दक्षिणी अफ्रीका की एक महिला सोनेटे एहलर्स ने कुछ वर्ष पहले 'एंटी रेप कंडोम' का अविष्कार किया था, जिसका नाम उन्होंने 'रेपेक्स' रखा था।
यह कंडोम मूल रूप से एक ऐसा डिवाइस है जिसके भीतरी हिस्से में दांतों की तरह नुकीली संरचना है। इस फीमेल कंडोम को पहनने के बाद अगर को पुरूष महिला के साथ 'योनि बलात्कार' करने का प्रयास करता है तो उसका शिश्न कंडोम की भीतरी नुकीली संरचना से चोटिल हो जाएगा।
एहलर्स को यह कंडोम बनाने का विचार उस समय आया, जब वह 'साउथ अफ्रीकन ब्लड ट्रांसफ्यूजन सर्विस' में ब्लड टेक्नीशियन के तौर पर काम कर रही थी। यहां काम करने के दौरान उनकी मुलाकात बलात्कार की पीड़ित एक महिला से हुई। पीड़ित महिला ने बातचीत के दौरान कहा "अगर मेरे गुप्तांग में दांत होते, तो मैं बलात्कारी को सबक सिखा सखती थी।"पीड़ित महिला की बात से एहलर्स को प्रेरणा मिली और उन्होंने यह कंडोम ईजाद किया।
एहलर्स के अनुसार, यह कंडोम बलात्कार करने वाले के शिश्न से चिपका तब तक चिपका रहेगा, जब तक कि इसे सर्जरी के जरिए हटाया न जाए। इस स्थिति में आरोपी की जानकारी पुलिस और अस्पतालकर्मियों तक पहुंच जाएगी और उसे पकड़ना आसान हो जाएगा।
वर्ष 2006 में इस कंडोम का नाम 'रेपेक्स' से बदलकर 'रेप एक्स' किया गया। 31 अगस्त 2005 में इसे दक्षिण अफ्रीका में दुनिया के सामने प्रस्तुत किया गया था। गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका दुनिया का ऐसा हिस्सा है, जहां बलात्कार के सर्वाधिक मामले घटित होते हैं।
यह कंडोम मूल रूप से एक ऐसा डिवाइस है जिसके भीतरी हिस्से में दांतों की तरह नुकीली संरचना है। इस फीमेल कंडोम को पहनने के बाद अगर को पुरूष महिला के साथ 'योनि बलात्कार' करने का प्रयास करता है तो उसका शिश्न कंडोम की भीतरी नुकीली संरचना से चोटिल हो जाएगा।
एहलर्स को यह कंडोम बनाने का विचार उस समय आया, जब वह 'साउथ अफ्रीकन ब्लड ट्रांसफ्यूजन सर्विस' में ब्लड टेक्नीशियन के तौर पर काम कर रही थी। यहां काम करने के दौरान उनकी मुलाकात बलात्कार की पीड़ित एक महिला से हुई। पीड़ित महिला ने बातचीत के दौरान कहा "अगर मेरे गुप्तांग में दांत होते, तो मैं बलात्कारी को सबक सिखा सखती थी।"पीड़ित महिला की बात से एहलर्स को प्रेरणा मिली और उन्होंने यह कंडोम ईजाद किया।
एहलर्स के अनुसार, यह कंडोम बलात्कार करने वाले के शिश्न से चिपका तब तक चिपका रहेगा, जब तक कि इसे सर्जरी के जरिए हटाया न जाए। इस स्थिति में आरोपी की जानकारी पुलिस और अस्पतालकर्मियों तक पहुंच जाएगी और उसे पकड़ना आसान हो जाएगा।
वर्ष 2006 में इस कंडोम का नाम 'रेपेक्स' से बदलकर 'रेप एक्स' किया गया। 31 अगस्त 2005 में इसे दक्षिण अफ्रीका में दुनिया के सामने प्रस्तुत किया गया था। गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका दुनिया का ऐसा हिस्सा है, जहां बलात्कार के सर्वाधिक मामले घटित होते हैं।
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