शनिवार, 21 मई 2011

एडवोकेट भारतीय नागरिक नहीं'

एडवोकेट भारतीय नागरिक नहीं'


जयपुर। 'सूचना भारतीय नागरिक ही ले सकता है, एडवोकेट भारतीय नागरिक की श्रेणी में नहीं होने के कारण सूचना नहीं दी जा सकती' सूचना का अघिकार अघिनियम के तहत प्रथम अपील पर स्वास्थ्य निदेशालय ने अपीलार्थी को यही जवाब दिया है। इस पर राजस्थान बार कौंसिल ने सरकार को विरोध दर्ज कराने की चेतावनी दी है। राज्य सूचना आयोग एक मामले में एडवोकेट को पहले ही सूचना पाने का हकदार मान चुका है, वहीं वकीलों का कहना है कि जब देश में वकालत का अघिकार ही भारतीय नागरिक को है तो एडवोकेट को भारतीय नागरिक की श्रेणी में कैसे नहीं माना है?

यह था मामला
चित्तौड़गढ़ निवासी एडवोकेट अजीज हुसैन ने रावतभाटा में पंजीकृत अस्पताल-डिस्पेंसरियों की संख्या व कार्यरत चिकित्सक व नर्सिग स्टाफ की योग्यता के बारे में जानकारी मांगी थी। साथ ही, पूछा कि निर्घारित योग्यता से कम वाले चिकित्सक व नर्सिग स्टाफ पर क्या कोई कार्रवाई की गई? स्वास्थ्य विभाग में जन स्वास्थ्य निदेशक और अपीलीय अघिकारी डॉ.ओ.पी. गुप्ता ने पिछले दिनों इस पर जवाब दिया 'एडवोकेट पद पर पदस्थापित रहते हुए पदनाम से सूचना चाही है एडवोकेट भारतीय नागरिक की श्रेणी में नहीं होने के कारण सूचना देय नहीं है। अत: अपील अस्वीकार की जाती है।'

जवाब देने वाले अफसर पर कार्रवाई हो

इस तरह का जवाब देने वाले अघिकारी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। देश में वकालत का अघिकार ही भारतीय नागरिक को है।
नवरंग सिंह, चेयरमैन, राजस्थान बार कौंसिल

ऎसा जवाब वकीलों का अपमान है, निंदनीय है। इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री से बात की जाएगी।
संजय शर्मा, सदस्य बार कौंसिल

राज्य सूचना आयोग ने एडवोकेट के नाते आवासन मंडल से चाही सूचना मुझे दिलवाई थी। साथ ही कहा था कि किसी पेशे विशेष्ा से जुड़े होने के कारण नागरिक को विघिक व्यक्ति नहीं मान सकते।
संतोष्ा जैमन, एडवोकेट

चुपके से चाँद की रौशनी आपकी हो जाए

चुपके से चाँद की रौशनी आपकी हो जाए, धीरे से हवा आपको कुछ कह जाए,
दिल से जो चाहते हो वो मांग लो खुदा से, हम भी दुआ करेंगे आपका हर सपना सच हो जायेंगे ।

आप की मुस्कराहट ने हमारे होश उड़ा लिए, आप की मुस्कराहट ने हमारे होश उड़ा लिए
हम होश मे आने ही वाले थे, की आप फ़िर से मुस्करा दिए ।

सूखे पत्ते से प्यार कर लेंगे, हम तुझ पर ऐतबार कर लेंगे, तुम यह तोह कहो, हम तुम्हारे है
हिम जिंदगी भर इन्तेज़ार कर लेंगे ।

मुसलमान होने के बावजूद कुलदेवी के रूप में पूजते है हिन्दू पाक में पीथौरा पीर,भारत में जेता की जाल


मुसलमान होने के बावजूद कुलदेवी  के रूप में पूजते है हिन्दू 
पाक में पीथौरा पीर,भारत में जेता की जाल




बाड़मेर मजहब के नाम पर होने वाले बंटवारे के वक्त धार्मिक सद्भावना की किसे परवाह रहती है। यहीं दंश सरहदी गांवों के  लोग आज भी भुगत रहे है। भारत-पाक विभाजन के वक्त पीथौरा पीर एवं जेता की जाल धार्मिक स्थल के  बीच एक लकीर खींच दी गई। लेकिन मौजूदा परिदृश्य में आ रहे बदलाव से सरहदी लोगों को उम्मीद जगी है कि वे अपने रिश्तदारों से मिलने के  साथ इन धार्मिक स्थानों पर आसानी से जा सेंगे। 
पा में कूनरी स्थित पीथौरा पीर एवं भारत में जेता की जाल दोनों देशों के
  बाशिंदों के लिए आस्था का केन्द्र रहे है। विभाजन के  दौरान इने अलग होने के बावजूद आस्था में किसी तरह की कमी नहीं आई। अब तक इने मुरीद दर्शनार्थ वीजा के  जरिए जाते रहे है। सबसे हटकर यह बात है कि जेता मुसलमान धर्म से ताल्लुकात रखती है। लेकिन हिन्दू उसको कुलदेवी के बतौर पूजा करते है। भारत-पाक सीमा पर स्थित स्वरूपे का तला में जेता की जाल है। इसकी स्थापना 1912 में हुई थी। उस दरिम्यान टिड्डियां अक्सर फसल  बर्बाद कर देती थी। ऐसे में तत्कालीन अड़बलियार निवासी शोभजी मेघवाल ने मनौती मांगी थी कि अगर टिड्डियों ने उसे खोत में खराबा नहीं किया तो वे जेता की जाल की स्थापना करेंगे। सुबह उन्होंने पाया कि टिड्डियों ने उनकी फसल को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। जबकि अन्य खेतों में काफी खराबा हुआ। रूगोणियों की डेरी में जाल की स्थापना की गई। इसे आज भी इसी नाम से पुकारा जाता है। भारत-पाक विभाजन के  समय वे अड़बलियार में रह गए। रूगोणियों की डेरी भारतीय सीमा में रह गई। 
कुलदेवी जेता के बारे में मान्यता है कि वह समेजी जाति की मुसलमान महिला थी। एक बार वह अपने दूध पीते बच्चे को जाल के
  पेड़ में झुला बांधकर पीलू चुगने गई थी। इस दौरान प्यास लगने से उसे बेटे की मौत हो गई। जेता ने भी पुत्र मोह में अपनी ईहलीला समाप्त कर दी। इसे बाद परचे देने के  साथ ही जेता के नाम से मनौतियां मांगने का सिलसिला शुरू हुआ। जब लोगों की मनौती पूरी होने लगी तो उसको कुलदेवी के रूप में पूजा जाने लगा। कुलदेवी जेता की जाल पर हर साल भादवा, माघ, चेत्र की दूज को विशेष रूप से मेला भरता है। इसमें पाकिस्तान से आकर लोग शरीक होते है। 
डा.एम.आर.गढ़वीर के
  मुताबिक जब अन्य विस्थापितों के साथ शाभजी मेघवाल का परिवार भारत पहुंचा तब तक यह खेत इस्माइल समेजा को आबंटित कर दिया गया। शुरूआत में इस्माइल ने ध्यान नहीं दिया। जब उसको नुकसान होने लगा तो बाकायदा उसने भी धार्मिक श्रद्वा जताते हुए दो बीघा जमीन जायरीनों के  लिए छोड़ रखी है। जहां सालाना लोग मनौती मांगकर घी का धूप, नारियल एवं बकरे एवं घेटे की बलि चढ़ाते है। जेता को मेघवालों की कुलदेवी के बतौर माना जाता है। पाकिस्तान में इब्राहिम का तला, चारणोर, कितारी, मिठड़िया, तिगुसर, चेलार, कांकईया,संग्रासी का तला, कठा, नगरपारकर एवं खावड़ समेत कई गांवों में कुलदेवी जेता के मुरीद रहते है। उने मुरीदों का कहना है कि अगर बस शुरू होती है तो फिर सद्भावना की मिसाल को बल मिलेगा। उमरकोट निवासी किशनराम ख्याला दो मर्तबा यहां आ चुके  है। इसी तरह पाक में अमरकोट से आगे कूनरी के  पास पीर पीथौरा की मजार है। जहां पर मुख्य पुजारी परपंरागत मेघवाल समाज से होता है। सरहदी गौहड़ का तला, भुरावा, स्वरूपे का तला, आंगनशाह की ढाणी, गुमाने का तला, मिठड़ाऊ, बीजासर एवं बुहरान का तला के  लोग पीर पीथौरा के  मुरीद है। उनकी मजार पर जाने का सिलसिला विभाजन से पहले एवं बाद भी जारी है।

सरक्रीक सीमा विवाद पर भारत और पाकिस्तान के बीच शुक्रवार को यहां द्विपक्षीय वार्ता शुरू




सरक्रीक सीमा विवाद पर भारत और पाकिस्तान के बीच शुक्रवार को यहां द्विपक्षीय वार्ता शुरू
इस्लामाबाद। करीब चार साल के लंबे अंतराल के बाद सरक्रीक सीमा विवाद पर भारत और पाकिस्तान के बीच शुक्रवार को यहां द्विपक्षीय वार्ता शुरू हुई। दोनों देशों के बीच यह समुद्री सीमा विवाद कच्छ के रन में 96 किलोमीटर लंबे मुहाने को लेकर है, जो भारत के गुजरात को पाकिस्तान के सिंध प्रांत से अलग करता है। मुंबई आतंकी हमले के बाद पहली बार आयोजित इस दो दिवसीय वार्ता में भारत की तरफ से आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सर्वेयर जनरल एस. सुब्बाराव कर रहे हैं। पाकिस्तानी शिष्टमंडल का नेतृत्व अतिरिक्त रक्षा सचिव रियर एडमिरल शाह सोहेल मसूद कर रहें हैं। यह वार्ता रावलपिंडी के छावनी इलाके स्थित रक्षा मंत्रालय के दफ्तर में आयोजित की गई है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान के रक्षा सचिव सैयद अतहर अली से भी मुलाकात की। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि फिर शुरू हुई यह वार्ता बेहद अहम है और पाकिस्तान सार्थक तौर पर भारत के साथ जुड़े सभी मुद्दों को लेकर आगे की ओर देख रहा है। चार साल पहले सरक्रीक मामले में महत्वपूर्ण प्रगति हुई थी। उस दौरान दोनों देशों ने सरक्रीक पर अपने दावों को लेकर संबंधित नक्शे का आदान-प्रदान भी किया था।

विवाहिता कोउसकी पुत्री के साथ हत्या


विवाहिता की हत्या का मामला दर्ज 
बाड़मेरगुड़ामालानी  थानांतर्गत एक विवाहिता कोउसकी पुत्री  के साथ हत्या कर टांके में डालने का मामला दर्जहुआ है।पुलिस सूत्रों के अनुसार घेवरचंद निवासी बाटाडू ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि उसकी पुत्री झीमा देवी (22) का विवाह 2 वर्ष पूर्व धोरानाडा निवासी देवीलाल सोनी के साथ किया था।गुरुवार शाम को करीब 5 बजे उसके पति देवीलाल, ससुर हुकमाराम, सास कसूंबी व दादी सास ने दहेज के लिए उसके साथ मारपीट की जिससे उसकी मौत हो गई।हत्या के बाद झीमा व उसकी 6 माह की पुत्री पार्वती को घर में बने टांके में डाल दिया। पुलिस ने शुक्रवार सुबह टांके से दोनों शवों को निकाल पोस्टमार्टम करवाया।पोस्टमार्टम रिपोर्ट में विवाहिता के साथ मारपीट की पुष्टि हुई। पुलिस ने धारा ३०४ में मामला दर्ज किया है। वहीं मामले की जांच बाड़मेर सीओ नाजिम अली को सौंपी है।

सड़क दुर्घटना में एक की मौत, एक घायल 

बाड़मेर गुड़ामालानी उपखंड मुख्यालय से गुजर रहे फलोदी-रामजी का गोल मेगा स्टेट हाइवे पर तहसील के समीप गुरुवार को एक मोटरसाइकिल पर सवार दो व्यक्तियों के आगे चल रहे वाहन से भिड़ जाने के कारण दोनों ही गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद सांचौर रेफर कर दिया गया।जहां उपचार के दौरान एक की मौत हो गई।जानकारी के अनुसार उपखंड मुख्यालय से गुजर रहे हाइवे पर गुरुवार रात तहसील के पास एक मोटरसाइकिल आगे चल रहे वाहन से टकरा गई।इस दुर्घटना में मोटरसाइकिल पर सवार हनुमानाराम पुत्र विरमाराम विश्नोई (15) निवासी फातरला व भजनलाल पुत्र मोहनलाल विश्नोई(18) निवासी कुंडकी सांचौर गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए रेफरल चिकित्सालय लाया गया।यहां प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को ही सांचौर रेफर किया गया।जहां उपचार के दौरान गंभीर घायल हनुमानराम की मौत हो गई।

डेढ़ घंटे रहे गले तक जमीन के भीतर गोशालाओं के लिए अनुदान की मांग


डेढ़ घंटे रहे गले तक जमीन के भीतर
गोशालाओं के लिए अनुदान की मांग
नागौर

जोधपुर रोड स्थित गो धाम तीर्थ पर गोशालाओं के लिए अनुदान की मांग को लेकर जारी आंदोलन में शुक्रवार को योग साधना के बल पर भूमिगत समाधि लेकर अनुदान की मांग की गई।

चूरू निवासी गो भक्त मामराज प्रजापत ने योग साधना के बल पर भूमिगत समाधि ले ली। इससे पहले उन्हें कंधों पर बिठाकर आंदोलन स्थल तक नारेबाजी करते हुए लाया गया। बाद में एक गहरा खड्ड़ा खोद प्रजापत ने भूमिगत समाधि ली। उन्होंने डेढ़ घंटे तक अपने सिर को छोड़कर शेष शरीर को भूमि में समा दिया। भीषण गर्मी में भी वे टस से मस नहीं हुए। इससे पूर्व सैकड़ों गो भक्तों का अनिश्चितकालीन अनशन शुक्रवार को भी जारी रहा। कुशाल सिंह सांखला के नेतृत्व में गोभक्तों ने अनुदान के लिए जमकर नारेबाजी की।

इस दौरान रंगनाथ सूरतगढ़ आश्रम के महंत बालक नाथ, खुडख़ुड़ा के सिद्ध धूणा महंत हेमगिरी महाराज, खुडख़ुड़ा के शीतला माता मंदिर के महंत रामेश्वर गिरी, जोधपुर के स्वरूप गढ़ महंत महामंडेलश्वर रामानंद महाराज आदि ने कहा कि सरकार को अनुदान देना ही होगा। वक्ताओं ने चेतावनी दी कि समय रहते मांग पर सुनवाई नहीं हुई तो आंदोलन को तेज किया जाएगा।


जमीन से जुड़े अपराधों के मामले बढ़े……आईजी क्राइम मेघ चंद मीणा


जमीन से जुड़े अपराधों के मामले बढ़े…… मेघ चंद मीणा
बाड़मेर बाड़मेर में अपराध के मामलों में जमीन से जुड़े अपराधों के मामले बढ़े हैं। बाड़मेर दौरे पर आए आईजी क्राइम मेघ चंद मीणा ने यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बात स्वीकारी। उन्होंने कहा कि इस तरह के अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। आईजी मीणा ने बताया कि उन्होंने अपराध के समीक्षा में पाया कि यहां जमीन संबंधी मामलों को लेकर अपराध बढ़ रहे हैं। जमीनों के भाव बढऩे के कारण ऐसे अपराध ट्रेंड में आ रहे हैं।ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस की सतर्कता जरूरी है। जनता में पैठ बढ़ाकर ऐसे अपराधों की रोकथाम की कोशिश करने के निर्देश दिए हैं। 
रोमिंग पर रहेगी नजर
 
सीमावर्ती थानों को लोगों की आवाजाही पर विशेष नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। पहले भी सीमावर्ती क्षेत्रों में हथियार बरामद हुए हैं। इसके मद्देनजर रोमिंग पर विशेष नजर रखने की जरूरत है। इसके लिए जनता के बीच भी पैठ बनाना जरूरी है जिससे ऐसे तत्वों की सूचना मिल सके।
 
लोग अवेयर हुए हैं
 
पुलिस के मामले दर्ज करने से टरकाने व ज्यादातर मामले इस्तगासा के जरिए दर्ज होने की बात पर लोगों में अवेयरनेस बढ़ी है। इसलिए अब ज्यादा मामले थाने तक पहुंचने लगे हैं।
 
महिला थाने की जरूरत नहीं
 
जिले में महिलाओं से जुड़े अपराधों में बढ़ोतरी और महिला थाना नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिले में 498 से जुड़े मामले बहुत कम हैं।अन्य मामलों में पुलिस इंवेस्टीगेट कर लेती है। लिहाजा यहां महिला थाने की जरूरत नहीं महसूस की गई।
 
ज्यादा पेंडेंसी नहीं
 
आईजी मीणा ने दावा किया कि जिले में ज्यादा पेंडेंसी नहीं है।कुछ मामले जो कोर्ट में विचाराधीन हैं वे ही पेंडिंग हैं। उन्होंने दावा किया कि उनके लेवल पर महज 5-7 मामले ही पेंडिंग हैं।
 
मामला दर्ज करवाएं
 
कल्याणपुरा थाना के हाल के सवाल पर उन्होंने एसपी से पूछा। एसपी ने बताया कि थाना आवास विभाग संस्थान ने पहले 25 लाख की लागत आई। लेकिन उसकी कंडीशन सही नहीं थी। फिर पांच लाख रुपए दिए गए।लेकिन आज भी भवन सही नहीं है। इसपर आईजी ने इस मामले में मामला दर्ज करवाने के निर्देश दिए।
 

नफरी की कमी है
 
आईजी ने कहा कि जिले में 150 कांस्टेबल, 18 सब इंस्पेक्टर, 6 इंस्पेक्टर की कमी है। छह थानों में जीप नहीं थी। हालांकि इनमें से चार में गुरुवार को ही जीप उपलब्ध करा दी गई है।
 
बॉर्डर पर सतर्कता बढ़ाई जाएगी
 
आईजी मीणा ने कहा कि यहां विशेष सतर्कता की जरूरत है। सीमावर्ती थानों पर सुविधाओं की समीक्षा की गई है। एक दो थानों पर नाइट विजन डिवाइस नहीं है। वहीं सीमावर्ती थानों पर वाहन, ईंधन आदि की जहां भी कमी है उसे दूर किया जाएगा।

शुक्रवार, 20 मई 2011

yeh duniya yeh mehfil

Agar Bewafa Tujhko

Agar Bewafa Tujhko

जैसलमेर मे अब हेलमेट पहनना जरूरी


जैसलमेर मे अब हेलमेट पहनना जरूरी 

जैसलमेर। जिले के पुलिस अधीक्षक पद पर कार्यभार ग्रहण करते ही नवनियुक्त एसपी ममता विश्नोई ने यातायात व्यवस्था सुधारने की कवायद शुरू कर दी है। शहर में एक बार फिर हेलमेट की अनिवार्यता लागू कर दी गई है। पुलिस अधीक्षक के अनुसार हेलमेट नहीं पहनने वाले लोगों के खिलाफ अभियान चलाकर एमवी एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा यह अभियान लगातार जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि बिना नम्बरी वाहनों व ओवरलोडेड वाहनों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दुकान के बाहर सामान रखने, दुकान के आगे दुपहिया वाहन खड़ा करने और तय स्थान से हटकर ठेलों पर सामान बेचने वाले लोगों पर पुलिस एक्ट के तहत कार्रवाई होगी।

CM COMES FORWARD TO SAVE LIFE OF 'MANGANIYAR' ARTIST DARE KHAN


CM COMES FORWARD TO SAVE LIFE OF 'MANGANIYAR' ARTIST DARE KHAN
Rs. 5 LAKH SANCTIONED FROM  CM RELIEF FUND
Jaisalmer, May 20. Entertaining world with his 'Kamayacha' recital, son of Thar dersert and 'Manganiyar artist, Dare Khan got great relief when the Chief Minister Shri Ashok Gehlot extended his hand for providing economic assistance of Rs.5.50 lakh for his kidney transplantation.
Admitted in a hospital in New Delhi, 30 years old Dare Khan's kidney has to be transplanted and the doctors have given an estimate of Rs.5.5 lakh for kidney transplantation. When the well wishers of Dare Khan informed the Chief Minister about his illness, he sanctioned the whole amount from the Chief Minister's Relief Fund without any delay.
Now Dare Khan will not have to struggle with the economic problems for his treatment because of the sensitiveness of the Chief Minister and his patronage to the artists of the state. Dare Khan's wife Champa is donating one of her kidney. Dare Khan is on Dialysis at the Pushpawati Singhania Research Institute in New Delhi these days.
Dare Khan is not the first artist for whose help the Chief Minister has come forward. Earlier also the Chief Minister showed this honour when he got the information through a newspaper that the famous Theatre and Film Artist A.K. Hangal was not in a position to afford his treatment. That time also the Chief Minister sent assistance of Rs. 2 lakhs immediately to A.K. Hangal in Mumbai.
Son of Sakar Khan the famous 'Kamayacha' artist who had been honoured with Sangeet Natak Academy Prize, Dare Khan started 'Kamachaya' recital from the age of six years and till now he had conducted his shows in Paris, London, Washington besides New Delhi, Mumbai, Hyderabad including various prestigious programmes in the country and abroad.
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जैसलमेर के मांगणियार कलाकार दारे खान की जिंदगी को बचाने आगे आए गहलोत


जैसलमेर के मांगणियार कलाकार दारे खान की जिंदगी को बचाने आगे आए गहलोत
मुख्यमंत्राी सहायता कोष से साढे़ पांच लाख रूपये किये मंजूर
जैसलमेर, 20 मई/ स्वर्ण नगरी जैसलमेर में जन्मा दारे खान, मांगणियार कलाकार, कमायचा वादन के जरिए दुनिया में धूम मचाई, सिर्फ 30 साल की उम्र में दोनांे किडनियां खराब हो गई, आज जिन्दगी के लिए संघर्ष करने को मजबूर,यह जानकारी मिली तो मुख्यमंत्राी श्री अशोक गहलोत मदद को आगे आ गये। इलाज का समूचा खर्च साढे़ पांच लाख रूपये मुख्यमंत्राी सहायता कोष से दिये जाने की मंजूरी दे दी । यह सिर्फ मिसाल है मुख्यमंत्राी के कला, साहित्य एवं पत्राकारों के प्रति मान सम्मान की।
 दारे खान पहले ऐेसे कलाकार नहीं हैं जिनके  लिए मुख्यमंत्राी मदद को आगे आए हैं । इससे  पहले मुख्यमंत्राी ने ऐसा ही सम्मान तब दिखाया जब उन्हें एक समाचार पत्रा से जानकारी मिली कि मशहूर रंगमंच एवं फिल्म कलाकार ए. के. हंगल मुंबई में फाकाकशी के हालात में अपना इलाज नहीं करवा पा रहे है। मुख्यमंत्राी ने तब दो लाख रूपये की सहायता तुंरत हंगल को भिजवायी थी।
दारे खान के बारे में उसकी कला  के कायल कुछ शुभ चिंतकांे ने जानकारी मुख्यमंत्राी तक पहंचाई कि उसके दोनांे गुर्दे खराब हो चुके हैं और इन दिनों वे दिल्ली के पुष्पावती सिंघानिया रिसर्च इस्टीट्यूट में डायलिसिस पर हैं। उनका गुर्दा प्रत्यारोपण किया जाना है। पत्नी चम्पा  उनके जीवन को बचाने के लिए गुर्दा दान कर रही है। इस पर कुल साढे़ पांच लाख रूपये खर्च होने का अनुमान है। मुख्यमंत्राी ने अपने ही प्रदेश की इस कला धरोहर को बचाने को इलाज के लिए आवश्यक पूरे साढे़ पांच लाख रूपये मंजूर कर दिये है।
संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाजे गये ख्यातनाम कमायचा कलाकार साकर खान के पुत्रा दारे खान ने 6 साल की उम्र से ही कमायचा वादन शुरू किया तथा वे अब तक डूला विले (पैरिस), रायल अल्बर्ट हाल, क्वीन ऐलिजाबैथ हॉल (लंदन), लिलकोन सेंटर (न्यूयार्क), कैनेडी सेंटर (वाशिंगटन), में अपनी प्रस्तुति देने के अलावा दिल्ली, मुम्बई, हैदराबाद सहित देश एवं विदेश में अनेक ख्याति प्राप्त समारोहों में कमायचा वादन का रंग बिखेर चुके हैं।
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क्या 21 मई यानी शनिवार को यह दुनिया खत्म हो जाएगी?

वॉशिंगटन. क्या 21 मई यानी शनिवार को यह दुनिया खत्म हो जाएगी? ईसाई धर्म की पवित्र पुस्तक बाइबल के हवाले से दावा किया जा रहा है कि कल (21 मई, 2011) दुनिया खत्म हो जाएगी।
कैलिफोर्निया के धार्मिक प्रसारणकर्ता फैमिली रेडियो के अध्यक्ष हेरोल्ड कैंपिंग ने बाइबल की तारीखों की गणना के बाद 21 मई, 2011 को दुनिया के खत्म होने की शुरुआत की तारीख बताया है। कैंपिंग ने बाइबल के हवाले से कहा कि दुनिया को खत्म करने वाली बिबलिकल बाढ़ की तारीख उस समय के कैलेंडर में दूसरे महीने का 17 वां दिन था। कैंपिंग के मुताबिक 21 मई और बिबलिकल बाढ़ के 17 वें दिन में बहुत सी समानताएं हैं।

क्‍या है आधार कैंपिंग की गणना के मुताबिक यीशु को एक अप्रैल, 33 एडी को सूली पर चढ़ाया गया था। धरती को सूरज का एक चक्कर लगाने में 365. 2422 दिन लगते हैं। इसलिए हम कह सकते हैं कि 1 अप्रैल, 2011 को यीशु को सूली पर चढ़े ठीक 722, 449.07 दिन हो चुके हैं। इसमें 51 दिन जोड़ने पर यह आंकड़ा 722, 500.07 हो जाता है। गणितीय आधार पर गणना के बाद कैंपिंग का मानना है कि 21 मई, 2011 को दुनिया के खत्म होने की शुरुआत हो जाएगी।

कई हैं सवाल आलोचकों का कहना है कि दुनिया के खत्म होने की तारीख यीशु के सूली पर चढ़ाए जाने से क्यों जोड़ी जा रही है? वे उनकी गणितीय गणना पर भी सवाल उठाते हैं और कहते हैं कि संख्याएं-5, 10 और 17 को कैंपिंग एक साथ गुणा क्यों करते हैं, फिर उसका वर्ग क्यों करते हैं? आलोचकों का कहना है कि बाइबल में दुनिया के खत्म होने का गणितीय आकलन ही क्यों होगा?  आलोचकों का यह भी कहना है कि कैंपिंग 1 अप्रैल, 2011 की तारीख की गणना दो बार करते हैं। अमेरिका के धर्म उपदेशक मैनी का मानना है कि साल 4990 को जब दुनिया में बाढ़ आई थी तब ईश्वर ने नोह को बताया था कि सात दिनों में मैं दुनिया को खत्म कर दूंगा। मैनी ने कहा कि बाइबल में लिखा है कि पूरी दुनिया में भूकंप आएगा, जिससे चारों ओर तबाही मच जाएगी। यूरोप में हलचल, एशिया में शांतिकैंपिंग की भविष्यवाणी को लेकर पूरी दुनिया में चर्चा और अफवाहों का बाज़ार गर्म है। पूरी दुनिया में करीब दो हजार बिल बोर्ड 21 मई के बारे में लोगों को आगाह कर रहे हैं। न्यूयॉर्क में कई धर्म उपदेशक टी-शर्ट, ब्रॉशर, किताबें और पोस्टर बांट रहे हैं। न्यूयॉर्क शहर के सबवे पर एक विज्ञापन लगा है, जिसमें ‘जजमेंट डे’ (कयामत का दिन) को लेकर चेतावनी दी गई है। इसमें पूरी दुनिया में आने वाले भयानक भूकंप के बारे में बताया गया है। अमेरिका के अलावा यूरोपीय देशों में भी इसे लेकर हलचल है। हालांकि एशिया और अफ्रीका जैसे महाद्वीपों में इस भविष्यवाणी को लेकर ज़्यादा हलचल नहीं है। 
कई ऐसी भविष्‍यवाणियां
प्रलय शब्द का जिक्र लगभग हर धर्म के ग्रंथों में मिलता है। करीब 250 साल पहले महान भविष्यवक्ता नास्त्रेस्देमस ने भी दुनिया के खत्म हो जाने (प्रलय) को लेकर घोषणा की थी, हालांकि इसमें उसके समय को लेकर कोई घोषणा नहीं है। दुनिया के खत्म होने को लेकर की गई भविष्यवाणियों पर एक नज़र:

महाभारत: महाभारत में कलियुग के अंत में प्रलय होने का जिक्र है, लेकिन यह किसी जल प्रलय से नहीं बल्कि धरती पर लगातार बढ़ रही गर्मी से होगा। महाभारत के वनपर्व में उल्लेख मिलता है कि सूर्य का तेज इतना बढ़ जाएगा कि सातों समुद्र और नदियां सूख जाएंगी। संवर्तक नाम की अग्रि धरती को पाताल तक भस्म कर देगी। वर्षा पूरी तरह बंद हो जाएगी। सबकुछ जल जाएगा, इसके बाद फिर बारह वर्षों तक लगातार बारिश होगी। जिससे सारी धरती जलमग्र हो जाएगी।

बाइबल: इस ग्रंथ में भी प्रलय का उल्लेख है जब ईश्वर, नोहा से कहते हैं कि महाप्रलय आने वाला है। तुम एक बड़ी नौका तैयार करो, इसमें अपने परिवार, सभी जाति के दो-दो जीवों को लेकर बैठ जाओ, सारी धरती जलमग्र होने वाली है।

इस्लाम: इस्लाम में भी कयामत के दिन का जिक्र है। पवित्र कुरआन में लिखा है कि कयामत का दिन कौन सा होगा इसकी जानकारी केवल अल्लाह को है। इसमें भी जल प्रलय का ही उल्लेख है। नूह को अल्लाह का आदेश मिलता है कि जल प्रलय होने वाला है, एक नौका तैयार कर सभी जाती के दो-दो नर-मादाओं को लेकर बैठ जाओ।

पुराण: हिदू धर्म के लगभग सभी पुराणों में काल को चार युगों में बांटा गया है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार जब चार युग पूरे होते हैं तो प्रलय होती है। इस समय ब्रह्मा सो जाते हैं और जब जागते हैं तो संसार का पुन: निर्माण करते हैं और युग का आरम्भ होता है।

नास्त्रेस्देमस की भविष्यवाणी: नास्त्रेस्देमस ने प्रलय के बारे में बहुत स्पष्ट लिखा है कि मै देख रहा हूं कि एक आग का गला पृथ्वी कि ओर बाद रहा है, जो धरती से मानव के काल का कारण बनेगा। एक अन्य जगह नास्त्रेस्देमस लिखते हैं, कि एक आग का गोला समुद्र में गिरेगा और पुरानी सभ्यता के देश तबाह हो जाएंगे।प्रलय को लेकर वैज्ञानिकों के बयान

ई देशों में वैज्ञानिकों ने प्रलय की अवधारणा को सही माना है। कुछ महीनों पहले अमेरिका के कुछ वैज्ञानिकों ने घोषणा कि है कि 13 अप्रैल 2036 को पृथ्वी पर प्रलय हो सकता है। खगोलविदों के अनुसार अंतरिक्ष में घूमने वाला एक ग्रह एपोफिस 37014.91 किमी/ प्रति घंटा) की रफ्तार से पृथ्वी से टकरा सकता है। इस प्रलयंकारी भिडंत में हजारों लोगों की जान भी जा सकती है। हालांकि नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि इसे लेकर घबराने की कोई जरूरत नहीं है।

माया कैलेंडर की भविष्‍यवाणी

माया कैलेंडर भी कुछ ऐसी ही भविष्‍यवाणी कर रहा है। साउथ ईस्ट मेक्सिको के माया कैलेंडर में 21 दिसंबर 2012 के बाद की तिथि का वर्णन नहीं है। कैलेंडर उसके बाद पृथ्वी का अंत बता रहा है।माया कैलेंडर के मुताबिक 21 दिसंबर 2012 में एक ग्रह पृथ्वी से टकराएगा, जिससे सारी धरती खत्‍म हो जाएगी। करीब 250 से 900 ईसा पूर्व माया नामक एक प्राचीन सभ्यता स्थापित थी। ग्वाटेमाला, मैक्सिको, होंडुरास तथा यूकाटन प्रायद्वीप में इस सभ्यता के अवशेष खोजकर्ताओं को मिले हैं।ऐसी मान्यता है कि माया सभ्यता के काल में गणित और खगोल के क्षेत्र उल्लेखनीय विकास हुआ था। अपने ज्ञान के आधार पर माया लोगों ने एक कैलेंडर बनाया था। कहा जाता है कि उनके द्वारा बनाया गया कैलेंडर इतना सटीक निकला है कि आज के सुपर कम्प्यूटर भी उसकी गणनाओं में 0.06 तक का ही फर्क निकाल सके और माया कैलेंडर के अनेक आकलन, जिनकी गणना हजारों सालों पहले की गई थी, सही साबित हुए हैं।

चीन के धार्मिक ग्रंथ ‘आई चिंग’ व ‘द नेशनल फिल्म बोर्ड ऑफ कनाडा’ ने भी इन मतों को बल दिया है। लेकिन विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता व हिंदू मान्यताओं के प्रतीक 5123 वर्ष पुराने टांकरी कलेंडर ने इस बात को पूरी तरह से नकार दिया है

P.P Wooden Furniture Exports barmer


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