चोर पकड़ाए


गुरूवार को पिपलानी पुलिस ने वाहन चुराने के आरोपी युवकों को गिरफ्तार करके 15 दो पहिया वाहन बरामद किए हैं। एसपी अभय सिंह के मुताबिक पिपलानी पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि इंद्रपुरी में कुछ युवक चोरी की बाइक पर घूम रहे हैं। पुलिस ने इनको हिरासत में लेकर पूछताछ की। उन्होंने अपना नाम रोहित ठाकुर पिता श्रीप्रकाश ठाकुर और लखन अहिरवार उर्फ रिंकू पिता लाल सिंह निवासी राजीव नगर बताया। इन्होंने बताया कि वे साथ में घूमकर हनुमानगंज, गौतम नगर, हबीबगंज, गोविंदपुरा, ऎशबाग और एमपी नगर से दो पहिया वाहन चुराते थे। रोहित की प्रेमिका को बाइक पर घूमने का शौक था, इसलिए भी रोहित बाइक चुराता था। दोनों कई बार चोरी की बाइके से शहर के बाहर भी घूमने गए थे। वहीं लखन को मौज -मस्ती का शौक था। इसके लिए दोनों चोरी की बाइक को बेचने का प्रयास करते थे। चोरी के बाद वे उसके नंबर प्लेट तोड़ देते थे।