सोमवार, 30 मई 2011

सोनार को बचाने के लिए पालिका को दिए निर्देश


सोनार को बचाने के लिए पालिका को दिए निर्देश 


सोनार को बचाने के लिए पालिका को दिए निर्देश 

 जैसलमेर। जिले के पर्यावरण को हर दृष्टि से बेहतर बनाने को लेकर बहुआयामी प्रयास किए जाएंगे और इसके लिए जिला पर्यावरण समिति की गतिविघियों का विस्तार किया जाएगा। जिला कलक्टर एवं जिला पर्यावरण समिति के अध्यक्ष गिरिराजसिंह कुशवाहा ने बताया कि जैसलमेर की पर्यावरण संबंधी तमाम समस्याओं का व्यापक अध्ययन किया जा रहा है। इसके ठोस निदान के लिए कारगर योजना बनाई जाएगी।
जिला कलक्टर ने रविवार को इस संबंध में आयोजित बैठक में बताया कि जैसलमेर के विश्वविख्यात सोनार किले के पश्चिम भाग में सीवरेज से निकलने वाले पानी से किले को संभावित हानि व इससे क्षेत्र के पर्यारण को होने वाले नुकसान को दृष्टिगत करते हुए इस पानी की उचित निकासी के लिए जैसलमेर नगरपालिका को उपाय करने के लिये निर्देशित किया गया है।
 उन्होंने बताया कि जिले में अस्पतालों के बायो मेडिकल वेस्ट के उचित निस्तारण की कमी को देखते हुए सभी अस्पतालों में इनसिसर की व्यवस्था करने के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अघिकारी को कहा गया है। शहर मेें मृत पशुओं को एक जगह बाड़ा बनाकर डालने के लिये नगर पालिका को आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश जारी किए गए हैं। जिले में खानों से निकलने वाले अपशिष्ट को व्यवस्थित रूप से  निस्तारण कर इन पर पौधारोपण करने के लिए भी कहा गया है।
जिला कलक्टर ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय मरू उद्यान के आस-पास के गांवों में लोगों में वन तथा वन्य जीवों के प्रति जन जागृृति के लिए पर्यावरण एवं वन्य जीवों के संबंध में फिल्में दिखाए जाने का कार्यक्रम बनाया गया है। यह कार्य वन-विभाग की ओर से किया जाएगा।
जिले मेे पर्यावरण संरक्षण तथा संवर्द्घन के संबंध में जिला कलक्टर की अध्यक्षता में हुई जिला पर्यावरण समिति की बैठक में जिले की पर्यावरणीय समस्याओं व इनके निदान पर चर्चा की गई। इसमें पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष में आयोजित किये जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा के बारे में समिति के सचिव, उप वन संरक्षक एम.एल. सोनल ने बताया।

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