फिर से हड़ताल की तैयारी में डॉक्टर
जयपुर। राज्य सरकार की वादा खिलाफी से चिकित्सक समुदाय फिर खफा हो गया है। डॉक्टरों का आरोप है कि दिसंबर माह में हड़ताल खत्म होने पर चिकित्सकों से किए गए वादे से सरकार मुकर गई है। हड़ताल खत्म होने के एक माह दस दिन बाद भी न तो 377 चिकित्सकों के तबादले रद किए गए और न ही 10 बर्खास्त चिकित्सकों को बहाल किया गया है। अब चिकित्सक नेताओं का कहना है कि उनके पास इस मुद्दे को ही लेकर फिर से हड़ताल पर जाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है।
गौरतलब है कि गत दिसंबर माह में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश के सात हजार सेवारत चिकित्सकों ने काम छोड़ दिया था और वे हड़ताल पर चले गए थे। हड़ताल खत्म कराने के विभिन्न प्रयासों के तहत ही सरकार ने सेवारत चिकित्सकों से कई वायदे किए थे। जिनमें हड़ताल के दौरान बर्खास्त किए गए दस चिकित्सकों की बहाली और 377 चिकित्सकों के तबादले निरस्त करना मुख्य मुददा था लेकिन हड़ताल खत्म होने के एक माह बाद भी राज्य सरकार ने इन दोनों मांगों पर कोई विचार नहीं किया, जिसके चलते दोबारा से इन चिकित्सकों में हड़ताल जैसे कदम की सुगबुगाहट शुरू हो गई है।
पत्रावली दोबारा डीओपी में
10 बर्खास्त चिकित्सकों और 377 चिकित्सकों के तबादले निरस्त करने की पत्रावली मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंची लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं हो सका। अब मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस पत्रावली को बिना कोई दिशा निर्देश के डीओपी में भेज दिया है। चिकित्सकों का कहना है कि अब राज्य सरकार इस मामले को लंबा खींच कर चिकित्सकों को परेशान कर रही है।
जयपुर। राज्य सरकार की वादा खिलाफी से चिकित्सक समुदाय फिर खफा हो गया है। डॉक्टरों का आरोप है कि दिसंबर माह में हड़ताल खत्म होने पर चिकित्सकों से किए गए वादे से सरकार मुकर गई है। हड़ताल खत्म होने के एक माह दस दिन बाद भी न तो 377 चिकित्सकों के तबादले रद किए गए और न ही 10 बर्खास्त चिकित्सकों को बहाल किया गया है। अब चिकित्सक नेताओं का कहना है कि उनके पास इस मुद्दे को ही लेकर फिर से हड़ताल पर जाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है।
गौरतलब है कि गत दिसंबर माह में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश के सात हजार सेवारत चिकित्सकों ने काम छोड़ दिया था और वे हड़ताल पर चले गए थे। हड़ताल खत्म कराने के विभिन्न प्रयासों के तहत ही सरकार ने सेवारत चिकित्सकों से कई वायदे किए थे। जिनमें हड़ताल के दौरान बर्खास्त किए गए दस चिकित्सकों की बहाली और 377 चिकित्सकों के तबादले निरस्त करना मुख्य मुददा था लेकिन हड़ताल खत्म होने के एक माह बाद भी राज्य सरकार ने इन दोनों मांगों पर कोई विचार नहीं किया, जिसके चलते दोबारा से इन चिकित्सकों में हड़ताल जैसे कदम की सुगबुगाहट शुरू हो गई है।
पत्रावली दोबारा डीओपी में
10 बर्खास्त चिकित्सकों और 377 चिकित्सकों के तबादले निरस्त करने की पत्रावली मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंची लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं हो सका। अब मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस पत्रावली को बिना कोई दिशा निर्देश के डीओपी में भेज दिया है। चिकित्सकों का कहना है कि अब राज्य सरकार इस मामले को लंबा खींच कर चिकित्सकों को परेशान कर रही है।