शनिवार, 21 मई 2011

एडवोकेट भारतीय नागरिक नहीं'

एडवोकेट भारतीय नागरिक नहीं'


जयपुर। 'सूचना भारतीय नागरिक ही ले सकता है, एडवोकेट भारतीय नागरिक की श्रेणी में नहीं होने के कारण सूचना नहीं दी जा सकती' सूचना का अघिकार अघिनियम के तहत प्रथम अपील पर स्वास्थ्य निदेशालय ने अपीलार्थी को यही जवाब दिया है। इस पर राजस्थान बार कौंसिल ने सरकार को विरोध दर्ज कराने की चेतावनी दी है। राज्य सूचना आयोग एक मामले में एडवोकेट को पहले ही सूचना पाने का हकदार मान चुका है, वहीं वकीलों का कहना है कि जब देश में वकालत का अघिकार ही भारतीय नागरिक को है तो एडवोकेट को भारतीय नागरिक की श्रेणी में कैसे नहीं माना है?

यह था मामला
चित्तौड़गढ़ निवासी एडवोकेट अजीज हुसैन ने रावतभाटा में पंजीकृत अस्पताल-डिस्पेंसरियों की संख्या व कार्यरत चिकित्सक व नर्सिग स्टाफ की योग्यता के बारे में जानकारी मांगी थी। साथ ही, पूछा कि निर्घारित योग्यता से कम वाले चिकित्सक व नर्सिग स्टाफ पर क्या कोई कार्रवाई की गई? स्वास्थ्य विभाग में जन स्वास्थ्य निदेशक और अपीलीय अघिकारी डॉ.ओ.पी. गुप्ता ने पिछले दिनों इस पर जवाब दिया 'एडवोकेट पद पर पदस्थापित रहते हुए पदनाम से सूचना चाही है एडवोकेट भारतीय नागरिक की श्रेणी में नहीं होने के कारण सूचना देय नहीं है। अत: अपील अस्वीकार की जाती है।'

जवाब देने वाले अफसर पर कार्रवाई हो

इस तरह का जवाब देने वाले अघिकारी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। देश में वकालत का अघिकार ही भारतीय नागरिक को है।
नवरंग सिंह, चेयरमैन, राजस्थान बार कौंसिल

ऎसा जवाब वकीलों का अपमान है, निंदनीय है। इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री से बात की जाएगी।
संजय शर्मा, सदस्य बार कौंसिल

राज्य सूचना आयोग ने एडवोकेट के नाते आवासन मंडल से चाही सूचना मुझे दिलवाई थी। साथ ही कहा था कि किसी पेशे विशेष्ा से जुड़े होने के कारण नागरिक को विघिक व्यक्ति नहीं मान सकते।
संतोष्ा जैमन, एडवोकेट

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