सोमवार, 30 मई 2011

पति को ससुराल बुला कर पत्नी ने फूंका

पति को ससुराल बुला कर पत्नी ने फूंका
 

जयपुर। पति-पत्नी के सात जनम तक साथ निभाने के रिश्ते किस तरह से पल में ही धराशायी हो रहे हैं, यह हाल ही हुई कुछ घटनाओं से दिखाई दे रहा है। अभी कल की ही बात है, जब खबर आयी कि एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी के रवैये से निराश होकर पहले अपनी सात साल की बेटी को जहर दे दिया, फिर खुद भी जहर खाकर जान दे दी।


एक अन्य मामला आज सामने आया, जिसमें कहा जा रहा है कि पत्नी को मायके से लेने गए युवक को उसकी पत्नी ने केरोसिन उड़ेल कर फूंक डालने की कोशिश की। गंभीर हालत में युवक को अस्पताल पहुंचाया गया है, जहां उसकी दशा अभी भी चिंताजनक बनी हुई है।

उधर, इस मामले को लेकर इलाके में भी तरह-तरह की चर्चाएं हैं। लोग इस घटना से अचरज में हैं। लोगों का कहना है कि अगर यह बात सच है कि एक पत्नी ने ही अपने पति को जला कर मार डालने की कोशिश की, तो इसका मतलब है कि आज के दौर में कोई भी कुछ भी कर सकता है।

जानकारी के मुताबिक, मामला करधनी थाना इलाके का है। करधनी पुलिस के अनुसार नागौर जिले के रहने वाले 24 साल के मनोज कुमार की शादी कुछ समय पहले करधनी इलाके में रहने वाले मालीराम की बेटी मेघा से हुई थी। कुछ दिन पहले मेघा अपने पिता के घर आ गई थी। शनिवार को सवेरे मेघा को लेने मनोज भी करधनी आया हुआ था।

इसी दौरान दोनों में किसी बात को लेकर विवाद हो गया। मेघा ने रसोई में रखा केरोसिन मनोज पर उड़ेल दिया और गुस्से मेंमाचिस की जलती हुई तीली उस पर फेंक दी। जल्द ही केरोसिन से लथ-पथ मनोज के कपड़ों ने आग पकड़ ली। गंभीर रूप से झुलसने के कारण मनोज अचेत हो गया। बाद में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में उसे होश आया, तो पुलिस ने उसका पर्चा-बयान लिया, जिसमें उसने अपनी पत्नी मेघा पर ही इस घटना का आरोप मढ़ा।

रेत के धोरों से प्रतिध्वनित हो रहा विकास का संगीत


रेत के धोरों से प्रतिध्वनित हो रहा
विकास का संगीत
. डॉ दीपक आचार्य
जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारीए
जैसलमेर
            हिन्दुस्तान की पश्चिमी सरहद पर अवस्थित जैसलमेर जिला अब विकास की तेज रफ्तार पर है। किसी जमाने में ठेठ सरहद का करीबी इलाका होने की वजह से यह उपेक्षित और पिछड़ा रहा होगा लेकिन अब यह प्रदेश के अन्य जिलों की ही तरह विकास की मुख्य धारा मेें आने लगा है।
            समन्वित भागीदारी से हुआ विकास
            राजस्थान भर में विकास की दृष्टि से देखा जाए तो जैसलमेर वह जिला है जिसने कम समय में तरक्की के कई सफर देखे हैं। सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों की बदौलत जैसलमेर में हर कहीं बदलाव देखने में आ रहा है। आम आदमी के उत्थान से लेकर आँचलिक और सामुदायिक विकास की ढेरों योजनाएंए परियोजनाएं और कार्यक्रम यहाँ चलाए जा रहे हैं जिनसे निश्चय ही जिला तरक्की की दिशा मेें लगातार आगे बढ़ रहा है।
            यहाँ के समग्र विकास को लेकर जन प्रतिनिधियों की पहलए विभागीय अधिकारियों का योगदान और आम जनता की भागीदारी से विकास का जो सफर शुरू हुआ है वह रुकने वाला नहीं है।
            विषम भौगालिक हालातोंए कठिनाइयों भरे जीवन और पुरानी पीढ़ियों के कठोर संघर्ष को ध्यान में रखते हुए जैसलमेर जिले में स्वस्थ विकास का सुनहरा परिवेश लाने के लिए हरसंभव प्रयास हो रहे हैं। इनके कारण जैसलमेर जिला स्वस्थ विकास की कल्पनाओं को साकार कर रहा है।
            पवन और सौर ऊर्जा ने उगाए विकास के सूरज
            प्रकृति की विपरीत धाराओं पर विजय पाते हुए सृजन का इतिहास रचने में माहिर मानव के परिश्रम का संकेत जैसलमेर जिले में हर कहीं देखा जा सकता है। सूरज की घातक तपन और भीषण गर्मी के साथ ही तेज आँधियों को अपने अनुकूल बनाकर बिजली के भण्डार भर रहे पवन ऊर्जा और सौर ऊर्जा के विराटकाय उपकरण यही दर्शा रहे हैं कि विकास के सूरज पश्चिम में भी उगाए जा सकते हैं।
            जैसलमेर जिले भर में बड़े पैमाने पर घूम रहे पंखे और सौर ऊर्जा के पैनल्स जगह.जगह रोशनी के कतरे बिखेरते हुए अंधेरों पर विजय का पैगाम सुना रहे हैं।
            एलईडी लाईटों ने किया रौशन
            इसी कड़ी में जैसलमेर पूरे देश में ऎसा पहला जिला होने का गौरव पा चुका है जिसके दो गांव पूरी तरह एलईडी लाईटों से रोशन हो चुके हैं। जिले के सीमावर्ती गिरदूवाला और घण्टियाली गांवों में दशकों से अंधेरा छाया हुआ रहा। इन गांवों में सभी घरों को पवन और सौर ऊर्जा से जोड़ते हुए नई तकनीक की एलईडी लाइटों से रौशन किया गया है। पूरे के पूरे दो गांवों को एलईडी लाईटों से विद्युतीकृत कर देने वाला जैसलमेर देश का पहला जिला है।
            जिले में तेज धूप और आंधियों से बिजली पैदा करने के लिए विभिन्न स्थानों पर पंखों का विस्तार हो रहा हैए जीएसएस की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है और यहां की विषमताओं पर विजय पाते हुए विकास का संगीत सुनाने के सभी यत्न हो रहे हैं।
            पानी पहुँचाने पर जोर
            किसी जमाने में बूँद.बूँद के लिए थकाऊ सफर वाले जैसलमेर जिले में अब हालात पहले जैसे नहीं रहे। अब पहले के मुूकाबले पर्याप्त पानी उपलब्ध है और लोगों को पानी के लिए पहले की तरह मशक्कत नहीं करनी पड़ती। सरकार ने जैसलमेर जिले में पानी की सबसे बड़ी समस्या को अपनी प्राथमिकता में सबसे ऊपर रखा हुआ है तथा पेयजल सुलभ कराने के लिए खूब काम हो रहा है।
            जलदाय विभाग की ओर से पेयजल योेजनाओं का काम कराया जा रहा है वहीं कई योजनाएं पूर्ण होकर गांवों व शहरों में पेयजल दे रही हैं।  जैसलमेर जिला मुख्यालय से लेकर सीमावर्ती इलाकों तक रह रहे लोगों को पीने का पानी दिलाने के लिए कारगर योजनाएं लागू की गई हैं।
            नहर ने दिया जीने का सुकून
            जैसलमेर जिले में इन्दिरा गांधी नहर परियोजना ने नहरी जल का व्यापक नेटवर्क स्थापित कर लिया है। नहरों की वजह से मनुष्यों और मवेशियों के लिए भरपूर पानी मिल रहा है। इसके साथ ही खेती.बाड़ी में भी जैसलमेर जिले ने नए युग में प्रवेश कर लिया है। दूर.दूर तक रेत का महासागर दिखाने वाली जैसलमेर की धरती पर अब फसलें लहलहाते हुए देखना कितना सुकूनदायी है यह जैसलमेर के लोगों के सिवा और कौन जान सकता है।
            पर्यटन के मामले में दुनिया में अव्वल
            सदियों से अपने आँचल में कितनी ही विलक्षणताओं को छुपाए बैठे जैसलमेर की मौलिक संस्कृतिए कला और पुरातन वैभव अब पूरी दुनिया के सामने है। देश.दुनिया के हर कोने तक जैसलमेर की गंध बिखरी हुई है। यही कारण है कि पर्यटन के क्षेत्र में जैसलमेर जिला हिन्दुस्तान भर में खास पहचान रखता है। भीषण गर्मियों के दौर को छोड़ दिया जाए तो यहाँ साल भर देशी.विदेशी मेहमानों की भरमार रहती है। स्वर्ण नगरी का कला.वैभव और यहाँ की सांस्कृतिक परम्पराओं को देखने आने वाला हर कोई पर्यटक अपने आपको धन्य मानता है।
            पर्यटन जगत में लगातार बुलंदियों की ओर बढ़ रहे जैसलमेर जिले में सालाना सैलानियों की भारी रेलमपेल का सीधा असर यहाँ की आर्थिक और सामाजिक स्थितियों पर पड़ा हैए इससे आर्थिक समृद्धि का ग्राफ निरन्तर ऊँचाइयों की ओर अग्रसर है।
            पर्यटन व्यवसाय ने जैसलमेर जिले में बेहतर स्थान बना लिया है और इससे होटल  व ट्रॉवेल व्यवसाय के साथ ही स्थानीय व्यापारियों को भी खूब आर्थिक आधार मिला है। इन काम.धंधों से काफी संख्या में लोगों के जुड़ने के कारण बेरोजगारी पर भी काफी हद तक अंकुश लगा है।
            सरहदी होने का फायदा
            सरहदी इलाका होने से जैसलमेर में सीमा सुरक्षा बल और अन्य तमाम प्रकार की सैन्य गतिविधियों का केन्द्र है और इस कारण से यह पूरा क्षेत्र सामरिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील और महत्वपूर्ण है। इसी कारण सरकार का भी सबसे ज्यादा ध्यान इस तरफ है। इतना महत्व का स्थल होने के कारण भी यहाँ सीमा क्षेत्रीय विकास गतिविधियों ने विकास का इतिहास कायम किया है।
            विभिन्न महत्वपूर्ण गतिविधियों के कारण जैसलमेर जिले में बुनियादी सेवाओं और सुविधाओं पर सरकार विशेष ध्यान दे रही है। जैसलमेर जिले के लिए कई योजनाएं चलायी जा रही हैं जिनसे जैसलमेर के विकास का रथ तेज गति से आगे बढ़ रहा है।
            रेतीले धोरों की छाती पर हरियाली
            मरुथल की छाती पर हरियाली की चादर बिछाने के लिए वन विभाग अपनी कई योजनाओं के माध्यम से लगातार कोशिशें कर रहा है। खासकर नहरी क्षेत्र में नहरों के किनारे तथा अन्य स्थानों पर व्यापक वृक्षारोपण की गतिविधियां अब रंग ला रही हैं।
            जिला कलक्टर के नवाचारों से आया बदलाव
            विकास के लिए समस्याओं से मुक्ति पहली शर्त है। आम आदमी से लेकर परिवेश तक की समस्याओं का समाधान करने के बाद ही विकास पाया जा सकता है।  इसके लिए जिला प्रशासन और राज्य सरकार भरसक कोशिशों में जुटी हुई है। जिलास्तर पर जिला प्रशासन की ओर से समस्याओं के निराकरण के लिए व्यवस्था बनी हुई है।
            गांवों को लोगों को समस्याओं से मुक्ति दिलाने के लिए जैसलमेर जिला कलक्टर श्री गिरिराजसिंह कुशवाहा ने जो नवाचार अपनाया है वह ग्रामीणों के लिए किसी वरदान से कम नहीं रहा। जिला कलक्टर ने इसके लिए गांवों का दौरा किया और सरपंचों तथा ग्रामीण जन प्रतिनिधियों से समस्याओं की जानकारी ली। इनका दस्तावेजीकरण कर संबंधित विभागों को सौंपा गया। इससे गाँवों की समस्याएँ एक.एक कर खत्म होती चली गई। जिलाक लक्टर ने गाँवों की जमीनी हकीकत को देखने के लिए कम समय में ही पूरा जिला नाप लिया है। इन सभी कारणों से गांवों की समस्याओं का समय पर समाधान होते रहने की परंपरा बन गई है।
            अभियानों ने दिया सुकून
            जिले में प्रशासन गांवों के संग अभियान ने ग्रामीणों को खूब राहत दी और गांवों के लोग अपने भले की योजनाओं से लाभान्वित हुए। अब जिले भर में खरीफ अभियान के अन्तर्गत ग्राम पंचायतों में कृषि रथ घूम रहे हैं और कृषि ज्ञान एवं आदान शिविर हो रहे हैं। ग्रामीण काश्तकारों और पशुपालकों के लिए ये शिविर घर बैठे आयी गंगा साबित हो रहे हैं।
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बंगलादेशी घुसपैठियो को बाडमेर लाया गया



बंगलादेशी घुसपैठियो को बाडमेर लाया गया
बाडमेर भारत पाकिस्तान की पश्चिमी सरहद पर दो रो पूर्व गडरा रोड पुलिस द्धारा गडरा रेलवे स्टेशन पर पकडे गऐ बांग्लादेरूाी घुसपैइियो को सोमवार को संयुक्त पूछताछ के लिऐ बाडमेर जिला मुक्ष्यालय पर लाया गया हैं।गडरा रोड थानाधिकारी लक्ष्मी नारायण केवलिया ने बताया कि शुक्रवार को गडरा रेलवे स्टेशन पर दो संदिग्ध युवकों को पकडा गया था।पूछताछ में उनकी पहचान मोहम्मद आलमगिर 21 साल निवासी बंगलादेश तथा सैफुद्धीन रहमान निवासी पश्चिम बं्राल जिला दमदम के रूप् में हुई।इनके पास से नब्बे हजार की ईरानी करेसीे भी बरामद की गईंकेवलिया ने बताया कि आलमगिर हरिदासपुर सीमा चौकी से भारतीय सीमा में आया ,जॅहा वह पश्चिम बंगाल के दम दम जिले के बासतपुर गांव गया ।जहॉ दसकी मुलाकात सैफु से हुई।दोनो कलकत्ताएदिल्ली,अजमेर, जोधपुर होते हुऐ बाडमेर पहुचें।जहा ये रूााम को बस से गडरा रोड पहुॅचे।जहा पूलिस गश्त के दौरान पकड लियो।इन लोगो के पासबाडमेर तथा राजस्थान के नक्से तारबन्दी काटने का कटर ,मोबाईल फोन,तीन सिमंे भी बरामद की।उन्होने बताया कि बांग्लादेशी युवक के पास पासपोर्ट भी था।जिसकी वीजा अवधि 16 मई को ही समाप्त होगई थी।यह युवक ओमान और मलेशिया से कुछ रोज पूर्व ही लौटे था।इन्होने प्रारम्भिक पूछताछ में सरहद पर भूल तथा गलती से आना बता रहे हैं। दोनो को आज जिला मुख्यालय पर संयुक्त पूछताछ के जिऐ लायां गया है ।

आईएएस अफसर बदले,गिरिराज कुशवाहा कलेक्टर, जैसलमेर कलेक्टर सवाईमाधोपुर


 आईएएस अफसर बदले
जयपुर  राज्य सरकार ने रविवार देर रात एक आदेश जारी कर तीन आईएएस अधिकारियों के तबादले कर दिए।
 
नाम वर्तमान पद नया पद
 गिरिराज कुशवाहा कलेक्टर, जैसलमेर कलेक्टर सवाईमाधोपुर

आनंधी सीईओ, जिला आयुक्त, जोधपुर
परिषद, जोधपुर विकास प्राधिकरण
परमेश्वरन बी. एसडीओ, सीईओ, जिला
माउंट आबू परिषद, जोधपुर
 
एक आरएएस अधिकारी का भी तबादला
 
एम.पी. स्वामी निदेशक, कलेक्टर,
आईसीडीएस जैसलमेर

७९९ वां उर्स


चादर फैला कर लाने पर रहेगी रोक
आशिकान-ए-ख्वाजा की उमड़ी भीड़
रात में खिदमत शुरू 
उर्स के दौरान अब रात में मजार की खिदमत होगी। जमादिउस्सानी की 25 तारीख से ही मजार ए अकदस की दोपहर 3 बजे होने वाली खिदमत बंद हो गई। आज मगरिब की नमाज के बाद खिदमत हुई। रजब की 5 तारीख तक रात में मजार की खिदमत होगी।
 
इंतजार करना पड़ा : शाम करीब 6.20 बजे झंडा दरगाह में आ गया चुका था लेकिन शाही कव्वाल और गौरी परिवार के सदस्य दरगाह में प्रवेश नहीं कर पाए थे। कुछ देर झंडे को अकबरी मस्जिद के सामने ही रोके रखा। जब शाही कव्वाल आदि भी दरगाह में पहुंच गए, तब जुलूस आगे बढ़ा।
उर्स विशेषांक का विमोचन 
ख्वाजा साहब के उर्स के अवसर पर ख्वाजा की नगरी पाक्षिक समाचार पत्र के उर्स विशेषांक का रविवार को दरगाह में विमोचन हुआ। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के उपनिदेशक प्यारे मोहन त्रिपाठी ने विशेषांक का विमोचन किया। कार्यक्रम की शुरूआत तिलावत कलाम पाक से हुई। सैयद इमरान चिश्ती ने मनकबत के नजराने पेश किए। सैयद वारिस हुसैन ने कार्यक्रम का संचालन किया। संपादक एसएफ हसन चिश्ती ने बताया कि विशेषांक हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, गुजराती, बंगाली व तमिल भाषाओं में प्रकाशित किया गया हेै।
बाहर व्यवस्थित, अंदर अव्यवस्था 
दरगाह के बाहर झंडे का जुलूस व्यवस्थित नजर आया। पुलिस और आरएएसी के जवानों ने पूरी व्यवस्था बनाए रखी। जुलूस को चूमने के लिए आगे बढ़े लोगों को भी समझा-बुझा कर आगे भेज दिया गया लेकिन दरगाह में झंडे का जुलूस पहुंचते ही अव्यवस्था नजर आई। अकीदतमंद झंडे को चूमने के लिए उमड़ पड़े। अकबरी मस्जिद के सामने झंडे को चूमने के लिए अकीदतमंद उमड़ पड़े। यहां व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मियों को खासी मशक्कत करनी पड़ी। पुलिसकर्मियों ने जायरीन को पकड़-पकड़ कर दूर खदेड़ा।
७९९ वां उर्स
गरीब नवाज के उर्स का झंडा चढऩे की रस्म में शामिल होने के लिए आशिकान ए ख्वाजा में खासा उत्साह था। रस्म शुरू होने से तीन घंटे पूर्व से ही लोगों ने दरगाह में जगह घेरना शुरू कर दिया था। स्थानीय लोगों के साथ ही प्रदेश के विभिन्न जिलों, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, गुजरात और महाराष्ट्र आदि प्रदेशों से भी खासी तादाद में अकीदत मंद यहां पहुंचे। बुलंद दरवाजा के आसपास के हुजरों में जायरीन ने जमा होना शुरू कर दिया था। अकबरी मस्जिद की छत, सहन चिराग में दोनों देगों के पास की जगह, लंगर खाना की छत, महफिल खाना का सहन, शाहजहांनी गेट और अन्य छतों पर जायरीन ही जायरीन नजर आ रहे थे। इनमें खासी तादाद में महिलाएं और बच्चे भी शरीक थे।


फलौदी में मिलता है सुकून : गहलोत


फलौदी में मिलता है सुकून : गहलोत
सत्ता संभालने के ढाई साल बाद फलौदी आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई कार्यक्रमों में भाग लिया। इन कार्यक्रमों में हिस्सा लेने भारी संख्या में ग्रामीण उमड़े। इस मौके कई लोगों ने गहलोत को ज्ञापन भी थमाए। गहलोत के साथ वरिष्ठ कांग्रेसी मदेरणा भी पहुंचे, उनको देखने व मिलने के लिए लगा लोगों का तांता
जोधपुर/फलौदी 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जमीन रबड़ नहीं है, जो बढ़ जाएगी। आदमी को खेती पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए। उसे अपने बच्चों को शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में भी लगाना चाहिए।
 

उन्होंने महात्मा ज्योतिबा फुले शिक्षण संस्थान छात्रावास के शिलान्यास समारोह में कहा कि शिक्षा के बिना जीवन में अंधेरा है। देश शिक्षा को महत्व देने के लिए कानून बनाया गया है। अच्छे पढ़े-लिखे को बड़े-बड़े उद्योगों में 5 से 25 लाख तक के पैकेज मिलते है। शिक्षा नहीं मिलेगी तो बच्चा कब तक मनरेगा में काम करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीपाड़ उनका दूसरा घर है, लेकिन फलौदी उनकी पसंद है, जहां पर आकर उनको सुकून मिलता है।

उन्होंने फलौदी और जोधपुर में बढ़ते भूजल स्तर पर चिंता जताते हुए कहा कि पहले इन क्षेत्रों में पानी की समस्या थी, लेकिन आज यहां पर भूजल स्तर की समस्या हो गई है। समारोह में माली संस्थान के अध्यक्ष सुनील परिहार ने कहा कि 10 बीघा जमीन पर दानदाताओं ने 1 करोड़ 31 लाख रुपए छात्रावास के लिए दान दिए हैं। समारोह में विधायक ओम जोशी ने इसके लिए 10 लाख रुपए देने की घोषणा की। शिलान्यास व पट्टिका के अनावरण समारोह में सांसद चंद्रेश कुमार, बद्रीराम जाखड़, कृषि विपणन राज्य मंत्री गुरमीतसिंह कुन्नर, विधायक मलखान सिंह बिश्नोई, साले मोहम्मद, महापौर रामेश्वर दाधीच, नगरपालिका अध्यक्ष अगरचंद भाटी, पूर्व विधायक जुगल काबरा, यूआईटी के पूर्व चेयरमैन राजेंद्रसिंह सोलंकी आदि मौजूद थे।

दो किग्रा अफीम बरामद


दो किग्रा अफीम बरामद

बाड़मेर जिले में मादक पदार्थों की रोकथाम को लेकर चलाए जा रहे अभियान के तहत रविवार को सदर पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से दो किग्रा अफीम बरामद की। सदर थानाधिकारी रमेश कुमार शर्मा के अनुसार रविवार को पुलिस ने चक धोलका में नाकाबंदी के दौरान चक धोलका निवासी जोगाराम जाट(65) को गिरफ्तार किया। उसके कब्जे से दो किग्रा अफीम का दूध बरामद किया गया, जिसकी बाजार कीमत करीब पचास हजार रुपए आंकी गई है। 

पहले भी पकड़ा गया था
 

आरोपी जोगाराम जाट पूर्व में भी मादक पदार्थों की तस्करी में दो बार पकड़ा जा चुका है। तब उसके कब्जे से मिले मादक पदार्थ की मात्रा कम थी। पुलिस अब इसके नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश कर रही है।

शहर में होती है सप्लाई : मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त लोग गांवों के अलावा शहरों में भी अपने खरीदारों का नेटवर्क बनाए हुए हैं। पुलिस इसी नेटवर्क का पता लगाने तथा इनसे माल खरीदने वालों के बारे में पता लगा रही है।

वरमाला में बदली दुल्हन, बैरंग लौटा दूल्हा


वरमाला में बदली दुल्हन, बैरंग लौटा दूल्हा

बांदीकुई ग्रामीण (दौसा). शादी की सभी रस्में असली, बारात की जोरदार आवभगत, लेकिन दुल्हन से लेकर वधू पक्ष का हर एक आदमी किराये का। इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा भी उस समय हुआ, जब वरमाला डालते समय दूल्हे राकेश को दुल्हन बदली हुई दिखी। बारात दौसा जिले के द्वारापुरा गांव की थी और शनिवार शाम दौसा शहर के शैलजा मैरिज गार्डन में पहुंची थी।

आखिर दूल्हे और बारात को बैरंग लौटना पड़ा। यह पूरी धोखाधड़ी वर पक्ष से 3 लाख रु. लेकर शादी कराने वाले बिचौलिये की रही। डीडवाना निवासी बिचौलिये और वर पक्ष के बीच करीब एक माह पहले शादी की बात हुई थी। बिचौलिये ने वधू पक्ष को इंदौर का बताते हुए दुल्हन की फोटो दिखाई थी और 28 मई को शादी तय कर दी थी। 26 मई को लगन-टीका का कार्यक्रम भी हुआ। अब खुलासा हुआ है कि इस कार्यक्रम में पहुंचे दुल्हन पक्ष के लोग भी पैसे देकर लाए गए थे।

शनिवार को जैसे ही वरमाला की रस्म शुरू हुई, दूल्हा सामने वरमाला लेकर खड़ी दुल्हन को देख भौंचक्का रह गया। उसे शादी से पहले जिस लड़की की फोटो दिखाई गई थी, वो दुल्हन से नहीं मिल रही थी। दूल्हे के परिजनों को जब इसका पता चला तो उन्होंने बिचौलिए को पकड़ लिया और उसके साथ सख्ती की तो उसने सच उगल दिया। मैरिज होम के संचालक सुनील त्रिवेदी ने बताया कि वरपक्ष ने ही मैरिज होम बुक किया था और खान-पान की व्यवस्था भी उनकी ही थी।

दुल्हन को ड्रामे के लिए दिए थे 10 हजार: वरमाला के दौरान जिस लड़की को दुल्हन बनाकर खड़ा किया गया था, लालसोट (दौसा) के पास के एक गांव की थी। उसने बताया कि उसे इस ड्रामे के लिए 10 हजार रुपए रोज देना तय हुआ था। उसे तीन दिन तक दुल्हन बनने का नाटक करना था।

कोलवा पुलिस भी पहुंची गांव: घटना की जानकारी मिलने के बाद कोलवा पुलिस मौके पर पहुंची। एएसआई शिंभूदयाल सोनी ने बताया कि पीड़ित परिवार ने उन्हें कोई रिपोर्ट नहीं दी है लेकिन लोगों से जानकारी मिली है कि जिस लड़की की फोटो दिखाते हुए शादी तय हुई थी वह लड़की नहीं मिलने के कारण बारात एवं दूल्हा बिना शादी के बैरंग लौट गए हैं।


पाक धुसपैठिऐ नियाज शेख के खिलाफ अब मामला दर्ज


पाक धुसपैठिऐ नियाज शेख के खिलाफ अब मामला दर्ज

बाडमेर भारत पाकिसतान की पश्चिमी सरहद पर रविवार 16 मई को सीमा सुरक्षा बल के जवानों द्धारा सरहद पर पकडे गऐ पाकिस्तानी पाकिस्तानी घुसपैठिऐ नियाज शेख के खिलाफ गडरा रोड थाने में विदेशी अधिनियम के तहत मामला दर्ज रविवार शाम को किया गया।इससे पहले पुलिस और सीमा सुरक्षा बल नें संयुक्त रूप से नियाज को सरहद पर ले जा कर तस्दीक कराई गई।
गडरा थानाधिकारी लक्ष्मीनारायण केवलिया ने बताया कि नियाज शेख से विभिन्न सुरक्षा एजंेसिंयों की पुछताछ के बाद उसका सदिग्ध होना पाऐ जाने के बाद नियाज को रविवार को घुसपैठ वाले स्थान की तस्दीक कराई गई।तत्पश्चात गडरा थाने में 14 विदेशी अधिनियम के तहत मामला अर्ज किया गया। नियाज शेख को तीन दिन जयपुर पुछताछ के लिऐ ले जाया गया था।जयपुर में भी नियाज ने अपनी वही बातें दोहराई।
नियाज शेख,नशीले पदार्थो का तस्कर हैं
बाडमेर भारत पाकिस्तान की पश्चिमी सरहद पर पिछले पविवार को सरहद पार कर भारतीय सीमा में पकडा गया नियाज शेख सक्खर जिले का शातिर अपराधी हैं।उसके खिलाफ एक दर्जन से अधिक मुकदमें दर्ज हैं।अस पर महिलाओं के शोषण के भी आरोप और मुकदमें दर्ज हैं।नियाज शेख के बारे में संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार नियाज शेख हुसैन चौक पुराना सक्खर का निवासी हैं।वह सक्खर बार कौंसिल का सदस्य रहा हैं।आठ साल पहले उसकी बार कौंसिल सदस्यता निरस्त कर दी थी।नियाज ने तीन निकाह किऐ थे।पहली पत्नी पर वह निरन्तर अत्याचार करता था।अपनी बीन के माध्यम से अपनी पत्नी को प्रताडित करता था।जिसके कारण सदमें से पत्नी की मृत्यू हो गइ्र।पहली पत्नी से दसकी एक पुत्री हैं।नियाज ने कभी पुत्री का ख्याल नही रखा।नियाज की पुत्री ने कई मर्तबा दपने पिता द्धारा किऐ जा रहे अत्याचारों के खिलाफ मीउिया में आवाज उठाई हैं।सूत्रों ने बताया कि नियाज की दूसरी पत्नी शबाना नें भी पति की हरकतों से परेशान होकर सक्खर के नामी वकील सरदार अली शाह इनका मुकदमा लउ रहा हैं।सूत्रो के अनुसार नियाज शेख पर साथी महिला वकीलों के साथ छेडछाड और योन शोषण के भी आरोप हैं।नियाज द्धारा एक महिला साथी वकील को कचरिी परिसर में प्रेम पत्र देने के प्रयास में साथी वकीलो द्धारा जमकर धुनाई कर दी थी साथ ही इस घटना के बाद उसका बार सदस्यता समाप्त कर दी गर्द थी।सदस्यता समाप्त होने के बाद नियाज नशीले पदार्थों की छोटी मोटी तसकरी भी करने लगा था।इधर पलिस थाना अधिकारी गउरा रोड लक्ष्मीनारायण केवलिया नें बताया कि नियाज स ेअब तक की पूछताछ में स्पष्ट हैं कि नियाज संदिग्ध हैं।अभी पूछताछ की जा रही  हैं।

फूड प्वाइजनिंग से 54 लोग बीमार


फूड प्वाइजनिंग से 54 लोग बीमार

जालोर रामसीन मांडोली नगर ग्राम पंचायत के भूतवास गांव में रविवार को फूड प्वाइजनिंग से 54 लोग बीमार हो गए। पीडितों को मांडोली नगर से प्राथमिक उपचार के बाद भीनमाल रैफर किया गया। चिकित्सा अघिकारियों ने फिलहाल स्थिति नियंत्रण में बताई है।
जानकारी के अनुसार भूतवास निवासी मगाराम पुत्र तेजाराम चौधरी के यहां विवाह समारोह के उपलक्ष्य में रविवार को प्रीतिभोज था। इसमें मांडोली नगर, सुमेरगढ़ खेड़ा, भूतवास सहित अन्य गांवों के रिश्तेदार व परिचित शामिल हुए। दोपहर के भोजन में लोगों ने सब्जी-रोटी खाई थी। इसके बाद करीब तीन बजे कुछ लोगों को पेट दर्द व उल्टी की शिकायत होने लगी। थोड़ी देर में ही उनकी संख्या बढ़ने लगी। ग्रामीणों ने पीडितों को मांडोली के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया।
यहां उपचार के बाद गम्भीर पीडितों को भीनमाल रैफर किया। उपखंड अघिकारी शैलेन्द्र देवड़ा ने बताया कि भीनमाल के राजकीय चिकित्सालय में 34 एवं निजी चिकित्सालय में 13 लोगों का उपचार चल रहा है। जबकि 7 जने मांडोली के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती हैं। सूचना पर तहसीलदार जितेन्द्र ओझा, नायब तहसीलदार रामलाल भुगरिया, पुलिस चौकी प्रभारी विजेन्द्रसिंह मांडोली नगर पहुंचे।
देर से पहुंची जालोर से टीम
सूचना के बावजूद जालोर से चिकित्सा टीम के देरी से पहुंचने पर ग्रामीणों ने अघिकारियों के समक्ष आक्रोश जताया। सीएमएचओ को दोपहर तीन बजे ग्रामीणों ने सूचना कर दी थी, फिर भी चिकित्सा दल करीब पांच बजे मांडोली पहंुचा।
गांव भेजा चिकित्सा दल
भीनमाल. निकटवर्ती भूतवास गांव में फूड प्वाइजनिंग से पीडित लोगों को राजकीय चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। पीडितों में अघिकांश वृद्ध, महिलाएं व बच्चे हैं। चिकित्सालय में ब्लॉक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अघिकारी डॉ. गजेन्द्रसिंह देवल, डॉ. एम.एम. जांगिड़, डॉ. नेमीचंद जैन ने उपचार किया। एक चिकित्सा दल भूतवास भेजा गया है। इधर, भीनमाल विधायक पूराराम चौधरी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष डॉ. समरजीतसिंह ने चिकित्सालय पहुंचकर पीडितों की कुशलक्षेम पूछी।
स्थिति नियंत्रण में
फूड प्वाइजनिंग से 54 लोग बीमार हुए हैं। इनमें से आधे लोगों को डिस्चार्ज कर दिया गया है। शेष का उपचार जारी है। फिलहाल, स्थिति नियंत्रण में है। - डॉ. एम.एम. जांगिड़, चिकित्सा प्रभारी, भीनमाल




सोनार को बचाने के लिए पालिका को दिए निर्देश


सोनार को बचाने के लिए पालिका को दिए निर्देश 


सोनार को बचाने के लिए पालिका को दिए निर्देश 

 जैसलमेर। जिले के पर्यावरण को हर दृष्टि से बेहतर बनाने को लेकर बहुआयामी प्रयास किए जाएंगे और इसके लिए जिला पर्यावरण समिति की गतिविघियों का विस्तार किया जाएगा। जिला कलक्टर एवं जिला पर्यावरण समिति के अध्यक्ष गिरिराजसिंह कुशवाहा ने बताया कि जैसलमेर की पर्यावरण संबंधी तमाम समस्याओं का व्यापक अध्ययन किया जा रहा है। इसके ठोस निदान के लिए कारगर योजना बनाई जाएगी।
जिला कलक्टर ने रविवार को इस संबंध में आयोजित बैठक में बताया कि जैसलमेर के विश्वविख्यात सोनार किले के पश्चिम भाग में सीवरेज से निकलने वाले पानी से किले को संभावित हानि व इससे क्षेत्र के पर्यारण को होने वाले नुकसान को दृष्टिगत करते हुए इस पानी की उचित निकासी के लिए जैसलमेर नगरपालिका को उपाय करने के लिये निर्देशित किया गया है।
 उन्होंने बताया कि जिले में अस्पतालों के बायो मेडिकल वेस्ट के उचित निस्तारण की कमी को देखते हुए सभी अस्पतालों में इनसिसर की व्यवस्था करने के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अघिकारी को कहा गया है। शहर मेें मृत पशुओं को एक जगह बाड़ा बनाकर डालने के लिये नगर पालिका को आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश जारी किए गए हैं। जिले में खानों से निकलने वाले अपशिष्ट को व्यवस्थित रूप से  निस्तारण कर इन पर पौधारोपण करने के लिए भी कहा गया है।
जिला कलक्टर ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय मरू उद्यान के आस-पास के गांवों में लोगों में वन तथा वन्य जीवों के प्रति जन जागृृति के लिए पर्यावरण एवं वन्य जीवों के संबंध में फिल्में दिखाए जाने का कार्यक्रम बनाया गया है। यह कार्य वन-विभाग की ओर से किया जाएगा।
जिले मेे पर्यावरण संरक्षण तथा संवर्द्घन के संबंध में जिला कलक्टर की अध्यक्षता में हुई जिला पर्यावरण समिति की बैठक में जिले की पर्यावरणीय समस्याओं व इनके निदान पर चर्चा की गई। इसमें पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष में आयोजित किये जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा के बारे में समिति के सचिव, उप वन संरक्षक एम.एल. सोनल ने बताया।

रविवार, 29 मई 2011

शो मैन राजकपूर | शो मैन राजकपूर...... कालिदास राजकपूर













दो जून, 1988 को मात्र चौंसठ वर्ष की आयु में राज कपूर की मृत्यु हुई और उस समय तक वे हिना के तीन गीत रिकॉर्ड कर चुके थे। पटकथा पर निरंतर काम चल रहा था। राज कपूर निर्माण के साथ ही पटकथा में परिवर्तन करते रहते थे। दरअसल कागज पर लिखी पटकथा की जगह वे अपने निरंतर सृजनशील दिमाग में अलिखित पटकथा पर फिल्म रचते थे। दिमाग में कोई भूली-बिसरी ध्वनि गूंजती, तो उसके लिए नया दृश्य रचते थे। इस मायने में उन्हें सिनेमा का त्वरित रचनाकार या आशु कवि भी मान सकते हैं।
सिनेमा के इस औघड़ बाबा की मृत्यु उनकी न बनाई जाने वाली ‘जोकर दो’ के क्लाइमैक्स की तरह थी। सबसे सफल फिल्म प्रदर्शित हुई थी, शिखर सम्मान मिल रहा था, अमेरिका के विभिन्न शहरों में फिल्मों का पुनरावलोकन हो रहा था, गोया कि जोकर जीवन के अन्यतम तमाशे के समय प्राण तज रहा था, जैसा ‘जोकर’ भाग एक में जोकर के पिता की मृत्यु दर्शक देख चुके थे।
राज कपूर के लिए फाल्के पुरस्कार का विशेष महत्व यह था कि वे अपने पिता पृथ्वीराज कपूर को दिया फाल्के पुरस्कार उनकी मृत्यु के बाद स्वयं लेने आए थे। राज कपूर के जीवन में सबसे बड़ी प्रेरणा उनके पिता थे। और विराट सफलता अर्जित करने के बाद भी उन्हें कभी नहीं लगा कि पिता से अधिक कर पाए हैं। पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति ने उन्हें श्वास के लिए संघर्ष करते देखा, तो स्वयं मंच से उतरकर उनके पास गए और फिल्म मुहावरे मंे ंयह जोकर के ईसा मसीह को हंसाने की तरह है।
बचपन में स्कूल के एक नाटक में अपनी साइज से बड़ा गाउन पहने राज कपूर मंच पर गिरे, तो क्राइस्ट बना लड़का हंस दिया था। राष्ट्रपति से पुरस्कार लेने के क्षण तक उन्हें होश था और अगले ही क्षण वे कोमा में चले गए।

Tera Jaana Dil Ke - Anari

O Babul Pyare - Johny Mera Naam

उदय मंदिर पुलिस ने की कार्रवाई, 17 मोटरसाइकिल बरामद


उदय मंदिर पुलिस ने की कार्रवाई, 17 मोटरसाइकिल बरामद

जोधपुर। शहर में सक्रिय वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए उदय मंदिर पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने अलग-अलग ठिकानों से 17 मोटरसाइकिल बरामद की है।

उदय मंदिर थानाधिकारी देरावरसिंह ने बताया कि पिछले कुछ समय से शहर के विभिन्न इलाकों से दुपहिया वाहन चोरी की वारदातें हो रही थी।
इनका खुलासा करने के लिए पुलिस आयुक्त के निर्देश पर एक विशेष टीम गठित की गई।

कई दिनों तक पुलिस ने पुराने वाहन चोरी के मामले में पकड़े गए आरोपियों पर नजर रखी। इसी दरम्यान पुलिस को एक पुराने गिरोह पर संदेह हुआ। कुछ दिन तक पुलिस ने उनकी निगरानी की। आखिरकार, रविवार को पुलिस ने मुख्य आरोपी फलौदी के आमला निवासी गोरधनराम उर्फ गोरखा राम पुत्र धन्ना राम मेघवाल और चोरी के वाहन खरीदने वाले भारतनाथ जोगी, संतोष मेघवाल, अशोक मिस्त्री, सुरता राम मेघवाल, अलबक्स को गिरफ्तार कर लिया।

आरोपियों से की गई पूछताछ के बाद पुलिस ने 17 मोटरसाइकिल बरामद की है। पुलिस को इस गिरोह से और भी चोरी की वारदातों का खुलासा होने की उम्मीद है। सोमवार को इन आरोपियों को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा।