शनिवार, 14 मई 2011

banke bihari

. अपराध की दुनिया ,पुत्र की हत्या कर शव टांके में डालने का आरोप


पुत्र की हत्या कर शव टांके में डालने का आरोप

बाड़मेर 
बायतु थानांतर्गत चारलाई हाल निवासी सताराम जाट ने अपनी पत्नी मिरगो देवी सहित ससुराल पक्ष पर आरोप लगाया कि उसकी पहली पत्नी के पुत्र महेंद्र को पीहर ले जाकर उसकी हत्या कर टांके में गिरा दिया। सताराम का दूसरा विवाह मिरगो देवी पुत्री टीकमाराम से हुआ। गुरुवार को उसका लड़का महेंद्र अपने ननिहाल से बायतु आया। मिरगोदेवी महेंद्र को लेकर अपने पीहर चली गई। उसके बाद ससुर टीकमाराम ने फोन पर सूचना दी की महेंद्र टांके में गिर गया। इस पर तुरंत बायतु पहुंच महेंद्र को लेकर अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम करने के बाद डॉक्टरों ने शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार महेंद्र के गाल व ठोड़ी पर घाव जैसे निशान लग रहे थे। बायतु थानाधिकारी जयराम चौधरी मय जाब्ता लेकर मिरगो देवी को उसके पीहर से गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए थाने लेकर आए। पुलिस उप अधीक्षक नाजिम अली, बायतु थानाधिकारी जयराम चौधरी महिला पुलिस की मौजूदगी में पूछताछ कर रही है।

शिक्षक ने फंदा लगा जान दी 
बायतु & गिड़ा उप तहसील के निंबा की ढाणी में एक शिक्षक ने टांके में फंदा लगाकर जान दे दी। इस संबंध में मृतक के भाई शैतान सिंह ने मामला दर्ज करवाया। निंबा की ढाणी सोहड़ा निवासी खेत सिंह पुत्र जबर सिंह राजपूत जो कोलू ग्राम पंचायत में कार्यरत था। उसका दिमागी संतुलन ठीक नहीं होने से फिलहाल वह घर पर ही था। उसने टांके में फंदा लगा अपने जान दे दी। डॉक्टर ने शव का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया।
रेल से कटकर युवक की मौत 
बाड़मेर 
मोकलसर रेलवे स्टेशन के पास एक युवक ने रेल के आगे कूदकर अपनी इहलीला समाप्त कर ली। पुलिस के अनुसार स्टेशन से कुछ ही दूरी पर भूरलाइ नाडी राप्रावि राठौड़ा के पास मूलाराम पुत्र वागाराम उम्र ३२ साल ने भीलड़ी से जोधपुर की ओर जा रही मालगाड़ी के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली।सूचना मिलने पर थानाधिकारी रामवीर जाखड़ मय जाब्ता मौके पर पहुंचे। उन्होंने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवा परिजनों को सुपर्द किया।इस अवसर पर मोकलसर सरपंच रेशमी देवी भाटी व पंचायत समिति सदस्य मानसिंह सोलंकी सहित कईसदस्य उपस्थित थे।


4 क्ंिवटल 5 किलो डोडा-पोस्त बरामद
राति गश्त के दौरान हुई कार्रवाई, इनोवा में भरकर ले जा रहे थे, आरोपी फरार
बाड़मेर 

समदडी रात्री गश्त के दौरान पुलिस ने इनोवा गाड़ी में भरे 4 क्ंिवटल 5 किलो डोडा-पोस्त बरामद किया वहीं चालक सहित दो आरोपी फरार हो गए। थानाधिकारी निरंजन प्रतापसिंह ने बताया कि पुलिस नाकाबंदी के दौरान समदड़ी से पाली सड़क मार्गपर तिरगटी गांव के पास गुरुवार रात को शक के आधार पर एक इनोवा गाड़ी को रुकने का इशारा किया गया। इस पर चालक ने गाड़ी रोकने की बजाय तेज गति से दौड़ाई। शक होने पर पुलिस ने पीछा कर गाड़ी को पकड़ लिया। 

अंधेरे का फायदा उठाकर चालक व एक अन्य व्यक्ति मौके से फरार हो गए।पुलिस की ओर से इनोवा गाड़ी नं.आरजे - 14 टीए 7849 की तलाशी लेने पर ड्राईवर के पीछे की सीटपर 10 बोरे डोडा-पोस्त से भरे मिले। बोरों का तोल कराने पर डोडों का वजन 4 क्ंिवटल 5 किलो पाया गया। पुलिस ने डोडा-पोस्त सहित इनोवा गाड़ी को जब्त कर फरार आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। डोडा पोस्त बरामद करने की टीम मे थानेदार निरंजन प्रतापसिंह के नेतृत्व में हैड कांस्टेबल सवाईसिंह, कास्टेबल नरपतसिंह, तनसिंह व रूपदान शामिल थे।

विश्नोई समाज का धार्मिक सम्मेलन आयोजित, समाज के सदस्यों ने लिया मृत्युभोज व बाल विवाह बंद करने का संकल्प


सामाजिक कुरीतियां प्रगति में बाधक’
विश्नोई समाज का धार्मिक सम्मेलन आयोजित, समाज के सदस्यों ने लिया मृत्युभोज व बाल विवाह बंद करने का संकल्प
बाड़मेर 
अखिल भारतीय विश्रोईमहासभा, संत समाज व जांभाणी जनजागरण संथान की ओर से विश्रोईधर्म स्थापना की ५२५वीं वर्षगांठ व महासभा के 11वें अधिवेशन के अवसर पर महायज्ञ व संत समाज की ओर से समाज हित में लिए गए निर्णयों की पालना व क्रियान्वन के लिए जांभाणी धर्म रथयात्रा के कस्बे में पहुंचने पर मुक्तिधाम मुकाम के पीठाधीश्वर स्वामी रामानंद महाराज एवं शिक्षा शास्त्री डॉ. गोवद्र्धनराम महाराज के सान्निध्य में धार्मिक सम्मेलन का आयोजन हुआ।इस दौरान विश्रोई धर्मशाला में स्वामी रामानंद महाराज ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ 120 शब्दों का पाहल बनाया।

मुकाम पीठाधीश्वर रामानंद महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि गुरू जंभेश्वर भगवान के बताए गए नियमों की आचार संहिता पर चलकर व्यक्ति संयमित जीवन जीता है जिससे मरणोपरांत मुक्ति भी संभव है।उन्होंने कहा कि परोपकार से बड़ा कोई धर्म नहीं है।मन, वचन व कर्म से किसी व्यक्ति को दुख देने से बड़ा कोईपाप नहीं है।उन्होंने कहा कि रथयात्रा का उद्देश्य मुख्य रूप से बाल विवाह, मृत्युभोज व समस्त प्रकार की नशावृत्तियों से ग्रामीण समाज को मुक्त करवाकर शिक्षा व पंचायती व्यवस्थाओं को पुन: स्थापित करना है।महाराज ने समाज के नागरिकों को समाज में कुरीतियों को बंद करने का संकल्प दिलवाया।शिक्षाशास्त्री डॉ. गोवद्र्धनराम महाराज ने कहा कि अशिक्षा, गरीबी, रूढि़वादिता सामाजिक कुरीतियों की जड़ है।उन्होंने जंभेश्वर भगवान के बताए 29 नियमों का पालन कर बालकों में अच्छे संस्कारों का निर्माण करने व महिला शिक्षा के विकास पर जोर देते हुए स्वच्छ समाज के निर्माण की बात कही।इस अवसर पर जांभा महंत सीताराम ने कहा कि समाज में व्याप्त कुरीतियों को मिटाने व समाज के विकास के लिए शिक्षा को बढ़ावा देना आवश्यक है।एडवोकेट सुखराम विश्रोई ने समाज में छिपी प्रतिभाओं को निखारने के साथ ही शिक्षा के विकास पर बल दिया।विश्रोई सभा के पूर्व अध्यक्ष व विधायक हीरालाल विश्रोई ने कहा समाज की प्रतिभाओं को निखारना व प्रोत्साहन देना समाज के प्रत्येक व्यक्ति का कत्र्तव्य है।उन्होंने संस्कारों के विकास के लिए संत-महात्माओं के दिखाए मार्ग पर चलने का आह्वान किया।समारोह में जांभाणी जनजागरण संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्वमॉनीटरिंग सलाहकार एलआर विश्रोई ने कहा कि ग्रामीण प्रतिभाओं को संवारने के लिए दानदाताओं को आगे आना चाहिए।उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों को जड़ से मिटाने की बात कही।पूर्व पुलिस महानिरीक्षक उम्मेदाराम विश्रोई ने समाज में तकनीकी शिक्षा के विकास पर बल देने के साथ ही समाज के लोगों से एकजुट होने की बात कही।कार्यक्रम के दौरान धीराराम विश्रोई, बाबूलाल मांजू, गोरखाराम विश्रोई, सुरजनराम विश्रोई, हुकमदास, चैनाराम, हरिप्रकाश, लालदास व शांतिदास ने अपने संबोधन में रथयात्रा के उद्देश्यों को सफल बनाने का आह्वान किया।इस अवसर पर समाज के कईगणमान्य स्वजीय बंधु उपस्थित थे।

नींबूड़ा इन यूएसए यूएसए में थार के कलाकारों ने बिखेरा संगीत का जादू












नींबूड़ा इन यूएसए

यूएसए में थार के कलाकारों ने बिखेरा संगीत का जादू 
बाड़मेर अमेरिका के बं्रसेम मंसूरी स्थित सिल्वर डोलर सिटी में आयोजित वल्र्ड फेस्टिवल में ‘रिदम ऑफ राजस्थान’ के कलाकारों ने थार के लोक गीत, लोक भजन सहित सूफियाना गायकी से अपने फन का लोहा मनवाया ।
थार के अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार फकीरा खां ने बताया कि डेढ़ माह तक चले फेस्टिवल में करीब 40 देशों के कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। शुक्रवार को स्वदेश लौटने पर बिसाला निवासी कलाकार फकीरा खां, रामसर निवासी जाकब खां एवं भीयाड़ निवासी पप्पा मीर का कलाकार कॉलोनी व जिलानी युवा ग्रुप की ओर से आत्मीय स्वागत कर उन्हें बधाई दी।
वल्र्ड फेस्टिवल में थार के कलाकारों को सुनने के लिए कला प्रेमियों का हुजूम उमड़ पड़ा। थार के कलाकारों ने बाबा रामदेव, भगवान कृष्ण एवं मीरा के भजन प्रस्तुत कर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। वहीं निंबूड़ा=निंबूड़ा व घोर बंद नखराळी लोक गीत की प्रस्तुति खूब तालियां बजी। सूफियाना में बाबा गोलेच्छा शाह लतीफ के साथ धमाधम मस्त कलंदर गीत की प्रस्तुति को श्रोताओं ने एकाग्रचित्त होकर सुना।
फकीरा खां ने बताया कि ‘रिदम ऑफ राजस्थान’ के कलाकारों के बेहतरीन प्रदर्शन पर वल्र्ड फेस्टिवल के डॉयरेक्टर ने थार के कलाकारों को प्रशंसा पत्र सौंपने के साथ ही इन्हें आगामी कार्यक्रम के लिए भी आमंत्रित किया है। इससे पूर्व भी थार के कलाकार 50 देशों में संगीत का जादू बिखेर चुके हैं। फकीरा खां के अनुसार वे वर्ष 2011 में चौथी बार अमेरिका जाकर मारवाड़ के संगीत का लोहा मनवाया है। 
इन्होंने किया स्वागत 
अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकारों का कलाकार कॉलोनी में नगा खां, बसरा खां, जोगा खां, सतार खां, सलायत खां व आपा खां ने स्वागत किया। इसी तरह जिलानी ग्रुप की ओर से शौकत सेक, मांगू खां, घपा खां एवं तालब खां ने स्वागत कर कलाकारों को बधाई दी। 

युवा कलाकारों को संदेश 

 
अंतरराष्ट्रीय कलाकार फकीरा खां ने बताया कि संगीत हमारे जेहन में है। सच्चा कलाकार वहीं है जो अपनी कला को निस्वार्थ भावना से अपने शिष्य को सुपुर्द करें। ऐसा करने से ही लोक कला की पहचान कायम रहेगी। उन्होंने कहा कि बच्चों का भविष्य, समाज एवं राष्ट्र का विकास सही मायने में संस्कार युक्त शिक्षा पर ही निर्भर करता है। इसलिए युवा पीढ़ी को जहां तक हो सके अधिक से अधिक उच्च शिक्षा दिलानी चाहिए। संस्कार और संगीत तो इस माटी से जुड़ा है। आवश्यकता है तो सिर्फ बच्चों को संगीत के लिए प्रेरित करने की। पारंपरिक लोक संगीत को बचाने के लिए उन्होंने गुरु=शिष्य परंपरा पर जोर दिया। फकीरा खां के अनुसार यही वो मार्ग है जिससे कला को आजीवन जीवंत रखना संभव है।

शुक्रवार, 13 मई 2011

Rafi & Lata - Sau Saal Pehle - Jab Pyar Kisi Se Hota Hai [1961]

Yaad Kiya Dil Ne song - Patita

yaad kia dil ne kahan ho tum, jhoomtee bahar he kahan ho tum, piyar se pukar lo jahan ho tum, piyar se pukar lo jahan ho tum!

ek hasrat thi ke aanchal ka mujhe pyar mile -mukesh film zindagi aur t...

kyaa baat hai yaar....

aadamii chaahe to taqadiir badal sakataa hai

puurii duniyaa ki wo taswiir badal sakataa hai

aadamii soch to le usakaa iraadaa kyaa hai

zindagii aur bataa terea iradaa kyaa hai....

सरहदों को रोशन करेगी मरुस्थल की हवाए


जैसलमेर [चन्दन सिंह भाटी] भारत पाक सीमा पर जैसलमेर के दो गांव ऐसे हैं जिन्होंने रोशनी के मामले में हिन्दुस्तान भर में रिकार्ड कायम कर दिया है। दूर दूर तक पसरे मरुथल के बीच इन सरहदी गांवों में बिजली के अभाव में अंधेरा पसरा रहता था और आजादी के इतने वर्षों बाद भी लोगों के लिए उनके क्षेत्र में बिजली आने का स्वप्न तक बेमानी था वहाँ अब रोशनी के कतरे गांव को रौशन करने लगे हैं।

यह सब हो पाया है विण्ड मिल हाइब्रिड सिस्टम से। जैसलमेर जिला मुख्यालय से तनोट के रास्ते 112 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित घण्टियाली और इसी रास्ते पर 103 किलोमीटर दूर स्थित गिरदूवाला गांव हिन्दुस्तान के पहले ऐसे गांव होने का गौरव पा चुके हैं जो विण्ड पॉवर व सोलर पॉवर के साथ ही अत्याधुनिक एल.ई.डी. लाईट्स की रोशनी में अपनी तकदीर गढ रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि देश भर में ये दोनों ऐसे सर्वप्रथम गांव हैं जो एल.ई.डी. (लाईट इमीटिंग डायोड) तकनीक आधारित बिजली व्यवस्था से पूर्णतः विद्युतीकृत हो उठे हैं। इन दोनों म गांवों में रोजाना कुल 14 से 15 किलोवॉट विद्युत ऊर्जा संग्रहित होती है जबकि इसमें से मात्र 7 से 8 किलोवॉट बिजली की खपत हो पाती है। इतनी ऊर्जा में कुछ और क्षेत्रों को भी बिजली से जोडे जाने की संभावनाएं बनी रहती हैं।

पूर्णतः स्वदेशी है यह तकनीक
इस पूरे सरहदी क्षेत्र में कहीं पवन और कहीं सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन के क्षेत्र में काफी प्रयास हो रहे हैं, लेकिन जैसलमेर जिले में बो बे विंड एनर्जी ने स्थानीय आबोहवा की अनुकूलताओं को दृष्टिगत रखते हुए दोहरी विद्युत प्राप्ति तकनीक को सुपरनवा टेक्नोलोजिस कंपनी के सौजन्य से अपनाया और ’’विण्ड सोलर हाईब्रिड सिस्टम ’’ के जरिए बिजली उत्पादन और वितरण तंत्र को सुगम बनाया। पूरी तरह स्वदेशी इस सिस्टम के उपकरण भारत में तैयार होते हैं तथा इसमें हर मौसम में बिजली उत्पादन होता रहता है।

दोहरा बिजली उत्पादन दे रहा सुकून
विस्तृत भू भाग में फैले और रेतीले जैसलमेर जिले में मीलों तक बिखरे गांवों और ढाँणियों में बिजली पहुँचाना अकल्पनीय ही है लेकिन पवन ऊर्जा और सौर ऊर्जा ने इन कल्पनाओं को साकार कर दिया है वहीं बॉ बे विन्ड इनर्जी के दोहरे प्रयास सोने में सुहागे का काम कर रहे हैं। इसमें पवन ऊर्जा के पँखों के साथ ही सौर ऊर्जा के उपकरण मिल कर दोहरा बिजली उत्पादन कर रहे हैं।
जैसलमेर जिले में ऐसे 57 गांव सामने आये हैं जहां पर परागत प्रक्रिया से बिजली की पहच असंभव सी है और इन दूरदराज के क्षेत्रों में नई प्रभावी तकनीकों को अपना कर ही गाँवों को रोशनी मुहैया कराई जा सकती है।

इन हालातों में सीमा क्षेत्र विकास परियोजना के अन्तर्गत सीमा क्षेत्र के नजदीकी घण्टियाली और गिरदूवाला गांवों में बिजली पहुँचाने की महत्वाकांक्षी योजना सन् 2009 में हाथ में ली गई। इस चुनौती को स्वीकार किया बॉ बे विंड इनर्जी लिमिटेड ने। इस परियोजना में दोनों गांवों के लिए 15 15 लाख रुपए की धनराशि मंजूर की गई।

तीन माह में पूरा गांव जुड गया बिजली से
कंपनी ने सित बर 2010 में काम हाथ में लिया और सिर्फ 90 दिन में दोनों गांवों को पूरी तरह विद्युतीकृत कर दिखाया। कंपनी ने घण्टियाली व गिरदूवाला गांवों में 20 20 वॉट की 10 10 स्ट्रीट लाईटें लगायी। दोनों ही गांवों में 35 से 40 परिवारों को बिजली से जोडते हुए प्रत्येक झौंपडी को मिलाकर इनकी 80 से 100 झौंपडियों में 4 4 वॉट की एल.ई.डी. लाईटें लगायी। ाास बात यह थी कि ये लाईटें सामान्य न होकर एल.ई.डी. लाइटें हैं जिनकी रोशनी अपेक्षाकृत कई गुना अधिक होने के साथ ही ऊर्जा की खपत नगण्य सी है। पूरे देश में एल.ई.डी. लाईटों के माध्यम से विद्युतीकृत होने वाले गांवों का गौरव घण्टियाली एवं गिरदूवाला को ही प्राप्त है।

उत्साहित हैं ग्रामीण
आजादी के इतने वर्षो बाद भी जहां बिजली की कोई संभावना नहीं थी वहाँ गांवों में ही उग आए सूरज ने ग्रामीणों को जबर्दस्त उत्साह व उल्लास से सरोबार सा कर रखा है। इन गांवों में कंपनी की ओर से कंट्रोल रूम स्थापित है जहां विण्ड मिल, चार्ज कंट्रोलर, ड प लोड आदि उपकरण स्थापित है। यहीं ऑटोमेटिक लाईट सिस्टम लगा हुआ है जिससे घरों व स्ट्रीट्स की लाईटें निश्चित समय पर अपने आप चालु व बंद होती ह। इन गांवों में संध्या ढलते ही एल.ई.डी. लाईट्स की शुभ्र रोशनी की चादर बिछ जाती है। रात में मीलों दूर से इसका नजारा अत्यंत मनोरम दिखाई देता है। रात के पूरे 12 घण्टे यहां प्रकाश रहता है।

आशातीत परिणाम रहे हैं
बॉ बे विण्ड एनर्जी लि. के राजस्थान प्रबंधक श्री देवकृष्ण भाटिया बताते हैं कि जैसलमेर जिले के दो गांवों में विण्ड सोलर व एल.ई.डी. लाईट सिस्टम का प्रयोग आशातीत परिणाम देने वाला और उत्साहजनक रहा है। स्थापना के बाद से दोनों गांवों में लगी एल.ई.डी. लाईटें बेहतर तरीके से काम कर रही हैं व पिछले डेढ वर्ष में एक भी शिकायत नहीं मिली।

श्री भाटिया के अनुसार जैसलमेर जिले में हाइब्रिड सिस्टम को प्रोत्साहित करने के साथ ही एलईडी लाईट स्थापित कराने में पूर्व जिला कलक्टर डॉ. के.के. पाठक की अहम भूमिका रही है जिन्हने स्वयं क्षेत्र में भ्रमण कर स्थलों को चिहि्नत करने में मदद दी। उनकी छोटी सी पहल अब मरुधरा में रश्मियों का सागर लहरा रही है। इन प्रयासों को गति दी तत्कालीन जिला कलक्टर डॉ. रवि कुमार सुरपुर व श्री अ बरीषकुमारने। अब जिला कलक्टर श्री गिरिराजसिंह कुशवाहा भी ग्रा यांचलों में पवन सौर ऊर्जा के विकास और विस्तार में जुटे हुए हैं।

अनूठी तकनीक को सराहा तत्कालीन राष्ट्रपति ने भी
वे बताते हैं कि सुपरनवा टेक्नोलोजिस प्रा.लि. (आणन्द, गुजरात) द्वारा भारतवर्ष में 200 से अधिक स्थानों पर विण्ड सोलर इनर्जी संयत्र व पखे लगाये जा चुके हैं लेकिन पूरे के पूरे 2 गांवों को एल.ई.डी. लाईट से विद्युतीकृत कर देना हिन्दुस्तान भर में पहले पहल जैसलमेर जिले में ही हुआ है। जिसका श्रेय बॉ बे विंड इनर्जी जैसलमेर को जाता है जो कि पूरे राजस्थान के डिस्ट्रीब्यूटर्स एवं सप्लायर्स हैं। इस तकनीक को अंजाम देने वाले भगीरथ श्री एस.एन. झा हैं जो कि गुजरात विश्वविद्यालय के तकनीकि प्राचार्य हैं। उनकी देश के प्रति उल्लेखनीय सेवाओं के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति एवं मशहूर वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने 2006 में नई दिल्ली में हुई विश्वस्तरीय विण्ड मिल प्रदर्शनी में नेशनल एवार्ड से स मानित किया। इस प्रदर्शनी में दुनिया भर से विण्ड मिल से संबंधित कंपनियों ने प्रदर्शनी लगायी।

अनेक संभावनाओं भरा है यह तंत्र
एल.ई.डी. लाईट्स की खूबियों पर भाटिया बताते हैं कि इस हाईब्रिड सिस्टम में वाटर पंपिंग, आटा चक्की, रेस्टोरेंट, घरेलू टी.वी., फ्रीजर, पंखों का संचालन आदि भी संभव है। इसके लिए भी कंपनी ने अन्यतम तकनीकें विकसित की हुई है।
कंपनी ने सामाजिक सरोकारों को ध्यान में रखते हुए अपनी भागीदारी भी निभायी है। कंपनी की इच्छा है कि सरकार कुछ मदद कर दे तो कंपनी घण्टियाली मु य मार्ग पर भी स्ट्रीट लाईटें देने के साथ इस सिस्टम से प्रसिद्घ घण्टियाली माता मंदिर, स्कूल तथा सभाभवन को भी जोड सकती है।
कंपनी प्रतिनिधि श्री देवकृष्ण भाटिया के अनुसार बिजली के लिए अकेला सोलर सिस्टम महंगा पडता है। हाईब्रिड सिस्टम में इसके साथ ही विण्ड पॉवर भी है, इस वजह से ऊर्जा संग्रहण के दोनों विकल्प उपलब्ध होने से बारहों मास इसकी उपयोगिता है। इसकी तकनीकी बनावट ही इस तरह की है कि हवा के कम वेग में बिजली का उत्पादन हो सकता है। इसके साथ ही बैटरी तथा तथा अन्य सभी उपकरण उच्च गुणवत्तायुक्त व गारन्टी वाले हैं।

ग्रामीणों के लिए आसान हुई जीने की राह
घण्टियाली और गिरदूवाला के लोग अपने गांव में बिजली को चमत्कार ही मानते हैं। ग्रामीणजन बताते हैं कि रेतीले टीलों से भरे इन क्षेत्रों में रात के घोर अँधेरों में साँप बिच्छुओं तथा अन्य जहरीले जानवरों का भय होने से आवागमन तक सहज नहीं था लेकिन अब रात में रोशनी ने ग्रामीणों के भय को दूर कर दिया है। बिजली की रोशनी बच्चों के लिए रात की पढाई में भी खासी मददगार बन गई है। गांव में आयी बिजली ग्रामीणों के जीवन में रोशनी भरने लगी है।

बढने लगी है मांग
घंटियाली व गिरदूवाडा गांवों में पसरी रोशनी को देख आस पास के गवों कुरियाबेरी, किशनगढ, लंगतला, बछियाछोड, शाहगढ, मुरार आदि दर्जनों गांव ऐसे हैं जहां विण्ड सोलर इनर्जी व एल.ई.डी. लाईट्स की मांग की जाने लगी है।
रामगढ ग्राम पंचायत की सरपंच तीजा देवी अपनी पंचायत के इन दोनों गांवों में रोशनी लाने के नवाचारों से बेहद खुश हैं। वे कहती हैं कि इससे ग्रामीणजनों के जीवन में काफी बदलाव आया हैं व उन्हें जीने का सुकून मिला है। जैसलमेर जिला परिषद ने भी कंपनी की इस उपलब्धि को खूब सराहा है। जैसलमेर के जिला कलक्टर श्री गिरिराजसिंह कुशवाहा ने इन दोनों ही गांवों में पहुंच कर ग्रामीणों से चर्चा की और ग्रामीण विद्युतीकरण के इस प्रयास की सराहना की।
बिजली बचाओ का पैगाम

सीमावर्ती जैसलमेर जिले के इन दोनों दूरस्थ गांवों के लोग बिल्कुल मु त में बिजली सुविधा पा कर निहाल हो उठे हैं।
कंपनी दो साल की अवधि पूरी होने पर इस सिस्टम को स्थानीय ग्राम पंचायत को सौंप देगी जो इसके रख रखाव व संचालन का जि मा उठाती हुई गांव में रोशनी के कमरों का सुकून देगी।

जैसलमेर जैसे मीलों तक पसरे जिले में दूर दूर छितरायी बस्ती में निवास कर रहे ग्रामीणों के लिए पवन व सौर ऊर्जा के साथ एल.ई.डी. लाईट्स का यह संगम व्यापक बदलाव की भूमिका रच रहा है एवं अब कंपनी और अधिक गांवों में यह सुविधा पहुंचाने के लिए प्रयासरत है। इससे दूरदराज के क्षेत्रों में बिजली पानी, शिक्षा, चिकित्सा आदि के क्षेत्रों में विकास को स बल मिलने के साथ ही कई ग्रा य समस्याओं का समाधान संभव हो सकेगा।

माउंट आबू के पास बीएसएफ का हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त,चार की मौत

आबूरोड के नजदीक बीएसएफ का एक हेलिकॉप्टर शुक्रवार दोपहर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। उसमें सवार पायलट सहित चार लोगों के शव फतेहपुर गांव की भीमगुड़ा पहाड़ी के नजदीक जली हुई अवस्था में मिले हैं। सूचना मिलने पर माउंट आबू पुलिस व वायुसेना के विशेषज्ञों की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है।
बीएसएफ का एक हेलिकॉप्टर गांधीनगर से जोधपुर के रवाना हुआ था। दोपहर करीब साढ़े तीन बजे हेलिकॉप्टर में तकनीकी खराबी आने से आबूरोड की ग्राम पंचायत बहादुरपुरा के गांव फतेहपुरा के पास भीमगुड़ा फली पर आकर दुर्घटनाग्रस्त हो। हेलिकॉप्टर में आग लगने की वजह से तेज धमाके के साथ पहाड़ी पर आकर गिर गया। उसमें सवार पायलट,को-पायलट ,एक कर्मचारी सहित चार लोग भी मारे गए। सूचना मिलने पर माउंट आबू के डिप्टी पन्ना लाल मीणा वहां पहुंचे। हेलिकॉप्टर के परखच्चे वहां बिखरे और चार लोगों के शव क्षत विक्षत अवस्था में वहां पड़े मिले हैं।
बीएसएफ के डीआईजी आरसी ध्यानी ने बताया कि यह हेलिकॉप्टर जोधपुर से गांधीनगर गया था और वहां से दोपहर सवा दो बजे रवाना होकर वापस जोधपुर आ रहा था। उसमें पवन हंस के पायलट कैप्टन बल,को-पायलट विवेक चौधरी,टेक्नीशियन चौपड़ा और एक अन्य सवार थे। करीब साढ़े बजे उसके गायब होने सूचना मिली थी। माउंट आबू के नजदीक एक हेलिकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने की अभी जानकारी मिली है। संभवतया यह वहीं हेलिकॉप्टर है। 

गुरुवार, 12 मई 2011

सेना के कर्नल की मोटर दुर्घटना में मृत्यु पर 53 लाख 23 हजार रुपये का हर्जाना


सेना के कर्नल की मोटर दुर्घटना में मृत्यु पर 53 लाख 23 हजार रुपये का हर्जाना
        जैसलमेर, 12 मई/मोटरयान दुर्घटना दावा अधिकरण जैसलमेर के न्यायाधीश जमनादास थानवी द्वारा एम.ए.सीटी प्रकरण संख्या 20/2010 में 7 मई, 2011 को निर्णित किए गये मामले में पीड़ित पक्ष को 53 लाख 23 हजार रुपये की प्रतिकर राशि एवं इस राशि पर ब्याज के आदेश पारित किए है। जैसलमेर जिले में इतनी बड़ी राशि के हर्जाने का यह संभवतः पहला मामला है।
        इस प्रकरण के तथ्य इस प्रकार हैं कि विगत 24 दिसम्बर 2009 को रात्रि के 8 बजे कर्नल कमाडिंग ऑफिसर प्रणीत गोयल, आसाम रेजीमेन्ट अपनी रेजीमेंट की जिप्सी से जैसलमेर से रवाना होकर अपने युनिट स्थल बाड़मेर नेशनल हाई वे संख्या 15 पर जा रहे थे तो फतेहगढ़ से एक कि.मी. बाड़मेर की तरफ पहुँचने पर ट्रक संख्या आर.जे.-22 जी. 710 के चालक मदनसिंह ने ट्रक को तेज गति व लापरवाही से चला कर बिना संकेत दिए गलत साईड में सड़क के दाहिनी तरफ मुड़ कर जिप्सी के सामने से टक्कर मारी जिससे कर्नल कमाडिंग ऑफिसर प्रणीत गोयल के सिर में गंभीर चोट आई तथा जोधपुर के एम.डी.एम. अस्पताल में ईलाज के दौरान 3 जनवरी 2010 को मृत्यु हो गई।
        इस पर न्यायालय में मामला सामने आया। जिसमें स्वर्गीय कर्नल प्रणीत गोयल की पत्नी श्रीमती जुही गोयल, माता श्रीमती मीरा गोयल एवं उनके दो नाबालिग पुत्र करण व कुणाल आदि ने मोटरयान दुर्घटना में क्लेम पेश किया तथा स्व. कर्नल प्रणीत गोयल का वेतन 75 हजार 205 रुपया प्रतिमाह होने का दस्तावेज प्रस्तुत किया। जिसके आधार पर न्यायाधीश जमनादास थानवी द्वारा प्रार्थीगण को 53 लाख 23 हजार रुपया की क्षतिपूर्ति दिलवाए जाने के आदेश राजस्थान सरकार व ट्रक चालक के विरूद्ध पारित किए। इस राशि पर आवेदन-पत्र पेश करने की तारीख से ब्याज दिए जाने के भी आदेश दिये गए हैं।
        इस प्रकरण में स्व. कर्नल प्रणीत गोयल की बेवा श्रीमती जूही गोयल(निवासी रुड़की उत्तराखण्ड) की तरफ से अधिवक्ता चन्दनाराम चौधरी ने पैरवी की। सरकार की ओर से महेन्द्र कुमार चौधरी, तथा ट्रक ड्राईवर की तरफ से अधिवक्ता ए.आर.मेहर ने पैरवी की।

एक परिवार के ३ लोगों का चयन




दौसा : एक परिवार के ३ लोगों का चयन
सिविल सेवा में 659वीं रैंक हासिल करने वाले मदन मोहन मीना की पत्नी चेतना और भाई देवप्रकाश भी सिविल सेवा में चयनित हुए हैं। मूलत: दौसा के बीरा सना गांव के रहने वाले मदन मोहन बताते हैं, परिवार में पढ़ाई का माहौल है। तीन साल पहले शादी होने के बावजूद उन्होंने संतान इसलिए नहीं चाही कि पति-पत्नी दोनों सिविल सेवा में जाएं। मेहनत रंग लाई और सपना पूरा हो गया। मोहन ने बताया कि बड़े भाई देवप्रकाश राजस्व सेवा में हैं और वे लगातार हमें मेहनत के लिए प्रेरित करते रहे। मदन फिलहाल समाज कल्याण विभाग में छात्रावास अधीक्षक हैं।

Bhai bahan ka chayan
जयपुर की अनुपमा जोरवाल को 162वीं रैंक मिली है, वहीं उनके बड़े भाई अभिषेक जोरवाल को 546वीं रैंक मिली है। अभिषेक का चयन राजस्थान पुलिस सेवा में भी हो चुका है और वे फिलहाल राजस्थान पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे हैं। इनके पिता एच एल मीणा फिलहाल राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य हैं। दोनों अपनी सफलता में पिता को प्रेरणा स्रोत मानते हैं।

दो कारों की भिड़न्त में नौ की मौत


जोधपुर। जोधपुर-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कापरड़ा व भावी के बीच बुधवार देर शाम दो कारों की भिड़न्त में पांच महिला व दो बच्चों सहित नौ जनों की मौत हो गई। मृतकों में तीन बाराती तथा एक अन्य कार में सवार सभी छह जने शामिल हैं। हादसे में कार में सवार दूल्हा सहित ग्यारह बाराती घायल हो गए। इनमें से 4 की हालत गम्भीर बताई जा रही है। वृत्ताधिकारी (बिलाड़ा) राजेश बेनीवाल के अनुसार जैतारण (पाली) तहसील में बाबरा निवासी प्रहलाद रेगर अपने पुत्र अजय कुमार की बारात लेकर जोधपुर के भदवासिया में रहने वाले श्रवण कुमार नवल के घर आ रहे थे। बाराती एक कार व बस में सवार थे। कार आगे तथा बस पीछे चल रही थी।

बाडमेर ने भी मारी बाजी




बाडमेर ने भी मारी बाजी 

रमेश जांगिड संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा 2010 का परिणाम बुधवार को घोषित हुआ। इस परीक्षा में मारवाड के विद्यार्थियों ने भी अपनी जगह बनाई है। सीमावर्ती शिव तहसील के भिंयाड गांव के रमेश जांगिड की 203 वीं रंैक है। रमेश जांगिड के पिता, सेवानिवृत शिक्षक नीम्बाराम जांगिड ने बताया कि रमेश की प्रारंभिक शिक्षा भिंयाड गांव व स्नातक बाडमेर महाविद्यालय से हुई।
इसके बाद दिल्ली में रहकर पिछले दस साल से तैयारी में जुटा रहा। तीन बार साक्षात्कार तक पहुंचने के बावजूद चयन नहीं हुआ। यह अंतिम अवसर था। इस बार चयन होने पर पूरे परिवार को खुशी है। रमेश जांगिड ने दूरभाष पर बताया कि उसकी सफलता का श्रेय वह अपने स्वर्गीय छोटे भाई कैलाश को देते हैं, जिसने उसकी पढाई में कई साल तक योगदान दिया। माता आशादेवी और पिता नीम्बाराम जांगिड ने हर समय हौंसला अफजाई की।

श्रीराम विश्नोई: बाडमेर जिले के पचपदरा तहसील अन्तर्गत घडसी का बाडा निवासी श्रीराम विश्नोई ने इस परीक्षा में 392 वां स्थान प्राप्त किया है। वर्तमान में वे पाली जिले के गिरादडा ग्राम पंचायत में ग्राम सेवक का प्रशिक्षण ले रहे हैं। श्रीराम ने अपने अंतिम प्रयास में यह सफलता प्राप्त की। श्रीराम के पिता खेती करते हैं व माता गृहिणी है। श्रीराम का कहना है मेहनत करने वाले को अवश्य ही सफलता मिलती है। वे अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और भाई-बहन के साथ अपने मित्रों को देते हैं। चाणक्य संस्थान के निदेशक मनवीर सिंह बेैनीवाल ने बताया कि श्रीराम ने आई.ए.एस. के लिए संस्थान से कोचिंग ली और अभी भी संस्थान में ही आई.ए.एस. बैच को पढा रहे है।
लडकियां भी कर सकती मुकाम हासिल
गजराजसिंह चारण: बाडमेर जिले के कसुमबला गांव के निवासी गजराजसिंह ने इस परीक्षा में 720 वां स्थान प्राप्त किया है। वर्तमान में वे राजस्थान पुलिस अकादमी में आरपीएस का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय से इतिहास में एम.ए. गजराजसिंह इससे पूर्व राजस्थान सहकारी सेवा में निरीक्षक के पद पर कार्य कर चुके हैं। गजराज का मानना है कि विफलता से हताश होने के बजाय परीक्षार्थियों को आत्मविश्वास के साथ लक्ष्य की ओर बढते रहना चाहिए।

नीतू सिंह: शहर के महामंदिर इलाके में शिवपुरी निवासी नीतू सिंह ने इस परीक्षा में 653 वां स्थान प्राप्त किया है। वर्तमान में वे सहकारिता निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। नीतू को चौथे प्रयास में यह सफलता मिली। उनके पिता रोडवेज में मैकेनिक व माता गृहिणी है। चार भाई-बहनों में सबसे बडी नीतू के साथ उनकी छोटी बहन ने भी आई.ए.एस. का साक्षात्कार दिया, लेकिन उनको सफलता नहीं मिली। बकौल नीतू अगर लडकियों को मौका दिया जाए तो वे अपने मुकाम पर पहुंच सकती है। जेएनवीयू से रसायन शास्त्र में एमएससी नीतू ने अपनी सफलता का श्रेय अपने मित्र सुरेश कुमार भाटी को दिया, जो स्वयं साक्षात्कार तक पहुंचे थे।
आत्मविश्वास बनाएं रखें

बुधवार, 11 मई 2011

चेन्नई की एस. दिव्यदर्शिनी ने बाजी मारी


नई दिल्ली। संघ लोकसेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा 2010 का अंतिम परिणाम घोषित कर दिया गया है। इस परीक्षा में  चेन्नई की एस. दिव्यदर्शिनी ने बाजी मारी है। दूसरे नंबर पर हैदराबाद की श्वेता मोहंती रहीं। वहीं पुरूष वर्ग में चेन्नई के आरवी वरूण कुमार अव्वल रहे। 
परीक्षा में कुल 920 उम्मीदवारों का चयन हुआ है। इसमें 717 पुरूष और 203 महिलाएं शामिल हैं। सफल उम्मीदवारों में शीर्ष 25 में पांच महिलाएं शामिल हैं। 

चेन्नई के डॉ. अंबेडकर लॉ यूनीवर्सिटी से बी.ए.बी.एल (ऑनर्स) दिव्यदर्शिनी ने दूसरे प्रयास में यह सफलता पाई है। वहीं दूसरे स्थान पर रही मोहंती ने कंप्यूटर साइंस में बी. टेक किया है। तीसरे स्थान पर आने वाले कुमार डेंटल साइंस में स्नातक हैं। 

प्रेस रिलीज के मुताबिक शीर्ष 25 में से नौ विद्यार्थियों ने पहले में प्रयास में यह सफ लता हासिल की है। वहीं चार ने दूसरे प्रयास में यह मुकाम हासिल किया। अघिक  जानकारी के लिए  यहां लॉग ऑन करें-  http://myresult.co/pdf/upscfinalresult.pdf

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने अनिल पालीवाल 60 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने अनिल पालीवाल 60 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा

जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बुधवार को डिप्टी सेक्रेटरी होम अनिल पालीवाल को 60 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। एसीबी ने ट्रेप की कार्रवाई ईमली फाटक के पास लवकुश नगर स्थित उनके आवास पर की। पालीवाल ने रिश्वत की राशि एक उप निरीक्षक से सीवीसी में मामला नहीं भेजने की एवज में ली।

इस संबंध में उप निरीक्षक भंवर सिंह ने एसीबी में शिकायत की थी कि वह ढाई माह बाद सेवा निवृत होने वाला हैं। भीलवाड़ा के शंभूगढ़ थाने में वर्ष 2007 में थाना प्रभारी रहने के दौरान एक सिपाही ट्रेप हो गया था। जिस पर एसीबी ने उसके खिलाफ भी चालान पेश करने की अनुशंसा की थी। रेंज आईजी ने इस पर अनुशंसा करने से मना कर दिया था। जिस पर मामला सीवीसी में आ गया था।

उसने डिप्टी सेक्रेटरी होम कार्यालय में संपर्क किया तो यूडीसी गौरीशंकर ने एक लाख बीस हजार रुपए में मामला निपटारे के लिए कहा। मंगलवार शाम को पीडि़त भंवर सिंह 60 हजार रुपए लेकर गौरी शंकर के सोडाला स्थित आवास पर पहुंचे। जहां पर एसीबी ने उसे ट्रेप कर लिया।

पूछताछ में सामने आया कि गौरीशंकर रिश्वत की राशि डिप्टी सेक्रेटरी होम अनिल पालीवाल के लिए ली थी। इस पर एसीबी ने यूडीसी से पालीवाल की बात कराई तो उसने अगले दिन आने की बात कही। बुधवार सुबह गौरी शंकर रिश्वत की राशि लेकर पालीवाल के घर पहुंचे। जहां पर एसीबी ने अनिल पालीवाल को गिरफ्तार कर लिया। दोपहर तक पालीवाल के घर तलाशी ली जा रही थी।