शनिवार, 5 मई 2012

टूटी कुर्सी, खराब पंखा या सहकर्मियों से दूर बैठना माना जाएगा प्रताड़ना



नई दिल्ली. दफ्तरों में महिलाओं के साथ केवल शारीरिक प्रताडऩा ही नहीं बल्कि बुनियादी सुविधाओं से वंचित करने को भी प्रताडऩा माना जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम की अध्यक्षता में शुक्रवार को मंत्री समूह की बैठक में 'प्रोटेक्शन ऑफ वुमन अगेंस्ट सेक्सुअल हरासमेंट एट वर्क-प्लेस बिल, 2010' को मंजूरी दी गई। समूह ने नए बिल को 'बर्डन ऑफ प्रूफ' की परिधि से बाहर माना है।

 

अगले हफ्ते इसे कैबिनेट की मंजूरी मिलने की संभावना है। मंत्री समूह की बैठक में गृह मंत्री के अलावा मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल, महिला एवं बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ और कानून मंत्री सलमान खुर्शीद भी शामिल हुए। मंत्री समूह की बैठक से जुड़े महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दफ्तरों में महिला सहकर्मी को कार्यस्थल पर बैठने के लिए टूटी कुर्सी, खराब पंखा या एसी और अन्य सहकर्मियों से दूर बैठाने को प्रताडऩा की संज्ञा देने का फैसला किया गया है। मंत्री समूह ने माना है कि ऐसे तरीकों से भी महिलाओं का शोषण किया जा सकता है।



अधिकारी ने बताया कि पी. चिदंबरम समेत सभी मंत्रियों ने इसे नए कानून में शामिल करने पर हामी भर दी है। 'प्रोटेक्शन ऑफ वुमन अगेंस्ट सेक्सुअल हरासमेंट एट वर्क-प्लेस बिल, 2010' को पिछले हफ्ते कैबिनेट ने मंत्री समूह को भेज दिया था। अधिकारी का कहना है कि कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने नए बिल को कंपनियों के मालिकों पर बेवजह दबाव करार देते हुए विचार के लिए समय मांगा था। मंत्री समूह की बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने साफ किया कि इस बिल को शुरुआती चरण में आपराधिक कानून से दूर रखा गया है। इसीलिए इसे 'बर्डन ऑफ प्रूफ' नहीं माना जा सकता।



नए बिल के प्रावधान: - दफ्तर में महिला सहकर्मी से लेकर घर में साफ-सफाई करने वाली तक होंगी नए बिल की परिधि में - सभी कंपनियों-कारखानों को एक शिकायत विभाग बनाना होगा। शिकायतकर्ता की सुरक्षा सुनिश्चित करना कंपनी की जिम्मेदारी। - प्रबंधन को कंपनी की सभी शाखाओं में आंतरिक शिकायत समिति बनाना होगा। जिलाधिकारी को महिलाओं के लिए स्थानीय शिकायत समिति बनाना होगा अनिवार्य - महिलाओं की शिकायत पर कार्रवाई के लिए समितियों को सिविल कोर्ट जैसी होगी शक्ति। दोषी पाने पर 50 हजार तक का जुर्माना।

दब गया 20 किलो अफीम का मामला!

दब गया 20 किलो अफीम का मामला!

बाड़मेर। करीब तीन वर्ष पहले भारत-पाक बॉर्डर बरामद बीस किलो अफीम का मामला दबकर रह गया। यह सवाल आज भी अनुत्तरित है कि अफीम कहां से आई, उस समय जिन दो जनों के नाम इस मामले में उजागर किए गए, उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो की टीम ने 30 जुलाई 2008 की रात मुनाबाव बॉर्डर पर मराठा हिल सीमा चौकी के पास कथित तौर पर अफगानिस्तान निर्मित बीस किलो अफीम बरामद की। सीजर करने वाले नारकोटिक्स के अधिकारियों ने दावा किया था कि तीस जुलाई की रात करीब ढाई बजे सीमा पार से दो जने जीरो लाइन पार कर भारतीय सीमा में प्रवेश कर तारबंदी तक आ पहुंचे।

घुसपैठियों ने तारबंदी पर चढ़कर एक कट्टा था, इस पार (भारत की ओर) फैंक दिया। कट्टे में बीस किलो अफीम थी। तारबंदी के पास दो जनों ने इस डिलीवरी को रिसीव किया। नारकोटिक्स के अनुसार दोनों की पहचान कर ली गई, लेकिन वे अफीम फैंककर भागने में सफल रहे। उस समय बीएसएफ ने सीमा पार से घुसपैठ होने से इनकार किया। बीएसएफ व नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो की रिपोर्ट में विरोधाभास रहा और पूरा मामला संदेह के दायरे में आ गया, लेकिन अफीम की बरामदगी को लेकर कोई संदेह नहीं रहा।

गृहमंत्री को भेजा ज्ञापन
खलीफे की बावड़ी निवासी खुदा दोस्त उर्फ कालाखां ने केन्द्रीय गृहमंत्री, डीआईजी पुलिस जोधपुर, क्षेत्रीय निदेशक नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो को ज्ञापन भेजकर बताया कि नारे का पार मराठा हिल सीमा चौकी के पास जिन दो जनों ने बीस किलो अफीम की डिलीवरी ली थी, उन्हें नारकोटिक्स ब्यूरो ने नोटिस भेजे थे, जो कई महीनों तक आते रहे, लेकिन बाद में नोटिस आना बंद हो गए। प्रार्थी ने आरोप लगाया कि मामले को दबा दिया गया। वर्तमान में दोनों खुले आम घूम रहे हैं और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं, लेकिन किन्हीं कारणों से बचे हुए हैं। ज्ञापन में प्रार्थी ने इस मामले में प्रभावी कार्रवाई की मांग की है।

जांच जारी है
यह मामला 2008 का है। 20 किलो अफीम बरामद होने के मामले में जांच जारी है।
विशन नायक क्षेत्रीय निदेशक, नारकोटिक केन्ट्रोल ब्यूरो, जोधपुर

नोटिस की जानकारी नहीं
वर्ष 2008 में अफीम बरामदगी का मामला तो हुआ था, लेकिन नारकोटिक्स ने किसी को नोटिस दिया, इसकी जानकारी पुलिस के पास के नहीं है। पुलिस थाने में कोई मामला दर्ज नहीं हुआ।
हुकमाराम थानाधिकारी, पुलिस थाना गडरारोड

रेगिस्तानी क्षेत्रों को भी पूर्वोत्तर की तरह मिले विशेष पैकेज


रेगिस्तानी क्षेत्रों को भी पूर्वोत्तर की तरह मिले विशेष पैकेज

सांसद ने उठाई मांग
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बाड़मेर लोकसभा में सांसद हरीश चौधरी ने पूर्वोत्तर क्षेत्रों की भांति रेगिस्तानी क्षेत्रों के लिए विशेष पैकेज स्वीकृत करने की मांग उठाई। उन्होंने चार बड़ी पेयजल योजनाओं के अलावा इंदिरा गांधी नहर से डीएनपी क्षेत्र में गडरा तक की पेयजल योजना की स्वीकृति दिलवाने की मांग की। सांसद ने अग्नि पीडि़त परिवारों को कच्चे झोंपे जलने पर न आर्थिक सहायता राशि 15 हजार से बढ़ाकर एक लाख की जानी चाहिए। आगजनी प्रभावित परिवारों को तत्काल बीपीएल श्रेणी में लिया जाना चाहिए। उन्होंने रेगिस्तानी क्षेत्रों के लिए विशेष प्रावधान करते हुए अतिरिक्त केंद्रीय स्कूल, जवाहर नवोदय स्कूल ओर मॉडल स्कूल स्थापित करने को कहा।चौधरी ने व्यापारिक एवं आवागमन दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण जैसलमेर-बाड़मेर-कांडला रेल मार्ग की स्वीकृति की मांग करते हुए कहा कि नार्थ इस्टर्न रीजनल रेल डवलपमेंट फंड की तरह ही रेगिस्तानी क्षेत्रों में रेल व हवाई यातायात के विकास की ओर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने जिले में रिफाइनरी स्थापना की मांग करते हुए कहा कि उनका संसदीय क्षेत्र बहुत बड़ा एनर्जी हब है। देश का 20 से 25 प्रतिशत क्रूड ऑयल बाड़मेर में उत्पादित हो रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने लोकसभा में कहा कि पिछड़े, पहाड़ी, रेगिस्तानी क्षेत्रों के ऐसे 265 जिले चयनित किए हैं जहां स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना के लिए आबादी के स्थान पर आवश्यकता एवं पिछड़ापन के हिसाब से प्राथमिकता दी जाएगी।

थार की धार बाड़मेर आज के समाचार।.शनिवार, ५ मई, 201२


ट्रैक्टर की टक्कर से बालक की मौत

बाड़मेर  शहर में तेज रफ्तार व लापरवाही से आए दिन हादसे घटित हो रहे है। शुक्रवार को रेलवे कुआं नंबर तीन क्षेत्र में मदरसे के पास ट्रैक्टर की चपेट में आने से एक बालक की मौत हो गई।

वहीं इस दुर्घटना में केबिन व मोटरसाइकिल भी क्षतिग्रस्त हो गई। एक्सीडेंट के बाद ट्रैक्टर चालक मौके से भाग छूटा। घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और पानी के टैंकर को जब्त कर मामले की जांच शुरू की।

एसडीएम सीआर देवासी ने बताया कि शुक्रवार शाम कोटवालों का वास में पानी के टैंकर परिवहन करने वाले ट्रैक्टर की चपेट में आने से महेंद्र पुत्र कैलाश दान उम्र सात वर्ष की मौत हो गई। प्रथम दृष्टया चालक की ओर से लापरवाही के साथ वाहन चलाने से दुर्घटना होना प्रतीत हो रहा है। वहीं ट्रैक्टर की चपेट में आने से एक केबिन व मोटरसाइकिल भी क्षतिग्रस्त हो गई और तीन अन्य लोगों के भी मामूली चोटें आई।

पुलिस ने जब्त किया ट्रैक्टर

घटना के बाद कोतवाली पुलिस ने मौके पर पहुंच ट्रैक्टर आरजे 19 आर 1477 व पानी की ट्रॉली को जब्त किया।। उपखंड अधिकारी सीआर देवासी व डिप्टी नाजिम अली भी मौके पर पहुंचे। 

जिले में अब छह नए राजस्व ग्राम

शिव, गुड़ामालानी एवं बाड़मेर तहसील में बनाए

बाड़मेर जिले की शिव, गुड़ामालानी एवं बाड़मेर तहसील में छह नए राजस्व ग्राम बनाए गए हैं।

कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने बताया कि शासन उप सचिव राजस्व (ग्रुप-1) विभाग जयपुर के अनुसार शिव तहसील के रेडाणा मूल ग्राम से पाबूसरा नया राजस्व ग्राम सृजित किया गया है। इसी प्रकार गुड़ामालानी तहसील के अणखिया मूल ग्राम से कड़वासरों का धोरा, नेहरों का बेरा मूल ग्राम से भूरजी गोदारों की ढाणी, बाड़मेर तहसील के नथोणियों का वास मूल ग्राम से प्रभुओणी मालियों का वास व इसी मूल ग्राम से सूरसागर तथा रामदेरिया मूल ग्राम से कोशलाणी राइकों की ढाणी नया राजस्व ग्राम सृजित किया है। कलेक्टर ने बताया कि ग्राम विभाजन के फलस्वरूप राजस्व अभिलेख यथा जमाबंदी, खसरा गिरदावरी, लठ्ठा टेउस, सीमा द्योतक चिह्न, ढाल-बाछ आदि अभिलेख अलग होंगे। उन्होंने संबंधित तहसीलदार को निर्देश दिए कि वे संबंधित पटवारी से नया अभिलेख एक माह के भीतर तैयार करवाकर उसकी रिपोर्ट भेजें।


छह खातेदारों के खिलाफ कार्रवाई


बाड़मेर/कवास अवैध खनन के खिलाफ खनिज विभाग की कार्रवाई में तेजी आने लगी है। जहां गुरुवार दोपहर खनिज विभाग ने कार्रवाई करते हुए पांच जनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी वहीं गुरुवार रात भीमरलाई में दबिश देकर अवैध खनन करते पांच लोगों के खिलाफ प्रकरण बनाए गए। इसी कड़ी में शुक्रवार को छीतर का पार क्षेत्र में जिप्सम के अवैध खनन पर छह लोगों के खिलाफ 4 एफआईआर दर्ज करवाई गई है।

खनिज विभाग के सहायक अभियंता पूरणमल सिंगाडिय़ा ने बताया कि अवैध खनन के खिलाफ खनिज विभाग सहित अन्य विभागों की ओर से चलाए जा रहे संयुक्त अभियान के तहत यह कार्रवाई की गई है। गुरुवार रात बालोतरा एसडीएम कमलेश आबूसरिया के निर्देशन में जिप्सम के अवैध खनन को लेकर भीमरलाई क्षेत्र की चैकिंग की गई। इस दौरान चार आरोपी अवैध खनन करते पाए गए। इनके खिलाफ मौके पर ही चार प्रकरण बनाए गए । इसी तरह शुक्रवार को छीतर का पार में टीम ने कार्रवाई करते हुए छह लोगों को अवैध खनन करते पकड़ा। इनके खिलाफ भी नागाणा थाने में चार एफआईआर दर्ज कराई गई। सहायक खनि अभियंता सिंगाडिय़ा ने बताया कि भीमरलाई में अवैध खनन को लेकर मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई चल रही है। वहीं अभियान के तहत और भी कार्रवाई की जाएगी। 

थार की धार जैसलमेर आज के समाचार।.शनिवार, ५ मई, 201२

ट्रेन से गिरने पर युवक की मौत

पोकरण ग्राम पंचायत लाठी से पांच किलोमीटर पहले शुक्रवार को अल सुबह जोधपुर से जैसलमेर आ रही ट्रेन से गिरने से एक युवक की मौत हो गई।

पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार को सुबह 3.15 बजे ग्राम पंचायत लाठी से पांच किलोमीटर पूर्व जोधपुर से जैसलमेर आ रही ट्रेन पर सवार विनोद कुमार पुत्र रामाकिशन बिस्सा (34) निवासी रेलानी पाड़ा जैसलमेर ट्रेन से गिर गया जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि विनोद कुमार ट्रेन के गेट पर बैठा था तभी सुबह 3.15 बजे रात्रि में आंख लगने तथा धक्का आने के कारण वह ट्रेन से नीचे गिर गया। पटरी के पास बिछी कंकरीट पर गिरने के कारण उसे सिर तथा शरीर पर गंभीर चोटेंआई तथा अत्यधिक खून बहने के कारण उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सुपुर्द कर दियाा।

जीआरपी के मुताबिक विनोद अपनी मां के साथ सफर कर रहा था। ट्रेन के जैसलमेर पहुंचने पर उसकी मां ने जब विनोद को नहीं देखा तो स्टेशन पर अधिकारियों से बताया कि उसका बेटा पोकरण तक उसके साथ था उसके बाद कहां चला गया पता नहीं। इस दौरान लाठी स्टेशन मास्टर का जैसलमेर स्टेशन पर फोन आया और बताया कि एक युवक पटरियों के पास मृत पड़ा है।

चलने लगी लू , आमजन बेहाल

चिलचिलाती धूप के साथ गर्म हवा से तेज गर्मी का अहसास

जैसलमेर  जिले में भीषण गर्मी का दौर शुरू हो गया है। दिन ब दिन बढ़ रहा तापमान पसीने छुड़ाने लगा है। सुबह से ही सूरज आग उगलने लगता है। सड़कें तवे की तरह तपने लगी है और दोपहर होते होते लू के थपेड़े तन झुलसाने वाली गर्मी का अहसास करवाने लगे हैं। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 41.5 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 25.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पिछले दो चार दिनों से लू का असर देखने को मिल रहा है। मौसम विशेषज्ञों का माना है कि कुछ ही दिनों में लू का प्रकोप बढ़ जाएगा। गर्म हवा तेज होगी और दिन भर लू का असर रहेगा। डाक्टर्स का मानना है कि गर्म हवा के कारण कोई भी लू की चपेट में आ सकता है। इसके लिए सावधानी बरतना जरूरी है। जरा सी लापरवाही बरतने पर ताप घात हो सकता है। लू की चपेट में बच्चे, श्रमिक और बुजूर्ग जल्दी आते हैं।


क्या है लू

लू गर्मियों के दौरान चलने वाली तेज गर्म हवा है। पश्चिमी राजस्थान में इसका विशेष असर होता है। तेज धूप के बीच लू से बुखार आ जाता है। शरीर में लवण व पानी की कमी होने पर ताप घात की स्थिति बन जाती है। डॉक्टर्स के मुताबिक लू से शरीर का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है। मस्तिष्क तापमान को नियंत्रित करना बंद कर देता है। लाल रक्त कोशिकाएं रक्त वाहिनियों में टूट जाती है और कोशिकाओं में जो पोटेशियम लवण होता है वह रक्त संचार में आ जाता है, जिससे हृदय गति व शरीर के अन्य अंग प्रभावित होते हैं।



ऐसा हो तो समझें लू लग गई

- सिर में भारीपन या तेज सिरदर्द करना।

- अधिक प्यास लगना और शरीर में भारीपन के साथ थकावट।

- जी मचलना, सिर चकराना और शरीर का तापमान बढ़ जाना।

- पसीना आना बंद होना, इसके साथ ही मुंह भी लाल हो जााना।

- बेहोशी छाना या बेहोश हो जाना। 

पीडि़त परिवार को जान माल के सुरक्षा की मांग

पोकरण  मेघवाल समाज के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन उपखण्ड अधिकारी अशोक कुमार चौधरी को प्रस्तुत कर नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर पीडि़त परिवार को जान माल सुरक्षा करवाने की मांग की। मेघवाल ने बताया कि गत 20 अप्रैल को सांगसिंह पुत्र दानसिंह, आवड़सिंह पुत्र भंवरसिंह, अनोपसिंह पुत्र दानसिंह जाति राजपूत निवासी नया लूणाकल्ला ने पेमाराम के घर आए और उनकी पत्नी नखतूदेवी के साथ मारपीट की व धक्का मुक्की की तथा उनकी लज्जा भंग की। बीच बचाव करने वाले उनके पति के साथ मारपीट एवं जाति सूचक शब्दों से अपमानित किया तो पेमाराम द्वारा जोर जोर चिल्लाने के कारण आस पास रहने वाले लोग राजूराम, उगमाराम और माणकराम दौड़ कर आए और बीच बचाव किया तथा इसकी इतला पुलिस थाना सांकड़ा को दी। थाना अधिकारी द्वारा मुकदमा दर्ज कर जांच प्रारंभ की। उन्होंने बताया कि मुकदमा दर्ज होने पर पुलिस उपअधीक्षक विपिन शर्मा द्वारा घटना स्थल का मौका देखा तथा पीडि़त परिवार व गवाहों के ब्यान भी लिए लेकिन 12 दिन बाद भी पुलिस प्रशासन कोई ठोस कार्रवाही नहीं की जा रही है। जिसके चलते आरोपियों के हौसलें दिनोंदिन बुलंद होते जा रहे हैं। तथा हर रोज पीडि़त परिवार को धमकियां दी जा रही है । उन्होंने इस संबंध में तत्काल कार्रवाई कर नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर तथा पीडि़त परिवार की जान माल की सुरक्षा करवाने की मांग की। नामजद आरोपियों को गिफ्तार नहीं किया गया तो मजबूरन हमें आंदोलनात्मक रूख अपना पड़ेगा तथा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेवारी प्रशासन होगी। इसी प्रकार दलित अधिकार अभियान कमेटी के अध्यक्ष डूंगरराम भील ने मुख्यमंत्री के नाम उपखण्ड अधिकारी अशोक कुमार चौधरी को ज्ञापन प्रस्तुत कर बताया कि पुलिस प्रशासन द्वारा अभी तक नामजद आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। 


बार एसोसिएशन की नवगठित कार्यकारिणी ने ली शपथ



बैठक में कई प्रस्ताव किए पारित


जैसलमेर  जैसलमेर बार एसोसिएशन की नवगठित कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण समारोह शुक्रवार को आयोजित किया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुष्पेन्द्रसिंह हाड़ा ने कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को शपथ दिलवाई। इस अवसर पर अध्यक्ष मुल्तानाराम, उपाध्यक्ष चनणाराम चौधरी, उम्मेदसिंह नरावत, सचिव गागनखां मेहर एवं पृथ्वीसिंह भाटी, सहसचिव महेश माहेश्वरी, कोषाध्यक्ष विपिन कुमार व्यास, सदस्य ओमप्रकाश वासू, महेन्द्र कुमार चौधरी, मांगीलाल पंवार, हेमसिंह राठौड़, चांद मोहम्मद, शैतानसिंह माली, कंवराजसिंह राठौड़ एवं भीमसिंह चौहान ने लाइब्रेरी सचिव के रूप में शपथ ग्रहण की।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुष्पेन्द्रसिंह हाडा ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट का न्यायालय एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश न्यायालय के ऊपर बनवाने, अधिवक्ताओं के लिए आवासीय कॉलोनी, लिटीगेंट शेड एवं अधिवक्ताओं के चेम्बर की समस्या का समाधान जनप्रतिनिधियों के सहयोग से करने की बात कही। बार के अध्यक्ष मुल्तानाराम बारुपाल ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय को कलेक्ट्रेट में स्थानांतरित करने की मांग रखी। विधायक छोटूसिंह भाटी ने वकीलों की समस्याओं के समाधान का भरोसा दिलाया। पोकरण विधायक साले मोहम्मद ने अधिवक्ताओं को भूखंड दिलाने के लिए राज्य सरकार व जिला स्तर पर कार्रवाई करने की बात कही। जिला प्रमुख अब्दुला फकीर, पूर्व अध्यक्ष एलएन मेहता, गोविंदलाल बिस्सा ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।

समारोह के पश्चात कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई जिसमें एसोसिएशन की आय में वृद्धि, लिटिगेड शेड निर्माण, अधिवक्ताओं को नजूलदर पर भूखंड आबंटन, रजिस्ट्रार कार्यालय में पहचानकर्ता के रूप में अधिवक्ता की अनिवार्यता आदि प्रस्ताव पारित किए गए।

श्रीनाथजी का ब्रज से निष्क्रमण - मेवाड नाथद्वारा तक इतिहास

श्रीनाथजी का ब्रज से निष्क्रमण - मेवाड नाथद्वारा तक इतिहास







तत्कालिन मुगल सम्राट औरंगजेब द्वारा दमन :- मुगल सम्राट औरंगजेब का शासन काल (सं. १७०५-१७६४) ब्रज के हिन्दुओं के लिए बडे संकट का युग था। उस धर्मोन्ध बादशाह ने राज्याधिकार प्राप्त करते ही अपने मजहबी तास्मुब के कारण ब्रज के हिन्दुओं को बलात् मुसलमान बानाने का भारी प्रयत्न किया, और उनके मन्दिर-देवालयों को नष्ट-भ्रष्ट करने का प्रबल अभियान चलाया था। ब्रज के धर्माचार्यों और भक्तजनों के लिए जीवन मरण की समस्या पैदा हो गई थी। पुष्टि संप्रदाय के वल्लभवंशीय गोस्वामियों को तो अपना सर्वनाश ही होता दिखलाई देने लगा, कारण था कि उनका मुगल बादशाहों से विशेष संबंध रहा था और वे उनसे लाभान्वित भी हुए थे तथा मन्दिर देवालयों में बड़े आनन्द और धूमधाम के धार्मिक आयोजन हुआ करते थे, अतः वे औरंगजेब की आँखों में सबसे अधिक खटक रहे थे।

ब्रज से निष्क्रमण :- उस विषम परिस्थति में व्रज के विविध धर्माचर्यागण अपनी पौराणिक देव मूर्तियों (स्वरूपों) और धार्मिक पोथियों की सुरक्षा के लिए व्रज को छोड़ कर अन्यत्र जाने को विवश हो गए । वल्लभवंशीय गोस्वमियों ने अपने सेवा स्वरूप, धार्मिक ग्रंथ तथा आवश्यक सामग्री के साथ व्रज से हटकर अन्यत्र चले जाने का निश्चय कर लिया। पुष्टि संप्रदाय से सर्वप्रधान सेवा स्वरूप श्रीनाथजी का गोवर्धन के जतीपुरा गोपालपुर से हटाया जाना वल्लभवंशीय गोस्वामियों के ब्रज से निष्क्रमण, व्रज के धार्मिक इतिहास की एक अत्यन्त दुःख घटना थी।



श्रीनाथजी तथा नवनीतप्रियजी की सेवा व्यवस्था का प्रमुख उत्तरदायित्व श्री गिरिधर जी के प्रथम गृह की टीकेत गादी को रहा है उस काल में श्री दामोदर जी इस धर के तिलकायत थे, किन्तु वे १५ वर्ष के बालक थें। इसलिए उनकी तरफ से उनके बड़े काका गोविन्द जी श्रीनाथजी की सेवा और प्रथम गृह की व्यवस्था सम्बंधी कार्यो का संचालन के लिए उन्हे गिरिराज के मन्दिर से हटाकर गुप्त रीति से अन्यत्र ले जाने का निश्चय किया।



एक दिन सायंकाल होते ही श्रीनाथजी को चुपचाप रथ में विराजमान किया गया। उनके साथ कुछ धार्मिकग्रन्थ और आवश्यक सामग्री रख अत्यन्त गुप्त रीति से आगरा की ओर हाक दिया गया। रथ के साथ श्री गोविन्दजी, उनके दोनों अनुज श्री बालकृष्णजी और श्रीवल्लभजी कुछ अन्य गोस्वामी बालक श्रीनाथजी की कृपापात्र एक व्रजवासिन गंगाबाई तथा कतिपय व्रजवासी थे। यह कार्यवाही ऐसी गुप्त रीति से की गई थी कि किसी को कानों-कान तक खबर भी नहीं हुई।

जिस दिन श्रीनाथजी ने गोवर्धन छोड़ा था उस दिन संवत् १७२६ की आश्विन शुक्ला १५ शुक्रवार था। यह तिथि ज्योतिष गणना से ठीक हुई थी । श्रीनाथजी के पधारने के पश्चात् औरंगजेब की सेना मन्दिर को नष्ट करने के लिए गिरिराज पर चढ दौडी थी। उस समय मन्दिर की रक्षा के लिए कुछ थोडे से ब्रजवासी सेवक ही वहाँ तैनात थे। उन्होने वीरता पूर्वक आक्रमणकारियों का सामना किया था किन्तु वे सब मारे गये। उस अवसर पर मन्दिर के दो जलघरियों ने जिस वीरता का परिचय दिया था उसका साम्प्रदायिक ढंग से अलौकिक वर्णन वार्ता में हुआ है। आक्रमणकारियों ने मन्दिर को नष्ट-भ्रष्ट कर मस्जिद बनवा दी थी।

श्रीनाथजी की यात्रा और मेवाड़ की ओर प्रवास :- गेवर्धन से चलकर श्रीनाथजी का रथ रातो-रात ही आगरा पहुँच गया था। उस काल में आगरा में पुष्टि संप्रदाय के अनेक शिष्य सेवक थे। उनके सहयोग से वहाँ श्रीनाथजी को गुप्त रूप से कुछ काल तक रखा गया था। वहाँ उनकी नियमित सेवा-पूजा होती रही और यथा समय प्रभु का अन्नकूट भी किया गया। उसी काल में गोकुल का मुखिया विट्ठलदुबे श्री नवनीतप्रियजी के स्वरूप, बालतिलकायत, श्री दामोदर जी तथा प्रथम गृह की बहू-बेटियों को लेकर आगरा आ गया था। इस प्रकार सबके एकत्र हो जाने के उपरान्त आगरा छोड कर अन्यत्र जाने की तैयारी होने लगी। निष्कासित गोस्वामियो का वह दल आगरा से चलकर पर्याप्त समय तक विभिन्न हिन्दू राज्यों का चक्कर काटता रहा था। अंत में उन सबने मेवाड़ राज्य में प्रवेश किया और वहां उन्हे स्थायी रूप से आश्रय प्रदान किया। जब तक वे यात्रा में रहे श्रीनाथजी को बहुत छिपा कर रखा जाता था, और किसी सुरक्षित स्थान पर पहुँचकर ही अत्यन्त गुप्त रीति में उनकी सेवा-पूजा की जाती थी। जिन स्थानों पर श्रीनाथजी कुछ अधिककाल तक बिराजे थे, अथवा जहां उनका कोई विशेष उत्सव हुआ था, वहां उनकी चरण चौकियां बनाई गई। ऐसी अनेक 'चरण चोकिया' अभी तक विद्यमान है।आगरा से चलकर ग्वालियर राज्य में चंबल नदी के तटवर्ती दंडोतीघाट नामक स्थान में मुकाम किया गया। वहां कृष्णपुरी में श्रीनाथजी बिराजे थे। उस स्थान से चलकर वे कोटा गये, जहां कृष्णविलास की पद्यमशिला पर श्रीनाथजी चार महिने तक बिराजे रहे थे। कोटा से पुष्कर होते हुए कृष्णगढ़ पधराये गये थे। वहां नगर से दो मील दूर पहाडी पर पीताम्बरजी की नाल में श्रीनाथजी बिराजे थे। कृष्णगढ से चलकर जोधपुर राज्य में बंबाल और बीसलपुर स्थानों से होते हुए चाँपसनी पहुँचे थे, जहाँ श्रीनाथजी चार-पांच महिने तक बिराजमान रहे थे। उसी स्थान पर सन् १७२७ के कार्तिक मास में उनका अन्नकूट उत्सव किया गया था। अंत में मेवाड़ राज्य के सिंहाड़ नामक स्थान में पहुँचकर स्थायीरूप से बिराजमान हुए थे। उस काल में मेवाड का राजा राजसिंह (शासन-सं. १६८६ से सं. १७३७) सर्वाधिक शक्तिशाली हिन्दू नरेश था। उसने औरंगजेब की उपेक्षा कर पुष्टि संप्रदाय के गोस्वामियों को आश्रय और संरक्षण प्रदान किया था। सं. १७२८ कार्तिक में श्रीनाथजी सिंहाड़ पहुँचें थे वहा मन्दिर बन जाने पर फाल्गुन कृष्ण ७ शनिवार को उनका पाटोत्सव किया गया।



इस प्रकार श्रीनाथजी को गिरिराज के मन्दिर से हटाकर सिंहाड़ के मन्दिर में बिराजमान करने तक २ वर्ष, ४ महिने, ७ दिन का समय लगा था। उस काल में गोस्वामियों को और उनके परिवारों को नाना प्रकार के संकटों का सामना करना पडा, किन्तु वे अपने आराध्य देव श्रीनाथजी को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने में सफल हुए थे। श्रीनाथजी के कारण मेवाड़ का वह अप्रसिद्ध सिंहाड़ ग्राम श्रीनाथद्वारा के नाम से सम्पूर्ण भारत में सुविखयात हो गया। श्रीनाथजी का स्वरूप व्रज में १७७ वर्ष तक रहा था। श्रीनाथजी अपने प्राकट्य सं. १५४९ से लेकर सं. १७२६ तक व्रज में सेवा स्वीकारते रहे।

शुक्रवार, 4 मई 2012

असम में तूफान से सात की मौत

गुवाहाटी।। असम के कई भागों में आज आए तूफान में सात लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य घायल हुए। आधिकारिक सूत्रों ने यहां कहा कि धुबरी, कोकराझर, बारपेटा, दारंग और नलबाड़ी में आए तूफान में सात लोग मारे गये जबकि करीब सौ लोग घायल हुए। इसके अलावा कई घर क्षतिग्रस्त हो गये और कई पेड़ उखड़ गए।

धुबरी जिले में तीन अलग-अलग गांवों में तीन बच्चों सहित छह लोगों की मौत उस समय हुई जब उनके घर की टीन की छत उन पर आ गिरी।

बरूआपाड़ा गांव में एक महिला और उसके ढाई साल के बच्चे की मौत हुई जबकि बिलासीपाड़ा पुलिस थाने के अंतर्गत मणिपुरगांव में 70 वर्षीय व्यक्ति और उसके दो पोतों की जान

गई। इसके अलावा फकीरगंज क्षेत्र तथा भोतगांव क्षेत्र में एक-एक व्यक्ति की मौत
हुई।

तुम पूछों और मै न बताऊ, जिंदगी के ऐसे तो हालात नहीं !


तुम पूछों और मै न बताऊ, जिंदगी के ऐसे तो हालात नहीं !
बस इक ज़रा सा दिल ही टूटा है, और कोई तो बात नहीं !

परेशाँ है मेरा दिल खुद मुझसे ही, और कोई तो बात नहीं !
किसी नज़्म ने छुआ भर है मुझको, और कोई तो बात नहीं !

कभी टल जाऊं तूफ़ान से ,हरगिज़ मैं वो साहिल भी नहीं !
ज़रा हवा के झोँके बाँहों में ले लूँ,और कोई तो साथ नहीं !

मगरूर नहीं बेबाक हूँ दिल से, पर किसी से कोई एतराज नहीं !
किसी को लगता बुरा तो लगा करे ,मेरा इरादा तो कोई ख़ास नहीं !

जीना चाहूँ आसमान के साथ , अब और कोई तो ख्वाब नहीं !
मुट्ठी में कर लूं माहताब को मै, गुलों का तो कोई हिसाब नही !

क्यूँ पीछे पड़ा है जमाना, मेरा कोई तो गलत बयान नहीं !
किसी को बेवजह रंज दूँ ,मैं ऐसा कोई मेरा अरमान नहीं !

लाखाराम जाखड 

बहन बनी दूल्हा, खाए सात फेरे

बहन बनी दूल्हा, खाए सात फेरे
कयामकुलम। केरल के कयामकुलम में एक दुल्हन को उसके दूल्हे की "अमानत" रखने का एक विचित्र मामला प्रकाश में आया। जिसमें विदेश में कार्यरत दूल्हा जब अपनी शादी में शरीक नहीं हुआ तो दूल्हे की बहन ने अपने भाई की ओर से दूल्हन के साथ सात फेरे लिए और वधू को विदा कराके घर ले आई।

कमलेश दुबई में सुपर मार्केट में सेल्स मैन का काम करता है। आठ माह पहले वह लड़की देखने भारत आया था रिश्ता पक्का हो गया और कमलेश और श्रीकृ ष्णा के परिजनों ने गुरूवार की शुभ मुर्हूत में विवाह निश्चित किया। लेकिन इस बीच सुपर मार्केट के मालिक ने उसे शादी के लिए छुट्टी देने से मना कर दिया। परेशान कमलेश ने छुट्टी के मसले को लेकर श्रम मंत्रालय से गुहार लगा दी। मंत्रालय के हस्तक्षेप पर कमलेश का मालिक क्षतिपूर्ति के तौर पर 30 हजार दिरहम देने पर उसका पासपोर्ट एवं अन्य कागजात लौटाने पर राजी हो गया। कमलेश ने समझौते के मुताबिक पैसे दे दिए।

लेकिन मालिक का मन फिर बदल गया। कमलेश हवाई अड्डे पर पासपोर्ट का इंतजार करता रहा लेकिन मालिक ने दस्तावेज उसके पास नहीं भेजे और उसका विमान चला गया। इस तरह से कमलेश अपनी शादी में शामिल होने से वंचित रह गया। इस बीच दोनों पक्ष के परिजनों ने तथा तिथि और मुर्हूत में ही शादी सम्पन्न करने का फैसला किया और इस समस्या का समाधान दूल्हे की बहन बनी। श्रीकृष्णा की शादी कमलेश की बहन कविता से करा दी गई। शादी के बाद श्रीकृष्णा विदा होकर कमलेश के घर आ गई जबकि कमलेश ने रविवार तक घर (भारत) आने का वादा किया है।

सिंधियों को अल्पसंख्यक में शामिल करने की याचिका खारिज

कानून बनाने का काम न्यायपालिका का नहीं है बल्कि विधायिका का है 
जयपुर। हाईकोर्ट ने सिंधियों को अल्पसंख्यक वर्ग में शामिल करने की गुहार वाली याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह कानून बनाने का काम न्यायपालिका का नहीं है बल्कि विधायिका का है। प्रार्थी इस संबंध में सरकार को प्रतिवेदन देने के लिए स्वतंत्र हैं।
मुख्य न्यायाधीश अरुण मिश्रा व न्यायाधीश एन.के.जैन की खंडपीठ ने यह आदेश सिंधी समाज के प्रदेश महासचिव अशोक नेताई की याचिका को खारिज करते हुए दिया। याचिका में कहा कि सिंधी 1947 में देश विभाजन के दौरान सिंध से आए थे। लेकिन इन्हें सरकार ने अल्पसंख्यक वर्ग में शामिल नहीं किया। जबकि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग एक्ट 1992 के तहत सिंधी मुस्लिम को अल्पसंख्यक में शामिल कर लिया है जबकि उन्हें दयनीय स्थिति होने के कारण भी अल्पसंख्यक वर्ग में शामिल नहीं किया गया। इसलिए उन्हें अल्पसंख्यक वर्ग में शामिल करने का निर्देश दिया जाए। लेकिन अदालत ने याचिका खारिज कर दी।

सेना सप्लाई डिपो जैसलमेर का आधुनिकीकरण


सेना सप्लाई डिपो जैसलमेर का आधुनिकीकरण 

डेजर्ट कोर के जनरल ऑफिसर कमाण्डिंग, लेफि्टनेन्ट जनरल फिलीप कम्पोज विशिष्ट सेवा मेडल, ने आज सप्लाई डिपो जैसलमेर में एक अतिआधुनिक सब्जी तथा फल भंडार का उद्घाटन किया। यह भंडार देश में उपलब्ध सर्वोत्तम तकनीक पर आधारित है। यह सुविधा फल, सब्जी तथा अन्य रखाव के लिये शीत श्रंखला की स्थापना में एक महत्वपूर्ण कदम है। जिससे जवानों को उपलब्ध कराये जाने वाले राशन में एक गुणात्मक परिवर्तन होगा। 

रक्षा मंत्रालय द्वारा जवानों के राशन स्केल में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए महानिदेशक, सेना सेवा कोर ने एक महत्वकांक्षी उद्देश्य से सब्जी व फल प्रबंधन के लिये शीत श्रंखला बनाने की परियोजना को दृष्टिगोचर किया है ताकि जवानों को खाद्य सामग्री खेत, खलियान जैसी ताजा पहुँच सके। इस परियोजना के तहत आरम्भ में सेना के कुछ चुनिन्दा पूर्ति डिपो में फलों व सब्जी के रखरखाव के लिए अतिआधुनिक भंडारकक्ष स्थापित किये जा रहे हैं। जैसलमेर उनमें से एक ऐसा सैनिक स्थल है, जहाँ यह सुविधा आरम्भ की गई है। 

इस बार भी बजा बेटियों का डंका: शेना बनीं आईएएस टॉपर,

इस बार भी बजा बेटियों का डंका: 

शेना बनीं आईएएस टॉपर, 

नई दिल्ली.संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा (2011) के नतीजे घोषित कर दिए हैं। शेना अग्रवाल ने इस बार यूपीएससी परीक्षा में टॉप किया है। रुकमणी रियार दूसरे स्थान पर रही हैं। मेरिट लिस्‍ट में पहले दस में से चार लड़कियां हैं। पुरुषों में प्रिंस धवन टॉपर हैं। उनकी ओवरऑल रैंकिंग तीन है।

 



मेडिकल साइंस और साइकॉलजी से परीक्षा देने वाली शेना पिछली बार 305वें रैंक पर रही थीं। लेकिन वह रैंकिंग से खुश नहीं थीं। इसलिए उन्होंने फिर से परीक्षा दी और पहले स्थान पर आईं। मेडिकल बैकग्राउंड की शेना सीबीएसई पीएमटी परीक्षा में भी ऑल इंडिया टॉपर थीं।



सिविल सर्विसेज- 2010 की परीक्षा में भी लड़कियां ही टॉप पर थीं। तब चेन्नै की लॉ ग्रैजुएट एस. दिव्यदर्शिनी ने टॉप किया था, जबकि कंप्यूटर इंजिनियर स्वेता मोहंती दूसरे नंबर पर रही थीं।





ये हैं इस बार के टॉप 10 उम्‍मीदवार

शेना अग्रवाल
रुकमणि रियार
प्रिंस धवन
मंगेश कुमार
एस गोपाल सुंदर राज
गीतांजलि ब्रांडन
हिमांशु गुप्ता
हर्षिका सिंह
डी कृष्ण भास्कर
औरंगाबादकर अमरुतेश कालिदास

राजकीय अस्पताल में बालक की गलत इंजेक्सन देने से मौत ,

राजकीय अस्पताल में बालक की गलत इंजेक्सन देने से मौत ,

परिजनों का हंगामा चिकित्सको पर लापरवाही का आरोप 
बाड़मेर जिला मुख्यालय पर स्थित राजकीय चिकित्सालय में ग्रामीण इलाके से एक छार वर्षीय बालक का इलाज़ कराने आये परिजनों ने आरोप लगाया की चिकित्सालय में बच्चे को सही समय पर उपचार नहीं देने तथा बाद में गलत इंजेक्सन लगाने के कारण मौत हो गयी ,इसी बात को लेकर बालक के परिजनों ने अस्पताल परिसर  में हंगामा खडा कर दिया जिस पर पुलिस उप अधीक्षक कार्यवाहक अमृत जीनगर अस्पताल चौकी प्रभारी राऊ राम स जीवना राम सहित पुलिस दल ने मौके पर पंहुच  माहोल माहौल , करने का प्रयास किया शुक्रवार सुबह ग्यारह बजे तारातरा गाँव निवासी राऊराम मेघवाल अपनी पत्नी के साथ चार साल के पुत्र मनोहर को लेकर उसका उपचार करने अस्पताल लाये उनका आरोप हे की आधे घंटे तक बच्चे को लेकर अस्पताल में घुमाते रहे किसी ने उसे चेक नहीं किया बाद में उसे शिशुरोग विशेषज्ञ आर के महेश्वरी को दिखाया उन्होंने दो इंजेक्सन लिखे ,इंजेक्सन लगाते ही बच्चे ने दम तोड़ दिया उन्होंने चिकित्साकर्मियो पर उपचार में लापरवाही बरतने का आरोप लगा हंगामा खडा कर दिया जिस पर पुलिस दल मौके पर पंहुच मामला शांत करने का प्रयास किया ,समाचार लिखे जाने तक प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ,मृत बालक के परिजन और ट्रेनी पुलिस उप अधीक्षक अमृत जीनगर के बीच समझौता वार्ता चल रही थी .

जसवंत सिंह राष्ट्रपति के प्रबल दावेदार ,

जसवंत सिंह राष्ट्रपति के प्रबल दावेदार ,

बाड़मेर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह राष्ट्रपति पद के प्रबल दावेदार की दौड़ में शामिल हो गए हें उच्चा स्तरीय सूत्रों ने बताया की भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने जसवंत सिंह के नाम पर संघ की हरी झंडी के बाद सहमति दे दी हें वन्ही बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चार बार जसवंत सिंह के त्रिमूर्ति लाइन पर जा चुकी हें उनकी मुलाक़ात जसवंत सिंह को समर्थन पर लम्बी बातचीत हुई .उल्लेखनीय हें की जसवंत सिंह के तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता से बेहद नजदीकी तालुकात हें जय ललिता का जसवंत सिंह को खुला समर्थन मिलाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता इसके अलावा मुलायम सिंह यादव शरद पंवार से भी इस सम्बन्ध में सकारात्मक बातचीत हो चुकी हें भाजपा जसवंत सिंह के नाम के पत्ते रुक कर खोलेगी ,बहरहाल जसवन सिंह की दावेदारी के चलते राजस्थान से उनको पूरा समर्थन मिलाने की संभावना हे ,जसवंत सिंह की दावेदारी का प्रस्ताव ऍन डी ऐ से आने की संभावना नहीं हे उनके नाम को जयललिता या ममता बनर्जी के माध्यम  से बढ़ाया जाएगा 

आग का तांडव,मां-बेटी जिंदा जले

आग का तांडव,मां-बेटी जिंदा जले
जयपुर। शिप्रापथ थाना इलाके से गुजरने वाले वीटी रोड पर शुक्रवार सुबह चूल्हा जलाते समय भड़की आग ने मां-बेटी को अपने आगोश में ले लिया। इस घटना में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। बताया जा रहा है कि आग की चपेट में आई महिला आठ माह से गर्भवती थी। आग की लपटों ने करीब आधा दर्जन अन्य झोपड़ों को भी अपने लपेटे में ले लिया। मुख्य अग्निशमन अधिकारी ईश्वरलाल जाट ने बताया कि आग के कारणों का पता नहीं चल पाया है। फिलहाल आग चूल्हे से लगना बताया जा रहा है।

आग की लपटें इतनी ऊंची उठ रही थीं कि दूर से देख कर भी लोगों को सिहरन पैदा हो रही थी। पूरे इलाके में इस घटना के बाद से सनसनी का माहौल है। आग को फैलता देख यहां रहने वाले कई लोग घरों को छोड़ कर मौके से भाग निकले। मौके पर पहुंची फायर बिग्रेड की दमकलों से करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया, जिसके बाद उन्हें आग में बुरी तरह झुलसी महिला और उसकी बेटी का शव नजर आया।

चूल्हे से भड़की आग
पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, वीटी रोड स्थित कच्ची बस्ती में शुक्रवार सुबह करीब आठ बजे एक कच्चे मकान में पत्थरों से बने चूल्हे पर खाना बनाने के दौरान आग भभक उठी। तेज हवा और गर्मी के कारण देखते ही देखते आग बस्ती के आधा दर्जन कच्चे मकानों तक जा पहुंची और सब धू-धू कर जलने लगे। आग की लपटें करीब दो किमी दूर से भी दिखाई दे रही थीं। चारों तरफ धुंए का गुबार फैल गया। आग की लपटें और धुंए को देख कर आस-पास के घरों के लोग बाहर निकल आए। मौके पर खासी भीड़ जुट गई। इस दौरान ही किसी ने अग्निशमन विभाग को इसकी सूचना दी।

दो घंटे में दो जानें लेकर बुझी आग
मौके पर पुलिस और दमकल विभाग की गाडियां पहुंचीं। करीब दो घंटे की मशक्कत और तीन से अधिक अग्निशमन की गाडियों के उपयोग से आग पर काबू पाया जा सका। इस दौरान कच्चे मकान में रहने वाली पच्चीस वष्ाीüया विकलांग महिला मंजू देवी और उसकी दो साल की बच्ची लक्ष्मी आग में जिंदा जल गए। आग पर काबू पाने के बाद पुलिस ने दोनों के शवों को अपने कब्जे में लिया।