शुक्रवार, 4 मई 2012

तुम पूछों और मै न बताऊ, जिंदगी के ऐसे तो हालात नहीं !


तुम पूछों और मै न बताऊ, जिंदगी के ऐसे तो हालात नहीं !
बस इक ज़रा सा दिल ही टूटा है, और कोई तो बात नहीं !

परेशाँ है मेरा दिल खुद मुझसे ही, और कोई तो बात नहीं !
किसी नज़्म ने छुआ भर है मुझको, और कोई तो बात नहीं !

कभी टल जाऊं तूफ़ान से ,हरगिज़ मैं वो साहिल भी नहीं !
ज़रा हवा के झोँके बाँहों में ले लूँ,और कोई तो साथ नहीं !

मगरूर नहीं बेबाक हूँ दिल से, पर किसी से कोई एतराज नहीं !
किसी को लगता बुरा तो लगा करे ,मेरा इरादा तो कोई ख़ास नहीं !

जीना चाहूँ आसमान के साथ , अब और कोई तो ख्वाब नहीं !
मुट्ठी में कर लूं माहताब को मै, गुलों का तो कोई हिसाब नही !

क्यूँ पीछे पड़ा है जमाना, मेरा कोई तो गलत बयान नहीं !
किसी को बेवजह रंज दूँ ,मैं ऐसा कोई मेरा अरमान नहीं !

लाखाराम जाखड 

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